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सूर्य का मिथुन राशि में गोचर (15 जून 2021)

सूर्य का मिथुन राशि में गोचर नए लोगों से मिलने, नए विचारों को जानने और नई चीजों को सीखने के लिए मजेदार समय होगा। वैदिक ज्योतिष में सूर्य को आत्म कारक ग्रह माना जाता है। यह नाम और प्रसिद्धि का भी मुख्य ग्रह माना जाता है। वायु तत्व की मिथुन राशि में सूर्य का गोचर कई परिवर्तन लेकर आता है। मिथुन राशि में सूर्य के इस गोचर के दौरान वर्षा ऋतु शुरू होती है। इस दौरान अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है क्योंकि वायरल संक्रमण इस दौरान तेजी से फैलता है। दुनिया की अर्थव्यवस्था में भी उतार-चढ़ाव आता है।

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सूर्य का मिथुन राशि में गोचर

इस गोचर से कुछ मामलों में संचार प्रभावित हो सकता है, मिथुन राशि में सूर्य का गोचर नेटवर्क को बढ़ाने के लिए, अपने लेखन को उत्कृष्टता देने, छोटी यात्राओं पर जाने और मीडिया और संचार के लिए अच्छा माना जाता है। सूर्य का गोचर मिथुन राशि में, 15 जून 2021 को सुबह 5:49 पर मिथुन राशि में होगा और यह इस स्थिति में 16 जुलाई 2021, शाम 4:41 बजे तक रहेगा और इसके बाद यह कर्क राशि में प्रवेश कर जाएगा।

आईए जानते हैं कि सभी 12 राशियों पर इस गोचर का क्या प्रभाव पड़ेगा।

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मेष

आपके पंचम भाव के स्वामी ग्रह सूर्य का गोचर आपके तृतीय भाव में होगा। यह भाव छोटी दूरी की यात्राओं, छोटे भाई-बहनों और संचार का कारक भाव माना जाता है। मिथुन राशि में सूर्य का गोचर संतान पक्ष को लेकर आपके मन में कुछ संशय पैदा कर सकता है। हालांकि निजी जीवन में आप खुश रहेंगे। इस राशि के जो जातक कारोबार करते हैं या सेल्स क्षेत्र से जुड़े हैं उन्हें छोटी दूरी की यात्राएं करनी पड़ सकती हैं और इससे उन्हें लाभ मिलने की भी संभावना है। बच्चों की शिक्षा को लेकर आपको चिंता रहेगी। आप अपने रचनात्मक पक्ष को इस दौरान खोज सकते हैं। इस राशि के जो जातक मीडिया मार्केटिंग पत्रकारिता आदि क्षेत्रों से जुड़े हैं उन्हें लाभ मिलने की पूरी संभावना है। आपकी प्रशासनिक और नेतृत्व करने की क्षमता में भी इस दौरान सुधार आएगा। जो जातक खेलकूद क्षेत्र से जुड़े हैं उन्हें अपना टैलेंट दिखाने का मौका मिल सकता है। पिता के साथ आपके संबंधों में भी निखार आएगा।

उपाय:

  1. रोजाना सूर्य नमस्कार करना आपके लिए फायदेमंद साबित होगा।

  2. भगवान शिव के पूज्य देव, भगवान शिव की पूजा करें हैं।

वृषभ

आपके चतुर्थ भाव का स्वामी ग्रह सूर्य आपके द्वितीय भाव में गोचर करेगा। द्वितीय भाव आपकी आर्थिक स्थिति और कुटुंब के बारे में जानकारी देता है। इस गोचर के दौरान घर के नवीनीकरण में आपका पैसा खर्च हो सकता है। इस समय आप प्रॉपर्टी या अचल संपत्ति में निवेश करना चाहेंगे। आर्थिक लाभ होने की पूरी संभावना है। सूर्य के गोचर के दौरान आप अपने प्रिय लोगों और घरवालों के साथ में समय बिताना पसंद करेंगे। सूर्य के गोचर के कारण आपकी वाणी में कठोरता देखी जा सकती है और आप अपने फैसलों को जबरन दूसरों पर आरोपित कर सकते हैं, आपको सलाह दी जाती है कि ऐसा ना करें। इस राशि के जो जातक नौकरी पेशा है उन्हें उच्च अधिकारियों से सम्मान और सहयोग प्राप्त हो सकता है, जो लोग कारोबार करते हैं वह किसी समझौते या डील से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। आपके स्वास्थ्य पर नजर डाली जाए तो चेहरे और आंखों से संबंधित परेशानियों से बच कर आपको रहना होगा। खुद को वायरल संक्रमण से बचाने के लिए स्वच्छता बनाए रखें।

उपाय:

  1. भगवान सूर्य की उपासना करें।

  2. सूर्य को प्रसन्न करने के लिए आदित्य रितेश स्तोत्रम पेहली या गायत्री मंत्र का पाठ करें।

मिथुन

सूर्य आप के तृतीय भाव का स्वामी है और वर्तमान में यह आपकी ही राशि में यानि आपके लग्न भाव में गोचर करेगा। प्रथम भाव को आत्मा और आपके व्यक्तित्व का कारक माना जाता है। इस गोचर के दौरान आप बुद्धिमानी से अपने कार्यों को आगे बढ़ाने की कोशिश करेंगे। इस दौरान आप अपने दोस्तों या यात्राओं पर पैसा खर्च कर सकते हैं। जहां तक आपके पेशेवर जीवन की बात की जाए तो इस समय आप काम की अधिकता देख सकते हैं और आपको कार्यक्षेत्र में जरूरी जिम्मेदारियां भी दी जा सकते हैं। इस राशि के कारोबारियों के लिए भी यह गोचर अनुकूल रहेगा। आपके स्वास्थ्य जीवन पर नजर डाली जाए तो यह समय आपके लिए अच्छा रहेगा आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होगी। हालांकि बावजूद इसके भी आपको अपने स्वास्थ्य पर ध्यान रखना होगा। अपने अहंकार को खुद पर हावी ना होने दें नहीं तो उसके कारण आपके जीवन में उतार-चढ़ाव आ सकते हैं, खासकर रिश्तों में।

उपाय:

  1. ’राम रक्षा स्तोत्र’का प्रतिदिन जप करना आपके लिए लाभदायक होगा

  2. सूर्य को मजबूत बनाने के लिए रविवार को गेहूं, गुड़, काले सिंदूर के रंग का कपड़ा दान करें।

कर्क

आपके द्वितीय भाव का स्वामी ग्रह सूर्य आपके द्वादश भाव में गोचर करेगा। द्वादश भाव हानि, मोक्ष, विदेश संबंध आदि का कारक माना जाता है। इस राशि के जातकों को स्वास्थ्य संबंधी कुछ दिक्कतें इस दौरान हो सकती हैं आप सर दर्द, बुखार और आंखों से संबंधित परेशानियों से दो-चार हो सकते हैं। क्योंकि यह विदेशों से आपके संबंधों का भाव भी कहा जाता है इसलिए आपको विदेशी संबंधों से इस दौरान लाभ होने की संभावना है। यह हानि का भाव भी है इसलिए आपको अत्यधिक निवेश करने से इस दौरान बचना चाहिए, यदि निवेश करना जरूरी हो तो बहुत सोच समझ कर करें। इस गोचर के दौरान किसी पर भी अत्यधिक विश्वास करने से बचें नहीं तो आपको निराशा हाथ लग सकती है। अपने जीवनसाथी के साथ आपको खुलकर बात करने की आवश्यकता है ताकि किसी तरह की गलतफहमी आप दोनों के बीच में न आए। अपने खानपान की आदतों पर ध्यान रखें और ऐसा कुछ भी ना खाएं जिससे आपका स्वास्थ्य खराब हो। इस राशि के जो जातक 40 पार कर चुके हैं उन्हें कुछ स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं कोई पुरानी बीमारी आपको फिर से परेशान कर सकती है। इसलिए इस राशि के जातकों को समय-समय पर अपनी डॉक्टरी जांच कराने की सलाह दी जाती है।

उपाय:

  1. देवी दुर्गा के "मा गौरी" रूप की पूजा करने से शुभ परिणाम प्राप्त होंगे।

  2. सूर्य ग्रह के बीज मंत्र: "ऊं ह्रीं ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः" का जाप करें।

सिंह

सूर्य आपके लग्न भाव का स्वामी है और वर्तमान गोचर में यह आपके एकादश भाव में विराजमान होगा। एकादश भाव लाभ, इच्छाओं और बड़े भाई-बहनों से आपके संबंधों का कारक माना जाता है। इस राशि के जो जातक मार्केटिंग, सेल्स, लेखन, ह्यूमन रिसोर्सेज के क्षेत्र से जुड़े हैं उन्हें इस दौरान सफलता प्राप्त होगी। आपको इस दौरान वैसी सफलता मिल सकती है जिसकी आप लंबे समय से कामना कर रहे थे। इस दौरान इस राशि के कुछ जातकों को बड़ा लाभ हो सकता है, आप लोगों को प्रभावित कर सकते हैं, आपकी प्रशासनिक क्षमताएं भी बढ़ेंगी और आप इस दौरान व्यवस्थित भी रहेंगे। सरकारी क्षेत्र से भी आपको इस दौरान लाभ हो सकता है। इस राशि के कुछ जातक नए रिश्ते इस दौरान बना सकते हैं। पारिवारिक जीवन भी अच्छा रहेगा और परिवार और दोस्तों के साथ आप अच्छा समय व्यतीत कर पाएंगे। यह गोचर आपकी इच्छाओं को पूरा करने वाला होगा लेकिन अत्यधिक लालची बनने से आपको बचना चाहिए। स्वार्थ और जिद्द को जितना दूर रखना होगा उतना अच्छा होगा।

उपाय:

  1. तांबे या सोने की अंगूठी में रूबी रत्न जड़कर अपनी अनामिका अंगुली में धारण करें।

  2. प्रतिदिन सुबह स्नान करने के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं और पीतल / कांसे के बर्तन में लाल फूल रखें।

कन्या

आपके द्वादश भाव का स्वामी ग्रह सूर्य आपके दशम भाव में गोचर करेगा। यह घर आपके करियर, प्रतिष्ठि आदि का कारक माना जाता है। इस गोचर के दौरान सूर्य दिगबली अवस्था में होगा जिससे आपको अपने करियर में जबरदस्त लाभ प्राप्त होगा। आपको इस दौरान कई अवसर प्राप्त हो सकते हैं हालांकि आपको इन अवसरों का सही से आकलन करना होगा और इन अवसरों का लाभ आपको तभी मिलेंगा जब आप में उसके अनुरूप योग्यता होगी। इस राशि के कारोबारी इस दौरान खूब लाभ कमाएंगे और साथ ही इनको समाज में ख्याति भी प्राप्त होगी। जो लोग अभी तक बेरोजगार हैं उन्हें इस गोचर के दौरान रोजगार मिल सकता है। सूर्य को पिता का कारक ग्रह माना जाता है इसलिए अपने पिता से आपको पूरा सहयोग प्राप्त होगा। इस समय आपको वायरल इन्फेक्शन से बचकर रहने की सलाह दी जाती है। निजी जीवन में कुछ दिक्कतें आपको परेशान कर सकती हैं और आप असहज महसूस कर सकते हैं। नकारात्मकता को दूर करने के लिए आपको सुबह और शाम के समय सैर करने जाना चाहिए।

उपाय:

  1. मंदिरों में या गरीब लोगों में रविवार को गुड़ का दान करना लाभदायक सिद्ध होगा।

  2. अत्यधिक नमक या चावल का सेवन करने से बचें।

तुला

आपके एकादश भाव का स्वामी सूर्य धर्म, पिता, अध्यात्म, यात्राओं और भाग्य के नवम भाव में गोचर करेगा। इस गोचर के दौरान आप अपने पिता या पिता तुल्य लोगों के साथ नोक-झोंक कर सकते हैं यह नोक-झोंक अहम के टकराव के कारण होगी। नवम भाव में सूर्य का गोचर आपके भाग्य के लिए बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता इस दौरान आपको भाग्य का बहुत अधिक साथ नहीं मिलेगा और खुद को स्थापित करने के लिए आपको अच्छे अवसर भी प्राप्त नहीं होंगे। अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आपको जी तोड़ मेहनत करने की सलाह दी जाती है। आमदनी धीरे-धीरे लेकिन निरंतर गति से आता रहेगा। इस दौरान कोई भी फैसला लेने से पहले सोच-विचार अवश्य करें। इस दौरान इस राशि के जातकों को कोई बड़ी स्वास्थ्य समस्या नहीं होगी। हालांकि सांस लेने में यदि आपको कोई दिक्कत हो तो तुरंत अपनी डॉक्टरी जांच करवाएं। प्रगति और समृद्धि के लिए अपने संचार कौशल को बढ़ाएं।

उपाय:

  1. तुलसी के पौधों की पूजा करें और पानी डालें, क्योंकि यह आपके लिए शुभ फल लेकर आएगा।

  2. हमेशा चप्पल-जूतों को छूने के बाद हाथ धोएं, इससे सूरज का नकारात्मक प्रभाव कम हो जाएगा।

वृश्चिक

आपके दशम भाव का स्वामी ग्रह सूर्य आपके अष्टम भाव में गोचर करेगा। अष्टम भाव को जीवन में आने वाले परिवर्तन और अचानक होने वाले लाभ, हानि का कारक माना जाता है। इस दौरान वृश्चिक राशि के लोगों को कार्यक्षेत्र में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है और आप कई चिंताओं से परेशान हो सकते हैं। ससुराल पक्ष के लोगों के साथ आपके रिश्ते में कुछ बदलाव आ सकता है। आपको सलाह दी जाती है कि लोगों के साथ और लोगों के बीच रहकर इस दौरान काम करें और गैर जरूरी अटेंशन पाने की कोशिश न करें। जासूसी या इस तरह कs किसी भी क्षेत्र में काम करने वाले सरकारी लोगों को इस दौरान लाभ मिलने की संभावना है। इस दौरान आपको अपने निजी और पेशेवर जीवन में विश्वास प्राप्त करने की जरूरत होगी और लोगों के साथ मजबूत रिश्ता बनाने की कोशिश करनी होगी।

उपाय:

  1. . अनामिका अंगुली में रूबी रत्न धारण करने से शुभ परिणाम प्राप्त होंगे।

  2. यदि संभव हो तो रविवार को उपवास रखें, सूर्य ग्रह को मजबूत बनाने के लिए उपवास के दौरान नमक लेने से परहेज करें।

धनु

धनु राशि के जातकों के सप्तम भाव में सूर्य ग्रह का गोचर होगा। यह भाव विवाह, साझेदारी, रिश्तों आदि का कारक माना जाता है। आपका क्रोधी स्वभाव आपके निजी जीवन में इस दौरान एक बड़ी समस्या हो सकता है। शादी करने के इच्छुक लोगों को कुछ कारणों से देरी का सामना करना पड़ सकता है। विवाहित जोड़ों को अहम के टकराव से बचकर रहने की सलाह दी जाती है। कारोबारी साझेदारी में किसी वजह से परेशानी आ सकती हैं, इसलिए आपको अच्छे संबंध बनाए रखने की सलाह दी जाती है। जो लोग मैनेजमेंट और संचार से जुड़े व्यवसाय में हैं उनके करियर में वृद्धि होने की संभावना है। इस दौरान आपको ऐसे व्यक्ति की तलाश करनी चाहिए जो आपके काम को लोगों को दिखा सके या आपको कोई नया कारोबार दिला सके। अपनी नेटवर्किंग को इस दौरान बढ़ाने की कोशिश करें क्योंकि इससे आपको नई उर्जा और शक्ति प्राप्त होगी।

उपाय:

  1. कुमकुम को तांबे के पात्र में जल के साथ मिलाकर भगवान सूर्य को अर्पित करें।

  2. घर पर रुद्राभिषेक पूजा करवाएं।

मकर

आपके अष्टम भाव का स्वामी सूर्य आपके छठे भाव में गोचर करेगा। छठा भाव उधार, शत्रुओं और बीमारियों का कारक भाव माना जाता है। यह गोचर आपके लिए अच्छा रहेगा। इस दौरान आपके अंदर हर स्थिति से लड़ने की क्षमता होगी। अगर आप बीमार पड़ते हैं तो बहुत जल्दी उससे ठीक हो सकते हैं। यदि आप कोर्ट-कचहरी के किसी मामले में फंसे हैं तो इस दौरान फैसला आपके पक्ष में आ सकता है। इस राशि के जिन जातकों ने लोन या कर्जा लिया था वो उसे चुकता कर सकते हैं। शारीरिक रूप से आप कुछ परेशान हो सकते हैं। पेशेवर जीवन में खुद को साबित करने के लिए आपको बहुत प्रयास करने होंगे। असिसटेंट रखने के लिए अच्छा समय है इससे आप अपने काम को व्यवस्थित रख सकते हैं और आपके कार्य में लचीलापन लाने के लिए भी ऐसा करना अच्छा है, इससे आपको अपने कार्य को आगे बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।

उपाय:

  1. सूर्य के नकारात्मक प्रभावों को दूर करने के लिए रविवार को बैल को गेहूं और गुड़ खिलाएं।

  2. अपने पिता के साथ सम्मान जनक संबंध बनाए रखने के लिए उनकी सेवा करते रहें, उनका सहयोग करें, उन्हें समय-समय पर उपहारों के साथ लाड़ प्यार करते रहें और जब भी किसी काम के लिए जाएं तो उनका आशीर्वाद अवश्य लें।

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कुंभ

आपके सप्तम भाव का स्वामी ग्रह सूर्य आपके रोमांस, शिक्षा, संतान आदि के पंचम भाव में गोचर करेगा। यह गोचर बच्चों की सेहत के लिए बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता। इस राशि के जो जातक कारोबार करते हैं वह इस दौरान प्रगति करेंगे और अपने प्रतिद्वंदियो बेहतर बनने के लिए नई-नई युक्तियां लगाएंगे। इस गोचर के दौरान कुंभ राशि के जातकों को सट्टा लगाने से बचना चाहिए। लंबी अवधि में मिलने वाले लाभ के लिए आप निवेश कर सकते हैं। इस दौरान आप सकारात्मक और खुश नजर आएंगे, आप प्रेम जीवन में भी सुखद अनुभव इस दौरान पा सकते हैं। आपकी रचनात्मकता को उजागर करने के लिए भी यह समय अच्छा है और आप रचनात्मक गतिविधियों में हिस्सा भी ले सकते हैं। वहीं अपनी किसी पुरानी रुचि को फिर से शुरू कर सकते हैं। इस दौरान इस राशि के जातकों को अपनी संतान का विशेष ध्यान रखना होगा क्योंकि उनको पढ़ाई के क्षेत्र में कुछ दिक्कतें आ सकती हैं। आध्यात्मिक विषयों में इस दौरान आप बहुत अधिक सक्रिय नहीं रहेंगे अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान दें, क्योंकि आप एसिडिटी और पेट दर्द की समस्या से जूझ सकते हैं।

उपाय:

  1. रविवार के दिन तांबे का दान करना बहुत लाभदायक होगा।

  2. किसी भी व्यक्ति, सरकारी अधिकारी या धोखेबाज को रिश्वत देने से बचें, कर का भुगतान करें अन्यथा यह आपकी कुंडली में सूर्य को कमजोर बना सकता है

मीन

आपके छठे भाव का स्वामी ग्रह सूर्य आपके चतुर्थ भाव में गोचर करेगा। चतुर्थ भाव आपके सुखों, माता भूमि-भवन आदि का कारक माना जाता है। इस दौरान आपको किसी ना किसी चीज को लेकर चिंताएं हो सकती हैं, आपकी भावनाएं भी इस दौरान उफान पर होंगी अपनी सुख-सुविधाओं से आप इस दौरान दूर हो सकते हैं। हालांकि आप इसको स्वीकार करेंगे और अधिक सक्रिय होने की कोशिश करेंगे। आप बहुत महत्वाकांक्षी होकर हर कार्य को करेंगे लेकिन सकारात्मक परिणाम आने में कुछ समय लग सकता है। आपको धैर्य रखने की सलाह दी जाती है। इस दौरान आपको अपनी माता के स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा क्योंकि वह कुछ स्वास्थ्य समस्याओं से परेशान हो सकती हैं। इस राशि के कुछ जातकों के घर में उनकी माता के पक्ष के लोग आ सकते हैं या वह अपने माता के पक्ष के लोगों के घर जा सकते हैं। घर में पारिवारिक त्यौहार होने की भी संभावना है। इस गोचर के दौरान ज्यादातर समय आपके लिए अनुकूल रहेगा। इस दौरान शराब, सिगरेट जैसी चीजों से दूर रहें नहीं तो परेशानियों से घिर सकते हैं।

उपाय:

  1. अपनी तर्जनी अंगुली पर पुखराज रत्न धारण करना और गुरु मंत्र का जाप करना आपको शुभ फल प्रदान करेगा।

  2. रविवार को उपवास रखें और किसी भी मांसाहारी भोजन और शराब से परहेज करें।

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