बृहस्पति का कर्क राशि में गोचर: सन2025 में बृहस्पति ग्रह तीन राशियों का भ्रमण करने वाले हैं। वैसे तो बृहस्पति औसतन एक राशि में लगभग 1 वर्ष रहते हैं लेकिन साल 2025 में बृहस्पति तीन राशियों का भ्रमण कर रहे हैं। साल की शुरुआत से लेकर 15 मई 2025 तक बृहस्पति वृषभ राशि में रहे। वहीं 15 मई से लेकर 19 अक्टूबर 2025 की दोपहर 12 बजकर 57 तक बृहस्पति मिथुन राशि में रहेंगे। इसके बाद शीघ्रगामी होकर बृहस्पति 19 अक्टूबर 2025 की दोपहर 12:57 पर कर्क राशि में प्रवेश कर जाएंगे लेकिन यहां पर बृहस्पति लंबे समय तक नहीं रहेंगे बल्कि कर्क राशि में रहते हुए बृहस्पति 11 नवंबर 2025 को शाम 6:31 पर वक्री हो जाएंगे और वक्री अवस्था में ही बृहस्पति 4 दिसंबर 2025 को देर शाम 8:39 पर मिथुन राशि में वापस लौट जाएंगे।
इस तरह से साल 2025 में बृहस्पति तीन राशियों की यात्रा करने वाले हैं लेकिन यहां पर हमारी चर्चा बृहस्पति का कर्क राशि में गोचर को लेकर है। अर्थात बृहस्पति 19 अक्टूबर 2025 से 4 दिसंबर 2025 तक कर्क राशि में रहेंगे, यह बृहस्पति की उच्च राशि मानी जाती है, ऐसी स्थिति में बृहस्पति आपको कैसे परिणाम दे सकते हैं, यह हमारी चर्चा का विषय रहेगा।
ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति को अर्थव्यवस्था का कारक माना गया है। क्योंकि बृहस्पति देवगुरु हैं और मंत्रिमंडल में भी यह मंत्री या मार्गदर्शन के रूप में जाने जाते हैं। ये शिक्षा, धन, विवाह, दांपत्य और संतान आदि से संबंधित मामलों के कारक होते हैं। बृहस्पति को ज्ञान, धर्म और दर्शन का भी कारक माना जाता है। क्योंकि बृहस्पति नैसर्गिक रूप से शुभ ग्रह माने गए हैं और ऐसे ग्रह उच्च अवस्था में और भी अच्छे परिणाम देंगे। ऐसी बात सामान्य तौर पर ज्योतिष के नियम कहते हैं लेकिन जिनकी कुंडली के लिए बृहस्पति अकारक अर्थात अच्छे परिणाम देने वाले ग्रह नहीं हैं, हो सकता है कि उन्हें बृहस्पति की इस अवस्था के चलते अच्छे परिणाम न मिलें या कुछ कमजोर परिणाम भी मिल सकते हैं। आपकी राशि के लिए बृहस्पति का उच्च अवस्था में जाना कैसे परिणाम देगा आइए जानते हैं लेकिन इससे पहले जानते हैं बृहस्पति का कर्क राशि में गोचर का भारतवर्ष पर कैसा प्रभाव डालेगा।
स्वतंत्र भारत की कुंडली में बृहस्पति अष्टम और लाभ भाव का स्वामी होता है। यदि लग्न राशि के अनुसार देखा जाय तो बृहस्पति तीसरे भाव में गोचर करेंगे। प्लेसमेंट के अनुसार यह सही स्थिति नहीं मानी जाएगी लेकिन लाभ भाव के स्वामी का उच्च का होना विभिन्न मामलों में लाभ करवाने वाला कहा जाएगा लेकिन चंद्र राशि के अनुसार बृहस्पति की यह स्थिति अच्छी नहीं मानी जाएगी। क्योंकि भारतवर्ष की चंद्र राशि कर्क मानी गई है और ऐसे में बृहस्पति भारतवर्ष के द्वादश भाव में रहेंगे जो आर्थिक अव्यवस्था उत्पन्न कर सकते हैं।
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क्योंकि शनि और बृहस्पति ग्रह के गोचर को विशेष कर चंद्र राशि के अनुसार देखने की परंपरा रही है अतः इस मामले में भी हम चंद्र राशि को वरीयता देंगे। तो ऐसे भी हम कह सकते हैं कि भारतवर्ष की अर्थव्यवस्था पर इस अवधि में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता रहेगी। ब्याज दरें महंगी हो सकती हैं। सरकार कुछ नए टैक्स पर भी विचार कर सकती है। सकारात्मक पहलू यह रह सकता है कि विदेश के साथ संबंध बेहतर हो सकते हैं। इन संबंधों के चलते धीरे-धीरे अर्थव्यवस्था में सुधार देखने को मिल सकता है। अर्थात बृहस्पति का यह राशि परिवर्तन भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए मिले-जुले परिणाम देने का काम करेगा। कुछ एक मामलों में परिणाम काफी सार्थक और सकारात्मक रह सकते हैं तो वहीं कुछ एक मामलों में परिणाम विरुद्ध भी रह सकते हैं। आइए अब जानते हैं कि बृहस्पति का कर्क राशि में गोचर आपकी राशि के लिए कैसे परिणाम लेकर आ रहा है।
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बृहस्पति आपकी कुंडली में भाग्य भाव तथा द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और बृहस्पति का कर्क राशि में गोचर आपके चौथे भाव में होगा। वैसे सामान्य तौर पर चौथे भाव में बृहस्पति के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता लेकिन उच्च राशि में होने के कारण कई मामलों में बृहस्पति आपको सार्थक परिणाम भी दे सकते हैं। क्योंकि चौथे भाव में बृहस्पति के गोचर को मानसिक अशांति देने वाला माना जाता है लेकिन उच्च अवस्था में यानी कि चंद्रमा की राशि में होने के कारण मन के भीतर चल रहे कुछ व्यर्थ के ख्यालों को मन से बाहर निकालने की कोशिश जरूरी रहेगी।
द्वादश भाव का स्वामी चतुर्थ भाव में आ रहा है ऐसे में दूर रहने वाले कुछ लोग आपसे मिलने आ सकते हैं या विदेश से संबंधित मामलों में कुछ अनुकूल परिणाम देखने को मिल सकते हैं लेकिन दूर की समस्याएं भी मन तक पहुंच कर मन को व्यथित करने का काम कर सकती हैं। अतः इस मामले में भी मानसिक रूप से मजबूत रहने की आवश्यकता रहेगी। जमीन जायदाद से संबंधित मामलों में छोटी-मोटी विसंगतियों के बाद सब कुछ ठीक रहेगा।
माता की कोई धार्मिक डिमांड पूरी हो सकती है। बृहस्पति का यह गोचर यात्राएं भी करवा सकता है। कहने का तात्पर्य है कि इस गोचर को गोचर शास्त्र में बहुत अच्छा नहीं माना गया है लेकिन आपकी कुंडली के स्वामित्व के आधार पर बृहस्पति आपको नकारात्मक परिणाम नहीं देंगे। यदि किसी कारणवश कुछ नकारात्मक परिणाम सामने आते भी हैं तो शीघ्र ही उन पर नियंत्रण पाया जा सकेगा।
उपाय: बड़े बुजुर्गों की सेवा करें तथा सपेरे की मदद से सांप को दूध पिलाएं।
बृहस्पति आपकी कुंडली में आठवें तथा लाभ भाव के स्वामी होते हैं और बृहस्पति का कर्क राशि में गोचर आपके तीसरे भाव में होगा। यद्यपि प्लेसमेंट के आधार पर बृहस्पति की यह स्थिति अच्छी नहीं मानी जाएगी, क्योंकि तीसरे भाव में बृहस्पति के गोचर को शारीरिक पीड़ा देने वाला माना गया है। संबंधियों से झगड़ा करवाने वाला माना गया है। शासन प्रशासन से संबंधित मामलों में कुछ अड़चने देने वाला भी माना गया है लेकिन लाभ भाव के स्वामी का उच्च का होना लाभ के ग्राफ को बढ़ा सकता है। यह एक सकारात्मक मामला है।
आपकी सोचने की क्षमता और बढ़ सकती है। तो ऐसे में यदि आप धैर्य पूर्वक सोच विचार करके निर्णय लेंगे तो आप नकारात्मक परिणामों से बच सकेंगे लेकिन जल्दबाजी की स्थिति में परिणाम खराब भी रह सकते हैं। किसी मित्र को लेकर कुछ चिंताएं भी रह सकती हैं। यह गोचर यात्रा के योग बना सकता है लेकिन यात्रा करने से पहले यात्रा से होने वाले फायदे या नुकसान पर विचार कर लेना उचित रहेगा। व्यापार व्यवसाय को लेकर किसी भी प्रकार का रिस्क नहीं लेना है।
उपाय: कम से कम एक बार कन्या पूजन कर उनका आशीर्वाद लेना शुभ रहेगा।
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बृहस्पति आपकी कुंडली में सप्तम भाव के साथ-साथ कर्म स्थान के भी स्वामी होते हैं बृहस्पति का कर्क राशि में गोचर आपके दूसरे भाव में होगा। दूसरे भाव में बृहस्पति के गोचर को बहुत अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है। ऐसे में जबकि कर्म भाव का स्वामी उच्च अवस्था में धन भाव पर रहेगा, यह इस बात का संकेत है कि आपका कार्य क्षेत्र अच्छे परिणाम देगा। यानी आपका काम धंधा या फिर नौकरी सकारात्मक परिणाम देने का काम करेंगे। विशेष कर आर्थिक मामले में बृहस्पति का यह गोचर आपको बहुत अच्छे परिणाम देना चाहेगा। पारिवारिक सुख समृद्धि को बढ़ाने में भी बृहस्पति का यह गोचर काफी अच्छे परिणाम दे सकता है।
यदि उम्र विवाह की है और विवाह के लिए कोशिश भी की जा रही है तो इस गोचर की अवधि में सकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं। संतान से संबंधित मामलों में भी बृहस्पति का यह गोचर सकारात्मक परिणाम देने वाला माना गया है। यह गोचर प्रतिस्पर्धियों से आगे ले जाने का काम करेगा। दान पुण्य परोपकार में आपका रुझान बढ़ सकता है।
संपत्ति से संबंधित मामलों में भी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। सप्तम भाव के स्वामी का उच्च का होना भी एक सकारात्मक बिंदु है। यह दांपत्य सुख में तो अनुकूलता देता ही देता है व्यापार व्यवसाय से जुड़े हुए लोगों को भी काफी अच्छे परिणाम दे सकता है।
उपाय: घर के आसपास की सड़क में यदि कोई गड्ढा है तो उसे बंद करवाना तथा अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान दक्षिणा करते रहना उपाय की तरह काम करेगा।
बृहस्पति आपकी कुंडली में छठे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ आपके भाग्य भाव के भी स्वामी होते हैं और बृहस्पति का कर्क राशि में गोचर आपके पहले भाव में होगा। यद्यपि गोचर शास्त्र के नियम के अनुसार पहले भाव में बृहस्पति के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता लेकिन पिछला गोचर जो रहा है उसकी तुलना में यह गोचर ज्यादा अच्छे परिणाम देगा। यानी की मिथुन राशि में रहने की अवधि में बृहस्पति आपके जैसी परिणाम दे रहे थे उसकी तुलना में कर्क राशि में जाने पर बृहस्पति ज्यादा अच्छे परिणाम देंगे।
भले ही यह प्लेसमेंट अच्छी नहीं होती लेकिन पिछले परिणाम की तुलना में अच्छे परिणाम देने के कारण हम इस गोचर को औसत परिणाम देने वाला मानेंगे। भाग्य स्थान के स्वामी का उच्च अवस्था में प्रथम भाव में आना, यह भी भाग्य का अच्छा सपोर्ट दिलवाने का काम करेगा। वहीं छठे भाव के स्वामी का प्रथम भाव में उच्च अवस्था में आना लोन आदि से संबंधित मामलों में अनुकूल परिणाम दिलाएगा।
नौकरीपेशा लोगों को भी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। अर्थात आपको मिले-जुले या औसत लेवल के परिणाम मिल सकते हैं। वैसे पहले भाव में बृहस्पति के गोचर को बुद्धि को भ्रमित करने वाला माना गया है, ऐसे में एक्सपर्ट एडवाइस लेकर ही काम करेंगे तो ज्यादा अच्छा रहेगा। अपने मान सम्मान का ख्याल रखना है। जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लेना है। शासन प्रशासन से जुड़े हुए व्यक्तियों के साथ अच्छा बर्ताव करना है। क्योंकि कामों में कुछ विलंब देखने को मिल सकता है। इसलिए थोड़ा सा एक्स्ट्रा टाइम लेकर काम करेंगे तो परिणाम बेहतर हो सकेंगे।
उपाय: मांस, मदिरा और अंडे इत्यादि का त्याग करना तथा गाय की सेवा करना शुभ रहेगा।
बृहस्पति आपकी कुंडली में पंचम तथा अष्टम भाव के स्वामी होते हैं और बृहस्पति का कर्क राशि में गोचर आपके द्वादश भाव में होगा। हालांकि बृहस्पति उच्च अवस्था में रहेंगे लेकिन जो गोचर अभी तक आपका चल रहा था यानी कि बृहस्पति मिथुन राशि में थे उसकी तुलना में परिणाम काफी कमजोर हो सकते हैं। अर्थात कर्क राशि में बृहस्पति का गोचर आपके लिए अच्छा नहीं माना जाएगा। हालांकि विदेश में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। यदि आपकी संतान कोई यात्रा करना चाह रही है या आप अपने संतान को विदेश भेज कर सेटल करना चाह रहे हैं, पढ़ाई करवाना चाह रहे हैं या किसी काम से जोड़ना चाह रहे हैं तो; इस मामले में कुछ सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं लेकिन सामान्य तौर पर बृहस्पति के गोचर को द्वादश भाव में अच्छा नहीं माना गया है।
गोचर शास्त्र के नियम के अनुसार ऐसा गोचर खर्च करवाने का काम कर सकता है। स्वास्थ्य में थोड़ी सी कमजोरी दे सकता है और कभी-कभार मिथ्या आरोप भी लगवाने का काम बृहस्पति के द्वारा किया जाता है। तो ऐसी स्थिति में ऐसा कुछ भी ऐसा न करें जिससे आप पर कोई आरोप लगाया जा सके। साथ ही साथ आप जो कुछ भी किया करें उसके कुछ साक्ष्य अर्थात प्रमाण भी रखते जाया करें जिससे आरोप लगने पर आप यह सिद्ध कर सकें कि आप पर लगाया गया आप झूठा है। इस तरह से प्रार्थना करके आप नकारात्मकता को नियंत्रित कर सकेंगे।
उपाय: साधु, संत तथा गुरुजनों की सेवा करें। साथ ही साथ पीपल की जड़ों पर जल चढ़ाएं।
बृहस्पति आपकी कुंडली में चतुर्थ भाव के स्वामी होने के साथ-साथ सप्तम भाव के स्वामी होते हैं बृहस्पति का कर्क राशि में गोचर आपके लाभ भाव में होगा। लाभ भाव में बृहस्पति को गोचर को बहुत अच्छे परिणाम देने वाला माना गया है। ऊपर से सप्तम भाव का स्वामी उच्च अवस्था में लाभ भाव में रहेगा। ऐसे में व्यापार व्यवसाय से जुड़े हुए लोगों को काफी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। विवाह आदि से संबंधित मामलों में भी काफी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। वैवाहिक जीवन में भी अच्छी अनुकूलता देने का काम बृहस्पति का यह गोचर कर सकता है। संतान से संबंधित मामलों में भी अच्छे परिणाम देखने को मिल सकते हैं। पद प्रतिष्ठा की संभावनाएं मजबूत होंगी। वाहन इत्यादि का सुख मिल सकेगा। भोग विलास के साधनों में वृद्धि होगी, ऐसा गोचर शास्त्र का कहना है। अर्थात कर्क राशि में रहने की अवधि में बृहस्पति आपको काफी अच्छे परिणाम देना चाहेंगे।
उपाय: तांबे का कड़ा पहनना शुभ रहेगा।
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बृहस्पति आपकी कुंडली में तीसरे तथा छठे भाव के स्वामी होते हैं और बृहस्पति का कर्क राशि में गोचर आपके कर्म स्थान पर होगा। वैसे तो दशम भाव में बृहस्पति के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता लेकिन जिन लोगों का काम धंधा यात्राओं से जुड़ा हुआ है उन्हें इस गोचर की अवधि में अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। अर्थात जो लोग छोटी-छोटी यात्राएं करके अपने कार्य, व्यापार या नौकरी को बेहतर करने का काम कर रहे हैं उन्हें उनके प्रयास में सफलता मिलेगी। नौकरीपेशा लोगों को भी कुछ कठिनाइयों के बाद अच्छे परिणाम मिल सकेंगे। उनके वरिष्ठ पूरे मन से न सही लेकिन काफी हद तक उनके प्रयासों से प्रभावित होंगे लेकिन क्योंकि सामान्य तौर पर इस गोचर को कार्य की हानि और मान सम्मान की हानि करवाने वाला कहा गया है।
आप जितना प्रयास करेंगे उस प्रयास का बहुत कम हिस्सा आपको मिल सकेगा या आप जिस प्रशंसा के हकदार होंगे शायद वह प्रशंसा आपको न मिले। कार्य व्यवसाय में कुछ बाधाएं रह सकती हैं। कुछ व्यर्थ के खर्च हो सकते हैं लेकिन उच्च अवस्था में होने के कारण बृहस्पति आपके प्रयत्नों को व्यर्थ नहीं जाने देंगे। यदि आपने दिल से कोशिश की है तो देर सबेर वह कामयाब होगी और उसके परिणाम भी आपको मिल सकेंगे।
उपाय: प्रत्येक शनिवार को किसी मंदिर में आठ बादाम चढ़ाना शुभ रहेगा।
बृहस्पति आपकी कुंडली में दूसरे तथा पंचम भाव के स्वामी होते हैं और बृहस्पति का कर्क राशि में गोचर आपके भाग्य भाव में होगा। भाग्य भाव में बृहस्पति के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है। ऐसे गोचर के बारे में गोचर शास्त्र का कहना है कि बृहस्पति यहां पर आपके भाग्य में वृद्धि करवाने का काम करते हैं। धार्मिक यात्राएं करवा सकते हैं। संतान से संबंधित मामलों में अच्छे परिणाम दे सकते हैं। इतना ही नहीं भाग्य भाव में बृहस्पति के गोचर को मान सम्मान की प्राप्ति करवाने वाला भी माना गया है। कामों में सफलता देने वाला माना गया है।
स्वाभाविक है कि जब काम सफल होते हैं तो लाभ भी अच्छा मिलता है। ऊपर से लाभ भाव का स्वामी भाग्य भाव में उच्च अवस्था में रहेगा, जो आर्थिक लाभ करवाने का पूरा प्रयास करेगा। आध्यात्मिक मामलों से लगाव भी बढ़ सकता है। पंचम भाव का स्वामी उच्च अवस्था में जा रहा है जो संतान से संबंधित मामलों में तो अच्छे परिणाम तो देगा ही देगा विद्यार्थियों को भी अच्छे परिणाम मिल सकेंगे। क्योंकि विद्यार्थी अब अपने सब्जेक्ट पर अपेक्षाकृत बहुत अच्छे ढंग से फोकस कर सकेंगे। कुल मिलाकर कर्क राशि में गोचर करने की अवधि में बृहस्पति आपको काफी अच्छे परिणाम देना चाहेंगे।
उपाय: मांस, मंदिरा और अंडे का त्याग करते हुए नियमित रूप से मंदिर जाना शुभ रहेगा।
बृहत् कुंडली : जानें ग्रहों का आपके जीवन पर प्रभाव और उपाय
बृहस्पति आपकी कुंडली में आपकी लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ आपके चतुर्थ भाव के भी स्वामी होते हैं। ऐसे स्वामित्व वाले बृहस्पति कर्क राशि में गोचर करने की अवधि में आपके आठवें भाव में रहेंगे। वैसे भी आठवें भाव में बृहस्पति के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता ऊपर से लग्न या राशि के स्वामी होकर बृहस्पति आठवें भाव में रहेंगे। स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से इसे अच्छा नहीं माना जाएगा। अतः इस गोचर की अवधि में अपने स्वास्थ्य का पूरा ख्याल रखना है। न केवल शारीरिक स्वास्थ्य का बल्कि मानसिक स्वास्थ्य का भी ख्याल रखना जरूरी रहेगा। क्योंकि बृहस्पति आपके चतुर्थ भाव के स्वामी भी हैं और अष्टम भाव में जा रहे हैं, अतः मन मस्तिष्क में किसी बात को लेकर बड़ी चिंताएं रह सकती हैं।
हालांकि यदि आप धर्म और अध्यात्म से जुड़े हुए व्यक्ति हैं, योग साधना इत्यादि में रुचि रखते हैं तो आपको इस तरह के नकारात्मक परिणाम नहीं मिलेंगे। अर्थात गहराई से सोचने वाले व्यक्तियों को बृहस्पति नकारात्मक परिणाम नहीं देगा लेकिन जल्दबाजी में रहने वाले लोगों को या अपनी मस्ती में डूबे रहने वाले लोगों को हो सकता है कि कुछ कठिनाइयां देखने को मिलें। मूल्यवान चीज खोने न पाएं, इस बात का ख्याल इस गोचर की अवधि में रखना बहुत जरूरी रहेगा। संतान के साथ भी संबंधों को मेंटेन करना बहुत जरूरी रहेगा। इसके अलावा घर गृहस्थी को लेकर गहरा चिंतन मंथन भी जरूरी रहेगा। ऐसा करके आप बृहस्पति के इस गोचर के नकारात्मक परिणामों पर नियंत्रण पा सकेंगे।
उपाय: शनिवार को सूखे हुए जटा वाले नारियल चार की संख्या में बहते हुए जल में बहाना शुभ रहेगा।
बृहस्पति आपकी कुंडली में तीसरे तथा द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और बृहस्पति का कर्क राशि में गोचर आपके सातवें भाव में रहने वाले हैं। वैसे तो मकर लग्न या राशि के लिए बृहस्पति अच्छे ग्रह नहीं माने गए हैं लेकिन सप्तम भाव में बृहस्पति ग्रह के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है। क्योंकि तीसरे भाव का स्वामी सप्तम भाव में उच्च अवस्था में रहेगा, ऐसे में आपका कॉन्फिडेंस अच्छा रह सकता है। जिसके कारण आपके काम बन सकते हैं और सकारात्मक परिणाम भी मिल सकते हैं। द्वादश भाव का स्वामी सप्तम भाव में आया है ऐसे में जिन लोगों का व्यापार व्यवसाय विदेश से संबंधित है अर्थात वह विदेशी वस्तुओं का व्यापार करते हैं या विदेश में अपना सामान बेचते हैं तो उन्हें अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।
सप्तम भाव में बृहस्पति का गोचर दांपत्य सुख को बढ़ाने वाला माना गया है। विवाह आदि से संबंधित मामलों में अनुकूलता देने वाला कहा गया है। इस गोचर के चलते स्वास्थ्य में भी अनुकूलता देखने को मिलेगी। धर्म कर्म की ओर आपकी रुचि बढ़ सकती है, व्यापार व्यवसाय से लाभ मिल सकता है। यात्राएं ही फायदेमंद रह सकती हैं। कहने का तात्पर्य है कि प्लेसमेंट के आधार पर यह गोचर आपको काफी अच्छे परिणाम देने वाला माना गया है।
उपाय: नियमित रूप से शिवजी की पूजा आराधना करें और कम से कम इस गोचर की अवधि में एक बार रुद्राभिषेक करें।
बृहस्पति आपकी कुंडली में दूसरे तथा लाभ भाव के स्वामी होते हैं और कर्क राशि में गोचर करने की अवधि में बृहस्पति आपके छठे भाव में रहेंगे। छठे भाव में बृहस्पति के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता लेकिन लाभ भाव का स्वामी उच्च अवस्था में रहेगा; यह एक सकारात्मक बिंदु है। धन स्थान का स्वामी भी उच्च अवस्था में रहेगा, यह भी सकारात्मक बिंदु है। अर्थात स्वामित्व के आधार पर देखा जाए तो बृहस्पति का उच्च का होना सकारात्मक बिंदु है लेकिन प्लेसमेंट के अनुसार इसे सकारात्मक नहीं माना जाएगा। इसलिए हम इस गोचर से मिले जुले परिणामों की उम्मीद कर सकते हैं। ऐसा गोचर शासन प्रशासन से संबंधित मामलों में विरोध करवाने वाला माना गया है।
स्वास्थ्य में कमजोरी देने वाला माना गया है। संतान इत्यादि से संबंधित मामलों में भी कमजोर परिणाम देने वाला माना गया है। साथ ही साथ व्यर्थ के विवाद करवाने वाला भी कहा गया है लेकिन लाभ भाव के स्वामी का उच्च का होना अच्छा लाभ करवाने का काम कर सकता है। धन भाव के स्वामी का उच्च का होना बचत में सहायक हो सकता है। क्योंकि धन और लाभ भाव का स्वामी कर्ज की स्थान पर गया है ऐसे में लोन लेने की कोशिश कर रहे लोगों को अच्छी सफलता मिल सकती है। अर्थात कर्ज लेने या कर्ज चुकाने के दृष्टिकोण से इस गोचर को अच्छा कहा जाएगा। वैसे सामान्य तौर पर अन्य मामलों में सावधानी बरतने की सलाह हम आपको देना चाहेंगे।
उपाय: किसी बुजुर्ग पुजारी को पीले कपड़े का दान करना शुभ रहेगा।
बृहस्पति आपकी कुंडली में आपकी लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ आपके दशम भाव अर्थात कर्म भाव के भी स्वामी होते हैं और बृहस्पति का कर्क राशि में गोचर आपके पंचम भाव में होगा। पंचम भाव में बृहस्पति के गोचर को बहुत अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है। ऊपर से बृहस्पति आपकी लग्न या राशि के स्वामी होकर पंचम भाव में जा रहे हैं जो आपको कई मामलों में बहुत अच्छे परिणाम दे सकते हैं। शिक्षा से संबंधित मामलों में अच्छी अनुकूलता देखने को मिल सकती है। विशेष कर व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थी काफी अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकते हैं।
प्रेम संबंधों में भी अच्छी अनुकूलता देखने को मिल सकती है। संतान एवं सगाई से संबंधित मामलों में भी अनुकूल परिणाम देखने को मिलेंगे। विवाह आदि से संबंधित बातें आगे बढ़ सकती हैं। दांपत्य सुख में बढ़ोतरी हो सकती है। पद प्रतिष्ठा बढ़ाने में भी बृहस्पति का यह गोचर आपके लिए सहायक हो सकता है।
उपाय: मुफ्त में कोई चीज स्वीकार न करें चाहे वह उपहार ही क्यों न हो।
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1. 2025 में बृहस्पति का कर्क राशि में गोचर कब होगा?
बृहस्पति का कर्क राशि में गोचर 19 अक्टूबर 2025 को होगा।
2. बृहस्पति का गोचर कितने दिन का होता है?
बृहस्पति का गोचर सामान्यतः 12 से 13 महीने में होता है।
3. कर्क राशि के स्वामी कौन है?
कर्क राशि का स्वामी ग्रह चंद्रमा है।
1. 2025 में बृहस्पति का कर्क राशि में गोचर कब होगा?
बृहस्पति का कर्क राशि में गोचर 19 अक्टूबर 2025 को होगा।
2. बृहस्पति का गोचर कितने दिन का होता है?
बृहस्पति का गोचर सामान्यतः 12 से 13 महीने में होता है।
3. कर्क राशि के स्वामी कौन है?
कर्क राशि का स्वामी ग्रह चंद्रमा है।