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बृहस्पति का मेष राशि में उदय (27 अप्रैल, 2023)

बृहस्पति का मेष राशि में उदय: बृहस्पति 27 अप्रैल, 2023 को 2 बजकर 27 मिनट पर उदय होंगे। बृहस्पति देव को आमतौर पर एक लाभकारी ग्रह के तौर पर देखा जाता है और यह प्रवृत्ति से पुरुष हैं। इस आर्टिकल में हम बृहस्पति के मेष राशि में उदय से संबंधित सभी अहम बातों के बारे में चर्चा करेंगे।

बृहस्पति मेष राशि में उदय, आपकी लाइफ में होंगे कई अहम बदलाव

हम राशि अनुसार इसके अनुकूल और प्रतिकूल प्रभावों के बारे में जानेंगे। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जब बृहस्पति अपनी राशियों में अर्थात धनु और मीन में मौजूद रहते हैं, तो उनके प्रभाव अधिक अनुकूल होते हैं। मंगल के स्वामित्व वाली मेष राशि में बृहस्पति देव का उदय सभी राशियों के लिए अनुकूल ही रहने की संभावना है।

बृहस्पति की उच्च राशि कर्क है, जिस पर चंद्रमा का शासन है। बृहस्पति जब भी अपनी उच्च राशि में मौजूद होते हैं, तो इनके प्रभाव से जातकों को खुशी, शांत दिमाग और खुशियां की प्राप्ति होती है। साथ ही इसके अनुकूल असर से जातकों को विदेश में जाकर शिक्षा ग्रहण करने का मौका भी प्राप्त होने की संभावना रहती है। इसके अलावा, ऐसे में जातकों का रुझान अध्यात्म की ओर अधिक होता है।

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वहीं, दूसरी ओर जब बृहस्पति अपनी नीच राशि मकर में मौजूद हों तो जातकों को इसके ठीक उलट परिणाम मिलने के आसार होते हैं। जैसे कि आपको पैसे की तंगी, भाग्य का साथ प्राप्त न होना, ऐसी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

आइए, अब बिना देर किए, सभी 12 राशियों पर बृहस्पति के उदय होने के प्रभाव और इसके हानिकारक असर से बचने के उपाय के बारे में विस्तार से जान लेते हैं लेकिन, इससे पहले हम एक बार ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति के महत्व को समझेंगे।

बृहस्पति का मेष राशि में उदय: वैदिक ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति

बृहस्पति देव को देवताओं का गुरु माना गया है इसलिए इन्हें एक शुभ ग्रह के तौर पर देखा जाता है। मान्यताओं के अनुसार बृहस्पति महाराज के आशीर्वाद के बिना जातक जीवन में वर्चस्व और शुभ चीजों को हासिल करने में नाकाम रहते हैं।

जिन जातकों की जन्म कुंडली में बृहस्पति देव मज़बूत स्थिति में होते हैं या फिर वह कुंडली में धनु या मीन राशि में रहते हैं, ऐसे जातकों को कई लाभ प्राप्त होते हैं। जैसे की आपको लगातार भाग्य का साथ मिलेगा और आपके अंदर प्राकृतिक तौर से कई सारी खूबियां भी होंगी।

वहीं, इसके अलावा अगर बृहस्पति आपकी जन्म कुंडली में अपनी उच्च राशि यानी कर्क में मौजूद हैं, तो आपको हर क्षेत्र में कामयाबी मिलने के आसार बनने लगते हैं। इसके अलावा, ऐसे जातक समाज के शक्तिशाली लोगों से रिश्ते और व्यवहार बनाने में भी माहिर होते हैं।

कुंडली में बृहस्पति के बली होने से या फिर शुभ ग्रहों के साथ होने से जातकों को इसके कई सारे अनुकूल परिणाम मिलते हैं, जैसे शारीरिक और मानसिक सुख। लेकिन, अगर बृहस्पति देव, राहु और केतु जैसे हानिकारक ग्रहों के साथ कुंडली में मौजूद होते हैं, तो जातकों को शारीरिक परेशानियां, डिप्रेशन, सम्मान में कमी और धन हानि का सामना करना पड़ सकता है।

राहु और बृहस्पति की युति से गुरु-चांडाल योग का निर्माण होता है और यह अशुभ माना जाता है। वहीं दूसरी ओर केतु और बृहस्पति की युति से कोटेश्वर योग बनता है, यह भाग्य और प्रचुरता को दर्शाता है। ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति देव को प्रसन्न करने के लिए कई सारे उपाय बताए गए हैं, जैसी की आप सोने की अंगूठी में पुखराज रत्न धारण कर सकते हैं। हालांकि, किसी भी रत्न को धारण करने से पहले किसी विद्वान ज्योतिषी की सलाह अवश्य लें।

पुखराज पहनने के अलावा, आप संस्कृत पाठ लिंगाष्टकम का रोज़ाना जाप कर सकते हैं या फिर बृहस्पतिवार के दिन भगवान रुद्र के लिए हवन और यज्ञ भी कर सकते हैं।

यह राशिफल आपकी चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी व्यक्तिगत चन्द्र राशि अभी जानने के लिए चंद्र राशि कैलकुलेटर का उपयोग करें

To read in English, click here: Jupiter rise in Aries (27 अप्रैल, 2023)

मेष

आपकी कुंडली के नौवें और बारहवें भाव के स्वामी बृहस्पति हैं और अब वह पहले भाव में मौजूद हैं। पहला भाव भविष्य और विशेषताओं को दर्शाता है।

सूर्य देव आपकी कुंडली के पहले भाव में मौजूद हैं और इसके प्रभाव से आप ऊर्जा से भरे और स्वस्थ बने रहेंगे लेकिन, इसी के साथ इस बात की भी आशंका है कि आप उत्तेजित होकर अपने रिश्तों को ख़राब कर लें। इस अवधि में आप बड़े और अहम निर्णय लेने में पूरी तरह सक्षम होंगे और यह आपके लिए अच्छे परिणाम भी लेकर आ सकता है।

बृहस्पति नौवें भाव के स्वामी के रूप में पहले भाव में मौजूद हैं, इसके परिणामस्वरूप आपका रुझान अध्यात्म की ओर अधिक बढ़ेगा। साथ ही इस अवधि में आप किसी लंबी दूरी की आध्यात्मिक यात्रा पर भी जा सकते हैं।

बारहवें भाव के स्वामी बृहस्पति के पहले भाव में मौजूद होने से आपको विदेश जाने के मौके मिल सकते हैं। इसके अलावा, आपको स्थायी रूप से वहां रहने का अवसर भी प्राप्त होने के संकेत हैं।

करियर के लिहाज़ से देखें तो, बृहस्पति का मेष राशि में उदय, जातकों के करियर के लिए फलदायी साबित होगा। बृहस्पति आपकी कुंडली के सातवें और नौवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं, इसके परिणामस्वरूप जातकों को अपने करियर में भरपूर संतुष्टि मिलेगी। इसके अलावा, आपकी पदोन्नति के संकेत भी हैं। इसके अलावा कार्यस्थल पर आपको अपने साथियों का समर्थन प्राप्त होगा और वरिष्ठ अधिकारी भी आपके काम के लिए आपको प्रोत्साहित करेंगे। हालांकि, इस अवधि के अंत में आपकी नौकरी में बदलाव या स्थानांतरण के संकेत भी हैं।

बिज़नेस करने वाले जातकों के लिए बृहस्पति का मेष राशि में उदय, अत्यंत शुभ रहेगा। इस वक्त में आप नए लोगों से जान-पहचान बनाने में सफल होंगे और यह आपके व्यवसाय के लिए फायदेमंद होगा और आपको ऑन-साइट बिज़नेस मिलने की संभावना है। साथ ही आप दिग्गज हस्तियों की प्रतिष्ठा हासिल करने में सक्षम होंगे। सातवें भाव पर बृहस्पति की दृष्टि से आप अपने व्यवसाय को अच्छे ढंग से चलाने में सफल होंगे और अपने कुछ नए लोगों की मदद से आप बड़े धन लाभ अर्जित करने की स्थिति में होंगे।

आर्थिक पक्ष को देखें तो, यह अवधि आपके लिए शानदार परिणाम लेकर आएगी। मेष राशि के जातक धन कमाने और बचाने में सफल होंगे। इसके अलावा आपको आय के कई नए स्त्रोत मिलेंगे और यह आपकी आर्थिक स्थिति को मज़बूत करेंगे। हालांकि, बारहवें भाव के स्वामी के तौर पर बृहस्पति का पहला भाव में होना आपके लिए कमाई और खर्च के मामले में मिले-जुले परिणाम लेकर आ सकता है, लेकिन इसी के साथ बृहस्पति की दृष्टि से आप इस अवधि में अच्छा मुनाफा कमाने में सफल होंगे।

अगर प्रेम संबंध के बारे में बात करें तो, आप दोनों के बीच अहंकार के कारण विवाद होने की आशंका है। आपको अपने घर के बुजुर्गों की बातें सुननी चाहिए, यह आपके लिए फायदेमंद रहेगा और अपने रिश्ते को बेहतर ढंग से चलाने के लिए आपको कुछ अहम बदलाव करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, आपके पारिवारिक रिश्तों में भी कुछ विवाद हो सकते हैं और आपको अपने साथी से बातचीत करके इन सारे मसलों को सुलझाना होगा।

स्वास्थ्य के लिहाज़ से देखा जाए तो, आपको इस अवधि में सिर, पैर में दर्द की शिकायत और पाचन से संबंधित दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। इन सभी परेशानियों का कारण होगा आपके अंदर का तनाव, लेकिन कुल मिलाकर देखा जाए तो, आपको सेहत से जुड़ी कोई बड़ी परेशानी न होने के आसार हैं।

पहले भाव से बृहस्पति आपकी कुंडली के सातवें, पांचवें और नौवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप आपको इस वक्त में बड़े धन लाभ होंगे और कार्यस्थल पर आपके मान-सम्मान में वृद्धि होगी। इसके अलावा, आपके अंदर अध्यात्म की ओर झुकाव भी बढ़ेगा।

उपाय- रोज़ाना 19 बार ॐ सूर्याय नम: का जाप करें।

वृषभ

आपकी कुंडली के आठवें और ग्यारहवें भाव पर बृहस्पति का शासन हैं और अब वह बारहवें भाव में मौजूद हैं। यह भाव हानि, आध्यात्मिक रुचि और लंबी दूरी की यात्रा को दर्शाता है।

आठवें भाव के स्वामी के तौर पर बृहस्पति का बारहवें भाव में होना आपको धन लाभ के नए स्रोत प्रदान कर सकता है। आपको इस अवधि में अप्रत्याशित लाभ और पैतृक संपत्ति से फायदे होने के संकेत हैं। बृहस्पति देव के बारहवें भाव में होने से आपको अनिश्चित धन हानि होने के भी आशंका है। हालांकि, कुछ जातकों को इंश्योरेंस के माध्यम से भी आर्थिक लाभ हो सकते हैं।

ग्यारहवें भाव के स्वामी के तौर पर बारहवें भाव में बृहस्पति के होने के कारण जातकों को धन लाभ और हानि दोनों ही हो सकते हैं। कुल मिलाकर कहें तो जातकों को धन कमाने में और उसे बचाने में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

करियर के लिहाज़ से बात करें, तो बृहस्पति का मेष राशि में उदय, आपके लिए अनुकूल न रहने की आशंका है। आप अपने कार्य में संतुष्टि प्राप्त न करने से परेशान हो सकते हैं और इसी के कारण कुछ जातकों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है। इसके अलावा, इस अवधि में आपके ऊपर काम का दबाव भी अधिक रहने की आशंका है।

आर्थिक पक्ष देखा जाए तो, इस अवधि में आपको अधिक धन खर्च करना पड़ सकता है, इसके अलावा लापरवाही के कारण आप अपना आर्थिक नुकसान भी कर सकते हैं, इसलिए आपको सावधान रहने की सलाह दी जाती है।

प्रेम संबंध और पारिवारिक रिश्तों के बारे में बात करें तो, इस बीच आपको उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। आपसी समझ की कमी के कारण आप परिवार के सदस्यों के साथ विवादों में पड़ सकते हैं इसलिए, आपको अपने अंदर कुछ ख़ास बदलाव करने चाहिए, जिससे आपके रिश्ते बेहतर हो सकें। आप अपने पार्टनर पर कम भरोसा करेंगे, जिसके परिणामस्वरूप आपके रिश्ते में खटास आ सकती है।

आपको स्वास्थ्य के लिहाज़ से चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। जातकों को पैरों और कंधों में दर्द की शिकायत हो सकती है। इसके अलावा, आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम होने के आसार हैं, इसलिए अपनी सेहत का ख़ास ख्याल रखें।

बारहवें भाव से बृहस्पति आपकी कुंडली के चौथे, छठे और आठवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। इसके प्रभाव स्वरूप आपको नींद और आराम में कमी महसूस हो सकती है। इसके अलावा, जातकों को कई अनिश्चित चुनौतियों और परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

उपाय- रोज़ाना 11 बार “ॐ नमः शिवाय” का जाप करें।

मिथुन

आपकी कुंडली के सातवें और दसवें भाव पर बृहस्पति का शासन है और अब वह ग्यारहवें भाव में उदय होने जा रहे हैं। ग्यारहवां भाव इच्छाओं की पूर्ति और संतुष्टि को दर्शाता है।

सातवें भाव के स्वामी के रूप में बृहस्पति का ग्यारहवें भाव में होना आपको धन कमाने के नए रास्ते प्रदान करेगा। मिथुन राशि के जातक बिज़नेस में ज्यादा आर्थिक लाभ अर्जित करने में सक्षम होंगे। आपकी मुलाकात कुछ नए लोगों से होगी, जिनकी मदद से आपका व्यवसाय आगे बढ़ेगा और यह आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगा।

इसके अलावा, दसवें भाव के स्वामी के रूप में बृहस्पति के ग्यारहवें भाव में होने से आपको कई लाभ मिलने के संकेत हैं साथ ही आपको नौकरी के नए अवसर या फिर प्रमोशन मिलने की संभावना है। साथ ही, कुछ जातकों को विदेश जाने का मौका भी मिल सकता है और यह आपके लिए सकारात्मक परिणाम लेकर आएगा।

करियर के लिहाज़ से बृहस्पति का मेष राशि में उदय, आपके लिए शुभ परिणाम लेकर आने वाला है। आपको नौकरी में नए और लाभकारी पद प्राप्त हो सकते हैं और इसके माध्यम से आपका करियर तेज़ी से आगे बढ़ेगा। इसके अलावा, आप अपने कार्य से उच्च दर्जे का सम्मान और सभी लक्ष्यों की प्राप्ति करने में सफल होंगे। इन सभी बातों के साथ ही, जातकों को अपनी मेहनत के लिए पूरी पहचान भी प्राप्त होगी।

अगर आप बिज़नेस करते हैं, तो यह अवधि आपके लिए बेहद फलदायी रहेगी। आप कम समय में अधिक धन लाभ अर्जित करने में सक्षम होंगे। इसके अलावा, आप अपने प्रतिद्वंदियों को कड़ी टक्कर देने में भी सफल होंगे। वहीं, अगर आप आउटसोर्सिंग के व्यवसाय में हैं तो आपके लिए बृहस्पति का मेष राशि में उदय, अत्यंत लाभकारी रहने वाला है। हालांकि, इस वक्त में यह भी संभावना है कि आप एक से ज्यादा बिज़नेस में हाथ आज़माएं।

आर्थिक जीवन की बात करें तो, इस अवधि में मिथुन राशि के जातकों को भाग्य का भरपूर साथ प्राप्त होगा और आप बड़े धन लाभ कमाने में सफल होंगे। साथ ही आप धन की बचत करने में भी कामयाब होंगे और संभावना है कि विरासत या पैतृक संपत्ति के माध्यम से भी आपको अच्छा फायदा प्राप्त हो।

अगर प्रेम संबंधों के दृष्टि से देखें तो, बृहस्पति का मेष राशि में उदय आपके लिए सकारात्मक परिणाम लेकर आएगा। आप अपने पार्टनर के साथ अच्छा तालमेल और सामंजस्य बिठाने में कामयाब रहेंगे और आप दोनों में आकर्षण भी बना रहेगा। इसके अलावा, आप अपने रिश्ते को अच्छे ढंग से चलाने के लिए अहम बदलाव भी करेंगे। कुल मिलाकर, आपकी लव लाइफ इस अवधि में अच्छी रहेगी।

स्वास्थ्य के लिहाज़ से बात करें तो, अपने साहस के बल पर आप अपनी सेहत को ठीक बनाए रखने में कामयाब होंगे। आपके एनर्जी लेवल बेहद शानदार रहेगा और यह आपकी सेहत को उत्तम बनाए रखने में मददगार होगा।

ग्यारहवें भाव से बृहस्पति आपकी कुंडली के तीसरे, पांचवें और सातवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं, इसके परिणामस्वरूप आपको बिज़नेस में लाभ होंगे। साथ ही आप अध्यात्म की मदद से खुद को एक बेहतर इंसान बनाने में सफल होंगे।

उपाय- रोज़ाना 21 बार ॐ नमो नारायण का जाप करें।


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कर्क

कर्क राशि के जातकों के लिए बृहस्पति छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं और अब वह दसवें भाव में उदय होने जा रहे हैं। दसवां भाव करियर, पहचान और प्रतिष्ठा को दर्शाता है।

बृहस्पति के शुभ प्रभाव से जातकों को करियर में नए और अच्छे अवसर के साथ नौकरी में फायदे मिलने के संकेत हैं। इसके अलावा, आपके मान-सम्मान में वृद्धि होगा। कर्क राशि के जातकों के लिए स्थानांतरण या नौकरी में बदलाव के योग भी हैं और यह आपके लिए यह फलदायी ही रहेगा।

नौवें भाव के स्वामी के तौर पर बृहस्पति का दसवें भाव में होना, आपके करियर के लिए शानदार साबित होगा। आपको प्रमोशन, नौकरी में भाग्य का साथ, बेहतर अवसर और अपनी मेहनत के लिए भरपूर सराहना और पहचान मिलेगी। बृहस्पति का मेष राशि में उदय आपके अंदर मूल्यों और सिद्धांतों में वृद्धि कराने में सहायक साबित होगा।

करियर के लिहाज़ से यह वक्त आपको मिले-जुले परिणाम दे सकता है। आपको नौकरी में पूरी तरह से संतुष्टि न मिलने और काम के अधिक दबाव के कारण आप इसमें बदलाव भी कर सकते हैं। इसके अलावा, आपको अपनी इच्छा के विरुद्ध स्थानांतरण का सामना भी करना पड़ सकता है।

अगर आप बिज़नेस करते हैं तो, इस अवधि में आपको साधारण ढंग से लाभ मिलने के संकेत हैं। इसके अलावा, आपको अपने प्रतिद्वंदियों से कड़ी टक्कर मिलने की आशंका है और मुमकिन है कि आप इस दबाव को सही से न झेल पाएं।

आर्थिक पक्ष को देखा जाए तो, बृहस्पति का मेष राशि में उदय आपके लिए मिले-जुले परिणाम लेकर आएगा। आसान भाषा में कहें तो, यह आपके लिए न ज्यादा अच्छा और न ही ज्यादा बुरा रहने वाला है।आप अपने कमाए हुए पैसों को बचाने में असमर्थ रह सकते हैं, इसके अलावा घूमने-फिरने के दौरान आपका आर्थिक नुकसान होने के भी संकेत हैं।

प्रेम संबंध पर नज़र डालें तो जातकों को इस वक्त में साधारण परिणाम मिलने की संभावना है। आप अहंकार के कारण अपने रिश्ते को ख़राब कर सकते हैं, इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि अपनी लव लाइफ को बेहतर बनाए रखने के लिए जरूरी बदलाव करें।

स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी कर्क राशि के जातकों को कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इस अवधि में आपको सिरदर्द, आंखों में जलन जैसी परेशानियां घेर सकती हैं। साथ ही आपको पाचन से संबंधित शिकायत भी होने के आसार हैं।

दसवें भाव से बृहस्पति दूसरे, चौथे और छठे भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप आपको आर्थिक मामलों में दिक्कत हो सकती है और आप अपनी लव लाइफ में भी परेशान रह सकते हैं। इसके अलावा, कुछ पारिवारिक मसलों के कारण भी आप तनावग्रस्त हो सकते हैं।

उपाय- रोज़ाना 11 बार ॐ चंद्राय नमः का जाप करें।

सिंह

बृहस्पति आपकी कुंडली के पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं और अब वह नौवें भाव में मौजूद हैं। नौवां भाव लंबी दूरी की यात्रा, आध्यात्म और भाग्य का प्रतिनिधित्व करता है।

सिंह राशि के जातकों को सट्टे जैसे व्यापार से अधिक धन लाभ होने की संभावना है। इसके अलावा आपको विरासत के माध्यम से भी आर्थिक लाभ हो सकते हैं।

आठवें भाव के स्वामी के तौर पर बृहस्पति का नौवें भाव में मौजूद होना आपके लिए कुछ चुनौतियां ला सकता है। इसके प्रभाव से आपको भाग्य का साथ मिलने और धन लाभ होने में विलंब का सामना करना पड़ सकता है।

करियर के लिहाज़ से बृहस्पति का मेष राशि में उदय, आपको मिले-जुले परिणाम दे सकता है। आपको प्रमोशन, लंबी दूरी की यात्रा से लाभ और अपने सीनियर अधिकारियों से सम्मान प्राप्त हो सकता है। इसके अलावा, आपका रुझान आध्यात्मिकता में बढ़ेगा। इस अवधि में आपको नौकरी का नया और बेहतर अवसर प्राप्त हो सकता है।

अगर आप बिज़नेस करते हैं तो, आपको इस वक्त में धन लाभ और हानि दोनों ही होने के संकेत हैं। आपको अपने व्यवसाय की कुशलता को बढ़ाने के लिए कुछ आवश्यक बदलाव करने पड़ सकते हैं, लेकिन आपको भरपूर संतुष्टि प्राप्त न होने की आशंका है। वहीं, दूसरी ओर आपको अपने प्रतिद्वंदियों से कड़ी टक्कर मिल सकती है। आसान भाषा में कहें तो, आपको अपने बिज़नेस से अच्छा मुनाफा कमाने के लिए कुछ आधुनिक तरीकों को अपनाने की जरूरत पड़ सकती है।

आर्थिक पक्ष के लिहाज़ से देखा जाए तो, बृहस्पति का मेष राशि में उदय, आपके लिए ज्यादा अनुकूल न रहने के आसार है। आसान भाषा में कहें तो आपके लिए यह अवधि मिले-जुले परिणाम लेकर आने वाली है मतलब आपको धन लाभ और हानि दोनों ही हो सकते हैं। इस अवधि में आपको बड़े धन लाभ हो सकते हैं, लेकिन ध्यान रखें कि आपको नुकसान भी उठाना पड़ सकता है, इसलिए सतर्क रहें।

प्रेम संबंध के बारे में बात करें तो, आपको उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। आप दोनों के बीच सामंजस्य की कमी रह सकती है और इसी कारण आपको अपने रिश्ते में खुशियों की कमी महसूस हो सकती है। इसके अलावा, आपका अपने पार्टनर से विवाद हो सकता है, जिसका नकारात्मक प्रभाव आपके रिश्ते पर पड़ने की आशंका है।

स्वास्थ्य की दृष्टि से बात करें तो, आपकी सेहत इस अवधि में ज्यादा बेहतर न रहने के आसार हैं। जिसके चलते आपको अधिक धन खर्च करने की जरूरत पड़ सकती है। इसके अलावा, आपको सिर में दर्द और पाचन संबंधित परेशानी का सामना करना पड़ सकता है लेकिन कोई बड़ी परेशानी नहीं होगी।

उपाय- रोज़ाना 21 बार “ॐ गुरुवे नमः” का जाप करें।

कन्या

बृहस्पति आपकी कुंडली के चौथे और सातवें भाव के स्वामी हैं और अब वह आठवें भाव में मौजूद हैं। आठवां भाव परेशानियों और कार्य में विलंब को दर्शाता है।

बृहस्पति का मेष राशि में उदय, यह दर्शाता है कि आपको घर में कुछ अहम बदलाव के कारण जगह बदलनी पड़ सकती है। कन्या राशि के जातक इस अवधि में नया घर खरीदने में भी धन खर्च कर सकते हैं। साथ ही आप अपनी माता जी पर भी पैसे खर्च कर सकते हैं लेकिन कुल मिलाकर देखें, तो इस दौरान आपको जीवन में आराम की कमी का सामना करना पड़ सकता है।

बृहस्पति सातवें भाव के स्वामी के तौर पर आठवें भाव में मौजूद हैं, इसके परिणामस्वरूप आपको विरासत के माध्यम से और दोस्तों के कारण धन लाभ होने के आसार हैं। हालांकि, इस बात की भी संभावना है कि आपको यह लाभ थोड़े विलंब के साथ प्राप्त हों।

करियर के लिहाज़ से बृहस्पति का मेष राशि में उदय, आपके लिए अधिक अनुकूल न रहने की आशंका है। इस दौरान, आपके ऊपर काम का दबाव अधिक रहेगा और आपके अंदर नौकरी को लेकर असंतुष्टि बढ़ने के आसार हैं। अपने किए गए कार्यों के लिए भरपूर प्रशंसा और पहचान न मिलने के कारण आपका मनोबल डगमगा सकता है। इस अवधि में कामयाब होने के लिए आपको व्यवस्थित ढंग से मेहनत करने की सलाह दी जाती है।

अगर, आपका खुद का व्यवसाय है तो आपके लिए यह अवधि चुनौतीपूर्ण हो सकती है। आपको धन लाभ की जगह हानि का सामना करना पड़ सकता है। आपको अपने प्रतिद्वंदियों से कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ सकता है और इसी के कारण आपके विकास में बाधाएं उत्पन्न होने की आशंका है। परिस्थितियां आपके नियंत्रण से बाहर हो सकती हैं, जिसके परिणामस्वरूप आपको पैसों की हानि झेलनी पड़ सकती है।

आर्थिक जीवन की बात करें, तो बृहस्पति का मेष राशि में उदय, कन्या राशि के जातकों के लिए ज्यादा सकारात्मक न रहने की आशंका है। इस दौरान आपको अधिक खर्च और धन हानि के कारण दिक्कत झेलनी पड़ सकती है इसलिए इस अवधि में जातकों को ज्यादा सतर्क रहने की सलाह दी जाती है।

इस वक्त में आपके प्रेम संबंध में भी उतार-चढ़ाव आने के संकेत हैं। आप दोनों में तालमेल की कमी के कारण विवाद पैदा होने के संकेत हैं। आपके संबंध में सामंजस्य की कमी के कारण आप दोनों के संबंध पर होगा इसलिए अपने रिश्ते को बेहतर बनाने के लिए आपको कुछ अहम बदलाव करने की जरूरत पड़ेगी।

इस दौरान आपकी सेहत के मामले में कुछ समस्याएं झेलनी पड़ सकती हैं। जातकों को आंख में दर्द और इन्फेक्शन की दिक्कत आ सकती है। इसके अलावा, आपको दिन भर आलस के कारण नींद आने की आशंका है।

बृहस्पति आठवें भाव से आपकी कुंडली के बारहवें, दूसरे और चौथे भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप जातकों को धन कमाने में बाधाएं और आर्थिक हानि का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही आपके घरेलू जीवन में भी अशांति का माहौल बनने के संकेत हैं।

उपाय- रोज़ाना विष्णु सहस्रनाम का जाप करें।

तुला

तुला राशि के जातकों के लिए बृहस्पति तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं और अब वह सातवें भाव में मौजूद है। सातवां भाव दोस्त, पार्टनरशिप, और बिज़नेस को दर्शाता है।

तीसरे भाव के स्वामी के तौर पर बृहस्पति के सातवें भाव में होने से आपके परिश्रम में वृद्धि होगी और लंबी दूरी की यात्राएं आपके लिए फायदेमंद साबित होंगी। साथ ही आपको अपने दोस्तों से और बिज़नेस करने वाले लोगों से फायदे मिलने के भी संकेत हैं।

छठे भाव के स्वामी के रूप में बृहस्पति का सातवें भाव में होना आपके लिए बिज़नेस के लिहाज़ से फायदेमंद साबित होगा। इसके अलावा, आप कुछ नए लोगों से मिलेंगे और आपकी दोस्ती उनसे काफी अच्छी होगी।

करियर के लिहाज़ से बृहस्पति का मेष राशि में उदय, आपके लिए अच्छे और बुरे दोनों ही नतीजे लेकर आ सकता है। आपको कार्यस्थल पर अधिक दबाव झेलना पड़ सकता है, लेकिन इसी के साथ आपको अपने कार्य के लिए सही पहचान भी मिलेगी इसलिए बेहतर प्रदर्शन करने के लिए आपको कार्यशैली में अहम बदलाव करने की सलाह दी जाती है।

अगर आप बिज़नेस करते हैं तो, इस अवधि में आपको लाभ और हानि दोनों ही होने के संकेत हैं। इस बात की आशंका है कि आपको जो धन लाभ हों, वह धीमी गति से हों, जिसके कारण आप ठीक ढंग से अपने कार्यों को न कर पाएं।

आर्थिक पक्ष को देखें तो, बृहस्पति का मेष राशि में उदय, आपके लिए ज्यादा अनुकूल न रहने के आसार हैं। इस दौरान, जातकों को अधिक धन खर्च करना पड़ सकता है, जिसके कारण आप कम मात्रा में पैसे बचा पाएंगे और इसका असर आपकी आर्थिक स्थिति पर पड़ेगा।

प्रेम संबंध की दृष्टि से देखा जाए तो, इस वक्त में आपको अपना रिश्ता फीका लगने लगेगा। अहंकार के कारण आपके प्रेम संबंध में खटास आने के संकेत हैं, जिसका असर आपके पारिवारिक रिश्तों पर भी दिखेगा। ऐसी परिस्थितियों के कारण आप अपने पार्टनर के साथ विवादों में पड़ सकते हैं, इसलिए थोड़ा सतर्क रहें।

स्वास्थ्य के लिहाज़ से यह समय आपके लिए ज्यादा अनुकूल न रहने के आसार हैं। इस दौरान आपको हाइपरटेंशन, त्वचा और आंखों से संबंधित परेशानी हो सकती है।

सातवें भाव से बृहस्पति आपकी कुंडली के ग्यारहवें, पहले और तीसरे भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप जातकों को छोटे-मोटे आर्थिक लाभ हो सकते हैं लेकिन इसी के साथ आपको चिंता और संवाद में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।

उपाय- बृहस्पति के लिए गुरुवार को यज्ञ-हवन करें।

वृश्चिक

आपकी कुंडली के दूसरे और पांचवें भाव पर बृहस्पति का शासन हैं और अब वह छठे भाव में मौजूद हैं। छठा भाव चिंता, स्वास्थ्य से संबंधित परेशानियां और आर्थिक लोन को दर्शाता है।

बृहस्पति दूसरे भाव के स्वामी के तौर पर छठे भाव में मौजूद हैं, इसके प्रभाव से आपके खर्च में वृद्धि और परिवार में विवादों का सामना करना पड़ सकता है। परिवार के लोगों में सामंजस्य की कमी के कारण विवाद होने के आशंका है।

पांचवें भाव के स्वामी बृहस्पति के छठे भाव में होने से पारिवारिक माहौल बिगड़ने के संकेत हैं, जिसके परिणामस्वरूप आपको अधिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है। इस अवधि में आप अपने पारिवारिक विकास और आर्थिक समस्याओं के कारण चिंतित हो सकते हैं। बृहस्पति का मेष राशि में उदय होने से आपको जीवन में अधिक दबाव का सामना करना पड़ सकता है।

करियर के लिहाज़ से बात करें तो, वृश्चिक राशि के जातकों को मिले-जुले परिणाम मिलने की संभावना है। आपको अपनी नौकरी में असंतुष्टि के कारण बदलाव का फैसला ले सकते हैं। इसके अलावा, कुछ जातकों का स्थानांतरण भी होने की आशंका है और आप इससे खुश नहीं होंगे। इन सबके अलावा, जातकों को प्रमोशन और इंसेंटिव मिलने में भी विलंब का सामना करना पड़ सकता है।

बिज़नेस करने वाले जातकों को इस दौरान कम धन लाभ होने के संकेत हैं। इसके अलावा, आपको सोच से ज्यादा आर्थिक नुकसान झेलने पड़ सकते हैं। इसके अलावा, जातकों को बड़े फैसले लेने में भी दिक्कत झेलनी पड़ सकती है और इस वक्त में बड़े फैसले आपके लिए हानिकारक भी हो सकते हैं।

आर्थिक पक्ष के बारे में बात करें तो बृहस्पति का मेष राशि में उदय, आपके लिए ज्यादा फलदायी न रहने के संकेत हैं। इस दौरान, आपको पैसों का नुकसान हो सकता है और अगर आप धन अर्जित करने में सफल भी होंगे, तो ज्यादा खर्च के कारण आपकी स्थिति चरमरा सकती है। वहीं, कुछ जातकों को अपने कार्यों को पूरा करने के लिए लोन का सहारा लेना पड़ सकता है।

प्रेम संबंध की दृष्टि से देखें तो, इस वक्त में आप दोनों के रिश्ते में सकारात्मकता की कमी रह सकती है। आप दोनों में मेलजोल की कमी के कारण आपको परेशानी होने के आसार हैं और इसके परिणामस्वरूप आपके रिश्ते में खटास आ सकती है।

इस अवधि में आपकी सेहत में उतार-चढ़ाव आने के संकेत हैं। आपको एलर्जी, आंखों में दर्द, कम नींद की शिकायत जैसी परेशानियां हो सकती हैं। बिना बात के तनाव के कारण भी आपको मानसिक तौर पर दिक्कत हो सकती है।

बृहस्पति छठे भाव से दसवें, बारहवें और दूसरे भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। इसके कारण जातकों को कार्यस्थल पर दबाव, नौकरी में बदलाव, आर्थिक हानि और कम आत्मसंतुष्टि का सामना करना पड़ सकता है।

उपाय- रोज़ाना हनुमान चालीसा का पाठ करें।


बृहत् कुंडली: जानें ग्रहों का आपके जीवन पर प्रभाव और उपाय

धनु

आपकी कुंडली के पहले और चौथे भाव पर बृहस्पति का शासन है और अब वह पांचवें भाव में मौजूद हैं। पांचवां आध्यात्मिकता, संतान और बुद्धि का प्रतिनिधित्व करता है।

पहले भाव के स्वामी के तौर पर बृहस्पति का पांचवें भाव में होना आपके लिए फलदायी होगा। इस वक्त में आप खुद को बेहतर बनाने में सक्षम होंगे, आपको घर के बच्चों का समर्थन प्राप्त होगा और घर में किसी मांगलिक कार्य होने के भी संकेत हैं।

बृहस्पति का मेष राशि में उदय, जातकों को करियर में फायदे होने के आसार हैं। आपको नौकरी में प्रमोशन और कार्यस्थल पर भाग्य का भरपूर साथ प्राप्त होगा।

करियर को देखें, तो इस वक्त में आपके लिए यह समय अनुकूल रहने वाला है। आप अपनी नौकरी में संतुष्ट रहेंगे साथ ही आपका प्रमोशन होने के भी योग बन रहे हैं। वहीं, कुछ जातकों को नए अवसरों की प्राप्ति भी हो सकती है।

बिज़नेस करने वाले जातकों के लिए बृहस्पति का मेष राशि में उदय, फलदायी रहेगा। आप अपनी मेहनत और कौशल के दम पर व्यवसाय को आगे बढ़ाने में सक्षम होंगे। इसके अलावा, आप बड़ी आसानी से अपने प्रतिद्वंदियों को टक्कर देने में और उनसे आगे निकलने में सफल होंगे और इस अवधि में आप बिज़नेस में कोई नया अवसर भी प्राप्त हो सकता है।

आर्थिक लिहाज़ से देखा जाए तो, आपके लिए बृहस्पति का मेष राशि में उदय, भाग्यशाली रहने के आसार है। आप ज्यादा मात्रा में धन कमाने और उसे बचाने में सफल होंगे। आर्थिक मामलों में आपके अंदर ज्यादा लचीलापन रहेगा, जिसके प्रभाव स्वरूप आप अपने किए हुए निवेश से अच्छा धन लाभ अर्जित करने में भी सफल होंगे।

प्रेम संबंध के बारे में बात करें, तो आप अपने रिश्ते में चरम सुख का अनुभव करेंगे और आनंदमय वक्त बिताएंगे। इसके अलावा, आप दोनों अपने इस रिश्ते के बारे में कुछ नई चीजों के बारे में भी जानने में सफल होंगे, जिसके कारण आपका रिश्ता मजबूत होगा।

इस अवधि में आपका स्वास्थ्य भी ठीक ही रहने के आसार हैं। आपको नसों में दिक्कत और पैरों में दर्द की शिकायत हो सकती है। हालांकि, आपको सेहत से जुड़ी कोई बड़ी परेशानी न होने के संकेत हैं।

पांचवें भाव से बृहस्पति आपकी कुंडली के नौवें, ग्यारहवें और पहले भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप आपको भाग्य का भरपूर साथ प्राप्त होगा और आप अच्छे ढंग से धन अर्जित कर पाएंगे। इसके अलावा, आपका स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा और आप अपनी इच्छाओं की पूर्ति करने में सक्षम होंगे।

उपाय- गुरुवार के दिन भगवान रुद्र के लिए हवन-यज्ञ करें।

मकर

बृहस्पति आपकी कुंडली के तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी हैं और अभी वह चौथे भाव में मौजूद हैं। चौथा भाव प्रॉपर्टी, भौतिक सुख और माता को दर्शाता है।

बृहस्पति का तीसरे भाव के स्वामी के तौर पर चौथे भाव में मौजूद होना पारिवारिक रिश्ते, मांगलिक कार्यक्रम और भाई-बहनों के समर्थन को दर्शाता है।

बारहवें भाव के स्वामी के रूप में बृहस्पति का चौथे भाव में होना दर्शाता है कि आपके भाग्य में परिवर्तन हो सकता है, साथ ही आपका घर भी बदलने के आसार हैं। इसके अलावा, जातकों के आराम में भी कमी आने के संकेत हैं।

करियर के लिहाज़ से बृहस्पति का मेष राशि में उदय, आपके लिए अनुकूल न रहने की आशंका है। इसके अलावा आपके ऊपर काम का दबाव अधिक हो सकता है, इसके अलावा आप अपनी नौकरी में असंतुष्टि की भावना महसूस कर सकते हैं और अपने कार्य के लिए सही मायने में पहचान न मिलने से आपके तनावग्रस्त हो सकते हैं।

बिज़नेस करने वाले जातकों के लिए यह अवधि चुनौतीपूर्ण हो सकती है। आपको कम धन लाभ होने के आसार हैं, वहीं दूसरी ओर आपको व्यवसाय में हानि का सामना भी करना पड़ सकता है। इन सभी बातों के अलावा, आपको अपने प्रतिद्वंदियों से भी कड़ी टक्कर झेलनी पड़ सकती है।

आर्थिक पक्ष देखें तो, बृहस्पति का उदय आपके लिए ज्यादा लाभकारी न रहने का अंदेशा है। आप अपने कमाए हुए पैसों को ठीक ढंग से बचाने और रोकने में असमर्थ रह सकते हैं। वहीं कुछ जातकों को घूमने-फिरने के दौरान भी धन हानि हो सकती है।

प्रेम संबंध की दृष्टि से देखें तो, आप दोनों के रिश्ते में संतुष्टि की कमी पैदा होने के संकेत हैं। जिसके परिणामस्वरूप आप अपने अहंकार के कारण अपने प्रियतम और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ अपने रिश्ते बिगाड़ बैठेंगे।

मकर राशि के जातकों की सेहत के लिए यह वक्त परेशानी भरा रह सकता है। आपको पैर, जांघ और घुटनों में दर्द की शिकायत होने की आशंका है। इसके अलावा, आपको अपनी माता जी के स्वास्थ्य पर भी अधिक धन खर्च करना पड़ सकता है।

चौथे भाव से बृहस्पति आपकी कुंडली के आठवें, दसवें और बारहवें भाव पर दृष्टि डाल रहा है। इसके परिणामस्वरूप आपको जीवन में आराम की कमी, परिवार में तनाव, पैसों का नुकसान और नौकरी में दबाव का सामना करना पड़ सकता है।

उपाय- हनुमान जी के लिए शनिवार के दिन यज्ञ-हवन करें।

कुंभ

आपकी कुंडली के दूसरे और ग्यारहवें भाव पर बृहस्पति का शासन है और अब वह तीसरे भाव में उदय होने जा रहे हैं।

इसके परिणामस्वरूप कुंभ राशि के जातकों को धन कमाने में आसानी होगी, लेकिन इसी के साथ आप अपने कमाए हुए पैसों को बचाने में असफल हो सकते हैं और यह आपकी परेशानी का कारण बनेगा। इस अवधि में आपको काम के सिलसिले में अधिक यात्राएं भी करनी पड़ सकती है।

ग्यारहवें भाव के स्वामी के तौर पर बृहस्पति का तीसरे भाव में होना यह दर्शाता है कि इस अवधि में आपको यात्राओं से लाभ हो सकते हैं। इसके अलावा, आप अपने शानदार संवाद कौशल की बदौलत दूसरों पर अच्छा प्रभाव डालने में भी सफल होंगे और आप इस वक्त में अपनी सभी इच्छाओं की पूर्ति करने में भी सफल होंगे।

करियर के लिहाज़ से देखें तो, आपके लिए यह अवधि सामान्य नतीजे लेकर आएगी। कार्यस्थल पर आपको अधिक दबाव झेलना पड़ सकता है, लेकिन दूसरी ओर आप तरक्की करने में भी सक्षम होंगे। इसके अलावा, आपको काम के सिलसिले में कई जगहों पर जाना पड़ सकता है और आपकी जगह में भी बदलाव होने के संकेत हैं।

बिज़नेस करने वाले जातकों के लिए बृहस्पति का मेष राशि में उदय, अनुकूल न रहने के आसार हैं। आपको व्यवसाय में नुकसान झेलना पड़ सकता है, साथ ही आपको सारी चीजें सही ढंग से चलाने में भी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। अगर आप पार्टनरशिप में व्यवसाय करते हैं, तो आपके पार्टनर के साथ संबंधों में उतार-चढ़ाव आने की आशंका है।

आर्थिक लिहाज़ से बृहस्पति का उदय आपके लिए सकारात्मक न रहने का अंदेशा है। इस अवधि में आपके खर्च में वृद्धि होने की संभावना है और इस बात के भी संकेत हैं कि आप ठीक ढंग से अपने पैसों का इस्तेमाल न कर पाएं।

प्रेम संबंध की दृष्टि से देखा जाए तो, आपके रिश्ते सामान्य रहने के आसार हैं। आप दोनों के बीच तालमेल की कमी के कारण रिश्ते में खटास आने की आशंका है। इसलिए आपको अपने रिश्ते को बेहतर बनाए रखने के लिए अपने अंदर कुछ ख़ास बदलाव करने की जरूरत है।

स्वास्थ्य के लिहाज़ से देखें तो, बृहस्पति का मेष राशि में उदय, कुंभ राशि के जातकों को इस वक्त में सिर दर्द और नसों से संबंधित दिक्कत झेलनी पड़ सकती है।

तीसरे भाव से बृहस्पति आपकी कुंडली के सातवें, नौवें और ग्यारहवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। इसके प्रभाव अनुसार, जातकों को रिश्तों, भाग्य, और इच्छाओं की पूर्ति करने में बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है।

उपाय- रोज़ाना ऊँ नमः शिवाय का जाप करें।

मीन

मीन राशि के जातकों के लिए बृहस्पति पहले और दसवें भाव के स्वामी हैं और अब वह आपकी कुंडली के दूसरे भाव में उदय होने जा रहे हैं। दूसरा भाव आर्थिक लाभ, परिवार और रिश्तों का प्रतिनिधित्व करता है।

पहले भाव के स्वामी के तौर पर बृहस्पति का दूसरे भाव में होना दर्शाता है कि आप इस अवधि में अच्छी मात्रा में धन लाभ अर्जित करने में सफल होंगे और साथ ही आप पैसे बचाने में भी सक्षम होंगे।

चौथे भाव के स्वामी के रूप में बृहस्पति का दूसरे भाव में होना इस बात का संकेत है कि आप अपने परिवार के ऊपर धन खर्च कर सकते हैं। साथ ही इस बात के भी संकेत हैं कि आप प्रॉपर्टी में भी निवेश करेंगे। इस अवधि में आपके घर में कोई शुभ कार्य होने के संभावना है और आप इस पर भी पैसे खर्च कर सकते हैं।

करियर के लिहाज़ से बृहस्पति का मेष राशि में उदय, आपके लिए सकारात्मक परिणाम लेकर आने वाला है।आपको नौकरी के मामले में नए अवसरों की प्राप्ति हो सकती है, जिसके प्रभाव से आप अपने जीवन में सुखी और संतुष्टि महसूस करेंगे। इसके अलावा, जातकों को प्रमोशन मिलने के भी योग हैं और इसके साथ ही आपको कई और फायदे भी मिल सकते हैं।

बिज़नेस करने वाले जातकों के लिए यह अवधि फलदायी साबित होगी, लेकिन इसी के साथ आपको कुछ चुनौतियों का भी सामना करना पड़ सकता है। आप अपने प्रतिद्वंदियों को अच्छी टक्कर देने में और आगे निकलने में सक्षम होंगे।

आर्थिक पक्ष को देखा जाए तो, बृहस्पति का उदय आपके लिए शानदार रहेगा। इस अवधि में आप अच्छी मात्रा में धन कमाने में और सही जगहों पर निवेश करने में सफल होंगे। इसके परिणामस्वरूप आपका लाइफस्टाइल भी बेहतर होगा।

प्रेम संबंध की दृष्टि से देखें तो, इस वक्त में आपके रिश्ते सामान्य रहने की संभावना है। इसलिए आपको अपने पार्टनर के साथ कुछ अहम बदलाव करने की जरूरत पड़ सकती है। आप दोनों के बीच अहंकार के कारण बिना बात के विवाद हो सकते हैं, इसलिए सतर्क रहें।

आपकी सेहत की बात करें, तो मीन राशि के जातकों का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आपको कोई भी बड़ी परेशानी न होने की संभावना है।

दूसरे भाव से बृहस्पति आपकी कुंडली के छठे, आठवें और दसवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। जिसके परिणामस्वरूप आपको आर्थिक लाभ और करियर में तरक्की के योग बन रहे हैं।

उपाय- भगवान शंकर के लिए गुरुवार को हवन-यज्ञ करें।


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