बुध का तुला राशि में गोचर: बुद्धि, वाणी और व्यापार के कारक ग्रह बुध 29 अगस्त 2025 को अस्त हुए थे और 02 अक्टूबर 2025 तक अस्त रहे। अस्त रहते रहते ही बुध ग्रह नें दो राशियों का भोग किया। जब बुध ग्रह अस्त हुए थे अर्थात 29 अगस्त 2025 को; उस समय बुध ग्रह कर्क राशि में थे। उसी अस्त हुई अवस्था में ही बुध ग्रह नें कर्क राशि से चलकर सिंह और कन्या राशि का भोग किया। आखिरकार 2 अक्टूबर 2025 को बुध ग्रह कन्या राशि में ही उदय हो गए थे और उदय होने के बाद अगले कुछ घंटे में ही अर्थात 3 अक्टूबर 2025 की सुबह 3:36 पर तुला राशि में प्रवेश कर रहे हैं। यानी पिछली दो राशियों की यात्रा बुध ग्रह ने अस्त रहते हुए की थी अब उदित अर्थात स्वस्थ अवस्था में बुध ग्रह तुला राशि में प्रवेश कर रहे हैं।
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वैसे तो बुध का तुला राशि में गोचर मित्र राशि में हो रहा है लेकिन तात्कालिक मित्रता को भी शामिल करके देखा जाए तो बुध ग्रह के लिए यह अतिमित्र वाली राशि होगी अर्थात बुध ग्रह भले ही अपनी स्वयं की राशि छोड़कर के जा रहे हो लेकिन उनकी मजबूती में कमी नहीं आएगी। सामान्य तौर पर बुध ग्रह यहां पर भी मजबूती के साथ अपने परिणाम देना चाहेंगे।
ये परिणाम अलग-अलग राशियों के लिए अलग-अलग हो सकते हैं। किसी के लिए परिणाम अच्छे भी हो सकते हैं तो किसी के लिए परिणाम औसत भी रह सकते हैं। वहीं कुछ लोगों के लिए परिणाम कमजोर भी रह सकते हैं। किस राशि के व्यक्ति को कैसे परिणाम मिलेंगे आइए जानते हैं और सबसे पहले चर्चा करते हैं कि बुध ग्रह के तुला राशि में जाने का मेष राशि पर कैसा प्रभाव पड़ेगा?
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बुध ग्रह आपकी कुंडली में तीसरे तथा छठे भाव के स्वामी होते हैं और यह तुला राशि में गोचर करते हुए आपके सप्तम भाव में रहने वाले हैं। सप्तम भाव में बुध ग्रह के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता है। हालांकि बुध ग्रह मित्र राशि में है अतः इस घर को कोई नुकसान नहीं पहुंचाना चाहेंगे लेकिन फिर भी इस गोचर से सकारात्मक परिणाम की उम्मीद रखना भी उचित नहीं रहेगा। सप्तम भाव में बुध के गोचर को स्त्री से विवाद करवाने वाला कहा गया है। अतः यदि आप पुरुष हैं और विवाहित हैं तो जीवन संगिनी के साथ किसी भी तरीके का विवाद न करें।
अन्य स्त्रियों से भी विवाद नहीं करना है। बुध का तुला राशि में गोचर के अनुसार, यदि आप स्त्री हैं तो भी कोशिश करें कि किसी स्त्री से विवाद न होने पाए। विवाहित होने की स्थिति में पतिदेव से भी विवाद नहीं करना है। स्वास्थ्य का ख्याल रखना है, यथा संभव यात्राओं से बचाना है। वरिष्ठों और अधिकारियों के साथ बेहतर तालमेल बिठाने की कोशिश करनी है। ऐसा करने की स्थिति में आप नकारात्मक परिणामों से बच सकेंगे।
उपाय: कन्याओं का पूजन कर उनका आशीर्वाद लेना शुभ रहेगा।
बुध ग्रह आपकी कुंडली में दूसरे तथा पांचवें भाव के स्वामी होते हैं और तुला राशि में गोचर करने की अवधि में बुध ग्रह आपके छठे भाव में रहने वाले हैं। क्योंकि छठे भाव में बुध ग्रह के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला माना गया है और बुध अतिमित्र राशि में रहेंगे। अतः बुध का तुला राशि में गोचर अपने लेवल पर आपका पूरा सपोर्ट करना चाहेंगे। बुध ग्रह का यह गोचर आर्थिक लाभ करवाने वाला कहा गया है। हालांकि दूसरे भाव का स्वामी होकर छठे भाव में आया है ऐसे में उन लोगों को आर्थिक लाभ मिल सकता है जो लोग कहीं से कर्ज लेना चाह रहे हैं या किसी बैंक से लोन लेना चाह रहे हैं, तो उन्हें बेहतर सफलता मिल सकती है।
अन्य लोगों को भी आर्थिक रूप से मजबूती देने में बुध का यह गोचर मददगार बन सकता है। आप अपने प्रतिस्पर्धियों से बेहतर करते हुए देखे जा सकेंगे। मान सम्मान को बढ़ाने में भी यह गोचर मददगार हो सकता है। कला साहित्य या लेखन आदि से जुड़े हुए व्यक्तियों के लिए यह गोचर बहुत अच्छे परिणाम दे सकता है।
उपाय: भगवान गणेश को फूलों की माला पहनना शुभ रहेगा।
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बुध ग्रह आपके राशि स्वामी होने के साथ-साथ चतुर्थ भाव के भी स्वामी होते हैं और तुला राशि में गोचर करते हुए बुध ग्रह आपके पंचम भाव में रहेंगे। पंचम भाव में बुध ग्रह के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना गया है लेकिन लग्न या राशि के स्वामी का पंचम भाव में जाना ऊपर से मित्र राशि में जाना कोई बड़ा नकारात्मक परिणाम नहीं देगा। यानी तात्कालिक स्थितियों के आधार पर कोई नकारात्मक परिणाम नजर नहीं आ रहा है जबकि नियम, विशेषकर गोचर का नियम इस गोचर को अच्छा नहीं मानता है। दोनों स्थितियों को मिलाकर देखा जाय तो इस गोचर की अवधि में सावधानी पूर्वक निर्वाह करने की स्थिति में संतोषप्रद परिणाम मिल सकते हैं।
यानी कि मन अशांत रह सकता है लेकिन लॉजिकली सोचने पर आप अशांति को दूर कर सकेंगे। संतान के साथ कुछ मामलों में मतभेद रह सकते हैं। लेकिन युक्ति पूर्वक उन मतभेदों को दूर भी किया जा सकता है। इस समय बनाई गई योजनाओं में कोई कमी रह सकती है, तो बेहतर होगा कि इस समय किसी नई योजना पर काम न किया जाए। यदि करना जरूरी हो तो कुछ अनुभवी लोगों का सहयोग ले लेना फायदेमंद रहेगा। बुध का तुला राशि में गोचर आर्थिक चिंता देने वाला कहा गया है लेकिन व्यर्थ के खर्चों से बचकर आप आर्थिक समस्या से भी बच सकेंगे। अर्थात सावधानीपूर्वक निर्वाह करके इस गोचर के नकारात्मक परिणामों को रोकने में आप कामयाब हो सकेंगे।
उपाय: गाय की सेवा करना हितकारी सिद्ध होगा।
बुध ग्रह आपकी कुंडली में तीसरे तथा द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और तुला राशि में गोचर करते हुए बुध ग्रह आपके चौथे भाव में रहने वाले हैं। चौथे भाव में बुध ग्रह के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला माना गया है। ऊपर से मित्र राशि में होने के कारण बुध ग्रह चौथे भाव से संबंधित परिणाम में अच्छी अनुकूलता देना चाहेंगे। बुध का तुला राशि में गोचर गृहस्थ जीवन से संबंधित मामलों में अनुकूलता दे सकता है।
माता से संबंधित मामलों में भी अच्छी अनुकूलता मिल सकती है। जमीन जायदाद से संबंधित मामलों को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ने का काम भी बुध का यह गोचर कर सकता है। घरेलू सुख शांति बनी रहेगी तथा बड़े लोगों से मेलजोल भी हो सकेगा। अर्थात सामान्य तौर पर इस गोचर से आपको सकारात्मक परिणाम मिलते हुए नजर आ रहे हैं।
उपाय: अस्थमा रोगियों की दवा खरीदने में मदद करना शुभ रहेगा।
बुध ग्रह आपकी कुंडली के लाभ भाव के स्वामी होने के साथ-साथ धन भाव के भी स्वामी होते हैं। अर्थात कमाई और बचत दोनों भावों के स्वामी होकर बुध ग्रह आपके तीसरे भाव में तुला राशि में गोचर करने वाले हैं। तीसरे भाव में बुध ग्रह के गोचर को मिले-जुले परिणाम देने वाला कहा गया है लेकिन मित्र राशि में होने के कारण ये परिणाम सकारात्मक रूप से मजबूत रहेंगे अर्थात मिले-जुले परिणाम में पॉजिटिविटी का ग्राफ अधिक रहेगा नकारात्मकता का ग्राफ काम रहेगा।
बुध का तुला राशि में गोचर भाई बंधुओं और पड़ोसियों से विवाद करवाने वाला माना गया है। अतः इस मामले में सावधानी पूर्वक निर्वाह जरूरी रहेगा क्योंकि बुध ग्रह को मंगल की संगति भी मिल रही है। अतः विवाद होने की संभावनाएं रह सकती हैं। उन्हें प्रैक्टिकल कोशिश करके आप दूर कर सकेंगे। यही स्थिति यात्राओं से संबंधित मामलों में भी देखने को मिल सकती है। यात्राएं फायदेमंद रह सकती हैं लेकिन व्यर्थ की यात्राओं से बचना जरूरी रहेगा।
साथ ही साथ यात्रा की अवधि में सावधानी बरतने के प्रति जागरूक रहना भी जरूरी रहेगा। आर्थिक मामले में किसी भी प्रकार का रिस्क नहीं लेना है इस गोचर के चलते कुछ नए मित्र बन सकते हैं। साथ ही साथ सावधानी पूर्वक निर्वाह करके आप आर्थिक मामलों में भी सकारात्मक परिणाम प्राप्त कर सकेंगे।
उपाय: चिड़ियों को दाना चुगाना शुभ रहेगा।
बुध ग्रह आपकी राशि स्वामी होने के साथ-साथ आपके कर्म स्थान के भी स्वामी होते हैं और तुला राशि में गोचर करने की अवधि में बुध ग्रह आपके दूसरे भाव में रहने वाले हैं। सामान्य तौर पर दूसरे भाव में बुध के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है। अब क्योंकि बुध ग्रह अतिमित्र राशि में रहेंगे। अतः बुध से और भी सकारात्मक परिणाम की उम्मीद रखी जा सकती है। दूसरे भाव में बुध का गोचर वस्त्रों और आभूषणों की प्राप्ति करवाने वाला माना गया है। अतः इस मामले में आपको लाभ मिल सकता है।
यदि आपका काम वाणी से संबंधित है यानी कि बोलने, समझाने या कंसल्टेंसी का काम आप करते हैं तो बुध का तुला राशि में गोचर के चलते आपको काफी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। विद्यार्थियों को भी इस गोचर के चलते अच्छे परिणाम मिल सकेंगे। उत्तम भोजन और संबंधियों से लाभ दिलवाने के मामले में भी बुध ग्रह का यह गोचर मददगार रह सकता है।
उपाय: मांस, मदिरा, अंडे व गलत कार्यों आदि से दूरी बनाए रखना शुभ रहेगा।
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बुध ग्रह आपकी कुंडली में आपके भाग्य भाव के स्वामी होते हैं। साथ ही साथ द्वादश भाव के भी स्वामी होते हैं और तुला राशि में गोचर करने की अवधि में बुध ग्रह आपके प्रथम भाव में रहने वाले हैं। क्योंकि पहले भाव में बुध ग्रह के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता ऊपर से द्वादश भाव का स्वामी पहले भाव में आया है यह भी एक अनुकूल स्थिति नहीं है। अल्बत्ता भाग्य स्थान के स्वामी का प्रथम भाव में जाना एक दृष्टिकोण से ठीक है लेकिन गोचर शास्त्र का नियम प्रथम भाव में बुध की गोचर को अच्छा नहीं मानता।
इसलिए बुध का तुला राशि में गोचर की अवधि में सावधानी पूर्वक निर्वाह जरूरी रहेगा। भले ही अतिमित्र राशि में होने का कुछ फायदा आपको मिले लेकिन फिर भी किसी भी मामले में लापरवाही उचित नहीं रहेगी। बुध ग्रह का यह गोचर बोलचाल की शैली में कमी दे सकता है। अर्थात आपके बोलने का ढंग थोड़ा सा बिगड़ा हुआ रह सकता है। इस मामले में ध्यान देने की आवश्यकता रहेगी।
किसी की निंदा नहीं करनी है और निंदा करने वाले लोगों से दूर रहना है। आर्थिक मामले में किसी प्रकार का रिस्क नहीं लेना है संबंधियों को आदर सत्कार देते रहना है। पीठ पीछे भी संबंधियों से संबंधित मामले में किसी भी प्रकार की निंदा नहीं करनी है। अपने मान सम्मान के प्रति भी जागरूक रहना जरूरी रहेगा। इन सावधानियां को अपनाने की स्थिति में शायद आपको नकारात्मक परिणाम न मिले। अतः सावधानी अपनाएं और नकारात्मकता से बचें।
उपाय: किसी गरीब कन्या को पढ़ाई लिखाई की सामग्री भेंट करना शुभ रहेगा।
बुध ग्रह आपकी कुंडली में अष्टम भाव के स्वामी होने के साथ-साथ लाभ भाव के भी स्वामी होते हैं और तुला राशि में गोचर करते हुए बुध ग्रह आपके द्वादश भाव में रहेंगे। द्वादश भाव में बुध ग्रह के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता है। भले ही अतिमित्र राशि में बुध ग्रह का गोचर रहे लेकिन इस गोचर की अवधि में बहुत ही सावधानी पूर्वक निर्वाह जरूरी रहेगा। यद्यपि अष्टम भाव का स्वामी द्वादश भाव में गया है, इसे एक तरह से इस विपरीत राजयोग वाली स्थिति कहा जा सकता है लेकिन फिर भी बुध के भरोसे बैठना ठीक नहीं रहेगा।
बुध का तुला राशि में गोचर व्यर्थ के खर्च करवाने वाला माना गया है। अतः खर्चों को लेकर सावधान रहना है। व्यर्थ की यात्राओं से बचना है। विवाहित होने की स्थिति में जीवनसाथी या जीवन संगिनी के स्वास्थ्य के प्रति भी सचेत रहना है। साथ ही साथ अपने स्वास्थ्य का भी ख्याल रखना है। बेकार की चिंताओं से बचें। यदि विद्यार्थी हैं तो पढ़ाई पर और अधिक ध्यान देने की आवश्यकता रहेगी। शत्रु की किसी भी नीति को लेकर लापरवाह नहीं होना है बल्कि शत्रु के हर एक कदम पर ध्यान देना जरूरी रहेगा। इन सावधानियां को अपनाने की स्थिति में आप नकारात्मक परिणामों से बच सकेंगे।
उपाय: प्रतिदिन माथे पर केसर का तिलक लगाना शुभ रहेगा।
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बुध ग्रह आपकी कुंडली में सप्तम भाव के स्वामी होने के साथ-साथ दशम भाव के भी स्वामी होते हैं और तुला राशि में गोचर करने की अवधि में बुध ग्रह आपके लाभ भाव में रहेंगे। लाभ भाव में बुध ग्रह के गोचर को काफी अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है। ऊपर से बुध ग्रह अतिमित्र राशि में रहेंगे। यह भी एक अनुकूल स्थिति मानी जाएगी। कर्म स्थान का स्वामी लाभ भाव में गया है यह भी एक अनुकूल स्थिति है। साथ ही साथ सप्तम भाव का स्वामी भी लाभ भाव में गया है यानी कि व्यापार व्यवसाय से जुड़े लोगों को काफी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।
बुध का तुला राशि में गोचर के दौरान नौकरीपेशा लोग भी काफी हद तक अनुकूल परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। आमदनी में वृद्धि होने की अच्छे योग बन रहे हैं। स्वास्थ्य सामान्य तौर पर अच्छा रहेगा। जमीन जायदाद से संबंधित मामलों में अनुकूल परिणाम मिल सकेंगे। भाई बंधुओं के साथ तालमेल बेहतर रहेंगे। कामों में सफलता मिल सकती है। संतान और मित्र से संबंधित मामलों में भी अनुकूल परिणाम देखने को मिल सकते हैं। अर्थात बुध का यह गोचर सामान्य तौर पर आपको अच्छे परिणाम देना चाह रहा है।
उपाय: गाय को हरा पालक खिलाना शुभ रहेगा।
बुध ग्रह की कुंडली में छठे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ भाग्य भाव के भी स्वामी होते हैं और तुला राशि में गोचर करने की अवधि में बुध ग्रह आपके कर्म स्थान अर्थात दशम भाव में रहने वाले हैं। दशम भाव में बुध ग्रह के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला माना गया है। ऊपर से भाग्य भाव के स्वामी का दशम भाव में जाना और अच्छी बात है। यानी आपके ज्यादातर कामों में आपके भाग्य का अच्छा सपोर्ट मिल सकता है।
बुध का तुला राशि में गोचर के दौरान वरिष्ठों के साथ तालमेल बेहतर होगा। छठे भाव के स्वामी का कर्म स्थान पर जाना नौकरीपेशा लोगों को अच्छे परिणाम दिलाने में मददगार बनेगा। आप अपने प्रतिस्पर्धियों से आगे निकलते हुए देखे जा सकेंगे। ऐसे काम जिसमें प्रतिस्पर्धा की भावना जुड़ी रहती है उन सभी कामों में आपको अच्छे लाभ मिल सकते हैं। व्यापार व्यवसाय से भी अच्छा लाभ मिल सकता है। पद प्रतिष्ठा दिलाने में भी यह गोचर आपके लिए मददगार बन सकता है। यश और सफलता दिलाने में भी यह गोचर आपका सपोर्ट करना चाहेगा।
उपाय: मंदिर में दूध और चावल का दान करना शुभ रहेगा।
बुध ग्रह आपकी कुंडली में पंचम भाव के स्वामी होते हैं। साथ ही साथ यह आपके आठवें भाव के लिए स्वामी ग्रह होते हैं। बात करें गोचर की तो तुला राशि में गोचर करने की अवधि में बुध ग्रह आपके भाग्य भाव में रहने वाले हैं। क्योंकि भाग्य भाव में बुध ग्रह की गोचर को अच्छा नहीं माना जाता लेकिन पंचम भाव के स्वामी का अपने से पंचम अर्थात नवम भाव में जाना संतान और प्रेम से संबंधित मामलों में अच्छा माना जाएगा।
साथ ही साथ विद्यार्थियों को भी बुध का तुला राशि में गोचर नुकसान नहीं पहुंचाएगा। इसके अलावा बुध अतिमित्र राशि में रहेगा। इन सभी स्थितियों को ध्यान में रखते हुए बुध से नकारात्मक परिणाम मिलने की संभावना बहुत कम प्रतीत हो रही है। अर्थात गोचर के नियम के अनुसार भाग्य भाव में बुध के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता लेकिन आपकी कुंडली की तात्कालिक स्थितियों को देखते हुए हम कुछ अनुकूल परिणाम मिलने की बात कह रहे हैं। अत: बुद्ध के इस गोचर से मिले-जुले परिणाम की उम्मीद आप रख सकते हैं।
यदि भाग्य के भरोसे नहीं बैठेंगे बल्कि युक्ति पूर्वक और अनुभव के सहारे काम करेंगे तो आपको आपके कामों में सफलता मिल जाएगी। भले ही कामों में कुछ व्यवधान रहें लेकिन व्यवधान के बाद सफलता मिलने की अच्छी संभावनाएं है। आर्थिक मामले में भी यह गोचर युक्ति पूर्वक काम करने की स्थिति में सपोर्ट कर देगा। यदि मान सम्मान के प्रति जागरूक रहेंगे तो मानहानि होने से भी बचाव हो जाएगा। अर्थात इस गोचर की अवधि में सावधानी पूर्वक निर्वाह करके आप नकारात्मक परिणामों से बच सकेंगे और सकारात्मक परिणामों के ग्राफ को बढ़ा सकेंगे।
उपाय: ट्रांसजेंडर को हरी चूड़ियां भेंट करना शुभ रहेगा।
बुध ग्रह की कुंडली में चतुर्थ भाव के स्वामी होने के साथ-साथ सप्तम भाव के भी स्वामी होते हैं और तुला राशि में गोचर करने की अवधि में बुध ग्रह आपकी आठवें भाव में रहने वाले हैं। सामान्य तौर पर बुध ग्रह के गोचर को आठवें भाव में अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है लेकिन चौथे भाव के स्वामी का आठवें भाव में जाना वाहन इत्यादि सावधानी पूर्वक चलाने का संदेश दे रहा है। ऊपर से मंगल के साथ युति करने के कारण चोट खरोच का भय रह सकता है। बुध का तुला राशि में गोचर के अनुसार यदि वाहन स्वयं चलते हैं तो पूरी सावधानी बनाए रखें।
सप्तम भाव के स्वामी का अष्टम भाव में जाना दांपत्य संबंधी मामलों में कुछ परेशानियां दे सकता है। अतः इस मामले में भी सावधानी पूर्वक निर्वाह जरूरी रहेगा। वैसे बुध का यह गोचर आकस्मिक रूप से लाभ करवा सकता है, अड़चनों के बाद ही सही लेकिन कामों में सफलता दिला सकता है। सफलता और विजय प्राप्ति के योग मजबूत होने के कारण आप प्रसन्न रहेंगे और ऊर्जा से भरपूर रहेंगे। सामाजिक पद प्रतिष्ठा दिलाने में भी यह गोचर मददगार हो सकता है। अर्थात कुछ सावधानियों को अपनाने की स्थिति में इस गोचर से अच्छे परिणामों की उम्मीद की जा सकती है।
उपाय: गणेश जी की नियमित रूप में पूजा अर्चना करें।
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1. तुला राशि के स्वामी कौन हैं ?
तुला राशि के स्वामी शुक्र हैं।
2. बुध किसके कारक क्या है ?
बुध तर्क-वितर्क, व्यापार, बौद्धिक क्षमता, शिक्षा, बुद्धि आदि का कारक माना जाता है।
3. तुला राशि के जातक का स्वभाव कैसा होता है ?
तुला राशि के जातक सबके लिए अच्छा करना चाहते हैं। ये विवादों को निपटाने में कुशल होते हैं और इनमें न्याय की गहरी भावना होती हैं।