बुध का सिंह राशि में गोचर (30 अगस्त 2025)
बुध का सिंह राशि में गोचर: व्यापार के कारक ग्रह बुध 30 अगस्त 2025 को कर्क राशि छोड़कर सिंह राशि में जा रहे हैं। बुध ग्रह 30 अगस्त 2025 की शाम 4 बजकर 39 मिनट पर सिंह राशि में प्रवेश करेंगे और 15 सितंबर 2025 की सुबह 10 बजकर 58 मिनट तक सिंह राशि में ही बने रहेंगे। क्योंकि सिंह राशि सूर्य की राशि है और बुध ग्रह सूर्य के सबसे निकट रहने वाले ग्रहों में से एक हैं। स्वाभाविक है कि निकट रहने वाले व्यक्ति अक्सर आपस में मित्र होते हैं, तभी तो वो एक दूसरे के निकट रह पाते हैं। ग्रहों के इस मंडल में भी यह बात लागू होती है सूर्य बुध आपस में मित्र हैं। अतः मित्र की राशि में जाने के कारण बुध ग्रह स्वयं को मजबूत होने का अनुभव करेंगे। बुध के इस गोचर में एक बात विशेष ध्यान देने वाली है कि बुध ग्रह इस पूरे गोचर की अवधि में अस्त रहेंगे। क्योंकि बुध ग्रह 29 अगस्त 2025 से 2 अक्टूबर 2025 तक अस्त है जबकि सिंह राशि में बुध ग्रह 30 अगस्त से 15 सितंबर तक ही रहेंगे।

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अतः सिंह राशि में गोचर करने की अवधि में अस्त रहने के कारण स्वाभाविक है कि बुध ग्रह की मजबूती तुलनात्मक रूप से कम रहेगी लेकिन फिर भी जिनकी कुंडली में बुध ग्रह अनुकूल होंगे उनको अनुकूल परिणाम देना चाहेंगे भले ही अनुकूलता के ग्राफ में मामूली सी कमी देखने को मिले। वहीं जिनके लिए बुध ग्रह प्रतिकूल परिणाम देने वाले होंगे उनकी प्रतिकूलता में भी थोड़ी सी कमी रहेगी लेकिन नैसर्गिक रूप से या स्वाभाविक रूप से जो परिणाम बुध ग्रह को देना है वैसे परिणाम बुध ग्रह देंगे ही। तो आइए जानते हैं बुध का सिंह राशि में गोचर सभी 12 राशि के जातकों के लिए कैसे परिणाम लेकर आ रहे हैं।
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बुध का सिंह राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
बुध आपकी कुंडली में तीसरे और छठे भाव के स्वामी होते हैं तथा बुध का सिंह राशि में गोचर आपके पंचम भाव में होगा। क्योंकि पंचम भाव में बुध के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता लेकिन नैसर्गिक और तात्कालिक दोनों तरह की मित्रता के अनुसार सम अवस्था में रहेंगे और अस्त भी रहेंगे। इस कारण से बुध ग्रह आपको पूरी तरह से नकारात्मक परिणाम नहीं देंगे। कुछ सावधानियां को रखने की स्थिति में पंचम भाव से संबंधित अच्छे परिणाम मिल सकेंगे। पंचम भाव में बुध के गोचर को मन को अशांत करने वाला कहा गया है लेकिन संभवत कुछ छोटी-मोटी चिंताएं छोड़कर बाकी मन शांत रह सकता है। संतान से संबंधित मामलों में प्रयत्न करके आप परेशानियों को दूर कर सकेंगे। संभव तो इस अवधि में कोई महत्वपूर्ण योजना न बनाएं तो ज्यादा अच्छा रहेगा। आर्थिक मामले में भी सावधानी पूर्वक निर्वाह करने की स्थिति में परिणाम नकारात्मक नहीं होंगे।
उपाय: गाय की सेवा करना बुध की नकारात्मकता को शांत करने में सहयोग करेगा।
वृषभ राशि
बुध आपकी कुंडली में दूसरे भाव के साथ-साथ पांचवें भाव के स्वामी होते हैं और बुध का सिंह राशि में गोचर आपके चौथे भाव में होगा। वैसे तो चतुर्थ भाव में बुध ग्रह के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देने वाला माना गया है लेकिन तात्कालिक और नैसर्गिक दोनों तरह की मित्रता के अनुसार बुध ग्रह सम अवस्था में रहेंगे साथ ही साथ अस्त भी रहेंगे। इस कारण से अच्छाइयों के ग्राफ में थोड़ी सी कमी देखने को मिल सकती है। फिर भी काफी हद तक अनुकूल परिणाम आप प्राप्त कर सकेंगे। माता से संबंधित मामलों में जरा सी सावधानी रखकर आप काफी अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे।
जमीन जायदाद से संबंधित मामलों में भी अच्छे परिणाम मिल सकेंगे लेकिन कागजात इत्यादि का भली भांति निरीक्षण जरूरी रहेगा। घरेलू सुख सुविधाओं में छोटे-मोटे व्यवधान के बाद उनकी प्राप्ति संभव हो सकेगी। समय के अनुसार आचार व्यवहार करने की स्थिति में बड़े लोगों से जुड़ाव भी संभव हो सकेगा।
उपाय: अस्थमा के रोगियों को दवाएं खरीदने में सहयोग करना हितकारी रहेगा।
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मिथुन राशि
बुध आपके राशि स्वामी होने के साथ-साथ आपके चौथे भाव के भी स्वामी हैं और ये अस्त रहते हुए आपके तीसरे भाव में गोचर करेंगे। क्योंकि तीसरे भाव में बुध ग्रह के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना गया है। अर्थात बुध ग्रह यहां पर सामान्य तौर पर कई मामलों में कमजोर परिणाम देता है। कुछ एक मामलों में अच्छे परिणाम भी देने वाला कहा गया है। अतः अस्त रहने के कारण उन खराब परिणामों में कमी देखने को मिलेगी। गोचरशास्त्र में ऐसा कहा गया है कि तीसरे भाव में बुध का गोचर मन में भय की भावना देता है।
स्वाभाविक है कि जब बुध अस्त है तो मन में यदि किसी कारण से डर आएगा तो डर इतना अधिक नहीं रहेगा कि आपको परेशान कर दे। किसी बात को लेकर मामूली सी चिंताएं रह सकती हैं लेकिन तीसरे भाव के स्वामी के संगति में रहने के कारण बुध ग्रह आपको संभवत: नकारात्मक परिणाम नहीं देंगे। एक दूसरे की भावनाओं का ख्याल रखेंगे तो भाई बंधुओ से विवाद भी नहीं होगा और सावधानीपूर्वक निर्वाह करके आप धन हानि से भी बच सकेंगे। क्योंकि यहां पर बुध ग्रह का परिणाम पूरी तरह से बुध ग्रह के रूप में नहीं होगा बल्कि सूर्य के जैसा परिणाम होगा और सूर्य तीसरे भाव में अच्छे परिणाम देते हैं। अतः तीसरे भाव से संबंधित नकारात्मकता आपको नहीं मिलेगी। मित्रों की प्राप्ति करवाने में बुध का यह गोचर आपके लिए मददगार बन सकता है।
उपाय: चिड़ियों को दाना चुगाना शुभ रहेगा।
कर्क राशि
बुध आपकी कुंडली में तीसरे और द्वादश भाव के स्वामी हैं और बुध का सिंह राशि में गोचर आपके दूसरे भाव में होगा। दूसरे भाव में बुध ग्रह के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है। स्वाभाविक है कि बुध ग्रह आपको अच्छे परिणाम देना भी चाहेगा। बस अंतर यह रह सकता है कि अस्त होने के कारण बुध ग्रह के द्वारा दी गई अच्छाइयां तुलनात्मक रूप से थोड़ी सी कम मात्रा में रह सकती हैं। दूसरे भाव में बुध के गोचर को धन और आभूषण की प्राप्ति करवाने वाला कहा गया है।
अर्थात इस गोचर की अवधि में आप कपड़े या गहने खरीद सकते हैं। हो सकता है कि इन प्राप्तियां में कुछ एक्स्ट्रा टाइम लग सकता है लेकिन फिर भी यदि ऐसी कोई इच्छा आपकी है, तो उसकी पूर्ति हो सकती है। विद्यार्थियों को भी थोड़ी सी एक्स्ट्रा मेहनत करके अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। आपकी बातचीत की शैली अच्छी रहेगी। उत्तम भोजन की प्राप्ति भी संभावित रहेगी। संबंधियों से मिलना और बातें करना भी संभव हो सकेगा। हो सकता है कि बुध के अस्त होने के कारण इन मामलों में थोड़ा सा विलंब रहे लेकिन फिर भी इस तरह के परिणाम मिलने की अच्छी संभावनाएं प्रतीत हो रही है।
उपाय: मांस, मदिरा, अंडे व अश्लीलता आदि से दूर रहना अर्थात शुद्ध और सात्विक रहना शुभ रहेगा।
सिंह राशि
बुध आपकी कुंडली में लाभ तथा धन भाव के स्वामी होते हैं और बुध का सिंह राशि में गोचर आपके पहले भाव में होगा। पहले भाव में बुध ग्रह के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता लेकिन बुध ग्रह आपके लाभ भाव का स्वामी होकर प्रथम भाव में आया है। यह कनेक्शन अच्छा माना जाएगा। बुध का प्रथम भाव में जाना भी आर्थिक और पारिवारिक मामले के लिए अच्छा माना जाएगा लेकिन बुध ग्रह पर राहु केतु का प्रभाव भी रहेगा। इन सभी कारणों से बुध ग्रह कुछ परेशानियां भी दे सकते हैं लेकिन परेशानियों के बाद लाभ मिलने की अच्छी संभावनाएं रहेंगी। इन सबके बावजूद भी अप्रिय भाषा शैली से बचाना समझदारी का काम होगा। किसी की निंदा नहीं करनी है। फोन पर बातचीत करते समय शब्दों का उचित चयन जरूरी रहेगा। संबंधियों के साथ संबंधों को मेंटेन करना भी समझदारी का काम होगा। अर्थात सावधानियां को अपनाने की स्थिति में बुध ग्रह के नकारात्मक परिणामों को रोका जा सकेगा और सकारात्मक परिणाम भी प्राप्त किए जा सकेंगे।
उपाय: किसी गरीब कन्या को पढ़ाई लिखाई की सामग्री भेंट करना शुभ रहेगा।
कन्या राशि
बुध आपकी राशि स्वामी होने के साथ-साथ आपके कर्म भाव के भी स्वामी होते हैं तथा ये अस्त रहते हुए आपके द्वादश भाव में गोचर करेंगे। क्योंकि द्वादश भाव में बुध ग्रह के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता, ऊपर से बुध ग्रह आपकी लग्न या राशि के स्वामी ग्रह होते हैं। ऐसे में राशि स्वामी का द्वादश भाव में जाना और भी कमजोर बिंदु माना जाएगा। हालांकि विदेश आदि से संबंधित मामलों में लग्न या राशि के स्वामी का द्वादश में जाना अच्छे परिणाम भी दिला सकता है लेकिन सामान्य तौर पर इस गोचर को हम बहुत अच्छा नहीं कहेंगे।
अतः इस गोचर की अवधि में आपको सावधानी पूर्वक निर्वाह करने की आवश्यकता रहने वाली है। व्यर्थ के खर्चों से बचना है। विवाहित होने की स्थिति में जीवनसाथी या जीवन संगिनी के साथ बेहतर तालमेल ज़रूरी रहेगा। एक दूसरे के स्वास्थ्य का ख्याल रखें। एक दूसरे की भावनाओं का ख्याल रखें। यदि आप विद्यार्थी हैं तो इस समय अवधि में अपनी विषय वस्तु पर अपेक्षाकृत अधिक फोकस करने की जरूरत रहेगी। कुल मिलाकर इस गोचर को हम कमजोर परिणाम देने वाला कह सकते हैं।
उपाय: माथे पर नियमित रूप से केसर का टीका लगाना शुभ रहेगा।
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तुला राशि
बुध आपकी कुंडली में भाग्य भाव के स्वामी होने के साथ-साथ द्वादश भाव के भी स्वामी हैं और वर्तमान बुध का सिंह राशि में गोचर आपके लाभ भाव में होगा। क्योंकि लाभ भाव में बुध ग्रह के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है। स्वाभाविक है कि बुध ग्रह का यह गोचर आपको अच्छे लाभ देगा। बस लाभ की मात्रा में मामूली सी कमी देखने को मिल सकती है क्योंकि बुध ग्रह अस्त रहेंगे। हालांकि बुध ग्रह को अस्त होने का दोष नहीं लगता है लेकिन फिर भी टेक्निकल हम इसे मामूली ही सही लेकिन वीक पॉइंट मानकर ऐसा कहना चाहेंगे कि इस गोचर की अवधि में सामान्य तौर पर आप काफी अच्छे परिणाम प्राप्त करेंगे लेकिन फिर भी उपलब्धियों में थोड़ी सी कमी रह सकती है।
उपलब्धियों की बात की जाए तो व्यापार व्यवसाय में लाभ मिल सकता है। आमदनी में बढ़ोतरी हो सकती है। स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी इस गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला माना जाएगा। भाई बंधु और मित्रों के साथ तालमेल बेहतर रहेंगे। कामों में सफलता मिलेगी। यानी हर फील्ड में अच्छे परिणाम मिलेंगे। यदि मेहनत के ग्राफ को एक दो परसेंट और बढ़ा देंगे तो अस्त होने के दोष की कमी दूर होगी और आप शानदार परिणाम प्राप्त कर सकेंगे।
उपाय: हरा पालक खिलाना शुभ रहेगा।
वृश्चिक राशि
बुध आपकी कुंडली में आठवें और लाभ भाव के स्वामी होते हैं तथा अस्त बुध का सिंह राशि में गोचर आपके दसवें भाव में होगा। क्योंकि दशम भाव में बुध ग्रह के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है, इसलिए इस गोचर की अवधि में बुध ग्रह आपको अच्छे परिणाम देंगे। सामान्य शब्दों में इसे हम अच्छे परिणाम देने वाला ही कहेंगे लेकिन टेक्निकल बुध ग्रह के अस्त होने के कारण परिणाम में मामूली सी कमजोरी या कमी देखने को मिल सकती है।
वह भी इतनी कम जिससे आप पर कोई विशेष फर्क नहीं पड़ना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि बुध ग्रह को अस्त होने का दोष नहीं लगता लेकिन फिर भी हमें स्पष्ट कहना जरूरी रहता है कि बुध ग्रह अस्त होने के कारण अच्छाइयों के ग्राफ में थोड़ी सी कमी कर सकते हैं। इन सबके बावजूद भी आपको पद प्रतिष्ठा का अच्छा लाभ मिल सकता है।
आप अपने प्रतिस्पर्धियों से बेहतर कर सकते हैं। व्यापार व्यवसाय में भी अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते हैं। मान प्रतिष्ठा की प्राप्ति भी हो सकती है। बस इन तमाम उपलब्धियां के लिए अपने मेहनत के ग्राफ को थोड़ा सा और बढ़ा देना जरूरी रहेगा। ऐसा करने से अस्त होने का जो थोड़ा सा दोष लग भी रहा है वह भी शांत होगा और आप काफी अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे।
उपाय: मंदिर में दूध और चावल का दान करना शुभ रहेगा।
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धनु राशि
बुध आपकी कुंडली में सप्तम तथा दशम भाव के स्वामी होते हैं और फिलहाल बुध का सिंह राशि में गोचर आपके भाग्य भाव में होगा। क्योंकि भाग्य भाव में बुध ग्रह के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता। अर्थात भाग्य भाव में बुध ग्रह के गोचर को विरुद्ध या विपरीत परिणाम देने वाला माना जाता है। अत: बुध ग्रह के अस्त होने से उस विरुद्ध परिणाम में कमी देखने को मिलेगी। यानी अस्त होने का थोड़ा ही सही लेकिन आपको बेनिफिट हो सकता है। क्योंकि परेशानियों में कमी देखने को मिलेगी।
भाग्य भाव में बुध की गोचर को भाग्य हानि करवाने वाला कहा गया है। स्वाभाविक है कि अस्त होने के कारण भाग्य हानि का कम होगी और इसका फायदा आपको मिल सकता है। इन सबके बावजूद भी कर्म स्थान के स्वामी का अस्त होना कामों में व्यवधान देने का काम कर सकता है। अपने मान सम्मान के प्रति सचेत रहना भी जरूरी रहेगा। अपने रोजगार या दैनिक काम को लेकर सजगता भी जरूरी रहेगी। अर्थात इस गोचर की अवधि में परिणाम अधिक अनुकूल नहीं रहेंगे। अतः सावधानी पूर्वक निर्वाह करने की आवश्यकता रहेगी।
उपाय: किन्नरों को हरी चूड़ियां भेंट करना शुभ रहेगा।
मकर राशि
बुध आपकी कुंडली में छठे और भाग्य भाव के स्वामी हैं तथा वर्तमान में ये अस्त अवस्था में बुध का सिंह राशि में गोचर आपके आठवें भाव में होगा। वैसे तो अष्टम भाव में बुध ग्रह के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला माना गया है लेकिन भाग्य भाव के स्वामी का अस्त होना एक कमजोर बिंदु माना जाएगा। इसलिए अच्छाइयों के ग्राफ में मामूली सा अंतर देखने को मिल सकता है। बुध का यह गोचर आकस्मिक रूप से कुछ धन की प्राप्ति करवा सकता है। थोड़ी सी मेहनत लेकर ही सही लेकिन काम में सफलता दे सकता है। आप सामाजिक मान प्रतिष्ठा भी प्राप्त कर सकेंगे। प्रतिस्पर्धात्मक कामों में आपको विजय मिल सकेगी। यानी कुल मिलाकर बुध ग्रह का यह गोचर आपको अच्छे परिणाम देगा। अस्त होने के कारण मेहनत थोड़ी सी ज्यादा ले सकता है लेकिन ओवरऑल इस गोचर से आप सकारात्मक परिणाम की उम्मीद रख सकते हैं।
उपाय: गणेश जी की नियमित रूप से पूजा अर्चना शुभ रहेगी।
कुंभ राशि
बुध आपकी कुंडली में पंचम तथा अष्टम भाव के स्वामी होते हैं और बुध का सिंह राशि में गोचर आपके सप्तम भाव में होगा। क्योंकि सप्तम भाव में बुध ग्रह के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता। अतः अस्त होने का थोड़ा ही सही लेकिन आपको बेनिफिट मिल सकता है लेकिन पंचम भाव के स्वामी का अस्त होना प्रेम संबंधों में थोड़ी सी कमजोरी दे सकता है। विद्यार्थियों को भी अपने विषय वस्तु पर कंसंट्रेट करने के लिए अपेक्षाकृत अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है।
इस लिहाज़ से यह कमजोर बिंदु है लेकिन प्लेसमेंट के अनुसार यह गोचर खराब होता है। इसलिए अस्त होना थोड़ा सा फायदेमंद रहेगा। बात की जाए बुध ग्रह के सप्तम भाव में गोचर की तो यह गोचर स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से थोड़ा सा कमजोर माना गया है। इस गोचर को जीवनसाथी या जीवन संगिनी के साथ संबंधों को भी कमजोर करने वाला कहा गया है। इस गोचर के चलते शासन प्रशासन से जुड़े हुए व्यक्तियों से आप का कोई विवाद न होने पाए इस बात का ख्याल रखना है। यथा संभव यात्राओं से बचाना है। कोई नया निवेश इत्यादि नहीं करना है। हालांकि प्रेम विवाह के इच्छुक लोगों को यह गोचर कुछ हद तक फायदे भी पहुंचा सकता है।
उपाय: कन्याओं का पूजन कर उनका आशीर्वाद लेना शुभ रहेगा।
मीन राशि
बुध आपकी कुंडली में चौथे तथा सातवें भाव के स्वामी हैं और वर्तमान में ये अस्त रहते हुए आपके छठे भाव में गोचर करेंगे। हालांकि छठे भाव में बुध ग्रह के गोचर को काफी अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है, अतः सामान्य तौर पर यह गोचर आपको काफी अच्छे परिणाम देगा। फिर भी एडिशनली आपको यह बता दिया जाए कि अस्त होने के चलते कुछ एक मामलों में कमजोर परिणाम मिल सकते हैं। जैसे कि घर गृहस्थी को लेकर कभी कभार कुछ चिंताएं रह सकती हैं। दांपत्य जीवन को लेकर के भी कुछ चिंताएं या परेशानियां देखने को मिल सकती हैं लेकिन बाकी अन्य मामलों में यह गोचर आपको अच्छे परिणाम देना चाहेगा।
आर्थिक मामले की बात हो या फिर स्वास्थ्य से संबंधित मामले की बात; बुध ग्रह का यह गोचर आपका फ़ेवर कर सकता है। प्रतिस्पर्धियों से आगे ले जाने में भी बुध ग्रह का यह गोचर आपके लिए मददगार बन सकता है। मान सम्मान में बढ़ोतरी करवाने में भी यह गोचर आपके लिए फायदेमंद रह सकता है। कला और साहित्य से लगाव रखने वाले लोगों को भी इस गोचर के चलते काफी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।
उपाय: भगवान गणेश को फूलों की माला पहनना शुभ रहेगा।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. 2025 में बुध का सिंह राशि में गोचर कब होंगे?
बुध का सिंह राशि में गोचर 30 अगस्त 2025 को होगा।
2. बुध का गोचर कितने दिन का होता है?
ज्योतिष के मुताबिक, बुध ग्रह करीब 21 दिनों के अंतराल में राशि बदलता है।
3. सिंह राशि के स्वामी कौन है?
सिंह राशि के स्वामी सूर्य हैं।