चंद्र राशि गणक(कैलकुलेटर) : अपनी चंद्र राशि जानिए
वैदिक ज्योतिष में चंद्रमा मन का कारक है। किसी जातक की मनोस्थिति कैसी है, यह कुंडली में चंद्रमा की स्थिति पर ही निर्भर है। इसलिए वैदिक ज्योतिष फलादेश के लिए सूर्य राशि की अपेक्षा चंद्र राशि को अधिक महत्व दिया जाता है। ज्योतिष में जन्म नक्षत्र का विश्लेषण भी चंद्रमा के द्वारा किया जाता है। चंद्र राशि को समझने से पहले यह जानना आवश्यक है कि ज्योतिष में चंद्र ग्रह का महत्व क्या है।
वैदिक ज्योतिष में चंद्र ग्रह
ज्योतिष विज्ञान में चंद्र ग्रह नवग्रहों में से महत्वपूर्ण ग्रह है, क्योंकि यह व्यक्ति की भावनाओं और उनकी मानसिक स्थिति से जुड़ा हुआ है। जिस प्रकार सूर्य ग्रह आत्मा का कारक है उसी प्रकार चंद्र ग्रह का संबंध व्यक्ति के मन से है। पृथ्वी पर जीवन को बनाए रखने के लिए इन दो ग्रहों का महत्वपूर्ण योगदान है। खगोल विज्ञान की दृष्टि में सूर्य और चंद्रमा दोनों ही ग्रह नहीं है। लेकिन ज्योतिष विज्ञान में इन्हें ग्रह माना गया है। एस्ट्रोसेज का ये चंद्र राशि कैलकुलेटर आपको न केवल यह बताएगा कि आपकी चंद्र राशि कौन-सी है बल्कि इसकी मदद से आप यह भी जान सकेंगे कि आपके ऊपर चंद्रमा का क्या प्रभाव है। व्यक्ति के जीवन में संबंधों को प्रभावित करने में चंद्रमा का अहम योगदान है। क्योंकि यह व्यक्ति की मानसिक शक्ति से जुड़ा हुआ है। व्यक्ति को किन परिस्थितियों में कैसा व्यवहार करना है यह सब चंद्रमा पर निर्भर करता है। चंद्र ग्रह को कर्क राशि का स्वामित्व प्राप्त है और यह वृषभ राशि में उच्च का होता है।
चंद्र ग्रह का प्रभाव
चंद्रमा एक शुभ ग्रह है। बृहस्पति ग्रह के साथ चंद्रमा की युति जीवन में बौद्धिक कौशल एवं धन-समृद्धि को लेकर आती है। दोनों ही मित्र ग्रह हैं। आकार में यह सबसे छोटा है और पृथ्वी के निकट का है। यूँ तो चंद्रमा को चंदा मामा कहकर पुकारा जाता है लेकिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह स्त्री लिंगी ग्रह है। इसलिए इसे आकाशीय परिषद की रानी कहा जाता है। जो सूर्य के प्रकाश से चमकता है। चंद्रमा द्रव पदार्थों का कारक है। अगर चंद्रमा आपकी कुंडली में उच्च का या फिर मजबूत स्थिति में बैठा है तो यह आपको मानसिक शांति और ख़ुशियाँ प्रदान करेगा। वहीं अगर यह नीच का हो या फिर किसी क्रूर ग्रह से पीड़ित हो तो इसके बुरे प्रभाव से जातकों की मानसिक शांति छिन जाती है। इस स्थिति में आपकी माता जी को भी कष्ट का सामना करना पड़ सकता है।
किसी जातक की कुंडली का विश्लेषण करने के लिए चंद्रमा की स्थिति को ध्यान में रखा जाता है। चंद्रमा हमारे वातावरण का इस प्रकार से पालन-पोषण करता है जैसे कोई माँ अपने बच्चे की परवरिश करती है। इसलिए चंद्रमा को माता का कारक भी माना जाता है। ऐसे में हमारे चंद्र राशि कैलकुलेटर की मदद से जातकों की भावनाओं को स्पष्ट रूप से जाना जा सकता है।
चंद्र राशि का महत्व
अवश्य ही आपके मन में चंद्र राशि को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे होंगे। जैसे कि यह चंद्र राशि क्या है? इससे क्या होता है? आपने किसी जातक की जन्म कुंडली में चंद्र राशि शब्द का प्रयोग सुना होगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब किसी जातक के जन्म के समय चंद्रमा जिस राशि में होता है वह उस व्यक्ति की चंद्र राशि कहलाती है। चंद्र राशि के माध्यम से जातकों के स्वभाव, उसके व्यक्तित्व तथा स्वास्थ्य और इसके अलावा जीवन से जुड़े अन्य ज़रुरी पहलुओं के बारे में जाना जा सकता है। वैदिक ज्योतिष में जन्मपत्री से भविष्यफल को देखने के लिए चंद्र राशि को ही देखा जाता है। चंद्र राशि के माध्यम से हम उन परिस्थितियों के बारे में जान सकते हैं जिसका हमें भविष्य में सामना करना पड़ेगा। इसके अतिरिक्त चंद्र राशि हमारे बारे में यह भी बताती है कि समाज में हम अपने आपको कैसे प्रस्तुत करेंगे अर्थात हमारा सामाजिक जीवन कैसा रहने वाला है।
चंद्र राशि कैल्कुलेटर की उपोयगिता
- यह जातक के बाह्य रूप, चरित्र एवं स्वभाव को दर्शाती है।
- चंद्र राशि से जातकों के भाग्य को जाना जा सकता है।
- इसके माध्यम से जातकों के स्वास्थ जीवन का पता चलता है।
- इसके द्वारा अन्य लोगों से आपकी सामंजस्यता को जाना जाता है।
- चंद्र राशि से जातक के रिश्ते-नाते आदि के विषय में जाना जाता है।
- चंद्र राशि के माध्यम से व्यक्ति के भाग्य और दुर्भाग्य का भी पता चलता है।
- व्यक्ति अपने जन्म स्थान पर रहेगा या जन्म स्थान से दूर जाएगा, चंद्र राशि इस बात की ओर भी इशारा करती है। जातक अपने मूल स्थान में सफलता प्राप्त करेगा या फिर उसे विदेश में जाकर सफलता मिलेगी। यह भी चंद्र राशि के माध्यम से ज्ञात होता है।
- चंद्र राशि जातकों के छोटे भाई-बहनों के द्वारा प्राप्त लाभ-हानि, सफलता-विफलता आदि को भी दर्शाती है।
- भारतीय ज्योतिषी किसी भी राशिफल उसकी चंद्र राशि के आधार पर बताते हैं जो उनके कुंडली के विभिन्न भावों में ग्रहों के गोचरों के आधार पर होता है।
राशि के अनुसार व्यक्ति का स्वभाव
वैदिक ज्योतिष में एक 360 अंश का राशि-चक्र होता है और इस राशि-चक्र में 12 राशियाँ होती हैं। अर्थात एक राशि 30 अंश की होती है। इन राशियों की अपनी अलग-अलग विशेषताएँ हैं।
- मेष: मेष राशि सबसे सक्रिय राशि होती है। इस राशि का स्वामी मंगल ग्रह है और यह अग्नि तत्व की राशि है। जिन जातकों की मेष राशि होती है वे जातक किसी भी चीज़ को जल्दी सीखते हैं। इसके अलावा वे जुनूनी और क्रोधी स्वभाव के होते हैं।
- वृषभ: वृषभ राशि का स्वामी शुक्र ग्रह होता है और यह पृथ्वी तत्व की राशि है। जिन जातकों का जन्म इस राशि में होता है वे जातक मानसिक रूप से स्थिर और नियंत्रित होते हैं।
- मिथुन: मिथुन द्विस्वभाव राशि है। ज्योतिष में बुध ग्रह को इस राशि का स्वामी माना गया है। वायु तत्व की इस राशि में जन्म लेने वाला जातक अधिक बातूनी होता है।
- कर्क: कर्क जलीय राशि होती है। ज्योतिष में चंद्र ग्रह को इस राशि का स्वामित्व प्राप्त है। जिन जातकों की चंद्र राशि कर्क होती है वे स्वभाव से अधिक संवेदनशील होते हैं।
- सिंह: सिंह राशि में जन्म लेने वाले जातक एक अच्छे लीडर होते हैं। वे एक राजा की तरह अपना जीवन व्यतीत करते हैं। ज्योतिष विज्ञान में सूर्य ग्रह को सिंह राशि का स्वामी माना गया है। यह अग्नि तत्व की राशि है।
- कन्या: कन्या राशि को पृथ्वी तत्व की राशि माना जाता है। बुध ग्रह इस राशि का स्वामी है। इस राशि के जातक बहुत ही व्यवहारिक होते हैं। ऐसे जातक बोलने की बजाय कार्य पर विश्वास करते हैं। वे ख़ुद को दूसरों के सामने एक मजबूत व्यक्ति के रूप में प्रदर्शित करते हैं।
- तुला: तुला वायु तत्व की राशि होती है। शुक्र ग्रह इस राशि का स्वामी होता है। तुला राशि का तात्पर्य नियंत्रण बनाए रखना होता है। यह राशि जीवन में संतुलन को दर्शाती है। इस राशि में जन्म लेने वाले जातक भौतिक सुखों के प्रति अधिक झुकाव रखते हैं।
- वृश्चिक: वृश्चिक एक जलीय राशि है। इस राशि का स्वामी मंगल ग्रह है। जिन जातकों का जन्म वृश्चिक राशि में होता है वे जातक विचारवान होते हैं। वृश्चिक राशि वाले अपने अनुभवों से बहुत कुछ सीखते हैं।
- धनु: धनु राशि अग्नि तत्व की राशि है और बृहस्पति ग्रह इसका स्वामी है जो कि ज्ञान, गुरु और धर्म का कारक है। गुरु के प्रभाव से इस राशि में पैदा होने वाले जातक ज्ञानवान होते हैं और ज्ञान प्राप्ति के लिए सदैव तत्पर रहते हैं।
- मकर: मकर पृथ्वी तत्व की राशि माना गया है। इस राशि का स्वामी शनि ग्रह है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार जो व्यक्ति इस राशि में जन्म लेता है वह आलसी स्वभाव का होता है।
- कुंभ: कुंभ को वायु तत्व की राशि माना गया है। इस राशि का स्वामी शनि होता है। इस राशि वाले जातक अच्छे विचारक, सामाजिक, स्वतंत्र एवं बुद्धिमान होते हैं।
- मीन: मीन एक जलीय राशि है और बृहस्पति ग्रह इस राशि का स्वामी है। मीन राशि वाले जातक अंतर्ज्ञानी होते हैं। ये जातक दूसरों की भावनाओं की कद्र करते हैं तथा स्वभाव से भावुक और आध्यात्मिक होते हैं।
इस प्रकार आप देख सकते हैं कि मनुष्य के जीवन में चंद्र राशि का कितना अहम स्थान है। उम्मीद करते हैं कि यह चंद्र कैल्कुलेटर आपकी चंद्र राशि को समझने में सहायक सिद्धि होगा।