बुध वृश्चिक राशि में वक्री (10 नवंबर 2025)
बुध वृश्चिक राशि में वक्री: वैदिक ज्योतिष में बुध को बुद्धि, वाणी और तर्क का कारक ग्रह माना जाता है, जो मिथुन और कन्या राशि के स्वामी होते हैं। बुध मीन राशि में नीच के होते हैं। दिक ज्योतिष में महत्वपूर्ण ग्रह है, जिन्हें “ग्रहों के राजकुमार” के नाम से भी जाने जाते हैं। अब बुध महाराज 10 नवंबर 2025 की मध्यरात्रि 12 बजकर 03 मिनट पर वृश्चिक राशि में वक्री हो जाएंगे।
एस्ट्रोसेज एआई का यह विशेष आर्टिकल आपको “बुध वृश्चिक राशि में वक्री” से संबंधित समस्त जानकारी प्रदान करेगा। साथ ही, यह गोचर सभी राशियों के जातकों के जीवन के साथ-साथ विश्व को किस तरह से प्रभावित करेगा, इस बारे में भी हम आपको अवगत करवाएंगे। तो आइए शुरुआत करते हैं और जानते हैं बुध ग्रह के बारे में।
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वैदिक ज्योतिष के अनुसार बुध
जब बुध ग्रह मिथुन और कन्या राशि में मौजूद होते हैं, तो इनकी स्थिति को काफ़ी मज़बूत माना जाता है क्योंकि इन दोनों राशियों पर बुध देव का शासन है। दूसरी तरफ, अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध ग्रह मिथुन और कन्या राशि में उपस्थित होते है, तो ऐसे लोग बेहद बुद्धिमान होते हैं और उच्च लाभ प्राप्त करने में सफलता प्राप्त करते हैं। साथ ही, प्रतिद्वंदियों के लिए एक अच्छे प्रतिद्वंदी के रूप में उभरेंगे। इसके विपरीत, जब बुध ग्रह जल तत्व की राशि मीन में विराजमान होते हैं, तो यह अपनी सभी शक्तियां खो देते है क्योंकि मीन इनकी नीच राशि है। मीन राशि में बुध ग्रह के बैठे होने पर जातक को बुद्धि और व्यापार के संबंध में नकारात्मक प्रभाव उठाने पड़ते हैं। इसके अलावा, इनको रिश्ते में भी साथी के साथ समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
आइए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस विशेष आर्टिकल की सहायता से जानते हैं कि बुध वृश्चिक राशि में वक्री होकर राशि चक्र की 12 राशियों के लिए अच्छे या बुरे किस तरह के परिणाम लेकर आएंगे और इनके बचने के लिए आप किन उपायों को कर सकते हैं।
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बुध वृश्चिक राशि में वक्री: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
बुध ग्रह आपकी कुंडली के तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं। बुध वृश्चिक राशि में वक्री आपके आठवें भाव में होंगे।
इसके परिणामस्वरूप अचानक परेशानियां और रुकावटें आ सकती हैं, भले ही मौके अच्छे मिलें। आपकी मेहनत में भी बार-बार रुकावटें आ सकती हैं, हालांकि कभी-कभी अचानक फायदा भी मिल सकता है।
करियर के क्षेत्र में काम का बोझ बढ़ सकता है और शेड्यूल थोड़ा टाइट रहेगा। व्यापार में फायदा-नुकसान दोनों की संभावना है और कड़ी प्रतिस्पर्धा रह सकती है।
आर्थिक जीवन के मामले में आपको यात्रा से संबंधित नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, थोड़ी सुस्ती भी आपकी मुश्किलें बढ़ा सकती है।
व्यक्तिगत जीवन में, रिश्ते में शांति बनाए रखना जरूरी होगा। विश्वास की कमी महसूस हो सकती है, इसलिए पार्टनर के साथ समझदारी और मेलजोल बढ़ाने की जरूरत है।
सेहत की बात करें तो, आंखों में जलन या दांतों में परेशानी हो सकती है, जिसका इलाज कराना जरूरी होगा।
उपाय- प्रतिदिन 19 बार “ऊँ भौमाय नमः” का जाप करें।
वृषभ राशि
बुध ग्रह आपकी कुंडली में दूसरे और पांचवे भाव के स्वामी हैं। बुध वृश्चिक राशि में वक्री आपके आपके सातवें भाव में होगा।
इसके परिणामस्वरूप इस दौरान आपको नए दोस्त बनाने और नए लोगों से जुड़ने के मौके मिल सकते हैं। लेकिन साथ ही दोस्तों के साथ थोड़े मनमुटाव या झगड़े भी हो सकते हैं, इसके लिए तैयार रहना होगा।
वृषभ राशि के जातकों के करियर की बात करें तो, काम में धीरे-धीरे प्रगति होगी और स्थिरता बनी रहेगी, लेकिन कोई बड़ा इनाम या तरक्की मिलने की उम्मीद थोड़ी कम है।
व्यापार के क्षेत्र में, इस समय मुनाफा कमाने और नए सौदे करने का अच्छा मौका मिलेगा, जिससे आपकी कमाई बढ़ सकती है।
आर्थिक जीवन के मामले में, यात्रा करना आपके लिए फायदेमंद रहेगा और इसके जरिए अच्छी कमाई हो सकती है।
व्यक्तिगत जीवन में, जीवनसाथी के साथ खुशहाली बनाए रखने के लिए आपको थोड़े समझौते करने पड़ेंगे, तभी रिश्ते में मिठास बनी रहेगी।
स्वास्थ्य की बात करें तो, अपने पार्टनर की सेहत पर ध्यान देना जरूरी है, खासकर अगर उन्हें कमर दर्द की समस्या हो रही हो तो इलाज में पैसा खर्च करना पड़ सकता है।
उपाय- गुरुवार को बृहस्पति ग्रह के लिए यज्ञ-हवन करें।
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मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए, बुध पहले और चौथे भाव के स्वामी हैं। बुध वृश्चिक राशि में वक्री आपके छठे भाव में होगा।
इसके परिणामस्वरूप, आपको पारिवारिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जो आपको परेशान कर सकती हैं। आर्थिक रूप से, आपको अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए ऋण लेने की आवश्यकता पड़ सकती है।
करियर की बात करें तो, इस समय आपके अपने वरिष्ठ के साथ बहस या मतभेद हो सकते हैं और आपको लग सकता है कि आपकी मेहनत को अनदेखा किया जा रहा है।
व्यापार में, भले ही आप अच्छा काम करेंगे, लेकिन आशंका है कि जितना मुनाफा चाह रहे हैं, उतना न मिल पाए।
आर्थिक मामले में, खर्चे बढ़ सकते हैं और कुछ जरूरी वजहों से आपको उधार लेने की नौबत भी आ सकती है।
व्यक्तिगत जीवन में, जीवनसाथी से दूरी या मनमुटाव हो सकता है, जिससे रिश्ते में तालमेल बनाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है।
आपके स्वास्थ्य की बात करें तो, इस दौरान इम्युनिटी कमजोर हो सकती है और पीठ दर्द जैसी समस्या भी परेशान कर सकती है, जिसका इलाज कराना जरूरी होगा।
उपाय- प्रतिदिन 11 बार “ऊँ नमो नारायण” का जाप करें।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए, बुध तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी हैं। बुध वृश्चिक राशि में वक्री पांचवें भाव में होंगे।
इसके परिणामस्वरूप से बच्चों की तरक्की को लेकर चिंता बढ़ सकती है और मन थोड़ा परेशान रह सकता है। साथ ही, इस दौरान आपको बिना वजह की यात्राएं भी करनी पड़ सकती हैं।
करियर के क्षेत्र में, साथ काम करने वालों और सहकर्मियों से काम को लेकर बहस या अनबन हो सकती है, जिससे तनाव बढ़ सकता है।
जिन जातकों का खुद का व्यापार है, उन्हें इस समय मुनाफा थोड़ा कम रहेगा, खासकर सट्टे या जोखिम वाले कामों में। लाभ प्राप्त करने के लिए आपको बेहतर योजना बनाकर आगे बढ़ना होगा।
आर्थिक जीवन की बात करें तो, आमदनी जरूरतों के मुकाबले कम पड़ सकती है, जिससे बचत कर पाना और खर्च संभालना मुश्किल हो सकता है।
व्यक्तिगत जीवन में, जीवनसाथी के प्रति अपनी रुचि खो सकते हैं, जिससे रिश्ते में थोड़ी दूरी आ सकती है और आशंका है कि आपको अपनी खुशी में कमी महसूस हो।
स्वास्थ्य के लिहाज़ से, बच्चों की सेहत को लेकर चिंता रहेगी और उनकी देखभाल पर ज्यादा खर्च भी हो सकता है, जिससे आर्थिक दबाव बढ़ सकता है।
उपाय- प्रतिदिन दुर्गा चालीसा का जाप करें।
सिंह राशि
बुध आपकी कुंडली में दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। बुध वृश्चिक राशि में वक्री आपके चौथे भाव में होगा।
इसके परिणामस्वरूप आशंका है कि आपको मनचाहा सुकून और आराम न मिल पाए और आपके द्वारा किए गए प्रयासों में रुकावटें आ सकती हैं।
करियर में, इस दौरान परिवार पर ज्यादा खर्च करना पड़ सकता है, जिससे आर्थिक नुकसान भी हो सकता है। यहां तक कि अपनी खुशी भी आपको उनके लिए कुर्बान करनी पड़ सकती है।
व्यापार में, आपको अपने बिजनेस पार्टनर के साथ तालमेल बनाने में दिक्कत आ सकती है। कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना भी करना पड़ सकता है, जिससे आपका आत्मविश्वास थोड़ा डगमगा सकता है।
आर्थिक जीवन के मामले में, संभावना है कि खुद के आराम और सुख-सुविधाओं के लिए आपके पास अधिक धन न रहे, जबकि परिवार पर खर्च लगातार बढ़ता रहेगा।
व्यक्तिगत जीवन में, जीवनसाथी से बातों-बातों में बहस हो सकती है, जिससे रिश्ते की मिठास थोड़ी कम हो सकती है। इसलिए आपको थोड़ा सोच समझ कर चलने की आवश्यकता होगी।
स्वास्थ्य के लिहाज़ से इस समय माता जी की सेहत पर भी खर्चा आ सकता है, इसलिए पहले से ही इसकी प्लानिंग करना सही रहेगा ताकि समय पर सब ठीक हो सके।
उपाय- प्रतिदिन विष्णु आदित्य हृदयम का जाप करें।
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कन्या राशि
कन्या राशि की कुंडली में बुध महाराज आपके लिए पहले और चौथे भाव के स्वामी हैं। बुध वृश्चिक राशि में वक्री तीसरे भाव में होगा।
इसके परिणामस्वरूप परिवार में तनाव हो सकता है, आपके कामों में रुकावटें आ सकती हैं और तरक्की में देरी हो सकती है। इस दौरान यात्रा करने से बचने की सलाह दी जाती है।
करियर में, आपको अपने काम में बदलाव का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन आशंका है कि ये बदलाव आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित न हो। इसलिए अपने काम की योजना सोच-समझकर बनाएं।
व्यापार में, ग्रोथ धीमी रहेगी, जिससे मुनाफा कम मिलेगा। इसलिए धैर्य बनाए रखने की आवश्यकता होगी।
आर्थिक मामले में, यात्रा के दौरान या लापरवाही के कारण पैसों का नुकसान हो सकता है, जिससे बचत करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है।
व्यक्तिगत जीवन में, जीवनसाथी के साथ रिश्ते में मिठास थोड़ी कम हो सकती है, क्योंकि आशंका है कि बातचीत में पहले जैसी गर्माहट न रहे। इसलिए रिश्ते में थोड़ी समझदारी दिखानी होगी।
सेहत की बात करें तो, पीठ दर्द की समस्या परेशान कर सकती है और इसका कारण आपकी कमजोर होती इम्यूनिटी हो सकती है। इसलिए सेहत का ध्यान रखें।
उपाय- प्रतिदिन विष्णु सहस्रनाम का जाप करें।
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए, बुध नौवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं, बुध वृश्चिक राशि में वक्री दूसरे भाव में होगा।
इसके परिणामस्वरूप से आपके पारिवारिक रिश्तों में थोड़ी खटास आ सकती है और अपनों के साथ मनमुटाव होने की संभावना है।
करियर के क्षेत्र में, अपने वरिष्ठों और सहकर्मियों के साथ बहसबाजी या मतभेद हो सकता है, जिससे आपके काम में रुकावट आ सकती है।
व्यापार के क्षेत्र में, प्रतिस्पर्धा ज्यादा रहेगी, इसलिए आपको अपने काम की योजना बहुत समझदारी से बनानी होगी ताकि आगे रह सकें।
आर्थिक जीवन के मामले में, आपके खर्चों में वृद्धि हो सकती है और इस अवधि कमाई कम होगी, जिससे आपकी आर्थिक स्थिति पर असर पड़ सकता है।
व्यक्तिगत जीवन में, जीवनसाथी से बातचीत करते समय शब्दों का खास ध्यान रखें, नहीं तो गलतफहमी बढ़ सकती है।
स्वास्थ्य के लिहाज से, कान और आंखों में तकलीफ हो सकती है, इसलिए अपना विशेष ख्याल रखें।
उपाय- प्रतिदिन ललिता सहस्रनाम का जाप करें।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए, बुध आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और बुध वृश्चिक राशि में वक्री आपके पहले भाव में होगा।
इसके परिणामस्वरूप मन में नकारात्मक सोच बढ़ सकती है, जो आपकी तरक्की और खुशहाली में रुकावट डाल सकती है।
करियर के क्षेत्र में, काम पर आपका सीधा और कटाक्ष भरा रवैया आपके सीनियर्स को पसंद नहीं आएगा, जिससे आगे बढ़ने में दिक्कत आ सकती है।
जिन जातकों का खुद का व्यापार है, उन्हें इस समय चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा और मुनाफा कमाने में मुश्किल हो सकती है।
आर्थिक जीवन की बात करें तो, आमदनी ठीक रहेगी, लेकिन खर्चे और जरूरतें ज़्यादा होने के कारण पैसों की कमी महसूस हो सकती है।
व्यक्तिगत जीवन में, पुराने मन के भेदभाव या गिले-शिकवे की वजह से आप अपने जीवनसाथी से कड़वी बात कर सकते हैं, जिससे रिश्ते में खटास आ सकती है। इसलिए रिश्ते में मिठास बनाए रखने के लिए भावनाओं को साफ करना जरूरी है।
सेहत की बात करें तो, पीठ और पैरों में अकड़न या दर्द हो सकता है, इसलिए आपको डॉक्टर से चेकअप कराने की सलाह दी जाती है।
उपाय- प्रतिदिन हनुमान चालीसा का जाप करें।
बृहत् कुंडली : जानें ग्रहों का आपके जीवन पर प्रभाव और उपाय
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए, बुध सातवें और दसवें भाव के स्वामी है और बुध वृश्चिक राशि में वक्री आपके बारहवें भाव में होगा।
इसके परिणामस्वरूप आपके कामों में रुकावटें आ सकती हैं और जो कोशिशें आप कर रहे हैं, उनमें देर लग सकती है। साथ ही कुछ करीबी दोस्त या साथी आपसे दूर हो सकते हैं और आशंका है कि भाग्य का साथ इस अवधि आपको न मिले।
करियर के क्षेत्र में, संभावना है कि आपको अपनी नौकरी से संतुष्टि न मिले क्योंकि काम का दबाव बढ़ेगा और उम्मीद के मुताबिक परिणाम मिलना आपके लिए मुश्किल हो सकता है।
व्यापार के क्षेत्र में मुनाफे में कमी आ सकती है और कई बार ऐसा भी हो सकता है कि न तो फायदा हो और न ही नुकसान यानी स्थिति बराबरी की बनी रहे।
आर्थिक जीवन के मामले में, आमदनी में उतार-चढ़ाव रहेगा, जिससे अच्छी खासी बचत करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है और कभी-कभी धन को लेकर समस्या का सामना भी करना पड़ सकता है।
व्यक्तिगत जीवन में, खुशी कम महसूस होगी, क्योंकि रिश्तों में सामंजस्य यानी तालमेल में कमी आ सकती है।
स्वास्थ्य की बात करें तो, इस समय आपकी इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता थोड़ी कमजोर पड़ सकती है, जिससे थकावट या शारीरिक कमजोरी महसूस होगी।
उपाय- प्रतिदिन 21 बार “ॐ बृहस्पतये नमः” का जाप करें।
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए बुध छठे और नौवें दोनों भावों के स्वामी हैं और बुध वृश्चिक राशि में वक्री आपके ग्यारहवें भाव में होगा।
इसके परिणामस्वरूप आप भाग्य थोड़ा कमजोर पड़ सकता है और जो लक्ष्य आपने तय किए हैं, उन्हें पाने में देरी हो सकती है। भले ही कुछ इच्छाएं पूरी हों, लेकिन मन में संतोष कम रहेगा।
करियर में, आशंका है कि आपके काम में वो संतुष्टि नहीं मिलेगी जिसकी आप उम्मीद कर रहे हैं और काम का दबाव या तनाव बढ़ सकता है।
व्यापार में मुनाफा तो होगा, लेकिन ज्यादा कमाई होने पर भी उसे संभालना या बचा पाना आपके लिए थोड़ा मुश्किल हो सकता है।
आर्थिक जीवन के मामले में, आमदनी तो रहेगी, लेकिन बचत कर पाना थोड़ा कठिन हो सकता है।
व्यक्तिगत जीवन में, आपसी तालमेल की कमी या गलतफहमी के कारण रिश्तों में कड़वाहट आ सकती है, इसलिए रिश्ते में थोड़ी समझदारी दिखाने की सलाह दी जाती है।
आपके सेहत की बात करें तो, आंखों में जलन या थकावट महसूस हो सकती है, जिससे आपका मन और शरीर थोड़ा असहज रह सकता है।
उपाय- प्रतिदिन 11 बार “ॐ मंदाय नमः” का जाप करें।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं और बुध वृश्चिक राशि में वक्री आपके दसवें भाव में होगा।
इसके परिणामस्वरूप आपको अपने प्रयासों में देरी का सामना करना पड़ सकता है। आपके कार्यों में थोड़ी उलझन आ सकती है और आत्मविश्वास में भी थोड़ी गिरावट महसूस होगी। हालांकि, मन में सफलता पाने की जिद बनी रहेगी।
करियर में, नौकरी में बदलाव के योग बन रहे हैं, खासतौर से अगर आप खुद बदलाव की सोच रहे हैं। लेकिन ये बदलाव आपके आत्मविश्वास को थोड़े समय के लिए डगमगा सकता है।
जिन जातकों का खुद का व्यापार है, उन्हें इस दौरान उम्मीद के मुताबिक मुनाफा नहीं होगा क्योंकि आशंका है कि भाग्य का साथ न मिले।
आर्थिक जीवन के मामले में, कमाई तो ठीक-ठाक रहेगी, लेकिन आपकी उम्मीद से थोड़ी कम हो सकती है।
व्यक्तिगत जीवन में, अपने पार्टनर के साथ खुशी और प्यार खुलकर जताना थोड़ा मुश्किल हो सकता है, क्योंकि इस समय अहंकार टकराव पैदा कर सकता है।
स्वास्थ्य की बात करें तो, पीठ में तेज दर्द हो सकता है, जो आपकी फिटनेस और खुद की देखभाल में कमी की वजह से होगा। ध्यान रखना जरूरी रहेगा।
उपाय- प्रतिदिन 11 बार “ऊँ शिव ओम शिव ओम” का जाप करें।
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए बुध चौथे और सातवें भाव के स्वामी हैं और बुध वृश्चिक राशि में वक्री नौवें भाव में होगी।
इसके परिणामस्वरूप आशंका है कि भाग्य का साथ थोड़ा कम मिले और इससे आपके विकास व तरक्की में रुकावटें आ सकती हैं।
करियर के क्षेत्र में कामकाज को लेकर मन में असंतोष रह सकता है और वरिष्ठों के साथ कहासुनी होने की भी संभावना है, जिससे तनाव बढ़ सकता है।
जिन जातकों का खुद का व्यापार हैं, उन्हें आशंका है कि इस अवधि भाग्य का साथ न मिले और इसके चलते ज्यादा मुनाफा कमाने के मौके भी कम हो सकते हैं।
आर्थिक जीवन के मामले में, आमदनी बढ़ाने में अड़चनें आ सकती हैं और किस्मत का साथ न मिलने से आर्थिक तरक्की थोड़ी धीमी रह सकती है।
व्यक्तिगत जीवन में, संभावना है कि जीवनसाथी के साथ मनचाही संतुष्टि न मिले और रिश्ते में भावनात्मक दूरी महसूस हो सकती है।
स्वास्थ्य के लिहाज से कंधे और गर्दन में तेज दर्द हो सकता है, जिससे आपके कामकाज पर भी असर पड़ सकता है।
उपाय- गुरुवार को किसी गरीब ब्राह्मण को भोजन दान करें।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. वृश्चिक राशि में बुध वक्री कब होगा?
बुध वृश्चिक राशि में वक्री 10 नवंबर, 2025 को होगा।
2. वैदिक ज्योतिष में बुध क्या दर्शाता है?
बुध बुद्धि, संचार, व्यावसायिक कौशल, तर्क और विश्लेषणात्मक कौशल का प्रतीक है।
3. बुध किन राशियों पर शासन करता है?
बुध मिथुन और कन्या राशि पर शासन करता है। यह कन्या राशि में उच्च और मीन राशि में नीच का होता है।
4. वृश्चिक राशि का स्वामी कौन सा ग्रह है?
वृश्चिक राशि पर मंगल का शासन है।








