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मंगल का मेष राशि में गोचर (27 जून 2022)

मंगल का मेष राशि में गोचर 27 जून, 2022 को होने जा रहा है। वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह लाल ग्रह के नाम से भी विख्यात है। जो भूमि, सेना, पराक्रम और ऊर्जा का कारक ग्रह होता है और इस ग्रह को राशि चक्र की मेष राशि और वृश्चिक राशि का स्वामित्व भी प्राप्त है। इसके अलावा शनि देव की मकर राशि इनकी उच्च राशि है तो वहीं चन्द्रमा की कर्क इसकी नीच राशि मानी गई है। ऐसे में अपनी उच्च राशि में मंगल देव शक्तिशाली होते हैं। परंतु नीच राशि में उनकी उपस्थिति अशुभ स्थितियों का निर्माण करती है।

मंगल का मेष राशि में गोचर

जन्म कुंडली में मंगल ग्रह के द्वारा ही मांगलिक दोष का निर्माण होता है। ऐसे में यदि किसी जातक की कुंडली के प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम या फिर द्वादश भाव में मंगल देव मौजूद हो तो ये अवस्था उस जातक की कुंडली मांगलिक दोष दर्शाती है। इसी दोष के कारण जातक के वैवाहिक जीवन में समस्या, विवाह में विलंब आदि परेशानियां उत्पन्न होती हैं।

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मेष राशि में मंगल के गोचर का समय


ऐसे में अब यही लाल ग्रह मंगल का मेष राशि में गोचर 27 जून, सोमवार सुबह 5 बजकर 39 मिनट पर अपने मित्र ग्रह गुरु बृहस्पति की राशि मीन से होगा। चूंकि मेष राशि मंगल देव के ही आधिपत्य वाली राशि होने के साथ-साथ अग्नि तत्व की राशि है और मंगल ग्रह स्वयं भी एक अग्नि तत्व प्रधान ग्रह है। इसलिए मेष राशि में मंगल का ये गोचर ख़ासा महत्वपूर्ण रहने वाला है। तो आइये अब विस्तार से जानते हैं कि मंगल के मेष राशि में गोचर का सभी बारह राशियों के लोगों को कैसा फल मिलने वाला है।

Read in English: Mars Transit in Aries

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मेष

मंगल ग्रह मेष राशि के प्रथम यानी लग्न भाव के स्वामी होने के साथ-साथ आपके अष्टम भाव के स्वामी भी होते है। अब मंगल देव इस गोचर के दौरान आपकी ही राशि अर्थात आपके प्रथम भाव में विराजमान होंगे। कुंडली में जहाँ प्रथम भाव आपकी चारित्रिक विशेषताएँ, शारीरिक रूप रंग, स्वभाव, गठन, उत्तम शरीर आदि के बारे में बताता है। वहीं अष्टम भाव से हम जीवन की अनिश्चितताओं और अचानक होने वाले परिवर्तनों को पता लगाते हैं। ऐसे में मंगल का प्रथम भाव में होने वाला ये गोचर आपको स्वास्थ्य से संबंधित अपनी पूर्व की हर परेशानियों से निजात दिलाने का कार्य करेगा।

इसके अलावा इस समय मंगल देव की असीम कृपा से आप आपने कार्यक्षेत्र पर एक नई ऊर्जा के साथ हर कार्य को करते दिखाई देंगे। इससे आपको स्वयं भी अपने अंदर एक सकारात्मक ऊर्जा की अनुभूति होगी। खासतौर से वो जातक जो साझेदारी से जुड़ा व्यवसाय करते हैं उन्हें ये गोचर अत्यधिक शुभ फल देने के योग दर्शा रहा है। साथ ही आपका जीवनसाथी भी आपके व्यवसाय में खुलकर सहयोग करेगा। वहीं नौकरी पेशा जातकों के लिए भी यह गोचर अधिक शुभ परिणाम लेकर आया है। क्योंकि इस समय कार्यस्थल पर आपके काम की हर कोई तारीफ करेगा और जिसके परिणामस्वरूप आपको पूर्ण रूप से सफलता प्राप्त होगी। कई जातक इस अवधि में प्रमोशन भी हासिल करने में सफल होंगे। परंतु इसके लिए उन्हें अपने लक्ष्य के प्रति खुद को केंद्रित रखते हुए काफी मेहनत करने की आवश्यकता होगी।

हालांकि पारिवारिक जीवन में आपको इस दौरान सबसे अधिक अपनी मां की सेहत के प्रति सावधानी बरतने की ज़रूरत होगी। क्योंकि आशंका अधिक है कि आपकी मां का स्वास्थ्य इस गोचर के दौरान सबसे अधिक आपकी चिंता का कारण बनेगा।

अब बात करें आपके प्रेम संबंधों की तो इस गोचर के दौरान आपकी लव लाइफ में भी कुछ बदलाव साफतौर से देखने को मिलेंगे। क्योंकि आपका रिश्ता पहले से ज्यादा गहरा होगा। ऐसे में यदि आप प्रियतम के साथ विवाह के बंधन में बंधना चाहते हैं तो इस समय आपको उसमें भी अनुकूल फल मिलने वाले हैं।

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वृषभ

वृषभ राशि के लिए मंगल ग्रह उनके सातवें तथा बारहवें भाव के स्वामी होते हैं। कुंडली में सातवां भाव जातक की दीर्घकालीन साझेदारियों, व्यापार, आयात-निर्यात अर्थात इंपोर्ट-एक्सपोर्ट, सामाजिक छवि, विवाह और जीवनसाथी के बारे में जानकारी देता है तथा बारहवां भाव खर्चों, रोग, यात्रा, विदेश आदि का भाव माना जाता है। ऐसे में मेष राशि में अपने गोचर के दौरान मंगल देव आपकी राशि के बारहवें भाव में ही विराजमान होंगे। इस भाव में मंगल का गोचर आपके खर्चों में काफी तेजी से वृद्धि करेगा।

साथ ही इस दौरान आपको हर प्रकार के क़ानूनी पचड़े में भी फंसने से बचना होगा। हालांकि संभावना ये भी है कि यदि आप किसी कानूनी पचड़े में फंसते भी हैं तो मंगल देव की कृपा से आप उससे निकलने में भी कामियाब रहेंगे। इसके अलावा जिन जातकों का कोई मुकदमा कोर्ट-कचहरी में चल रहा था उसका फैसला भी आपके हक़ में आ सकता है।

कार्यक्षेत्र से जुड़ी विदेशी यात्रा या विदेश में सेटलमेंट के इच्छुक जातकों के लिए भी गोचरकाल की ये अवधि अत्यंत शुभ दिखाई दे रही है। परंतु स्वास्थ्य जीवन में आपको कुछ समस्या संभव है। इसलिए शुरुआत से ही आपको अपनी सेहत के प्रति सतर्कता बरतने की सलाह दी जाती है। वहीं पारिवारिक जीवन में भी आपको अपने भाई-बहनों के साथ हर प्रकार के मतभेद से बचने की ज़रूरत होगी। क्योंकि उनका सहयोग ही आपको अपने लक्ष्य को आसानी से प्राप्त करने में मददगार सिद्ध होगा।

अब बात करें व्यापारी जातकों की तो इस समय आपको हर प्रकार का लेन-देन करते समय विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। हालांकि आपके ननिहाल पक्ष से इस गोचर के दौरान कोई खुशखबरी भी मिलने वाली है।

उपाय: अपनी मां की सेवा करें और हमेशा उनका आशीर्वाद लेकर ही किसी भी नए कार्य का शुभारंभ करें।

मिथुन

मिथुन राशि के जातकों के लिए मंगल देव एकादश भाव तथा छठे भाव के स्वामी होते हैं। अब इस गोचर के दौरान ये आपकी राशि से एकादश भाव में ही संचरण करेंगे। कुंडली का छठा भाव विभिन्न प्रकार की समस्याओं, संघर्षों, परेशानियों, कंपटीशन, चुनाव, उधार, कर्ज़, बैंक लोन, बीमारी तथा विरोधियों के बारे में जानकारी देता है। जबकि एकादश भाव से हम आमदनी तथा हमारे जीवन की महत्वाकांक्षाओं के बारे में पता लगाते हैं। इसलिए एकादश भाव में मंगल का ये गोचर आपकी आमदनी में काफी बढ़ोतरी होने के योग बनाएगा। इस दौरान आप किसी प्रकार का कोई अच्छा मुनाफा भी हासिल करने में सफल रहेंगे।

यदि कोई रुका हुआ धन है तो इस गोचर की अवधि के दौरान वो आपको वापस मिलेगा। वहीं इस समय कार्यक्षेत्र पर (फिर चाहे आप नौकरी करते हो या बिजनेस से जुड़े हो) आपके द्वारा किए गए सभी प्रयास सफल होंगे और इससे आपकी उन्नति व विकास भी होगा। जिन जातक का कोई केस कोर्ट में चल रहा था तो उससे भी आपको निकलने में मंगल देव मदद करने वाले हैं।

प्रेम संबंधों के लिहाज़ से अवधि कुछ कम अनुकूल दिखाई दे रही है। क्योंकि मंगल देव के कारण आपके और प्रेमी या जीवनसाथी के बीच कोई वाद-विवाद की स्थिति उत्पन्न होने की आशंका अधिक है। साथ ही ये गोचर आपको शिक्षा और सेहत से जुड़ी कुछ परेशानियां भी देने वाला है। इसलिए इस गोचर के दौरान आपके लिए सबसे अधिक बेहतर खुद को शांत रखना और अपनी सेहत के प्रति सावधानी बरतना रहेगा। आपको विशेषतौर पर बाहर के खाने से भी परहेज करने की ज़रूरत होगी।

पारिवारिक जीवन में कुछ जातकों की मुलाकात अपने किसी पुराने मित्र या नए लोगों के साथ हो सकती है। वहीं दांपत्य जातकों के बच्चों के जीवन में भी यह गोचर शुभ योग बनाएगा। जिसके परिणामस्वरूप आपको उनकी ओर से कोई खुशखबरी प्राप्त हो सकेगी।

उपाय: मंगल ग्रह की शुभता प्राप्त करने के लिए चांदी का एक चौकोर टुकड़ा अपने पास हमेशा रखें।


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कर्क

मंगल ग्रह कर्क राशि के लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण ग्रह होता है। क्योंकि यह उन्हें केंद्र और त्रिकोण भाव के स्वामी होने के कारण योग कारक होते हैं अर्थात आपको राजयोग देने में सक्षम हैं। इसके अलावा ये आपके पंचम और दशम भाव के स्वामी हैं और अब अपने इस गोचर काल में वे आपके दशम भाव में ही स्थापित होंगे। कुंडली के पंचम भाव से हम बुद्धि, सोचने की क्षमता, कलात्मकता, संतान, प्रेम संबंध और शिक्षा के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं। जबकि कुंडली के दशम भाव को सबसे मजबूत केंद्र भाव माना जाता है। जिससे जातक के व्यवसाय, पिता, कार्यक्षेत्र आदि को देखा जाता है। ऐसे में अब दशम भाव में मंगल का ये गोचर कर्क राशि के जातकों को कार्यक्षेत्र पर अपार सफलता देने वाला है। इससे उनकी वेतन में भी बढ़ोतरी होने के साथ-साथ उनके प्रमोशन के भी योग बनेंगे। साथ ही कार्यस्थल पर किसी सहकर्मी के सहयोग से आपका कोई बड़ा कार्य भी पूर्ण होगा।

आपकी मेहनत और कार्य की बॉस व अधिकारियों द्वारा जमकर तारीफ होगी। लेकिन बावजूद इसके आपको इस समय सबसे अधिक खुद को किसी भी वाद-विवाद में डालने से बचाना होगा। इसके लिए बेहतर यही होगा कि कार्यस्थल पर किसी के साथ भी बहस में न पड़े, अन्यथा आपकी छवि खराब हो सकती है। क्योंकि मंगल देव आपके स्वभाव में कुछ चिड़-चिड़ापन भी लेकर आएंगे।

पारिवारिक जीवन की बात करें तो अपने कार्य से कुछ वक्त निकालकर आपको घर के सदस्यों के साथ समय व्यतीत करने की सलाह दी जाती है। क्योंकि ऐसा करके ही आप अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में सही तालमेल बैठाने में सक्षम हो सकेंगे। ये गोचर दांपत्य जातकों की संतान को सफलता देगा जिसे देखकर उन्हें संतान पर गर्व की अनुभूति होगी। वहीं प्रेम में पड़े जातक इस गोचर के दौरान अपने रिश्ते को और भी मजबूत बनाते दिखाई देंगे। क्योंकि उनका एक दूसरों के प्रति प्रेम और रोमांस अपनी चरम सीमा पर होगा।

उपाय: अपनी कुंडली में मंगल देव की अशुभ स्थिति को दूर करने के लिए नियमित रूप से पानी में काले तिल डालकर ही स्नान करें।


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सिंह

सिंह राशि के जातकों के लिए मंगल नवम अर्थात भाग्य भाव जो कि एक त्रिकोण भाव भी है तथा केंद्र भाव अर्थात चतुर्थ भाव के स्वामी होने से योगकारक ग्रह हैं। कुंडली के चतुर्थ भाव से हमारे जीवन में सभी प्रकार के सुख सुविधाओं, हमारी माता, चल तथा अचल संपत्ति आदि के बारे में जानकारी मिलती है। वहीं नवम भाव को भाग्य तथा धर्म स्थान कहा जाता है। ऐसे में मंगल ग्रह का गोचर आपकी राशि से नवम भाव में होगा। जो कि सुदूर यात्राओं का भाव भी माना जाता है। इसलिए इस गोचर के दौरान मंगल देव आपको आर्थिक रूप से मजबूत बनाएंगे।

ये गोचर आपको कार्यस्थल पर फिर चाहे आप नौकरी करते हो या व्यवसाय दोनों में ही आपको अपार सफलता मिलेगी। इसके अलावा परिवारिक जीवन में भी पिता जी से पूरा सहयोग मिलते रहने की संभावना है। साथ ही आप अपने भाई-बहन का भी सहयोग हासिल करते हुए किसी समस्या से बाहर निकल सकेंगे। वो जातक जो कोई प्रॉपर्टी खरीदना चाहते हैं या कोई निवेश करने की सोच रहे हैं उनके लिए ये अवधि विशेष उत्तम सिद्ध होगी। आपकी आमदनी व आय में वृद्धि होने से आपको ख़ुशी मिलेगी। कुछ जातकों को ये गोचर किसी लंबी दूरी की यात्रा पर भी जाने के योग बनाएगा।

अब बात करें आपके स्वास्थ्य जीवन की उसमें इस दौरान आपको अच्छी सेहत मिलती दिखाई देगी। क्योंकि ये गोचर आपको अंदर से नई ऊर्जा की अनुभूति कराएगा और उससे आप हर परिस्थिति में सोच-समझकर सही निर्णय लेने में सक्षम होंगे। इसके परिणामस्वरूप आपके सामाजिक जीवन में भी सुधार देखने को मिलेगा। साथ ही समाज में आप अपनी छवि बेहतर करते हुए दूसरों से मेल-मिलाप बढ़ा सकेंगे।

प्रेम संबंधों में मंगल देव इस गोचर के दौरान प्रेमी व शादीशुदा जातकों के रिश्ते में पहले से अधिक प्रेम और मजबूती लाने वाले हैं। जिसके परिणामस्वरूप आप अपने साथी व प्रेमी के साथ इस समय अच्छा व ज्यादा समय बिताते हैं हुए एक-दूसरों को अच्छे से समझने में सक्षम होंगे।

उपाय: किसी भी महत्वपूर्ण निर्णय को लेने से पहले अपने पिता या पिता तुल्य किसी व्यक्ति से सलाह-मशवरा जरूर लें।

कन्या

मंगल ग्रह आपकी राशि के लिए तीसरे और आठवें भाव के स्वामी है। वैदिक ज्योतिष में यह दोनों ही भाव थोड़े कष्टदायक माने जाते हैं। क्योंकि जहाँ अष्टम भाव जीवन में होने वाली अनिश्चितता और अचानक से होने वाले अच्छे और बुरे परिवर्तनों को बताता है। वहीं तीसरा भाव अष्टम होने के कारण अधिक शुभ नहीं माना जाता। हालांकि इससे आपके साहस तथा पराक्रम, आपके भाई बहन, आपकी छोटी यात्राएँ, आपकी कम्युनिकेशन स्किल्स, आपकी मेहनत, आपकी हॉबी आदि के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। अब मंगल ग्रह का यह गोचर आपकी राशि से अष्टम भाव में होगा। ऐसे में लाल ग्रह के आपकी राशि के आठवें भाव में विराजमान होने पर आपके लिए स्थिति थोड़ी चिंताजनक हो सकती है। इसका सबसे अधिक प्रभाव आपके स्वास्थ्य जीवन में कई परेशानियां लेकर आ सकता है।

करियर की बात करें तो उसमें भी इस दौरान कई उतार-चढ़ाव देखने को मिलेंगे। इस कारण कार्यक्षेत्र पर आपको अधिक संघर्ष व मेहनत करनी होगी। बावजूद इसके आप अपनी मेहनत के अनुसार सफलता व संतुष्टि नहीं हासिल करेंगे। परंतु अगर आप व्यापार से जुड़े हैं तो आपके लिए ये गोचरकाल की अवधि कुछ लाभ प्राप्त होने के योग बनाएगी।

निजी जीवन में शादीशुदा जातकों को अपने ससुराल पक्ष से रिश्ते मजबूत करने के कई अवसर मिलेंगे। वहीं पारिवारिक जीवन में भी भाई-बहनों से आप अच्छा सहयोग व लाभ प्राप्त करेंगे। किंतु इस गोचर के दौरान आपको सबसे अधिक अपने स्वास्थ्य का खास ख्याल रखते हुए संतुलित भोजन करने और बाहर के खाने से परहेज करने की ज़रूरत होगी। क्योंकि आशंका है कि अष्टम भाव में मंगल की यह स्थिति आपकी सेहत के लिहाज़ से थोड़ी चिंताजनक हो सकती है। साथ ही इसके प्रभाव से कई जातकों को रक्त जनित कोई समस्या भी होने का खतरा रहने वाला है।

उपाय: इस गोचर से शुभ परिणामों की प्राप्ति हेतु मां कात्यायनी की आराधना करें और उनके मंत्रों का जाप करें।

तुला

तुला राशि के जातकों के लिए मंगल दूसरे और सप्तम भाव के स्वामी होते हैं। कुंडली का दूसरा भाव धन भाव होने के साथ-साथ हमारे कुटुंब, हमारी वाणी, हमारा खान-पान का भाव भी माना जाता है। इसके अतिरिक्त सप्तम भाव हमारा विवाह, जीवनसाथी, व्यावसायिक साझेदारियों और इंपोर्ट एक्सपोर्ट आदि के बारे में बताता है। ऐसे में अब मंगल का गोचर आपकी राशि से सप्तम भाव में होगा और इस गोचर का सबसे अच्छा फल पार्टनरशिप से जुड़े जातकों को शुभ व अच्छे मुनाफे के रूप में मिलेगा।

मंगल का मेष राशि में गोचर होने के कारण नौकरीपेशा जातकों को भी कार्यक्षेत्र पर प्रमोशन मिलने के योग बनेंगे। हालांकि निजी जीवन में शादीशुदा जातकों को अपने जीवनसाथी के साथ इस गोचर के कारण कुछ मतभेद का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि आशंका अधिक है कि कार्यस्थल पर काम के अधिक बोझ और दबाव के कारण आप अपने जीवनसाथी को पर्याप्त समय नहीं दे पाएंगे और इससे आप दोनों के रिश्ते के बीच कुछ तनाव व गलतफहमी उत्पन्न हो सकती है। इसलिए जितना संभव हो इस गोचर के दौरान हर परिस्थिति में धैर्य से काम लेते हुए अपनी सूझबूझ का प्रयोग करके ही आगे बढ़े।

वहीं अब बात करें आपके स्वास्थ्य जीवन की तो इस गोचर के प्रभाव से आपकी सेहत में सुधार देखने को मिलेगा। खासतौर से वो जातक जो अपनी किसी पूर्व की समस्या से परेशान थे उन्हें अपनी समस्या से काफी हद तक निजात मिल सकेगी।

उपाय: मंगल ग्रह की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए आपको भगवान शिवजी की आराधना और किसी भी मंदिर में जाकर शिवलिंग का जलाभिषेक करने की सलाह दी जाती है।

वृश्चिक

मंगल ग्रह का कोई भी गोचर आपके लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि ये आपकी राशि के स्वामी हैं और राशि के स्वामी की गोचरीय स्थिति हर जातक के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होती है। यह आपके प्रथम भाव के साथ-साथ आपके छठे भाव का स्वामी भी हैं और छठा भाव एक कठिन भाव माना जाता है। यह भाव हमारे जीवन के संघर्ष को परिभाषित करता है और यह भी बताता है कि संकट के समय हम उसका सामना करते हैं या डर कर भागते हैं। ऐसे में अब मंगल ग्रह का गोचर आपकी राशि से छठे भाव में ही होगा और इसके परिणामस्वरूप सबसे अधिक इस राशि के छात्रों को शुभ फल मिलेंगे।

खासतौर से प्रतियोगी परीक्षा या किसी सरकारी नौकरी के लिए परीक्षा की तैयारी कर रहे जातकों को मंगल देव अपार सफलता मिलने के पूरे योग बनाएंगे। साथ ही खेल के क्षेत्र से जुड़े छात्रों को भी मंगल देव अच्छा प्रदर्शन देने में मददगार सिद्ध होंगे। यदि आपका कोई मामला या कानूनी विवाद कोर्ट कचहरी में चल रहा था तो ये गोचर उसके नतीजे अपने पक्ष में देने वाला है। हालांकि कार्यक्षेत्र पर आपके शत्रु व विरोधी इस दौरान सक्रिय होंगे और लगातार आपको परेशान करने के लिए प्रयासरत रहेंगे। लेकिन आप भी अपनी सूझबूझ और मेहनत के चलते उन पर विजय प्राप्त कर सकेंगे।

बावजूद इसके ये गोचर आपको अधिक मेहनत के लिए प्रेरित तो करेगा। साथ ही आप अपनी वर्तमान की मेहनत का भविष्य में अच्छा फल हासिल भी करने में सक्षम रहने वाले हैं। कई जातकों को इस अवधि में अचानक किसी यात्रा पर जाना होगा। वहीं अब बात करें आपके स्वास्थ्य जीवन की, आपको शुरुआत से ही अपनी सेहत को लेकर थोड़ा सतर्क रहने की ज़रूरत होगी। साथ ही आर्थिक जीवन में भी जितना संभव हो अपने खर्चों पर नियंत्रण रखते हुए अपने धन की बचत कर उसे संचय करने की कोशिश करें।

उपाय: मंगल ग्रह से शुभ प्रभाव प्राप्त करने के लिए आपको नियमित रूप से श्री हनुमान चालीसा का पाठ करने और मंदिर में जाकर हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करने की सलाह दी जाती है।

धनु

धनु राशि के जातकों के लिए मंगल आपके पाँचवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं और मंगल का गोचर आपकी राशि से पंचम भाव में ही होगा। कुंडली के पंचम भाव से हम संतान, उच्च शिक्षा, रोमांस, नए अवसर एवं रचनात्मकता आदि का पता लगाते हैं। ऐसे में अब मंगल का आपकी राशि से पंचम भाव में विराजमान होना आपके स्वभाव में कुछ बदलाव लेकर आएगा। इस दौरान आप अपने अड़ियल स्वभाव के कारण अपने किसी कीमती रिश्ते को खो सकते हैं। क्योंकि ये गोचर आपको स्वभाव से कुछ जिद्दी भी बनाएगा। ऐसे में शुरुआत से ही अपने स्वभाव को खुद पर हावी न होने दें।

हालांकि मंगल का ये गोचर धनु राशि के छात्रों के लिए खासा शुभ रहने वाला है। क्योंकि इस समय वे अपने लक्ष्य पर केंद्रित होते हुए कड़ी मेहनत करेंगे और इससे उन्हें इच्छा अनुसार परिणाम प्राप्त करने में मदद मिलेगी। जो छात्र विदेश जाकर पढ़ना चाहते हैं या किसी विदेशी कॉलेज या स्कूल में दाख़िला पाने के लिए तैयारी कर रहे हैं उनके लिए भी यह समय अनुकूल रहने वाला है।

अब बात करें आपके धन पक्ष की तो इस अवधि में आपको अपने खर्चों को नियंत्रित करते हुए अपने धन को संचय करने की अवश्यकता होगी। निजी जीवन में भी दांपत्य जातकों को अपने जीवनसाथी के साथ प्रेम से पेश आने की सलाह दी जाती है। अन्यथा आपका बदलता स्वाभाव आप दोनों के बीच में कुछ खटास पैदा कर सकता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से ये समय आपको सेहत से जुड़ी कुछ परेशानियां दे सकता है। इसलिए जितना संभव हो अच्छा खानपान लेते हुए अपना खास ख्याल रखें।

उपाय: बेहतर स्वास्थ्य की प्राप्ति हेतु 5 मिनट रोजाना ध्यान की मुद्रा में बैठे।


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मकर

आपकी राशि के लिए मंगल चौथे और ग्यारहवें भाव के स्वामी होते हैं और अब मंगल ग्रह का ये गोचर मेष राशि में होने से आपके चतुर्थ भाव में ही होगा। ज्योतिष शास्त्र में कुंडली के चौथे भाव को सुख भाव कहा जाता है। इस भाव से हम माता, वाहन, प्रॉपर्टी एवं सभी प्रकार के सुखों को देखते हैं। इसलिए इस गोचर के दौरान आप किसी प्रकार की प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं और संभावना अधिक है कि उस प्रॉपर्टी से आपको अच्छा लाभ प्राप्त भी होगा। वहीं वो जातक जो किसी प्रकार का कोई वाहन आदि खरीदने की योजना बना रहे थे उन्हें ही इस गोचर के दौरान उसमें सफलता मिलने के योग बनेंगे।

निजी जीवन के लिहाज़ से ये अवधि दांपत्य जातकों को अपने जीवनसाथी का सहयोग पूर्ण रूप से देने वाली है। बावजूद इसके इस समय अपने साथी के साथ अच्छा तालमेल बनाकर चलना ही आपके लिए जरूरी रहेगा। साथ ही प्रेमी व साथी के साथ छोटे-मोटे विवादों में न पड़ने की आपको सख्त हिदायत दी जाती है।

अब बात करें पारिवारिक जीवन की तो ये गोचर आपको अपने भाई-बहनों की तरफ से अच्छा सहयोग देगा। इसके अलावा उनसे किसी प्रकार का लाभ भी आपको मिलने की संभावना अधिक रहेगी। परंतु फिर भी आपको अपने परिवार से जुड़ा कोई भी फैसला लेते समय घर के सदस्यों की सलाह ज़रूर लेते हुए उनके साथ तालमेल बनाकर चलने की कोशिश करनी होगी।

उपाय: पानी में कच्चा दूध डालकर स्नान करने से आपको इस गोचर का शुभ प्रभाव मिलेगा।

कुंभ

कुंभ राशि के जातकों के लिए मंगल उनके तीसरे और दसवें भाव के स्वामी होते हैं और अब मंगल देव अब आपके तीसरे भाव में ही गोचर करेंगे। कुंडली में तीसरा भाव पराक्रम, इच्छा शक्ति, छोटे भाई-बहन, महत्वाकांक्षा, जुनून, जोश आदि के बारे में जानकारी देता है। इसलिए तीसरे भाव में होने वाला ये गोचर आपको ऊर्जावान बनाएगा। इससे आप अपने हर कार्य के प्रति अधिक सक्रिय रहेंगे।

पारिवारिक जीवन के लिहाज़ से आपको इस समय अपने भाई-बहनों से भी अच्छा लाभ प्राप्त होगा। इसके अलावा कार्यक्षेत्र की बात करें तो इस समय आपकी समझदारी के साथ किए गए आपके सभी कार्य पूर्ण रूप से सफल होंगे। कई जातकों को अच्छी नौकरी के लिए कई प्रस्ताव मिलने वाले हैं और इससे उनका करियर रफ़्तार पकड़ेगा। खासतौर से वो जातक जो किसी ऋण, बैंक या अन्य किसी ऐसी संस्था में कार्यरत हैं जो लोन देने का कार्य करती हैं उन्हें भी इस अवधि में अपने कार्यस्थल पर काफी अच्छे अवसर मिलते हुए दिखाई दे रहे हैं। वहीं यदि आप इस समय अपनी नौकरी बदलने की सोच रहे हैं तो यह समय आपके लिए उत्तम योग बनाएगा। क्योंकि इस दौरान आपके द्वारा किए गए सभी प्रयास सफल होंगे। साथ ही आपको जल्दी और अच्छी व इच्छा अनुसार नौकरी प्राप्त हो सकेगी।

छात्रों के लिए भी समय अच्छा ही रहेगा और वे मंगल देव की कृपा से अपनी शिक्षा में अच्छा प्रदर्शन देने में सक्षम होंगे।

उपाय : मंगल के शुभ प्रभावों को बढ़ाने के लिए आपको हर शनिवार के दिन पीपल के पेड़ पर सरसों का दीपक जलाने की सलाह दी जाती है।


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मीन

मीन राशि के जातकों के लिए मंगल आपके दूसरे और नवें भाव के स्वामी होते हैं तथा अपने इस गोचरकाल में वे आपके दूसरे भाव में प्रवेश करेंगे। कुंडली का दूसरा भाव धन भाव कहलाता है। ज्योतिष में इस भाव से धन, परिवार, वाणी, प्रारंभिक शिक्षा आदि को देखा जाता है। ऐसे में अब आपके दूसरे भाव में मंगल का गोचर आपकी आमदनी में बढ़ोतरी होने के योग बनाएगा। इससे सबसे अधिक आपको अपने परिवार की तरफ से किसी प्रॉपर्टी से लाभ प्राप्त होगा।

कार्यक्षेत्र के लिहाज़ से यदि आप पारिवारिक बिजनेस से जुड़े हैं तो भी इस गोचर के दौरान आपको अच्छा मुनाफ़ा मिलने की संभावना रहेगी। वहीं वो छात्र जो प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं उनके लिए भी ये समयावधि विशेष उत्तम रहने वाली है। क्योंकि मंगल देव मीन राशि के छात्रों को इस समय कम मेहनत के बावजूद भी शिक्षा में अच्छे परिणाम देंगे।

परंतु निजी जीवन में शादीशुदा जातकों के जीवनसाथी की सेहत उनकी परेशानी बढ़ा सकती हैं। ऐसे में साथी की सेहत का खास ख्याल रखना इस समय आपके लिए विशेष महत्वपूर्ण रहने वाला है।

पारिवारिक जीवन के दृष्टिकोण से यूँ तो आपको इस अवधि में पिता का सहयोग पूर्ण रुप से मिलने वाला है और इसके कारण आप जीवन में और अधिक लाभ प्राप्त कर पाएंगे। लेकिन घर-परिवार के बच्चों का बिगड़ता स्वास्थ्य आपको मानिसक तनाव दे सकता है। इसलिए उनकी सेहत का आपको इस गोचर के दौरान ज्यादा ध्यान रखना होगा। अन्यथा बच्चों की बिगड़ती सेहत आपके लिए परेशानियों का कारण बन सकती है। हालांकि मंगल देव आपको अपने भाई-बहन का भी जीवन के हर क्षेत्र में पूरा सहयोग देंगे। फिर चाहे आपकी पर्सनल लाइफ में हो या प्रोफेशनल लाइफ आपको भाई-बहनों की मदद से उसमें अनुकूलता मिलने वाली है।

उपाय: पारिवारिक जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति हेतु नियमित रूप से भैरव बाबा जी की उपासना करें।


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