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शनि कुंभ राशि में अस्त (30 जनवरी 2023)

शनि कुंभ राशि में अस्त 2023: वैदिक ज्योतिष में शनि देव को श्याम वर्ण का माना गया है जो कौए की सवारी करते हैं और हाथ में धनुष लिए हुए हैं। शनि महाराज दायित्व, समस्याओं, अनुशासन, अखंडता, तपस्या और विनम्रता आदि से संबंध रखते हैं, तो वहीं ज्योतिष में यह आध्यात्मिकता, कर्तव्य और संरचना का प्रतिनिधित्व करते हैं। कर्मफल दाता होने के नाते ये लोगों को उनके कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। इसके अलावा, शनि देव को कुंभ और मकर राशि का स्वामित्व प्राप्त है और अब ये 30 जनवरी 2023 को रात 12 बजकर 02 मिनट पर कुंभ राशि में अस्त हो जाएंगे। एस्ट्रोसेज का यह विशेष आर्टिकल आपको शनि के अस्त होने से सभी 12 राशियों पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में विस्तार से बताएगा।

शनि कुंभ राशि में अस्त 2023, जानें सम्पूर्ण जानकारी!

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Read in English: Saturn Combust In Aquarius (30 Jan 2023)

शनि कुंभ राशि में अस्त 2023: शनि का महत्व

जैसे कि हम ऊपर बता चुके हैं कि शनि ग्रह को मकर और कुंभ राशि का आधिपत्य प्राप्त है और यह एक राशि में 2 वर्ष 6 महीने तक रहते हैं। हालांकि, सामान्यतौर पर शनि को एक क्रूर ग्रह माना जाता है क्योंकि ये अव्यावहारिकता, वास्तविकता, तर्क,अनुशासन, कानून, धैर्य, देरी, कड़ी मेहनत, श्रम और दृढ़ संकल्प के प्रतीक हैं। साथ ही, शनि "कर्म कारक" ग्रह भी है। वास्तव में, लोगों को ये सब चीज़ें पसंद नहीं होती हैं क्योंकि ये इंसान को सपनों की दुनिया से बाहर लेकर आती है और वास्तविकता के दर्शन कराती हैं। यही शनि देव का काम है इसलिए इनके प्रभावों को स्वीकार करना मनुष्य के लिए मुश्किल होता है।

और अब शनि 30 जनवरी 2023 को रात 12 बजकर 02 मिनट पर अपनी ही मूल त्रिकोण राशि कुंभ में अस्त हो रहे हैं जो कि वायु तत्व और पुरुष स्वभाव की राशि है। कुंभ शनि ग्रह के स्वामित्व वाली दूसरी राशि होने के साथ-साथ मूलत्रिकोण राशि भी है। इस राशि में शनि आरामदायक स्थिति में होते हैं और जातकों को अच्छे और शुभ फल प्रदान करते हैं। तो आइये आगे बढ़ते हैं और शनि कुंभ राशि में अस्त 2023 के प्रभावों के बारे में जानने से पहले जानते हैं कि किसी ग्रह के अस्त होने का क्या अर्थ होता है? साधारण शब्दों में किसी ग्रह का अस्त होना एक ऐसी स्थिति होती हैं जब कोई ग्रह सूर्य के बहुत करीब आ जाता है और अगर शनि की बात करें तो शनि जब दोनों तरफ से सूर्य के 15 अंश पर स्थित होते हैं तो ये अस्त हो जाते हैं।

सूर्य के बहुत नज़दीक होने से ग्रह अपनी शक्ति खो देते हैं और इसे ही ग्रह का अस्त होना कहा जाता हैं। ऐसे में, शनि अपनी अस्त स्थिति के कारण अपनी समस्त शक्तियां खो बैठेंगे और इसके परिणामस्वरूप जातकों को कार्यों में सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने के लिए समस्याओं का सामना करना पड़ सकता हैं। शनि अस्त होने के कारण बुजुर्ग, गरीब और जरूरतमंद लोगों की स्थिति बिगड़ सकती हैं। लोग सुस्त नज़र आएंगे, साथ ही न्यायपालिका प्रणाली और कानून से जुड़े मामलों में देरी, हड़ताल जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। हालांकि, आपको बता दें कि यह सामान्य भविष्यवाणी है लेकिन व्यक्तिगत भविष्यवाणी के लिए हमें किसी जातक की कुंडली में चल रही दशा और शनि की स्थिति को देखना होगा।

यह राशिफल आपकी चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी व्यक्तिगत चन्द्र राशि अभी जानने के लिए चंद्र राशि कैलकुलेटर का उपयोग करें।

शनि कुंभ राशि में अस्त 2023: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय

मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए शनि आपके दसवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं जो अब अपनी ही राशि में आय, धन लाभ और इच्छा के भाव यानी कि ग्यारहवें भाव में अस्त हो रहे हैं। ऐसे में, शनि कुंभ राशि में अस्त 2023 होने से मेष राशि के जातकों को छिपे हुए शत्रुओं या अनिश्चितताओं के कारण पेशेवर जीवन में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता हैं जैसे कि प्रमोशन या वेतन मिलने में देरी, बच्चों की शिक्षा पर धन खर्च या फिर शेयर मार्किट में हानि होने की वजह से आर्थिक संकट से जूझना पड़ सकता हैं इसलिए किसी भी तरह का नया निवेश करने के साथ-साथ किसी पर विश्वास करते समय भी सतर्क रहें।

उपाय: प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें और प्रत्येक मंगलवार एवं शनिवार के दिन हनुमान जी को बूंदी का प्रसाद चढ़ाएं।

वृषभ राशि

वृषभ राशि के जातकों के लिए शनि नौवें और दसवें भाव के स्वामी हैं जो अब स्वयं की राशि के दसवें भाव में अस्त होने जा रहे हैं। यह भाव पेशे और सामाजिक छवि का भाव है। शनि कुंभ राशि में अस्त 2023 होने से इन जातकों के लिए इस बात की संभावना बन रही है कि निजी जीवन में चल राशि समस्याओं का असर आपके पेशेवर जीवन पर पड़ सकता है। ऐसे में, कार्यक्षेत्र पर आपको प्रेरणा और आत्म विश्वास की कमी महसूस हो सकती है। आशंका है कि आपको आपकी मेहनत का फल न मिले। इस राशि के जो जातक कंपनी या स्थान परिवर्तन के बारे में सोच रहे हैं, उनके लिए इस योजना को भविष्य के लिए टाल देना बेहतर साबित होगा। साथ ही, इन जातकों को अपने माता-पिता के स्वास्थ्य का भी ख्याल रखना होगा क्योंकि उन्हें कुछ स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं और समय-समय पर उनका रूटीन चेकअप भी करवाते रहें।

उपाय: शनिवार के दिन गरीबों को भोजन कराएं।

मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों के लिए शनि ग्रह आठवें और नौवें भाव के स्वामी हैं और अब यह अपनी ही राशि के नौवें भाव में अस्त होने जा रहे हैं जो कि धर्म, पिता, लंबी यात्राओं, तीर्थस्थल और भाग्य का भाव है। ऐसे में, मिथुन राशि के जातकों को अपने पिता, गुरु और पिता समान लोगों की सेहत का ध्यान रखना होगा क्योंकि इनके लिए लापरवाही हानिकारक साबित हो सकती है। इन लोगों को कमज़ोरी, घुटनों और जोड़ों में दर्द की समस्या हो सकती है इसलिए रुटीन चेकअप करवाते रहें। शनि अस्त होने के कारण मिथुन राशि के जातकों को भाग्य का साथ न मिलने की आशंका है, साथ ही, इस दौरान आपको कार्यों में बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। ये आपकी परीक्षा का समय है इसलिए मेहनत से पीछे न हटें और आपके द्वारा किये जा रहे प्रयास ही आपको इन समस्याओं से बाहर निकालेंगे।

उपाय: शनिवार के दिन मंदिर के बाहर गरीबों को भोजन कराएं।


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कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों के लिए शनि देव आपके सातवें और आठवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके दीर्घायु, अचानक से मिलने वाली ख़ुशी और गोपनीयता के भाव यानी कि आठवें भाव में अस्त होने जा रहे हैं। शनि कुंभ राशि में अस्त 2023 होने के कारण आपका शादीशुदा जीवन प्रभावित हो सकता है और ऐसे में आपको उतार-चढ़ावों का सामना करना पड़ सकता है। किसी तीसरे व्यक्ति के हस्तक्षेप की वजह से पार्टनर के साथ विवाद या बहस होने की आशंका है इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि अपने वैवाहिक जीवन में किसी को दखल न देने दें और बात करते समय अपने शब्दों पर ध्यान दें। जिन जातकों का व्यापार हैं उन्हें पार्टनरशिप में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

उपाय: सोमवार और शनिवार के दिन भगवान शिव को काले तिल अर्पित करें।

सिंह राशि

सिंह राशि के जातकों के लिए शनि आपके छठे और सातवें भाव के स्वामी हैं जो अब सातवें भाव यानी कि जीवनसाथी और पार्टनरशिप के भाव में अस्त होने जा रहे हैं। ऐसे में, सिंह राशि के जातकों को इस अवधि के दौरान पार्टनर के प्रति अपने व्यवहार पर नज़र बनाए रखनी होगी क्योंकि आप उनपर हावी हो सकते हैं और इसका असर आपके वैवाहिक जीवन में लंबे समय तक बना रह सकता है। साथ ही, आपको अपनी सेहत पर भी ध्यान देना होगा क्योंकि आपकी सेहत में उतार-चढ़ाव आने की संभावना है। हालांकि, शनि कुंभ राशि में अस्त 2023 स्थिति के शुभ प्रभावों के बारे में बात करें तो इस दौरान आपके शत्रु आपको हानि नहीं पहुंचा पाएंगे लेकिन आप खुद अपने लिए समस्याएं पैदा कर सकते हैं।

उपाय: अपने दफ़्तर या घर में काम करने वाले कर्मियों की सहायता करें। संभव हो तो उन पर से काम का बोझ कम करें।

कन्या राशि

कन्या राशिवालों के लिए शनि देव आपके पांचवें और छठे भाव के स्वामी हैं और यह आपके छठे भाव में अस्त हो रहे हैं जो कि शत्रु, स्वास्थ्य, प्रतिस्पर्धा और मामा का भाव है। कन्या राशि के जो जातक किसी प्रतियोगी परीक्षा में भाग लेने जा रहे हैं उनको परिणामों में देरी के साथ-साथ पढ़ाई में उतार-चढ़ावों का सामना करना पड़ सकता है। शनि कुंभ राशि में अस्त 2023 होने से जो जातक उच्च शिक्षा जैसे पीएचडी या विदेश में शोध कार्य की पढ़ाई करना चाहते हैं तो उन्हें कुछ समस्याओं से जूझना पड़ सकता है। इस राशि की महिला जातकों के मायके में किसी करीबी की तबियत बिगड़ने की आशंका है। साथ ही, नौकरीपेशा जातकों को कार्यक्षेत्र में अपने प्रदर्शन में गिरावट देखने को मिल सकती है।

उपाय: अपने जीवन की समस्याओं को दूर करने के लिए व्यवस्थित रहें क्योंकि शनि देव को अव्यवस्था पसंद नहीं है।


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तुला राशि

तुला राशि के जातकों के लिए शनि एक योगकारक ग्रह है जिन्हें चौथे और पांचवें भाव का स्वामित्व प्राप्त है और अब शनि आपके पांचवें भाव में अस्त होने जा रहे हैं जो कि शिक्षा, प्रेम संबंध और संतान आदि का भाव है, साथ ही यह पूर्वपुण्य भाव भी है। जो लोग शेयर बाजार से संबंध रखते हैं उनके लिए ये समय मुश्किलभरा हो सकता है। इस राशि के लोग अपनी संतान, उनकी सेहत और व्यवहार को लेकर चिंतित नज़र आ सकते हैं और इस राशि की गर्भवती महिलाओं को अपनी सेहत का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। लेकिन, आपको ज्यादा पार्टी न करने और सामाजिक मेलजोल बढ़ाने से बचना होगा क्योंकि ये आपको नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं और इसका सीधा असर आपकी संतान पर भी पड़ सकता है।

उपाय: दृष्टिहीन लोगों की सहायता करें और नेत्रहीन विद्यालयों में सेवा प्रदान करें।

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शनि आपके चौथे और तीसरे भाव के स्वामी हैं जो अब आपके चौथे भाव में अस्त होने जा रहे हैं और इस भाव को माता, घरेलू जीवन, घर, वाहन और संपत्ति माना गया है। यदि आप नया घर, वाहन या कोई संपत्ति आदि खरीदने की योजना बना रहे हैं तो इस समय आपको थोड़ा इंतज़ार करना होगा क्योंकि ये समय इन सब चीज़ों को ख़रीदने के लिए अनुकूल नहीं है। शनि कुंभ राशि में अस्त 2023 के दौरान जातकों को किसी भी बड़े निवेश से बचना होगा। पेशेवर जीवन में चल रहे तनाव के कारण आपके घर-परिवार का माहौल थोड़ा ख़राब रह सकता है इसलिए आपको निजी और पेशेवर जीवन में संतुलन बनाकर चलने की सलाह दी जाती है। इस अवधि के दौरान आपको अपनी माता के स्वास्थ्य का ख्याल रखना होगा और उनका रुटीन चेकअप करवाते रहें।

उपाय: प्रतिदिन हनुमान जी की पूजा करें क्योंकि हनुमान जी की पूजा से शनि देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।


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धनु राशि

धनु राशिवालों के लिए शनि महाराज आपके दूसरे और तीसरे भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके तीसरे भाव में अस्त होने जा रहे हैं जिसे भाई-बहन, रूचि, छोटी यात्राओं और बातचीत का भाव माना गया है। धनु राशि के जातकों के लिए शनि कुंभ राशि में अस्त 2023 की अवधि थोड़ी मुश्किलभरी हो सकती है क्योंकि इस दौरान आप किसी से अच्छे से बातचीत करने में सक्षम नहीं होंगे और आप खुद को सामाजिक कारणों की वजह से बंधा हुआ महसूस करेंगे। संचार के क्षेत्र में काम करने वाले लोग जैसे अध्यापक, काउंसलर आदि को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस अवधि के दौरान जातकों को अपने भाई-बहनों के साथ रिश्तों का ध्यान रखना होगा क्योंकि उनके साथ बहस या विवाद होने की आशंका है।

उपाय: श्रमदान करें। हो सके तो शारीरिक रूप से लोगों की मदद करें।

मकर राशि

मकर राशि के जातकों के लिए शनि देव आपके लग्न और दूसरे भाव के स्वामी हैं जो अब परिवार, बचत, वाणी के भाव यानी कि दूसरे भाव में अस्त होंगे। ऐसे में, इन जातकों को शनि कुंभ राशि में अस्त 2023 की अवधि के दौरान अपनी सेहत के प्रति सजग रहना होगा क्योंकि आपको गले से जुड़ी समस्याओं या गलत खानपान की आदतों के कारण परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, इन लोगों की परिवार के किसी सदस्य के साथ बहस होने की आशंका है और इस दौरान आपकी वाणी कठोर हो सकती है। ऐसे में, गलतफहमियां बढ़ सकती हैं इसलिए मकर राशि के जातकों को अपने करीबियों से बात करते समय अपनी वाणी को नियंत्रण में रखने की सलाह दी जाती है। वहीं, जो जातक गूढ़ विज्ञान या ज्योतिष जैसे विषयों का अध्ययन करना चाहते हैं उनके लिए ये समय अनुकूल हैं।

उपाय: शनि मंत्र "ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः" का जाप करें।

कुंभ राशि

कुंभ राशि के जातकों के लिए शनि महाराज आपके लग्न और बारहवें भाव के स्वामी हैं और अब ये आपके लग्न भाव में अस्त होने जा रहे हैं। इसका असर कुंभ राशिवालों की सेहत पर पड़ सकता है और आप अचानक से बिमारियों की चपेट में आ सकते हैं इसलिए आपको खानपान अच्छा बनाए रखने के साथ-साथ आराम करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, लग्न भाव में सूर्य के प्रवेश और लग्न भाव के स्वामी के अस्त होने से आपमें अहंकार की झलक दिखाई दे सकती है जिसके चलते करीबियों के साथ भी बहस या विवाद होने की आशंका है। शनि कुंभ राशि में अस्त 2023 को इस राशि के जातकों के वैवाहिक जीवन के लिए अच्छा नहीं कहा जा सकता है और आप दोनों के बीच अपने आपको श्रेष्ठ साबित करने की होड़ देखने को मिल सकती है। इसका नकारात्मक असर आपके वैवाहिक जीवन पर भी पड़ सकता है। हालांकि, सामान्यरूप से लग्न भाव में शनि की ये स्थिति विकास की दृष्टि से अच्छे परिणाम देगी लेकिन फिर भी आपको सतर्क रहने की आवश्यकता होगी।

उपाय: शनिवार के दिन भगवान शनि के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं।

मीन राशि

मीन राशि के जातकों के लिए शनि ग्यारहवें और बारहवें भाव के स्वामी है और अब ये आपके बारहवें भाव में अस्त हो जाएंगे। ऐसे में, आप काफ़ी समय से लंबित पड़े कानूनी कार्यों में व्यस्त दिखाई दे सकते हैं। आर्थिक रूप से, ये जातक धन की बचत करने में जुट जाएंगे क्योंकि आपके खर्चों में बढ़ोतरी हो सकती हैं इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि अपने खर्चों पर नियंत्रण रखें और पैसा खर्च करने से पहले अच्छे से सोच-विचार करें। मीन राशि के जो जातक लोन लेने के बारे में विचार कर रहे हैं उन्हें इस अवधि में ऐसा करने से बचना होगा। वहीं, इस राशि के बुजुर्ग जो किसी तीर्थस्थल या फिर बिज़नेस यात्रा पर जाने की योजना बना रहे हैं उन्हें अपने जीवन में चल रही समस्याओं के कारण इन्हें रद्द करना पड़ सकता है। इन जातकों को ध्यान और योग करने की सलाह दी जाती है।

उपाय: छाया दान करें, इसके लिए आपको एक कटोरी में सरसों का तेल लेकर उसमें अपना प्रतिबिंब देखें और फिर शनि मंदिर में इसका दान करें।


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