आज का होरा मुहूर्त दिल्ली, भारत के लिए (मंगलवार, नवम्बर 12, 2024)
आज का होरा मुहूर्त
13:53 - 14:47
राजनीति और सरकारी नौकरी के लिए शुभ
मंगलवार
ज्योतिष होरा शहर के सूर्योदय और सूर्यास्त का उपयोग कर गणना की आवश्यकता है. यह मुक्त होरा कैलकुलेटर या होरा सॉफ्टवेयर आप सटीक दैनिक होरा भारतीय ज्योतिष के आधार पर गणना देता है.
नोट: 1. होरा की गणना आपके नगर के सूर्योदय और सूर्यास्त के समय के अनुसार की जाती है।
आज का होरा | आरंभ का समय | समाप्ति का समय |
मंगल | 006:41 | 007:35 |
सूर्य | 007:35 | 008:29 |
शुक्र | 008:29 | 009:23 |
बुध | 009:23 | 010:17 |
चंद्रमा | 010:17 | 011:11 |
शनि | 011:11 | 012:05 |
बृहस्पति | 012:05 | 012:59 |
मंगल | 012:59 | 013:53 |
सूर्य | 013:53 | 014:47 |
शुक्र | 014:47 | 015:41 |
बुध | 015:41 | 016:34 |
चंद्रमा | 016:34 | 017:28 |
शनि | 017:28 | 018:34 |
बृहस्पति | 018:34 | 019:41 |
मंगल | 019:41 | 020:47 |
सूर्य | 020:47 | 021:53 |
शुक्र | 021:53 | 022:59 |
बुध | 022:59 | 000:05 |
चंद्रमा | 000:05 | 001:11 |
शनि | 001:11 | 002:17 |
बृहस्पति | 002:17 | 003:23 |
मंगल | 003:23 | 004:29 |
सूर्य | 004:29 | 005:35 |
शुक्र | 005:35 | 006:41 |
शुभ होरा
- मंगल:भूमि एवं कृषि, भाई, इंजीनियरिंग, खेल
- सूर्य: राजनीति, सरकार का व्यवहार, सरकारी नौकरियां, अदालत, साहस
- शुक्र: प्रेम, विवाह, गहने, मनोरंजन, नृत्य
- बुध: व्यापार, शिक्षा, ज्योतिष, पढ़ना और लिखना
- चंद्रमा: यात्रा, रोमांस, गहने, कला
- शनि: श्रम, लोहा, तेल, नौकर, त्याग
- बृहस्पति: सबकुछ के लिए शुभकामनाएं: काम, नौकरियां, व्यवसाय
अन्य शहरों के लिए होरा
होरा क्या है?
होरा ज्योतिष शास्त्र का महत्वपूर्ण अंग माना जाता है। शुभ मुहूर्त के अभाव में कोई मंगल कार्य न रुके इसके लिए ज्योतिष में होरा चक्र की व्यवस्था बनाई गई है। ऐसा कहा जाता है कि होरा काल में किया गया कार्य शुभ मुहुर्त में किए गए कार्य की भांति सिद्ध होता है इसलिए होरा शास्त्र को कार्य सिद्धि का अचूक माध्यम माना गया है। सूर्योदय से अगले दिन सूर्योदय तक 24 होरा होती हैं और एक सूर्योदय से एक सूर्यास्त तक होरा की संख्या 12 होती है। प्रत्येक दिन के प्रारंभ में प्रथम होरा उस ग्रह की होती है जिसका वह वार होता है। जबकि अगली होरा उसी दिन से छठे दिन की होगी और यही क्रम आगे बढ़ता जाएगा।
उदाहरणः सोमवार के दिन किसी भी ग्रह की होरा देखनी हो तो हम उसे इस प्रकार से देखेंगेः
- पहली होरा - चंद्र ग्रह की होगी
- दूसरी होरा - शनि ग्रह की होगी
- तीसरी होरा - गुरु ग्रह की होगी
- चौथी होरा - मंगल ग्रह की होगी
- पाँचवीं होरा - सूर्य ग्रह की होगी
- छठी होरा - शुक्र ग्रह की होगी
- सातवीं होरा - बुध ग्रह की होगी
आठवीं होरा फिर से चंद्र की होगी और यह क्रम ऐसे ही चलता रहेगा। इस प्रकार जो भी वार हो उसी वार की होरा से आगे की होरा निकाली जा सकती हैं और अपने कार्य को सफल बनाने के लिए उसका प्रारंभ किया सकता है। प्रत्येक होरा किसी विशेष कार्य के लिए शुभ होती है। जो इस प्रकार है:
सूर्य की होरा
सूर्य की होरा में सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करना, पदभार संभालना, उच्च अधिकारियों से भेंटवार्ता करना, टेंडर के लिए आवेदन एवं माणिक रत्न धारण करना शुभ माना जाता है।
चंद्र की होरा
चंद्र की होरा को सभी कार्य के लिए शुभ माना गया है अतः आप किसी भी कार्य का श्रीगणेश कर सकते हैं। इसके अलावा चंद्र की होरा में बागवानी, खाद्य संबंधी क्रियाएँ, समुद्र व चांदी से संबंधित कार्य एवं मोती धारण करने के लिए बहुत शुभ मानी जाती है।
मंगल की होरा
मंगल की होरा में पुलिस व अदालती मामलों से संबंधित कार्य करना शुभ माना जाता है। इसके अलावा इस होरा में नौकरी ज्वॉइन करना, सट्टा लगाना, उधार देना, किसी सभा-समिति में हिस्सा लेना, मूंगा एवं लहसुनिया रत्न धारण करना शुभ फलदायी होता है।
बुध की होरा
बुध की होरा में नए व्यापार शुरू करना लाभकारी होता है। इसके अलावा इस होरा में लेखन व प्रकाशन का कार्य करना, प्रार्थना पत्र देना, विद्यारंभ करना, कोष संग्रह करना और पन्ना रत्न धारण करना भी शुभ माना जाता है।
गुरु की होरा
इस होरा में उच्च अधिकारियों भेंट करना, शिक्षा विभाग में जाना व शिक्षक से मिलना, विवाह संबंधी कार्य करना और पुखराज रत्न धारण करना शुभ माना जाता है अर्थात इन कार्यों को करने में आपको सफलता मिलेगी।
शुक्र की होरा
इस होरा काल में जातकों के लिए नए वस्त्र पहनना, आभूषण ख़रीदना अथवा उसे धारण करना, फ़िल्म जगत से संबंधित कार्य करना, मॉडलिंग करना, यात्रा पर जाना एवं हीरा व ओपल रत्न धारण करना शुभ माना जाता है।
शनि की होरा
शनि की होरा में मकान की नींव रखना अच्छा माना जाता है। इसके साथ इस होरा काल में कारखाना शुरू करना, वाहन अथवा भूमि ख़रीदना और नीलम व गोमेद रत्न को धारण करने से जातकों को कार्य में सिद्धि प्राप्त होती है।