बुध वृश्चिक राशि में वक्री (26 नवंबर 2024)
बुध वृश्चिक राशि में वक्री 26 नवंबर 2024 की सुबह 07 बजकर 39 मिनट पर होने जा रहे हैं। वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को ग्रहों के राजकुमार का दर्जा प्राप्त है जो मनुष्य के जीवन में महत्वपूर्ण पहलुओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। ऐसे में, बुध का वक्री होना सभी 12 राशियों के साथ-साथ देश-दुनिया को भी प्रभावित करेगा। एस्ट्रोसेज का यह लेख आपको बुध वृश्चिक राशि में वक्री के बारे में समस्त जानकारी प्रदान करेगा। साथ ही, आपको अवगत करवाएंगे आपके जीवन पर पड़ने वाले वक्री बुध के शुभ-अशुभ प्रभावों के बारे में। आइए आगे बढ़ते हैं और सबसे पहले जानते हैं बुध ग्रह के महत्व के बारे में।
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विद्वान ज्योतिषियों से फोन पर बात करें और जानें बुध वृश्चिक राशि में वक्री का अपने जीवन पर प्रभाव
वैदिक ज्योतिष में बुध का महत्व
सौरमंडल में बुध ग्रह सूर्य के सबसे नजदीक स्थित है। राशिचक्र में इन्हें मिथुन और कन्या राशि का स्वामित्व प्राप्त है। व्यक्ति के जीवन में बुध महाराज बुद्धि और वाणी के कारक ग्रह माने गए हैं। किसी व्यक्ति की कुंडली में जब बुध देव अशुभ या नकारात्मक स्थिति में उपस्थित होते हैं, तो यह जातक को कान, फेफड़ों, तंत्रिका तंत्र और त्वचा से जुड़ी समस्याएं देने का काम करते हैं।
हालांकि, जब बुध ग्रह मिथुन और कन्या राशि में मौजूद होते हैं, तो इनकी स्थिति को काफ़ी मज़बूत माना जाता है क्योंकि इन दोनों राशियों पर बुध देव का शासन है। इसके विपरीत, जब बुध ग्रह जल तत्व की राशि मीन में विराजमान होते हैं, तो यह अपनी सभी शक्तियां खो देते है क्योंकि मीन इनकी नीच राशि है। दूसरी तरफ, अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध ग्रह मिथुन और कन्या राशि में उपस्थित होते है, तो ऐसे लोग बेहद बुद्धिमान होते हैं और उच्च लाभ प्राप्त करने में सफलता प्राप्त करते हैं। साथ ही, प्रतिद्वंदियों के लिए एक अच्छे प्रतिद्वंदी के रूप में उभरेंगे। मीन राशि में बुध ग्रह के बैठे होने पर जातक को बुद्धि और व्यापार के संबंध में नकारात्मक प्रभाव उठाने पड़ते हैं। इसके अलावा, इनको रिश्ते में भी साथी के साथ समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
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आइए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस विशेष आर्टिकल की सहायता से जानते हैं कि बुध वृश्चिक राशि में वक्री होकर राशि चक्र की 12 राशियों के लिए अच्छे या बुरे किस तरह के परिणाम लेकर आएंगे और इनके बचने के लिए आप किन उपायों को कर सकते हैं।
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बुध वृश्चिक राशि में वक्री: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए बुध महाराज आपके तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके आठवें भाव में वक्री होने जा रहे हैं।
ऐसे में, इस अवधि में बेहतरीन अवसर प्राप्त होने के बावजूद आपको इनका लाभ उठाने में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इन जातकों को गिरावट देखने को मिल सकती है, लेकिन कभी-कभी आपको अचानक से धन लाभ हो सकता है।
बुध वृश्चिक राशि में वक्री होकर कार्यस्थल में आप पर काम का बोझ बढ़ा सकता है और इस वजह से आप काम में बेहद व्यस्त रह सकते हैं।
व्यापार की बात करें, तो इस अवधि में आपको बिज़नेस में लाभ और हानि दोनों का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, प्रतिद्वंदियों से भी कड़ी टक्कर मिलने की आशंका है।
आर्थिक जीवन में बुध की वक्री अवस्था आपको हानि करवा सकती है जो कि इस अवधि में की जाने वाली यात्राओं के माध्यम से हो सकती है। साथ ही, आपको अपने सुस्त रवैये की वजह से नुकसान होने की आशंका है।
निजी जीवन को देखें, तो इस दौरान मेष राशि के जातकों को रिश्ते में धैर्य रखना होगा क्योंकि आपके प्रति जीवनसाथी का विश्वास कमज़ोर रह सकता है जिसे आपको मज़बूत करने की आवश्यकता होगी।
स्वास्थ्य के लिहाज़ से, बुध की वक्री चाल आपको आँखों में जलन और दाँत में दर्द की समस्या दे सकती है और इस पर आपको ध्यान देने की सलाह दी जाती है।.
उपाय: प्रतिदिन “ॐ भौमाय नमः” का 19 बार जाप करें।
वृषभ राशि
वृषभ राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपकी कुंडली में दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके सातवें भाव में वक्री होने जा रहे हैं।
इसके परिणामस्वरूप, वक्री बुध के दौरान आप नए दोस्त बनाएंगे और आपकी मुलाकात नए लोगों से होगी। लेकिन, इन लोगों को दोस्तों के साथ कुछ उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है।
करियर को देखें, तो कार्यक्षेत्र में वृषभ राशि वालों को इस दौरान औसत परिणामों की प्राप्ति होगी, परंतु आपको इन्हें बनाए रखना होगा। लेकिन, इस अवधि में आपको उच्च लाभ न मिलने की आशंका है।
व्यापार के संबंध में, बुध वृश्चिक राशि में वक्री की अवधि में आपको अच्छा ख़ासा लाभ कमाने के साथ-साथ बिज़नेस में नई डील करने के भी मौके मिलेंगे।
आर्थिक जीवन की बात करें, तो यह जातक यात्राओं के माध्यम से काफ़ी लाभ प्राप्त करेंगे जो कि समय की आवश्यकता होगी।
निजी जीवन में बुध वक्री के दौरान इन लोगों को रिश्ते में ख़ुशियाँ और आपसी तालमेल बनाए रखने के लिए पार्टनर के साथ सामंजस्य बिठाना होगा।
स्वास्थ्य के मामले में, वृषभ राशि के जातकों को अपने पार्टनर की सेहत पर काफ़ी पैसा खर्च करना पड़ सकता है क्योंकि उन्हें कमर दर्द की समस्या परेशान कर सकती है।
उपाय: गुरुवार के दिन गुरु ग्रह के लिए यज्ञ/हवन करें।
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मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध पहले/लग्न और चौथे भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके छठे भाव में वक्री होने जा रहे हैं।
बुध वृश्चिक राशि में वक्री के दौरान आपको घर-परिवार में समस्याओं से दो-चार होना पड़ सकता है जो कि आपके लिए परेशानी का सबब बन सकती है। साथ ही, इन जातकों को अपनी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए लोन लेने की नौबत आ सकती है।
करियर में काम की वजह से आपका सहकर्मियों के साथ मतभेद या विवाद होने की आशंका है और यह आपके लिए तनाव का कारण बन सकता है।
व्यापार को देखें, तो बुध की वक्री अवस्था के दौरान यह जातक अपने बिज़नेस पार्टनर को ज्यादा समय नहीं दे पाएंगे क्योंकि आपको व्यापार में प्रतिद्वंदियों से कड़ी टक्कर मिल सकती है।
आर्थिक जीवन में मिथुन राशि वालों के सामने एक के बाद एक खर्चे आ सकते हैं जिन्हें संभालना आपको मुश्किल लग सकता है। ऐसे में, इनसे निपटने के लिए आपको पूरी योजना के साथ आगे बढ़ना होगा।
निजी जीवन में इन लोगों की पार्टनर के साथ बहस होने की आशंका है और ऐसे में, आपके रिश्ते में आकर्षण की कमी रह सकती है।
स्वास्थ्य की बात करें, तो मिथुन राशि के जातकों को बुध वक्री के दौरान तनाव की वजह से पेट से जुड़ी समस्याएं परेशान कर सकती है। साथ ही, कमर में दर्द भी बना रह सकता है।
उपाय: प्रतिदिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
कर्क राशि
कर्क राशि वालों की कुंडली में बुधमहाराज आपके बारहवें और तीसरे भाव के स्वामी हैं जो अब आपके पांचवें भाव में वक्री होने जा रहे हैं।
इसके परिणामस्वरूप, बुध की वक्री अवस्था के दौरान लोगों का आप पर से भरोसा उठ सकता है जिसे आपको दोबारा हासिल करने पर ध्यान केंद्रित करना होगा। साथ ही, आप धर्म-कर्म के कार्यों में हिस्सा लेंगे और ऐसे में, आप सफलता प्राप्त करने में सक्षम होंगे।
करियर के क्षेत्र में आप पर काम का दबाव बहुत ज्यादा बढ़ सकता है इसलिए आपको काम को अत्यधिक एकाग्रता के साथ करने की सलाह दी जाती है।
व्यापार में अगर आपका संबंध शेयर बाजार से है, तो आपका प्रदर्शन अच्छा रहने के आसार है।
आर्थिक जीवन को देखें, तो बुध वृश्चिक राशि में वक्री के दौरान आप औसत रूप से धन कमा सकेंगे। वहीं, आपके खर्चे आय से ज्यादा हो सकते हैं जो कि आपके लिए तनाव की वजह बन सकते हैं।
निजी जीवन में इस समय आपके रिश्ते में अहंकार से जुड़ी समस्याएं जन्म ले सकती हैं जिसके चलते आपके और साथी के रिश्ते से खुशियाँ नदारद रह सकती हैं।
स्वास्थ्य को देखें, तो बुध की वक्री चाल आपसे संतान केस्वास्थ्य पर काफ़ी धन खर्च करवा सकती है क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर रहने की आशंका है।
उपाय: प्रतिदिन “ॐ सोमाय नमः” का 21 बार जाप करें।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए बुध देव आपके ग्यारहवें और दूसरे भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके चौथे भाव में वक्री होने जा रहे हैं।
इसके फलस्वरूप, इन लोगों का सारा ध्यान परिवार की तरफ हो सकता है और ऐसे में, यह घर-परिवार में चल रही समस्याओं को हल करने की कोशिश में रह सकते हैं।
करियर की बात करें, तो बुध वृश्चिक राशि में वक्री के दौरान यह जातक अपनी मौजूदा नौकरी से असंतुष्ट नज़र आ सकते हैं और इस वजह से आप तरक्की पाने के लिए नौकरी में बदलाव कर सकते हैं।
व्यापार को देखें तो, इस समय आपको कारोबार में प्रतिद्वंदियों से कड़ी टक्कर मिल सकती है और साथ ही, बिज़नेस पार्टनर के साथ भी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
आर्थिक जीवन में, आप चाहे कितना भी पैसा क्यों न कमा लें, लेकिन आप इसका आनंद लेने में असफल रह सकते हैं।
निजी जीवन में आपके और पार्टनर के बीच मधुर संबंध न रहने की संभावना है क्योंकि आप साथी को समझने में नाकाम हो सकते हैं।
स्वास्थ्य की बात करें, तो वक्री बुध के दौरान आपको पैरों में दर्द की शिकायत रह सकती है जिसकी वजह तनाव और स्वास्थ्य की लापरवाही हो सकती है।
उपाय: प्रतिदिन आदित्य हृदयम स्त्रोत का जाप करें।
कन्या राशि
कन्या राशि वालों के लिए बुध आपके लग्न और दसवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके तीसरे भाव में वक्री होने जा रहे हैं।
इसके फलस्वरूप, आपको कार्यों में किए जा रहे प्रयासों के परिणाम मिलने में देरी हो सकती है। आपका भाग्य भी कमज़ोर रह सकता है और साथ ही, बुजुर्गों का समर्थन भी आपको नहीं मिलने की आशंका है।
करियर के क्षेत्र में, बुध वृश्चिक राशि में वक्री के दौरान आप नौकरी में बदलाव कर सकते हैं जो कि आपको औसत रूप से संतुष्ट कर सकता है।
व्यापार के संबंध में, आपको नए बिज़नेस के माध्यम से मिलने वाला मुनाफा औसत रह सकता है जो कि इस समय आपके लिए ज्यादा फलदायी न रहने की संभावना है।
आर्थिक जीवन में बुध की वक्री चाल के दौरान आपको लापरवाही की वजह से धन हानि झेलनी पड़ सकती है इसलिए सतर्क रहें।
प्रेम जीवन में इन जातकों की पार्टनर के साथ बहस हो सकती है जिसकी वजह एक-दूसरे के प्रति रुचि की कमी हो सकती है।
स्वास्थ्य की बात करें, तो आपको तंत्रिका तंत्र से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याएं बनी रह सकती हैं जिसकी वजह से आप परेशान नज़र आ सकते हैं।
उपाय: प्रतिदिन “ॐ गं गणपतये नमः” का 11 बार जाप करें।
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तुला राशि
तुला राशि के जातकों की कुंडली में बुध महाराज आपके नौवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके दूसरे भाव में वक्री होने जा रहे हैं।
इसके फलस्वरूप, यह जातक बुध की वक्री चाल के दौरान बच्चों की प्रगति को लेकर चिंतित रह सकते हैं। हालांकि, सकारात्मक पक्ष की बात करें तो, आपका झुकाव अध्यात्म के प्रति बढ़ेगा।
करियर के क्षेत्र में इस समय इन लोगों को काम के सिलसिले में यात्रा करनी पड़ सकती है, लेकिन आशंका है कि इस तरह की यात्राएं आपका मकसद पूरा करने में पीछे रह सकती हैं। ऐसे में, आप असंतुष्ट रह सकते हैं।
बुध वृश्चिक राशि में वक्री के दौरान इस राशि के व्यापार करने वाले जातकों को मिलने वाला मुनाफा कम रह सकता है। साथ ही, आपको पार्टनरशिप में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
आर्थिक जीवन में इस समय आप जितना भी पैसा कमाएंगे, उसकी बचत करने में असमर्थ रह सकते हैं। ऐसे में, आपको संतुष्टि न मिलने की आशंका है।
निजी जीवन में तुला राशि वालों को रिश्ते में चल रही समस्याओं से बाहर आने के लिए अपने साथी की बातों को बहुत ध्यान से सुनना होगा ताकि रिश्ते में ख़ुशियां बनी रहें।
स्वास्थ्य की बात करें, तो बुध की वक्री अवस्था में इन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता नाज़ुक रह सकती है और ऐसे में, आपको स्वास्थ्य अच्छा बनाए रखने की राह में समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
उपाय: प्रतिदिन “ॐ गुरवे नमः” का 21 बार जाप करें।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि केजातकों के लिए बुध ग्रह आपके आठवें और ग्यारहवें भाव के अधिपति देव हैं जो अब आपके लग्न भाव में वक्री होने जा रहे हैं।
इसके फलस्वरूप, कार्यों में किये जा रहे प्रयासों में आपको कभी-कभार समस्याओं से जूझना पड़ सकता है। लेकिन, अंत में आपको सफलता मिल सकती है।
करियर की बात करें, तो बुध वृश्चिक राशि में वक्री के दौरान यह जातक अपनी मौजूदा नौकरी से असंतुष्ट रह सकते हैं और ऐसे में, आप नौकरी में बदलाव करते हुए नज़र आ सकते हैं।
बुध के वक्री होने से वृश्चिक राशि के व्यापार करने जातकों को उतना लाभ नहीं मिलने का अनुमान है जितना आपने सोचा था। इन लोगों को बहुत सोच-समझकर योजना का निर्माण करने के बाद भी व्यापार में गिरावट देखने को मिल सकती है।
आर्थिक जीवन में इन लोगों के धन कमाने के मार्ग में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं और इसके फलस्वरूप, आपको इन बाधाओं से बचने के लिए योजना बनाकर चलना होगा।
निजी जीवन को देखें तो, वृश्चिक राशि के जातकों को रिश्ते में पार्टनर के साथ आपसी समझ के संबंध में उतार-चढ़ावों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में, आपको परिपक्वता से व्यवहार करने की जरूरत होगी।
बात करें स्वास्थ्य की, तो बुध वक्री के दौरान इन लोगों को अचानक से सिर दर्द और कपकपी की समस्या घेर सकती है जिसके चलते आप परेशान नज़र आ सकते हैं।
उपाय: प्रतिदिन “ॐ हनुमते नमः” का 11 बार जाप करें।
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धनु राशि
धनु राशि वालों के लिए बुध देव आपके सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके बारहवें भाव में वक्री होने जा रहे हैं।
इसके फलस्वरूप, बुध देव की वक्री अवस्था की अवधि में इन लोगों को लंबी दूरी की यात्राओं के दौरान कुछ समस्याओं से जूझना पड़ सकता है। साथ ही, इस समय आपको जीवन के महत्वपूर्ण फैसले लेने से बचना होगा।
करियर की बात करें, तो इस अवधि में धनु राशि वालों को कार्यस्थल में अपने सहकर्मियों के साथ कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। संभव है कि उनके मन में आपकी तरक्की के प्रति जलन के भाव हो और ऐसे में, आपका प्रदर्शन प्रभावित हो सकता है।
बुध वृश्चिक राशि में वक्री के दौरान आपको बिज़नेस पार्टनर का साथ न मिलने की आशंका है जिसकी आपको इस वक़्त सबसे ज्यादा जरूरत होगी ताकि आप धन लाभ कमा सकें।
आर्थिक जीवन में इस समय आपको मिलने वाले आय के अवसरों में कमी देखने को मिल सकती है। ऐसे में, यह लोग अपने खर्चे पूरे करने के लिए कर्ज़ लेने के लिए मज़बूर हो सकते हैं।
निजी जीवन की बात करें, तो बुध की वक्री चाल के दौरान आपको रिश्ते में अहंकार से बचना होगा, अन्यथा आपके रिश्ते पर इसका नकारात्मक असर पड़ सकता है।
स्वास्थ्य को देखें तो, धनु राशि वाले इस अवधि में हद से ज्यादा खाना खाने की वजह से मोटापे का शिकार हो सकते हैं जिससे आपको बचना होगा।
उपाय: प्रतिदिन "ॐ राहवे नमः" का 22 बार जाप करें।
मकर राशि
मकर राशि वालों के लिए बुध छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके ग्यारहवें भाव में वक्री होने जा रहे हैं।
ऐसे में, बुध महाराज की यह स्थिति आपको काम में किये जा रहे सभी प्रयासों में सकारात्मक परिणाम देने का काम करेगी। इसके फलस्वरूप, यह जातक अपनी सभी इच्छाओं को पूरा कर सकेंगे।
इस अवधि में इन लोगों को नौकरी के नए अवसर प्राप्त होंगे और इस तरह के अवसर आपकी मनोकामनाओं को पूरा करने में समर्थ होंगे। साथ ही, आप काम के संबंध में अपने लिए लक्ष्य निर्धारित करते हुए दिखाई देंगे।
बुध वृश्चिक राशि में वक्री के दौरान व्यापार करने वाले जातक अपने सकारात्मक दृष्टिकोण और अच्छी योजनाओं की वजह से ज्यादा से ज्यादा लाभ कमाने में सफल रहेंगे।
आर्थिक जीवन में इन लोगों को भाग्य का साथ मिलेगा और ऐसे में,आप जो भी प्रयास करेंगे, उसके माध्यम से आपको बैंक-बैलेंस में वृद्धि देखने को मिलेगी।
निजी जीवन की बात करें, तो इस अवधि में आपका व्यवहार पार्टनर के साथ दोस्ताना रहेगा और आपके रिश्ते में मधुरता बनी रहेगी।
जब बात आती है सेहत की, तो मकर राशि के जातक ऊर्जावान रहेंगे और इसके फलस्वरूप, आप एकदम फिट दिखाई देंगे।
उपाय: प्रतिदिन “ॐ शिव ॐ शिव ॐ” का 22 बार जाप करें।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध आपके पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके दसवें भाव में वक्री होने जा रहे हैं।
ऐसे में, इस दौरान इन लोगों को काम के सिलसिले में यात्रा करनी पड़ सकती है। साथ ही, इन यात्राओं के दौरान आपको अच्छे कर्म करने की सलाह दी जाती है।
करियर को देखें तो, बुध वृश्चिक राशि में वक्री होने से कुंभ राशि वाले बेहद पेशेवर तरीके से अपने काम को करेंगे और ऐसे में, आप सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने में सक्षम होंगे।
व्यापार के संबंध में जिन जातकों का जुड़ाव शेयर बाजार से है, वह इस अवधि में अच्छी खासी कमाई कर सकेंगे। इसके अलावा, इन लोगों को पैतृक संपत्ति के माध्यम से धन लाभ होने की संभावना है।
आर्थिक जीवन में बुध की वक्री चाल के दौरान आपको अत्यधिक लाभ होने का अनुमान है और साथ ही, पैतृक संपत्ति से भी लाभ प्राप्त होने के योग बनेंगे।
निजी जीवन में कुंभ राशि वालों का रिश्ते में पार्टनर के साथ आपसी तालमेल अच्छा बना रहेगा और ऐसे में, आप ख़ुश दिखाई देंगे। इसके परिणामस्वरूप, आप दोनों का रिश्ता मज़बूत होगा।
स्वास्थ्य के लिहाज़ से, बुध की वक्री अवस्था आपके लिए अनुकूल रहेगी और इस दौरान आप पूरी तरह से फिट नज़र आएंगे। साथ ही, इस अवधि में आपको कोई बड़ी स्वास्थ्य समस्या परेशान नहीं करेगी।
उपाय: प्रतिदिन “ॐ केतवे नमः” का 22 बार जाप करें।
मीन राशि
मीन राशि वालों की कुंडली में बुध महाराज चौथे और सातवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके नौवें भाव में वक्री होने जा रहे हैं।
इसके फलस्वरूप, इन जातकों को जीवन में सुख-सुविधाओं की कमी महसूस हो सकती है। साथ ही, भाग्य का साथ न मिलने की आशंका है और आपको संपत्ति से जुड़े विवादों का भी सामना करना पड़ सकता है।
करियर की बात करें, तो बुध वृश्चिक राशि में वक्री के दौरान आपको अपने कार्यों की योजना बहुत पेशेवर तरीके से बनने की आवश्यकता होगी, तब ही आप नाम और सराहना प्राप्त कर सकेंगे, अन्यथा आपको समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
इन जातकों को इस समय व्यापार से जुड़े क्षेत्रों में बाधाओं से दो-चार होना पड़ सकता है जो कि कम लाभ के रूप में आपके सामने आ सकती है। इन्हें संभालना आपको मुश्किल लग सकता है।
आर्थिक जीवन में बुध की वक्री अवस्था के दौरान भाग्य का साथ न मिलने की वजह से आप अच्छा लाभ कमाने में पीछे रह सकते हैं। इसके परिणामस्वरूप, आप जितना भी धन कमाएंगे, उसको संभालने में आपको परेशानी का अनुभव हो सकता है।
निजी जीवन में मीन राशि वालों के रिश्ते में पार्टनर के साथ खुशियां का अभाव रह सकता है और ऐसे में, आप उनके साथ रिश्ते का आनंद लेने में असमर्थ होंगे।
जब बात आती है स्वास्थ्य की, तो इन जातकों को यात्रा करते समय बेहद सावधान रहना होगा क्योंकि इस बात की प्रबल संभावना है कि आप दुर्घटना के शिकार हो सकते हैं।
उपाय: प्रतिदिन “ॐ शनैश्चराय नमः” का 44 बार जाप करें।
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हम आशा करते हैं कि आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा। एस्ट्रोसेज के साथ जुड़े रहने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. बुध कब वक्री होंगे?
ग्रहों के राजकुमार बुध 26 नवंबर 2024 को वृश्चिक राशि में वक्री हो जाएंगे।
2. वृश्चिक राशि के स्वामी कौन हैं?
राशि चक्र की सातवीं राशि वृश्चिक पर मंगल ग्रह का शासन है।
3. कुंडली में बुध ख़राब होने पर क्या होता है?
कुंडली में बुध ग्रह की अशुभ स्थिति बुद्धि, वाणी और सोच-विचार करने की क्षमता को प्रभावित करती है।