बुध का कर्क राशि में उदय (09 अगस्त 2025)
बुध का कर्क राशि में उदय: ग्रहों के राजकुमार अर्थात बुध ग्रह 24 जुलाई 2025 को कर्क राशि में रहते हुए अस्त हो गए थे, अब अर्थात 9 अगस्त 2025 को बुध ग्रह उदित हो रहे हैं। यद्यपि सूर्य का नजदीकी ग्रह होने के कारण बुध ग्रह का अस्त होना दोष नहीं माना गया है, क्योंकि बुध ग्रह अक्सर अस्त और उदित होते रहते हैं लेकिन फिर भी थोड़ा ही सही इनका प्रभाव जन सामान्य के ऊपर पड़ता है। क्योंकि बुध ग्रह को व्यापार व्यवसाय का प्रमुख कारक ग्रह माना गया है, बुध ग्रह बुद्धि और एकाग्रता के साथ-साथ वाणी पर गहरा प्रभाव रखते हैं, बुध ग्रह को कुशल वक्ता लेखक, शिक्षक और मिलनसार बनाने वाला ग्रह माना गया है।

इन सभी गुणों पर प्रभाव रखने वाले बुध ग्रह 24 जुलाई 2025 को अस्त हो गए थे। स्वाभाविक है कि बुध ग्रह के मूल गुण में कुछ कमी आई थी। अब बुध ग्रह के उदय हो जाने के कारण वह कमी दूर हो रही है। ऐसे में बुध ग्रह जिनके लिए हितकर है यानी कि फायदेमंद ग्रह है उनके लिए बुध ग्रह का उदय होना फायदेमंद हो सकता है लेकिन यदि बुध ग्रह किसी के विरोधी ग्रह या किसी को खराब परिणाम देने वाले ग्रह हैं तो ऐसी स्थिति में बुध का उदित होना उनके लिए कठिनाइयों का कारण भी बन सकते हैं।
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आईए जानते हैं कि बुध का कर्क राशि में उदय होने से किस राशि वाले व्यक्ति को कैसे परिणाम मिलेंगे? स्पष्ट कर दूं कि इस गोचर फल को लग्न राशि के अनुसार देखना ज्यादा सही रहेगा। यदि आपको अपनी लग्न राशि नहीं पता है तो आप हमारी वेबसाइट astrosage.com पर जाकर मुफ्त में अपनी कुंडली बनाकर अपनी लग्न राशि जान सकते हैं अथवा हमारा मोबाइल एप्लीकेशन Astrosage AI डाउनलोड करके वहां पर भी मुफ्त में अपनी कुंडली बनाकर अपनी लग्न राशि जान सकते हैं। यदि किसी कारण से आप अपनी लग्न राशि न जान पाएं तो आप अपनी चंद्र राशि या फिर नाम राशि के अनुसार भी इस गोचर फल को देख सकते हैं। आइए अब सबसे पहले चर्चा करते हैं मेष राशि की…
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बुध का कर्क राशि में उदय: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
बुध ग्रह आपकी कुंडली में तीसरे और छठे भाव के स्वामी होते हैं और बुध का कर्क राशि में उदय आपके चतुर्थ भाव में होगा। 9 अगस्त से बुध ग्रह उदित हो रहे हैं। हालांकि यह अभी भी वक्री बने हुए हैं लेकिन उदित होने के कारण बुध ग्रह की ताकत बढ़ेगी। फलस्वरूप इनके परिणाम में अनुकूलता भी देखने को मिलेगी। क्योंकि चौथे भाव में बुध के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है ऐसे में यदि बुध ग्रह के अस्त होने के कारण यदि कोई कठिनाई आना शुरू हुई थी तो अब वह शांत हो सकती है। जमीन जायदाद से संबंधित मामलों में भी अब तुलनात्मक रूप से बेहतर अनुकूलता देखने को मिल सकती है। घर गृहस्थी से संबंधित मामलों में भी अच्छे परिणाम मिलने की संभावनाएं मजबूत होंगी।
उपाय: चिड़ियों को दाना डालना शुभ रहेगा।
वृषभ राशि
बुध ग्रह आपकी कुंडली में दूसरे तथा पांचवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके तीसरे भाव में रहते हुए अस्त से उदय होंगे। क्योंकि तीसरे भाव में बुध ग्रह के गोचर को बहुत अच्छा नहीं माना गया है। गोचर शास्त्र में ऐसे गोचर को लेकर कहा गया है कि यह गोचर भाई बंधुओं से विवाद करवाता है। पड़ोसियों के साथ अनबन करवा सकता है। आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में उदित हो जाने की अवस्था में बुध ग्रह तुलनात्मक रूप से ज्यादा मजबूत होंगे और इस मजबूती को आपके विरुद्ध प्रयोग करना चाहेंगे लेकिन स्वामित्व के आधार पर देखा जाए तो दूसरे भाव के स्वामी का मजबूत होना आर्थिक और पारिवारिक मामलों में अच्छे परिणाम देने वाला माना गया है। वहीं पंचम भाव के स्वामी का उदित होना शिक्षा और प्रेम संबंध के लिए अनुकूल माना गया है। तो इस तरह से कुछ चीजें अच्छी और कुछ चीजें खराब होने के कारण बुध ग्रह का उदय होना आपके लिए मिले-जुले या औसत लेवल के परिणाम दे सकता है।
उपाय: अपनी क्षमता अनुसार अस्थमा रोगियों को दवा खरीदने में सहयोग करना शुभ रहेगा।
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मिथुन राशि
बुध ग्रह आपकी कुंडली में आपकी लग्न या राशि के स्वामी ग्रह होने के साथ-साथ आपके चतुर्थ भाव के भी स्वामी ग्रह होते हैं और बुध का कर्क राशि में उदय आपके दूसरे भाव में होगा। दूसरे भाव में बुध ग्रह के गोचर को काफी अच्छे परिणाम देने वाला माना गया है। अतः बुध ग्रह का उदय होना आपके लिए फायदेमंद रहेगा। ऊपर से लग्न या राशि के स्वामी का उदय होना भी अच्छी स्थिति है। साथ ही साथ चतुर्थ भाव के स्वामी का उदय होना भी अच्छा माना जाएगा। अर्थात बुध ग्रह के उदय होने से आपका स्वास्थ्य बेहतर रह सकता है। घर गृहस्थी से संबंधित मामलों में अनुकूलता आ सकती है। आर्थिक और पारिवारिक मामले में भी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। वस्त्र आभूषण खरीदने के रास्ते आसान होंगे। शिक्षा के स्तर में सुधार होगा और उत्तम भोजन खाने को मिलेगा। अतः बुध ग्रह का उदय होना आपके लिए फायदेमंद रहेगा।
उपाय: गणेश चालीसा का पाठ किया करें, इससे आपके जीवन में शुभता आएगी।
कर्क राशि
बुध ग्रह आपकी कुंडली में तीसरे और द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और यह आपके प्रथम भाव में ही अस्त से उदय हो रहे हैं। प्रथम भाव में बुध ग्रह के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता है। ऊपर से बुध ग्रह द्वादश भाव के स्वामी होकर प्रथम भाव में गोचर कर रहे हैं। अतः बुध ग्रह के उदय होने से बुध ग्रह की ताकत बढ़ेगी और क्योंकि बुध ग्रह की जिम्मेदारी आपको कमजोर या नकारात्मक परिणाम देने की है; तो ऐसे में संभव है कि मजबूत होकर बुध ग्रह आपके लिए फायदेमंद नहीं रहेंगे। अर्थात उनके परिणामों की नकारात्मकता का ग्राफ बढ़ सकता है। यदि पहले से कोई परेशानी चल रही थी विशेष कर स्वास्थ्य से संबंधित या खर्चों से संबंधित, अस्पताल या कोर्ट कचहरी से संबंधित कोई परेशानी थी तो वह फिलहाल के लिए थोड़ी मात्रा में ही सही बढ़ सकती है। इस बीच में आपकी बातचीत का तौर तरीका काफी सौम्य तथा सभ्य बना रहे; इस बात पर जोर देना भी जरूरी रहेगा। किसी की निंदा नहीं करनी है। आर्थिक मामले में सावधानी पूर्वक निर्वाह करना है। किसी भी संबंधी का निरादर नहीं करना है। इन बातों का ख्याल रखकर आप नकारात्मकता को रोक सकेंगे।
उपाय: मांस मदिरा और अंडे इत्यादि का त्याग करें, स्वयं को शुद्ध और सात्विक बनाए रखें।
सिंह राशि
बुध ग्रह आपकी कुंडली में दूसरे तथा लाभ भाव के स्वामी होते हैं और यह बुध का कर्क राशि में उदय आपके द्वादश भाव में होंगे। द्वादश भाव में बुध ग्रह के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता। अतः बुध ग्रह का उदय होना सामान्य तौर पर अनुकूल नहीं माना जाना जाएगा लेकिन बुध ग्रह आपकी कुंडली में लाभ भाव के स्वामी हैं और लाभेश का उदित होना एक अनुकूल कंडीशन मानी जाएगी। इसी तरह धन भाव के स्वामी का उदित होना भी अच्छी बात है। अतः बुध ग्रह के उदित होने से आपको मिले-जुले परिणाम मिल सकते हैं।
कुछ एक मामलों में सकारात्मकता देखने को मिल सकती है तो वहीं कुछ एक मामलों में नकारात्मकता भी देखने को मिल सकती है। 12वें भाव में बुध के गोचर को अपव्यय करने वाला माना गया है। अर्थात खर्चे तो बरकरार रहेंगे, यहां तक कि खर्च कुछ बढ़ भी सकते हैं लेकिन लाभ भाव के स्वामी के उदित होने से लाभ भी मिलते रहेंगे या कमाई का लेवल बढ़ सकता है। कहीं से प्राप्तियां बेहतर हो सकती हैं। फिर भी स्वास्थ्य अत्यधिक का ख्याल रखना जरूरी रहेगा। तर्क वितर्क करके मानसिक चिंता को शांत करने की आवश्यकता भी रहेगी। विद्यार्थियों को पढ़ाई पर खूब ध्यान देने की आवश्यकता रहेगी। इन कोशिशों को करके आप नकारात्मकता को नियंत्रित कर सकेंगे।
उपाय: माथे पर केसर का टीका नियमित रूप से लगाना हितकारी रहेगा।
कन्या राशि
बुध ग्रह आपकी कुंडली में आपकी लग्न या राशि के स्वामी ग्रह होने के साथ-साथ आपके कर्म स्थान के भी स्वामी होते हैं और यह आपके लाभ भाव में रहते हुए अस्त से उदय हो रहे हैं। क्योंकि लाभ भाव में बुध ग्रह के गोचर को काफी अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है। अतः बुध ग्रह का उदय होना आपके लिए फायदेमंद रहेगा। लग्न या राशि का स्वामी लाभ भाव में जाकर उदित हो रहा है तो यह आपको स्वास्थ्य लाभ देने में मददगार बनेगा। यानी कि यदि पिछले दिनों किसी कारण से स्वास्थ्य में कोई कमजोरी आई थी तो अब उसका रिकवरी रेट बेहतर हो जाएगा।
वहीं कर्म स्थान के स्वामी के उदित होने के कारण कार्यक्षेत्र से संबंधित मामलों में भी अच्छी अनुकूलता देखने को मिल सकती है। इसके अलावा गोचर शास्त्र के नियम के अनुसार भी लाभ भाव में बुध ग्रह के उदित होने से आपकी आमदनी बढ़ सकती है। व्यापार में लाभ मिल सकता है। भूमि भवन से संबंधित लाभ भी मिल सकता है। भाइयों का सुख मिल सकता है। कामों में सफलता मिल सकती है। संतान आदि से संबंधित मामलों में अनुकूलता भी मिल सकती है। इसके अलावा मित्रों से संबंधित मामलों में भी सकारात्मकता का ग्राफ बढ़ेगा।
उपाय: नियमित रूप से गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ किया करें, यह आपके लिए हितकारी रहेगा।
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तुला राशि
बुध ग्रह आपकी कुंडली में भाग्य तथा द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और यह आपके कर्म स्थान पर रहते हुए अस्त से उदित हो रहे हैं। सामान्य तौर पर दशम भाव में बुध ग्रह के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है। अतः उदित होने के कारण बुध ग्रह की अच्छाइयों का ग्राफ बढ़ सकता है। आपको पद प्रतिष्ठा की प्राप्ति हो सकती है। पद प्रतिष्ठा की प्राप्ति अथवा प्रमोशन की बात यदि चल रही थी तो उसमें और तेजी देखने को मिल सकती है और आप सफलता के करीब पहुंच सकते हैं। प्रतिस्पर्धात्मक कार्य में भी आपका प्रदर्शन और बेहतर हो सकता है। व्यापार व्यवसाय में लाभ का प्रतिशत बढ़ सकता है। मान सम्मान और सामाजिक पद प्रतिष्ठा बढ़ाने की भी संभावनाएं मजबूत हो रही हैं।
उपाय: किसी मंदिर में दूध और चावल का दान करें, यह आपके लिए फायदेमंद रहेगा।
वृश्चिक राशि
बुध ग्रह आपकी कुंडली में आठवें तथा लाभ भाव के स्वामी हैं और यह आपके भाग्य भाव में रहते हुए उदित हो रहा है। क्योंकि भाग्य भाव में बुध ग्रह के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता है। अतः बुध ग्रह के उदय होने से बुध ग्रह की नकारात्मकता का ग्राफ बढ़ सकता है। बुध ग्रह की इस स्थिति के अनुसार परिणामों को अच्छा नहीं माना जाएगा लेकिन लाभ भाव के स्वामी का उदित होना लाभ के ग्राफ को बढ़ा सकता है। अर्थात बुध ग्रह के उदय होने से कुछ एक मामलों में आपको अच्छा लाभ हो सकता है, रुके हुए काम पूरे हो सकते हैं लेकिन नए कामों में अड़चने देखने को मिल सकती हैं।
कभी-कभी ऐसा भी एहसास हो सकता है कि भाग्य तुलनात्मक रूप से कम फेवर कर रहा है, कामों में कुछ व्यवधान भी देखने को मिल सकते हैं। मान सम्मान को लेकर के भी अब अपेक्षाकृत अधिक जागरूक रहने की आवश्यकता रहेगी। अर्थात कुछ सावधानियां को अपनाने की स्थिति में आप न केवल नकारात्मकता को रोक सकेंगे बल्कि सकारात्मक परिणाम भी प्राप्त कर सकेंगे।
उपाय: गाय को हरी घास खिलाना शुभ रहेगा।
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धनु राशि
बुध ग्रह आपकी कुंडली में सप्तम भाव के स्वामी हैं साथ ही साथ यह आपके कर्म स्थान का भी स्वामी हैं और बुध का कर्क राशि में उदय आपके आठवें भाव में होगा। क्योंकि आठवें भाव में बुध ग्रह को आकस्मिक धन प्राप्ति करवाने वाला माना गया है तो यदि पिछले दिनों कहीं से कुछ प्राप्तियां होते-होते रुक गई थीं तो बुध ग्रह के उदय हो जाने से उन प्राप्तियां के मार्ग में आसानी देखने को मिल सकती है। आर्थिक मामले में कुछ अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। कर्म स्थान के स्वामी का उदय होना कामों में आ रही रुकावट को कम करेगा। वरिष्ठों का सहयोग दिलाएगा। प्रतिस्पर्धात्मक कार्य में विजय प्राप्त के रास्ते अब आसान हो जाएंगे। सामाजिक पद प्रतिष्ठा के दृष्टिकोण से भी बुध ग्रह का उदय होना आपके लिए फायदेमंद रहेगा। वहीं मामला दांपत्य जीवन का हो या फिर दैनिक रोजगार का; इन मामलों में भी अब राहत देखने को मिल सकती है।
उपाय: शिव जी का शहद से अभिषेक करना शुभ रहेगा।
मकर राशि
बुध ग्रह आपकी कुंडली में छठे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ भाग्य भाव का भी स्वामी हैं और यह आपके सप्तम भाव में रहते हुए अस्त से उदित हो रहा है। क्योंकि सप्तम भाव में बुध ग्रह के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता; लिहाजा बुध ग्रह की उदय होने से नकारात्मकता का ग्राफ बढ़ सकता है लेकिन भाग्य भाव के स्वामी का उदय होना भाग्य के सपोर्ट को बेहतर करेगा। यानी कि बुध ग्रह के उदित होने से आपको मिले-जुले परिणाम मिल सकते हैं। यदि दांपत्य जीवन में कुछ परेशानियां पहले से रही हैं तो वह परेशानियां कोई नया मोड़ ले सकती हैं या तुलनात्मक रूप से थोड़ा सा बढ़ भी सकती हैं।
स्वास्थ्य इत्यादि का ख्याल रखना अब तुलनात्मक रूप से ज्यादा जरूरी रहेगा। राज्य के उच्च अधिकारियों या शासन प्रशासन से जुड़े हुए कर्मचारियों से किसी भी तरीके का विवाद नहीं करना है। इन सावधानियां को रखेंगे तो परिणाम बेहतर रहेंगे। हालांकि बुध ग्रह के गोचर को सप्तम भाव में यात्रा और व्यवसाय में हानि या चिंता देने वाला माना गया है लेकिन नवम भाव का स्वामी होने के कारण और अब उदित हो जाने के कारण यात्राओं में आसानी देखने को मिलेगी लेकिन व्यापारिक यात्राओं से वास्तविक रूप में फायदा मिले इस बात में थोड़ा सा डाउट रहेगा। अर्थात बुध ग्रह के उदित होने से आपको कुछ एक मामलों में फायदे भी मिल सकते हैं जबकि कई मामलों में अब अपेक्षाकृत अधिक सावधानी पूर्वक निर्वाह करने की जरूरत रहेगी।
उपाय: किसी भी तरीके का जोखिम नहीं उठाना है अर्थात जोखिम उठाने से बचना आपके लिए उपाय की तरह काम करेगा।
कुंभ राशि
बुध ग्रह आपकी कुंडली में पांचवें भाव के स्वामी होने के साथ-साथ आठवें भाव के भी स्वामी होते हैं और यह आपके छठे भाव में रहते हुए अस्त से उदित हो रहे हैं। क्योंकि छठे भाव में बुध ग्रह के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है, ऐसे में बुध के उदित होने से अच्छाइयों का ग्राफ और बढ़ सकता है। स्वास्थ्य में यदि किसी तरह की कोई खराबी पिछले दिनों आई है तो वह अब ठीक हो सकती है। आर्थिक मामले में भी बुध ग्रह के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला माना जाएगा। शत्रुओं से या फिर प्रतिस्पर्धियों से बेहतर करने के मामले में भी बुध ग्रह का उदय होना मददगार बनेगा। आपकी मान प्रतिष्ठा में वृद्धि करवाने का काम भी बुध ग्रह का उदित होना फायदेमंद रहेगा। यदि आप कला और साहित्य से जुड़े हुए व्यक्ति हैं तो भी बुध ग्रह के उदित होने से आपको बेहतर परिणाम मिल सकेंगे। यदि आपकी पुस्तक या कोई साहित्य पब्लिश होने के लिए गया हुआ था और किसी कारण से उसमें रुकावट आई थी तो अब वह रुकावट दूर हो सकती है।
उपाय: किसी भी पवित्र स्थल के जल से शिवजी का अभिषेक करना शुभ रहेगा।
मीन राशि
बुध ग्रह आपकी कुंडली में तीसरे तथा सातवें भाव के स्वामी होते हैं और यह बुध का कर्क राशि में उदय आपके पंचम भाव में होगा। सामान्य तौर पर पंचम भाव में बुध ग्रह के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता। अतः उदय होने से यह आपको कोई बड़ी सकारात्मकता नहीं दे पाएगा बल्कि तनाव के लेवल को बढ़ा सकता है या किसी बात को लेकर आप अप्रसन्न रह सकते हैं। संतान आदि से संबंधित मामलों में कठिनाइयां भी बढ़ सकती हैं और आर्थिक मामलों को लेकर कुछ चिंताएं भी रह सकती हैं लेकिन सप्तमेश के उदित हो जाने के कारण दैनिक रोजगार में बेहतरी देखने को मिलेगी अर्थात भले ही कोई बड़ी कमाई न हो लेकिन काम बेहतर होने से आने वाले समय में अच्छे परिणामों की उम्मीद की जा सकेगी।
दांपत्य जीवन भी तुलनात्मक रूप से बेहतर हो सकेगा। घर गृहस्थी से जुड़े मामलों में भी अब थोड़ी सी बेहतरी देखने को मिल सकती है। अर्थात बुध ग्रह के उदय होने से आपको मिले-जुले परिणाम मिलते हुए प्रतीत हो रहे हैं। अर्थात कुछ एक मामलों में बेहतरी आएगी। तो वहीं कुछ एक मामलों में कठिनाइयां भी देखने को मिल सकती हैं।
उपाय: देसी गाय को देसी घी से चुपड़ी हुई रोटी खिलाना शुभ रहेगा।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. 2025 में बुध का कर्क राशि में उदय कब होगा?
बुध का कर्क राशि में उदय 9 अगस्त 2025 को होगा।
2. बुध किसके कारक है?
बुध ग्रह बुद्धि, वाणी, तर्क, संचार, व्यापार और त्वचा का कारक माना जाता है
3. कर्क राशि के जातक कैसे होते हैं?
कर्क राशि के जातक संवेदनशील और भावनात्मक होते हैं और अपने घर और परिवार के आराम के साथ बहुत खुश रहते हैं।