शुक्र धनु राशि में अस्त 4 जनवरी 2022 को होगा और अपने इस लेख में एस्ट्रोसेज इस दौरान क्या-क्या परिवर्तनों के साथ आपका जीवन भी प्रभावित होने वाला है, इस बात की संपूर्ण जानकारी लेकर आया है। जानिए वैदिक ज्योतिष अनुसार ग्रहों की अस्त स्थिति क्या होती है? साथ ही शुक्र देव का अस्त अवस्था में होना आपके जीवन में कैसे परिवर्तन लेकर आएगा और आपको अपनी कुंडली में शुक्र को मजबूत करते हुए उनसे अनुकूल परिणाम प्राप्त करने के लिए क्या कुछ कारगर उपाय करने चाहिए? आज आप इस लेख के माध्यम से अपने इन सभी प्रश्नों के उत्तर प्राप्त कर सकेंगे।
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वैदिक ज्योतिष में अस्त का अर्थ क्या है?
सरल शब्दों में कहें तो अस्त स्थिति वो होती है जब कोई भी ग्रह सूर्य के साथ युति करते हुए किसी विशेष राशि में दस डिग्री या दस अंश के अंदर स्थित होता है। इस दौरान सूर्य की ऊष्मा और उसके प्रकाश के आगे शुक्र ग्रह की स्वयं की चमक फीकी पड़ जाती है और वो फिर आकाश में दृष्टिगोचर नहीं होता। ज्योतिष में इस स्थिति को ही शुक्र का अस्त होना कहा गया है। इसी कर्म में वर्ष 2022 में 4 जनवरी, रविवार को शुक्र अस्त हो रहा है। शुक्र अस्त की ये अवस्था गुरु बृहस्पति द्वारा शासित धनु राशि में होगी। इस दौरान शुक्र 4 जनवरी 2022 को धनु राशि में विराजमान होते हुए सूर्य के बहुत करीब पहुंच जाएंगे।
ऐसे में इस अस्त के परिणामस्वरूप शुक्र ग्रह के मुख्य कारकत्वों में कमी आएगी और वे शक्तिहीन हो जाएंगे। उदाहरण के लिए समझे तो, जब शनि सूर्य के साथ युति करते हैं तो उस व्यक्ति को करियर में समस्याएं, कार्यक्षेत्र पर काम का दबाव, करियर में कम संतुष्टि और प्रसिद्धि की कमी आदि का सामना करना पड़ सकता है। कुछ जातक जो टीम लीडर हैं, उन्हें भी इसके कारण अपनी प्रतिष्ठा की हानि आदि से दो-चार होना पड़ सकता है। वहीं आशंका ये भी है कि कुछ जातकों को उस समय अपने भविष्य को लेकर असुरक्षा का भय भी परेशान करें।
वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह
शुक्र ग्रह सुख, समृद्धि और विलासिता आदि के कारक होते हैं। इनके द्वारा ही जातक के जीवन में विवाह और अन्य शुभ घटनाओं का पता चलता है। जिस जातक की कुंडली में शुक्र की स्थिति मजबूत होती है वे अपने साथी के साथ सुखी जीवन व्यतीत करने में पूरी तरह सक्षम होते हैं। ऐसे जातक यात्रा करने के शौकीन होने के साथ-साथ अपनी जीवन शैली को बदलने में अधिक रुचि रखते हैं और इस तरह उनकी सुख-सुविधाओं में भी वृद्धि देखी जाती है।
4 जनवरी 2022 को धनु राशि में शुक्र अस्त की समयावधि
शुक्र अस्त की अवधि 4 जनवरी 2022 की सुबह 7 बजकर 44 मिनट पर धनु राशि में शुरू होगी और फिर 14 जनवरी 2022 की सुबह 5 बजकर 29 मिनट पर धनु राशि में शुक्र अस्त की अवस्था समाप्त होगी।
गुरु बृहस्पति द्वारा शासित धनु राशि में शुक्र अस्त होकर सूर्य के करीब पहुंच जाएंगे। इसके फलस्वरूप प्रेमी जातकों के जीवन में संतुष्टि व सुख की काफी कमी देखी जाएगी। शुक्र अस्त की इस अवस्था के दौरान प्रेम संबंधों की शुरुआत करना, विवाह के बंधन में बंधना आदि जैसे शुभ कार्यों के लिए ये अवधि अनुकूल नहीं होगी और इससे जातकों को इच्छानुसार फल नहीं प्राप्त होंगे।
फिर जब 14 जनवरी 2022 को शुक्र अपनी सामान्य अवस्था में आ जाएगा। तब इससे जातकों के जीवन में प्रेम, आपसी समझ और संतुष्टि का आगमन होने से उन्हें शुभ फलों की प्राप्ति हो सकेगी। खासतौर से वो जातक जो किसी लव रिलेशन में प्रवेश करने वाले हैं, वे इस उत्तम अवधि का उपयोग करते हुए परिणाम अपने पक्ष में देख सकेंगे। इसके अलावा 14 जनवरी 2022 के बाद विवाह, आदि का आयोजित करने के लिए भी समय उत्तम रहने के योग बनाएगा।
Read in English: Venus Combust in Sagittarius - 4 January 2022
मंगल के स्वामित्व वाली मेष राशि अग्नि तत्व की राशि है। वहीं मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके दूसरे और सातवें भाव के स्वामी होते हैं और इस अवधि में आपके नवम भाव में अस्त हैं। इसके परिणामस्वरूप आपको इस दौरान कुछ प्रतिकूल फलों और अहंकार से संबंधित समस्याओं की प्राप्ति हो सकती है। इस समय आपको अपने भाग्य का साथ नहीं मिलेगा और इसके चलते जातकों को अपने लक्ष्यों को पूरा करने में कई बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है।
करियर के लिहाज़ से भी कार्यक्षेत्र पर काम का दबाव होगा और आपको अपने वरिष्ठ अधिकारियों से सही प्रशंसा नहीं मिलेगी, जिससे आप काफी असंतुष्ट दिखाई देंगे। वो जातक जो अपनी नौकरी में वृद्धि, कोई पदोन्नति या किसी अन्य प्रोत्साहन संबंधी पुरस्कार की उम्मीद कर रहे थे तो ये अवधि उनके लिए अनुकूल नहीं रहेगी।
वहीं व्यापार कर रहे जातकों को भी शुक्र देव अपने बिज़नेस पार्टनर के साथ व्यावसायिक संबंधों से जुड़े कुछ कष्ट देने के योग बनाएंगे। हालांकि इस दौरान आप यूँ तो बेहतर लाभ प्राप्त करने में सक्षम होंगे, लेकिन बावजूद इसके आपको अपने व्यवसाय से संबंधित लक्ष्यों को पूरा करने में पूर्ण रूप से सफलता नहीं मिलेगी। अब बात करें आपके आर्थिक पक्ष की तो ये समय आपको अपने विदेशी स्रोतों, प्रोत्साहनों, पदोन्नति और अन्य अवसरों से अच्छा धन लाभ तो देगा। परंतु आप उस आमदनी व धन को संचय करने में असफल रहेंगे। कई जातकों को इस समय कुछ धन हानि होने की आशंका भी रहेगी। इसलिए शुरुआत से ही खुद को सावधान रखते हुए ज़रूरी सतर्कता बरतने की आपको ख़ास सलाह दी जाती है।
निजी जीवन में शादीशुदा जातकों में अहंकार से संबंधित समस्याओं और आपसी समझ की कमी के कारण जीवनसाथी के साथ कुछ मतभेदों का सामना करना पड़ सकता है। इसके परिणामस्वरूप आपके दांपत्य जीवन में कुछ अशांति देखी जाएगी और न चाहते हुए भी आपका जीवनसाथी के साथ बात-बात पर विवाद व बहस होने की आशंका रहेगी।
इसके अलावा स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से शुक्र का अस्त होना आपको थकान, मोटापा और आंखों से संबंधित समस्याओं आदि का खतरा होने के योग दर्शा रहा है। ऐसे में आपको अपना सही उपचार करने और नियमित रूप से योग व ध्यान आदि का सहारा लेने की हिदायत दी जाती है।
उपायः शुक्रवार के दिन शुक्र ग्रह से संबंधित हवन का आयोजन करें।
वृषभ पृथ्वी तत्व की राशि होती है, जिसके स्वामी ग्रह स्वयं शुक्र होते हैं। इसके अलावा शुक्र को आपके छठे भाव का स्वामित्व भी प्राप्त होता है और आपके आठवें भाव में अस्त हैं। इसके परिणामस्वरूप आपको इस दौरान किसी प्रकार की पैतृक संपत्ति व विरासत और शेयर व ऋण आदि के माध्यम से अप्रत्याशित धन लाभ संभव है।
करियर की बात करें तो इस अवधि में कार्यक्षेत्र पर आपको अपने वरिष्ठों के साथ संबंधों में कष्ट होने से कई समस्याओं का सामना करना पड़ेगा और इसके चलते आपको उनका सहयोग न मिलने से काफी परेशानी होगी। ये वो अवधि होगी जब आपको बहुत सरल व साधारण कार्यों को भी पूरा करने में कष्टों से दो-चार होना पड़ेगा। कार्यस्थल पर आपके सहकर्मी भी आपकी परेशानी बढ़ाने का कार्य करेंगे।
वहीं वो जातक जो व्यापार से जुड़े है उनके लिए भी परिस्थितियां अधिक अनुकूल रहने की आशंका नहीं है। क्योंकि इस समय आप इच्छानुसार लाभ प्राप्त करने में असफल रहेंगे और आपके लिए इस दौरान व्यापार में न ही लाभ और न ही हानि जैसी स्थिति संभव है।
शुक्र देव का अस्त होना आर्थिक रूप से भी आपको धन पक्ष के लिहाज़ से कई परेशानी देने वाला है। साथ ही आपको अपने परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य पर भी धन खर्च करने की आवश्यकता होगी। इस समय आप मध्यम रूप से अपने धन की बचत कर सकेंगे, परन्तु ऐसा करना आपके लिए आसान नहीं रहेगा। हालांकि निजी जीवन में शादीशुदा जातकों के लिए ये अवधि अपने परिवार से संबंधित कुछ मुद्दों के कारण उनका अपने जीवनसाथी के साथ संबंध में कष्ट भी उत्पन्न करेगी। जिसके चलते आप दोनों के बीच बात-बात पर बहस होने की आशंका रहने वाली है। ऐसे में अपने दांपत्य जीवन में शांति और संतुष्टि बनाए रखने के लिए आपको साथी के साथ तालमेल बैठने का प्रयास करना आवश्यक रहेगा।
इसके अलावा स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी शुक्र देव वृषभ राशि के जातकों को कुछ गले में दर्द, पाचन संबंधी समस्याएं और जांघों में दर्द दे सकते हैं। इसलिए उन्हें अपना सही उपचार करने की सलाह दी जाती है।
उपायः अपनी कुंडली में शुक्र ग्रह के शुभ फल पाने के लिए "ॐ शुक्राय नमः" मंत्र का प्रतिदिन 24 बार जाप करें।
मिथुन राशि के स्वामी बुध है और यह वायु तत्व की राशि होती है। इसके अलावा शुक्र, बुध के मित्र ग्रह होते और वे मिथुन राशि के पांचवें भाव और बारहवें भाव की अध्यक्षता करते हैं। शुक्र मिथुन राशि के सातवें भाव में अस्त हैं।
ऐसे में शुक्र का ये प्रभाव कार्यक्षेत्र के लिहाज़ से आपको अपने वरिष्ठों और सहकर्मियों से प्रशंसा मिलने के योग बनाएगा। क्योंकि इस दौरान कार्यस्थल पर कार्यों को पूरा करने के लिए आपके प्रदर्शन की जमकर तारीफ़ होगी और आप प्रोत्साहन व अन्य लाभ प्राप्त करने में पूरी तरह सक्षम रहेंगे। कई नौकरीपेशा जातकों को कार्यक्षेत्र से संबंधित किसी विदेशी यात्रा पर जाने का अवसर भी मिलने वाला है।
वहीं यदि आप व्यवसाय से जुड़े हैं तो अच्छा मुनाफ़ा कमाने और अपने व्यापार में विस्तार करने के लिए यह समय अधिक उत्तम रहने वाला है। क्योंकि इस दौरान आप अपने प्रयास करते हुए स्वयं को विकसित करने में सक्षम होंगे। साथ ही आपको अपने बिजनेस पार्टनर के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने और उनके अनुकूल मूल्य को सुरक्षित करने में भी सफलता मिलेगी। ये वो समय होगा जब आप अपनी बुद्धि का सही इस्तेमाल कर अपने व्यवसाय में उन्नति करते दिखाई देंगे।
आर्थिक जीवन के लिहाज़ से शुक्र देव की कृपा से आप अपनी आमदनी में इजाफा करते हुए अपने धन की बचत करने में सक्षम रहेंगे। क्योंकि इस अवधि के दौरान आपके लिए बचत करना और अच्छा मुनाफ़ा अर्जित करने के कई योग बनते नज़र आ रहे हैं। ऐसे में आपकी कड़ी मेहनत ही आपको सही प्रोत्साहन व बोनस आदि के रूप में अच्छा लाभ देगी और इसके परिणामस्वरूप आप अपनी आर्थिक स्थिति बेहतर करने में सफल रहेंगे।
अब बात करें आपके निजी जीवन की तो आप इस समय अपने साथी को सही तरह से समझते हुए उनके साथ अपने अच्छे संबंध विकसित करने में सक्षम होंगे। इससे आपके और साथी दोनों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध देखे जाएंगे। साथ ही आप दोनों की बॉन्डिंग भी पहले से बेहतर दिखाई देगी।
हालांकि स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से आपको कुछ तनाव, थकान आदि से परेशानी संभव है। इसके अतिरिक्त इस समय आपको कोई बड़ी स्वास्थ्य संबंधी समस्या का सामना नहीं करना होगा। ऐसे में खुद को फिट और तनाव मुक्त रखने के लिए ध्यान व योग आदि करना आपके लिए अधिक बेहतर रहने वाला है।
उपायः गुरुवार के दिन वृद्ध ब्राह्मणों को भोजन कराएं और उनका आशीर्वाद लें।
कर्क चंद्रमा के आधिपत्य वाली जल तत्व की राशि है। कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके चौथे व ग्यारहवें भाव के स्वामी होते हैं और अब शुक्र अस्त होते हुए इस अवधि में आपके छठे भाव यानी ऋण, रोगों और प्रतिस्पर्धा के भाव में उपस्थित हैं।
ऐसे में कार्यक्षेत्र के लिहाज़ से नौकरीपेशा जातकों के लिए ये अवधि कष्टदायक सिद्ध होगी। क्योंकि इस समय कार्यस्थल पर आपको बॉस व वरिष्ठ अधिकारियों से संबंधित कई प्रतिकूल परिस्थितियों से दो-चार होना पड़ सकता है और वे आपके द्वारा किये गए कार्यों में काम की गुणवत्ता से भी नाखुश दिखाई देंगे। जिसके परिणामस्वरूप आपको पदोन्नति और अन्य लाभ प्राप्त नहीं होने से कुछ निराशा की अनुभूति भी होगी।
वहीं यदि आप व्यवसाय से जुड़े हैं तो उच्च स्तर का मुनाफ़ा हासिल करने में आपको समस्या आने की आशंका रहेगी। साथ ही इच्छानुसार आपके लाभ में काफी कमी देखी जाएगी। इतना ही नही अगर आप अपने लाभ को सुरक्षित भी करते हैं तो भी आप अच्छा मुनाफ़ा कमाने की स्थिति में नहीं होंगे। इसके अलावा पार्टनरशिप में व्यापार कर रहे जातकों का भी अपने साझेदार के साथ कुछ मतभेद संभव है।
अब बात करें आर्थिक जीवन की तो शुक्र देव का अस्त होना आपके खर्चों में काफी वृद्धि लेकर आएगा और इससे आप अपने धन से जुड़े लक्ष्यों को पूरा करने में सक्षम नहीं होंगे। कई जातकों को किसी प्रकार का कोई आर्थिक नुकसान भी संभव है। साथ ही धन की कमी के कारण कुछ जातक ऋण के रूप में धन उधार लेने का भी निर्णय लेते दिखाई देंगे।
निजी जीवन में शुक्र देव आपके अपने साथी के साथ संबंधों में कुछ समस्या देने के योग भी दर्शा रहे हैं। ऐसे में साथी के साथ अपना रिश्ता बेहतर बनाने के लिए आपको सही तालमेल बैठने का प्रयास करना होगा। वहीं स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी ये समयावधि अपनी मां के स्वास्थ्य के लिए आपका धन खर्च होने के योग बनाएगी। इसके परिणामस्वरूप आपको अपने धन का एक बड़ा भाग उनकी सेहत पर खर्च करना होगा, साथ ही आपको स्वयं भी अपनी आंखों का सही से ख्याल रखने की सख्त सलाह दी जाती है।
उपायः शनिवार के दिन कौवे को भोजन दान करें।
सिंह राशि के स्वामी सूर्य हैं और ये राशि अग्नि तत्व की राशि होती है। सिंह राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके भाई-बहनों के तीसरे भाव व करियर के दसवें भाव को नियंत्रित करते हैं और आपकी राशि से पंचम भाव में अस्त होंगे। ऐसे में इस कारण आपको अपनी संतान की वृद्धि और विकास से जुड़ी समस्या होने से तनाव मिलने की आशंका रहेगी।
करियर के लिहाज़ से आपको कुछ अवांछित यात्रा या किसी प्रकार के स्थानान्तरण का सामना भी करना पड़ सकता है और इससे आपको अपने लक्ष्य की प्राप्ति करने में बाधा आएगी। साथ ही ये वो समय होगा जब आप कड़ी मेहनत के बाद भी सही प्रसिद्धि व प्रोत्साहन हासिल नहीं कर सकेंगे और यह इस समय आपकी चिंता का सबसे बड़ा विषय हो सकता है।
वहीं यदि आप व्यवसाय से जुड़े हैं तो भी आपको इस समय अपने लक्ष्यों को प्राप्त करना असंभव सा प्रतीत हो सकता है। इसके अतिरिक्त पार्टनरशिप में व्यापार कर रहे जातकों को भी अपने पार्टनर के साथ संबंधों में शुक्र देव कई दिक्कतें देने का कार्य करेंगे। आर्थिक जीवन में शुक्र देव सिंह जातकों को मध्यम धन लाभ होने के योग दर्शा रहे हैं और इस कारण आपके लिए आमदनी अर्जित करने का दायरा सीमित हो जाएगा। साथ ही अपनी बचत के लिए भी आपके पास धन की काफी कमी रहेगी।
अब बात करें निजी जीवन की तो संचार समस्याओं के कारण आपके और साथी के बीच सामंजस्य की कमी देखी जा सकती है। हालांकि स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से ये समय दांपत्य जातकों को अपनी संतान के स्वास्थ्य को लेकर कुछ तनाव देने वाला है। साथ ही आपकी संतान को किसी प्रकार की एलर्जी होने का खतरा रहेगा और इसके चलते आपको अपना धन खर्च करना होगा। इसके अतिरिक्त आपको स्वयं भी अपनी देखभाल करने व अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने की आवश्यकता रहेगी। क्योंकि कई जातकों को शुक्र देव मोटापे की समस्या देने वाले हैं।
उपायः नियमित रूप से श्री दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
कन्या राशि पृथ्वी तत्व की राशि है जिनके स्वामी बुध ग्रह हैं। वहीं कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके दूसरे और नौवें भाव के स्वामी होते हैं और उनके घरेलू सुख, संपत्ति के चौथे भाव में अस्त होंगे। इसके कारण आपको अपने सभी प्रयासों में बेहतर परिणाम मिलने की संभावना रहेगी। साथ ही शुक्र देव आपको नए दोस्तों से मिलने और उनके साथ जुड़ने का अवसर भी इस दौरान देने वाले हैं।
करियर के लिहाज़ से आप कार्यक्षेत्र पर अपने काम में अच्छा प्रदर्शन देंगे और इससे आपकी मेहनत को सही प्रोत्साहन भी मिल सकेगा। कई जातक इस कारण कार्यस्थल पर अपने वरिष्ठ अधिकारियों और सहकर्मियों का सहयोग प्राप्त करते हुए अच्छा प्रमोशन भी हासिल करेंगे। वहीं यदि आप व्यवसाय में हैं तो आपको अच्छा मुनाफा कमाने और उसे बरकरार रखने के अच्छे मौके मिलेंगे। इस समय आपके लिए नए व्यापार से जुड़ना भी अनुकूल रहेगा।
अब बात करें आर्थिक पक्ष की तो शुक्र देव की कृपा से इस समय आप अपनी आमदनी में वृद्धि करते हुए, अपने धन की बचत भी कर सकेंगे। क्योंकि ये अवधि आपको अपने अच्छे प्रदर्शन के कारण प्रोत्साहन व बोनस के रूप में अतिरिक्त धन अर्जित करने में सक्षम बनाएगी। इसके अलावा निजी जीवन में भी आप अपने परिवार के सदस्यों और जीवनसाथी के साथ अच्छे संबंध बनाते हुए उनके साथ समय व्यतीत करेंगे। इसके परिणामस्वरूप शादीशुदा जातकों का अपने जीवनसाथी के साथ रिश्ता और अधिक मजबूत होता दिखाई देगा।
हालांकि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी इस समय आप अपनी अच्छी सेहत रखने में सक्षम होते हुए कोई बड़ी स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित नहीं नज़र आएंगे। लेकिन बावजूद इसके आपको अपने पैरों में दर्द को लेकर कुछ कष्ट संभव है, इसलिए उसके प्रति शुरुआत से ही सावधानी बरतें।
उपायः प्रतिदिन "श्री विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र" का जाप करें।
तुला वायु तत्व की राशि है जिनके स्वामी शुक्र होते हैं। इसके अलावा शुक्र देव आपके अष्टम भाव पर भी स्वामित्व रखते हैं और आपके तृतीय भाव में अस्त हैं। इसके परिणामस्वरूप आपको आसानी से शुभ फल नहीं मिल सकेंगे। क्योंकि इस दौरान आपको अपने मित्रों से भी विरोध का सामना करना पड़ सकता है।
करियर की बात करें तो नौकरीपेशा जातकों पर इस समय अतिरिक्त दबाव रहेगा और ये दबाव ही आपके लिए चिंता का बड़ा कारण रहने वाला है। कई जातक अपनी नौकरी बदलने या नौकरी के लिए विदेश जाने का प्लान भी करेंगे। साथ ही आपको अपने बॉस व वरिष्ठों के साथ संबंधों में समस्या को लेकर भी परेशानी होगी। आपके सहकर्मी भी आपका सहयोग नहीं करेंगे और बार-बार आपके मार्ग में बाधाएं उत्पन्न करते दिखाई देंगे।
वहीं यदि आप व्यवसाय करते हैं तो भी ये समय आपको उच्च लाभ नहीं होने के योग बनाएगा। जिससे आप समय पर अपने लक्ष्यों को पूरा नहीं करते हुए अपनी इच्छाएं पीछे छोड़ देंगे। हालांकि आप स्वयं के लिए मध्यम लाभ अर्जित कर सकते हैं, परंतु बावजूद इसके आपकी चिंता फिर भी बनी रहेंगी। वो जातक जो पार्टनरशिप के बिजनेस से जुड़े हैं उन्हें भी अपने पार्टनर के साथ अपने संबंधों में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
आर्थिक पक्ष के लिहाज़ से भी शुक्र देव आपकी समस्या बढ़ाते हुए आपके खर्चों में वृद्धि करने वाले हैं। इस कारण आप इच्छानुसार धन अर्जित करने में असफल होते हुए कुछ असंतुष्ट दिखाई देंगे। इसके अलावा निजी जीवन में ये अवधि आपके और जीवनसाथी के बीच वाद-विवाद की स्थिति उत्पन्न करेगी और इसके परिणामस्वरूप आप में सामंजस्य का अभाव देखा जा सकता है। ऐसे में आपको अपने रिश्ते को बेहतर और आपसी समझ को बनाए रखने के लिए अधिक प्रयासरत रहना होगा। कई शादीशुदा जातक अपने जीवनसाथी के साथ संबंधों में अहंकार संबंधी समस्याओं से भी परेशान दिखाई देंगे।
हालांकि स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से शुक्र देव आपको यूँ तो कोई बड़ी स्वास्थ्य संबंधी समस्या नहीं देंगे। परंतु बावजूद इसके आपको पैरों व जांघों में दर्द के कारण कुछ तनाव से दो-चार होना पड़ेगा।
उपायः मंगलवार और शुक्रवार के दिन किसी भी मंदिर में जाकर मां दुर्गा की विधि अनुसार पूजा करें।
वृश्चिक जल तत्व की राशि है, जिसके स्वामी मंगल ग्रह हैं। इसके अलावा शुक्र आपके बारहवें भाव व सप्तम भाव को नियंत्रित करते हैं और आपके संचित धन और संपत्ति के दूसरे भाव में अस्त हैं। जिसके परिणामस्वरूप आपको प्रतिकूल फम मिलेंगे और सुख की कमी भी रहेगी।
करियर के लिहाज़ से आप कार्यक्षेत्र पर अपने कार्य को पूरा करने में असमर्थ रहेंगे और यही आपके लिए चिंता का सबसे बड़ा कारण रहने वाला है। अपने वरिष्ठों और सहकर्मियों के साथ संबंधों में भी आपको समस्या होगी। साथ ही आप पर कार्यस्थल का दबाव भी अधिक होगा और संभव है कि आप जो भी मेहनत करेंगे आपको उसके लिए सही प्रोत्साहन नहीं मिलेगा।
वहीं यदि आप व्यवसाय में हैं तो भी आप मुनाफे से संबंधित उच्च परिणाम प्राप्त करने में असक्षम रहेंगे। कई जातकों को व्यापार में कुछ हानि भी संभव है। पार्टनरशिप के बिज़नेस से जुड़े जातक भी अपने भागीदार के साथ संबंधों में समस्या महसूस करेंगे। इसलिए आपको अपने व्यापार के लिए कम जोखिम भरी सुरक्षित योजना बनाने की सलाह दी जाती है।
अब बात करें आर्थिक जीवन की तो इस समय आपके खर्चों में वृद्धि देखी जाएगी। साथ ही आपको धन से जुड़ा काफी नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। आशंका ये भी है कि आप अपने धन को संचय करने में असफल होते हुए कुछ वस्तुओं पर फिजूलखर्ची भी करें।
इसके अलावा निजी जीवन में आप अपने जीवनसाथी के साथ संबंधों में सामंजस्य की कमी महसूस करेंगे। क्योंकि आपको जीवनसाथी के साथ कुछ अहंकार की वृद्धि के कारण आपसी बहस का सामना करना पड़ेगा। वहीं स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से शुक्र देव आपको आंखों से संबंधित कुछ समस्या दे सकते हैं। हालांकि इसके अतिरिक्त आपको कोई बड़ी स्वास्थ्य समस्या नहीं होगी। इसलिए इस समय सबसे अधिक अपनी आंखों की ख़ास देखभाल करें।
उपायः शुक्र देव के लाभकारी परिणामों की प्राप्ति हेतु नियमित रूप से सौन्दर्य लहरी का जाप करें।
धनु अग्नि तत्व की राशि है, जिसका प्रतिनिधित्व बृहस्पति करते हैं और शुक्र का अस्त होना विशेष रूप से आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण रहने वाला है। क्योंकि शुक्र आपके छठे भाव और ग्यारहवें भाव पर शासन करते हैं और अब वे इस दौरान आपकी ही राशि अर्थात आपके पहले भाव में अस्त हैं। इसके परिणामस्वरूप आपको एलर्जी और सर्दी-जुकाम की समस्या होने का खतरा सबसे अधिक रहने वाला है।
करियर की बात करें तो कार्यक्षेत्र पर काम का अधिक दबाव होगा और साथ ही अपने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आपके संबंध कुछ बिगड़ सकते हैं, जिसके कारण आप कड़ी मेहनत व अच्छा प्रदर्शन देने के बावजूद भी कार्यस्थल पर सही मान-सम्मान हासिल नहीं कर सकेंगे और इससे आपका मानिसक तनाव भी बढ़ सकता है। वहीं वो जातक जो व्यवसाय से जुड़े हैं उन्हें खासतौर से इस दौरान अपने व्यवसाय में विस्तार के लिए सही योजना बनाने और उन योजनाओं को कुशल तरीके से चलाने की आवश्यकता होगी। इसके अलावा यदि आप पार्टनरशिप के व्यापार में हैं तो अपने भागीदारों के साथ संबंधों में विवाद के कारण आपको कुछ समस्याओं से दो-चार होना पड़ेगा। इससे कई जातकों को व्यापार में भारी नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। ऐसे में नए निवेश आदि से जुड़े व्यवसाय के संबंध में बड़े निर्णय लेना अभी आपके लिए थोड़ा प्रतिकूल रहेगा। इसलिए अभी निवेश संबंधी कोई भी निर्णय लेने से बचें।
आर्थिक जीवन के लिहाज़ से समझें तो इस समय आपकी उच्च स्तर की प्रतिबद्धता के कारण आपके खर्चों में काफी बढ़ोतरी देखी जाएगी, जिसके फलस्वरूप आप धन की सही बचत करने में असफल होंगे। अपनी इस स्थिति के चलते आप कुछ धन उधार लेने के बारे में भी विचार करते हुए खुद पर ऋण का बोझ बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा निजी जीवन में भी आपको अपने जीवनसाथी के साथ खुशी की अनुभूति न होने से असंतुष्टि महसूस होगी। हालांकि इसके पीछे का मुख्य कारण घर-परिवार की अशांति को देखा जा सकता है। इसलिए इस समय आपके लिए सबसे अधिक अपने साथी के साथ सही तालमेल बिठाने और आपसी समझ को बनाए रखना ज़रूरी होगा।
शुक्र देव स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से आपको कुछ तनाव दे सकते हैं। इसलिए आपको अपनी सेहत के प्रति लापरवाही न बरतते हुए खुद को अधिक स्वस्थ रखने के लिए ध्यान लगाने की सलाह दी जाती है।
उपायः रोजाना पास ही के किसी भी मंदिर में जाकर भगवान शिव को दूध चढ़ाएं।
मकर पृथ्वी तत्व की राशि है और इनके स्वामी शनि हैं। मकर राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके पांचवें व दसवें भाव के स्वामी होते हैं और आपके बारहवें भाव में अस्त हैं। आपके द्वादश भाव में शुक्र की उपस्थिति के कारण आपको अपने द्वारा किए जा रहे प्रयासों में बाधाओं और देरी का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही आशंका ये भी है कि आप इस समय अपने जीवन में पर्याप्त सुख प्राप्त करने में सक्षम न हों।
करियर की बात करें तो कार्यक्षेत्र पर आपके द्वारा की जा रही कड़ी मेहनत के लिए आपको अपने वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा उचित प्रोत्साहन नहीं मिलेगा और इससे आपको निराशा की अनुभूति भी होगी। साथ ही कार्यस्थल पर काम का उच्च दबाव भी आपकी चिंता बढ़ाएगा। वहीं व्यवसाय से जुड़े जातकों के लिए इस अवधि में धैर्य रखना ही सबसे अधिक बेहतर विकल्प रहने वाला है। क्योंकि ये समय आपको कोई बड़ी सफलता दिलाने के लिए उम्मीद से कम अनुकूल रहने वाला है। हालांकि योग ये भी बन रहे हैं कि इस समय आपको कुछ लाभ तो होगा, परंतु वो लाभ आपकी अपेक्षाओं से बहुत कम रहेगा। साथ ही यदि आप पार्टनरशिप के व्यापार से जुड़े हैं तो आपको अपने और साझेदार के साथ संबंध बेहतर करने की अधिक आवश्यकता होगी। क्योंकि आशंका है कि आपको अपने साथी के साथ कई समस्याओं का सामना करना पड़े और इसका नकारात्मक प्रभाव सीधे तौर पर आपके संबंधों पर दिखाई देगा। इसके अतिरिक्त आपको व्यवसाय से जुड़े सभी बड़े निर्णय लेने से भी अभी बचने की ज़रूरत होगी।
आर्थिक जीवन के लिहाज़ से ये समय आपको धन लाभ होने के योग तो बनाएगा। लेकिन आशंका अधिक है कि आप जो भी धन अर्जित करेंगे वो आपकी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं होगा। इसके चलते कई ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न होंगी जिसमें आप अपने बेकार के खर्चों को पूरा करने के लिए किसी प्रकार का ऋण या कर्ज लेने का फैसला भी कर सकते हैं।
वहीं निजी जीवन में आपके और पार्टनर के संबंधों में तालमेल की काफी कमी होगी। आप दोनों का रिश्ता अहंकार संबंधित कुछ मुद्दों के कारण भी प्रभावित होगा और इससे आपकी चिंताएं बढ़ जाएंगी। इसलिए अपने रिश्ते पर अहंकार को हावी न होने दें। इसके अलावा स्वास्थ्य की दृष्टि से शुक्र देव आपको अपने पैरों, जोड़ों आदि में दर्द की समस्या देने वाले हैं। कई जातक अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर होने के कारण भी पाचन संबंधी समस्याओं से पीड़ित नज़र आएंगे।
उपायः लगातार 6 शुक्रवार विवाहित महिलाओं में दही और चावल का दान करें।
कुंभ वायु तत्व की राशि है जिनके स्वामी शनि है। कुंभ राशि वालों के लिए शुक्र उनके चौथे व नौवें भाव पर शासन करते हैं और इस समय वे आपके एकादश भाव में अस्त हैं। ऐसे में एकादश भाव में शुक्र की उपस्थिति आपके जीवन में सफलता और खुशियां लेकर आएगी। ये समय आपके लिए बहुत भाग्यशाली होने के साथ-साथ आपके ही पक्ष में रहेगा।
करियर में भी नौकरीपेशा जातकों को नौकरी के नए अवसर मिलेंगे और इससे उन्हें खुशी की अनुभूति भी होगी। साथ ही कार्यस्थल पर आप जो भी काम करेंगे वो सफल होने से आपको अपने वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा मान-सम्मान, प्रोत्साहन और पदोन्नति भी संभव है। वहीं यदि आप व्यवसाय करते हैं तो भी ये अवधि सभी परिणाम आपके पक्ष में देते हुए आपको उच्च लाभ मिलने के योग बनाएगी। कई जातक व्यवसाय संबंधी नए संबंध स्थापित करेंगे और इससे वे अपनी सीमाओं का विस्तार करने हेतु कोई नया व्यवसाय भी शुरू कर सकते हैं। पार्टनरशिप में व्यापार कर रहे जातकों को भी शुक्र देव की कृपा से अपने पार्टनर का पूरा सहयोग मिलेगा।
अब बात करें आर्थिक जीवन की तो आप जो भी कार्य करेंगे, उससे आपको अच्छा मुनाफ़ा अर्जित करने के लिए ये अवधि विशेष अनुकूल रहने वाली है। कार्यस्थल पर आपकी मेहनत आपको वेतन वृद्धि दिलाएगी, इससे कई जातकों के लिए प्रमोशन के भी योग बनेंगे। वहीं निजी जीवन में आपको अपने जीवनसाथी के साथ संबंधों में खुशी और प्रेम की अनुभूति होगी। साथ ही आप जीवनसाथी के साथ अपने संबंध मधुर करते हुए आपसी समझ को बढ़ाने में सफल रहने वाले हैं।
स्वास्थ्य के लिहाज़ से भी शुक्र देव का अस्त होना आपको अच्छी फिटनेस और उच्च स्तर की ऊर्जा देने का कार्य करेगा। इससे आप अंदर से बहुत उत्साहित नज़र आएंगे।
उपायः प्रतिदिन देवी लक्ष्मी जी की पूजा करें और उनके समक्ष घी का एक दीपक ज़रूर जलाएं।
मीन जल तत्व की राशि है और गुरु बृहस्पति इसके स्वामी होते हैं। मीन राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके तीसरे व आठवें भाव को नियंत्रित करते हैं और वे आपके दशम भाव में अस्त हैं। ऐसे में शुक्र का आपके दशम भाव में उपस्थित होना आपको हर कार्य को पूरा करने में समस्या दे सकता है और इससे आपके जीवन में कुछ निराशा भी देखी जाएगी।
करियर को समझें तो नौकरीपेशा जातकों पर अपनी नौकरी का अधिक दबाव होगा और साथ ही बॉस व अधिकारी भी उनकी समस्या बढ़ाने का कार्य करेंगे। ये वो अवधि होगी जब आपकी मेहनत को आसानी से पहचाना व प्रोत्साहन नहीं मिलेगा और इससे आप काफी दुखी दिखाई देंगे। कार्यस्थल की ये विपरीत परिस्थितियों कुछ जातकों को अचानक उनकी नौकरी में बदलाव या नौकरी में ट्रांसफर भी देने के योग बनाएगी। वहीं यदि आप व्यापार करते हैं तो भी आपको अधिक सावधान रहने की सलाह दी जाती है। क्योंकि ये समय आपको व्यापार से संबंधित कुछ हानि होने की स्थिति बनाएगा। इससे आपके व्यवसाय में विस्तार का दायरा भी सीमित हो सकता है। वो जातक जो पार्टनरशिप में व्यापार करते हैं उनके और पार्टनर के बीच शेयर के वितरण को लेकर भी कुछ समस्या उत्पन्न होने की आशंका रहने वाली है।
आर्थिक पक्ष के लिहाज़ से समझें तो आपको इस समय सबसे अधिक अपने बढ़ते खर्चों के कारण परेशानी होगी। साथ ही आप अधिक धन प्राप्ति के लिए जो भी प्रयास करेंगे उसमें भी आपको खासा देरी हो सकती है। इससे कई जातकों को कुछ अप्रत्याशित धन का नुकसान भी होने से निराशा होगी। निजी जीवन भी उम्मीद से कम ही अच्छा रहेगा। क्योंकि इस समय आपके और पार्टनर के बीच समझ की कमी के कारण आप दोनों के संबंधों में विवाद देखा जा सकता है। इसके परिणामस्वरूप आपको अपने जीवनसाथी के साथ बात-बात पर मतभेद का सामना करना होगा।
अब बात करें स्वास्थ्य दृष्टिकोण की तो शुक्र देव का अस्त होना आपको सबसे अधिक गले की समस्या दे सकता है। हालांकि इसके अतिरिक्त आपको स्वास्थ्य संबंधी कोई बड़ी समस्या नहीं होगी।
उपायः प्रतिदिन मां दुर्गा और मां लक्ष्मी की पूजा करें।
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