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शनि कुंभ राशि में वक्री (17 जून 2023)

शनि कुंभ राशि में वक्री (17 जून 2023 को) होने वाले हैं। ज्योतिष में शनि देव को बहुत ही महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है यह सबसे मंद गति से चलने वाले ग्रह हैं लगभग ढाई वर्ष तक एक राशि में स्थित रहकर ढैया का निर्माण करते हैं और इसी कारण शनि का प्रभाव किसी भी व्यक्ति पर सबसे अधिक पड़ता है क्योंकि यह 2 राशियों मकर और कुंभ के स्वामी हैं और जिस भाव में बैठते हैं उस भाव के अतिरिक्त तीसरे भाव, सातवें भाव और दसवें भाव को पूर्ण दृष्टि से देखते हैं। इस प्रकार न्यूनतम रूप से भी शनि का प्रभाव कम से कम 6 राशियों पर एक बार में हो सकता है। शनि देव का प्रभाव व्यक्ति के जीवन में बड़े-बड़े बदलाव लाने में सक्षम होता है। यह कर्म सेवा के कारक ग्रह हैं। इन्हें न्यायदाता और कर्म फल दाता भी कहा जा सकता है क्योंकि यह व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार शुभ अशुभ परिणाम प्रदान करते हैं। यह व्यक्ति को सीख देने के लिए बड़े कठोर हो सकते हैं लेकिन कभी भी उसका अहित करने का प्रयास नहीं करते हैं। अपितु उसे कुंदन की तरह तपाकर सोना बनाना इनकी विशेषता है। यह मेष राशि में नीच अवस्था में और तुला राशि में उच्च अवस्था में होते हैं।

शनि कुंभ राशि में वक्री- 17 जून 2023

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वर्तमान समय में शनि अपनी कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं और इसी कुंभ राशि में 17 जून 2023 की रात्रि 10:48 बजे यह वक्री अवस्था में आ जाएंगे और अपनी वक्री चाल से समस्त जीव धारियों को प्रभावित करेंगे। शनि की वक्र दृष्टि आमतौर पर अनुकूल नहीं मानी जाती है लेकिन जिन जातकों की कुंडली में शनि वक्री अवस्था में होते हैं उन्हें शनि की वक्री अवस्था में अत्यधिक अनुकूल परिणामों की प्राप्ति होती है और उनके जीवन में उन्नति का वास होने लगता है। शनि देव कुंभ राशि में 4 नवंबर, 2023 की प्रातः 8:26 बजे तक वक्री रहकर एक बार पुनः मार्गी अवस्था में आ जाएंगे और जातकों को शनि के वक्री चाल से मुक्ति प्राप्त होगी। ग्रह जगत में सबसे महत्वपूर्ण प्रभाव डालने वाले मंद गति से चलने वाले शनैश्चर महाराज आपके जीवन में क्या प्रभाव लेकर आने वाले हैं यह आपको बताएंगे शनि कुंभ राशि में वक्री को आधार बनाकर लिखे गए इस लेख में।

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शनि कर्म प्रधान ग्रह है इसलिए आपके जीवन में कर्म की गति को निर्धारित करने में शनि का महत्वपूर्ण प्रभाव होता है और यह देखते हैं कि आप अपने कर्म को सही दिशा में कर रहे हैं अथवा नहीं। यह न्याय और सेवा के कारक ग्रह हैं इसलिए यह व्यक्ति को न्यायाधीश और वकील के साथ-साथ नौकरी पेशा व्यक्ति भी बनाते हैं। व्यक्ति के कर्म को प्रभावित करने वाले शनि ग्रह अब कुंभ राशि में वक्री होने जा रहे हैं और इस प्रकार यह आपके जीवन को विभिन्न रूपों में प्रभावित करने वाले हैं। तो आइए जानते हैं आपकी राशि पर क्या होगा कुंभ राशि में वक्री शनि का प्रभाव:

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मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए कुंभ राशि में वक्री शनि आपके करियर को प्रभावित करेंगे। आपको अपनी नौकरी में ज्यादा मेहनत और प्रयास करने की आवश्यकता पड़ेगी। पहले से ज्यादा मेहनत करने से आप थोड़े से हैरान और परेशान भी हो सकते ।आपको कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि अत्यधिक काम होने से आप वर्कहोलिक हो सकते हैं जिससे शारीरिक थकान और मानसिक तनाव आपके ऊपर हावी हो सकता है लेकिन ध्यान रखिए शनि आपकी परीक्षा ले रहे हैं। मेहनत करते जाइए आने वाले समय में यही शनि आपको सब कुछ प्रदान करेंगे। व्यवसाय जगत के जातकों को कुछ पुराने रुके हुए काम दोबारा करने का मौका मिल सकता है जिससे उनके व्यापार की वृद्धि होगी। यह समय आर्थिक रूप से अनुकूलता लेकर आएगा, चुनौतियां कम होंगी और धन लाभ के योग बनेंगे। हालांकि प्रेम संबंधों में तनाव बढ़ने की संभावना रहेगी। आपको सोच समझकर बातचीत करनी चाहिए और अपने प्रियतम का दिल ना दुखे ऐसे काम करने चाहिए। विद्यार्थियों को शिक्षा पर ज्यादा एकाग्र होकर काम करना होगा तभी वह और बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगे।

उपाय: शनिवार के दिन काले तिलों का दान करना आपके लिए लाभदायक रहेगा।

वृषभ राशि

शनि कुंभ राशि में वक्री होकर वृषभ राशि के दशम भाव को मुख्य रूप से प्रभावित करेंगे। विदेश यात्राओं में व्यवधान उत्पन्न हो सकते हैं। कामकाज को लेकर काफी भागदौड़ रहेगी। यदि आप नौकरी में बदलाव करने का विचार बना रहे हैं तो इस विचार को मन से निकाल दें और अभी जहां हैं वहीं पर बने रहें। शनि के वक्री अवस्था में नौकरी बदलने से आपको बार-बार नौकरी बदलने की स्थिति बनेगी और स्थायित्व की कमी रहेगी इसलिए जब शनि मार्गी हो जाए तब आप नौकरी बदलने का विचार करें। अपनी नौकरी को और बेहतर बनाने का प्रयास करें। भाग्य की कृपा से आपके काम तो बनेंगे लेकिन यदि आपकी कुंडली में शनि वक्री अवस्था में नहीं है तो आपके कामों में कुछ विलंब करा सकती है। आप जिस परिणाम की प्रतीक्षा कर रहे थे वह थोड़ा देर से प्राप्त हो सकता है। पारिवारिक जीवन में थोड़ा तनाव होने की संभावना है। माता-पिता के स्वास्थ्य का ध्यान दें। व्यवसाय को लेकर साझेदार से संबंध को थोड़ा सा ध्यान देना पड़ेगा। दांपत्य जीवन में हल्के फुल्के तनाव की स्थिति बन सकती है। आपको अनुशासित जीवन व्यतीत करने से लाभ होगा और आवश्यकताओं पर ध्यान केंद्रित करना आपके लिए सुविधाजनक रहेगा। आर्थिक रूप से यह समय आपको आगे बढ़ने की ओर प्रेरित करेगा।

उपाय: आपको शनिवार के दिन संध्या के समय पीपल वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए।

मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों के लिए भाग्य की कृपा प्राप्त होने में विलंब होने लगेगा। आप जो पिछले काफी समय से मानसिक तनाव से जूझ कर बाहर निकले हैं अब फिर से कुछ समय के लिए उसकी आहट होगी लेकिन घबराए नहीं बल्कि डटकर इस समय का सामना करें। शनि जो अपने पिछले गोचर में आपको देना चाहते थे वह अब आपको देंगे इसलिए यदि आपके कर्म की गति सही है तो इस दशा में आपको लंबी यात्राओं से लाभ होगा। विदेश जाने में सफलता प्राप्त हो सकती है। आपकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होने लगेगी लेकिन पिताजी का स्वास्थ्य कुछ परेशानीजनक हो सकता है। उनकी सेहत में गिरावट आपके लिए चिंता का विषय बनेगी। आर्थिक तौर पर यह गोचर अनुकूलता दिखाएगा और आपको लंबे लंबे चलने वाले अनुबंध करा सकता है जिससे आपको लंबे समय तक धन की प्राप्ति हो सके। भाई बहनों से संबंधों में उतार-चढ़ाव की स्थिति बन सकती है अचानक से कोई पैतृक संपत्ति प्राप्त होने से आपको खुशी मिल सकती है। वाद विवाद को लेकर थोड़ी सावधानी रखें क्योंकि कोर्ट या कचहरी में चल रहे मुकदमे कुछ समय तक चल सकते हैं। उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे विद्यार्थियों को ज्यादा मेहनत करने की आवश्यकता पड़ेगी। नौकरी में स्थानांतरण हो सकता है।

उपाय: आपको शनिवार के दिन श्री शनि चालीसा का पाठ करना चाहिए।


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कर्क राशि

कर्क राशि के लोगों के लिए अष्टम भाव में शनि देव का वक्री होना ज्यादा अनुकूल तो नहीं कहा जा सकता है क्योंकि आपकी पहले से ही ढैया चल रही है। ऐसी स्थिति में आपको बहुत सोच समझकर कदम रखना चाहिए। सर्वप्रथम तो किसी भी तरह के निवेश से आपको पूरी तरह से बचना चाहिए। इस समय में निवेश करना नुकसानदायक साबित हो सकता है। स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखने की कोशिश करें क्योंकि इस दौरान यदि आप अपने स्वास्थ्य को नजरअंदाज करते हैं तो किसी बड़ी बीमारी का शिकार हो सकते हैं। वाहन चलाते समय सावधानी बरतें। मानसिक तनाव को स्वयं पर हावी ना होने दें। कार्यक्षेत्र में मन के मुताबिक परिणाम नहीं मिल रहा हो तो अपनी तरफ से मेहनत करना जारी रखें यदि आपकी कुंडली में शनि वक्री अवस्था में है तो यही शनि आपको बनाने की क्षमता प्रदान करेंगे। आप भले ही कितनी ही विकट परिस्थितियों में क्यों ना हो शनि आपको उनमें से बाहर निकाल लेंगे और आपको उन्नति के शिखर की ओर लेकर जाएंगे। बस आप अपने काम के पक्के रहिए। व्यापार में भी उन्नति होगी। दांपत्य जीवन में हल्के तनाव के बाद स्थितियां नियंत्रण में रहेंगी। विदेश जाने की इच्छा पूरी हो सकती है।

उपाय: आपको चींटियों को आटा डालना चाहिए।

सिंह राशि

सिंह राशि में जन्म लेने वाले लोगों के सप्तम भाव में वक्री शनि का कुंभ राशि में प्रभाव दिखाई देगा। इस गोचर के परिणामस्वरूप व्यापारिक सौदों में मुनाफा दिखाई देगा। आपकी रुकी हुई योजनाएं फिर से गति पकड़ने लगेंगी। जो काम आप पहले करना चाह रहे थे लेकिन किसी कारण से वह अटक गया था तो वह पूरा होने लगेगा जिससे व्यवसाय में लाभ के योग बनने लगेंगे। हालांकि दूसरी तरफ आपके दांपत्य जीवन में कुछ तनाव बढ़ सकता है। आपको अपने जीवनसाथी को और बेहतर तरीके से समझना होगा और उनकी जिज्ञासाओं को शांत करते हुए उन्हें आवश्यक बातों पर समझाने की कोशिश करनी होगी क्योंकि बात-बात में तर्क वितर्क से आपसी वाद विवाद बढ़ सकता है और रिश्ते में तनाव के योग बनने की गुंजाइश बढ़ जाती है। लंबी यात्राओं पर जाने से पूर्व थोड़ा ध्यान दें क्योंकि उनसे असुविधा हो सकती है। अपने विरोधियों का पूरा ध्यान रखें क्योंकि वह आपको परेशान कर सकते हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता मिलने की स्थिति बन सकती है लेकिन ऐसा तभी होगा जब आपने पूर्व से नियमबद्ध होकर मेहनत की हो। इस दौरान अपना धन किसी को उधार देने और किसी से उधार लेने से बचें। पारिवारिक चुनौतियों को दूर करने का प्रयास करें।

उपाय: आपको शनिवार के दिन काले उड़द का दान करना चाहिए।

कन्या राशि

कन्या राशि के लिए शनि कुंभ राशि में वक्री होने से आपके छठे भाव में रहेंगे। इस दौरान आपको अपने स्वास्थ्य का पूरा ध्यान देना होगा क्योंकि आपकी कोई पुरानी बीमारी दोबारा से उभर सकती है इसलिए स्वास्थ्य के साथ-साथ अपनी सेहत को बढ़िया बनाने की ओर निरंतर आपको प्रयासरत रहना होगा क्योंकि आपकी जरा सी चूक आपको बड़ी परेशानी में लेकर आ सकती है। इस दौरान आपके खर्चों में बढ़ोतरी होगी लेकिन नौकरी के सिलसिले में विदेश जाने के योग भी बन सकते हैं। सट्टा बाजार से दूर रहने की कोशिश करें। शेयर बाजार में अगर आपने पहले निवेश किया था तो इस दौरान उसका आपको अच्छा लाभ मिल सकता है। यदि न्यायालय में कोई मामला लंबित है तो उसके थोड़ा और आगे बढ़ने की संभावना रहेगी। आपको कुछ ज्यादा प्रयास करने के बाद कार्यक्षेत्र में सफलता मिलेगी। भाई बहनों से संबंध बिगड़ सकते हैं। थोड़ी सी सावधानी रखें और उनसे प्यार से पेश आएं। वाहन चलाते समय सावधानी रखें। आपको उदर रोग या छाती से संबंधित समस्या ज्यादा परेशान कर सकती है साथ ही पाचन तंत्र एसिडिटी जैसी समस्याओं के लिए आपको तैयार रहना चाहिए और उनका निदान ढूंढ कर रखना चाहिए। सही सुपाच्य भोजन करने पर ध्यान दें और परहेज को भी अपनाएं। आपको पुराने कर्ज चुकाने में सफलता मिलेगी। कोई पुरानी संपत्ति आपको मिल सकती है। धीरे-धीरे वाद विवादों में भी विजय प्राप्त होने लगेगी।

उपाय: आपको मछलियों को दाना डालना चाहिए।

तुला राशि

तुला राशि में जन्म लेने वाले जातकों के लिए योगकारक होने वाले शनि ग्रह कुंभ राशि में वक्री अवस्था में होने के कारण आपके प्रेम संबंधों में तनाव बढ़ा सकते हैं। आपको अपने प्रियतम को समझने में कुछ समस्या होगी। आपसी गलतफहमियां बढ़ने से आप रिश्ते की परिपक्वता को नहीं संभाल पाएंगे और ऐसे में रिश्ते में बिखराव की स्थिति बन सकती है इसलिए आपको इस दिशा में विशेष प्रयास करने होंगे लेकिन, अविवाहित जातकों को अपने दांपत्य जीवन में प्रेम का अनुभव होगा। एक दूसरे से निकटता बढ़ेगी। यह समय आर्थिक चुनौतियों को दूर करने में मददगार साबित हो सकता है लेकिन हो सकता है उससे पहले आपको कोई झटका लगे जैसे कि संभव है कि आपकी नौकरी चली जाए लेकिन उसके बाद अचानक से आपको कोई बढ़िया नौकरी प्राप्त होगी। यदि नौकरी बदलना चाह रहे हैं तो अभी कुछ समय के लिए रुक जाएँ और धैर्य रखें। जहां पर हैं उसी नौकरी में बने रहने से आने वाले समय में बदलाव फायदेमंद होगा। प्रबल योग बन रहे हैं कि इस अवधि में आपका विवाह हो सकता है। आर्थिक रूप से समय अच्छा रहेगा। विद्यार्थियों को शिक्षा ग्रहण करने में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। एकाग्रता की कमी आपको पीड़ित कर सकती है। परिवार में अशांति ना हो इसका ध्यान रखना होगा। माताजी के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखें और संतान को भी सही दिशा निर्देश दें तथा उनके स्वास्थ्य पर नजर बनाए रखें।

उपाय: आपको शनिवार के दिन रुद्राभिषेक कराना चाहिए।

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि में चतुर्थ भाव में वक्री शनि का प्रभाव होगा। इस गोचर के प्रभाव से पारिवारिक जीवन में कुछ अशांति बढ़ सकती है। पारिवारिक सदस्यों का स्वास्थ्य भी इस दौरान विशेष ध्यान देने योग्य स्थिति में होगा। विशेष रुप से आपको अपनी माता जी के स्वास्थ्य को लेकर सतर्क होना पड़ सकता है। उनका पूरा ध्यान रखें और आवश्यकता होने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। पारिवारिक जमीन जायदाद को लेकर कोई झगड़ा होने की संभावना बन सकती है इसलिए इस दौरान वाद विवाद ना बढ़े तो बेहतर रहेगा और उसके लिए आपको धैर्य से काम लेना होगा लेकिन इसी दौरान आप कोई नई संपत्ति खरीदने की दिशा में भी प्रयास कर सकते हैं। कार्य क्षेत्र में स्थिति आपके पक्ष में रहेगी। आप पूरी मेहनत से अपना काम करेंगे जिससे नौकरी में आपकी स्थिति प्रबल होने लगेगी। व्यापार में लाभ के योग बनेंगे और आपका व्यापार उन्नति करेगा। शादीशुदा जातकों को कुछ तनाव का सामना करना पड़ सकता है। पारिवारिक गतिविधियों का असर आपके रिश्ते पर नकारात्मक रूप से पड़ने के कारण रिश्ते में कष्टों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि यह भी अच्छा है कि आप दोनों आपसी समझदारी दिखाते हुए हर चुनौती का सामना कर पाएंगे।

उपाय: शनिवार के दिन श्री बजरंग बाण का पाठ करें।


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धनु राशि

शनि कुंभ राशि में वक्री होकर धनु राशि के जातकों के लिए महत्वपूर्ण परिणाम लेकर आएंगे। आपको कुछ क्षेत्रों में अप्रत्याशित परिणाम प्राप्त होंगे जिनकी आप ने कल्पना भी नहीं की थी। आपके सहकर्मी कार्यक्षेत्र में आपको पूरा समर्थन देंगे जिससे कार्यक्षेत्र में आपकी स्थिति प्रबल होने लगेगी। आप अपने दोस्तों के साथ अच्छा समय बिताएंगे और उनके सुख-दुख की सुध लेंगे। उनके साथ आपके संबंध मधुर बनेंगे और उनके प्रयासों से आपको अपने व्यापार में और कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी। भाई बहनों से थोड़े बहुत तनाव के बीच प्रेम बढ़ेगा और आप उनकी मदद करते नजर आएंगे। हालांकि उन्हें कुछ निजी समस्याएं हो सकती हैं। आपके परिजनों और विशेषकर माता-पिता का स्वास्थ्य कमजोर होने की संभावना बन सकती है। इस अवधि में आपकी छोटी यात्राओं की स्थितियां बनेंगी लेकिन यात्राएं शुभ हों इसका आपको ध्यान रखना होगा। भाग्य की कृपा समय-समय पर मिलती रहेगी जिससे रुके हुए काम बनेंगे। विद्यार्थियों को शिक्षा में अच्छे परिणामों की प्राप्ति होगी और आप मन लगाकर पढ़ाई कर पाएंगे। आपकी मेहनत आपको आपकी शिक्षा में अनुकूल सफलता प्रदान करेगी।

उपाय: आपको इस अवधि में शनि के दुष्प्रभावों से बचने के लिए शनि मंत्र का जाप करना चाहिए।

मकर राशि

शनि कुंभ राशि में वक्री होने से आपके दूसरे भाव में रहेंगे। इस दौरान आपको अपनी वाणी पर नियंत्रण रखना होगा क्योंकि आप लोगों को भला बुरा बोल सकते हैं और इतना कड़वा बोल सकते हैं कि वह लोगों को हजम नहीं होगा और इससे आपके रिश्ते प्रभावित हो सकते हैं। ना केवल निजी जीवन में बल्कि बाहरी जीवन में भी आपको इस बात का ध्यान रखना होगा। हालांकि आर्थिक मोर्चे पर यह गोचर आपको अच्छे परिणाम प्रदान करेगा। इस अवधि में आपका धन बचने लगेगा यानी कि बैंक बैलेंस में बढ़ोतरी होगी। आप बचत कर पाएंगे। यदि कोई संपत्ति आप विक्रय करना चाहते थे और वो नहीं हो रही थी तो अब इस अवधि में वह हो जाएगी और उसका आपको अनुकूल प्रतिफल मिलेगा जिससे आप कोई और काम कर सकते हैं या कोई और संपत्ति खरीद सकते हैं। परिवार के सदस्यों में आपसी तालमेल की कमी दिखाई दे सकती है। उसे दूर करने के लिए आपको निरंतर प्रयासरत रहना चाहिए। जीवनसाथी को स्वास्थ्य समस्याओं का योग बन सकता है इसलिए उनके स्वास्थ्य पर ध्यान दें। पारिवारिक सुख सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी। आपको भी स्वास्थ्य समस्याओं में कमी महसूस होने लगेगी। प्रेम संबंधों के लिए यह अवधि अच्छी रहेगी और यदि आप किसी की प्रतीक्षा कर रहे हैं या कोई आपको छोड़कर चला गया है तो वह एक बार फिर आपके जीवन में लौट सकता है।

उपाय: आपको श्री गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।

कुंभ राशि

कुंभ राशि के जातकों के लिए शनि कुंभ राशि में वक्री का मुख्य प्रभाव प्राप्त होगा क्योंकि शनि आपकी ही राशि में वक्री हो रहे हैं और आपकी ही राशि के स्वामी भी हैं। मानसिक रूप से समय तनावपूर्ण रहेगा। आप समस्याओं को समझने में कुछ समय लेंगे। एकदम से निर्णय लेना आपके वश में नहीं होगा और ऐसे में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय आपके हाथ से निकल सकते हैं। परिवार में छोटो का समर्थन करें और भाई बहनों का पूरा सहयोग करें। इससे उनके मन में आपके प्रति प्रेम और विश्वास बढ़ेगा और आपके रिश्ते प्रबल होंगे। दोस्तों को आपकी मदद की दरकार हो सकती है। ऐसी स्थिति में उनके साथ खड़े रहें। व्यापार में उन्नति के योग बनेंगे। विदेशी संपर्कों से आपको लाभ होगा। करियर में ध्यान दें। इस दौरान आपको ज्यादा मेहनत करनी होगी क्योंकि यह समय आपसे यही मांग करेगा कि आप अपने काम को सबसे ज्यादा महत्व दें और ज्यादा से ज्यादा मेहनत करें। इस चक्कर में पड़कर आप अपने स्वास्थ्य से हाथ धो बैठे हैं। इसका ध्यान रखना होगा। दांपत्य जीवन में थोड़ा बहुत तनाव हो सकता है लेकिन जीवन साथी और आप दोनों अपनी परिपक्वता दिखाकर समस्याओं से बच सकते हैं।

उपाय: आपको श्री राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।

मीन राशि

मीन राशि में जन्मे जातकों के लिए शनि कुंभ राशि में वक्री होकर द्वादश भाव में रहेंगे जिससे विदेश यात्राओं के योग बनेंगे। खर्चों में बढ़ोतरी होगी लेकिन वह आपके लिए कुछ अच्छे कामों पर हो सकते हैं। यदि आप विदेश जाना चाहते थे तो उस पर धन खर्च तो अच्छा होगा लेकिन आप विदेश जाने में कामयाब हो सकते हैं। सेहत का आपको ध्यान रखना पड़ेगा नहीं तो अस्पताल जाने की नौबत आ सकती है। विरोधियों को लेकर आपको चिंतित होने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी क्योंकि शनि आपके विरोधियों को परेशान करके रख देंगे और वह आपके सामने आने की हिम्मत नहीं जुटा पाएंगे। विदेशी संपर्कों का आपको लाभ मिलेगा। धन लाभ विदेशी माध्यमों से हो सकता है। यदि आप कोई ऐसा व्यापार करते हैं जो सुदूर राज्यों में या सुदूर देशों से संबंधित है तो आपका व्यापार उन्नति करेगा लेकिन सामान्य व्यापार करने वाले जातकों को धन की कमी का एहसास हो सकता है। ऐसे में उन्हें पूंजी निवेश की आवश्यकता पड़ेगी। आप कहीं से कर्ज़ ले सकते हैं लेकिन इस दौरान कर्ज़ लेना बहुत कठिन होगा क्योंकि कर्ज मिल तो आसानी से जाएगा लेकिन इसे लौटने में आपको काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा इसलिए थोड़ी सावधानी रखें। आपके लिए कोशिश जरूर करेंगे कि आप को प्रेरित कर सकें इसलिए मंत्रों से बचने की कोशिश करें फिजूलखर्ची से बचना आपके लिए अच्छा होगा जिससे धन संचय करने में भी सुविधा होगी।

उपाय: शनिवार के दिन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और उनकी सात परिक्रमा लगाएं।


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