शनि का कुंभ राशि में उदय (18 मार्च 2024)
शनि का कुंभ राशि में उदय 18 मार्च 2024 को होने वाला है। शनि पिछली 11 फरवरी 2024 से अस्त अवस्था में चल रहे हैं और अब 18 मार्च 2024 की प्रातः 7:49 बजे अस्त अवस्था से निकलकर उदित हो जाएंगे। शनि ग्रह वैदिक ज्योतिष में सबसे महत्वपूर्ण ग्रह माने जाते हैं क्योंकि यह सबसे धीमी गति से चलते हैं और एक राशि में लगभग ढाई वर्ष की अवधि तक विराजमान रहकर व्यक्ति के जीवन को गहराई से प्रभावित करते हैं इसलिए जब शनि देव अपनी अस्त अवस्था से निकलकर उदय अवस्था में आ जाएंगे तो वह लोगों के जीवन में बड़े-बड़े बदलाव लाने में सक्षम होंगे। जाहिर तौर पर शनि का अस्त अवस्था से उदित अवस्था में आना कुछ जातकों के लिए अत्यंत शुभ होगा तो कुछ जातकों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
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वर्तमान समय में शनि अपनी ही राशि कुंभ में गोचर कर रहे हैं, ऐसे में शनि का उदित होना और भी अधिक प्रभावशाली होगा। आमतौर पर यह जातकों को अनुकूल फल प्रदान करने वाला साबित हो सकता है। अन्य ग्रहों की भांति जब शनि ग्रह भी सूर्य से अस्त हो जाते हैं तो उनके प्रभाव में कमी आ जाती है और ऐसे में अस्त अवस्था के दौरान कई प्रकार की समस्याएं बढ़ सकती हैं। लेकिन अब जब शनि उदय अवस्था में आने वाले हैं, वह भी अपनी कुंभ राशि में तो जातकों के जीवन में नव ऊर्जा का संचार होगा, उनकी आशाएं बढ़ेंगी और जीवन में सकारात्मक सोच के साथ वे आगे बढ़ सकते हैं।
ज्योतिष में शनि ग्रह का महत्व
शनि ग्रह को वैदिक ज्योतिष के अंतर्गत दो राशियों मकर और कुंभ राशि का अधिपति माना गया है। यह शुक्र के आधिपत्य वाली तुला राशि में अपनी उच्च अवस्था में और मंगल के आधिपत्य वाली मेष राशि में अपनी नीच अवस्था में माने जाते हैं। शनि देव को मंद गति से चलने के कारण मंद भी कहा जाता है। यह सभी नवग्रहों में सबसे अधिक धीमी गति से चलने वाले ग्रह हैं जो एक राशि में लगभग ढाई वर्ष की अवधि तक रहते हैं और मेष से लेकर मीन तक एक राशि चक्र पूरा करने में इन्हें लगभग 30 वर्ष का समय लग जाता है। आम धारणा यह है कि शनि एक क्रूर ग्रह हैं क्योंकि यह जातक को वास्तविकता, तर्क, अनुशासन, कानून, धैर्य, कड़ी मेहनत, श्रम, दृढ़ संकल्प के साथ-साथ समस्याएं भी देते हैं। हालांकि, व्यावहारिक रूप से देखा जाए तो यह सभी गुण जातक को एक विशेष व्यक्तित्व प्रदान करते हैं और उसकी परख होती है।
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शनि एक कर्मफल दाता ग्रह हैं जो जातक को उसके कर्मों के अनुसार शुभ अथवा अशुभ फल प्रदान करते हैं। इसके अतिरिक्त यह दंडनायक भी हैं जो जातक की साढ़ेसाती की अवधि में जातक द्वारा किए गए कार्यों के लिए उसे फल प्रदान करते हैं। शनि जातक को वह सिखाते हैं जो आमतौर पर उसे पसंद नहीं होता है इसलिए जातक उन्हें क्रूर मान लेते हैं जबकि जातक के व्यक्तित्व में निखार लाने के लिए ये सभी गुण होने आवश्यक हैं इसलिए जातक को अच्छे कर्म करने के लिए प्रतिबद्ध रहना चाहिए। लोगों की भलाई में यानी परोपकार में अपना जीवन व्यतीत करने से शनि ग्रह आपको सदैव अपना सहयोग देते हैं और शनि की कृपा से जातक रंक से राजा भी बन सकता है। शनि प्रजातंत्र के कारक ग्रह हैं इसलिए शनि की कृपा से ही बड़े-बड़े राजनेताओं का जन्म होता है। अब यही शनि देव अपनी कुंभ राशि में उदित होने वाले हैं तो आईए जानते हैं शनि देव का कुंभ राशि में उदित होना सभी राशि के जातकों के लिए कैसा साबित होने वाला है:
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यह राशिफल आपकी चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी व्यक्तिगत चन्द्र राशि अभी जानने के लिए चंद्र राशि कैलकुलेटर का उपयोग करें।
शनि का कुंभ राशि में उदय:राशि अनुसार राशिफल और उपाय
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए शनि दसवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और वर्तमान समय में यह आपके ग्यारहवें भाव में उदित होने वाले हैं।
शनि का कुंभ राशि में उदयआपके कार्यक्षेत्र में हो रही समस्याओं के अंत का परिचायक बनेगा। कार्यक्षेत्र में जो आपके विरोधी आपको परेशान कर रहे थे और जो आपके विरोधी छिपे हुए थे, वे अब आपके सामने प्रकट हो जाएंगे और आप उन्हें हर हाल में पराजित करके ही मानेंगे। आपके करियर को लेकर अनिश्चितताएं दूर होंगी और पेशेवर जीवन में आपको सफलता प्राप्त होने लगेगी। आप जमकर मेहनत करेंगे। पहले भी आप मेहनत कर रहे थे लेकिन वह दिखाई नहीं दे रही थी लेकिन अब वह आपके वरिष्ठ अधिकारियों की निगाह में आएगी और उससे आपको लाभ होगा। आपकी पदोन्नति का मार्ग प्रशस्त होगा। आपकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार होने के योग बनेंगे और आपकी रुकी हुई पदोन्नति मिलने से आपको धन लाभ होने के योग बनेंगे। यदि आप विदेश जाने के लिए प्रयास कर रहे थे तो उसमें भी आपको सफलता मिल सकती है। हालांकि काम के सिलसिले में परिवार से कुछ दूरी हो सकती है या कुछ समय के लिए आपके घर से दूर जाना पड़ सकता है लेकिन यह सब कुछ आपके हित में ही होगा। व्यापार को लेकर नए प्रयास करने से आपको सफलता मिलेगी। बेरोजगार जातकों को रोजगार की प्राप्ति हो सकती है। आपको अच्छी दैनिक आमदनी प्राप्त होगी। वैवाहिक जीवन में भी आपको ध्यान देने की आवश्यकता पड़ेगी। आपके प्रयासों से आपका वैवाहिक जीवन भी सुखद हो जाएगा और यदि आप एक विद्यार्थी हैं तो इस दौरान आपको अपनी शिक्षा से नौकरी प्राप्त करने का अच्छा अवसर मिल सकता है।
उपाय:आपको शनिवार के दिन श्री बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए।
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए शनि नवम भाव और दशम भाव के स्वामी हैं और वर्तमान समय में आपके दशम भाव में गोचर कर रहे हैं और यहीं पर उदित होने वाले हैं।
शनि का कुंभ राशि में उदय आपके दशम भाव में होने से आपकी सामाजिक छवि में सुधार होगा। जो लोग आपको कुछ गलत समझ बैठे थे, वह अब आपकी तारीफ करते नहीं हटेंगे। आपके भाग्य का आपको पूरा साथ मिलेगा और भाग्य की कृपा से आपके सभी रुके हुए काम बनने लगेंगे। कार्यक्षेत्र में आपको उन्नति मिलेगी। मनचाहा तबादला भी आपको मिल सकता है। कार्यक्षेत्र में आपकी प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी होगी और आप अपनी अलग पहचान बनाने में कामयाब रहेंगे। आपकी मेहनत आपको हर प्रकार की सफलता दिलाएगी। यदि आप कोई व्यापार करते हैं तो उसमें भी उन्नति के रास्ते खुलेंगे। काम के सिलसिले में विदेश यात्रा और दूसरे शहरों की यात्रा करने का मौका मिल सकता है। आप परिवार पर भी पूरा ध्यान दे पाएंगे और परिवार की जरूरत को समझेंगे। व्यवसाय के रूप में आपके लिए कुछ नए अवसर आएंगे जो आपको उन्नति प्रदान करेंगे। वैवाहिक जीवन में आपको तनातनी से बचने की कोशिश करनी चाहिए और अपने जीवनसाथी को पर्याप्त समय देना चाहिए। स्थान परिवर्तन करने के लिए भी यह समय उपयुक्त रहेगा।
उपाय:आपको शनिवार के दिन चीटियों को आटा डालना चाहिए।
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मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए शनि अष्टम भाव और नवम भाव के स्वामी हैं और वर्तमान समय में नवम भाव में गोचर कर रहे हैं और यहीं पर उदित होंगे।
शनि का कुंभ राशि में उदयआपके नवम भाव में होने से आपको अचानक से लाभ होने का मार्ग प्रशस्त होगा। कई काम जो रुके हुए थे, अचानक से शुरू हो जाएंगे और आपकी समस्याओं का अंत होगा। आपका कार्यक्षेत्र में तबादला होने के योग भी बनेंगे। यदि आप नौकरी बदलना चाह रहे थे तो उसमें भी आपको सफलता मिल सकती है। पिताजी के साथ जो अनबन चल रही थी, वह अब कुछ हद तक कम हो जाएगी। इस दौरान आपको लंबी यात्रा करने का मौका मिल सकता है। यदि आप कोई व्यापार करते हैं तो व्यवसाय से संबंधित यात्राएं आपके व्यापार की बढ़ोतरी के लिए एक अनुकूल माध्यम साबित हो सकती हैं। आपको भाग्य की कृपा मिलेगी। इस दौरान आपके पिताजी के स्वास्थ्य में कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। भाई-बहनों से आपके संबंध उतार-चढ़ाव से भरे रहेंगे। उनको आपकी मदद की दरकार हो सकती है, ऐसी स्थिति में उनकी सहायता करें। आप आमदनी बढ़ाने के लिए नए प्रयास करेंगे और उनमें आपको काफी हद तक सफलता मिलने की उम्मीद की जा सकती है। आपके विरोधियों को शनि के उदित होने से नुकसान होगा और आप उनकी चिंता से बाहर निकल आएंगे।
उपाय:आपको शनिवार के दिन संध्या के समय पीपल वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए शनि सातवें भाव और आठवें भाव के स्वामी हैं और वर्तमान समय में शनि का गोचर कुंभ राशि में आपके आठवें भाव में हो रहा है। वहीं पर शनि देव उदित होने वाले हैं।
शनि का कुंभ राशि में उदयआपके अष्टम भाव में हो रहा है इसलिए आपको कुछ मामलों में सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ना होगा और कुछ जगह पर ध्यान देने की आवश्यकता पड़ेगी। इस दौरान आपको अपनी स्वास्थ्य समस्याओं का ध्यान रखना होगा और किसी भी स्वास्थ्य समस्या को बढ़ने न देने पर आपका ध्यान होना चाहिए क्योंकि अगर ऐसा नहीं होता है, तो आपकी समस्या बढ़ सकती है और आप किसी बड़ी बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। जीवन में आशा को महत्व देने से आपको आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। मानसिक तनाव में बढ़ोतरी हो सकती है लेकिन आपके व्यवसाय में उन्नति होने के योग बनेंगे। व्यावसायिक सामंजस्य स्थापित होगा और आपके कुछ नए व्यावसायिक साझेदारों से संपर्क स्थापित हो सकते हैं। यदि कुंडली में आपकी स्थिति अनुकूल नहीं है तो ऐसे में शनि की यह ढैया कहलाएगी जिसे कंटक शनि भी कहेंगे। ऐसी स्थिति में आपको कुछ संभलकर चलना होगा। दीर्घकालीन योजनाएं बनाने के लिए यह समय उपयुक्त रहेगा। आप भविष्य की योजनाओं को साकार रूप देने के लिए अभी से प्रयास कर सकते हैं, उनमें आपको सफलता मिलेगी। ससुराल पक्ष के लोगों से आपका सामंजस्य बेहतर होगा और उनसे आपके संबंध सुधरेंगे। इस अवधि में आप ज्ञान-धर्म की बातें अधिक कर सकते हैं और उनमें आपकी रुचि बढ़ेगी। आप यदि इस क्षेत्र से संबंधित हैं तो आपको अपने क्षेत्र में अच्छी सफलता प्राप्त होगी और अच्छे आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त हो सकते हैं। इस दौरान बीच-बीच में धन प्राप्ति के योग भी बनेंगे और संतान सुख की प्राप्ति होगी।
उपाय:काले तिल मिश्रित दूध से भगवान श्री शिव शंकर जी का अभिषेक करना चाहिए।
सिंह राशि
शनि का कुंभ राशि में उदयआपकी राशि के सातवें भाव में होने वाला है। शनि महाराज आपकी राशि के लिए छठे और सातवें भाव के स्वामी हैं।
सप्तम भाव में शनि को दिग्बल प्राप्त होता है और ऐसे में शनि और ज्यादा मजबूत हो जाते हैं। वर्तमान समय में शनि आपके सप्तम भाव में ही उदित हो रहे हैं, ऐसे में यह समय आपके व्यापार की उन्नति के लिए निश्चित तौर पर विशेष फलदायी साबित हो सकता है। व्यापार में दीर्घकालीन योजनाओं में आपको लाभ मिलेगा। आप अपने व्यापार को दीर्घकाल तक आगे बढ़ाने के लिए जो प्रयास करेंगे, उनमें आपको सफलता मिलेगी। यदि आप व्यापार को विस्तार देना चाहते हैं तो उसमें भी आपको सफलता मिल सकती है। आपके व्यावसायिक साझेदार से भी आपके संबंध सुधरेंगे जिससे आपके व्यापार की शिथिलता दूर होगी। व्यवसायिक यात्राएं आपके व्यापार को उन्नति प्रदान करेंगी, कुछ नए लोगों से मिलकर आप अपने व्यापार को आगे बढ़ा पाएंगे। आपके जीवनसाथी का आपको सहयोग मिलेगा। जीवनसाथी के साथ यदि कुछ समस्याएं आ रही थी तो वे अब धीरे-धीरे दूर हो जाएंगी और आपको अपने दांपत्य जीवन में विशेष रूप से अच्छे दिन देखने को मिल सकते हैं। इस दौरान आपको थोड़ा सा अपने शत्रुओं पर ध्यान देना चाहिए। यदि आपने किसी बैंक लोन का आवेदन किया है तो वह आपको मिल सकता है। यदि आप अपने जीवनसाथी के नाम से कोई लोन लेकर कोई काम करना चाहते हैं तो उसमें भी आपको सफलता मिल सकती है।
उपाय:आपको अपने अधीन काम करने वाले लोगों को प्रसन्न रखने की कोशिश करनी चाहिए और उन पर बेवजह गुस्सा नहीं दिखाना चाहिए।
कन्या राशि
यदि आपका जन्म कन्या राशि में हुआ है तो शनि आपकी राशि के लिए पांचवें भाव और छठे भाव के स्वामी हैं। वर्तमान समय में कुंभ राशि में आपके छठे भाव में गोचर कर रहे हैं और यहीं पर शनि उदित होने वाले हैं।
शनि का कुंभ राशि में उदयछठे भाव में होने से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी और पुराने रोगों में कमी आएगी। यदि आप पुरानी किसी बीमारी की चपेट में हैं तो धीरे-धीरे उससे बाहर निकालने के योग बनेंगे। यही नहीं, यदि न्यायालय में कोई मुकदमा आपके विरुद्ध चल रहा है तो उसमें भी आपके पक्ष में स्थितियां बनने लगेंगी। विद्यार्थियों को प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता मिलने के योग बनेंगे इसलिए आपको अपने उच्च अध्ययन या सरकारी नौकरी के लिए भरपूर तैयारी करनी चाहिए और प्रतियोगिता परीक्षा में पूरी तैयारी से सम्मिलित होना चाहिए। आपको कार्यस्थल पर संघर्ष का सामना करना पड़ रहा था, अब उसमें कुछ कमी आएगी और आपके संघर्ष का प्रतिफल अब आपको मिलेगा। कानूनी वाद-विवाद में सफलता के योग बनेंगे। आपके जो कुछ गुप्त शत्रु थे, वे आपके सामने प्रत्यक्ष हो जाएंगे और आप उनको पहचान जाएंगे जिससे आपको कार्यक्षेत्र पर भी अच्छे परिणामों की प्राप्ति होगी। नौकरी में आपकी स्थिति सुखद होगी और आपकी मेहनत कार्यक्षेत्र में आपको सफलता प्रदान करेगी। आपके मामा पक्ष से आपके संबंध सुधरेंगे। इस दौरान लंबी यात्रा के योग भी बन सकते हैं। आपको इस दौरान कोई बड़ा बैंक लोन या कर्ज लेने से बचना चाहिए क्योंकि उसको चुकाने में बहुत समय लग सकता है। प्रेम संबंधों में प्रगाढ़ता के योग बनेंगे और आपका प्रेम परवान चढ़ेगा। संतान को सुख की प्राप्ति होगी।
उपाय:शनि देव की कृपा प्राप्ति के लिए आपको अपने जीवन में अनुशासित रहना चाहिए और नियमों का पालन करना चाहिए।
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए शनि योगकारक ग्रह हैं क्योंकि यह आपके केंद्र भाव और त्रिकोण भाव के स्वामी हैं यानी कि आपका चौथे और पांचवें भाव के स्वामी हैं। वर्तमान समय में यह आपके पंचम भाव में ही गोचर कर रहे हैं और इस भाव में शनि उदित होने वाले हैं।
शनि का कुंभ राशि में उदयपंचम भाव में होने से आपको अपनी संतान से सुख प्राप्ति का योग बनेगा। यदि आप बहुत लंबे समय से संतान प्राप्ति की इच्छा रख रहे थे और आपकी वह इच्छा अटकी हुई थी तो अब उसके पूरा होने के योग बन सकते हैं। शनि महाराज की कृपा से आपको संतान की प्राप्ति हो सकती है। आपके प्रेम संबंधों के लिए परीक्षा के बाद अब आगे बढ़ने का समय रहेगा यानी कि आपके प्रेम संबंधों में प्रगाढ़ता आएगी। संबंधों में मधुरता बढ़ेगी और आप तथा आपके प्रियतम एक-दूसरे के निकट आएंगे। आपके रिश्ते की बात आगे बढ़ सकती है और आप विवाह के लिए प्रयासरत दिखाई देंगे। शिक्षा को लेकर आपको कठिन अनुशासित जीवन व्यतीत करना होगा और अपने शिक्षा कार्यक्रमों को मजबूती प्रदान करने पर ध्यान देना होगा। जहां तक आपकी नौकरी की बात है, इस दौरान आपकी नौकरी में बदलाव आ सकता है और आपको दूसरी नौकरी प्राप्त होने के योग बनेंगे। आपकी आमदनी में अच्छी तेजी देखने को मिल सकती है और इस दौरान आपकी आमदनी तेज होगी तथा आपके व्यापार में भी प्रगति होगी। आप अपने जीवनसाथी से भरपूर प्रेम करेंगे। जीवनसाथी के माध्यम से भी आपको धन लाभ हो सकता है। आप धन संचित करने में भी सफल हो सकते हैं। इस दौरान आपको जीवन में अनुशासित तरीके से हर काम को करना सफलता देगा।
उपाय:आपको विशेष रूप से शनिवार के दिन दृष्टिबाधित लोगों को भोजन कराना चाहिए या उनकी सेवा करनी चाहिए।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शनि तीसरे भाव और चौथे भाव के स्वामी हैं और वर्तमान समय में कुंभ राशि में आपकी राशि से चतुर्थ स्थान पर शनि गोचर कर रहे हैं और यहीं पर शनि देव उदित होंगे।
शनि का कुंभ राशि में उदयवृश्चिक राशि के जातकों के चौथे भाव में होने से आपको इस दौरान अपनी माताजी के स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए क्योंकि इस दौरान आपकी माताजी को स्वास्थ्य समस्याएं पीड़ित कर सकती हैं। पारिवारिक समस्याओं पर ध्यान देना होगा और उन्हें समझना होगा और अपनी जिम्मेदारी को निभाने पर आपको ध्यान देना होगा, नहीं तो घर में आपका ओहदा नीचे जा सकता है। अति आत्मविश्वासी होने से बचना होगा और किसी बात पर अहम की भावना से बाहर निकलने की कोशिश करनी होगी। आपको पारिवारिक जीवन के साथ-साथ अपने पेशेवर जीवन पर भी ध्यान केंद्रित करना होगा। नौकरी में आपकी अधिक मेहनत और सतर्कता की आवश्यकता पड़ेगी। इस दौरान आप कोई पुराना वाहन खरीद सकते हैं या किसी बनी बनाई संपत्ति को खरीदने में आपको सफलता मिल सकती है। यदि आप पहले से किसी मकान या स्थान पर रहते हैं और उसमें फिर से बदलाव करना चाहते हैं तो उसे तोड़फोड़ करके दोबारा बनाने के लिए भी समय अच्छा रहेगा। संपत्ति संबंधित विवाद यदि भाई-बहनों से चल रहा है तो उसके दूर होने के योग बनेंगे और घर में शांति का माहौल बन सकता है। आपके निवास स्थान में परिवर्तन होने के योग भी बन सकते हैं।
उपाय:आपको शनिवार के दिन चमेली के तेल का दीपक जलाकर संध्या काल में श्री हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
बृहत् कुंडली: जानें ग्रहों का आपके जीवन पर प्रभाव और उपाय
धनु राशि
शनि का कुंभ राशि में उदय आपकी राशि से तीसरे भाव में होने वाला है। शनि महाराज आपके दूसरे और तीसरे भाव के स्वामी हैं और शनि का वर्तमान गोचर भी आपके तीसरे भाव में ही हो रहा है।
धनु राशि के जातकों के लिए शनि देव का उदित होना काफी अनुकूल रहने वाला है। इस दौरान आपको यात्राओं से लाभ होगा। छोटी-छोटी यात्राओं के योग बनेंगे। यदि यात्राओं में कोई समस्या आ रही थी तो वह दूर हो जाएगी। किसी पुराने मित्र से मुलाकात हो सकती है जिससे पुरानी यादें ताजा हो जाएंगी। दोस्तों के साथ अच्छा समय व्यतीत होगा। दोस्तों और परिवार के लोगों तथा संबंधियों और भाइयों का सहयोग आपको आपके कार्यों में मिलेगा जिससे आपको सफलता प्राप्त होने के योग बनेंगे। आपके परिवार का कोई छोटा सदस्य या आपके भाई-बहन विदेश जा सकते हैं। इस दौरान कार्यक्षेत्र में सहकर्मियों का पूरा सहयोग आपको प्राप्त होगा जिससे कार्यक्षेत्र में आपके प्रदर्शन में सुधार होगा। आपका कोई खास मित्र ही आपका प्रियतम भी बन सकता है। इस दौरान आप अपने किसी मित्र के निकट आएंगे। आप अपनी किसी रुचि को निखारेंगे और उसकी तरफ आपका रुझान बढ़ेगा। आप अपने भाग्य के साथ-साथ मेहनत पर भी ध्यान देंगे। इससे आपको हर तरफ से अच्छा लाभ मिलने के योग बनेंगे। आपको आलस्य को त्यागना चाहिए और जमकर मेहनत करने पर ध्यान देना चाहिए। खर्चों में कमी आएगी जिससे आर्थिक स्थिति अच्छी होगी।
उपाय:आपको आलस्य से बचना चाहिए और गरीबों की मदद करनी चाहिए।
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए शनि देव महत्वपूर्ण ग्रह हैं क्योंकि यह आपकी राशि के स्वामी हैं और उसके साथ ही आपके धन भाव यानी कि दूसरे भाव के स्वामी भी हैं। वर्तमान समय में शनि आपके दूसरे भाव में कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं और इसी कुंभ राशि में शनि उदित होंगे।
शनि का कुंभ राशि में उदयआपके दूसरे भाव में होने से आपका धन भाव मजबूत होगा जिससे धन लाभ के योग बनेंगे। यदि आपकी कोई आर्थिक योजना अटक गई थी या कोई ऐसा काम, जो आपको धन प्रदान कर रहा था, रुक गया था तो वह फिर से शुरू हो जाएगा और आपको भरपूर धन देगा। इस दौरान आप धन को संचित करने में भी सफल होंगे और आपका बैंक-बैलेंस बढ़ेगा। कुटुंब में आपकी साख बढ़ेगी। आप यदि किसी पुरानी या गंभीर बीमारी की चपेट में हैं तो इस दौरान आपके स्वास्थ्य में भी अच्छा सुधार हो सकता है। परिवार के सदस्यों के साथ चल रहे वाद-विवाद से छुटकारा मिलेगा और उसके सुलझने के योग बनेंगे। आपकी बचत करने की प्रवृत्ति बढ़ेगी और आप धन संचित कर पाएंगे। आपको कार्यक्षेत्र में उच्च पद की प्राप्ति भी हो सकती है। आपको योग और अनुशासन का पालन अपनी दिनचर्या में करना चाहिए जिससे न केवल आपका स्वास्थ्य बल्कि आपकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो सके और आप जीवन में उन्नति कर सकें। इस दौरान आप कोई संपत्ति भी अर्जित कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त किसी संपत्ति के क्रय-विक्रय से भी आपको उत्तम लाभ प्राप्त हो सकता है।
उपाय:आपको शनिवार के दिन शनि देव के बीज मंत्र का जाप करना चाहिए।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए शनि का उदित होना सर्वाधिक महत्वपूर्ण साबित होगा क्योंकि यह आपके द्वादश भाव के स्वामी होने के साथ-साथ आपकी राशि के स्वामी भी हैं और वर्तमान समय में आपकी ही कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं। ऐसे में शनि का कुंभ राशि में उदय होना आपके लिए बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण साबित होगा और आपके जीवन पर इसका सर्वाधिक प्रभाव पड़ेगा।
शनि का उदयआपकी ही राशि में होने से यह आपके लिए बहुत ज्यादा प्रभावशाली होने वाला है। आपको इस दौरान अपने व्यक्तित्व पर ध्यान देना होगा। आपको अपने जीवन की कमियों पर ध्यान देने की आवश्यकता पड़ेगी। आपने बहुत कुछ सीखा है, उसे अब जीवन में ढालने का समय आ गया है जिससे आपके व्यक्तित्व और शरीर का विकास होगा। आपको बिल्कुल भी आलस नहीं करना है बल्कि हर काम को पूरी मेहनत और ईमानदारी से करने पर ध्यान देना है। अपनी नई दिनचर्या को बनाने के लिए सबसे अच्छा समय होगा। योग, ध्यान, व्यायाम, आदि को अपनी दिनचर्या में शामिल करें और अपने मन एवं शरीर की ऊर्जा को बढ़ाने की कोशिश करें। इससे आप ऊर्जावान रहेंगे और हर काम को बहुत अच्छे से कर पाएंगे। कार्यक्षेत्र में आपकी उन्नति होगी। आप अपनी नौकरी में भरसक प्रयास करेंगे कि अच्छे से अच्छा प्रदर्शन कर सकें और उसमें बहुत हद तक सफल भी होंगे। इससे आपकी आर्थिक स्थिति भी सुधरेगी और आपके पेशेवर जीवन के लिए भी अच्छा समय रहेगा। आपके करियर में उन्नति होगी। आपके वैवाहिक संबंधों में सुधार आएगा लेकिन आप स्पष्टवादी होंगे जो कई बार आपके जीवनसाथी को बुरा लग सकता है फिर भी आप अपनी बात पर अडिग रहेंगे, इससे धीरे-धीरे ही सही आपके संबंधों में सुधार आएगा। आपके भाई-बहनों के लिए आप बहुत कुछ करना चाहेंगे और उनकी मदद भी करेंगे जिससे उनके साथ संबंध सुधरेंगे। छोटी-मोटी यात्राएं आपको सफलता देंगी। आपको जीवन में सफल होने के लिए अपने प्रयासों में निरंतरता बनाए रखने पर ध्यान देना होगा।
उपाय:आपकोशनिवार के दिन भगवान श्री शनि देव के महाराज दशरथ कृत नील शनि स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए शनि ग्यारहवें और बारहवें भाव के स्वामी ग्रह हैं और वर्तमान समय में शनि का गोचर आपकी राशि से बारहवें भाव में चल रहा है। आपकी राशि से बारहवें भाव में ही शनि उदित होंगे।
शनि का कुंभ राशि में उदयआपकी राशि के द्वादश भाव में होने से आपके विदेश जाने के योग बन सकते हैं। यदि आप लंबे समय से विदेश जाना चाह रहे थे तो आपकी वह इच्छा पूरी हो जाएगी और आपका वीजा लग सकता है। आपको स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता पड़ेगी। छोटी-मोटी बीमारियों को भी नजरअंदाज न करें बल्कि उन पर पूरा ध्यान दें, नहीं तो वह गंभीर बीमारी का रूप ले सकती हैं और आपको अस्पताल भेज सकती है। इस दौरान आपको अपने खर्चे पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता होगी क्योंकि वह बहुत तेज गति से बढ़ेंगे और कोई न कोई पक्का खर्चा बना रह सकता है जिसका असर आपकी आर्थिक स्थिति पर पड़ने की संभावना बनी रहेगी। आपके परिवार के बुजुर्ग सदस्यों का स्वास्थ्य बिगड़ने की संभावना भी बन सकती है इसलिए आपको उनके स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए। आपको ध्यान और योग करना चाहिए तथा गरीबों के लिए कुछ विशेष दान करने के बारे में भी सोचना चाहिए। ऐसा करने से आपको उनका आशीर्वाद भी मिलेगा और उनकी दुआओं से आपके सभी काम बनने लगेंगे।
उपाय:आपको शनिवार के दिन छाया दान करना चाहिए। इसके लिए किसी मिट्टी या लोहे के बर्तन में सरसों का तेल भरकर उसमें अपना चेहरा देखकर उस तेल का दान कर दें।
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