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गुरु वृश्चिक राशि में वक्री (24 अप्रैल, 2019)

हिन्दू धर्मशास्त्र में गुरु गोचर को विशेष अहमियत दी गयी है। सभी प्रमुख नौ ग्रहों में गुरु यानि की बृहस्पति को बेहद शुभ माना जाता है। ये मुख्यतः धर्म, दर्शन, ज्ञान और संतान का कारक माना जाता है एवं सभी ग्रहों में सबसे ज्यादा शुभ फल देने वाला है। ज्योतिष शास्त्र में गुरु ग्रह को धनु एवं मीन राशि का स्वामी माना जाता है। इसके अलावा गुरु कर्क राशि में उच्च एवं मकर राशि में नीच भाव में रहता है। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में बृहस्पति बलवान अवस्था में रहता है तो इसका प्रभाव जातक के परिवार और समाज के साथ ही जीवन के हर क्षेत्र में दिखाई देता है। जिस जातक के ऊपर बृहस्पति ग्रह का प्रभाव पड़ता है, उसकी रुचि आध्यात्मिक और धार्मिक कार्यों में ज्यादा होती है। साथ ही साथ गुरु के प्रभाव से कार्यक्षेत्र में तरक्की, आर्थिक लाभ, बेहतर स्वास्थ्य और विवाह एवं संतान सुख प्राप्त होता है। आईये अब जानते हैं गुरु गोचर 2019 का सभी बारह राशि के जातकों पर क्या प्रभाव पड़ने वाला है।

गुरु धनु राशि में वक्री

गुरु के धनु राशि में वक्री होने का समय

बृहस्पति ग्रह 28 मार्च 2019, बृहस्पतिवार को रात्रि 7:42 बजे धनु राशि में प्रवेश कर चुके हैं। अब ये 10 अप्रैल से वक्री गति प्रारंभ करेंगे तथा 24 अप्रैल के दिन बुधवार को 02:41 बजे इसी वक्री अवस्था में एक बार फिर वृश्चिक राशि में गोचर करेंगे। इसके बाद 5 नवंबर दिन मंगलवार को 00:03 बजे पुनः धनु राशि में लौट आएँगे। गुरु के इस राशि परिवर्तन का असर सभी 12 राशियों पर होगा। तो आइये जानते हैं आपकी राशि पर वक्री गुरु के गोचर का क्या प्रभाव पड़ेगा ?

मेष राशि

गुरु गोचर के दौरान सभी नव ग्रहों में सबसे ज्यादा शुभ माने जाने वाले बृहस्पति या गुरु आपकी राशि से अष्टम भाव में स्थापित होंगें। गुरु ग्रह विशेष रूप से आपकी राशि के नवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं। गुरु गोचर का प्रभाव आपके जीवन पर नकारात्मक रूप से देखने को मिल सकता है। इसके परिणामस्वरुप आपको स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से दो चार होना पड़ सकता है। खासतौर से पेट से जुड़ी समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। इस गोचर के दौरान ना चाहते हुए भी आपको किसी अनचाही यात्रा पर जाना पड़ सकता है। आर्थिक स्तर पर इस दौरान आपको विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है, अहम रूप से धन के लेन-देन में सावधानी रखें और किसी भी अनजान शख़्स पर विश्वास ना करें। इसके अलावा यदि शेयर मार्किट में निवेश की सोच रहें हैं, तो पहले बाजार का जायज़ा कर लें और गहन सोच विचार के बाद ही निवेश करें। अन्यथा धन की हानि हो सकती है और आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। बात करें कार्यक्षेत्र की तो इस अवधि में नौकरी पेशा या व्यवसायी जातकों के लिए अड़चनें पैदा हो सकती है। यूँ तो आप सामान्य रूप से ही कार्य करेंगे लेकिन कोई भी काम आपके अनुकूल होने में कठिनाई आ सकती है। गुरु गोचर के दौरान आपको यही सलाह दी जाती है कि, मेहनत और लगन से काम करें। इस गोचर के प्रभाव से आध्यात्मिक और धार्मिक कार्यों के प्रति आपकी रुचि में वृद्धि होगी। इस दौरान आप किसी धार्मिक यात्रा पर जाने का लाभ भी उठा सकते हैं। गुरु गोचर का प्रभाव आपके लिए निम्न फलदायी साबित होगा।

उपाय : भगवान् शिव का रुद्राभिषेक करवाना आपके लिए फलदायी रहेगा।

वृषभ राशि

गुरु गोचर के दौरान बृहस्पति आपकी राशि से सातवें भाव में विराजमान होंगें। वृषभ राशि के जातकों के लिए गुरु आपके आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। चूँकि वैदिक ज्योतिष में सातवां भाव विवाह का कारक माना जाता है, लिहाजा गुरु के इस गोचर का प्रभाव आपके वैवाहिक जीवन पर सकारात्मक रूप से पड़ने वाला है। गुरु गोचर के परिणामस्वरूप आप अपने जीवनसाथी के साथ आनंदमय पल व्यतीत कर पाएंगे। साथ ही यदि आप दोनों के बीच काफी समय से कोई मतभेद चला आ रहा है तो, गुरु के मंगलमय प्रभाव से वो भी दूर हो सकता है। इस दौरान आप वैवाहिक जीवन का असीम सुख प्राप्त करने में सफल रहेंगे। आर्थिक रूप से देखें तो गुरु गोचर के परिणाम स्वरुप आपके धन में वृद्धि होगी, और अनायास ही किसी अज्ञात स्रोत से विशेष धन लाभ होने की भी संभावना है। गुरु के इस गोचर के दौरान शेयर मार्किट और व्यापार में निवेश करने से आपको विशेष आर्थिक लाभ प्राप्त हो सकता है। हालाँकि किसी भी तरह के आर्थिक लाभ के लिए आपको निवेश करने से पहले भली भांति सोच-विचार जरूर कर लेना चाहिए। गुरु गोचर के प्रभाव काल में आप स्वादिष्ट भोजन का आनंद ले सकेंगे। इसके अलावा इस दौरान आप खासतौर से भौतिक सुख-सुविधाओं का लाभ भी उठा सकेंगे। इस अवधि में आपको बिज़नेस में साझेदारी से मन माफिक लाभ प्राप्त हो सकता है। गुरु गोचर के दौरान, आपके द्वारा बुद्धिमत्ता से लिए गए फैसले भविष्य में आपके लिए लाभकारी साबित हो सकते हैं। गुरु का ये गोचर आपके लिए फलदायी साबित होने वाला है।

उपाय : प्रत्येक गुरुवार को घी का दान करना आपके लिए लाभदायक साबित हो सकता है।

मिथुन राशि

मिथुन राशि

गुरु गोचर के दौरान बृहस्पति आपकी राशि से छठे भाव में स्थित होंगें। मिथुन राशि वालों के लिए गुरु आपकी राशि के सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं। वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली में छठें भाव को रोग भाव या अशुभ भाव माना जाता है। आपकी राशि में गुरु के छठें भाव में विराजमान होने से इसका प्रभाव आपके स्वास्थ्य पर विपरीत रूप से पड़ सकता है। किसी प्रकार का मानसिक तनाव इस दौरान आपको परेशान कर सकता है, लिहाजा आपको सलाह दी जाती है कि किसी भी कठिन परिस्थिति में धैर्य और संयम बरक़रार रखें। इस दौरान आपका शत्रु पक्ष प्रबल रहेगा, लिहाजा इस समय आपको ऐसे लोगों से दूर रहने में ही भलाई है जिनसे आपकी बनती ना हो। इस गोचर के दौरान आपके आपसी रिश्तों में मतभेद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, एक दूसरे पर बिना वजह शक ना करें। जीवनसाथी के साथ उत्पन्न होने वाली गलतफ़हमी को तुरंत ही बातचीत के द्वारा दूर कर लें। छात्रों के लिए ये गोचर उन्हें परीक्षा या अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में अनुकूल परिणाम दे सकता है। आपके द्वारा मेहनत और लगन के साथ किये गए कार्यों में आपको विशेष सफलता प्राप्त हो सकती है। नयी नौकरी के लिए प्रयासरत हैं तो उस दिशा में आपको सफलता प्राप्त हो सकती है। फलस्वरूप गुरु का ये गोचर आपके लिए मध्यम फलदायी सिद्ध होगा।

उपाय : विशेष लाभ के लिए प्रतिदिन अपने घर में कपूर का दीपक जलाएं।

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कर्क राशि

कर्क राशि

गुरु गोचर के दौरान बृहस्पति आपकी राशि से पांचवें भाव में विराजमान होंगें। कर्क राशि वालों के लिए गुरु आपके छठें और नवें भाव के स्वामी हैं। आपकी राशि के पांचवें भाव में गुरु की उपस्थिति आपके लिए लाभदायक साबित हो सकती है। गुरु गोचर के दौरान आप नए लोगों के संपर्क में आएँगे जिससे आपको विशेष लाभ प्राप्त होगा। गोचर के इस काल में आप सेवा और परोपकार के कार्यों में विशेष रुचि ले सकते हैं। संभव है कि किसी धार्मिक संस्था से जुड़कर समाज कल्याण में अपना सहयोग दें। इस दौरान कार्यक्षेत्र और व्यापार में किये गए प्रयासों का आपको विशेष लाभ मिलेगा, जिससे जीवन में समृद्धि आएगी। नए शादीशुदा जोड़ों को संतान सुख की प्राप्ति हो सकती है। गुरु गोचर के इस प्रभाव से आपके सोचने समझने की क्षमता में बढ़ोत्तरी होगी। गोचर के इस काल में आप दर्शन शास्त्र या फिर धर्म कर्म से जुड़ी किताबें पढ़ सकते हैं। इस दौरान आपका घर या गाड़ी खरीदने का सपना भी साकार हो सकता है। आपके लिए गुरु गोचर की ये अवधि फलदायी साबित होने वाली है।

उपाय : विशेष लाभ प्राप्ति के लिए हर गुरुवार को केले के वृक्ष का पूजन करें।

सिंह राशि

बृहस्पति देव आपकी राशि से चौथे भाव में विराजमान होंगें। सिंह राशि वालों के लिए गुरु आपकी राशि के पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं। वैदिक ज्योतिष के अनुसार चौथे भाव को मातृ सुख का कारक माना जाता है। गुरु का आपकी राशि के चौथे भाव में विराजमान होना आपके लिए कुछ ख़ास शुभ संकेत नहीं दे रहा है। लिहाजा इस दौरान निजी जीवन में कठिनाईयों का समाना करना पड़ सकता है। विवाहित जातकों की जीवनसाथी के साथ मतभेद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। आपको सलाह दी जाती है कि इस तरह की स्थिति उत्पन्न होने पर धैर्य से काम लें वर्ना बात बिगड़ सकती है। इस गोचर काल के दौरान आपको खासतौर से अपने करीबी रिश्तेदारों और दोस्तों से सतर्क रहने की आवश्यकता है, किसी प्रकार का आघात पहुँच सकता है। गुरु ग्रह विशेष रूप से दर्शन और धर्म के कारक माने जाते हैं, परिणामस्वरूप इस दौरान आपकी रुचि आध्यात्मिक और धार्मिक कार्यों के प्रति बढ़ सकती है। कुल मिलाकर देखा जाए तो गुरु गोचर की ये अवधि आपके लिए मध्यम फलदायी साबित होगी।

उपाय : विशेष फल प्राप्ति के लिए बृहस्पति बीज मंत्र का जाप करें “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरुवे नम:”

कन्या राशि

गुरु के इस गोचर के दौरान बृहस्पति आपकी राशि से तीसरे भाव में विराजमान होंगें। कन्या राशि वालों के लिए गुरु उनकी राशि के चौथे और सातवें भाव के स्वामी हैं। वैदिक ज्योतिष की मानें तो तीसरा भाव खासतौर से प्रबल इच्छाशक्ति और परिश्रम का भाव माना जाता है। बृहस्पति देव का आपकी राशि के तीसरे भाव में स्थापित होना आपके लिए अच्छा नहीं है। गोचर की इस अवधि के दौरान आपका स्थान परिवर्तन हो सकता है। कार्यक्षेत्र में परिवर्तन की वजह से या किसी अन्य कारण से दूसरी जगह शिफ्ट होना पड़ सकता है। इस गोचर काल के दौरान आपके ऊपर आलस और सुस्ती मंडरा सकती है, सफलता प्राप्ति के लिए इन दोनों चीजों का त्याग करना आवश्यक है। इस दौरान आसपास की जगहों पर घूमने जा सकते हैं या काम के सिलसिले में यात्रा का अवसर प्राप्त हो सकता है। कार्यक्षेत्र और बिज़नेस से जुड़े जातकों के लिए ये समय ख़ासा परेशानी वाला साबित हो सकता है। गुरु गोचर के दौरान आपके काम में अड़चनें पैदा हो सकती हैं और परेशानियों का आपको सामना करना पड़ सकता है। घर का माहौल अच्छा और सामंजस्यपूर्ण रहने वाला है। इस दौरान धैर्य और साहस के साथ आगे बढ़ें, सफलता आपके कदम चूमेगी। गुरु का प्रभाव आपके आध्यात्मिक और धार्मिक ज्ञान में वृद्धि कर सकता है। आपके लिए गुरु गोचर की अवधि मिलाजुले परिणाम लेकर आ रही है।

उपाय : इस दौरान ब्राह्मण को शक्कर दान करने और गाय को रोटी खिलाने से लाभ प्राप्त हो सकता है।

तुला राशि

बृहस्पति के इस गोचर के दौरान गुरु आपकी राशि से दूसरे भाव में स्थापित होंगें। तुला राशि वालों के लिए गुरु उनकी राशि के तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं। वैदिक ज्योतिष के अनुसार दूसरा भाव खासतौर से धन का भाव माना जाता है। इस गोचर के दौरान गुरु का आपकी राशि के दूसरे भाव में विराजमान होना आपके लिए शुभ संकेत दे रहा है। गुरु गोचर के प्रभाव से आपको धन लाभ होगा और आप पैसों की अधिक बचत करने में सफल होंगें। गोचर के इस काल में आपको भरपूर पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा, आपके परिवार के सदस्य आपकी सहायता के लिए हर परिस्थिति में मौजूद होंगें। इसके साथ ही साथ परिवार में किसी मांगलिक कार्य का समापन भी इस दौरान हो सकता है। लिहाजा पारिवारिक दृष्टि से गुरु का ये गोचर आपके लिए ख़ासा फलदायी साबित होगा। दूसरी तरफ विवाहित लोगों के जीवन पर भी इस गोचर का अच्छा प्रभाव पड़ने वाला है। इस दौरान आप जीवनसाथी के साथ अच्छा समय व्यतीत कर पाएंगे और साथ ही कहीं घूमने जाने का भी प्लान बना सकते हैं। गुरु गोचर के दौरान आपका शत्रु पक्ष पराजित अवस्था में होगा और आपको इसका भरपूर लाभ प्राप्त होगा।

उपाय : विशेष लाभ प्राप्ति के लिए गुरुवार के दिन हल्दी व चना दाल का दान करें और गाय को रोटी खिलाएं।

वृश्चिक राशि

गुरु गोचर के दौरान बृहस्पति देव आपकी राशि अर्थात आपके पहले भाव यानि की लग्न भाव में स्थित होंगें। वृश्चिक राशि वालों के लिए गुरु आपके दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं। आपकी राशि के पहले भाव में गुरु के गोचर के फलस्वरूप आपका शैक्षणिक, वैवाहिक, संतान और प्रेम जीवन अच्छा व्यतीत होने वाला है। गोचर की इस अवधि के दौरान भाग्य आपका हमेशा साथ देगा। हालांकि बात करें आर्थिक पक्ष की तो, इस गोचर का प्रभाव आपको नकारात्मक फल दे सकता है। इस दौरान धन हानि की संभावना बन रही है, खर्चे बढ़ सकते हैं जिससे मन उदास रहेगा। इस गोचर काल के दौरान किसी अनजान के साथ वाद-विवाद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, लिहाजा अपने गुस्से पर काबू रखें। इस दौरान आप खुद को मानसिक रूप से आज़ाद महसूस करेंगे और सोच-विचार कर लिए गए फैसलों से लाभ प्राप्त करने में सक्षम होंगें। पिछले कई वर्षों से जिस लक्ष्य को पाने की लालसा आपके मन में थी उसे इस अवधि में आप हासिल करने में सफल होंगें। ध्यान रखें कि जल्दबाजी में कोई फैसला ना लें, जोश के साथ-साथ होश से भी काम लें। परिणामस्वरूप गुरु गोचर आपके लिए विशेष फलदायी साबित हो सकता है।

उपाय : विशेष लाभ के लिए बृहस्पति बीज मंत्र का जाप करें- ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरुवे नम:।

धनु राशि

गुरु गोचर के दौरान बृहस्पति देव आपकी राशि से बारहवें भाव में स्थापित होंगें। धनु राशि वालों के लिए गुरु आपके पहले और चौथे भाव के स्वामी हैं। वैदिक ज्योतिष के अनुसार बारहवां भाव हानि का भाव माना जाता है। लिहाजा आपकी राशि के बारहवें भाव में गुरु की स्थिति होने से आपको मिलेजुले परिणाम प्राप्त होंगें। गोचर के इस काल में आप अपने निजी और कामकाज के सिलसिले में लंबी यात्रा पर जा सकते हैं। गुरु गोचर की इस अवधि में आपका धन धार्मिक प्रयोजनों पर ज्यादा खर्च हो सकता है। असल में गुरु ग्रह को दर्शन और धर्म का कारक माना जाता है, इसलिए इस दौरान आपकी रुचि धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों में बढ़ सकती है। गोचर काल के दौरान आपको भौतिक सुख से ज्यादा आध्यात्मिक चिंतन में सुख की प्राप्ति होगी। धनु राशि के वो जातक जो विदेश में रहते हैं, अपने लिए नया घर खरीद सकते हैं।

उपाय : विशेष लाभ के लिए गुरुवार के दिन पुखराज रत्न को सोने की अंगूठी में जड़वा कर तर्जनी अंगुली में धारण करें।

मकर राशि

गुरु गोचर के दौरान बृहस्पति आपकी राशि से ग्यारहवें भाव में विराजमान होंगें। मकर राशि वालों के लिए गुरु आपके तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी हैं। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार ग्यारहवां भाव विशेष रूप से लाभ का भाव कहलाता है। आपकी राशि में गुरु ग्रह का ग्यारहवें भाव में स्थापित होना आपके लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है। गोचर की इस अवधि के दौरान आपका स्वास्थ्य काफी बेहतर रहेगा। यदि आप काफी लंबे समय से बीमार थे तो गोचर की इस अवधि के दौरान आपको स्वास्थ्य लाभ हो सकता है। इस दौरान भाग्य आपका भरपूर साथ देगा जिससे आप नयी सफलता और उपलब्धि को प्राप्त कर सकते हैं। गोचर की इस अवधि के दौरान आपको आर्थिक मजबूती मिलेगी और हर दिशा से धन लाभ होगा। आर्थिक मजबूती मिलने से मानसिक तनाव दूर होगा और परिवार में भी उत्साह बरक़रार रहेगा। काम के सिलसिले में परिवार से दूर रहने वाले जातक गोचर की अवधि के दौरान घर वापस आ सकते हैं। यदि आप विवाहित हैं तो इस दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आपका जीवनसाथी आपकी किसी बात से नाराज ना हो। गुरु का ये गोचर मकर राशि लिए मध्यम फलदायी साबित होगा।

उपाय : विशेष लाभ के लिए अपनी पैंट या शर्ट की जेब में पीला रुमाल रखें और मस्तक पर केसर का तिलक लगाएँ।

कुंभ राशि

गुरु गोचर के दौरान बृहस्पति आपकी राशि से दसवें भाव में स्थापित होंगें। वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली का दसवाँ भाव विशेष रूप से कर्म भाव कहलाता है। लिहाजा गुरु गोचर के दौरान आपको कार्यक्षेत्र से जुड़े बेहतर परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। इसके साथ इस दौरान आपके काम के स्थान में भी परिवर्तन संभव है। बिज़नेस या काम के सिलसिले में कहीं बाहर जाना पड़ सकता है और संभव है कि आपको घर भी बदलना पड़ें। परिवार में माता की ख़राब तबीयत में सुधार देखने को मिल सकता है, लेकिन इस दौरान आपको अपनी सेहत का भी विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होगी। गुरु गोचर के दौरान स्वास्थ्य संबंधी परेशानी आपको हो सकती है। आर्थिक दृष्टिकोण से गुरु गोचर आपके लिए फलदायी साबित होगा। इस दौरान आपको धन लाभ होने की संभावना है। अचानक ही किसी स्रोत से धन लाभ हो सकता है, लेकिन अपने खर्चों पर संयम रखना भी जरूरी है। गुरु गोचर की ये अवधि आपके लिए विशेष रूप से फलदायी साबित होगी।

उपाय : विशेष लाभ प्राप्ति के लिए गुरुवार को सुबह के समय पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाएँ। इस दौरान पीपल के वृक्ष का स्पर्श न करें।

मीन राशि

गुरु गोचर के दौरान बृहस्पति देव आपकी राशि से नवें भाव में विराजमान होने वाले हैं। मीन राशि वालों के लिए बृहस्पति विशेष रूप से आपके लग्न भाव यानि कि पहले भाव और दसवें भाव के स्वामी हैं। गुरु के इस गोचर का प्रभाव खासतौर से आपके कार्यक्षेत्र पर पड़ने वाला है, गुरु के विशेष प्रभाव से कार्यक्षेत्र में तरक्की की संभावना बन रही है। इस गोचर के दौरान कार्यक्षेत्र में आपकी छवि और प्रभाव में भी विशेष वृद्धि होने वाली है। इस दौरान कार्यक्षेत्र में आप हर काम को कुशलतापूर्वक करने में सक्षम रहेंगे। बात करें पारिवारिक जीवन की तो, इस गोचर की अवधि में गुरु के प्रभाव से पारिवारिक जीवन भी अनुकूल रहने वाला है। इस दौरान आपको संतान सुख की प्राप्ति भी हो सकती है या फिर परिवार में किसी नए मेहमान का आगमन भी संभव है। आर्थिक दृष्टिकोण से देखें तो इस क्षेत्र में भी आपको सफलता प्राप्त हो सकती है। गुरु गोचर के दौरान मुख्य रूप से आपकी आय में वृद्धि हो सकती है और साथ ही अन्य लाभ भी प्राप्त हो सकते हैं। इस गोचर के परिणाम स्वरुप आपके आध्यात्मिक और धार्मिक विचारों में इजाफ़ा होगा, और आप किसी धार्मिक यात्रा पर भी जा सकते हैं। आपकी राशि में होने वाले गुरु के गोचर का प्रभाव आपके पिता के जीवन पर भी देखा जा सकता है, उन्हें विशेष लाभ प्राप्त हो सकते हैं। कुल मिलाकर देखा जाए तो गुरु का गोचर आपके लिए विशेष फलदायी साबित होने वाला है।

उपाय : विशेष लाभ प्राप्ति के लिए घर में गुरु बृहस्पति यंत्र की स्थापना करें और रोज़ाना इसकी पूजा करें।

लेखक का नाम:इंदिरा

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