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मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर (27 अक्टूबर 2025)

मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर: ग्रहों के मंत्रिमंडल में मंगल ग्रह को सेनापति का पद दिया गया है। मंगल ग्रह शौर्य और पराक्रम के कारक ग्रह माने जाते हैं। इसके अलावा लड़ाई झगड़ा, युद्ध, तकनीक, बिजली, रक्त और मज्जा जैसी चीजों पर भी मंगल ग्रह का आधिपत्य माना गया है। अर्थात मंगल इन चीजों के भी कारक होते हैं। दुर्घटना, चोट, रक्तपात जैसे मामलों में भी मंगल का दखल माना गया है। आग से संबंधित काम हो या फिर आग से संबंधित दुर्घटनाएं; इन मामलों में भी मंगल ग्रह का प्रभाव माना जाता है।

मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर 27 अक्टूबर 2025 को होगा।

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सेना, सिक्योरिटी, सैन्य ताकत, रक्षा से संबंधित उपकरण आदि भी मंगल के अंतर्गत ही आते हैं। भूकंप जैसी घटनाएं भी मंगल के प्रभाव के बिना नहीं हुआ करती हैं। र्थात बड़ी दुर्घटनाओं में मंगल का कहीं न कहीं से प्रभाव रहता है, ऐसा ज्योतिषी लोगों का मानना है। ऐसे प्रभावशाली मंगल ग्रह 27 अक्टूबर 2025 की दोपहर 02 बजकर 43 मिनट पर अपनी स्वयं की राशि वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे और मंगल ग्रह 7 दिसंबर 2025 तक यहीं बने रहेंगे। अर्थात 27 अक्टूबर 2025 से लेकर 7 दिसंबर 2025 तक मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर होगा। यहां पर गोचर करते हुए मंगल आपके लिए कैसे परिणाम देंगे यह जानने से पहले लिए यह जान लिया जाए कि वृश्चिक राशि में गोचर करने की अवधि में मंगल ग्रह भारतवर्ष पर किस तरह का प्रभाव डाल सकते हैं?

मंगल ग्रह का वृश्चिक राशि में गोचर और भारतवर्ष पर उसका प्रभाव

स्वतंत्र भारत की कुंडली में मंगल ग्रह सप्तम तथा द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और 27 अक्टूबर 2025 से लेकर 7 दिसंबर 2025 तक मंगल ग्रह भारतवर्ष के सप्तम भाव में ही रहने वाले हैं। वैसे सामान्य तौर पर सप्तम भाव में मंगल के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता लेकिन अपनी ही राशि में होने के कारण मंगल ग्रह अधिक नकारात्मक परिणाम नहीं देंगे। फलस्वरूप रक्षा सौदों के मामले में मंगल ग्रह भारतवर्ष के लिए सकारात्मक परिणाम दे सकते हैं। मंगल ग्रह भारतवर्ष की कुंडली में द्वादश भाव के भी स्वामी होते हैं और यह सप्तम भाव में रहते हुए दशम प्रथम और दूसरे भाव को देखेंगे, ऐसे में सरकार सुरक्षा के मामले में कुछ बड़े खर्च कर सकती है।

मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर की अवधि में विदेशों के साथ संबंधों को मजबूत करने की पहल भी सरकार कर सकती है। विशेषकर राष्ट्र सुरक्षा के लिए अन्य देशों को अपने फेवर में लाने का प्रयास भारतवर्ष की जिम्मेदार लोगों के द्वारा किया जा सकता है लेकिन अन्य व्यापारिक संबंधों के लिए यह एक कमजोर स्थिति होगी। देश के भीतर महिला संबंधी नीतियों में अथवा विभागों में कमियां या चूक देखने को मिल सकती है। बीच-बीच में महिलाओं के उत्पीड़न की शिकायतें भी देखने को मिल सकती हैं अथवा कुछ मामलों में कुछ महिलाओं के नकारात्मक चर्चे भी सुनने को मिल सकते हैं।

कुल मिलाकर महिलाओं से संबंधित मामले में मंगल का यह गोचर असंतुलन देने का काम कर सकता है। यद्यपि शनि के साथ मंगल ग्रह का प्रत्यक्ष संबंध न होने के कारण बड़ी दुर्घटनाओं के योग नहीं हैं, फिर भी कुछ एक स्थान में छोटे लेबल के ही सही लेकिन दंगे, लड़ाइयां या भूकंप के झटके देखने को मिल सकते हैं। हालांकि स्वराशि का मंगल होने के कारण इससे कोई भारी नुकसान नहीं होगा।

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मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय

मेष राशि

मंगल आपकी कुंडली में लग्न या राशि के स्वामी ग्रह होने के साथ-साथ अष्टम भाव के भी स्वामी ग्रह होते हैं। अत: स्वाभाविक है कि वृश्चिक राशि में गोचर करने की अवधि में ये आपके आठवें भाव में रहने वाले हैं। अगर अष्टमेश के दृष्टिकोण से देखें तो अष्टमेश का अष्टम में आना कुछ मामलों में अच्छा कहा जा सकता है लेकिन लग्न या राशि स्वामी का आठवें भाव में जाना अनुकूल नहीं कहा जाएगा। गोचर शास्त्र के नियम के अनुसार भी अष्टम भाव में मंगल की गोचर को अच्छा नहीं माना जाता। ऐसा मंगल पित्त से संबंधित रोग देने वाला कहा गया है। अर्थात शरीर का पित्त असंतुलित हो सकता है।

इसके फलस्वरूप उससे संबंधित कुछ परेशानियां हो सकती हैं। मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर के दौरान लड़ाई-झगड़ा और विवाद की संभावनाएं बनेंगी। चोट खरोच और शारीरिक कष्ट के योग भी बन सकते हैं। पाचन शक्ति कमजोर रह सकती है। आग या बिजली का भय भी रह सकता है। यदि गुदा से संबंधित कोई समस्या आपको पहले से रही है तो इस गोचर की अवधि में अपने खान-पान को बहुत ही संयमित रखना होगा। मंगल के इस गोचर के चलते भाई या करीबी मित्र के साथ कुछ अनबन भी संभावित है। अतः इन परिणामों की उम्मीदों को देखते हुए अपने आचार व्यवहार को संतुलित करना समझदारी का काम होगा।

उपाय: मंदिर में चने की दाल का दान करना शुभ रहेगा।

मेष साप्ताहिक राशिफल

वृषभ राशि

मंगल आपकी कुंडली में सप्तम भाव का स्वामी होने के साथ-साथ द्वादश भाव का भी स्वामी ग्रह होता है और वृश्चिक राशि में गोचर करने की अवधि में मंगल आपके सप्तम भाव में ही रहेगा। यद्यपि स्वराशि का होने के कारण मंगल बड़े नुकसान नहीं होने देगा लेकिन सामान्य तौर पर सप्तम भाव में मंगल के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता। ऐसे गोचर के बारे में गोचर शास्त्र का कहना है कि सप्तम में मंगल का गोचर स्त्री से संबंधित कलह दे सकता है। ऐसे में, मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर की अवधि में विवाहित होने की स्थिति में जीवनसाथी या जीवन संगिनी के साथ संबंध तनावपूर्ण रह सकते हैं अथवा दो में से किसी एक को शारीरिक कष्ट या परेशानी रह सकती हैं।

इस गोचर की अवधि में यात्राओं से बचना उचित रहेगा। मुख या दांत से संबंधित कुछ परेशानियां भी देखने को मिल सकती है। ऐसा मंगल व्यापार व्यवसाय से संबंधित मामलों में रिस्क लेने की टेंडेंसी दे सकता है, इससे बचना समझदारी का काम होगा। अर्थात मंगल के इस गोचर को अच्छा नहीं माना गया है लेकिन अपनी राशि में होने के कारण समझदारी दिखाने की स्थिति में आप नुकसान से स्वयं को बचा सकेंगे।

उपाय: कन्याओं का पूजन कर उन्हें लाल मिठाई खिलाएं और उनका आशीर्वाद लें।

वृषभ साप्ताहिक राशिफल

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मिथुन राशि

मंगल आपकी कुंडली में छठे तथा लाभ भाव का स्वामी ग्रह होता है और वृश्चिक राशि में गोचर करने की अवधि में मंगल आपके छठे भाव में ही रहने वाले हैं। छठे भाव में मंगल के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है। गोचर शास्त्र में कहा गया है कि ऐसा गोचर स्वर्ण या तांबे का लाभ करवा सकता है। अर्थात इस अवधि में सोने या तांबे की खरीदारी करनी हो या कोई मूल्यवान वस्तु प्राप्त करनी हो तो थोड़े से प्रयास से भी उसकी प्राप्ति संभव होगी। कहने का तात्पर्य है कि ऐसा गोचर समृद्धि देने वाला माना जाता है। धन लाभ करवाने में भी छठे भाव में मंगल का गोचर आपके लिए सहायक हो सकता है।

मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर स्वास्थ्य के लिए सामान्य तौर पर अच्छा रह सकता है। आप अपने प्रतिस्पर्धियों से बेहतर कर सकते हैं। मान सम्मान में वृद्धि होने के योग भी इस गोचर के चलते बनेंगे। अर्थात सामान्य तौर पर इस गोचर से आप अच्छे परिणामों की उम्मीद रख सकते हैं। आमदनी में इजाफा, प्रतिस्पर्धात्मक कार्यों में सफलता जैसे विशेष प्रभाव इस गोचर की अवधि में देखने को मिल सकते हैं।

उपाय: मित्रों को नमकीन चीज खिलाना उपाय की तरह काम करेगा।

मिथुन साप्ताहिक राशिफल

कर्क राशि

मंगल आपकी कुंडली में पंचम तथा दशम भाव के स्वामी होते हैं और गोचर करते हुए यह आपके पंचम भाव में आए हैं। सामान्य तौर पर पंचम भाव में मंगल के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला नहीं कहा गया है। अतः इस गोचर की अवधि में सावधानी की आवश्यकता तो रहेगी लेकिन अपनी राशि में होने के कारण साथ ही साथ आपकी लग्न या राशि के लिए योग कारक होने के कारण मंगल आपको कोई बड़ा नुकसान नहीं देंगे बल्कि अपने लेवल पर आपका सहयोग करना चाहेंगे। फिर भी गोचर शास्त्र के नियमों और गोचर शास्त्र में बताए गए फलों को ध्यान में रखते हुए इस अवधि में सावधानी की आवश्यकता तो रहेगी।

आइए हम सबसे पहले जानते हैं की पंचम भाव में मंगल के गोचर को लेकर गोचर शास्त्र क्या कहता है? पंचम भाव में मंगल के गोचर को लेकर गोचर शास्त्र का कहना है कि ऐसा मंगल मन में अशांति के भाव दे सकता है। मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर पेट से संबंधित कुछ परेशानियां दे सकता है। संतान से संबंधित मामलों में कुछ कष्ट रह सकता है। विद्यार्थियों को शिक्षा प्राप्ति में बाधाएं देखने को मिल सकती हैं और मन में पाप के भाव रह सकते हैं।

अर्थात आप नैतिक अनैतिक का भेद करने में पीछे रह सकते हैं; ऐसा गोचर शास्त्र का कहना है लेकिन अपनी राशि में होने के कारण साथ ही साथ ज्यादा समय में बृहस्पति का प्रभाव होने के कारण चरित्रवान लोगपथ भ्रष्ट नहीं होंगे बल्कि अपने मार्ग पर चलते हुए और संयमित जीवन जीते हुए संतुलित परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। कहने का तात्पर्य है कि इस गोचर को बहुत अच्छा तो नहीं माना गया है लेकिन अपनी राशि में होने और बृहस्पति के लंबे प्रभाव के चलते यदि आप उचित अनुचित के महत्व को समझते हुए सदाचरण करेंगे तो आप नकारात्मक परिणामों पर नियंत्रण प्राप्त कर सकेंगे।

उपाय: नीम के पेड़ की जड़ों पर जल चढ़ाना शुभ रहेगा।

कर्क साप्ताहिक राशिफल

सिंह राशि

मंगल आपकी कुंडली में चौथे तथा भाग्य भाव के स्वामी होते हैं। अर्थात इस कुंडली में मंगल बहुत अच्छे ग्रह माने गए हैं लेकिन चतुर्थ भाव में गोचर करने के कारण इस गोचर को हम अच्छे परिणाम देने वाला नहीं मानेंगे। भले ही अपनी राशि में होने के कारण मंगल कुछ फायदे भी दिलवा दें लेकिन मंगल से हम किसी बड़े सपोर्ट की उम्मीद न रखें तो ज्यादा अच्छा रहेगा। क्योंकि चौथे भाव में मंगल के गोचर को रक्त विकार देने वाला कहा गया है। ऐसे में यदि आपको रक्त से संबंधित कोई परेशानी पहले से रही है या सीने से संबंधित ब्लड प्रेशर इत्यादि की कोई समस्या नहीं है तो इस गोचर की अवधि में आपको बहुत ही सावधानी पूर्वक निर्वाह करने की आवश्यकता रहेगी।

मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर के दौरान आपको अपनी संगति का ख्याल भी रखना जरूरी रहेगा। कोशिश करें कि अच्छे लोगों की संगति में रहें। स्वजनों से विवाद न करें। आग या जल के ऐसे स्थान जहां इनसे खतरा हो उन स्थानों से दूर रहें। जमीन जायदाद से संबंधित मामलों में कोई रिस्क न लें। साथ ही साथ माता के तन और मन दोनों का ख्याल रखें। यानी कि माता के स्वास्थ्य का भी ख्याल रखना है और माता की भावनाओं का भी ख्याल रखना है। यदि आप ऐसे व्यक्ति हैं जहां जनता से आपका वास्ता होता है अर्थात आप सामाजिक व्यक्ति हैं और लोगों के बड़े समुदाय को डील करते हैं तो जनता के मन का ख्याल रखना भी जरूरी रहेगा। अन्यथा जन विरोध का सामना भी करना पड़ सकता है।

बता दें कि अपनी राशि में होने तथा बृहस्पति के ज्यादातर समय प्रभाव में होने के कारण आपके लिए मंगल की नकारात्मकता का लेवल कम रहेगा और कोशिश करके आप नकारात्मकता को काफी हद तक नियंत्रित भी कर सकेंगे लेकिन गोचरशास्त्र के जो नियम बताए गए हैं उसको हमने आपके समक्ष रख दिया है। अतः इन फलों को जानते हुए आचरण करने की स्थिति में आप बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकेंगे।

उपाय: बरगद की जड़ों पर मीठा दूध चढ़ाना शुभ रहेगा।

सिंह साप्ताहिक राशिफल

कन्या राशि

मंगल आपकी कुंडली में तीसरे तथा आठवें भाव के स्वामी होते हैं और मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर आपके तीसरे भाव में होगा। तीसरे भाव में मंगल के गोचर को सामान्य तौर पर बहुत अच्छे परिणाम देने वाला माना गया है। तीसरे भाव का स्वामी तीसरे भाव में आया है। स्वाभाविक है कि मंगल आपके आत्मविश्वास को बहुत अच्छा रखेगा। संतुलित आत्मविश्वास के साथ किए गए कामों में आपको अच्छी सफलता मिलेगी। मंगल का यह गोचर धन लाभ करवाने वाला भी माना गया है। क्योंकि आपका पराक्रम बहुत अच्छा रहेगा लिहाजा आप अपने प्रतिस्पर्धियों से अच्छा कर सकेंगे। अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त कर सकेंगे।

आपके प्रभाव में वृद्धि होने की योग मजबूत होंगे। साथ ही साथ शासन से संबंधित मामलों में भी मंगल ग्रह का यह गोचर आपको फायदा दिला सकता है। मंगल के इस गोचर को शुभ समाचार की प्राप्ति करवाने वाला भी माना गया है। इस गोचर के चलते सामान्य तौर पर मन प्रसन्न रहेगा और भाग्य भी अनुकूल रहेगा। अतः मंगल के इस गोचर की अवधि में आप सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम की मिलने की उम्मीद कर सकते हैं।

उपाय: भाई बंधु व मित्रों के साथ अच्छे संबंध रखें तथा अहंकार से बचें।

कन्या साप्ताहिक राशिफल

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तुला राशि

मंगल आपकी कुंडली में दूसरे तथा सातवें भाव के स्वामी होते हैं और मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर आपके दूसरे भाव में होगा। क्योंकि दूसरे भाव में मंगल की गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता। अतः सबसे पहले हम मंगल के दूसरे भाव में गोचर के परिणामों को जानते हैं। बाद में इस बात पर भी चर्चा करेंगे कि इन परिणामों पर आप कहां तक नियंत्रण प्राप्त कर सकेंगे। दूसरे भाव में मंगल की गोचर को राज्य भय देने वाला माना गया है। अर्थात सरकारी कामों से संबंधित जितने भी मामले हैं उन मामलों में इस अवधि में सजग रहने की जरूरत रहेगी। ऐसा मंगल कलह देने का काम करता है।

अर्थात आपकी वाणी में कठोरता के भाव आ सकते हैं, जिसके कारण स्वजनों से विवाद हो सकता है और आपसी कलह भी देखने को मिल सकती हैं। प्रतिस्पर्धियों के द्वारा आपको कमजोर करने की कोशिश की जा सकती है। मंगल के इस गोचर को अग्नि या चोर से भय देने वाला कहा गया है। अर्थात इस अवधि में चीजें खराब न होने पाए और चोरी न होने पाए इस बात का खास ख्याल रखना है। बिजली के उपकरण इस समय अवधि में परेशानी दे सकते हैं।

मंगल का यह गोचर मुख या नेत्र से संबंधित कुछ परेशानियां भी दे सकता है। विद्यार्थियों को इस अवधि में अपनी शिक्षा पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता रहेगी। साथ ही साथ उचित खान-पान अपनाना भी बहुत जरूरी रहेगा। क्योंकि दूसरे भाव में मंगल का गोचर, पंचम भाव में राहु का गोचर और पंचम भाव के राहु पर मंगल की दृष्टि का प्रभाव; ये सभी लक्षण इस बात का संकेत कर रहे हैं कि आपको इस अवधि में पेट से संबंधित परेशानियां रह सकती हैं, जिन्हें खान-पान पर नियंत्रण करके आप नियंत्रित भी कर सकते हैं।

अर्थात सामान्य तौर पर इस गोचर को बहुत अच्छा नहीं माना गया है लेकिन अपनी राशि में होने और ज्यादातर समय बृहस्पति के प्रभाव में होने के चलते मंगल के नकारात्मक परिणामों पर नियंत्रण पाना संभव भी रहेगा। अत: प्रैक्टिकल कोशिश करें और मंगल के नकारात्मक परिणामों से स्वयं को बचाएं।

उपाय: नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करना शुभ रहेगा।

तुला साप्ताहिक राशिफल

वृश्चिक राशि

मंगल आपकी कुंडली में पहले तथा छठे भाव के स्वामी ग्रह होते हैं और मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर आपके पहले भाव में होगा। सामान्य तौर पर पहले भाव में मंगल की गोचर को अच्छा नहीं माना गया है लेकिन अपनी राशि में होने और बृहस्पति के प्रभाव में ज्यादातर समय रहने के कारण यहां पर भी मंगल के नकारात्मक परिणामों को रोका जा सकेगा। सबसे पहले हम जानते हैं कि गोचर शास्त्र पहले भाव में मंगल की गोचर को लेकर क्या कहता है? गोचर शास्त्र के अनुसार पहले भाव में मंगल का गोचर रक्त विकार दे सकता है। अतः जिन लोगों को पहले से रक्त से संबंधित कुछ परेशानियां रही हैं, उन्हें इस अवधि में सजग रहने की आवश्यकता रहेगी।

विशेष कर जिन्हें रक्तचाप इत्यादि की समस्या है उन्हें अपने स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखना है। ऐसा मंगल सामान्य तौर पर असफलता देने वाला माना गया है लेकिन स्वराशि का होने के कारण और आपके लग्न या राशि का स्वामी होने के कारण शायद यह आपको असफलता नहीं देगा बल्कि समझदारी से काम लेने की स्थिति में आप अपने प्रयासों में सफल हो सकेंगे।

मंगल का यह गोचर आग का भय देता है साथ ही साथ ज्वर यानी कि बुखार इत्यादि का भी भय देता है। अतः इस अवधि में स्वास्थ्य का ख्याल रखना जरूरी रहेगा। मंगल के गोचर के कारण दुर्घटनाओं का भय रहेगा। चोट खरोच लगने का भय रह सकता है। ऐसी स्थिति में भले ही मंगल आपके लग्न या राशि के स्वामी हैं और गुरु के द्वारा देखे जा रहे हैं लेकिन फिर भी वाहन इत्यादि सावधानी से चलना है। यथा संभव यात्राओं से बचाना है लेकिन यदि यात्राएं करनी जरूरी ही हो तो सावधानी पूर्वक आप जरूरी यात्राओं को संपन्न करें।

उपाय: मुफ्त में कोई भी चीज स्वीकार न करें।

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धनु राशि

मंगल आपकी कुंडली में पंचम तथा द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर आपके द्वादश भाव में रहेंगे। द्वादश भाव में मंगल के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता है। अतः मंगल के इस गोचर की अवधि में सावधानी पूर्वक निर्वाह की आवश्यकता रहेगी। व्यर्थ के खर्चे से बचाना समझदारी का काम होगा। मंगल का यह गोचर स्थान हानि करवा सकता है। अर्थात आपको अपने घर से दूर जाना पड़ सकता है। स्वजनों से दूर रहना पड़ सकता है। द्वादश भाव में मंगल के गोचर को स्त्री से संबंधित मामलों में कष्ट देने वाला माना गया है।

ऐसी स्थिति में आपके घर की या परिचय की किसी स्त्री का स्वास्थ्य कमजोर रह सकता है या उसके साथ आपके विवाद हो सकते हैं। यदि वास्तव में ऐसे हालात निर्मित हो तो विवादों से बचना समझदारी का काम होगा। द्वादश भाव में मंगल का गोचर शारीरिक कष्ट देता है मानसिक चिंताएं भी देता है और गलत कामों के प्रति रुचि भी बढ़ा सकता है। यदि आपके साथ भी कुछ ऐसा होता हुआ महसूस हो तो ऐसी परिस्थितियों पर शीघ्र नियंत्रण पाने का प्रयास जरूरी रहेगा।

उपाय: मंगलवार के दिन हनुमान जी के मंदिर में लाल मिठाई चढ़ाएं और प्रसाद लोगों में बांटे।

धनु साप्ताहिक राशिफल

मकर राशि

मंगल आपकी कुंडली में चौथे तथा लाभ भाव के स्वामी होते हैं और मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर आपके लाभ भाव में होगा। यह मंगल के लिए एक अच्छी स्थिति मानी जाएगी। मंगल का यह गोचर आमदनी में वृद्धि करवाने वाला माना गया है। ऊपर से जब लाभ भाव का स्वामी लाभ भाव में हो तो अच्छा लाभ मिलता है। बस जरूरी रहेगा कि आप ईमानदारी से अपने कामों को संपन्न करें, उससे फायदा जरूर मिलेगा।

व्यापार व्यवसाय में लाभ, नौकरी में लाभ, स्वास्थ्य में लाभ; ये सभी अनुकूल परिणाम आपको देखने को मिल सकते हैं। बशर्ते आपकी कुंडली की दशाएं भी अनुकूल चल रही हों। लाभ भाव में मंगल का गोचर भूमि लाभ करवाने वाला माना गया है। भाइयों से संबंधित मामलों में सुख देने वाला माना गया है। कामों में सफलता देने वाला कहा गया है और प्रतिस्पर्धा से आगे ले जाने वाला भी माना गया है। मंगल के इस गोचर के चलते करीबी लोगों का सपोर्ट और मित्रों के माध्यम से फायदा भी मिल सकता है। अर्थात मंगल के इस गोचर से सामान्य तौर पर आप अनुकूल परिणाम की उम्मीद रख सकते हैं।

उपाय: शिवजी का दूध से अभिषेक करना शुभ रहेगा।

मकर साप्ताहिक राशिफल

कुंभ राशि

मंगल आपकी कुंडली में तीसरे तथा दशम भाव के स्वामी होते हैं और मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर आपके दशम भाव में होगा। वैसे तो सामान्य तौर पर दशम भाव में मंगल की गोचर को अच्छा नहीं माना गया है लेकिन हमने अपने अनुभव में पाया है की दशम का मंगल पुरुषार्थ में वृद्धि करता है, कामों के प्रति लगाव देता है और मेहनत करने की स्थिति में अच्छे परिणाम भी देता है। अतः आपके भीतर एक विशेष ऊर्जा का संचार हो सकता है। यदि आपने उस ऊर्जा का सदुपयोग करते हुए अपने कामों को कंप्लीट कर दिया तो आप फायदे में रह सकते हैं। अन्यथा सामान्य तौर पर दशम भाव में मंगल की गोचर को रोजगार में बाधा देने वाला कहा गया है।

मंगल का यह गोचर पिता से संबंधित मामलों में परेशानियां देने वाला कहा गया है और शासन प्रशासन से संबंधित मामलों में भी परेशानियां देने वाला कहा गया है लेकिन अपनी राशि में होने के कारण और बृहस्पति से ज्यादातर समय दृष्ट होने के कारण मंगल आपको नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। वहीं यदि आपने अपने भीतर के ज्ञान अनुभव और ऊर्जा का सदुपयोग किया तो आप लाभान्वित भी हो सकते हैं।

उपाय: नि:संतान व्यक्तियों की सहायता करना एवं उनकी सेवा सत्कार करना शुभ रहेगा।

कुंभ साप्ताहिक राशिफल

मीन राशि

मंगल आपकी कुंडली में दूसरे तथा भाग्य भाग के स्वामी होते हैं और मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर आपके भाग्य भाव में होगा। वैसे तो भाग्य भाव में मंगल के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता है लेकिन भाग्येश होकर भाग्य भाव में जाने के कारण मंगल आपको मिले-जुले परिणाम दे सकते हैं। ऊपर से लग्न या राशि के स्वामी बृहस्पति की दृष्टि का प्रभाव भी मंगल पर ज्यादातर समय रहने वाला है। फलस्वरूप आप बुद्धिमत्ता पूर्वक कामों को संपन्न करके फायदे भी प्राप्त कर सकेंगे। अर्थात मंगल का यह गोचर आपको औसत या औसत से बेहतर परिणाम भी दे सकता है, अगर आप अपने अनुभव का सदुपयोग करते रहे।

वैसे सामान्य तौर पर भाग्य भाव में मंगल की गोचर को भाग्य के विपरीत परिणाम देने वाला कहा गया है। अर्थात ऐसा मंगल भाग्य के सपोर्ट को कम करता है लेकिन आपके मामले में ऐसा नहीं होगा, क्योंकि मंगल आपके भाग्य स्थान का स्वामी है तो स्वाभाविक है कि भाग्य का सपोर्ट जैसा पहले मिल रहा था वैसा मिलता रहेगा। मंगल के इस गोचर को सरकार की ओर से परेशानी देने वाला कहा गया है। ऐसे में प्रैक्टिकल कोशिश यही करें कि शासन प्रशासन से संबंधित व्यक्तियों से विवाद न किया जाय। धर्म का अपमान न करें।

धार्मिक व्यक्ति का अपमान न करें। अर्थात धर्म के अनुरूप आचरण करते रहें तो मंगल का यह गोचर आपको नकारात्मक परिणाम नहीं देगा। यदि कमर या कूल्हे के आसपास कोई तकलीफ पहले से रही है तो इस अवधि में उसके प्रति सचेत रहना समझदारी का काम होगा। कहने का तात्पर्य है कि सावधानियां रखकर मंगल की इस गोचर के नकारात्मक परिणामों को आप न केवल रोक सकेंगे बल्कि कुछ अच्छे परिणाम भी प्राप्त कर सकेंगे। मंगल का यह गोचर पिछली राशि अर्थात तुला राशि में रहने की अवधि की तुलना में वृश्चिक राशि में आने की बाद आपको तुलनात्मक रूप से बेहतर परिणाम दे सकता है।

उपाय: शिवजी का दूध मिले हुए जल से अभिषेक करना शुभ रहेगा।

मीन साप्ताहिक राशिफल

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. 2025 में मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर कब होगा?

मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर 27 अक्टूबर 2025 को होगा।

2. मंगल का गोचर कितने दिन का होता है?

मंगल ग्रह एक राशि में लगभग 45 दिनों तक रहता है।

3. वृश्चिक राशि के स्वामी कौन है?

वृश्चिक राशि के स्वामी ग्रह मंगल हैं।

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