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वक्री बुध का वृषभ राशि में गोचर (3 जून 2021)

बुध हमारे जीवन में बुधि, संचार, व्यापार और प्रबंधन का कारक माना जाता है. इसलिए कुंडली में इसकी स्थिति का बहुत महत्व होता है। बुध वक्री से संबंधित कुछ मिथक हैं। आमतौर पर यह माना जाता है कि वक्री बुध जीवन में कठिनाई और बहुत परेशानी लाता है, लेकिन वास्तव में यह सच नहीं है क्योंकि वक्री बुध हमेशा कठिनाई और दुर्भाग्य नहीं लाता। इसके विपरीत, यह बहुत सारी खुशियां और समृद्धि ला सकता है।

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वक्री बुध का वृषभ राशि में गोचर

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, वक्री बुध के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभाव हैं। हालांकि, वक्री बुध के प्रभाव की गणना बुध की अन्य ग्रहों के साथ स्थिति और युति के आधार पर की जाती है। ज्योतिष में, बुध को एक शुभ ग्रह माना जाता है; हालांकि अशुभ ग्रहों के प्रभाव के कारण, यह प्रतिकूल प्रभाव पैदा करता है। जब बुध वक्री हो जाता है, तो इसका प्रभाव और भी मजबूत हो जाता है। यदि किसी ग्रह पर बुध का नकारात्मक प्रभाव है, तो बुध का वक्री गंभीर परिणाम ला सकता है। लेकिन बुध बहुत अच्छी स्थिति में है तो बुध वक्री उत्कृष्ट परिणाम दे सकता है।

वृषभ राशि में बुध की वक्री गति 3 जून, 2021 को सुबह 3:46 बजे से शुरू होगी। यह इस राशि में 7 जुलाई, 2021 की सुबह 10:59 बजे तक रहेगा और उसके बाद मिथुन राशि में प्रवेश कर जाएगा।

आईए देखते हैं कि सभी राशियों के लिए इस वक्री का क्या परिणाम होगा।

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मेष

राशि चक्र की प्रथम राशि मेष के जातकों के लिए बुध उनके तृतीय और षष्ठ भाव का स्वामी है। वक्री बुध आपके द्वितीय भाव में गोचर करेगा जोकि धन, वाणी, भोजन, कुटुंब आदि का कारक माना जाता है। इस गोचर की स्थिति के अनुसार आप अपनी वाणी का सही इस्तेमाल कर पाएंगे और इससे आपको कार्यक्षेत्र और निजी जीवन में सफलता मिलेगी। आपकी वाणी में तेजस्विता देखी जा सकती है और इससे आपके आसपास के लोग आपसे प्रभावित भी होंगे। पैतृक संपत्ति को लेकर कुछ मतभेद परिवार वालों के साथ हो सकते हैं। आर्थिक रूप से यह गोचर आपको अच्छे फल देगा आप धन कमाने में सक्षम होंगे। इस राशि के विद्यार्थियों को भी इस गोचर के दौरान सफलता मिलेगी खासकर उन विद्यार्थियों को जो प्रतियोगी परीक्षाओं में हिस्सा लेने वाले हैं। यदि आप किसी रिश्ते में है तो यह समय उलझनों को मिटाने और आपसी मतभेदों को दूर करने के लिए अच्छा है।

उपाय: भगवान गणेश की पूजा करें।

वृषभ

इस राशि के जातकों के लिए बुध द्वितीय और पंचम भाव का स्वामी है और यह आपके प्रथम भाव यानि कि लग्न भाव में वक्री गोचर करेगा। प्रथम भाव आपकी आत्मा और आपके व्यक्तित्व को दर्शाता है। बुध की यह स्थिति आर्थिक मामलों को लेकर लिए जाने वाले आपके फैसलों पर असर डाल सकती है, आपको सलाह दी जाती है कि कारोबार से संबंधित कोई भी डील करने से पहले उसके बारे में अच्छे से जान लें। कोई भी नया उद्योग शुरू करने में बहुत सावधानी बरतें खासकर जब इसमें आप भारी निवेश करने वाले हों। यदि आप किसी प्रेम संबंध में हैं तो इस दौरान आपके अंदर प्रेम और कोमलता की अधिकता देखी जाएगी। यह समय प्रेमी-प्रेमिकाओं के बीच की दूरियों को कम करेगा और यदि किसी तरह की गलतफहमी थी तो वह भी दूर हो जाएगी। रिश्ते को मजबूती देने के लिए अच्छा समय है। अगर आप विद्यार्थी हैं तो आपको भी इस गोचर का लाभ मिलेगा। इस गोचर के दौरान आपका स्वास्थ्य भी अच्छा बना रहेगा अगर आप बीमार हैं तो इस दौरान बहुत सेहत में सुधार होने की गति तेज होगी।

उपाय: बुध बीज मंत्र ‘ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः’ का जाप करें।

मिथुन

मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध उनके प्रथम और चतुर्थ भाव का स्वामी है। यह ग्रह आपके द्वादश भाव में वक्री गोचर करेगा। द्वादश भाव विदेशो से आपके संबंध हानि आदि को दर्शाता है। बुध का वक्री गोचर मिथुन राशि के जातकों के संचार पर प्रभाव डाल सकता है खासकर सामाजिक स्तर पर। संभव है कि इस दौरान आपकी बातों को उस तरह से न समझा जाए जिस तरह से आप समझाना चाहते हैं। इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि बातचीत के दौरान शब्दों का इस्तेमाल सावधानी से करें। इसके साथ ही कंप्यूटर, मोबाइल जैसे यंत्रों को भी बुध ग्रह से ही संबंधित माना जाता है इसलिए कंप्यूटर में पड़ी सामग्री को सावधानी से रखें डाटा खोने की या कंप्यूटर में किसी तरह की खराबी आने की संभावना है। इसलिए जरूरी फाइलों का बैकअप बनाकर रखें। आर्थिक रूप से आपकी स्थिति संतुलित रहेगी हालांकि आपके थोड़े बहुत खर्चे भी अवश्य होंगे। इस दौरान प्रॉपर्टी से संबंधित कोई मामला यदि कोर्ट कचहरी में चल रहा है तो उसका नतीजा आपके खिलाफ जा सकता है, इसलिए ऐसे मामलों में ज्यादा इंवॉल्व ना हों और हो सके तो इसे आगे के लिए टाल दें। इस दौरान अपने स्वास्थ्य का तो आपको ध्यान रखना ही होगा साथ ही आपको अपनी माता के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना होगा क्योंकि उन्हें स्वास्थ्य संबंधी कुछ परेशानियां हो सकती हैं।

उपाय: श्री सूक्त का रोज पाठ करें और बुधवार को गाय को पालक खिलाएं।

कर्क

कर्क राशि के जातकों के लिए बुध उनके तृतीय और द्वादश भाव का स्वामी है। बुध का वक्री गोचर आपके लाभ और इच्छाओं के एकादश भाव में होगा। बुध का यह गोचर आपके दैनिक वार्तालाप में कुछ दिक्कतें पैदा कर सकता है। हालांकि आपकी बात करने की अच्छी क्षमता से आप कई स्थितियों को संभाल लेंगे और अपनी बातों को लोगों को स्पष्टता से समझा पाएंगे। यह वक्री गोचर आपके घरेलू जीवन के लिए काफी खुशहाल रहेगा, यदि घर का कोई कार्य है और उसमें आपकी सहायता चाहिए तो इस दौरान आप खुलकर घर वालों का साथ दे सकते हैं, ऐसा करना आपके लिए अच्छा भी होगा। पारिवारिक मेलजोल के लिए यह समय अच्छा है। हालांकि आपको इस दौरान नए किराये के घर में जाने या नया घर खरीदने से बचना चाहिए। जो विद्यार्थी विदेशों में जाकर शिक्षा अर्जित करना चाहते हैं उन्हें बुध के वक्री गोचर के दौरान ऐसा करने से बचना चाहिए और बुध के मार्गी होने पर विदेश जाने की योजना बनानी चाहिए। इस दौरान खुद का अध्ययन करके आप अपने लक्ष्य को जान सकते हैं और अपने लक्ष्य पर अच्छी तरह से ध्यान एकाग्र कर सकते हैं।

उपाय: बुधवार के दिन भगवान गणेश को दूर्वा घास चढ़ाएं।

सिंह

जिन जातकों की चंद्र राशि सिंह है उनके लिए बुध द्वितीय और एकादश भाव का स्वामी है। अपने इस वक्री गति के दौरान बुध आपके करियर और प्रतिष्ठा के दशम भाव में स्थित होगा। बुध का यह वक्री गोचर सिंह राशि वालों को भावनात्मक रूप से सक्रिय करेगा इस दौरान आपके शब्दों और विचारों में आकर्षण देखा जा सकता है। आपका ऐसा करना आपके रिश्ते में भी नयापन भी लाएगा। यह गोचर आपकी बुधिमत्ता को भी बढ़ाएगा जिससे पेशेवर जीवन में इस राशि के लोगों को अच्छे फल प्राप्त होंगे। लेकिन ध्यान रखें कि कुछ दिक्कतें आपके रास्ते में आ सकती हैं, हालांकि आपको बड़े परिदृश्य में वर्तमान स्थिति को देखना चाहिए और अपने लक्ष्य पर लगातार ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करनी चाहिए। इस दौरान आपको अपनी माता के स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा क्योंकि बुध की सप्तम दृष्टि आपके चतुर्थ भाव पर होगी, इसलिए उनका स्वास्थ्य बिगड़ सकता है।

उपाय: गणेश मंदिर जाएं और भगवान गणेश को 21 दूर्वा चढ़ाएं।

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कन्या

कन्या राशि के जातकों के लिए बुध उनके प्रथम और दशम भाव का स्वामी है। वर्तमान गोचर की स्थिति में यह आपके नवम भाव में विराजमान होगा यह भाव धर्म अध्यात्म भाग्य आदि का कारक माना जाता है। बुध का आपके नवम भाव में वक्री गोचर आपके अंदर निराशा की भावना ला सकता है। हालांकि सामाजिक जीवन में आप अच्छे फल इस दौरान पा सकेंगे और आपकी ख्याति बढ़ेगी। इस राशि के जातक दान पुण्य के काम में भी हिस्सा ले सकते हैं। प्रेम और विवाह के रिश्ते में सुखद बदलाव आने की पूरी संभावना है। आपके स्वास्थ्य जीवन पर नजर डाली जाए तो थोड़ी बहुत दिक्कतें आपको आ सकती हैं लेकिन आप अपना ढ़ंग से ध्यान रखते हैं तो इन स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से बच सकते हैं। इस दौरान आपको जल्दबाजी करने से बचना, इस समय वह चीजें आपके काम आ सकती हैं जिनकी अतीत में आपने उपेक्षा की थी।

उपाय: इस दौरान अपने माता-पिता के साथ तीर्थ यात्रा पर जाएँ।

तुला

तुला राशि के जातकों के लिए बुध नवम और द्वादश भाव का स्वामी है और यह आपके गूढ़ विद्याओं, अचानक होने वाले लाभ, ससुराल पक्ष के अष्टम भाव में गोचर कर रहा है। इस दौरान तुला राशि के जातकों को बहुत संभलकर रहना होगा खासकर आर्थिक मामलों को लेकर क्योंकि अचानक धन हानि हो सकती है। इस राशि के जो जातक प्रेम के रिश्ते में हैं उनके जीवन में कुछ उतार-चढ़ाव इस दौरान आ सकते हैं। इसके साथ ही पारिवारिक रिश्ते, दोस्तों, बिजनेस पार्टनर के साथ भी कुछ दिक्कतों का सामना आपको करना पड़ सकता है। बुध की इस वक्री गति के दौरान इस राशि के जातक गूढ़ विद्याओं को जानने की कोशिश कर सकते हैं, आध्यात्मिक विषयों में भी आपकी रूचि बढ़ सकती है। स्वास्थ्य जीवन पर नजर डाली जाए तो यह समय अच्छा रहेगा हालांकि आपको अपनी सेहत का ख्याल अवश्य रखना होगा और प्रतिदिन योग्य, व्यायाम आदि करना होगा।

उपाय: माँ दुर्गा के लिए दुर्गा सप्तशती का पाठ करें

वृश्चिक

मंगल के स्वामित्व वाली वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध उनके अष्टम और एकादश भाव का स्वामी है जोकि वक्री गति करते हुए उनके पार्टनरशिप, विवाह आदि के सप्तम भाव में गोचर कर रहा है। बुध का यह वक्री गोचर सगे-संबंधियों के प्रति आपकी गलत धारणा बना सकता है जिसके कारण आप परेशानियों का सामना कर सकते हैं। यदि किसी रिश्ते में संवादहीनता आ गई है तो उसमें भी कुछ दिक्कतें आपको आ सकती हैं। आपको सलाह दी जाती है कि रिश्तों को मजबूत करने के लिए छोटी-छोटी समस्याओं को दूर करें और गलतफहमियों को बढ़ने से रोकने की कोशिश करें। इस राशि के जातक बुध की वक्री गति के दौरान उलझनों में हो सकते हैं और इस दौरान शब्दों के गलत प्रयोग करने के कारण आप अपने कारोबारी साझेदारों से झगड़ सकते हैं। किसी भी रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए आपको अपनी वाणी में सुधार लाने की आवश्यकता होगी। इस राशि के जो जातक शादीशुदा हैं उनके जीवनसाथी की तबीयत खराब हो सकती है, इसलिए उनका आपको विशेष ध्यान रखना होगा।

उपाय: सुबह स्नान करने के बाद गाय को हरा चारा खिलाएं और संभव हो तो गणेश मंदिर जाएं।

धनु

धनु राशि के जातकों के लिए बुध सप्तम और दशम भाव का स्वामी है जो कि आपके दुश्मनों, नौकरी, प्रतियोगिताओं आदि के छठे भाव में वक्री गोचर कर रहा है। बुध का यह वक्री आपको अपनी सारी समस्याओं को सुलझाने का मौका देगा, उन समस्याओं को भी जिन पर अभी तक आप ध्यान नहीं दे पाए थे। आप अपने हर कार्य में इस दौरान बहुत सतर्क रहेंगे। पेशेवर रूप से इस राशि के जातक कार्यक्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करेंगे और इससे उनको लाभ और उच्च अधिकारियों का सम्मान भी प्राप्त होगा। खर्चे बढ़ सकते हैं इसलिए अच्छा बजट प्लान करके चलें और सोच-समझकर पैसा खर्च करें। इस दौरान आपका साहस और पराक्रम विरोधियों पर आपको विजय दिलाएगा। यदि आप वाहन चलाते हैं तो इस दौरान सावधान रहें। वैवाहिक जीवन में यदि किसी समस्या का सामना कर रहे हैं तो आपको बहुत सच्चाई के साथ उसे सुलझाने की कोशिश करनी होगी नहीं तो स्थिति और खराब हो सकती है। धनु राशि के जो लोग प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं या विदेश जाकर पढ़ने का विचार बना रहे हैं उनके लिए यह गोचर काफी अच्छा रह सकता है।

उपाय: संकटमोचन गणेश स्तोत्र का पाठ करके भगवान गणेश की पूजा करें और उन्हें 21 दुर्गा अर्पित करें।

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मकर

बुध ग्रह आपके छठे और नवम भाव का स्वामी है और यह आपके प्रेम, बुद्धि, संतान आदि के पंचम भाव में वक्री गोचर कर रहा है। बुध का यह गोचर आपकी रचनात्मकता को बढ़ा सकता है लेकिन तब जब आप ऐसा चाहें। इस दौरान आपको अपने लिए एक ऐसी स्थिति तलाश करनी चाहिए जहां आप चीजों के हिसाब से ना ढलें बल्कि चीजें आपके हिसाब से हों। इस दौरान आपकी आध्यात्मिक प्रवृत्ति में इजाफा हो सकता है जिससे आपको लाभ मिलने की भी संभावना है। जो विद्यार्थी उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं उनको इस गोचर का लाभ मिलेगा वहीं उन जातकों के लिए भी यह समय अच्छा रहेगा जो विदेशों में जाकर अपना करियर बनाना चाहते हैं। यदि आप अभी तक सिंगल हैं तो किसी खास से आप मिल सकते हैं। आपके स्वास्थ्य पर नजर डाली जाए तो पेट से संबंधित कुछ समस्याएं आपको हो सकती हैं इसलिए आपको जंक फूड खाने से इस दौरान बचना चाहिए। इस दौरान अपने क्रोध पर नियंत्रण रखें और बातचीत के दौरान अच्छे और शालीन शब्दों का प्रयोग करें।

उपाय: बुधवार को गणेश मंदिर जाएं

कुंभ

कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध उनके पंचम और अष्टम भाव का स्वामी है और यह वक्री करते हुए आपके चतुर्थ भाव में गोचर करेगा। चतुर्थ भाव आपकी माता, सुख, भूमि-भवन, वाहन आदि का माना जाता है। बुध का यह गोचर आपको एक कदम पीछे जाकर स्थितियों के बारे में सोचने का मौका देगा और स्थितियों का सुधारने का भी आपको मौका मिलेगा। जो आप चाहते हैं उसे जीवन में उतारने के लिए किसी भी सवाल को पूछने में संकोच न करें और अपनी आंतरिक उलझनों को इस दौरान खत्म करने की कोशिश करें। आपकी अंतर्दृष्टि भविष्य में आपके कार्यों को सही रूप से करने में आपकी मदद कर सकती है। आपके पेशेवर जीवन पर नजर डाली जाए तो अचानक आपको लाभ होने की संभावना है, कार्यक्षेत्र में माहौल भी आपके अनुकूल रहेगा। बुध की इस वक्री गति के दौरान कार्यक्षेत्र में आप जितना अच्छा कार्य करेंगे उतना ही अच्छा फल आपको प्राप्त होगा। यदि आप किसी रिश्ते में है तो इस दौरान सावधान रहें क्योंकि रिश्तों में अलगाव आने की संभावना है। इस राशि के जो जातक सिंगल है उन्हें कोई खास इस दौरान में सकता है। कुंभ राशि के जातकों को अपनी माता के स्वास्थ्य का इस दौरान ध्यान रखना होगा पिता के साथ आपके वैचारिक मतभेद होने के कारण नोक-झोंक हो सकती है।

उपाय: भगवान गणेश को दुर्वा अर्पित करें और गणेश अथर्वशीर्ष का पाठ करें।

मीन

मीन राशि के जातकों के लिए बुध उनके चतुर्थ और सप्तम भाव का स्वामी है। वर्तमान अवस्था में बुध आपके साहस-पराक्रम, यात्राओं और छोटे भाई बहनों के तृतीय भाव में वक्री गोचर करेगा। बुध का यह गोचर आपको उलझन में डाल सकता है जिससे आपका आत्मविश्वास कमजोर हो सकता है। आपके रास्ते में आने वाली परेशानियां आपको बेहतर तरीके से यह बताने में कामयाब होंगी कि आपके लिए क्या बेहतर है और आपको क्या नहीं करना चाहिए। आप कूटनीतिक रूप से रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर करने की कोशिश करें। इस वक्री गोचर के दौरान आपकी संचार क्षमताओं में वृद्धि होगी और इससे आपको लाभ भी होगा। आपके आर्थिक पक्ष की बात की जाए तो आप कई स्रोतों से इस दौरान धन कमा सकते हैं। इस राशि के कुछ लोग छोटी दूरी की यात्राएं इस दौरान कर सकते हैं लेकिन, आप यदि बुध के वक्री गोचर के दौरान यात्राएं न करें तभी आपके लिए अच्छा रहेगा। इस राशि के जो जातक प्रेम संबंधों में हैं वह अपने साथी से अटेंशन चाहेंगे, आपको सलाह दी जाती है कि उनके साथ ज्यादा से ज्यादा समय व्यतीत करें। स्वास्थ्य में कुछ परेशानियां इस राशि के जातकों को आ सकती हैं इसलिए आपको समय-समय पर डॉक्टरी जांच कराने की सलाह दी जाती है। अपने दृष्टिकोण को स्पष्ट रखें और हर कार्य में बेहतर करने के लिए ज्ञान अर्जित करते रहें।

उपाय: मंदिर में कुछ दान करें, या मंदिर में जाकर सफाई करें।

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