बुध कर्क राशि में वक्री (18 जुलाई 2025)
बुध कर्क राशि में वक्री: बुध ग्रह तर्क-वितर्क, बुद्धि और व्यापार-व्यवसाय के मुख्य कारक माने जाते हैं जो अब 18 जुलाई 2025 की सुबह 09 बजकर 45 मिनट पर कर्क राशि में वक्री हो रहे हैं। बुध ग्रह को वाणी, बुद्धि, नेटवर्किंग, टेलीफोन आदि के साथ-साथ दूरसंचार से जुड़ी सभी वस्तुओं का कारक माना जाता है। ऐसे बुध ग्रह कर्क राशि में 11 अगस्त 2025 तक वक्री रहेंगे। बुध कर्क राशि में लगभग 25 दिनों तक वक्री रहने वाले हैं। वैसे तो, बुध ग्रह के गोचर को शनि, बृहस्पति तथा राहु-केतु जैसे ग्रहों के गोचर जितना महत्व नहीं दिया जाता है, लेकिन बुध गोचर का भी अपना महत्व होता है।

विद्वान ज्योतिषियों से फोन पर बात करें और जानें बुधकर्क राशि में वक्रीका अपने जीवन पर प्रभाव
वास्तव में बुध ग्रह अत्यंत प्रभावशाली ग्रह है और इनके वक्री और मार्गी होने का प्रभाव हम सब पर पड़ता है, विशेषकर उन क्षेत्रों पर जरूर पड़ता है जिन-जिन क्षेत्रों के कारक बुध ग्रह माने गए हैं। साथ ही, उन लोगों पर भी बुध ग्रह के वक्री होने का असर पड़ता है जिनकी कुंडली में बुध ग्रह महत्वपूर्ण भावों के स्वामी होते हैं। इसके अलावा, बुध की दशा-अंतर्दशा से प्रभावित लोगों पर भी बुध ग्रह के वक्री होने का गहरा असर पड़ सकता है। आइए जानते हैं कि बुध कर्क राशि में वक्री होने का सभी 12 राशियों पर कैसा प्रभाव पड़ेगा।
To Read in English Click Here: Mercury Retrograde in Cancer
यह राशिफल आपकी चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी व्यक्तिगत चन्द्र राशि अभी जानने के लिए चंद्र राशि कैलकुलेटर का उपयोग करें
बुध कर्क राशि में वक्री: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
मेष राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपकी कुंडली में तीसरे तथा छठे भाव के स्वामी हैं जो अब आपके चौथे भाव में वक्री हो रहे हैं। चतुर्थ भाव में बुध के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है। ऐसे में, बुध कर्क राशि में वक्री होकर आपको कुछ कमजोर परिणाम दे सकता है। चौथे भाव में बुध के गोचर को माता से संबंधित मामलों में सुख देने वाला माना गया है। वक्री होने के कारण उस सुख में कुछ कमी आ सकती है।
जमीन-जायदाद से संबंधित मामलों में भी कुछ अड़चनें बढ़ सकती हैं। घरेलू परेशानियां भी बीच-बीच में कुछ परेशान कर सकती हैं। यद्यपि कोई बड़ी परेशानी नहीं होगी, लेकिन तुलनात्मक रूप से चीजें कठिन हो सकती हैं। नए-नए बने हुए मित्र किसी बात को लेकर आप पर संदेह कर सकते हैं अथवा पुराने मित्रों का भी तुलनात्मक रूप से कम सहयोग मिल सकता है।
उपाय: कबूतरों को दाना डालना शुभ रहेगा।
वृषभ राशि
वृषभ राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपकी कुंडली में दूसरे तथा पांचवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके तीसरे भाव में वक्री हो रहे हैं। बता दें कि तीसरे भाव में बुध के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छा नहीं माना जाता है। ऐसे में, बुध कर्क राशि में वक्री होने के कारण उलझनें थोड़ी बढ़ सकती हैं। आपकी बातचीत का तौर-तरीका भी कुछ हद तक बाधित रह सकता है। ऐसे में, परिणामों में भी कुछ धीमापन देखने को मिल सकता है। बेहतर होगा कि जब आप भाई-बंधुओं या पड़ोसियों के साथ बात करें, तो उचित शब्दों का चयन करना बहुत जरूरी रहेगा।
जल्दबाजी में ऐसा कुछ न बोलें जिसका कोई दूसरा मतलब भी निकलता हो, अन्यथा आपकी बातों का गलत मतलब निकाला जा सकता है और इसका नकारात्मक प्रभाव हो सकता है। आर्थिक मामलों में किसी भी प्रकार का रिस्क नहीं लेना है, क्योंकि दूसरे भाव का स्वामी वक्री रहेगा। अतः आर्थिक मामले में भी कुछ परेशानियां बनी रह सकती हैं। पंचमेश के वक्री होने के कारण प्रेम संबंधों में कुछ कमजोरी भी देखने को मिल सकती है। मित्रों का बर्ताव भी बेरुखा रह सकता है। अत: बुध ग्रह के वक्री होने की अवधि में इन सभी मामलों में सावधानी पूर्वक निर्वाह करने की जरूरत रहेगी।
उपाय: ऐसे अस्थमा रोगियों की दवा खरीदने में मदद करें जो स्वयं दवा खरीदने में असमर्थ हों।
करियर की हो रही है टेंशन! अभी ऑर्डर करें कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट
मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपके लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ आपके चौथे भाव के भी स्वामी हैं जो अब आपके दूसरे भाव में वक्री हो रहे हैं। लग्नेश का वक्री होना वैसे भी अनुकूल स्थिति नहीं होती है। अतः आपके निर्णय उलझे हुए रह सकते हैं। आपके बातचीत का तौर-तरीका भी तुलनात्मक रूप से कठोर रह सकता है। बुध कर्क राशि में वक्री के दौरान आपको आर्थिक और पारिवारिक मामलों में सावधानी बरतनी होगी।
जिन लोगों को हृदय से संबंधित कोई परेशानी है, उन्हें इस अवधि में अपेक्षाकृत अधिक सतर्क रहना होगा क्योंकि बुध ग्रह के वक्री होने कारण शनि और मंगल ग्रह का संयुक्त प्रभाव आपके चतुर्थ भाव पर पड़ेगा। ऐसे में, हृदय से संबंधित परेशानियां बढ़ सकती हैं। हालांकि, बुध ग्रह के दूसरे भाव में गोचर को कई मामलों में बहुत अच्छे परिणाम देने वाला कहा गया है। अतः शुभ परिणाम भी मिलेंगे, लेकिन घर-गृहस्थी और स्वास्थ्य से संबंधित मामलों में बिल्कुल भी लापरवाही न बरतें। संयमित व्यवहार रखने की स्थिति में अनुकूल परिणामों की उम्मीद की जा सकेगी।
उपाय: प्रतिदिन गणेश चालीसा का पाठ करें।
कर्क राशि
कर्क राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपकी कुंडली में तीसरे तथा बारहवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके पहले भाव में वक्री हो रहे हैं। पहले भाव में बुध के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छा नहीं माना जाता है। ऐसे में, आपके प्रथम भाव में बुध कर्क राशि में वक्री होने के कारण नकारात्मकता बढ़ सकती है। खर्च अधिक हो सकते हैं और दूर के स्थान से जितनी सकारात्मक उम्मीदें आपने बना रखी हैं, शायद उतनी सकारात्मकता देखने को न मिले। गलतफहमी होने से भी कुछ नुकसान हो सकता है।
बेहतर होगा कि कोई अप्रिय या ऐसा समाचार जो आपके लिए न हितकर हो, यदि कहीं से मिलता है, तो इसकी पुष्टि बहुत जरूरी रहेगी क्योंकि ऐसा आवश्यक नहीं है कि वह समाचार वास्तव में सच्चा हो, कई बार गलत समाचार भी आप तक पहुंच सकते हैं। ऐसे में, को प्रतिक्रिया देने से पहले सच्चाई की पुष्टि कर लें। इस समय बातचीत का तौर-तरीका मधुर रहेगा, तो आप नकारात्मकता से बच सकेंगे।
उपाय: शुद्ध और सात्विक भोजन करें।
सिंह राशि
सिंह राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपकी कुंडली में दूसरे तथा लाभ भाव के स्वामी हैं जो अब आपके बारहवें भाव में वक्री हो रहे हैं। बारहवें भाव में बुध ग्रह के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता है। ऊपर से वक्री होने के कारण बुध ग्रह की नकारात्मकता बढ़ सकती है। बेहतर होगा कि इस अवधि में किसी भी प्रकार का आर्थिक रिस्क न लें। कहीं से लाभ मिलने की उम्मीद रही है, तो उसमें भी कुछ देरी देखने को मिल सकती है। विदेश से संबंधित मामलों में बुध कर्क राशि में वक्री के दौरान आपको बहुत सावधानी बरतनी होगी। विवाहित होने की स्थिति में जीवनसाथी या जीवन संगिनी के साथ बातचीत करते समय सही शब्दों का प्रयोग बहुत जरूरी रहेगा।
बता दें कि आपके दूसरे भाव के स्वामी के वक्री होने की अवधि में ही मंगल का गोचर दूसरे भाव में होगा। शनि की दृष्टि भी लगातार आपके दूसरे भाव पर बनी हुई है। शनि मंगल के संयुक्त प्रभाव और दूसरे भाव के स्वामी के बारहवें भाव में वक्री होने के चलते आप कटु वचन बोलना शुरू कर सकते हैं अथवा कुछ लोगों द्वारा अपशब्दों का इस्तेमाल अधिक किया जा सकता है जिसका नकारात्मक प्रभाव आप पर पड़ सकता है। विशेषकर पारिवारिक मामलों में यह स्थिति विवाद को जन्म दे सकती है। ऐसे में, पारिवारिक जीवन पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता रहेगी। इस तरह की सावधानियों को अपनाकर आप नकारात्मकता को कम कर सकेंगे।
उपाय: नियमित रूप से मस्तक पर केसर का तिलक लगाना शुभ रहेगा।
कन्या राशि
कन्या राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपकी कुंडली में लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ आपके कर्म स्थान के भी स्वामी हैं। अब यह आपके लाभ भाव में वक्री हो रहे हैं। सामान्य तौर पर लाभ भाव में बुध के गोचर को काफी अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है। बुध कर्क राशि में वक्री होने के कारण सकारात्मक परिणामों में कुछ कमी देखने को मिल सकती है अर्थात अनुकूलता बनी रहेगी, लेकिन अनुकूलता में थोड़ी कमी आ सकती है। वैसे सामान्य तौर पर बुध ग्रह की वक्री अवस्था आपको लाभ करवाना चाहेगी, परन्तु लाभ आपकी उम्मीद से थोड़ा कम रह सकता है।
इस समय आपको स्वास्थ्य को लेकर अपेक्षाकृत अधिक गंभीर रहने की आवश्यकता होगी इसलिए अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें। वरिष्ठों के साथ तालमेल बिगड़ने न पाए, इस बात का ध्यान रखें। जमीन-जायदाद से संबंधित यदि कोई मुकदमा चल रहा है, तो इस अवधि में उस मामले में कोई जल्दबाजी नहीं दिखानी है क्योंकि आपके चतुर्थ भाव पर शनि और मंगल का संयुक्त प्रभाव रहेगा और दशम भाव का स्वामी वक्री रहेगा। ऐसे में, शासन-प्रशासन से जुड़े व्यक्ति विशेषकर जमीन विवाद का निपटारा करने वाले अधिकारियों से किसी भी तरीके का विवाद नहीं करना है, जिससे आप किसी नुकसान से बच सकें।
उपाय: नियमित रूप से गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करें।
कुंडली में मौजूद राज योग की समस्त जानकारी पाएं
तुला राशि
तुला राशि वालों के लिए बुध देव आपकी कुंडली में भाग्य भाव और बारहवें भाव के भी स्वामी हैं जो अब आपके दसवें भाव में वक्री हो रहे हैं। वैसे तो दशम भाव में बुध ग्रह के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देने वाला माना गया है। लेकिन, बुध कर्क राशि में वक्री होने के कारण प्रमोशन में कुछ कठिनाइयां देखने को मिल सकती हैं। यहां पर हमारे कहने का तात्पर्य है कि आपको पदोन्नति मिलने की संभावनाएं थोड़ी धीमी रह सकती हैं या कुछ इसमें देरी भी हो सकती है।
हालांकि, आप अपने प्रतिस्पर्धियों या विरोधियों पर हावी रहेंगे, लेकिन ओवर कॉन्फिडेंट होकर रणनीति बनाना ठीक नहीं रहेगा। व्यापार में रिस्क नहीं लेंगे, तो फायदा मिलता रहेगा। साथ ही, उचित आचरण बनाए रखने की कोशिश करेंगे, तो समाज में मान-प्रतिष्ठा भी बनी रहेगी।
उपाय: नजदीकी मंदिर में दूध और चावल का दान करें।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपके आठवें तथा लाभ भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके भाग्य भाव में वक्री हो रहे हैं। भाग्य भाव में बुध ग्रह के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता है। साथ ही, बुध कर्क राशि में वक्री होने के कारण भाग्य का सपोर्ट कमजोर पड़ सकता है। वक्री रहने की अवधि में भाग्य का सहयोग आपको मिले इस बात में थोड़ा सा संदेह रहेगा। ऐसे में, आपको अधिक मेहनत करने की जरूरत रहेगी।
देर-सवेर आपके काम पूरे हो जाएंगे, उन कामों से मिलने वाले लाभ में भी कुछ विलंब देखने को मिल सकता है क्योंकि लाभ भाव के स्वामी ग्रह वक्री रहेंगे। अतः लाभ देर से मिल सकता है इसलिए आपको धैर्य बनाकर रखना होगा। आर्थिक मामले में किसी भी प्रकार का रिस्क नहीं लेना है। साथ ही, आपको अपने मान-सम्मान का पूरा ख्याल रखना होगा।
उपाय: गाय को हरा चारा खिलाना शुभ रहेगा।
बृहत् कुंडली : जानें ग्रहों का आपके जीवन पर प्रभाव और उपाय
धनु राशि
धनु राशि वालों के लिए आपकी कुंडली में बुध ग्रह सातवें तथा दसवें भाव के स्वामी हैं। व्यापार और दैनिक रोजगार से संबंधित महत्वपूर्ण भावों पर बुध ग्रह को आधिपत्य प्राप्त है। ऐसे में, बुध ग्रह आपके आठवें भाव में वक्री हो रहे हैं। सामान्य तौर पर इस स्थिति के कुछ नकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं। आठवें भाव में बुध कर्क राशि में वक्री होने से आपको आकस्मिक उपलब्धियां प्राप्त हो सकती हैं। विशेषकर इसे आकस्मिक धन प्राप्ति करवाने वाला कहा गया है।
वक्री होने के कारण ऐसी स्थितियां बनते-बनते रुक सकती हैं अर्थात ऐसा लगेगा कि कहीं से अचानक धन मिलने वाला है, लेकिन फिर वहां कोई रुकावट आ सकती है। व्यापार से संबंधित मामलों में भी कुछ कठिनाइयां बढ़ सकती हैं। यद्यपि कई मामलों में आप दूसरों से बेहतर कर सकेंगे, परंतु जानबूझकर किसी विवाद में पड़ना ठीक नहीं रहेगा। सामाजिक प्रतिष्ठा को लेकर अपेक्षाकृत अधिक जागरूक रहना होगा।
उपाय: शिवलिंग पर शहद चढ़ाना शुभ रहेगा।
मकर राशि
मकर राशि वालों के लिए आपकी कुंडली में बुध ग्रह छठे तथा भाग्य भाव के स्वामी हैं जो अब आपके सातवें भाव में वक्री हो रहे हैं। वैसे भी सामान्य तौर पर सातवें भाव में बुध के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता है। लेकिन, छठे भाव के स्वामी का सातवें भाव में वक्री होना व्यापार व्यवसाय और नौकरी दोनों के लिए थोड़ा कमजोर कहा जाएगा। नौकरीपेशा लोग अपने टारगेट को अचीव करने में पीछे रह सकते हैं जो आपके मनोबल को गिराने का काम कर सकता है।
इसी तरह व्यापार से जुड़े हुए लोगों को भी बुध कर्क राशि में वक्री के दौरान बहुत सूझबूझ के साथ निर्णय लेने की जरूरत रहेगी। बेहतर होगा कि कोई नया प्रयोग इस समय न करें। स्वास्थ्य का ख्याल रखना भी जरूरी रहेगा। शासन-प्रशासन से जुड़े मामलों में आपको अपेक्षाकृत अधिक सावधानी बरतनी होगी। बेकार की यात्राओं से बचना और व्यर्थ में धन खर्च न करना समझदारी का काम होगा।
उपाय: किसी भी प्रकार का जोखिम उठाने से बचना उपाय की तरह हितकारी सिद्ध होगा।
कुंभ राशि
कुंभ राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपके पांचवें तथा आठवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके छठे भाव में वक्री हो रहे हैं। छठे भाव में बुध ग्रह के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है। अत: बुध ग्रह अच्छाइयां देता रहेगा, लेकिन इनके वक्री होने से अच्छाइयों में कुछ कमी देखने को मिल सकती है। सामान्य शब्दों में कहें तो, उपलब्धियां मिलने की संभावनाएं तो बनी रहेंगी, लेकिन अब मेहनत अधिक करनी पड़ सकती है।
बुध कर्क राशि में वक्री के दौरान स्वास्थ्य सामान्य तौर पर अच्छा रहेगा। लेकिन, इसके बावजूद भी वाहन सावधानी से चलाने की सलाह हम आपको देना चाहेंगे। साथ ही, यदि पेट से संबंधित कोई परेशानी पहले से रही हैं, तो आपको इसको लेकर सतर्क रहना होगा। संयमित खान-पान बहुत जरूरी रहेगा। सोशल मीडिया या अन्य प्लेटफार्म पर लिखते समय शब्दों का चयन सोच-समझकर करें क्योंकि इस अवधि में आपकी टिप्पणी सुर्खियों में आ सकती है।
उपाय: गंगाजल से शिव जी का अभिषेक करना शुभ रहेगा।
मीन राशि
मीन राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपके चौथे तथा सातवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके पंचम भाव में वक्री हो रहे हैं। वैसे भी, पंचम भाव में बुध ग्रह के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता है। ऊपर से चतुर्थ भाव के स्वामी का पंचम भाव में वक्री होना घर-गृहस्थी और संतान पक्ष से संबंधित मामलों में चिंता देने का काम कर सकता है। अत: बुध कर्क राशि में वक्री के दौरान संतान से संबंधित मामलों में अपेक्षाकृत अधिक समझदारी दिखाने की आवश्यकता रहेगी। यदि किसी से प्रेम करते हैं और विवाह करने की इच्छा रखते हैं, तो इस अवधि में बात को आगे बढ़ाना ठीक नहीं रहेगा क्योंकि संभव है कि आपकी बातों का कोई गलत मतलब निकाल लें जिससे आपके लिए परेशानियां उत्पन्न हो जाएं।
आर्थिक मामले में भी इस दौरान सावधानी बरतनी जरूरी होगी। बेहतर होगा कि इस समय कोई नई योजना न बनाएँ क्योंकि वक्री बुध के दौरान बनाई गई योजनाएं अधिक सफल नहीं रहेंगी। बुध ग्रह का वक्री होना आपके लिए अधिक फायदेमंद नहीं रहेगा। अत: इस अवधि में जो जैसा चल रहा है उसको वैसे ही करते रहना, बल्कि अधिक सावधानी पूर्वक संपन्न करना जरूरी रहेगा।
उपाय: गाय को देसी घी लगी हुई रोटी खिलाएं।
सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर
हम आशा करते हैं कि आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा। एस्ट्रोसेज के साथ जुड़े रहने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. बुध कर्क राशि में वक्री कब होंगे?
बुध देव 18 जुलाई 2025 को कर्क राशि में वक्री हो जाएंगे।
2. बुध किसके कारक ग्रह माने गए हैं?
बुध ग्रह बुद्धि, वाणी, संचार कौशल और व्यापार के कारक ग्रह हैं।
3. कर्क राशि के स्वामी कौन हैं?
कर्क राशि के स्वामी ग्रह चंद्र देव हैं।