बृहस्पति कुंभ राशि में अस्त (19 फरवरी, 2022)
एस्ट्रोसेज के इस लेख में हमारे विद्वान ज्योतिषियों द्वारा बृहस्पति कुंभ राशि में अस्त (19 फ़रवरी, 2022) से जुड़ी विस्तृत भविष्यवाणियां प्रदान की गई हैं। साथ ही इसके नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए सही व सटीक उपायों के बारे में भी बताया गया है। जिनकी सहायता से आप अपने आने वाले दिनों को ख़ुशहाल और समृध्द बना सकते हैं। आइए जानते हैं कि किसी ग्रह के अस्त होने का क्या अर्थ होता है तथा यह हमारे जीवन को किस प्रकार प्रभावित करता है।
वैदिक ज्योतिष में अस्त होने का अर्थ
वैदिक ज्योतिष के अनुसार किसी ग्रह का अस्त होना एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें कोई ग्रह किसी राशि में विशेष दूरी (लगभग 10 अंश) पर सूर्य के निकट आकर प्रभावहीन हो जाता है। बृहस्पति यानी कि गुरु 19 फरवरी, 2022 को शनि शासित राशि कुंभ में अस्त होने जा रहे हैं यानी कि बृहस्पति ग्रह प्रभावहीन होने जा रहा है। उदाहरण के तौर पर जब मंगल ग्रह सूर्य के साथ युति करता है तो ऐसी स्थिति में जातक को साहस में कमी, भाई-बहन के साथ संबंध में कुछ समस्या तथा सुख-शांति की कमी आदि का सामना करना पड़ सकता है तथा कुछ जातकों में सफलता प्राप्त करने के लिए दृढ़ संकल्प की कमी भी देखी जाती है।
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ज्योतिष में बृहस्पति ग्रहवैदिक ज्योतिष में बृहस्पति को संतान, शुभ कार्यक्रमों, विस्तार, भाग्य और ज्ञान आदि का कारक माना जाता है। यदि किसी जातक का गुरु मज़बूत होता है तो उसमें अच्छे गुण पाए जाते हैं तथा वह आर्थिक रूप से भी समृद्ध होता है। वहीं दूसरी ओर यदि किसी जातक का गुरु कमज़ोर होता है तो ऐसे जातकों में अच्छे गुणों की कमी देखी जाती है तथा भाग्य भी उनका ज़्यादा साथ नहीं देता है। साथ ही उन्हें कुछ बाधाओं का सामना भी करना पड़ सकता है।
बृहस्पति कुंभ राशि में अस्त: तिथि व समयबृहस्पति 19 फरवरी, 2022 दिन शनिवार को सुबह 11:13 बजे कुंभ राशि में अस्त होगा तथा 20 मार्च, 2022 दिन रविवार को सुबह 9:35 बजे इसी राशि में अपनी सामान्य अवस्था में वापस आ जाएगा।
कुंभ राशि में बृहस्पति 19 फरवरी, 2022 को अस्त होगा और शक्तिहीन हो जाएगा। परिणामस्वरूप सुख-समृद्धि और सौभाग्य की कमी देखने को मिल सकती है। ऐसे में सलाह दी जाती है कि इस दौरान शादी-विवाह व अन्य मांगलिक कार्यक्रमों का आयोजन न करें। स्वास्थ्य की दृष्टि से ऊर्जा में कमी या कमज़ोरी होने के कारण आपकी शारीरिक फ़िटनेस भी प्रभावित हो सकती है।
20 मार्च, 2022 को जब बृहस्पति अपनी सामान्य अवस्था में वापस आ जाएगा तो यह जातकों के लिए फलदायी सिद्ध होगा। आर्थिक स्थिति से लेकर घर की सुख-समृद्धि तक सभी चीज़ों में सकारात्मक फल प्राप्त होंगे। शादी-विवाह एवं अन्य मांगलिक कार्यक्रम भी संभव होंगे। इस दौरान प्रमुख संपत्तियां जैसे कि भवन, आभूषण आदि ख़रीदना भी शुभ रहेगा। कुल मिलाकर आपके जीवन में संतोषजनक स्थितियों का निर्माण होगा।
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Read in English: Jupiter Combust in Aquarius (19 Feb, 2022)
आइए राशिनुसार अस्त बृहस्पति के प्रभावों के बारे में विस्तार से जानते हैं। साथ ही यह भी जानते हैं कि इसके नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए क्या उपयुक्त उपाय किए जा सकते हैं।
मेष
मेष राशि के जातकों के लिए बृहस्पति नौवें और बारहवें भाव का स्वामी है और यह उनके ग्यारहवें भाव में अस्त होगा।
पेशेवर रूप से देखा जाए तो इस दौरान कार्यस्थल पर कड़ी मेहनत करने के बावजूद आपके और आपके वरिष्ठों के बीच कुछ समस्याएं पैदा हो सकती हैं। साथ ही आपको काम के सिलसिले से जबरन विदेश यात्रा पर भेजा जा सकता है। जिसके कारण आप थोड़ा असंतुष्टि का अनुभव करेंगे।
यदि आप कोई व्यवसाय चला रहे हैं तो हो सकता है कि इस अवधि में आपको अपनी अपेक्षा से कम लाभ प्राप्त हो। साथ ही यह भी हो सकता है कि आपको अपने साझेदार का पूरा सहयोग ना मिल रहा हो, जिसकी वजह से व्यवसाय में कुछ दिक्कतें आ रही हों।
आर्थिक रूप से देखें तो इस दौरान आप अच्छी कमाई कर सकते हैं लेकिन हो सकता है कि यह कमाई आपके ख़र्चे पूरे करने के लिहाज से अपर्याप्त हो। ऐसे में धन की बचत कर पाने की संभावना कम रहेगी।
व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो इस दौरान आपको अपने जीवनसाथी के साथ संबंध में मतभेदों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में आपको सलाह दी जाती है कि उन्हें थोड़ा वक़्त दें और बातचीत करके सभी मतभेदों को सुलझाने का प्रयास करें।
स्वास्थ्य की बात की जाए तो मानसिक तनाव के कारण आपको थकान महसूस हो सकती है और कमजोरी भी प्रतीत हो सकती है। ऐसे में अपने खानपान पर ध्यान दें और योग, व्यायाम इत्यादि शुरू करें।
उपाय: गुरुवार के दिन भगवान शिव के लिए तेल का दीपक/दीया जलाएं।
वृषभ
वृषभ राशि के जातकों के लिए बृहस्पति आठवें और ग्यारहवें भाव का स्वामी है और यह उनके दसवें भाव यानी कि कर्म भाव में अस्त होगा। जिसके कारण आपको अपने प्रयासों में बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है तथा आपकी कुछ मनोकामनाएं भी अधूरी रह सकती हैं।
पेशेवर रूप से कार्यस्थल का असंतोषजनक माहौल आपकी चिंता का कारण बन सकता है। हो सकता है कि आपको अचानक से नौकरी में बदलाव का भी सामना करना पड़े। कम वेतन पर काम करने की ज़रूरत भी पड़ सकती है। ऐसे में आपको अपने काम की सही ढंग से योजना बनाने की आवश्यकता होगी
यदि आप ख़ुद का व्यवसाय चला रहे हैं तो इस दौरान आपके सामने मंदी, अपेक्षा से कम लाभ, अचानक नुकसान जैसी समस्याएं आ सकती हैं। ऐसे में आपको भी अपने व्यवसाय के संचालन से जुड़ी योजनाओं को सुव्यवस्थित रखना होगा।
आर्थिक रूप से इस दौरान आपको अधिक ख़र्चों का सामना करना पड़ सकता है। जिन्हें आप चाहते हुए भी नियंत्रित नहीं सकेंगे। ऐसे में धन की बचत कर पाने की संभावना कम ही होगी।
व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो अहंकार के कारण जीवनसाथी के साथ आपकी नोक-झोंक हो सकती है। यह सब अहंकार के अलावा आपसी समझ में कमी तथा कुछ पारिवारिक समस्याओं के कारण भी संभव हो सकता है।
स्वास्थ्य के लिहाज से आपको इस अवधि में पैरों, जांघों में दर्द, अनिद्रा आदि समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आपके लिए बेहतर होगा कि अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें व पूरी नींद लें।
उपाय: गुरुवार के दिन मंदिर में बृहस्पति ग्रह के लिए पूजा करें।
मिथुन
मिथुन राशि के जातकों के लिए बृहस्पति सातवें और दसवें भाव का स्वामी है और यह उनके नौवें भाव में अस्त होगा। इसके कारण आपको अपने प्रयासों में धीमी गति से परिणाम प्राप्त होंगे।
पेशेवर रूप से देखा जाए तो इस दौरान करियर में प्रगति संभव है लेकिन आप अपने कार्यों को समय पर पूरा करने में विफल हो सकते हैं। साथ ही काम के सिलसिले से लंबी दूरी की यात्राएं आपके लिए थोड़ी निराशाजनक हो सकती हैं।
यदि आप साझेदारी में व्यापार कर रहे हैं तो इस अवधि में साझेदार के साथ संबंध में कुछ समस्याएं आ सकती हैं, जिसका असर आपके व्यापार पर भी पड़ेगा। ऐसे में अपने व्यवसाय की सही ढंग से योजना बनाना आपके लिए बेहतर साबित होगा।
आर्थिक रूप से देखें तो हो सकता है कि आप अच्छी कमाई करें लेकिन बढ़ते ख़र्चों को देखते हुए आप असंतुष्ट हो सकते हैं। व्यक्तिगत जीवन में पारिवारिक समस्याओं के चलते जीवनसाथी से आपकी अनबन हो सकती है। वहीं स्वास्थ्य की बात करें तो इस दौरान पैरों में दर्द, त्वचा पर चकत्ते और जांघों में दर्द जैसी पुरानी समस्याएं आपको परेशान कर सकती हैं। आपको सलाह दी जाती है कि अपने स्वास्थ्य का ख़्याल रखें।
उपाय: प्रतिदिन 21 बार "ॐ भार्गवाय नमः" का जाप करें।
कर्क
कर्क राशि के जातकों के लिए बृहस्पति छठे और नौवें भाव का स्वामी है और यह उनके आठवें भाव में अस्त होगा।
पेशेवर रूप से देखा जाए तो इस दौरान आपको अपने कार्यों में कुछ बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। आप छोटे कार्यों को पूरा करने में भी अधिक समय ले सकते हैं। ऐसे में कार्यों की सही ढंग से योजना बनाना तथा काम के प्रति समर्पित होना आपके लिए आवश्यक होगा।
व्यवसायी जातकों को अपना व्यवसाय सुचारू रूप से चलाने में कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में बेहतर होगा कि अपने व्यवसाय के संचालन के लिए कुछ अच्छी योजनाएं बनाएं।
आर्थिक रूप से इस दौरान किसी लापरवाही की वजह से आपको धन हानि हो सकती है। आपको सलाह दी जाती है कि आर्थिक मामलों को लेकर अधिक सावधान रहें ताकि आप अधिक नुकसान से बच सकें। स्वाभाविक है कि ऐसी स्थिति में धन की बचत कर पाना मुश्किल साबित होगा।
व्यक्तिगत जीवन में पारिवारिक समस्याओं एवं संचार में कमी के कारण जीवनसाथी के साथ संबंध में कुछ समस्याएं आ सकती हैं। वहीं स्वास्थ्य की बात करें तो जांघों में दर्द, त्वचा एलर्जी तथा पाचन संबंधी स्वास्थ्य समस्याएं आपको घेर सकती हैं। ऐसे में अपने खानपान के प्रति विशेष रूप से सावधानी बरतें तथा अपना ख़्याल रखें।
उपाय: 21 बार "ॐ नमः शिवाय" का जाप करें।
सिंह
सिंह राशि के जातकों के लिए बृहस्पति पांचवें और आठवें भाव का स्वामी है और यह उनके सातवें भाव में अस्त होगा। इसके कारण आपके संबंध अपने मित्रों व प्रियजनों के साथ ख़राब हो सकते हैं। साथ ही आपकी छवि पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है।
पेशेवर रूप से कार्यस्थल पर आपके संबंध अपने सहकर्मियों के साथ बहुत अच्छे न रहने की संभावना है। जिसके कारण हो सकता है कि आपके मन में नौकरी छोड़ने का ख़्याल भी आए। इसके अलावा वरिष्ठों का अधिक सहयोग न मिलना भी आपको काफ़ी निराश कर सकता है।
यदि आप ख़ुद का व्यवसाय चला रहे हैं तो इस दौरान आपको मंदी का सामना करना पड़ सकता है। परिणामस्वरूप आप मनचाहा लाभ अर्जित नहीं कर सकेंगे। वहीं यदि आप साझेदारी के व्यवसाय में हैं तो साझा किया गया मुनाफ़ा आपको अपर्याप्त लग सकता है।
आर्थिक रूप से देखें तो किसी यात्रा के दौरान आपको धन हानि हो सकती है। आपको सलाह दी जाती है कि यात्रा के समय अपने कीमती सामान व धन के प्रति अधिक सतर्क रहें।
व्यक्तिगत जीवन में अहंकार और पारिवारिक समस्याओं के कारण जीवनसाथी के संबंध में मतभेद पैदा हो सकते हैं। वहीं स्वास्थ्य की बात करें तो इस दौरान आपको अपने जीवनसाथी के स्वास्थ्य के लिए धन ख़र्च करने की आवश्यकता पड़ सकती है चूंकि ऐसी आशंका है कि उनकी कुछ पुरानी स्वास्थ्य समस्याएं इस अवधि में पुनः परेशान कर सकती हैं।
उपाय: गुरुवार के दिन विकलांगों को वस्त्र दान करें।
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कन्या
कन्या राशि के जातकों के लिए बृहस्पति चौथे और सातवें भाव का स्वामी है और यह उनके छठे भाव में अस्त होगा।
पेशेवर रूप से देखा जाए तो इस दौरान वरिष्ठों द्वारा आप पर काम का अधिक दबाव डाला जा सकता है। साथ ही नौकरी में बदलाव होने की भी संभावना अधिक है लेकिन इस प्रकार का बदलाव आपके लिए ज़्यादा लाभकारी नहीं सिद्ध होगा।
यदि आप ख़ुद का व्यवसाय चला रहे हैं तो इस अवधि में हानि होने की आशंका अधिक है। वहीं यदि आप साझेदारी में व्यवसाय चला रहे हैं तो आपस में मुनाफ़े का साझा करने के मामले में साझेदारी के साथ कुछ समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में अपने व्यवसाय से जुड़ा कोई भी महत्वपूर्ण व बाद फ़ैसला लेना थोड़ा कम उचित होगा।
आर्थिक रूप से देखा जाए तो आपको इस दौरान बढ़ते ख़र्चों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में सही ढंग से वित्तीय प्रबंधन करते हुए ख़र्चों पर नियंत्रण बनाने की आवश्यकता होगी ताकि आपको हानि न हो।
व्यक्तिगत जीवन में पारिवारिक मुद्दों व अहंकार के चलते जीवनसाथी के साथ संबंध थोड़े ख़राब हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में आपके लिए उचित होगा कि उनके साथ वक़्त बिताएं और सभी मतभेदों व समस्याओं को सुलझाने का प्रयास करें।
स्वास्थ्य की बात करें तो मानसिक तनाव के कारण आपको हृदय संबंधी समस्या और मांसपेशियों में खिंचाव होने की शिकायत हो सकती है। आपको सलाह दी जाती है कि अपने स्वास्थ्य की देखभाल करें और योग, व्यायाम और ध्यान करना आदि शुरू करें।
उपाय: शनिवार के दिन शनि देव के लिए तेल का दीपक/दीया जलाएं।
तुला
तुला राशि के जातकों के लिए बृहस्पति तीसरे और छठे भाव का स्वामी है और यह उनके पांचवें भाव में अस्त होगा।
पेशेवर रूप से इस दौरान कार्यस्थल पर काम के मामले में सहजता बनी रहेगी लेकिन वरिष्ठों के साथ आपके संबंध में कुछ समस्याएं आ सकती हैं और यह आपकी चिंता का मुख्य कारण होगा।
यदि आप स्वयं का व्यवसाय चला रहे हैं तो इस अवधि में आपको लाभ तो होगा लेकिन हो सकता है कि आपकी अपेक्षा से थोड़ा कम हो। इस कारण से आप अपने व्यवसाय से जुड़ा कोई नया निवेश करने या अपने व्यवसाय का विस्तार करने में सक्षम होंगे।
आर्थिक रूप से धन का प्रवाह अच्छा रहेगा और आप अच्छी कमाई भी करेंगे लेकिन धन की बचत कर पाना काफ़ी मुश्किल साबित हो सकता है चूंकि इस दौरान अप्रत्याशित रूप से हानि होने की आशंका है।
व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो आपको अपने जीवनसाथी के साथ संबंध में ग़लतफ़हमियों का सामना करना पड़ सकता है। वैवाहिक जीवन में मधुरता बनाए रखने के लिए अहंकार की भावना से बचें। वहीं स्वास्थ्य की बात करें तो इस दौरान आपको सर्दी-जुकाम, सिरदर्द और पेट से जुड़ी समस्याएं परेशान कर सकती हैं। ऐसे में अपने खानपान के प्रति सावधानी बरतें एवं अपना ख़्याल रखें।
उपाय: गुरुवार के दिन निर्धन लोगों को दाल दान करें।
वृश्चिक
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बृहस्पति दूसरे और पांचवें भाव का स्वामी है और यह उनके चौथे भाव में अस्त होगा। इसके कारण आपको अपने घर में सुख-सुविधाओं की कमी महसूस हो सकती है तथा आपको आर्थिक समस्याओं से भी गुज़रना पड़ सकता है।
पेशेवर रूप से कार्यस्थल पर आपको कुछ समस्याएं जैसे कि आपके काम की सराहना न किया जाना, सहकर्मियों का अधिक सहयोग न मिलना आदि का सामना करना पड़ सकता है।
वहीं यदि आप ख़ुद का व्यवसाय चला रहे हैं तो इस अवधि में अपेक्षा से कम लाभ प्राप्त होने की संभावना है। जिसके कारण आप अपने व्यवसाय का विस्तार नहीं सकेंगे। साथ ही कम लाभ प्राप्त होने की वजह से मार्केट में आपका प्रदर्शन भी अच्छा नहीं रह सकेगा।
आर्थिक रूप से इस दौरान कमाए हुए धन की बचत कर पाना मुश्किल हो सकता है। इसके अलावा किसी यात्रा के दौरान आपको धन हानि भी हो सकती है।
व्यक्तिगत जीवन में कुछ गंभीर मुद्दों के कारण जीवनसाथी के साथ आपके संबंध ख़राब हो सकते हैं। वहीं स्वास्थ्य की बात करें तो सिरदर्द, पैरों में दर्द और पेट से जुड़ी समस्याएं आपकी परेशानी का कारण बन सकती हैं। ऐसे में आपके लिए ज़रूरी होगा कि अपने स्वास्थ्य व खानपान के प्रति सावधान रहें।
उपाय: प्रतिदिन 21 बार "ॐ गुरुवे नमः" का जाप करें।
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धनु
धनु राशि के जातकों के लिए बृहस्पति प्रथम/लग्न और चौथे भाव का स्वामी है और यह उनके तीसरे भाव में अस्त होगा। इसके कारण इस दौरान आपको धीमी गति से परिणाम प्राप्त होंगे।
पेशेवर रूप से इस दौरान आपको जबरन तबादले या नौकरी छूटने जैसी स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही किसी कारणवश मौजूदा कार्यस्थल पर आपकी प्रतिष्ठा प्रभावित हो सकती है। ऐसे में आपको अपने वरिष्ठों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने की ज़रूरत होगी।
यदि आप ख़ुद का व्यवसाय चला रहे हैं तो इस दौरान आपके प्रदर्शन में कमी देखी जा सकती है। जिसके परिणामस्वरूप अपेक्षित लाभ में भी कमी देखने को मिलेगी। यदि आप साझेदारी में व्यवसाय चला रहे हैं तो आपको अपने साझेदार के साथ संबंध में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जिसका नकारात्मक असर आपके व्यवसाय पर भी पड़ेगा।
आर्थिक रूप से देखा जाए तो इस दौरान आपको अपने मौजूदा धन को संभालने की ज़रूरत होगी चूंकि ऐसी आशंका है कि वह पूरी तरह से ख़त्म हो सकता है। यूं समझिए कि आपकी बचत भी ख़र्च हो सकती है इसलिए बहुत ध्यान से अपने ख़र्चों की योजना बनाएं।
व्यक्तिगत जीवन में कुछ कारणों की वजह से जीवनसाथी से भावनात्मक दूरी संभव हो सकती है यानी कि आपसी आकर्षण में कमी आ सकती है। ऐसे में अपने वैवाहिक जीवन पर अधिक ध्यान दें और चीज़ों को सुलझाने का प्रयास करें। वहीं स्वास्थ्य की बात करें तो आपको आंखों में जलन, पैरों में दर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आपके लिए बेहतर रहेगा कि अपनी सेहत पर ध्यान दें तथा योग, व्यायाम आदि शुरू करें।
उपाय: गुरुवार के दिन मंदिर में भगवान शिव को गुड़ का भोग लगाएं।
मकर
मकर राशि के जातकों के लिए बृहस्पति तीसरे और बारहवें भाव का स्वामी है और यह उनके दूसरे भाव में अस्त होगा। इसके कारण आपके पारिवारिक जीवन में कुछ समस्याएं आ सकती हैं।
पेशेवर रूप से देखें तो इस दौरान आपको अपने वरिष्ठों के साथ संबंध में कुछ मतभेदों का सामना पड़ सकता है। हो सकता है कि नौकरी में आप जिस चीज़ की उम्मीद लगाए बैठे हों, वह आपको न मिले। साथ ही आपके सहकर्मी भी आपका अधिक सहयोग न करें। जिसके कारण आपको असंतुष्टि महसूस हो सकती है।
यदि आप ख़ुद का व्यवसाय चला रहे हैं तो इस दौरान आपको अपने मनमुताबिक लाभ अर्जित करने में कुछ समस्याएं आ सकती हैं। ऐसे में आपको अपने संसाधनों को सही दिशा में प्रयोग करने की आवश्यकता होगी ताकि उचित मुनाफ़ा कमाया जा सके।
आर्थिक रूप से देखा जाए तो किसी यात्रा के दौरान लापरवाही के कारण आपको धन हानि हो सकती है। आपको सलाह दी जाती है कि यात्रा करते समय अपने कीमती सामान व धन को लेकर सावधान रहें। इसके अलावा इस अवधि में धन की बचत करना भी संभव नहीं हो सकेगा।
व्यक्तिगत जीवन में कुछ संवेदनशील पारिवारिक मुद्दों के कारण आपको अपने जीवनसाथी के साथ संबंध में अंतराल का सामना करना पड़ सकता है। वहीं स्वास्थ्य की बात करें तो आंखों, जांघों आदि में दर्द की समस्या आपको परेशान कर सकती है। आपको सलाह दी जाती है कि अपने स्वास्थ्य का ख़्याल रखें।
उपाय: प्रतिदिन 108 बार "ॐ गुरुवे नमः" का जाप करें।
कुंभ
कुंभ राशि के जातकों के लिए बृहस्पति दूसरे और ग्यारहवें भाव का स्वामी है और यह उनके प्रथम यानी कि लग्न भाव में अस्त होगा। इसके कारण आपको अपने जीवन में कुछ असफलताओं और अचानक बदलावों का सामना करना पड़ सकता है।
पेशेवर जीवन की बात की जाए तो इस दौरान आपके सामने कुछ ऐसी समस्याएं आ सकती हैं, जिसकी आपको उम्मीद भी नहीं होगी जैसे कि नई नौकरी में बदलाव, आपके काम को पहचान न हासिल होना और एक ही नौकरी में जगह-जगह स्थानांतरण आदि।
यदि आप ख़ुद का व्यवसाय चला रहे हैं तो इस अवधि में आपको कुछ ऐसी बाधाओं या रुकावटों का सामना करना पड़ सकता है, जो कि आपके व्यवसाय को संकट की स्थिति में डाल सकता है। परिणामस्वरूप अपेक्षित लाभ संभव नहीं हो सकेगा और यह आपकी चिंता का कारण बन सकता है।
आर्थिक रूप से इस दौरान आपको ख़र्चों में वृद्धि, फ़िज़ूलख़र्ची आदि का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में धन की बचत संभव नहीं होगी।
व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो काम में अधिक व्यस्त होने के कारण आप अपने परिवार और जीवनसाथी के साथ ज़्यादा वक़्त नहीं बिता सकेंगे। वहीं स्वास्थ्य की बात की जाए तो इस दौरान आपको कंधों में दर्द, टखनों और हाथों में दर्द जैसी समस्याओं से गुज़रना पड़ सकता है। आपको सलाह दी जाती है कि अपने स्वास्थ्य का ख़्याल रखें और उचित इलाज कराएं।
उपाय: गुरुवार के दिन भगवान बृहस्पति को पीले रंग के पुष्प अर्पित करें।
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मीन
मीन राशि के जातकों के लिए बृहस्पति प्रथम और दशम भाव का स्वामी है और यह उनके बारहवें भाव में अस्त होगा।
पेशेवर रूप से इस दौरान काम के अत्याधिक दबाव के कारण आपको मानसिक तनाव हो सकता है। फलस्वरूप आप अपने काम में रुचि खो देंगे।
यदि आप ख़ुद का व्यवसाय चला रहे हैं तो इस दौरान आपको 'ना लाभ, ना हानि' की स्थिति से गुज़रना पड़ सकता है। ऐसे में किसी नए व्यवसाय की शुरुआत करना एक ग़लत कदम साबित हो सकता है।
व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो कुछ संवेदनशील पारिवारिक मुद्दों के चलते आपके संबंध अपने जीवनसाथी के साथ बहुत सहज नहीं रह सकेंगे। साथ ही मित्रों से सहयोग मिलने की संभावना भी कम है।
स्वास्थ्य के लिहाज से इस अवधि में आपको जोड़ों, पैरों में दर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आपके लिए बेहतर होगा कि योग, व्यायाम आदि को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
उपाय: सोमवार के दिन माता पार्वती की पूजा करें।
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