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बुध कर्क राशि में अस्त (29 अगस्त 2025)

बुध ग्रह फ़िर से हुए अस्त: सूर्य के अत्यंत निकट रहने के कारण अक्सर अस्त हो जाने वाले ग्रह हैं बुध ग्रह। इसीलिए इन्हें अस्त होने का दोष नहीं लगता है लेकिन फिर भी बुध ग्रह जिन चीजों के कारक ग्रह होते हैं उन चीजों में मामूली ही सही लेकिन बुध ग्रह के अस्त होने का प्रभाव तो पड़ता ही है। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि बुध ग्रह बुद्धि का कारक होने के साथ-साथ वाणी का भी कारक होता है। ऐसे में बुध ग्रह लोगों को कुशल वक्ता बनता है, लेखक बनता है, शिक्षक बनता है, साथ ही साथ मिलनसार भी बनता है। इसके अलावा वाणिज्य का जानकार बनाने में भी बुध ग्रह का अहम योगदान होता है। बुध ग्रह सूर्य के सबसे निकट ग्रहों में माना जाता है।

बुध कर्क राशि में अस्त 29 अगस्त 2025 को होगा।

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अतः जब भी सूर्य से अंशात्मक निकटता होती है, बुध अस्त हो जाते हैं। जैसा कि हमने पहले ही बताया कि अस्त होने का दोष अन्य ग्रहों पर ज्यादा लगता है, बुध पर न के बराबर माना जाता है लेकिन फिर भी जिन चीजों का कारक ग्रह बुध होता है उन चीजों में फर्क तो पड़ता ही होगा। अतः बुध के अस्त होने का कैसा प्रभाव रहेगा, इसकी जानकारी आप तक पहुंचाना जरूरी रहता है। बुध ग्रह 29 अगस्त 2025 को कर्क राशि में रहते रहते अस्त हो रहे हैं। इस बार बुध ग्रह लंबे समय तक अस्त रहने वाले हैं।

अर्थात बुध ग्रह 2 अक्टूबर 2025 को उदित होंगे। यानी की 29 अगस्त 2025 की दोपहर 15:44 पर बुध ग्रह अस्त होंगे और 2 अक्टूबर 2025 को शाम 5:25 पर बुध ग्रह उदित होंगे लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि बुध ग्रह जब अस्त होंगे उस समय वह कर्क राशि में विचरण कर रहे होंगे लेकिन जब उनका उदय होगा, उस समय वह अपनी स्वयं की राशि कन्या राशि में पहुंच चुके होंगे। अर्थात अस्त रहते रहते बुध ग्रह कर्क सिंह और कन्या राशि का भ्रमण कर लेंगे। अत: इस लेख में हम बुध की तात्कालिक राशि से अधिक उसके स्वामित्त्व के आधार पर फलादेश करेंगे। तो आइए जानते हैं कि बुध कर्क राशि में अस्त होने का आपकी लग्न या आपकी राशि पर कैसा प्रभाव पड़ने वाला है।

To Read in English Click Here: Mercury Combust in Cancer

यह राशिफल आपकी चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी व्यक्तिगत चन्द्र राशि अभी जानने के लिए चंद्र राशि कैलकुलेटर का उपयोग करें

बुध कर्क राशि में अस्त: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय

मेष राशि

मेष राशि की कुंडली में बुध ग्रह तीसरे और छठे भाव के स्वामी होते हैं और अस्त रहते बुध ग्रह क्रमशः आपके चतुर्थ, पंचम तथा छठे भाव में गोचर करेंगे। स्वामित्व के आधार पर देखा जाए तो बुध ग्रह के अस्त होने के कारण आपके आत्मविश्वास में थोड़ी बहुत कमजोरी देखने को मिल सकती है जबकि छठे भाव के स्वामी होने के करण बुध ग्रह के अस्त हो जाने से आप प्रतिस्पर्धात्मक मामलों में थोड़ा सा असहज महसूस कर सकते हैं। वहीं शुरुआत के कुछ दिनों में बुध ग्रह का गोचर अनुकूल न होने की वजह से आप थोड़े बहुत तनावग्रस्त भी रह सकते हैं। विद्यार्थियों को अपने सब्जेक्ट पर फोकस करने में कुछ कठिनाई देखने को मिल सकती है।

उपाय: गाय को रोटी में देसी घी लगाकर खिलाना शुभ रहेगा।

मेष साप्ताहिक राशिफल

वृषभ राशि

बुध ग्रह आपकी कुंडली में दूसरे तथा पांचवें भाव के स्वामी हैं और बुध कर्क राशि में अस्त आपके तीसरे चौथे तथा पांचवें भाव में होगा। जिनमें से तीसरे और चौथे भाव में गोचर को सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है। वहीं पंचम भाव में बुध के गोचर को कमजोर परिणाम देने वाला कहा गया है लेकिन बुध ग्रह अपनी ही राशि में रहेंगे। अतः कोई नकारात्मक परिणाम नहीं देंगे। अतः गोचर के आधार पर बुध ग्रह से अच्छे परिणामों की उम्मीद की जा सकती है लेकिन अस्त होने के कारण बुध ग्रह आर्थिक मामलों में कुछ कमजोरी देने का काम कर सकते हैं।

कभी-कभी पारिवारिक मामलों में भी कुछ कठिनाइयां या परेशानियां देखने को मिल सकती हैं। ऐसी स्थिति में बुध ग्रह के अस्त रहने की अवधि में बातचीत के तौर तरीके पर अपेक्षाकृत अधिक ध्यान देने की आवश्यकता रहने वाली है। संतान और शिक्षा से संबंधित मामलों में भी अपेक्षाकृत अधिक सावधानी पूर्वक निर्वाह करने की आवश्यकता रहेगी। प्रेम संबंधों को भी अपेक्षाकृत अधिक गंभीरता पूर्वक हैंडल करने की जरूरत रहेगी।

उपाय: चिड़ियों को दाना चुगाना शुभ रहेगा।

वृषभ साप्ताहिक राशिफल

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मिथुन राशि

मिथुन राशि वालों की कुंडली में बुध ग्रह उनके लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ चौथे भाव के भी स्वामी हैं और बुध कर्क राशि में अस्त आपके दूसरे, तीसरे और चौथे भाव में होगा। गोचर करने के भावों को देखा जाए तो सामान्य तौर पर बुध ग्रह आपको अपने लेवल पर अच्छे परिणाम ही देना चाहेंगे लेकिन स्वामित्व के आधार पर देखा जाए तो लग्न या राशि के स्वामी के अस्त होने के कारण स्वास्थ्य में थोड़ी बहुत कमजोरी देखने को मिल सकती है। ऐसे में बुध ग्रह के अस्त रहने की अवधि में स्वास्थ्य को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं दिखानी है। इसके अलावा भाई बंधु और पड़ोसियों के साथ संबंधों को मेंटेन करने की आवश्यकता रहेगी।

साथ ही साथ अस्त रहने के दूसरे हिस्से में घर गृहस्थी पर भी फोकस करना जरूरी रहेगा। यद्यपि इन सभी मामलों में किसी बड़ी परेशानी के योग नहीं है लेकिन जागरूकता दिखाने की स्थिति में परिणाम और भी बेहतर रह सकते। कहने का मतलब यह है कि गोचर के अनुसार बुध ग्रह आपके लिए नकारात्मक नहीं है लेकिन अस्त होने के कारण कुछ एक मामलों में नकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं या सकारात्मक के ग्राफ में थोड़ी सी गिरावट देखने को मिल सकती है।

उपाय: अस्थमा रोगियों को दवा खरीदने में मदद करना शुभ रहेगा।

मिथुन साप्ताहिक राशिफल

कर्क राशि

कर्क राशि की कुंडली में बुध ग्रह तीसरे और द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और बुध कर्क राशि में अस्त आपके प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय भाव में होगा। हालांकि प्रथम भाव में बुध ग्रह के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता लेकिन प्रथम भाव में बहुत कम दिनों के लिए बुध का प्रभाव रहेगा। ऐसी स्थिति में हम दूसरे और तीसरे भाव में बुध ग्रह के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देने वाला कहेंगे लेकिन अस्त होने के चलते विदेश इत्यादि से संबंधित मामलों में थोड़ी सी देरी देखने को मिल सकती है। कभी कभार आपका आत्मविश्वास भी डगमगाया हुआ रह सकता है लेकिन इसके बावजूद भी आप आर्थिक और पारिवारिक मामलों में अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। फिर भी राहु, केतु, शनि, मंगल जैसे ग्रहों के प्रभाव को देखते हुए पारिवारिक संबंधों को अपेक्षाकृत सावधानी पूर्वक हैंडल करना जरूरी रहेगा।

उपाय: नियमित रूप से गणेश चालीसा का पाठ करना शुभ रहेगा।

कर्क साप्ताहिक राशिफल

सिंह राशि

सिंह राशि वालों बुध ग्रह आपकी कुंडली में दूसरे तथा लाभ भाव के स्वामी होते हैं और बुध कर्क राशि में अस्त आपके द्वादश, प्रथम और दूसरे भाव में होगा। जिनमें से द्वादश और प्रथम भाव में बुध ग्रह के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता। अस्त रहने की अवधि का एक बड़ा हिस्सा तुलनात्मक रूप से कमजोर परिणाम दे सकता है। साथ ही साथ बुध ग्रह के अस्त रहने की अवधि के पहले हिस्से में आपको सावधानी पूर्वक निर्वाह करने का सुझाव भी हम देना चाहेंगे। लाभ भाव के स्वामी के अस्त होने के कारण प्राप्तियां में विलंब देखने को मिल सकता है। वहीं खर्च तुलनात्मक रूप से अधिक रह सकते हैं। कई बार अनिर्णय की स्थिति देखने को मिल सकती है। ऐसे में वरिष्ठों की सलाह लेकर काम करना फायदेमंद रहेगा। यद्यपि आर्थिक और पारिवारिक मामले में कोई बड़ी समस्या नजर नहीं आ रही है लेकिन दूसरे भाव के स्वामी के अस्त होने तथा दूसरे भाव पर शनि मंगल के प्रभाव को देखते हुए इन मामलों में भी सावधानी पूर्वक निर्वाह करने की आवश्यकता रहने वाली है।

उपाय: मांस, मदिरा व अंडे इत्यादि से दूरी बनाए रखना उपाय की तरह काम करेगा।

सिंह साप्ताहिक राशिफल

कन्या राशि

कन्या राशि की कुंडली में बुध ग्रह लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ दशम भाव के भी स्वामी होते हैं और अस्त रहने की अवधि में बुध ग्रह आपके लाभ भाव, व्यय भाव और प्रथम भाव में गोचर करेंगे। क्योंकि लाभ भाव में बुध ग्रह का गोचर बहुत कम समय के लिए रहेगा लेकिन व्यय भाव और प्रथम भाव में अधिकांश समय रहने वाला है। अतः बुध ग्रह के अस्त होने के अनुरूप तो परिणाम कमजोर रह ही सकते हैं, गोचर के अनुसार भी परिणाम ठीक नहीं रहेंगे। इसलिए आपको सावधानी पूर्वक निर्वाह करने की आवश्यकता रहेगी। कार्य व्यापार में जोखिम भरे निर्णय बिल्कुल भी नहीं लेने हैं। वरिष्ठों के साथ बेहतर तालमेल बिठाकर चलना है। अपने स्वास्थ्य का पूरा ख्याल रखना है। यथासंभव व्यर्थ की यात्राओं से बचना भी फायदेमंद रहेगा।

उपाय: माथे पर नियमित रूप से केसर का तिलक लगाना शुभ रहेगा।

कन्या साप्ताहिक राशिफल

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तुला राशि

तुला राशि की कुंडली में बुध ग्रह भाग्य तथा द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और अस्त रहने की अवधि में बुध ग्रह क्रमशः दशम, एकादश और द्वादश भाव में गोचर करेंगे। क्योंकि दशम भाव में बुध ग्रह बहुत कम समय अवधि के लिए रहेंगे लेकिन लगभग आधे समय आपके लाभ भाव में रहेंगे जो आपको अच्छे परिणाम देने और दिलाने का काम करेंगे। भले ही भाग्य भाव का स्वामी अस्त है ऐसे में भाग्य का तुलनात्मक रूप से कम सपोर्ट मिले लेकिन कर्म के ग्राफ को बढ़ा देने की स्थिति में परिणाम काफी अच्छे रह सकते हैं। विदेश आदि से संबंधित मामलों में भी आपको अच्छा लाभ मिल सकता है। हालांकि उम्मीद से थोड़ा सा कम लाभ भी देखने को मिल सकता है। अर्थात आपकी उम्मीद से थोड़ा सा कम लेकिन फिर भी काफी हद तक अच्छा लाभ आपको मिल सकता है। वहीं अस्त रहने की अवधि के दूसरे हिस्से में परिणाम मिले-जुले रह सकते हैं। इस अवधि में किसी भी प्रकार का रिस्क लेना ठीक नहीं रहेगा। विशेषकर व्यापारिक और दूर की यात्राओं से संबंधित रिस्क बिल्कुल भी नहीं लेने हैं।

उपाय: नियमित रूप से गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करना शुभ रहेगा।

तुला साप्ताहिक राशिफल

वृश्चिक राशि

बुध ग्रह आपकी कुंडली में अष्टम तथा लाभ भाव के स्वामी होते हैं और बुध कर्क राशि में अस्त आपके भाग्य भाव, कर्म भाव तथा लाभ भाव में होगा। क्योंकि भाग्य भाव में बुध ग्रह का गोचर बहुत कम समय अवधि के लिए रहेगा लेकिन कर्म और लाभ भाव में अधिकांश समय रहने वाला है। ऐसे में बुध ग्रह सामान्य तौर पर आपको अनुकूल परिणाम देना चाहेंगे। हालांकि लाभ भाव के स्वामी के अस्त होने के कारण लाभ का प्रतिशत थोड़ा सा कमजोर रह सकता है। फिर भी काफी हद तक बुध ग्रह आपको लाभान्वित करते रहेंगे। व्यापारिक निर्णयों में सामान्य तौर पर सफलता मिलेगी, फिर भी उन्मादी होकर निर्णय लेना उचित नहीं रहेगा।

उपाय: नजदीकी मंदिर में दूध और चावल का दान करना शुभ रहेगा।

वृश्चिक साप्ताहिक राशिफल

बृहत् कुंडली : जानें ग्रहों का आपके जीवन पर प्रभाव और उपाय

धनु राशि

धनु राशि की कुंडली में बुध ग्रह सातवें तथा दशम भाव के स्वामी होते हैं और बुध कर्क राशि में अस्त आपके अष्टम भाव, भाग्य भाव तथा कर्म भाव में होगा। यानी कि अधिकांश समय बुध ग्रह आपके लिए अनुकूल नहीं रहेंगे। इसलिए भाग्य के भरोसे बिल्कुल नहीं बैठना है बल्कि अस्त रहने की अवधि कि पहले हिस्से में कर्म के ग्राफ को और अधिक बढ़ने की आवश्यकता रहेगी। सप्तम भाव के स्वामी के अस्त होने के कारण दांपत्य संबंधी मामलों में सावधानी पूर्वक निर्वाह जरूरी रहेगा। बेहतर होगा व्यापार व्यवसाय में किसी भी प्रकार का जोखिम न उठाया जाए। वरिष्ठों का सम्मान करें और सहकर्मियों के साथ तालमेल बिठाते हुए आगे बढ़ें। यदि संभव हो तो कम बोले लेकिन जो भी करें सोच विचार कर करें। इस तरह से सावधानियां को अपनाकर आप बुध ग्रह की नकारात्मकता को दूर कर सकेंगे। हालांकि अस्त रहने की अवधि के आखिरी हिस्से में आपको काफी हद तक अनुकूल परिणाम भी मिल सकेंगे।

उपाय: गाय को हरी घास खिलाना शुभ रहेगा।

धनु राशिफल 2025

मकर राशि

बुध ग्रह आपकी कुंडली में छठे तथा भाग्य भाव के स्वामी हैं और बुध कर्क राशि में अस्त आपके सप्तम, अष्टम तथा भाग्य भाव में होगा। क्योंकि सप्तम भाव में बुध ग्रह बहुत कम समय के लिए रहेंगे। अतः उस मामले में चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है लेकिन अष्टम भाव में रहते हुए बुध ग्रह सामान्य तौर पर आपका फ़ेवर करना चाहेंगे। वहीं भाग्य भाव में अपनी राशि में होने के कारण कुछ मामलों में बुध ग्रह आपको अच्छे परिणाम भी देंगे। भाग्य भाव में बुध के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता लेकिन अपनी राशि में होने के कारण परिणाम औसत लेवल के रह सकते हैं लेकिन षष्ठेश के अस्त होने के कारण आपको अपने विरोधियों की गतिविधियों को लेकर सचेत रहने की आवश्यकता रहेगी। गुरुजनों और वरिष्ठों का पूरा सम्मान करना है और भाग्य के भरोसे बिल्कुल नहीं बैठना है। ऐसा करने से आप परिणामों को मेंटेन कर सकेंगे और बुध ग्रह के अस्त होने की दोष से बच सकेंगे।

उपाय: शिवलिंग पर शहद से अभिषेक करना शुभ रहेगा।

मकर साप्ताहिक राशिफल

कुंभ राशि

कुंभ राशि की कुंडली में बुध ग्रह पंचम तथा अष्टम भाव के स्वामी होते हैं और अस्त रहने की अवधि में बुध ग्रह आपके छठे, सातवें और आठवें भाव में गोचर करने वाले हैं। क्योंकि छठे भाव में बुध ग्रह बहुत कम समय के लिए गोचर करेंगे। ऐसे में अधिक अनुकूल लाभ आपको बहुत कम दिनों के लिए मिल सकेंगे लेकिन अस्त रहने की अवधि के पहले हिस्से में बुध ग्रह सप्तम भाव में रहेंगे जो अनुकूल स्थिति नहीं कही जाएगी। पंचम भाव के स्वामी का अस्त होना भी अनुकूल स्थिति नहीं है। ऐसी स्थिति में प्रेम संबंध हो या फिर दांपत्य संबंध दोनो ही मामलों में सावधानी पूर्वक निर्वाह जरूरी रहेगा। बेहतर होगा कोई बड़ा निवेश न किया जाए तो ज्यादा अच्छा रहेगा। वहीं अस्त रहने की अवधि के दूसरे हिस्से या आखिरी हिस्से में परिणाम तुलनात्मक रूप से बेहतर रह सकते हैं। इस अवधि में भले ही उम्मीद के अनुरूप लाभ न मिल पाए लेकिन सामान्य तौर पर मेहनत का काफी हिस्सा सार्थक परिणाम दिलाने में मददगार बनेगा।

उपाय: आर्थिक पारिवारिक या किसी भी तरह के मामले में जोखिम से बचना उपाय की तरह काम करेगा।

कुंभ साप्ताहिक राशिफल

मीन राशि

बुध ग्रह आपकी कुंडली में चौथे तथा सप्तम भाव के स्वामी होते हैं और बुध कर्क राशि में अस्त आपके पंचम, छठे तथा सप्तम भाव में होगा। पंचम में तो बुध का गोचर बहुत कम समय के लिए रहेगा। अत: वहां से मिलने वाली नकारात्मकता से आपका बचाव हो सकेगा। छठे भाव में बुध के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है। अतः आप काफी हद तक अनुकूल परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। वहीं अस्त रहने की अवधि के दूसरे या आखिरी हिस्से में बुध ग्रह आपके सप्तम भाव में रहेंगे। यद्यपि सप्तम भाव में बुध के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता लेकिन अपनी राशि में होने के कारण बुध ग्रह आपको औसत लेवल के परिणाम दे सकते हैं।

फिर भी सप्तम भाव पर शनि मंगल के प्रभाव को देखते हुए सावधानी पूर्वक निर्वाह जरूरी रहेगा। चतुर्थ भाव के स्वामी के अस्त होने के कारण घर गृहस्थी से संबंधित कुछ परेशानियां देखने को मिल सकती हैं। कभी-कभी कुछ तनाव भी देखने को मिल सकता है। वहीं व्यापार व्यवसाय या रोजगार के मामले में किसी भी प्रकार का रिस्क लेना ठीक नहीं रहेगा। अर्थात अस्त होने के कारण बुध ग्रह अस्त रहने की अवधि के पहले हिस्से में आपको काफी हद तक अनुकूल परिणाम दे सकते हैं लेकिन दूसरे या आखिरी हिस्से में परिणाम औसत से थोड़े से कमजोर भी रह सकते हैं।

उपाय: किसी पवित्र स्थल के जल से शिवजी का अभिषेक करना शुभ रहेगा।

मीन साप्ताहिक राशिफल

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. 2025 में बुध कर्क राशि में अस्त कब होगा?

बुध कर्क राशि में अस्त 29 अगस्त 2025 में होगा

2. बुध का गोचर कितने दिन का होता है?

बुध ग्रह करीब 21 दिनों में राशि बदलता है।

3. कर्क राशि के स्वामी कौन है?

कर्क राशि के स्वामी चंद्रमा हैं।

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