शुक्र धनु राशि में मार्गी - 29 जनवरी 2022
शुक्र धनु राशि में मार्गी (29 जनवरी 2022) होने से जातक के जीवन में क्या कुछ बदलाव और परिवर्तन आने की आशंका है यह जानने के लिए पढ़ें वैदिक ज्योतिष पर आधारित एस्ट्रोसेज का यह विशेष लेख। शुक्र ग्रह को जीवन में भौतिक सुखों के कारक के रूप में देखा जाता है, क्योंकि इसके प्रभाव से ही जातक को जीवन में भौतिक सुख, वैवाहिक सुख, भोग-विलास, शौहरत, कला, प्रतिभा, सौन्दर्य, रोमांस, काम-वासना, आदि की प्राप्ति होती है। वैदिक ज्योतिष में शुक्र का गोचर एक महत्वपूर्ण स्थिति होती है जिसका प्रभाव हर मानव के जीवन पर शुभ अथवा अशुभ रूप से दिखाई देता है। ज्योतिष शास्त्र में शुक्र का गोचर लगभग 23 दिन की अवधि का होता है, अर्थात शुक्र एक राशि में लगभग 23 दिन तक रहता है और फिर अपना राशि परिवर्तन कर जाता है। शुभ ग्रह होने के कारण जब शुक्र ग्रह वक्री या मार्गी होता है तो इसका सीधा प्रभाव जातक के व्यवहार व स्वभाव पर पड़ता है।
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शुक्र का मार्गी होना डालेगा जातकों पर ख़ास प्रभाव
शुक्र की मार्गी अवस्था महिलाओं के मन व स्वभाव को सबसे अधिक प्रभावित करती है, क्योंकि शुक्र की इस स्थिति में उनके अंदर प्रेम की भावना अत्यधिक विकसित होने लगती है। जिसके परिणामस्वरूप शुक्र की ये अवस्था में महिलाओं के मन में साज श्रृंगार की विशेष रूचि देखी जा सकती है। वहीं शुक्र की इस स्थिति का पुरुषों में सबसे अधिक वासना व विलासिता पूर्ण कार्यों में उनका रुझान देखने को मिलता है। इस दौरान पुरुष जातक मादक पदार्थों का सेवन भी कर सकते हैं।
वृषभ और तुला राशि के स्वामी शुक्र ग्रह अपनी मार्गी अवस्था में विशेष रूप में सप्तम भाव को प्रभावित करते हैं। काल पुरुष कुंडली अनुसार ये भाव हमारे जीवन में विवाह, जीवनसाथी, पार्टनर, आदि को दर्शाता है। इसलिए विशेष रूप से जीवन की अन्य स्थितियों के अतिरिक्त इन्हें, व्यक्ति के भौतिक सुखों से संबंधित मानकर बहुत महत्व दिया जाता है।
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शुक्र के धनु राशि में मार्गी की समयावधि
शुक्र देव ने वर्ष 2022 में धनु राशि में ही गति को जारी रखा हुआ है, जहां ये अपनी वक्री अवस्था में चले गए थे और अब 29 जनवरी 2022, शनिवार को 14:55 बजे वक्री गति समाप्त करते हुए पुनः मार्गी अवस्था में आ जाएंगे और इसके पश्चात् ही वर्ष पर्यंत धनु राशि में स्थित रहकर शुक्र देव सभी राशियों को किसी न किसी रूप से आवश्यक ही प्रभावित करेंगे।
आइए अब यह जानने का प्रयास करते हैं कि अपनी वक्री गति को बदलकर मार्गी चाल से चलने वाले शुक्र देव, धनु राशि में रहकर 29 जनवरी 2022 के दौरान आप सभी पर किस प्रकार का प्रभाव दिखाते हैं:
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यह राशिफल चंद्र राशि पर आधारित है। चंद्र राशि कैल्कुलेटर से जानें अपनी चंद्र राशि
मेष
मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र दूसरे और सातवें घर के स्वामी हैं और अब शुक्र इनके नवम भाव यानी भाग्य स्थान मे मार्गी होंगे। इस दौरान इनके भाग्य स्थान पर शुक्र का मार्गी होना मेष राशि के जातकों के लिए शुभ रहने वाला है। साथ ही इस दौरान आपको भाग्य का पूरा साथ मिलेगा, जिसके परिणामस्वरूप कार्यस्थल पर आप जिस भी कार्य में हाथ डालेंगे उसमे आपको निश्चित रूप से सफलता की प्राप्त होगी।
करियर में भी आपकी उन्नति होगी। इसके अलावा वो जातक जो व्यवसाय से जुड़े हुए हैं, उन्हें शुक्र की इस स्थिति से अपने व्यवसाय में भी अच्छा लाभ मिलने के योग बन रहे हैं। कई जातकों का इस दौरान धर्म के प्रति रुझान बढ़ेगा और इस कारण वे कई धार्मिक कार्यों पर अपना धन खर्च करेंगे। इसके साथ ही शुक्र देव की कृपा से आपके जीवन में भी स्थिति पहले से बेहतर होती प्रतीत होंगी। पारिवारिक जीवन में आपको अपने भाई-बहनों का सहयोग प्राप्त होगा।
अब बात करें प्रेम संबंधों की तो शादीशुदा जातक अपने जीवनसाथी के साथ अच्छा समय व्यतीत करेंगे। शुक्र देव की मार्गी स्थिति आप दोनों के बीच में विश्वास और प्रेम को बढ़ाने का कार्य भी करेगी जिससे आपका रिश्ता और अधिक मजबूत होगा।
उपायः मां लक्ष्मी को खीर का भोग लगाएं।
वृषभ
शुक्र वृषभ राशि के स्वामी हैं और यह वृषभ राशि के छठे घर का स्वामित्व भी रखते हैं। अब ये आपकी राशि में इस दौरान अष्टम भाव में मार्गी होंगे। ऐसे में आपके अष्टम भाव में शुक्र का गोचर करना आपको अपने जीवन में मिले-जुले फल देने का कार्य करेगा।
इस समय आपको सबसे अधिक अपने स्वास्थ्य जीवन को लेकर सावधान रहने की सलाह दी जाती है। खासतौर से यदि आप पहले से किसी बीमारी से पीड़ित थे तो इस दौरान आपकी समस्या बढ़ने की आशंका अधिक रहेगी। हालांकि आपको कुछ छोटी-मोटी यात्रा पर जाने का अवसर मिलेगा और ये यात्रा आपके लिए शुभ ही रहेंगी। परंतु बावजूद इसके आपको इस दौरान थोड़ा संभलकर रहने की आवश्यकता है।
कार्यक्षेत्र की बात करें तो अपने शत्रुओं से सावधान रहें। क्योंकि वे आप पर हावी होने की कोशिश कर सकते हैं। साथ ही आपको इस अवधि के दौरान जितना संभव हो, बाहर के खाने से परहेज करते हुए केवल और केवल घर का बना खाना ही खाने की हिदायत दी जाती है।
उपायः किसी पास के मंदिर में जाकर रोज़ाना घी का दीपक जलाएं।
मिथुन
शुक्र, बुध के मित्र ग्रह हैं और मिथुन राशि के पांचवें घर और बारहवें घर की अध्यक्षता करते हैं। ये ग्रह इस अवधि के दौरान धनु राशि में उनके सप्तम भाव में मार्गी होगा। ऐसे में आपके सप्तम भाव में शुक्र का पहले से वहां मौजूद मंगल के साथ युति करना आपको सामान्य से अधिक अनुकूल फल देने का कार्य करेगा।
खासतौर से अपने संबंधों में इस दौरान आपको उत्तम फल मिलने के योग बनेंगे। वो सिंगल जातक जो विवाह के लिए सोच रहे हैं या प्रेमी के साथ अपने विवाह की बात आगे बढ़ाना चाह रहे हैं, उन्हें इस समय शुक्र देव की कृपा से भाग्य का साथ मिलेगा। इसके अलावा प्रेमी जातकों की लव लाइफ में भी शुक्र देव अनुकूलता लाने का कार्य करेंगे।
परंतु बावजूद इसके आपको अपने साथी या पार्टनर के साथ हर प्रकार के विवाद में पड़ने से बचना होगा। वहीं शादीशुदा जातकों को भी भाग्य का साथ मिलेगा, ऐसे में दांपत्य जातकों के रिश्ते में मधुरता आएगी और वे अपने कार्यक्षेत्र में भी उन्नति हासिल कर सकेंगे। लेकिन आपको खुद को सेहतमंद रखने के लिए इस अवधि के दौरान सबसे अधिक नकारात्मक विचारों को अपने ऊपर हावी होने देने से रोकना होगा।
उपायः नियमित रूप से गणेश जी की आराधना करें और उन्हें लड्डूओं का भोग लगाएं।
कर्क
शुक्र आपके चौथे और ग्यारहवें भाव का स्वामित्व रखते करते हैं। अब कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके छठे भाव में मार्गी हो रहे हैं, इसलिए यह समय आपके लिए काफी अच्छा रहने वाला है। इस दौरान शुक्र देव आपको भाग्य का पूरा साथ देने वाले है। खासतौर से वो जातक जो साझेदारी के व्यापार से जुड़े हैं, उनके लिए समय उत्तम सिद्ध होगा। वे अपने व्यापार में लाभ और अच्छा मुनाफा अर्जित करेंगे।
इस राशि के विद्यार्थियों के लिए भी यह अवधि अनुकूल रहेगी। क्योंकि उनके द्वारा किए गए सभी प्रयास इस समय सफल होंगे। साथ ही ये वो समय होगा जब आप किसी कठिन विषय को समझने की कोशिश करेंगे, तो भी आप उसे बेहद आसानी से समझने में सक्षम होंगे।
अब बात करें आर्थिक जीवन की तो शुक्र देव की ये स्थिति आपको धन लाभ भी प्राप्ति होने के योग दर्शा रही है। हालांकि चुनौतियां इस दौरान भी आपके साथ रहेंगी, लेकिन आप उन्हें आसानी से हल करने में सफल रहने वाले हैं।
उपायः शिवजी जी को चावल की खीर का भोग लगाएं।
सिंह
शुक्र, आपके भाई-बहनों के तीसरे घर और करियर के दसवें घर को नियंत्रित करते हैं और अब सिंह राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके पंचम भाव में मार्गी होंगे। ऐसे में शुक्र का आपके पंचम भाव में वहां पहले से उपस्थित मंगल के साथ युति करना सबसे अधिक आपको शिक्षा से संबंधित और प्रेम से संबंधित अनुकूल फल देने वाला है।
इस अवधि के दौरान कार्यक्षेत्र पर नौकरीपेशा जातको की उन्नति होगी। साथ ही यदि आप पार्टनरशिप के व्यापार से जुड़े हैं तो, आप अपने पार्टनर के साथ अच्छा समय बिताते हुए उनके साथ अपने संबंध बेहतर करेंगे। साथ ही जो छात्र किसी सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं उनके लिए भी शुक्र देव की ये स्थिति विशेष अनुकूल सिद्ध होगी। क्योंकि ये वो समय होगा जब आपके द्वारा किए गए सभी प्रयास सफल होंगे और आपको अपनी परीक्षा में अच्छे अंक मिलने की संभावना बनेगी।
यदि आप नई नौकरी की तलाश कर रहे हैं तो, आपको भाग्य का साथ मिलने से किसी अच्छी नौकरी का अवसर मिल सकेगा। साथ ही नौकरीपेशा जातकों को ये समय अपनी वर्तमान नौकरी में भी अच्छा प्रमोशन मिलने के योग बना रहा है।
उपायः तांबे के लोटे में थोड़े से सफेद चावल पानी में डालकर, नियमित रूप से रोज़ाना सूर्य को जल दें।
कन्या
कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र दूसरे और नौवें घर के स्वामी हैं और अब शुक्र आपके चौथे भाव में मार्गी होंगे। आप के चौथे भाव में शुक्र का वहां पहले से ही मौजूद मंगल के साथ युति करना, आपको शुभ फल देने के योग बनाएगा। क्योंकि इस दौरान आपके सुख-सुविधा में वृद्धि होने के योग बनेंगे।
वो जातक जो पिछले समय से नया मकान या वाहन लेने के सोच रहे थे, उन्हें इस दौरान शुक्र की कृपा से अनुकूल अवसर मिलने वाले हैं। हालांकि इससे आपके कुछ खर्चों में बढ़ोतरी भी संभव है, इसलिए चीजों की खरीदारी करते समय बहुत सोच-समझकर ही कोई भी निर्णय लें।
करियर में आपको भाग्य का साथ पूरा मिलता दिखाई दे रहा है। जिसके परिणामस्वरूप आपकी उन्नति होगी और साथ ही आपके लिए जीवन में धन आगमन के नए मार्ग भी खुलेंगे।
उपायः किसी भी मंदिर में जाकर मां लक्ष्मी को किशमिश का भोग लगाएं।
तुला
शुक्र तुला राशि के स्वामी होने के साथ-साथ आपके अष्टम भाव पर भी अपना स्वामित्व रखते हैं और अब इस अवधि के दौरान यह आपके तृतीय भाव में मार्गी होंगे। चूंकि शुक्र आपके राशि स्वामी हैं और अब उनका आपके तीसरे भाव में होना आपको मिले-जुले फल देने वाला है। इस दौरान आपको अपनी सेहत का खास ख्याल रखने की आवश्यकता है। ऐसे में जहां तक संभव हो घर का बना खाना ही खाएं और तली-भुनी चीजों से परहेज करें।
साथ ही शुक्र की इस स्थिति के दौरान आपको यात्रा करने से बचना होगा। खासतौर से इस समय आपके लिए लंबी दूरी की यात्रा कष्टकारी रह सकती है। कार्यक्षेत्र पर भी आपको विशेष सावधान रहने की ज़रूरत होगी। आशंका अधिक है कि आपके शत्रु लगातार आप पर हावी होने की कोशिश करते रहेंगे। इसलिए आपको इस अवधि में पहले से अधिक मेहनत करने की आवश्यकता रहेगी। क्योंकि अत्यधिक मेहनत करने के बाद ही आप अपनी इच्छा अनुसार परिणाम प्राप्त करने में सफल होंगे।
उपायः छोटी कन्या को कुछ उपहार स्वरूप भेंट दे।
वृश्चिक
शुक्र वृश्चिक राशि के बारहवें भाव व सप्तम भाव को नियंत्रित करते हैं और अब इस दौरान वे आपकी राशि से संचित धन और संपत्ति के दूसरे भाव में मार्गी होंगे। इस समय शुक्र देव आपके दूसरे भाव में पहले से उपस्थित मंगल के साथ युति करते हुए, आपकी राशि में धन योग का निर्माण करेंगे। जिसके परिणामस्वरूप आपको इस समय कई माध्यमों से धन प्राप्त होता दिखाई देगा।
यदि आपका कोई धन कही अटका हुआ था तो वो भी इस दौरान आपको पुनः प्राप्त हो सकता है, जिससे आपकी आर्थिक तंगी भी दूर होगी। हालांकि बावजूद इसके आपको शुरुआत से ही अपने खर्चों पर नियंत्रण रखने की सलाह दी जाती है। क्योंकि आशंका है कि ये स्थिति आपके खर्चों में भी वृद्धि लेकर आएगी। इसलिए सही बजट प्लान बनाकर ही ख़रीदारी करना आपके लिए उचित रहेगा।
अब बात करें प्रेम संबंधों की तो अविवाहित जातकों के लिए समय शुभ है। आप इस समय अपने प्रियतम के साथ अच्छा समय व्यतीत करेंगे।परंतु शादीशुदा जातकों को अपने दांपत्य जीवन में कुछ संघर्ष करना पड़ेगा। क्योंकि आशंका अधिक है कि शुक्र देव की ये स्थिति अपने जीवनसाथी के साथ आपके संबंधों को प्रभावित करें। इसलिए संभव हो तो, इस समय अपने आप को शांत रखें और सुनी-सुनाई बातों को ज्यादा महत्व न दें। इसके अलावा स्वास्थ्य जीवन के लिहाज़ से वो जातक जो पूर्व से ही किसी बीमारी से परेशान हैं, उन्हें शुक्र देव अपनी समस्या से निजात दिलाने का कार्य करने वाले हैं।
उपायः हमेशा अपने पर्स या जेब में एक लाल रंग का रुमाल रखें।
धनु
धनु राशि के लिए शुक्र की ये स्थिति बेहद महत्वपूर्ण रहने वाली है, क्योंकि शुक्र आपके छठे घर और ग्यारहवें भाव को नियंत्रित करते हैं और अब इस दौरान वे आपकी ही राशि में मार्गी हो रहे हैं। ऐसे में आपकी राशि में अर्थात आपके प्रथम भाव में शुक्र का मार्गी होना आपको सामान्य से अधिक अनुकूल फल देने का कार्य करेगा।
आर्थिक पक्ष में भी इस दौरान आपके लिए जीवन में धन के नए मार्ग खुलेंगे। साथ ही कई जातक अचानक से धन की प्राप्ति करने में भी सक्षम होंगे, जिसके परिणामस्वरूप आपको जिन परियोजनाओं को धन के अभाव के कारण लागू करने में परेशानी हो रही थी आप उन्हें सफलतापूर्वक अब लागू कर सकेंगे।
अब बात करें आपके पारिवारिक जीवन की तो धनि राशि के जातक इस समय अपने परिवार के सदस्यों का सहयोग हासिल करेंगे। परिवार से जुड़ी कोई खुशखबरी भी आपको प्राप्त हो सकती है। इसके अलावा किसी मांगलिक कार्य में भी आप भाग ले सकते हैं। साथ ही परिवार से किसी प्रकार की कोई संपत्ति मिलने के भी योग बनेंगे, जिससे आपको अच्छा लाभ मिल सकेगा। कई जातकों की अपने किसी पुराने मित्र से मुलाकात भी संभव है और उनसे मिलकर आप काफी प्रसन्नता महसूस करेंगे। वहीं स्वास्थ्य जीवन की दृष्टि से भी ये समय आपके लिए शुभ ही रहेगा। खासतौर से वो जातक जो अपनी किसी पुरानी समस्या से पिछले काफी समय से परेशान चल रहे थे, उन्हें शुक्र देव की असीम कृपा से अपनी बीमारी से निजात मिल सकेगी।
उपायः हरी चीजों का दान करें व नियमित रूप से हरी दूर्वा घास गणेश जी को अर्पित करें।
मकर
मकर राशि के जातकों के लिए शुक्र आपके पांचवें और दसवें भाव के स्वामी होते हैं और अब वे इस समय मकर राशि के जातकों के बारहवें भाव में मार्गी होंगे। ऐसे में शुक्र का आपके बारहवें भाव में मार्गी होना आपके लिए काफी शुभ रहने वाला है।
सबसे अधिक इस समय आपको अपने कार्यक्षेत्र पर अपार सफलता मिलने के योग बनेंगे। इसके अलावा वो जातक जो व्यापार से जुड़े हैं वे भी अपने व्यवसाय में नए अवसर प्राप्त करने में सक्षम होने वाले हैं। हालांकि आपको कार्यस्थल पर अपने विरोधियों और शत्रुओं के प्रति सावधान रहने की आवश्यकता होगी। क्योंकि आशंका है कि यूँ तो वे लगातार आप पर हावी होने की कोशिश करेंगे, लेकिन अपने काम में सफल नहीं होंगे।
अब बात करें आपके प्रेम संबंधों की तो, प्रेमी जातकों को शुक्र की ये स्थिति लव लाइफ में शुभ फल देने के योग बनाएगी। ऐसे में यदि आप इस दौरान प्रियतम के समक्ष अपने विवाह की बात आगे बढ़ाना चाहते हैं तो उसके लिए समय अनुकूल रहने वाला है।
उपायः नियमित रूप से मां कात्यायनी की पूजा करें और विधि-विधान के अनुसार उनके मंत्रों का जाप करें।
कुंभ
शुक्र कुंभ राशि वालों के लिए एक अनुकूल ग्रह है और यह आपकी राशि के चौथे और नौवें घर पर शासन करते हैं। अब वे इस समय कुंभ राशि के जातकों के एकादश भाव में मार्गी होंगे। ऐसे में शुक्र आपके ग्यारहवें भाव में मार्गी होकर वहां पहले से उपस्थित मंगल के साथ युति करेंगे, जिसके परिणामस्वरूप आपको जीवन में धन की प्राप्ति करने में कुछ समय लग सकता है।
हालांकि शुक्र की कृपा से आप कई प्रकार के भौतिक सुखों की प्राप्ति करने में सफल होंगे। ऐसे में कुछ जातक अत्यधिक लाभ के लालच में अपना ज्यादा धन निवेश करने का फैसला भी ले सकते हैं। परंतु उन्हें ऐसा करने से बचने की सलाह दी जाती है, अन्यथा इससे आपको नुकसान संभव है।
अब बात करें आपके करियर की तो, आपको कार्यक्षेत्र पर अपने कार्यों में इस समय संतुष्टि मिलेगी। वहीं पारिवारिक जीवन में ये स्थिति घर-परिवार में कोई मांगलिक कार्यक्रम होने की संभावना दर्शा रही है। इसके अलावा कई जातकों के परिवार में कोई नन्हा मेहमान खुशहाली लाने का कारण बनेगा, जिसका वे काफी समय से इंतजार कर रहे थे। साथ ही प्रेम संबंधों के लिहाज़ से भी शुक्र की ये अवधि प्रेमी जातकों के लिए बेहद शुभ रहने वाली है।
उपायः रोज़ाना पानी में काले तिल डालकर ही स्नान करें।
मीन
शुक्र मीन राशि वाले जातकों के तृतीय भाव और अष्टम भाव के स्वामी होते हैं और अब वे इस समय मीन राशि के जातकों के दशम भाव में मार्गी हो रहे हैं। ऐसे में आपके दसवें भाव में शुक्र की ये स्थिति, कई मायनों में आपके लिए शुभ रहने वाली है।
खासतौर से करियर में आपको अच्छी सफलता मिलेगी, जिससे आप कार्यक्षेत्र पर उन्नति प्राप्त करेंगे। इस समय कार्यस्थल पर किए गए आपके सभी प्रयास सफल होंगे, साथ ही आपके किसी बड़े प्रोजेक्ट के पास होने की भी संभावना बनती दिखाई दे रही है। कई जातकों को इस समय कार्यक्षेत्र से जुड़ी किसी यात्रा पर भी जाने का अवसर मिलेगी और ये यात्रा आपके लिए काफी अनुकूल सिद्ध होगी।
अब बात करें आपके प्रेम संबंधों की तो, ये अवधि शादीशुदा जातकों को भाग्य का साथ देने वाली है। क्योंकि आप अपने जीवनसाथी के साथ अपने संबंध मधुर बनाने में सक्षम होंगे। साथ ही वो दांपत्य जातक जो अपने परिवार में विस्तार का सोच रहे थे, उनके जीवन में शुक्र देव कोई खुशखबरी भी लेकर आ रहे हैं। वहीँ प्रेम में पड़े जातकों को भी शुक्र की असीम कृपा से शुभ परिणाम हासिल होंगे।
उपायः नियमित रूप से भगवान विष्णु जी और देवी लक्ष्मी जी की आराधना करें। साथ ही भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें।
हम आशा करते हैं कि आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा। एस्ट्रोसेज के साथ जुड़े रहने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।