बुध मेष राशि में वक्री (21 अप्रैल, 2023)
बुध मेष राशि में वक्री: ज्योतिष में बुद्धि के ग्रह बुध 21 अप्रैल 2023 को दोपहर 01 बजकर 25 मिनट पर वक्री होने जा रहे हैं।

वैदिक ज्योतिष में बुध को बुद्धि और तर्क का कारक ग्रह माना गया है जो कि स्वभाव से स्त्री है। कुंडली में बुध तीसरे और छठे भाव पर शासन करते हैं। इस आर्टिकल के माध्यम से हम बुध मेष राशि में वक्री होने से व्यक्ति को मिलने वाले सकारात्मक और नकारात्मक परिणामों के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे। यदि बुध अपने स्वामित्व वाली राशि कन्या और मिथुन में शुभ स्थिति में मौजूद होते हैं, तो जातकों को अच्छे परिणामों की प्राप्ति होती हैं। जब बुध ग्रह कन्या राशि में उच्च और शक्तिशाली स्थिति में होते हैं तो यह जातकों को व्यापार एवं ट्रेड के क्षेत्र में अपार सफलता प्रदान करते हैं। अब बुध वक्री होने जा रहे हैं और ऐसे में, इस स्थिति के चलते व्यक्ति को अच्छे-बुरे दोनों तरह के परिणाम प्राप्त होने की संभावना है।
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बुध मेष राशि के तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं जो कि पहले भाव में वक्री होने जा रहे हैं। बुध मेष राशि में वक्री होने से जातकों को मिले-जुले परिणाम देखने को मिल सकते हैं। बुध से मिलने वाले अच्छे परिणामों की बात करें तो, जातकों को इस अवधि के दौरान सट्टेबाजी, व्यापार और करियर के क्षेत्र में प्रगति प्राप्त हो सकती है। वहीं, जो लोग लॉजिस्टिक्स और आईटी के क्षेत्र से जुड़े हैं उनका प्रदर्शन कार्यक्षेत्र में शानदार रहेगा। बुध की वक्री गति गूढ़ ज्ञान को अर्जित करने और पैतृक संपत्ति से धन लाभ प्राप्त करने में मदद करेगी। इसके विपरीत, वक्री बुध के नकारात्मक परिणामों के रूप में जातकों को स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं जैसे पाचन और तंत्रिका तंत्र आदि का सामना करना पड़ सकता है।
चलिए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि वर्ष 2023 में बुध मेष राशि में वक्री होने जा रहे हैं जिसका प्रभाव राशिचक्र की 12 राशियों पर पड़ सकता है।
ज्योतिष में बुध का महत्व
कुंडली में बुध की अच्छी स्थिति जातक को अच्छे स्वास्थ्य और तीव्र बुद्धि प्रदान करती है। व्यक्ति को सकारात्मक परिणामों के साथ-साथ सफलता की प्राप्ति होती है। हालांकि, बुध के वक्री होने के दौरान लोग अपने ज्ञान को बढ़ाने में भी सक्षम होंगे और इनका यही ज्ञान इन्हें व्यवसाय से जुड़े महत्वपूर्ण फैसले लेने में सहायता करेगा। साथ ही, कुंडली में विराजमान मज़बूत बुध के प्रभाव से जातक व्यापार और ट्रेड के क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन करेंगे। साथ ही, ये लोग गूढ़ विज्ञान जैसे ज्योतिष आदि से संबंधित क्षेत्र में भी अपनी चमक बिखेर सकते हैं।
इसके विपरीत, कुंडली में बुध अशुभ ग्रहों जैसे राहु/केतु और मंगल आदि के साथ युति करते हैं, तो जातकों को अपने जीवन में अनेक समस्याओं और बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। यदि बुध मंगल के साथ युति करते हैं तो जातकों में बुद्धि का अभाव देखने को मिल सकता है और इसके परिणामस्वरूप ये लोग गुस्सैल और आवेगी हो सकते हैं। वक्री अवस्था के दौरान यदि बुध अशुभ ग्रहों राहु/केतु के साथ युति का निर्माण करते हैं तो जातकों को स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं से जूझना पड़ सकता है जैसे त्वचा, नींद न आना और तंत्रिका तंत्र से जुड़ी परेशानियां आदि। लेकिन यदि बुध बृहस्पति जैसे शुभ ग्रह के साथ युति करते हुए नज़र आते हैं तो इसके प्रभाव से जातकों को व्यापार, ट्रेड और सट्टेबाज़ी में मिलने वाले फल दोगुने हो सकते हैं।
यह राशिफल आपकी चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी व्यक्तिगत चन्द्र राशि अभी जानने के लिए चंद्र राशि कैलकुलेटर का उपयोग करें।
To Read In English: Mercury Retrograde in Aries (21 April 2023)
बुध मेष राशि में वक्री 2023: राशि अनुसार राशिफल और उपाय
आइये अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं राशिचक्र की सभी 12 राशियों पर बुध मेष राशि में वक्री के पड़ने वाले प्रभावों के बारे में। साथ ही जानेंगे, इनके प्रभावों से बचने के अचूक उपाय।
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए बुध आपके तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं जो कि अब आपके पहले भाव में वक्री होने जा रहे हैं। इस अवधि के दौरान आप जीवन से जुड़े फैसले आसानी से लेंगे और इन फैसलों से आपको अनुकूल परिणामों की प्राप्ति होगी।
करियर के लिहाज़ से, आपके पहले भाव में बुध मेष राशि में वक्री होने से इन जातकों को नौकरी के क्षेत्र में प्रगति देखने को मिल सकती है और ऐसे में, ये लोग अपने करियर से संतुष्ट नज़र आएंगे। साथ ही, इन जातकों को इंसेंटिव मिलने के भी योग है और इन्हें नौकरी के क्षेत्र में में बेहतर अवसर हाथ लग सकते हैं जो इनके करियर की वृद्धि के लिए फायदेमंद साबित होंगे। बुध मेष राशि में वक्री होने से इन जातकों को विदेश से अवसर प्राप्त होने की भी प्रबल संभावना है।
बुध के मेष राशि में वक्री होने के दौरान जो जातक व्यापार कर रहे हैं उन लोगों को असीम लाभ प्राप्त हो सकता है जिसके बल पर ये लोग अपने प्रतिद्वंदियों को कड़ी टक्कर देने में भी सक्षम होंगे। इस अवधि में नौकरीपेशा जातकों को नौकरी के नए अवसर मिल सकते हैं जिसकी बदौलत आप ज्यादा से ज्यादा लाभ कमाने में सफल होंगे।
आर्थिक स्थिति की बात करें तो, इस राशि के लोगों के लिए ये समय ज्यादा ख़ास नहीं रहने की आशंका है। बुध मेष राशि में वक्री के दौरान आपके ख़र्चों में बढ़ोतरी हो सकती हैं और संभव है कि इन खर्चों को पूरा करने के लिए आपको लोन या कर्ज़ लेना पड़ सकता है। बुध की वक्री अवस्था के दौरान इन जातकों पर परिवार की जिम्मेदारियों का बोझ बहुत ज्यादा होगा जिसे सहन करना आपको कभी-कभी मुश्किल लग सकता है।
मेष राशि के जातकों को अपने प्रेम जीवन में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। पार्टनर के साथ इन लोगों को अपने रिश्ते में तालमेल का अभाव महसूस हो सकता है। साथ ही, इन जातकों का परिवार के साथ कोई मतभेद होने की आशंका है जिसके चलते ये लोग रिश्ते में ख़ुशहाली बनाए रखने में असफल रह सकते हैं।
बुध पहले भाव से सातवें भाव पर दृष्टि डाल रहे होंगे और इसके परिणामस्वरूप जातकों को धन से जुड़े मामलों में उतार-चढ़ाव से गुजरना पड़ सकता है। साथ ही, व्यापार में भी समस्याओं के उत्पन्न होने की आशंका है।
उपाय: प्रतिदिन “ॐ बुधाय नमः” का 19 बार जाप करें।
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध आपके दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं जो आपके बारहवें भाव में वक्री होने जा रहे हैं।
बारहवें भाव में बुध की स्थिति आपके लिए ख़र्चों में बढ़ोतरी और बाधाओं का कारण बन सकती हैं। इसके प्रभाव से जातकों को परिवार में मतभेदों और धन हानि का सामना करना पड़ सकता है।
करियर की दृष्टि से, बुध मेष राशि में वक्री होने से जातकों के हितों को बढ़ावा मिलने के आसार बेहद कम है। साथ ही, इन जातकों को अपने कार्यों में रुकावटों और देरी की समस्या से जूझना पड़ सकता है। इस अवधि में वृषभ राशि वालों पर काम का दबाव बहुत ज्यादा होगा और ऐसे में, लोगों को कार्यों में सफलता हासिल करने के लिए योजना बनाकर चलना होगा। आशंका है कि इन जातकों को नौकरी के क्षेत्र में अपने काम के लिए सराहना न मिले।
आर्थिक स्थिति की बात करें तो, इन जातकों को किसी यात्रा के दौरान लापरवाही बरतने के कारण धन हानि हो सकती है। संभव है कि इस समय वृषभ राशि के ये जातक धन से जुड़े मामले को सही तरीके से संभालने में सक्षम नहीं हो। लेकिन जो जातक सट्टेबाजी से संबंध रखते हैं उन्हें डीलिंग से अच्छे परिणाम प्राप्त हो सकते हैं।
वृषभ राशिवालों के प्रेम जीवन की बात करें तो, इन जातकों का अपने साथी और परिवार के सदस्यों के साथ आपसी तालमेल थोड़ा कमज़ोर रह सकता है। साथ ही, पार्टनर के साथ रिश्ते में बातचीत का अभाव देखने को मिल सकता है जिसके चलते बहस होने की आशंका है। एक ख़ुशहाल रिश्ते के लिए जरूरी आपसी समझ और सहयोग इस अवधि में आपके रिश्ते से नदारद रह सकता है।
स्वास्थ्य के लिहाज़ से, इन जातकों को स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, इन्हें सिर दर्द, आँखों में जलन आदि समस्याएं परेशान कर सकती हैं। यह जातक अपने बच्चों की सेहत पर पैसा खर्च करते दिखाई दे सकते हैं और ये आपकी परेशानी का सबब बन सकता है।
बुध बारहवें भाव से आपके छठे भाव पर दृष्टि डालेंगे और इसके परिणामस्वरूप इन जातकों के ख़र्चों में बढ़ोतरी हो सकती हैं जिन्हें पूरा करना आपको मुश्किल लग सकता है। परिवार की जरूरतों में वृद्धि होने की संभावना है और इन्हें पूरा करने के लिए आप लोन लेने के बारे में विचार कर सकते हैं। ऐसे में, आप कर्ज़ तले दब सकते हैं।
उपाय: प्रतिदिन 11 बार “ॐ नमो नारायणा” का 11 बार जाप करें।
मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों के लिए बुध आपके पहले और चौथे भाव के स्वामी हैं और अब ये आपके ग्यारहवें भाव में वक्री होने जा रहे हैं।
इन जातकों के ग्यारहवें भाव में बुध वक्री हो रहे हैं और ऐसे में, बुध की वक्री स्थिति मिथुन राशि वालों के लिए लाभदायक कही जा सकती है। लेकिन इन लोगों को बाधाओं को पार करने के बाद ही लाभ की प्राप्ति होगी।
करियर के लिहाज़ से, बुध मेष राशि में वक्री होने की ये अवधि अनुकूल होने पर जातकों को करियर में बेहतर परिणामों की प्राप्त हो सकती है। नौकरी और विदेश यात्रा के संबंध में नए अवसर मिल सकते हैं। साथ ही, आपको नौकरी के क्षेत्र में ऐसे मौके हाथ लग सकते हैं जिससे आपके हितों को बढ़ावा मिल सकता है। कार्यक्षेत्र में अपनी मेहनत के बल पर इन जातकों के पदोन्नति के योग बनेंगे। साथ ही, इन्हें अपने वरिष्ठ अधिकारियों से अच्छे काम के लिए सराहना भी मिलेगी।
जिन जातकों का अपना व्यापार है वे इस समय काफ़ी मज़बूत स्थिति में होंगे। इस दौरान आप व्यापार के क्षेत्र में मिलने वाले मौकों का फायदा उठाने में सफल होंगे जिसके परिणामस्वरूप आप अच्छा मुनाफा कमाएंगे। आप अपने प्रतिद्वंदियों को कड़ी टक्कर देने में सक्षम होंगे और साथ ही, अपने लक्ष्यों को हासिल करेंगे। ये जातक अपने बिज़नेस को ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए नई नीतियों को अपना सकते हैं। इन जातकों को अपने व्यापार से जितना भी मुनाफा होगा उससे वह किसी नए व्यापार की शुरुआत कर सकते हैं जिसमें वे सफलता हासिल करेंगे।
आर्थिक रूप से, मिथुन राशि के जातक अपनी क्षमताओं की बदौलत ज्यादा से ज्यादा लाभ कमाने में सक्षम होंगे। ऐसे में, ये लोग कमाये हुए धन की बचत करने में भी सफलता प्राप्त करेंगे।
जब रिलेशनशिप की बात आती है तो, बुध की वक्री अवस्था मिथुन राशि के जातकों के जीवन में ख़ुशहाली लेकर आ सकती है। इस दौरान ये जातक अपने पार्टनरर के साथ घर-परिवार में होने वाले किसी मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश आदि में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हुए दिखाई देंगे जिसके चलते घर का माहौल प्रेम और सद्धाव से भरा रहेगा। इस समय ये लोग नया घर भी खरीद सकते हैं और पार्टनर के साथ क्वालिटी टाइम बिताते नज़र आएंगे। साथ ही, पार्टनर के साथ आपके रिश्ते में मधुरता बनी रहेगी जिससे आप दोनों का रिश्ता मज़बूत होगा।
बुध मेष राशि में वक्री के दौरान मिथुन राशि के जातकों का स्वास्थ्य शानदार रहेगा। इस दौरान आपको पुरानी समस्याओं से छुटकारा मिलेगा और आप अपनी फिटनेस वापस पाने में सक्षम होंगे।
बुध ग्यारहवें भाव से आपके पांचवें भाव पर दृष्टि डाल रहे होंगे और इसके परिणामस्वरूप आको अपने बच्चों से लाभ भी मिलेगा और सहयोग भी। इस राशि के जातक ट्रेडिंग और सट्टेबाज़ी आदि क्षेत्रों से लाभ प्राप्त करने में सक्षम होंगे।
उपाय: प्रतिदिन 21 बार “ॐ नमो नारायणाय” का जाप करें।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए बुध आपके तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके दसवें भाव में वक्री होंगे।
बुध का दसवें भाव में वक्री होना कर्क राशि के जातकों की प्रगति के लिए अच्छा नहीं कहा जा सकता है। बुध के दसवें भाव में मौजूद होने के कारण आपके करियर की रफ़्तार थोड़ी धीमी रह सकती है और संभव है कि इस दौरान आपका प्रदर्शन नौकरी में ज्यादा ख़ास न रहे।
करियर की बात करें तो, बुध मेष राशि में वक्री होने की अवधि कर्क राशि के जातकों के लिए अनुकूल न रहने की आशंका है। इस दौरान आपको नौकरी में बदलाव या ट्रांसफर का सामना करना पड़ सकता है और संभव है कि ये बदलाव आपके लिए अच्छा साबित न हो। कर्क राशि के जातक मौजूदा नौकरी में असंतुष्ट नज़र आ सकते हैं। संभावना है कि इस अवधि में आप पर काम का बोझ बहुत ज्यादा हो और ऐसे में, आप जो भी काम करेंगे उसके लिए आपको वरिष्ठ अधिकारी और बॉस से सराहना न मिले। साथ ही, कुछ जातक अपनी नौकरी से भी हाथ धो सकते हैं।
बुध मेष राशि में वक्री होने से जिन जातकों का खुद का व्यापार हैं वे लोग ज्यादा मुनाफा कमाने में सक्षम नहीं होंगे। इस अवधि में, ये जातक यदि अपने लक्ष्यों को पाना चाहते हैं तो इसके लिए समय अनुकूल प्रतीत नहीं हो रहा है। हालांकि, इस दौरान इन लोगों को कदम-कदम पर समस्याओं और निराशा का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, कर्क राशि के व्यापार करने वाले जातकों को प्रतिद्वंदियों से मिल रही कड़ी टक्कर के कारण बिज़नेस में हानि उठानी पड़ सकती है। ऐसे में, इन लोगों के लिए व्यापार की नीतियों में बदलाव करना जरूरी हो सकता है।
वित्त की बात करें तो, बुध आपके दसवें भाव में वक्री हो रहे है जिसके परिणामस्वरूप आपके आय के स्त्रोतों में कमी और ख़र्चों में बढ़ोतरी होने की आशंका है। ऐसे में, इन लोगों को धन की बचत करना मुश्किल लग सकता है। इन जातकों को सलाह दी जाती है कि इस दौरान लंबी दूरी की यात्रा पर जाने से बचें, अन्यथा धन हानि हो सकती है।
प्रेम जीवन के लिहाज़ से, इन जातकों को अपने पार्टनर के साथ कम समय बिताने का मौका मिलेगा। जीवनसाथी के साथ किसी भी तरह की बहस या मतभेद से बचने के लिए आपको उनके साथ तालमेल बनाए रखना होगा। साथ ही, बातचीत की कमी की वजह से पार्टनर और परिवार के सदस्यों के साथ बेकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
कर्क राशि के जातकों को स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं परेशान कर सकती हैं। इन लोगों को पाचन और तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्या होने की आशंका है, जिसके कारण आपके सिर में दर्द की शिकायत बनी रह सकती है।
दसवे भाव से बुध आपके चौथे भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं और इस वजह से जातकों को स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, पारिवारिक जीवन और करियर में भी उतार-चढ़ाव आने की संभावना है। नौकरीपेशा जातकों को करियर में वृद्धि हासिल करने की राह में चुनौतियों से दो-चार होना पड़ सकता है।
उपाय: प्रतिदिन 11 बार “ॐ सोमाय नमः” का जाप करें।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए बुध आपके दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं जो कि आपके नौवें भाव में वक्री होंगे।
बुध मेष राशि में वक्री होने से सिंह राशि के जातकों के लिए समय अनुकूल होगा और इन्हें भाग्य का भरपूर साथ मिलेगा। साथ ही, ये लोग अच्छा लाभ कमाने में भी सक्षम होंगे। इस अवधि में, ये जातक अपनी क्षमताओं को पहचानेंगे और इसकी बदौलत अपार सफलता हासिल करेंगे। बुध की वक्री अवस्था के दौरान इन जातकों का ज्यादा से ज्यादा समय धार्मिक तीर्थ स्थलों की यात्राओं में बीतेगा और आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी।
करियर के लिहाज़ से, बुध की वक्री अवस्था इन जातकों के लिए फलदायी साबित होगी और इस दौरान, इन्हें सकारात्मक परिणामों की प्राप्ति होगी। इन लोगों को नौकरी के नए अवसर प्राप्त होंगे और ऐसे में, ये आसानी से अपने कार्यों में सफलता हासिल करेंगे। जातकों को विदेश यात्रा करने का भी मौका मिल सकता है जो आपके लिए लाभदायक साबित होगा। कार्यक्षेत्र में ये जातक आत्मविश्वास से भरे दिखाई देंगे।
बुध की वक्री अवस्था के दौरान सिंह राशि के व्यापार करने वाले जातकों को काफ़ी मुनाफा होने की संभावना है। इन लोगों को कोई नया व्यवसाय करने का अवसर भी मिल सकता है और ऐसे में, ये जातक एक से ज्यादा बिज़नेस करने में सक्षम होंगे जो इनके लिए फलदायी साबित हो सकते हैं।
वित्तीय स्थिति की बात करें तो, बुध का आपके नौवें भाव में वक्री होना आपकी आर्थिक स्थिति के लिए अनुकूल रहेगा क्योंकि इस दौरान आप अधिक धन कमाने में सक्षम होंगे। ऐसे में, आप भविष्य के लिए धन की बचत करने में भी सफल रहेंगे। इन जातकों के लिए बुध की वक्री अवस्था भाग्यशाली साबित होगी।
सिंह राशि के जातक इस अवधि में पार्टनर और परिवार के सदस्यों के साथ मधुर संबंध बनाए रखने में सक्षम होंगे। इस दौरान जातक अपने पार्टनर के साथ दिल खोल कर बातें करते हुए नज़र आएंगे जिससे आप दोनों के बीच का तालमेंल और आपसी समझ अच्छी होगी। ऐसे में, आप दोनों के रिश्ते में मज़बूती आएगी।
इस अवधि में आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा क्योंकि बुध की स्थिति अनुकूल होगी। ऐसे में, आपको किसी भी तरह की स्वास्थ्य समस्या परेशान नहीं करेगी। लेकिन सिर दर्द होने की आशंका है।
बुध नौवें भाव से आपके तीसरे भाव पर दृष्टि डाल रहा है और इसके परिणामस्वरूप जातकों को काफ़ी यात्राएं करनी पड़ सकती है। यह यात्राएं आपके लिए फलदायी साबित होंगी। बुध की वक्री अवस्था सिंह राशि वालों के लिए अपार सफलता और सौभाग्य लेकर आएगी। इन यात्राओं से होने वाले लाभ से आप स्थिरता प्राप्त करना चाहेंगे। ऐसे में, आप अपने हाथ आने वाले हर सुनहरे अवसर का फायदा उठाने से पीछे नहीं हटेंगे।
उपाय: प्रतिदिन विष्णु सहस्रनाम का जाप करें।
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए बुध आपके पहले और दसवें भाव के स्वामी हैं जो आपके आठवें भाव में वक्री होंगे।
बुध की वक्री अवस्था कन्या राशिवालों के लिए समस्याएं लेकर आ सकती हैं और इन लोगों को करियर में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, नौकरी को लेकर इनमें असंतुष्टि की भावना दिख सकती है और ये लोग असुरक्षा की भावना से ग्रस्त हो सकते हैं। इन जातकों को करियर में सफलता हासिल करने के लिए योजना बनाने की जरुरत पड़ सकती है। इस अवधि में ये जातक कार्यों में प्राप्त होने वाले परिणामों को लेकर थोड़ा नकारात्मक हो सकते हैं।
करियर के लिहाज़ से, बुध मेष राशि में वक्री होने की अवधि को इन जातकों के लिए अच्छा नहीं कहा जा सकता है। संभव है कि इन लोगों को नौकरी में समस्याओं का सामना करना पड़ें जिसके चलते इनका प्रदर्शन प्रभावित हो सकता है। आशंका है कि कार्यस्थल पर आप जो भी कार्य करेंगे उसमें आपका मन नहीं लगेगा और आपको कदम-कदम पर परेशानियों से दो-चार होना पड़ सकता है। ऐसे में, आपके ऊपर काम का दबाव बढ़ सकता है जिसके परिणामस्वरूप आप कार्यों में गलती कर सकते हैं। साथ ही, बुध की वक्री अवस्था के दौरान कुछ जातक अपनी नौकरी से भी हाथ धो सकते हैं जिससे आप निराशा के सागर में डूब सकते हैं।
इस राशि के जो जातक व्यापार करते हैं उनके लिए बिज़नेस में ऐसी स्थिति बन सकती है जहां न उन्हें लाभ होगा और न हानि। साथ ही, इन लोगों को व्यापार में कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिल सकती है और इस वजह से कुछ जातकों को हानि का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान, प्रतिद्वंदी इनके मार्ग में बाधाएं उत्पन्न कर सकते हैं।
आर्थिक स्थिति की बात करें तो, इन जातकों के ख़र्चों में बढ़ोतरी हो सकती हैं जिसे पूरा करने आपको मुश्किल लग सकता है। परिवार की बढ़ती जरूरतों की वजह से आपको इन परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, इन लोगों को धन हानि होने की भी आशंका है।
कन्या राशिवालों के रिलेशनशिप की बात करें तो, इन जातकों की पार्टनर के साथ बहस होने की आशंका है और इसके परिणामस्वरूप रिश्ते से सौहार्द गायब हो सकता है। रिलेशनशिप में खुशियां और प्रेम बनाए रखने के लिए आपको रिश्ते में सामंजस्य बैठाना होगा। साथ ही, आपको उन्हें समझने की जरूरत है।
इन लोगों का स्वास्थ्य औसत रहने की संभावना है क्योंकि इन्हें सिर दर्द और आंखों में जलन की समस्या परेशान कर सकती है। ऐसे में, आपको अपनी सेहत का ख़्याल रखना होगा।
बुध की दृष्टि आठवें भाव से दूसरे भाव आपके पर होगी और इसके परिणामस्वरूप आपको तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्याएं परेशान कर सकती हैं।
उपाय: बुधवार के दिन बुध ग्रह के लिए यज्ञ-हवन करें।
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए बुध आपके नौवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं जो आपके सातवें भाव में वक्री होने जा रहे हैं।
बुध मेष राशि में वक्री के दौरान जातक को औसत परिणामों की प्राप्ति हो सकती हैं। इस अवधि के दौरान आपको धार्मिक तीर्थस्थलों से जुड़ी यात्रा पर जाना पड़ सकता है। संभव है कि आपको अपने पिता की सेहत पर भी काफ़ी धन ख़र्च करना पड़ें। साथ ही, जातकों को धन हानि होने की भी आशंका है।
करियर की दृष्टि से, बुध की वक्री अवस्था के प्रभाव से इन जातकों को नौकरी के क्षेत्र में कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं। साथ ही, इस अवधि में तुला राशि वालों के लिए स्थानांतरण के भी योग बनेंगे। हालांकि, कुछ जातकों को इस समय कार्यों में असफलता हाथ लग सकती है जिसके परिणामस्वरूप आप निराश महसूस कर सकते हैं। वहीं, कुछ लोगों को विदेश से नौकरी के अवसर प्राप्त होंगे और जो जातक अपने लक्ष्यों को पूरा करना चाहते हैं वे इस अवधि में असफल हो सकते हैं। किसी यात्रा के दौरान आपको दोस्तों की तरफ से कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
इस राशि के जिन जातकों का अपना व्यापार है उन्हें इस दौरान बिज़नेस से संबंधित कोई फैसला लेते समय बेहद सावधान रहना होगा, विशेष रूप से पार्टनर से जुड़ा कोई फैसला लेते समय क्योंकि इन्हें कुछ परेशानियों से जूझना पड़’सकता है। यह अवधि उन जातकों के लिए श्रेष्ठ है जो आउटसोर्सिंग के व्यापार से संबंध रखते हैं क्योंकि उन्हें काफ़ी मुनाफा होने के आसार है।
वित्तीय स्थिरता के लिहाज़ से, बुध की सातवें भाव में मौजूदगी होने से इन जातकों को मिले-जुले परिणाम मिल सकते हैं। इस अवधि में इनकी आय में वृद्धि के साथ-साथ ख़र्चों में भी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती हैं। जो लोग विदेश से संबंधित व्यापार करते हैं या फिर आउटसोर्सिंग का बिज़नेस करते हैं वे लोग इस दौरान अच्छा मुनाफा कमाने में सक्षम होंगे।
प्रेम जीवन की दृष्टि से, इन जातकों को मिले-जुले परिणाम प्राप्त हो सकते हैं क्योंकि गलतफ़हमियों और बातचीत की कमी के कारण पार्टनर से बहस और मतभेद होने की आशंका है। जातकों को रिश्ते में मिठास बनाए रखने के लिए सामंजस्य बिठाना होगा, अन्यथा ये विवाद बढ़ सकता है।
तुला राशि वालों की सेहत की बात करें तो, इस अवधि में इनका स्वास्थ्य ज्यादा ख़ास न रहने की आशंका है क्योंकि आपको सिर दर्द और तंत्रिका तंत्र से जुडी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके परिणामस्वरूप, संभव है कि जातक अपना स्वास्थ्य अच्छा बनाए रखने में सक्षम न हो। ऐसे में, आपको योग करने की सलाह दी जाती है।
सातवें भाव में बैठा बुध आपके लग्न भाव या पहले भाव को देख रहा है और इस वजह से जातकों को काम के सिलसिले में लंबी दूरी की यात्रा पर जाना पड़ सकता है जो आपके लिए फायदेमंद साबित होगी। इस दौरान आपकी दोस्ती नए लोगों से हो सकती है और इनकी संगत आपके लिए लाभदायक रहने की संभावना है।
उपाय: प्रतिदिन “ललिता सहस्रनाम” का पाठ करें।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध आपके आठवें भाव और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और अब ये
आपके छठे भाव में वक्री होंगे। आपको बता दें कि आठवां भाव बाधाओं और ग्यारहवां भाव वृद्धि का भाव है।
बुध मेष राशि में वक्री होने से वृश्चिक राशि के जातकों को ज्यादा लाभ नहीं मिलने की संभावना है क्योंकि आपको मिलने वाले लाभ में समस्याओं और देरी का सामना करना पड़ सकता है। आशंका है कि परिस्थितियां इतनी बिगड़ सकती हैं कि इन जातकों को अपने खर्चें पूरे करने के लिए लोन लेना पड़ सकता है। आपके ऊपर जिम्मेदारियां बढ़ सकती हैं जिसको निभाना आपको मुश्किल लग सकता है। हालांकि, इन जातकों को पैतृक संपत्ति से धन लाभ प्राप्त हो सकता है।
करियर की बात करें तो, यह अवधि आपके लिए ज्यादा अनुकूल न रहने की संभावना है। इन लोगों को नौकरी में कुशलता और सफलता हासिल करने के लिए खुद को धकेलना पड़ सकता है, अन्यथा आपको कार्यों में असफलता मिलने की गुंजाइश है। काम का बोझ आपके लिए अच्छा साबित हो सकता है क्योंकि इस दौरान आप कड़ी मेहनत करेंगे। लेकिन आपको इसके बावजूद सराहना न मिलने की आशंका है।
जिन जातकों का अपना व्यापार है उनके लिए ये अवधि थोड़ी कठिन रह सकती है। इस दौरान आपको लाभ या हानि हो सकती है। साथ ही, इन लोगों को व्यापार में कड़ी प्रतिस्पर्धा मिलने की आशंका है जिसका सामना करना आपको मुश्किल प्रतीत हो सकता है। जातकों को योजना बनाकर चलना होगा क्योंकि आपको नुकसान होने की संभावना है।
आपके छठे भाव में बुध के विराजमान होने से जातकों को धन से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है,। जरूरतें बढ़ने के कारण इन लोगों के ख़र्चें भी बढ़ सकते हैं और ऐसे में, इनको मज़बूरी में लोन लेना पड़ सकता है।
जब रिलेशनशिप की बात आती है तो बुध की वक्री अवस्था के दौरान इन जातकों को सावधान रहने की जरूरत होगी क्योंकि आपके पार्टनर के साथ मतभेद हो सकते हैं। इन विवादों का कारण परिवार में चल रहा कोई मुद्दा हो सकता है। ऐसे में, आपके और पार्टनर के रिश्ते से खुशियां नदारद रहने की आशंका है।
वृश्चिक राशि वालों का स्वास्थ्य इस समय थोड़ा नाज़ुक रहने की संभावना है। इन जातकों को हाइपरटेंशन और तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए अपने स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहें।
आपके छठे भाव में बैठे बुध की दृष्टि बारहवें भाव पर होगी और इसके परिणामस्वरूप जातकों को कंधों में दर्द की शिकायत हो सकती है और ये आपके लिए परेशानी का सबब बन सकता है।
उपाय: प्रतिदिन चंडिका स्तोत्र-लिंगाष्टकम का पाठ करें।
धनु राशि
धनु राशि वालों के लिए बुध आपके सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं और अब बुध आपके पांचवें भाव में वक्री होने जा रहे हैं। जैसे कि हम जानते हैं कि सातवां भाव जीवनसाथी और रिलेशनशिप का भाव है जबकि दसवां भाव करियर का प्रतिनिधित्व करता है।
करियर की बात करें तो, बुध की वक्री अवस्था नौकरी के क्षेत्र में आपको औसत परिणाम प्रदान करेगी। इस राशि के लोगों को अपना काम एक व्यवस्थित तरीके से करने की जरूरत महसूस हो सकती है। साथ ही, कार्यक्षेत्र पर आप अपनी बुद्धि के प्रयोग से सबको प्रभावित करने में सक्षम होंगे और दूसरों से प्रशंसा भी प्राप्त करेंगे। कुछ जातकों को काम के सिलसिले में विदेश यात्रा करने का अवसर भी मिल सकता है और आपकी ये यात्रा सफल भी हो सकती है और असफल भी।
धनु राशि के व्यापार करने वाले जातकों के लिए ये अवधि चुनौतीपूर्ण रहने की आशंका है और ये समय आपके धैर्य की परीक्षा ले सकता है। इन जातकों को अपने बिज़नेस पार्टनर से समर्थन न मिलने के कारण नुकसान का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए आपको थोड़ा सावधान रहने की सलाह दी जाती है।
आर्थिक स्थिति के लिहाज़ से, इस दौरान आपके खर्चें बढ़ सकते हैं जिन्हें पूरा करना आपको एक चुनौती लग सकता है। ऐसे में, आप निराश महसूस कर सकते हैं इसलिए इस समय अपनी जरूरतों को पूरा करने और पर्याप्त मात्रा में धन कमाने के लिए आपको योजना बनाकर चलना होगा। हालांकि, ग्रहों की ये स्थिति उन लोगों के लिए फलदायी साबित होगी जो ट्रेडिंग और सट्टेबाज़ी के क्षेत्र से संबंध रखते हैं।
प्रेम जीवन के लिहाज़ से, जब बुध मेष राशि में वक्री होंगे, उस दौरान इन जातकों को अपने बच्चों के साथ रिश्तों में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, आप उनके विकास को लेकर चिंतित नज़र आ सकते हैं। इस अवधि में परिवार में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं जो आपकी परेशानी का कारण बन सकती है।
स्वास्थ्य की दृष्टि से, इस अवधि में ये जातक अपने बच्चों की सेहत को लेकर चिंतित दिखाई दे सकते हैं। साथ ही, इन लोगों के सामने ऐसी परिस्थिति आ सकती है जहां इन्हें अपने पार्टनर की सेहत पर भी काफ़ी धन ख़र्च करना पड़ सकता है।
बुध पांचवें भाव से आपके ग्यारहवें भाव पर दृष्टि डाल रहा होगा और इस वजह से जातक घर-परिवार में होने वाले किसी समारोह को लेकर ख़ुश नज़र आ सकते हैं और धार्मिक कार्यों से लाभ प्राप्त करने में सक्षम होंगे।
उपाय: गुरुवार के दिन बृहस्पति ग्रह के लिए हवन करें।
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए बुध आपके छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं जो आपके चौथे भाव में वक्री होने जा रहे हैं। छठा भाव कर्ज़ और रोग का भाव है, तो नौवां भाव भाग्य और लंबी यात्रा का भाव है।
बुध मेष राशि में वक्री के दौरान जातकों को करियर में औसत परिणाम प्राप्त होने की संभावना है। ये लोग जो भी काम करेंगे उसमें इन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, मकर राशि के नौकरीपेशा जातकों को सहकर्मियों और वरिष्ठों की तरफ से भी कुछ परेशानी झेलनी पड़ सकती है जो आपके लिए चिंता का विषय बन सकती है।
जिन जातकों का अपना व्यापार हैं उनके लिए बुध का मेष राशि में वक्री होना ज्यादा फ़ायदेमंद नहीं रहने की आशंका है। साथ ही, इस दौरान आपको औसत परिणामों की प्राप्ति होगी। जो जातक बिज़नेस से अच्छा मुनाफा कमाने की उम्मीद में हैं उन्हें निराशा हाथ लग सकती है क्योंकि संभव है कि आप अपने लक्ष्यों को पूरा करने में सक्षम न हो।
वित्त की बात करें तो, बुध की चौथे भाव में स्थिति होने से जातकों के ख़र्चों में वृद्धि हो सकती हैं और इन्हें धन कमाने के लिए भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ सकती है। साथ ही, ये लोग परिवार के ऊपर भी धन ख़र्च करते हुए नज़र आ सकते हैं। ऐसे में, इस अवधि में आपके लिए पैसा कमाना और उसकी बचत करना मुश्किल हो सकता है।
मकर राशि के जातकों को परिवार में चल रहे विवादों के कारण प्रेम जीवन में औसत परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। घर-परिवार का शांतिपूर्ण माहौल बिगड़ सकता है और ऐसे में, पार्टनर के साथ सौहार्दपूर्ण रिश्ते बनाए रखना आपको मुश्किल प्रतीत हो सकता है। लेकिन आपको पार्टनर के साथ मधुर संबंध बनाए रखने होंगे।
बुध की वक्री अवस्था के दौरान इन जातकों का स्वास्थ्य अच्छा नहीं रहने की आशंका है क्योंकि इन्हें तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्याएं परेशान कर सकती हैं और इसका कारण तनाव हो सकता है। ऐसे में, इन लोगों को अपना अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए योग करने की सलाह दी जाती है।
आपके चौथे भाव में बैठे बुध की दृष्टि दसवें भाव पर होगी और इसके परिणामस्वरूप जातकों को करियर में सकारात्मक परिणामों की प्राप्ति होगी। इस दौरान ये जातक मन लगाकर काम करेंगे और ऐसे में, ये अपने काम में व्यस्त नज़र आ सकते हैं।
उपाय: शनिवार के दिन हनुमान जी के लिए यज्ञ/हवन करें।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध आपके पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं और अब ये आपके तीसरे भाव में वक्री होने जा रहे हैं। तीसरा भाव साहस और आत्म विकास को दर्शाता है।
करियर के लिहाज़ से, बुध की वक्री अवस्था के दौरान जातकों को नौकरी में अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे। कार्यक्षेत्र में ये लोग उच्च प्रगति हासिल करेंगे और इन लोगों को पदोन्नति मिलने की भी संभावना है। कुछ जातकों को विदेश यात्रा के भी अवसर प्राप्त हो सकते हैं जो आपके लिए फायदेमंद साबित होंगे। साथ ही, इस अवधि में इन्हें इंसेंटिव के रूप में भी लाभ प्राप्त होने के आसार है। साथ ही, इनका ज्यादा से ज्यादा समय करियर से जुड़ी यात्राओं में बीतेगा।
कुंभ राशि के जो जातक व्यापार करते हैं उनके लिए ये समय फलदायी साबित हो सकता है और इस दौरान आपको लाभ कमाने के अवसर प्राप्त होंगे। ये जातक व्यापार में आने वाली चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होंगे और साथ ही, प्रतिद्वंदियों को कड़ी टक्कर देंगे। इन जातकों को बिज़नेस से अच्छा मुनाफा होने की संभावना है।
बुध की तीसरे भाव में मौजूदगी कुंभ राशि के जातकों के लिए विकास लेकर आएगी। यह लोग पैसा कमाने के साथ-साथ धन की बचत करने में भी सक्षम होंगे। साथ ही, इन जातकों को पैतृक संपत्ति से भी धन लाभ हो सकता है।
कुंभ राशि वाले अपने प्रेम जीवन में प्रेम और सौहार्द बनाए रखने में सफल होंगे। इस दौरान पार्टनर के साथ इनका तालमेल काफ़ी प्रभावी होगा। साथ ही, ये लोग अपने जीवनसाथी के साथ कहीं घूमने-फिरने जा सकते हैं या फिर किसी समारोह में शामिल हो सकते हैं।
इस अवधि के दौरान इन जातकों का स्वास्थ्य ठीक रहेगा। हालांकि, इन्हें त्वचा में जलन जैसी छोटी-मोटी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
बुध तीसरे भाव से नौवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं और इसके परिणामस्वरूप जातकों को विदेश यात्रा का अवसर मिलेगा। साथ ही, इनके लाइफस्टाइल में भी बदलाव देखने को मिल सकता है। इस समय इन जातकों का झुकाव अध्यात्म की तरफ होगा जो आपके लिए वरदान साबित होगा।
उपाय: प्रतिदिन “ॐ हनुमते नमः” का जाप करें।
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए बुध आपके चौथे और सातवें भाव के स्वामी हैं और अब ये आपके दूसरे भाव में वक्री होने जा रहे हैं। दूसरा भाव परिवार और निजी जीवन का भाव होता है।
करियर के लिहाज़ से, बुध की वक्री अवस्था जातकों के लिए अनुकूल रहेगी। इस दौरान आपको सकारात्मक परिणामों की प्राप्ति होगी और इन लोगों का करियर प्रगति के रास्ते पर आगे बढ़ेगा। लेकिन यह सब सिर्फ आपकी मेहनत से संभव होगा। मीन राशि के जातकों का काम में प्रदर्शन शानदार होगा जिसकी बदौलत इनके प्रमोशन के योग बनेंगे। साथ ही, इन्हें वरिष्ठों से सराहना भी मिलेगी।
जिन जातकों का अपना व्यापार है उनके लिए ये अवधि अनुकूल रहने वाली है। इस समय ये लोग एक से ज्यादा व्यापार करते हुए नज़र आ सकते हैं और साथ ही, अच्छाख़ासा लाभ भी कमाएंगे। मीन राशि के व्यापारी प्रतिद्वंदियों को कड़ी टक्कर देते हुए अपनी चमक बिखरने में कामयाब रहेंगे।
आर्थिक स्थिति की बात करें तो, यह अवधि मीन राशि वालों के लिए सौभाग्य लेकर आएगी। इस दौरान इन लोगों को आउटसोर्सिंग और विदेशी स्रोतों से लाभ की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही, ये लोग अधिक बचत करने में भी सफल होंगे।
जब रिलेशनशिप की बात आती है तो, आप पार्टनर और परिवार के सदस्यों के साथ रिश्ते में सौहार्द और प्रेम बनाए रखने में सक्षम होंगे। हालांकि, इस तरह की परिस्थिति केवल आप दोनों के बीच मौजूद बेहतर आपसी समझ से ही संभव होगी। आप पार्टनर के साथ कहीं बाहर घूमने-फिरने के लिए जा सकते हैं और इस दौरान आप एक-दूसरे के साथ समय बिताएंगे जिससे आपको ख़ुशी मिलेगी।
मीन राशि वाले जातक अपनी मज़बूत रोग प्रतिरोधक क्षमता और उच्च ऊर्जा के स्तर की वजह से अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखने में सक्षम होंगे। इस ऊर्जा का कारण आपका आत्मविश्वास हो सकता है। हालांकि, आपको छोटी-मोटी स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं।
दूसरे भाव से बुध की दृष्टि आपके आठवें भाव पर होगी और इसके परिणामस्वरूप इन जातकों को पैतृक संपत्ति और अनजान स्रोतों से धन लाभ होगा। आपके ख़र्चों में भी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है और इस दौरान परिवार का माहौल भी तनावपूर्ण रहने की आशंका है।
उपाय: प्रतिदिन “ॐ नमः शिवाय:” का 21 बार जाप करें।
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