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शुक्र का कर्क में गोचर (7 अगस्त, 2023)

शुक्र का कर्क में गोचर: शुक्र ग्रह 7 अगस्त, 2023 को वक्री गति में चलते हुए कर्क राशि में गोचर कर रहे हैं। शुक्र ग्रह ने इस वर्ष पहली बार 30 मई, 2023 को 19 बज कर 39 मिनट पर कर्क राशि में गोचर किया था और फिर 7 जुलाई, 2023 को यह सिंह राशि में चले गए थे। इसके बाद 23 जुलाई, 2023 को वक्री हुए और अंत में अपनी वक्री गति में ही 7 अगस्त, 2023 को पुनः कर्क राशि में गोचर कर रहे हैं। इस राशि में शुक्र ग्रह 2 अक्टूबर, 2023 तक रहने वाले हैं। इस अवधि के दौरान यह 4 सितंबर 2023 को मार्गी होंगे। कुल मिलाकर कम शब्दों में कहें तो वक्री शुक्र 7 अगस्त, 2023 से 4 सितंबर 2023 तक कर्क राशि में रहने वाले हैं। ऐसे में हमारा यह विशेष लेख आपको शुक्र का कर्क में गोचर का सभी 12 राशियों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। सभी राशियों पर शुक्र का कर्क में गोचर के प्रभाव को जानने से पहले शुक्र के कर्क राशि और वक्री गति में होने के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं पर नजर डाल लेते हैं।

पढ़ें शुक्र के कर्क राशि में गोचर से जुड़ी सभी बातें।

शुक्र ग्रह को दैत्य गुरु शुक्राचार्य भी कहा जाता है। इसके साथ ही इसका एक नाम भोर का तारा भी है। वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को जीवन के भौतिक सुखों का कारक माना गया है। कुंडली में यदि शुक्र का प्रभाव शुभ हो तो इससे व्यक्ति को जीवन में भौतिक सुख, विलासिता, प्रसिद्धि, आदि प्राप्त होती है। वैदिक ज्योतिष में शुक्र के गोचर को भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से इसका प्रभाव हर व्यक्ति के जीवन पर अवश्य ही पड़ता है।

आपके जीवन पर शुक्र ग्रह का गोचर क्या प्रभाव डालेगा यह जानने के लिए देश के विद्वान ज्योतिषियों से फोनw पर करें परामर्श

बात करें शुक्र गोचर की अवधि की तो शुक्र गोचर की अवधि लगभग 23 दिनों की होती है। शुक्र ग्रह को 2 राशियों वृषभ और तुला राशि का स्वामित्व प्राप्त है। आमतौर पर शुक्र ग्रह हमारे जीवन में धन, समृद्धि, सुख, आनंद, धन का आनंद, आकर्षण, सुंदरता, युवावस्था, प्रेम संबंध, प्रेम इच्छाओं, प्रेम से संतुष्टि आदि का प्रतिनिधित्व करता है। इसके अलावा यह ग्रह रचनात्मकता, कला, संगीत, कविता, डिजाइनिंग, मनोरंजन, शो, ग्लैमर, फैशन, गहने, कीमती पत्थर, मेकअप, लक्जरी यात्रा, लक्जरी भोजन, लक्जरी वाहन और और कई अन्य चीजों का भी कारक माना गया है। अब यह महत्वपूर्ण ग्रह वक्री अवस्था में गोचर करने जा रहा है।

सामान्य तौर पर किसी ग्रह की वक्री चाल आकाश के माध्यम से ग्रह की गति में एक स्पष्ट परिवर्तन को माना गया है। असल में यह कोई वास्तविक घटना नहीं होती है। अर्थात कोई ग्रह अपनी कक्षा में भौतिक रूप से पीछे की ओर गति करना प्रारंभ नहीं करता है यह सिर्फ विशेष ग्रह और पृथ्वी की स्थिति के कारण प्रतीत होता है लेकिन वैदिक ज्योतिष में इसे बहुत महत्वपूर्ण माना गया है और यह लोगों के जीवन को भी प्रमुखता से प्रभावित करता है। शुक्र का वक्री होना बेहद सामान्य घटना नहीं है। यह 18 महीनों की अवधि के बाद होता है और 6 सप्ताह यानी कि लगभग डेढ़ महीने तक रहता है। शुक्र वक्री होने के चलते व्यक्ति अपने आर्थिक निर्णय अपने संबंधों पर विचार करते हैं और शुक्र से संबंधित उनके रुके हुए सभी कार्य भी पूरे होने लगते हैं। हालांकि यह बहुत सारी समस्याओं और संघर्षों के साथ आता है और यह आसान नहीं होता है। इस वर्ष शुक्र सिंह और कर्क राशि में वक्री हो रहा है। तो आइए आगे बढ़ने से पहले कर्क राशि के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें जान लेते हैं।

कर्क, राशि चक्र की चौथी राशि है। इसे केकड़े के चिन्ह द्वारा दर्शाया जाता है। कर्क का ग्रह स्वामी चंद्रमा को माना गया है। यह स्त्री प्रकृति की जलीय और चर राशि है। हालांकि किसी भी ग्रह का कर्क राशि में वक्री होने का प्रभाव जातक की कुंडली में शुक्र की स्थिति पर निर्भर करता है।

Click here to read in Hindi: Venus Transit in Cancer (7th August 2023)

इस आर्टिकल में शुक्र का कर्क में गोचर की राशि अनुसार भविष्यवाणियां चंद्र राशि पर आधारित हैं। आप विद्वान ज्योतिषियों को फोन करके अपनी चंद्र राशि या शुक्र ग्रह का अपनी राशि पर प्रभाव के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके परिवार के दूसरे भाव वित्त, वाणी, और जीवनसाथी के सातवें भाव का स्वामी है और अब शुक्र का कर्क में गोचर के दौरान आपके चतुर्थ भाव में वक्री हो रहा है। चतुर्थ भाव आपकी माता, घरेलू जीवन, वाहन, संपत्ति, का प्रतिनिधित्व करता है।

ऐसे में मेष राशि के जातकों को शुक्र का कर्क में गोचर के चलते वैवाहिक जीवन या जीवनसाथी के कारण माता-पिता के साथ ढेरों संघर्ष की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। खासतौर पर मेष राशि के पुरुष खुद को अपनी मां और पत्नी के बीच फंसा हुआ महसूस कर सकते हैं। अगर आप संपत्ति या वाहन खरीदने की योजना बना रहे हैं तो इसमें कुछ देरी या फिर रुकावट आ सकती है। आपको अपने लग्जरी घरेलू उपकरणों में समस्या और क्षति भी उठानी पड़ सकती है। शुक्र आपके दूसरे भाव के स्वामी हैं इसलिए आपको दूसरे घर से संबंधित मुद्दों जैसे बचत में कठिनाई, भाषण की समस्या, या गले से संबंधित परेशानियां, स्वास्थ्य समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है।

शुक्र का कर्क में गोचर के दौरान परिजनों के साथ विवाद होने की भी संभावना बन रही है और चतुर्थ भाव से दशम भाव पर इसकी दृष्टि आपके पेशेवर जीवन में परेशानियों की वजह बनेगी। विशेष तौर पर मेष राशि के उन जातकों के लिए जो व्यापारिक साझेदारी में लिप्त हैं।

उपाय: अपने जीवन में महिलाओं का सम्मान करें और उन्हें कोई अच्छी वस्तु उपहार में अवश्य दें।

वृषभ राशिफल

वृषभ राशि के जातकों के लिए शुक्र लग्न भाव का स्वामी है और छठे भाव का स्वामी आपके भाई-बहनों, शौक, छोटी दूरी की यात्रा, संचार कौशल के तीसरे घर में वक्री हो रहा है। ऐसे में वृषभ राशि के जातकों को शुक्र का कर्क में गोचर के दौरान स्वास्थ्य और सेहत के प्रति ज्यादा सावधान रहने की आवश्यकता पड़ेगी क्योंकि इस गोचर के चलते आप ज्यादा समय बीमार पड़ सकते हैं और आपको ढेरों स्वास्थ्य समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है।

इसके अलावा आप अपने छोटे भाई बहनों के साथ विवाद की स्थिति या फिर टकराव की परिस्थिति में भी फंस सकते हैं। लग्न स्वामी तीसरे भाव में वक्री होने से आपको कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता पड़ेगी और अपने शौक को पूरा करने या अपने कौशल को निखारने पर ज्यादा धन और समय खर्च करना पड़ेगा। इसके अलावा शुक्र का कर्क में गोचर की अवधि में आपको बेवजह की छोटी यात्राएं करनी पड़ सकती हैं जिनसे ना केवल आपके धन की बर्बादी होगी बल्कि आपका समय भी खराब होगा।

तीसरे भाव से नवम भाव पर वक्री शुक्र की दृष्टि आपके पिता, गुरु, और शिक्षक के साथ आपकी परेशानी की वजह बन सकती है।

उपाय: रोज सुबह नींबू पानी अवश्य पियेँ।

मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों के लिए शुक्र पंचम भाव और बारहवें भाव का स्वामी है और इस गोचर के दौरान आपके परिवार, बचत, और वाणी के दूसरे भाव में वक्री होने जा रहा है। ऐसे में मिथुन राशि के जातकों को शुक्र का कर्क में गोचर से मिश्रित परिणाम प्राप्त होंगे। इस राशि के पेशेवर जातक जो अपने पैतृक स्थान वापस जाना चाहते हैं और स्थानांतरण की योजना बना रहे हैं उन्हें अपनी योजनाओं में बदलाव और कुछ देरी का सामना करना पड़ सकता है। शुक्र का कर्क में गोचर क्योंकि आपके दूसरे भाव में हो रहा है इसलिए आपको दूसरे घर से संबंधित मुद्दों जैसे बचत में कठिनाई, बातचीत में समस्याएं, या गले से संबन्धित स्वास्थ्य समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है। इसके साथ ही परिवार के करीबी लोगों से परेशानी होने के भी संकेत मिल रहे हैं। मिथुन राशि के जो जातक शिक्षा के क्षेत्र से संबंधित हैं उन्हें अपनी पढ़ाई में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा इस अवधि में आपके खर्चे अप्रत्याशित, अनिश्चित और अचानक से होने वाले हैं।

दूसरे भाव से अष्टम भाव पर वक्री शुक्र की दृष्टि आपके जीवन में ढेरों अनिश्चितता और मौद्रिक यानी आर्थिक परेशानियों की वजह बनेगी। साथ ही ससुराल पक्ष के साथ भी आपके रिश्ते में कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।

उपाय: घर से निकलने से पहले कुछ मीठा खा लें और बातचीत करते समय जितना हो सके विनम्र रहने का प्रयास करें।


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कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र आपके चौथे भाव और ग्यारहवें भाव के शासक के साथ एक शुभ ग्रह भी है लेकिन अब यह आपके लग्न में वक्री हो रहा है इसीलिए कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र का कर्क में गोचर के दौरान आप अपनी भौतिक दृष्टि, शरीर, व्यक्तित्व, और व्यवहार और एक सुखद व्यक्तित्व के लिए आवश्यक परिवर्तन करने के लिए तैयार नजर आएंगे लेकिन यह करना आपके लिए आसान नहीं होगा। आपको अपनी माँ से कुछ सलाह मिल सकती है जिससे आप मुमकिन है कि सही ढंग से ना लें और यह आपको आलोचना सी लगे और इससे आप दोनों के बीच में गलतफहमी पैदा होने की आशंका है। आप अपनी इच्छा को पूरा करने या अपने सामाजिक दायरे से अलग होने के लिए धन खर्च करते नजर आ सकते हैं। शुक्र का कर्क में गोचर की अवधि में निवेश का कोई भी फैसला लेने से बचें क्योंकि इस दौरान कोई भी निवेश के लिए लिया गया फैसला भविष्य में आपको आर्थिक नुकसान पहुंचा सकता है।

लग्न से यह आपके विवाह और जीवनसाथी के सप्तम भाव को दृष्टि दे रहा है। ऐसे में आपके वैवाहिक जीवन में भी कुछ समस्याएं और आपके जीवनसाथी के साथ अनबन होने की आशंका है।

उपाय: हमेशा तैयार रहें, साफ-सुथरे कपड़े पहनें और चंदन के इत्र का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करें।

सिंह राशि

सिंह राशि के जातकों के लिए शुक्र आपके तीसरे भाव और दशम भाव का स्वामी है और इस गोचर के दौरान विदेशी भूमि, खर्च के बारहवें भाव में वक्री होने जा रहा है। ऐसे में सिंह राशि के जो जातक विदेश जाने या फिर वहां पर शिफ्ट करने की सोच रहे हैं उन्हें इस फैसले पर दोबारा विचार करने की सलाह दी जाती है। मुमकिन हो तो अभी कुछ समय के लिए अपनी इस योजना को स्थगित कर दें क्योंकि विदेश जाना या विदेश में स्थानांतरण करना आपके खर्चों में वृद्धि करवाने वाला साबित हो सकता है और मुमकिन है कि इससे आपको वैसे परिणाम भी ना मिले जिसकी आप उम्मीद कर रहे हैं।

इसके अलावा प्रबल संभावना बन रही है कि शुक्र का कर्क में गोचर अवधि में आधिकारिक कामों के चलते आपको ढेरों यात्राएं करनी पड़ सकती हैं। यह यात्राएं छोटी दूरी की भी हो सकती हैं या फिर विदेश की भी हो सकती हैं। इसके अलावा शनि वक्री गोचर के दौरान आपके जीवन में खर्चे बढ़ने वाले हैं, किसी को उधार देने के लिए यह समय सही नहीं है। शुक्र के कर्क राशि में गोचर के दौरान मुमकिन है कि आपके छोटे भाई बहनों को स्वास्थ्य संबंधित दिक्कतों का सामना भी करना पड़े। इसके अलावा शुक्र इस दौरान आपके प्रतियोगिता के छठे भाव पर दृष्टि डाल रहा है ऐसे में यदि आप गायन, नृत्य, अभिनय, जैसे किसी रचनात्मक प्रतियोगिता में भाग लेने की तैयारी कर रहे हैं तो मुमकिन है कि इसके लिए किए गए प्रयासों का परिणाम आपको अपने अनुरूप ना मिले।

सिंह राशि के जातकों को सलाह दी जाती है कि शुक्र का कर्क में गोचर की अवधि के दौरान अपनी नैतिकता अच्छे से बनाए रखें क्योंकि अगर आप अनैतिक कार्यों में लिप्त होते हैं या अनैतिक राह पर चलते हैं तो इससे समाज में आपकी बदनामी होने की आशंका है।

उपाय: अपने कार्यस्थल पर श्री यंत्र की स्थापना करें और नियमित रूप से उसकी पूजा करें।


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कन्या राशि

कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र धन के दूसरे घर और भाग्य के नौवें घर को नियंत्रित करता है और अब यह वित्तीय लाभ, इच्छा, बड़े भाई-बहनों, और चाचा (पटेरनल अंकल) के ग्यारहवें घर में वक्री हो रहा है। यूं तो शुक्र आपके लिए एक अनुकूल ग्रह है लेकिन फिर भी शुक्र का कर्क में गोचर से आपको आर्थिक नुकसान और आर्थिक परेशानियों के संकेत मिल रहे हैं क्योंकि यह आपके आर्थिक भाव को प्रभावित करने वाला है। ऐसे में आपको सलाह दी जाती है कि इस समय अवधि के दौरान कोई भी बड़ा आर्थिक जोखिम या बड़ा वित्तीय निवेश करने से बचें।

एकादश भाव मित्रों और सामाजिक दायरे का भी भाव कहा गया है इसीलिए शुक्र का कर्क में गोचर के दौरान आप अपने प्रति लोगों के गलत रवैए की वजह से थोड़े परेशान हो सकते हैं। इस अवधि में आप लोगों को अपने खिलाफ गलत बातें करते हुए देख सकते हैं जिससे आपको निराशा होने वाली है इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि निराश ना हों और इस समय का अपने लिए सच्चे मित्र और शुभचिंतक ढूंढने के लिए उपयोग करें। शुक्र आपके दूसरे भाव का स्वामी भी है इसीलिए आपको दूसरे घर से संबंधित मुद्दों जैसे बचत में कठिनाई, बातचीत में समस्याएं, और गले से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा इस अवधि में परिवार के किसी करीबी से विवाद होने के भी संकेत मिल रहे हैं।

इसके अलावा एकादश भाव से शुक्र आपके शिक्षा, प्रेम संबंध, संतान, के पंचम भाव में दृष्टि भी डाल रहा है। ऐसे में प्रेम संबंधों में कुछ समय के लिए कुछ रुकावट या परेशानी देखने को मिल सकती है। आप अपनी संतान के लिए थोड़े चिंतित नजर आ सकते हैं और इस राशि के छात्र जातकों को पढ़ाई में कुछ परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है।

उपाय: शुक्र का कर्क में गोचर के शुभ परिणाम प्राप्त करने के लिए इस दौरान वराहमिहिर की पौराणिक कथाओं का पाठ करें।

तुला राशि

शुक्र तुला राशि के लग्न भाव और अष्टम भाव का स्वामी है और अब पेशे के दशम भाव में वक्री होने जा रहा है। ऐसे में शुक्र के इस महत्वपूर्ण गोचर से तुला राशि के जातकों को अपने स्वास्थ्य के प्रति ज्यादा सावधान और सचेत रहने की सलाह दी जाती है क्योंकि शुक्र के वक्री होने के चलते आप इस दौरान बीमार पड़ सकते हैं और ढेरों स्वास्थ्य समस्याओं का सामना भी कर सकते हैं। इसके अलावा शुक्र आपके अष्टम भाव का स्वामी भी है ऐसे में शुक्र का कर्क में गोचर के दौरान आपके जीवन में ढेरों अनिश्चिताएँ भी आने की आशंका है।

शुक्र का कर्क में गोचर अवधि के दौरान आपके निजी अंगों में यूटीआई या ऐसी किसी एलर्जी या संक्रमण जैसी स्वास्थ्य समस्याओं के भी संकेत मिल रहे हैं इसीलिए आपको पहले से ही सलाह दी जाती है कि जितना हो सके अपने स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहें और अपने आसपास स्वच्छता बनाए रखें। तुला राशि के जातकों को अपने पेशेवर जीवन में भी अचानक से समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है विशेष तौर पर फूड इंडस्ट्री और हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री, से जुड़े लोगों के जीवन में बदलाव आने की संभावना बन रही है। शुक्र दशम भाव से आपके चतुर्थ भाव पर दृष्टि डाल रहा है ऐसे में शुक्र गोचर के दौरान आपके पारिवारिक जीवन में परेशानी, माता से आपकी दिक्कतें होने की संभावना है। आपके किसी महंगे घरेलू उपकरण या वाहनों में खराबी होने के संकेत मिल रहे हैं जिससे आपका खर्च बढ़ने वाले हैं।

उपाय: शुक्र ग्रह के शुभ परिणाम प्राप्त करने के लिए अपने दाहिने हाथ की छोटी उंगली में अच्छी गुणवत्ता वाला ओपल या फिर हीरा सोने में जड़ाकर धारण अवश्य करें।

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शुक्र आपके बारहवें और सातवें भाव का स्वामी है और इस गोचर के दौरान धर्म, पिता, लंबी दूरी की यात्रा, तीर्थ यात्रा, भाग्योदय के नवम भाव में वक्री होने जा रहा है। वृश्चिक राशि के जातकों के लिए नवम भाव में सप्तमेश या सप्तम भाव के स्वामी का वक्री होना विवाह या इस तरह के फैसले को अंतिम रूप देने की बहुत अधिक संभावना की तरफ इशारा कर रहा है लेकिन शुक्र का कर्क में गोचर के समय आपको सलाह दी जाती है कि, किसी भी तरह की कमीटमेंट या प्रतिबद्धता के लिए अभी जितना हो सके बचें। अगर आपका विवाह पहले से ही तय कर दिया गया है तो आपको सलाह दी जाती है कि इस फैसले के बारे में पुनर्विचार अवश्य करें क्योंकि विवाह जैसा फैसला जीवन भर की प्रतिबद्धता का अहम फैसला होता है।

वृश्चिक राशि के जातकों का शुक्र के नवम भाव में वक्री होने से आपका अपने पिता, गुरु, या गुरुतुल्य लोगों से किसी बात को लेकर मतभेद होने की भी आशंका है। अगर आप कहीं किसी लंबी अवधि या विदेश यात्रा की योजना बना रहे हैं तो शुक्र का कर्क में गोचर अवधि के दौरान की यात्रा रद्द हो सकती है या आपके लिए काफी महंगी साबित हो सकती है।

शुक्र नवम भाव से आपके तीसरे भाव पर दृष्टि डाल रहा है इसलिए तीसरे भाव से जुड़े मुद्दों जैसे छोटे भाई बहनों के साथ विवाद, भरोसे या विश्वास के मुद्दे, और खराब संचार कौशल के संदर्भ में भी आपको समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

उपाय: अपने जीवनसाथी को कोई उपहार या फिर सुगंध गिफ्ट करें।

धनु राशि

धनु राशि के जातकों के लिए शुक्र आपके छठे भाव और एकादश भाव का स्वामी है और इस गोचर के दौरान दीर्घायु (लंबी उम्र), अचानक होने वाली घटनाओं, गोपनीयता के अष्टम भाव में वक्री होने जा रहा है। ज्योतिष के अनुसार शुक्र धनु जातकों के लिए बहुत ज़्यादा अनुकूल ग्रह नहीं माना गया है। साथ में आठवें भाव में इसकी स्थिति और भी ज़्यादा प्रतिकूल मानी जा रही है। शुक्र का आठवें भाव में होना ढेरों समस्याओं जैसे महिलाओं की परेशानी या स्वास्थ्य समस्याओं की तरफ इशारा कर रहा है।

ऐसे में शुक्र का कर्क में गोचर अवधि में विषेशतौर पर आपको अपने स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहने और अपने आसपास ज़्यादा से ज़्यादा स्वच्छता बनाए रखने की सलाह दी जाती है क्योंकि इस दौरान आपको यूटीआई या किसी अन्य एलर्जी या अपने निजी अंगों में संक्रमण से संबन्धित दिक्कतें होने की आशंका बन रही है। साथ ही में शुक्र का कर्क में गोचर धनु राशि के जातकों का उनके ससुराल पक्ष से भी परेशानी पैदा करने वाला साबित हो सकता है। इसके अलावा चूंकि शुक्र जो आपके ग्यारहवें भाव का स्वामी है वो आपके अष्टम भाव में वक्री हो रहा है ये आपके जीवन में किसी बड़े आर्थिक नुकसान की तरफ इशारा कर रहा है। ऐसे में इस अवधि में कोई भी आर्थिक फैसला सोच-समझकर लें अन्यथा कोई बड़ा मौद्रिक नुकसान आपको हो सकता है।

शुक्र आपके छठे भाव का स्वामी होकर अष्टम भाव में वक्री होने जा रहा है जिससे आपकी बदनामी की भी आशंका बन रही है इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि अपनी नैतिकता को बनाएँ रखें। वहीं अष्टम भाव से दूसरे भाव पर शुक्र की सीधी वक्री दृष्टि आपकी वाणी और बचत में परेशानी पैदा कर सकती है।

उपाय- प्रतिदिन महिषासुर मर्दिनी पाठ का पाठ करें।

मकर राशि

मकर राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके पंचम और दशम भाव का स्वामी है और अपने इस गोचर के दौरान विवाह, जीवनसाथी, और व्यवसाय में साझेदारी के सप्तम भाव में वक्री होने जा रहा है। शुक्र ग्रह मकर राशि के जातकों के लिए एक योगकारक ग्रह है और शुक्र का कर्क में गोचर आपके लिए अनुकूल नहीं रहने वाला है।

इस राशि के प्रेम में पड़े जातक जो अपने रिश्ते को विवाह में तब्दील करना चाहते हैं उनके लिए यह समय ज्यादा अनुकूल नहीं रहने वाला है। मुमकिन है कि इस दौरान आपके परिवार के सदस्यों से इस मुद्दे पर आपको विरोध का सामना करना पड़ेगा। वहीं विवाहित जातकों की बात करें तो उन्हें अपने साथी के अति भावुक स्वभाव के चलते कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। मकर राशि के जो जातक विद्यार्थी हैं उन्हें भावनात्मक समस्याओं के चलते पढ़ाई के संदर्भ में प्रतिकूल परिणाम ना मिलने की प्रबल आशंका बन रही है।

इसके साथ ही मकर राशि की जो माताएं अपने दूसरे बच्चे के जन्म की उम्मीद कर रही हैं उन्हें डिलीवरी में कुछ समस्याओं या डिलीवरी के बाद डिप्रेशन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही शुक्र का कर्क में गोचर आपके कार्यस्थल का माहौल भी बिगाड़ने वाला साबित होगा जिसका नकारात्मक प्रभाव आपके पेशेवर प्रदर्शन पर पड़ने वाला है। मकर राशि के जो जातक साझेदारी में व्यवसाय करते हैं उन्हें अपने पार्टनर के साथ खर्चा और लाभ के चलते परेशानियों का सामना करने की आशंका है। लग्न राशि पर शुक्र की दृष्टि आपको अपने व्यक्तित्व के बारे में सोचने और उसकी बेहतरी के लिए काम करने पर मजबूर करेगी।

उपाय: अपने बेडरूम में रोज क्वार्ट्ज पत्थर रखें।

कुंभ राशि

कुंभ राशि के जातकों के लिए शुक्र आपके चतुर्थ और नवम भाव का स्वामी है और अपने इस गोचर के दौरान शत्रु, स्वास्थ्य, प्रतियोगिता, मामा के छठे भाव में वक्री होने जा रहा है। शुक्र मकर राशि के जातकों के लिए भी योगकारक ग्रह माना गया है। इस गोचर के दौरान छठे भाव में शुक्र का वक्री होना मकर राशि के जातकों के लिए भी अनुकूल नहीं रहने वाला है। शुक्र का कर्क में गोचर के चलते आपका अपने माता-पिता के साथ बेवजह के मुद्दों पर विरोध, असहमति, और वाद विवाद होने की आशंका को जताता है।

शुक्र का कर्क में गोचर की इस अवधि के दौरान आपके जीवन में कुछ स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां भी आ सकती हैं जैसे आप पेट, हार्मोनल असंतुलन, या छाती के संक्रमण से पीड़ित हो सकते हैं। माता पिता के स्वास्थ्य के प्रति भी आपको सावधान रहने की सलाह दी जाती है। शुक्र का कर्क में गोचर के दौरान उन्हें भी स्वास्थ्य संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है इसीलिए आपको सलाह दी जाती है कि नियमित रूप से समय-समय पर सभी की जांच करवाते रहें।

इसके अलावा मकर राशि के जातकों को विशेष सलाह यह भी दी जाती है कि महिलाओं के प्रति सम्मान पूर्ण व्यवहार करें क्योंकि उनके साथ किसी भी तरह का गलत व्यवहार या वाद-विवाद समाज में आपकी छवि को खराब कर सकता है। शुक्र अपने इस गोचर के दौरान आपके बारहवें भाव पर दृष्टि रखेगा जिससे आपके खर्च बढ़ने वाले हैं। विशेष तौर पर मेडिकल संबंधित या फिर यात्रा के संदर्भ में।

उपाय: अपने घर में सफेद सुगंधित फूलों के पौधे लगाएं और उनकी नियमित रूप से देखभाल करें।

मीन राशि

शुक्र मीन राशि के तीसरे और अष्टम भाव का स्वामी है और अपने इस गोचर के दौरान शिक्षा, प्रेम संबंधों, और संतान के पांचवें भाव में वक्री होने जा रहा है। मीन राशि के जातकों को शुक्र का कर्क में गोचर के प्रभाव से अपने बच्चों के साथ जुड़ने के ढेरों मौके मिलेंगे लेकिन शुक्र के कर्क में गोचर के चलते आपको उनके साथ ढेरों समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। मुमकिन है कि आपको अपनी संतान के व्यवहार और स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव, व्यवहार संबंधित परेशानियां, या गर्भवती महिलाओं को कुछ जटिलता (कॉम्प्लिकेशंस) का भी सामना करना पड़े।

इस राशि के जो जातक प्रेम संबंध में हैं उनको अपने साथी के प्रति अपनी भावना को व्यक्त करने में कुछ परेशानी हो सकती है और संचार की कमी या बातचीत की कमी के चलते गलतफहमी बढ़ने की भी संभावना है। मीन राशि के छात्रों को भावनात्मक उतार-चढ़ाव के चलते अपनी पढ़ाई में समस्या का सामना करना पड़ सकता है। खासकर के उन छात्रों को जो शोध या पीएचडी के क्षेत्र से जुड़े हैं। ऐसे छात्रों को अपने शोध और पेपर लिखने की प्रक्रिया में समस्याएं उठानी पड़ेगी।

इसके अलावा मीन राशि के जो जातक किसी गुप्त संबंध या नाजायज रिश्ते में हैं उनके इस रिश्ते की भनक उनके घर वालों को लग सकती है और इससे आपकी छवि नकारात्मक रूप से प्रभावित हो सकती है। शुक्र का कर्क में गोचर से शुक्र की आपके एकादश भाव पर दृष्टि रहेगी जो आपको नकारात्मक रूप से प्रभावित करेगी इसीलिए इस राशि के जो जातक सट्टा बाजार, शेयर बाजार में शामिल हैं उन्हें शुक्र के कर्क राशि में गोचर के दौरान किसी भी तरह के आर्थिक जोखिम से बचने की सलाह दी जाती है।

उपाय: शुक्र की होरा में रोजाना शुक्र मंत्र का ध्यान करें।


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