मंगल का सिंह राशि में गोचर
मंगल का सिंह राशि में गोचर: सेना, युद्ध, पराक्रम और उत्साह जैसे मामलों के कारक ग्रह मंगल 7 जून 2025 की रात 01 बजकर 33 मिनट पर सिंह राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। यहां पर मंगल ग्रह 28 जुलाई 2025 तक रहेंगे। मंगल ग्रह को ग्रहों की दुनिया में सेनापति का पद भर दिया गया है। स्वाभाविक है कि मंगल ग्रह अपनी नीच राशि अर्थात कर्क राशि का त्याग कर सिंह राशि में पहुंचेंगे तो मंगल ग्रह के लिए यह एक सकारात्मक गोचर होगा। मंगल ग्रह तुलनात्मक रूप से अधिक मजबूती प्राप्त कर लेंगे। क्योंकि मंगल ग्रह पराक्रम के साथ-साथ रक्त, मज्जा, युद्ध, लड़ाई झगड़ा, बिजली और तकनीक जैसे क्षेत्रों में दखल रखते हैं, साथ ही साथ मंगल ग्रह अग्नि तत्व वाले ग्रह हैं और यह जल तत्व की राशि को छोड़कर अब अग्नि तत्व की राशि में जाएंगे तो स्वाभाविक है कि मंगल ग्रह की स्थिति बेहतर होने वाली है।

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मंगल ग्रह की मजबूती का हम सब पर कैसा प्रभाव पड़ेगा, यहां पर आज हम जानेंगे लेकिन उससे पहले यह जान लेते हैं कि मंगल ग्रह जिनके लिए अनुकूल ग्रह है उनके लिए मंगल ग्रह का सिंह राशि में गोचर अब बेहतर परिणाम देगा। वहीं यदि किसी की कुंडली में मंगल ग्रह अशुभ होकर बैठे हैं तो हो सकता है की मंगल की मजबूती उनके लिए कुछ परेशानी का सबब भी बन जाए। सिंह राशि में गोचर करने की अवधि में मंगल ग्रह राहु और केतु के प्रभाव में भी रहेंगे। जिसे कई विद्वान ज्योतिषी अंगारक स्थिति भी कहते हैं। तो इस तरह से कभी कभार मंगल का प्रचंड रूप भी देखने को मिल सकता है।
मंगल का सिंह राशि में गोचर : भारतवर्ष पर प्रभाव
मंगल का राहु और केतु के प्रभाव में होना मंगल के प्रचंड रूप को दर्शाता है। यदि भारत वर्ष की बात की जाए तो भारतवर्ष की कुंडली के चतुर्थ भाव में मंगल की केतु के साथ युति रहेगी जो आंतरिक अशांति देने का काम कर सकती है। ऐसी स्थिति में बाहरी विरोधी ताकतों की बजाय आपसी कलह; देश के भीतर परेशानियां दे सकती है। यातायात दुर्घटनाएं, आगजनी, आदि की संभावनाएं भी रह सकती हैं। साथ ही साथ कुछ-कुछ स्थानों पर भूकंप के झटके भी देखने को मिल सकते हैं। मंगल का सिंह राशि में गोचर करने का आपकी राशि पर कैसा प्रभाव पड़ने वाला है, आइए जानते हैं।
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मंगल का सिंह राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
मंगल आपकी कुंडली में आपकी लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ आपके आठवें भाव के भी स्वामी होते हैं और वर्तमान में मंगल आपकी कुंडली के पंचम भाव में गोचर कर रहे हैं। भले ही मंगल आपके लग्न या राशि के स्वामी हैं; जिनका दायित्व सदैव आपका हित करना है लेकिन केतु के साथ युति कर करते हुए पंचम भाव में रहने के कारण यह मन को अशांत कर सकते हैं। किसी बात को लेकर चिंता रह सकती है। कभी-कभी पेट से संबंधित कुछ परेशानियां भी देखने को मिल सकती हैं। मंगल और केतु की इस युति को देखते हुए संतान के साथ संबंध अनुकूल बनाने की थोड़ी सी एक्स्ट्रा कोशिश भी जरूरी रहेगी। यदि आप विद्यार्थी हैं तो पढ़ाई पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता रहेगी। विवाद नहीं करना है। सहपाठियों के साथ अच्छे संबंध रखने हैं और सोच को सकारात्मक बनाए रखना है। इस तरह से प्रयत्न करके आप मंगल ग्रह के इस गोचर से संतोषप्रद परिणाम प्राप्त कर लेंगे।
उपाय: नीम की जड़ों पर जल चढ़ाना शुभ रहेगा।
वृषभ राशि
मंगल आपकी कुंडली में सातवें तथा द्वादश भाव के स्वामी होते हैं। वर्तमान समय में मंगल का सिंह राशि में गोचर आपके चौथे भाव में होगा। वैसे भी मंगल की गोचर को चौथे भाव में अच्छे परिणाम देने वाला नहीं कहा गया है। ऊपर से मंगल ग्रह पर राहु केतु जैसे ग्रहों का प्रभाव रहेगा। इस कारण से मंगल का यह गोचर कुछ नकारात्मक परिणाम दे सकता है। भूमि भवन वाहन इत्यादि से संबंधित मामलों में कुछ चिंताएं या परेशानियां रह सकती हैं। यदि आपको हृदय या सीने से संबंधित कोई तकलीफ पहले से है तो उस मामले में अब और अधिक सजग रहने की आवश्यकता रहेगी। घरेलू विवाद को टालना भी समझदारी का काम होगा। विशेष कर स्वजनों से विवाद बिल्कुल नहीं करना है। माता के साथ संबंध अनुकूल बने रहे, इस बात की कोशिश भी जरूरी रहेगी।
उपाय: बरगद की जड़ों पर मीठा दूध चढ़ाना शुभ रहेगा।
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मिथुन राशि
मंगल आपकी कुंडली में छठे तथा लाभ भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में यह आपके तीसरे भाव में गोचर कर रहे है। सामान्य तौर पर तीसरे भाव में मंगल के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है। हालांकि मंगल की ऊर्जा थोड़ी सी असंतुलित रहेगी, क्योंकि उस पर राहु केतु का प्रभाव है लेकिन इसके बावजूद भी यदि आप अपनी ऊर्जा और क्षमता का सदुपयोग करेंगे तो यह गोचर आपको काफी अच्छे परिणाम दे सकता है। संतुलित आत्मविश्वास के साथ किया गया काम अच्छे परिणाम दिलाएगा। आप अपने प्रतिस्पर्धियों से अच्छा कर सकेंगे। आपके प्रभाव में वृद्धि होगी। शासन प्रशासन से जुड़े मामलों में भी अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं। अच्छी खबरें भी सुनने को मिल सकती हैं। भाई बंधुओं के साथ संबंधों को मेंटेन करने की स्थिति में उनका सहयोग भी आपको सकारात्मक रूप से मिल सकता है।
उपाय: क्रोध अहंकार और जिद से बचना है, साथ ही साथ भाइयों और मित्रों के साथ अच्छे संबंध रखना उपाय की तरह काम करेगा।
कर्क राशि
वैसे तो मंगल आपके हितैषी ग्रह माने गए हैं। ज्योतिष की भाषा में इस योगकारक ग्रह कहा जाता है अर्थात मंगल आपकी कुंडली में पंचम तथा दशम भाव के स्वामी ग्रह होते हैं और मंगल का सिंह राशि में गोचर आपके दूसरे भाव में गोचर कर रहे हैं। हालांकि मंगल आपकी कुंडली के लिए अच्छे ग्रहों में से प्रमुख ग्रह माने जाते हैं लेकिन इसके बावजूद भी दूसरे भाव में मंगल की गोचर को अच्छा नहीं माना जाता। ऊपर से राहु केतु के प्रभाव में होने के कारण मंगल आर्थिक और पारिवारिक मामलों में कुछ परेशानियां दे सकते हैं।
इसके अलावा दूसरे भाव में मंगल की गोचर को शत्रु एवं अग्नि से भय देने वाला कहा गया है। ऐसी स्थिति में यथा संभव विवादों से बचना जरूरी रहेगा। आग या बिजली से संबंधित काम करने वाले लोगों को सावधानी पूर्वक काम करने की आवश्यकता रहेगी। अर्थात अब पहले से अधिक सावधानी रखने की आवश्यकता रहेगी। उचित खान-पान भी जरूरी रहेगा।
उपाय: शिवजी का दूध और जल से अभिषेक करना शुभ रहेगा।
सिंह राशि
मंगल आपकी कुंडली में भाग्य भाव तथा चतुर्थ भाव के स्वामी होने के कारण योगकारक होते हैं। अर्थात आपके लिए काफी अच्छे ग्रह माने गए हैं। फिलहाल मंगल का सिंह राशि में गोचर आपके पहले भाव में होगा। पहले भाव में मंगल की गोचर को सामान्य तौर पर अच्छा नहीं माना जाता। हालांकि मंगल आपके सपोर्ट में रहने वाले ग्रहों में से एक हैं आपकी कुंडली के लिए योगकारक ग्रह माने गए हैं लेकिन प्रथम भाव में राहु केतु के प्रभाव में होने के चलते मंगल के नकारात्मक पहलू भी सामने आ सकते हैं।
जैसे कि सिर दर्द और बुखार की शिकायत रह सकती है। आग या बिजली से कोई नुकसान हो सकता है। यदि आपको पहले से रक्त से संबंधित कोई परेशानी रही है तो वह परेशानी इस समय पुनः देखने को मिल सकती है। मंगल के इस गोचर के चलते; वाहन इत्यादि सावधानी से चलने की सलाह हम आपको देना चाहेंगे। इसके अलावा व्यक्तिगत जीवन खासकर दांपत्य संबंधी मामलों में अब और अधिक सावधानी पूर्वक निर्वाह करने की आवश्यकता रहेगी।
उपाय: मुफ्त में किसी से कोई चीज न लें, चाहे वह उपहार ही क्यों न हो।
कन्या राशि
मंगल आपकी कुंडली में तीसरे तथा आठवें भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में यह आपके द्वादश भाव में गोचर कर रहे हैं। सामान्य तौर पर द्वादश भाव में मंगल के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता। ऐसे मंगल के बारे में कहा जाता है यह व्यर्थ में खर्च करवा सकता है। स्थान हानि करवाता है अर्थात आप जहां काम कर रहे हैं वह स्थान बदलना पड़ सकता है अथवा दूर की यात्राएं करनी पड़ सकती हैं। इसके अलावा मंगल की दृष्टि आपके सप्तम भाव पर रहेगी, जहां शनि ग्रह विराजमान है। ऐसी स्थिति में दांपत्य संबंधी मामलों में भी सावधानी पूर्वक निर्वाह की आवश्यकता रहेगी। साझेदारी के कामों में भी अब अपेक्षाकृत अधिक गंभीर होकर काम करना जरूरी रहेगा। अर्थात इस गोचर को ध्यान में रखते हुए आपको अपने जीवन के सभी प्रमुख पहलुओं को लेकर तुलनात्मक रूप से अधिक समझदारी दिखाने की आवश्यकता रहेगी।
उपाय: उ हनुमान जी के मंदिर में मिठाई चढ़ाएं और प्रसाद लोगों में जरूर बांटे।
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तुला राशि
मंगल आपकी कुंडली में दूसरे तथा सातवें भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में यह आपके लाभ भाव में गोचर कर रहे हैं। लाभ भाव में मंगल की गोचर को सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देने वाला माना गया है। मंगल आपके धन भाव के स्वामी होकर लाभ भाव में गोचर कर रहे हैं, स्वाभाविक है कि आर्थिक मामले में आपको काफी अच्छा सपोर्ट मिल सकता है। सप्तम भाव के स्वामी का लाभ भाव में जाना भी इस बात का संकेत है कि अब आपका काम धंधा तुलनात्मक रूप से बेहतर परिणाम देगा, जिससे आप अच्छा प्रॉफिट कमा सकेंगे। इसके अलावा स्वास्थ्य संबंधी मामलों में अनुकूल परिणाम भी देखने को मिल सकते हैं। भूमि भवन और भाइयों से संबंधित मामलों में भी अनुकूलता देखने को मिल सकती है। आप अब प्रतिस्पर्धात्मक कार्य में तुलनात्मक रूप से काफी बेहतर करते हुए देखे जा सकेंगे।
उपाय: भगवान शिव का शहद से अभिषेक करना शुभ रहेगा।
वृश्चिक राशि
मंगल आपके लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ आपके छठे भाव के भी स्वामी होते हैं और वर्तमान में मंगल आपके दशम भाव में हैं। वैसे तो दशम भाव में मंगल की गोचर को बहुत अच्छा नहीं माना जाता लेकिन आपकी लग्न या राशि के स्वामी होकर मंगल दशम भाव में अपने मित्र की राशि में रहेंगे। अतः हम मंगल से अनुकूल परिणामों की उम्मीद रख सकते हैं। अलबत्ता कभी-कभी ऊर्जा का स्तर असंतुलित हो सकता है। उसे संतुलित करना जरूरी रहेगा। अर्थात धैर्य पूर्वक और शांति के साथ काम करने की स्थिति में आपके काम बनेंगे। आप काम को कंप्लीट करने के बाद ही दम लेंगे।
सामाजिक मामलों में भी आपको अच्छे परिणाम मिल सकते हैं लेकिन स्वयं को शांत रखना जरूरी रहेगा। वरिष्ठों के साथ शालीनता से पेश आने की स्थिति में वरिष्ठों का सहयोग भी मिल सकेगा, फिर भी कार्य क्षेत्र को लेकर गंभीर रहना जरूरी रहेगा। पिता से संबंधित मामलों में भी सावधानी की आवश्यकता रहेगी और शासन प्रशासन से संबंधित कामों में भी नियमबद्ध तरीके से काम करना जरूरी रहेगा। इन सावधानियां को अपनाने की स्थिति में परिणाम सकारात्मक हो सकेंगे।
उपाय: नि:संतान व्यक्तियों की मदद करना उपाय की तरह काम करेगा।
बृहत् कुंडली : जानें ग्रहों का आपके जीवन पर प्रभाव और उपाय
धनु राशि
मंगल आपकी कुंडली में पांचवें तथा द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में मंगल का सिंह राशि में गोचर आपके भाग्य भाव में गोचर कर रहे हैं। भाग्य भाव में मंगल के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता। अत: इस मंगल से बहुत अधिक सकारात्मक परिणामों की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए। इसके बावजूद भी पंचम भाव के स्वामी का नवम भाव में जाना संतान और शिक्षा से संबंधित मामलों में सकारात्मक परिणाम दे सकता है। वहीं द्वादशेश का नवम भाव में जाना दूर की यात्राओं और विदेश इत्यादि से संबंधित मामलों में अनुकूलता देने का काम कर सकता है लेकिन अन्य मामलों में सावधानी पूर्वक काम करने की आवश्यकता रहेगी।
शासन प्रशासन से जुड़े मामलों में नियमबद्ध तरीके से काम करना जरूरी रहेगा। धर्म के विरुद्ध आचरण नहीं करना है। ऐसा कुछ न करें जिससे चोट लगने का भय रहे। हालांकि संतान और शिक्षा के मामले में प्लेसमेंट के अनुसार मंगल आपको अनुकूल परिणाम देना चाहेंगे लेकिन इन मामलों में लापरवाही नहीं बरतनी है। अर्थात गंभीरता पूर्वक काम करने की स्थिति में ही अनुकूल परिणाम मिल सकेंगे।
उपाय: भगवान भोलेनाथ का दूध से अभिषेक करना शुभ रहेगा।
मकर राशि
मंगल आपकी कुंडली में चौथे तथा लाभ भाव के स्वामी होते हैं। वर्तमान में मंगल आपके अष्टम भाव में गोचर कर रहे हैं। अष्टम भाव में मंगल का सिंह राशि में गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता। ऊपर से राहु केतु के प्रभाव के चलते मंगल की तीव्रता और बढ़ गई है। इसलिए मंगल के इस गोचर को शारीरिक मामलों में हम कमजोर कहना चाहेंगे। यदि आपका स्वास्थ्य पहले से कमजोर है तो इस अवधि में अपने खानपान पर बहुत अधिक संयम बरतने की आवश्यकता रहेगी।
पित्त प्रकृति के लोग अर्थात जिन्हें एसिड अधिक बनता है, एसिडिटी जैसी शिकायत अधिक रहती हैं। उन्हें खास कर इस अवधि में अपनी प्रकृति के अनुसार आहार विहार करने की आवश्यकता रहेगी। सुपाच्य भोजन करना है। आग या बिजली से संबंधित काम हो या फिर ऐसे काम जहां दुर्घटना का थोड़ा भी डर रहता हो; उन मामलों में बहुत ही सावधानी से काम करने की आवश्यकता रहेगी। जिन लोगों को गुदा से संबंधित कोई परेशानी पहले से है उन्हें इस समय बहुत ही हल्का और सुपाच्य भोजन करना है। भाई बंधुओं और मित्रों के साथ अच्छे संबंध रखने हैं। इन सावधानियों को अपनाने के पश्चात ही आप यह उम्मीद रख सकते हैं की मंगल का यह गोचर आपको नकारात्मक परिणाम नहीं देगा।
उपाय: मंदिर में चने की दाल का दान करना शुभ रहेगा।
कुंभ राशि
मंगल आपकी कुंडली में तीसरे तथा दशम भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में यह आपके सप्तम भाव में गोचर कर रहे हैं। वैसे भी मंगल के गोचर को सप्तम भाव में अनुकूल परिणाम देने वाला नहीं माना जाता। ऊपर से राहु केतु के प्रभाव में होने के चलते इस गोचर की अवधि में आपको निजी मामलों में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता रहेगी। यदि विवाहित हैं, तो दांपत्य जीवन का पूरा ख्याल रखना जरूरी रहेगा। यथा संभव यात्राओं से बचना भी जरूरी रहेगा। विशेष कर व्यापारिक यात्राओं को यथासंभव टाला जाए।
आधुनिक समय में बहुत सारे ऐसे तौर तरीके हो गए हैं जो बिना यात्रा किए भी उद्देश्य की पूर्ति करवा सकते हैं। अर्थात किसी से फेस टू फेस मिलने के स्थान पर आप वीडियो कॉल के माध्यम से मीटिंग कर सकते हैं। सामान या जिस चीज को खरीदना है उसका परीक्षण कर सकते हैं और उस डील को आगे बढ़ा सकते हैं। हालांकि नए सिरे से कोई डील करना उचित नहीं रहेगा। पुराने कामों को ही आप आगे बढ़ा सकते हैं। इस तरह से आप मंगल के नकारात्मक प्रभाव को रोक सकेंगे।
उपाय: कन्याओं को मिठाई खिलाना शुभ रहेगा।
मीन राशि
मंगल आपकी कुंडली में दूसरे तथा भाग्य भाव के स्वामी होते हैं तथा वर्तमान में मंगल आपके छठे भाव में गोचर कर रहे हैं। छठे भाव में मंगल के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है। मंगल का स्वरूप प्रचंड नजर आ रहा है लेकिन यदि इस प्रचंड स्वरूप का सकारात्मक प्रयोग करेंगे तो आप काफी अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। आप अपने प्रतिस्पर्धियों से बहुत आगे निकलते हुए देखे जा सकेंगे। आपकी मेहनत का ग्राफ और बढ़ेगा। फलस्वरूप कमाई भी बढ़ सकती है। स्वास्थ्य भी सामान्य तौर पर काफी अच्छा रह सकता है। मान सम्मान में वृद्धि के योग भी बनेंगे। धातुओं से संबंधित मामले विशेष कर स्वर्ण व तांबा जैसे मामलों की डीलिंग में अनुकूल परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
उपाय: मित्रों में नमकीन खाद्य सामग्री बांटना शुभ रहेगा।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. 2025 में मंगल का सिंह राशि में गोचर कब होगा?
7 जून 2025 को मंगल राशि में गोचर करेंगे।
2. मंगल किसके कारक हैं?
मंगल ग्रह को ऊर्जा, साहस, पराक्रम, शौर्य, शक्ति, भूमि, रक्त, क्रोध, युद्ध और सेना का कारक माना जाता है।
3. सिंह राशि का स्वामी कौन है?
सिंह राशि के स्वामी सूर्य हैं।