सूर्य का मिथुन राशि में गोचर
सूर्य का मिथुन राशि में गोचर 2025: मान सम्मान, नेतृत्व, आत्मा, राजकाज और ऊर्जा के प्रमुख कारक ग्रह सूर्य 15 जून 2025 से लेकर 16 जुलाई 2025 तक मिथुन राशि में गोचर करने जा रहे हैं। ग्रहों के राजा सूर्य देव 15 जून 2025 की सुबह 06 बजकर 25 मिनट पर वृषभ राशि को छोड़कर बुध की पहली राशि मिथुन राशि में गोचर करने जा रहे हैं जो कि सूर्य के लिए मित्र राशि मानी जाएगी। 16 जुलाई 2025 तक सूर्य मिथुन राशि में ही बने रहेंगे। सूर्य के इस गोचर का आपकी राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा आइए जानते हैं।

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सूर्य गोचर का भारत पर प्रभाव
भारतवर्ष के लिए देखें तो सूर्य के इस गोचर के चलते देश के भीतर आंतरिक स्थिरता के भाव देखने को मिल सकते हैं। सत्तारूढ़ दलों के भीतर भी आंतरिक कलह देखने को मिल सकती है। आर्थिक नीतियों में कुछ फेर बदल भी संभावित रहेगा। हालांकि सूर्य की युति बृहस्पति के साथ रहेगी ऐसे में बहुत संभव है कि कोई बड़ी आर्थिक नकारात्मकता देखने को नहीं मिलेगी। नेतागण एक दूसरे को दुर्वचन या कटु वचन कहते हुए देखे या सुने जा सकेंगे। तापमान में भी उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
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सूर्य का मिथुन राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
सूर्य आपकी कुंडली में पंचम भाव का स्वामी होते हैं और वर्तमान में ये आपके तीसरे स्थान पर गोचर करने जा रहे हैं। तीसरे भाव में सूर्य के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है। विद्यार्थियों के लिए यह गोचर और भी अच्छे परिणाम दे सकता है, क्योंकि पंचम भाव का स्वामी अपने से लाभ भाव में जाएगा और बृहस्पति के साथ युति करेगा। ये दोनों ही स्थितियां विद्यार्थियों को अच्छे परिणाम दिलाने में मददगार बनेगी। प्रेम संबंधों में भी सामान्य तौर पर इस गोचर को अनुकूल परिणाम देने वाला माना जाएगा।
हालांकि पंचम भाव में मंगल और केतु के प्रभाव के चलते कुछ दिक्कतें भी रहेंगी लेकिन सूर्य का प्रभाव सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम देना चाहेगा। आपका आत्मविश्वास सामान्य तौर पर अनुकूल रहेगा। आपके करीबी आपका सहयोग करेंगे, आप अच्छी योजनाएं बनाकर सफलता की ओर बढ़ सकते हैं। यदि कुंडली में दशाएं अनुकूल चल रही होंगी तो सामान्य तौर पर आप अच्छे परिणाम प्राप्त करने में सफल रहेंगे।
उपाय: पिता की सेवा करना शुभ रहेगा अथवा किसी पिता तुल्य व्यक्ति को दूध और चावल खिलाना और उनका आशीर्वाद लेना शुभ रहेगा।
वृषभ राशि
सूर्य आपकी कुंडली में चौथे भाव के स्वामी होते हैं तथा वर्तमान में ये आपके दूसरे भाव में गोचर करने वाले हैं। दूसरे भाव में सूर्य के गोचर को सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम देने वाला नहीं माना जाता लेकिन मित्र राशि में होने के कारण हो सकता है कि सूर्य प्रतिकूलता में कमी करें। साथ ही साथ लाभ भाव के स्वामी बृहस्पति के साथ दूसरे भाव में युति करने के कारण आर्थिक मामलों में भी सूर्य कोई बड़ी नकारात्मकता न दें। वैसे सामान्य तौर पर सूर्य के गोचर को दूसरे भाव में अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता।
ऐसा कहा जाता है कि यह सूर्य आपके खाने के स्वाद को बिगाड़ सकता है। आप तुलनात्मक रूप से अधिक तीखा और चटपटा खाने लग सकते हैं। आवश्यकता से अधिक तीखा और चटपटा खाने की स्थिति में मुख और पेट से संबंधित कुछ परेशानियां हो सकती हैं। आंखों से संबंधित कुछ परेशानियां भी देखने को मिल सकती हैं लेकिन आपके मामले में शायद यह परेशानियां न हों या बहुत कम मात्रा में हों। साथ ही साथ आर्थिक और पारिवारिक समस्याएं भी न आएं बल्कि आप आर्थिक और पारिवारिक मामलों में कुछ अच्छे परिणाम भी प्राप्त कर सकते हैं। इन सबके बावजूद भी व्यर्थ के खर्चे को रोकना जरूरी रहेगा। घर गृहस्थी से संबंधित विवादों को टालना भी समझदारी का काम होगा।
उपाय: किसी मंदिर में नारियल और बादाम का दान करना शुभ रहेगा।
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मिथुन राशि
सूर्य आपकी कुंडली में तीसरे भाव के स्वामी होते हैं और सूर्य का मिथुन राशि में गोचर आपके पहले भाव में जा रहे हैं। पहले भाव में सूर्य के गोचर को सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम देने वाला नहीं माना जाता। हालांकि मित्र राशि में होने के कारण सूर्य का यह गोचर कुछ मामलों में अच्छा कॉन्फिडेंस दे सकता है लेकिन तीसरे भाव में मंगल और केतु का गोचर भी रहेगा और पहले भाव में सूर्य के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छा नहीं माना जाता। इस कारण से कॉन्फिडेंस में कुछ अप एंड डाउन्स देखने को मिल सकते हैं। कभी कभार आप ओवर कॉन्फिडेंट भी हो सकते हैं। ऐसा करने से स्वयं को बचाना समझदारी का काम होगा।
अहंकारी होने से भी बचना है। साथ-साथ क्रोध नहीं करना है। शासन प्रशासन से जुड़े लोगों के साथ बेहतर ढंग से पेश आने की जरूरत रहेगी। खान-पान को भी संयमित रखना है। यानी कि कामों में कुछ व्यवधान रह सकता है लेकिन बृहस्पति की कृपा से परेशानियां तुलनात्मक रूप से कम रहेंगी। कहने का तात्पर्य है कि यद्यपि यह गोचर अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता लेकिन बृहस्पति की कृपा और मित्र की राशि में होने के कारण सूर्य सामान्य तौर पर नकारात्मकता को नहीं बढ़ाएंगे या बहुत कम मात्रा में नकारात्मकता देखने को मिल सकती है।
उपाय: इस महीने गुड़ न खाएं यह आपके लिए उपाय की तरह काम करेगा।
कर्क राशि
सूर्य आपकी कुंडली में धन भाव के स्वामी होकर आपके द्वाद्वश भाव में गोचर करने वाले हैं। द्वादश भाव में सूर्य के गोचर को सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम देने वाला नहीं माना जाता है। दूसरे भाव के स्वामी का द्वादश भाव में जाना, यह भी अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाएगा। ऊपर से दूसरे भाव में मंगल केतु की युति रहेगी। ये सभी कारण आर्थिक और पारिवारिक मामले में सावधानी पूर्वक निर्वाह करने का संदेश दे रहे हैं। अर्थात सूर्य का दूसरे भाव में जाना न केवल आर्थिक मामलों के लिए बल्कि पारिवारिक मामलों के लिए भी कमजोर स्थिति मानी जाएगी। हालांकि नवम भाव के स्वामी के साथ युति करने के कारण दूर की यात्राओं और विदेश आदि से संबंधित मामलों में कुछ अनुकूल परिणाम भी देखने को मिल सकते हैं लेकिन फिर भी अधिकांश मामलों में सावधानी पूर्वक निर्वाह करने की आवश्यकता रहेगी।
शासन प्रशासन से जुड़े मामलों में संयम पूर्वक काम करने की आवश्यकता रहेगी। खान-पान भी संयमित रहे तो और भी अच्छा रहेगा। कहने का तात्पर्य है कि सामान्य तौर पर इस गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता लेकिन फिर भी यदि आप अनुशासित तरीके से काम करेंगे तो संतोषप्रद परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। इस गोचर की अवधि में संबंधियों से विरोध न होने पाए इस बात को लेकर जागरूक रहना समझदारी का काम होगा।
उपाय: इस महीने नियमित रूप से मंदिर जाना उपाय की तरह काम करेगा।
सिंह राशि
सूर्य आपके लग्न या राशि के स्वामी होते हैं तथा वर्तमान में सूर्य का मिथुन राशि में गोचर आपके लाभ भाव में गोचर करने वाले हैं। सामान्य तौर पर सूर्य के इस गोचर को अनुकूल परिणाम देने वाला माना जाता है। लग्न या राशि के स्वामी का लाभ भाव में जाना विभिन्न प्रकार के लाभ करवाने का काम करता है। वैसे भी सामान्य तौर पर कोई भी ग्रह लाभ भाव में गोचर करते हुए अच्छे परिणाम ही देता है। अतः सूर्य के इस गोचर से आप अनुकूल परिणाम की उम्मीद रख सकते हैं। ऊपर से पंचम भाव के स्वामी के साथ लाभ भाव में सूर्य की युति विद्यार्थियों को काफी अच्छे परिणाम दे सकती है।
संतान आदि से संबंधित मामलों में भी अच्छे परिणाम मिलने की संभावनाएं हैं। प्रेम संबंध में भी अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे और लोगों के प्रति आपका आचरण अच्छा रहेगा । यात्राएं सामान्य तौर पर फायदेमंद रह सकती हैं। आर्थिक मामले में इस गोचर को काफी अच्छे परिणाम देने वाला माना जाएगा। नौकरीपेशा लोगों को पदोन्नति मिल सकती है अथवा इस समय अवधि में इंक्रीमेंट होने की संभावनाएं मजबूत होंगी। या इस अवधि में किया गया काम भविष्य में आपके लिए फायदेमंद रह सकता है। पिता अथवा पिता तुल्य व्यक्तियों के माध्यम से लाभ दिलवाने में भी सूर्य का यह गोचर आपके लिए अच्छा मददगार हो सकता है।
उपाय: मांस, मदिरा और अंडे आदि से दूरी बनाते हुए शुद्ध और सात्विक रहना उपाय की तरह काम करेगा।
कन्या राशि
सूर्य आपकी कुंडली में द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और द्वादश भाव के स्वामी होते हुए ये आपके दशम भाव में गोचर करने वाले हैं। सूर्य का यह गोचर सामान्य तौर पर आपको अनुकूल परिणाम देना चाहेगा। द्वादश भाव के स्वामी का कर्म भाव में आना; विदेश आदि से संबंधित काम करने वाले लोगों को काफी अच्छे परिणाम दे सकता है। शासन प्रशासन से मदद दिलाने में भी यह गोचर आपके लिए अनुकूल रह सकता है। हालांकि द्वादश भाव के स्वामी का कर्म स्थान पर आना कभी-कभी व्यर्थ में भी श्रम और परिश्रम करवाता है लेकिन आपके मामले में शायद आपका परिश्रम व्यर्थ नहीं जाएगा।
भले ही आपके परिश्रम का परिणाम तात्कालिक रूप से न मिले लेकिन देर समेत जरूर मिलेगा। सामाजिक मान प्रतिष्ठा दिलाने में भी सूर्य के इस गोचर को सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम देने वाला माना जाएगा। इस गोचर के चलते पदोन्नति आदि से संबंधित मामलों में भी अनुकूलता देखने को मिलेगी। नए काम की शुरुआत करने की इच्छा है तो सूर्य का यह गोचर आपके लिए मददगार बन सकता है। पिता से संबंधित मामलों में अनुकूल परिणाम मिलते हुए प्रतीत हो रहे हैं। विशेष कर कार्य व्यापार की शुरुआत करने या आगे बढ़ाने के मामले में पिता का सहयोग फायदेमंद रह सकता है।
उपाय: किसी गरीब को शनिवार के दिन काले कपड़े का दान करना शुभ रहेगा।
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तुला राशि
सूर्य आपके लाभेश होकर भाग्य भाव में गोचर करने वाले हैं। वैसे तो सामान्य तौर पर सूर्य का मिथुन राशि में गोचर भाग्य भाव में अच्छा नहीं माना जाता लेकिन ज्योतिष का एक सूत्र है “भावत भावं” उस नियम के अनुसार सूर्य के इस गोचर से अच्छे परिणामों की उम्मीद रखी जा सकती है l अर्थात सूर्य लाभ भाव का स्वामी होकर अपने से लाभ भाव में अर्थात भाग्य भाव में है, इस कारण सूर्य आपको अच्छे परिणाम भी दे सकता है। यानी एक तरफ तो सूर्य के गोचर को भाग्य भाव में अच्छा नहीं माना जाता लेकिन लाभेश का भाग्य भाव में जाना अच्छा माना जाएगा। इस कारण से सूर्य से आप मिले झूले परिणामों की उम्मीद रख सकते हैं।
अर्थात यदि आप अपने वरिष्ठों, पिता या पिता तुल्य व्यक्तियों के अनुभव और मार्गदर्शन के अनुसार काम करेंगे तो आपको कोई बड़ी परेशानी नहीं आएगी। बल्कि आप कामों में सफलता प्राप्त करते रहेंगे। हालांकि सूर्य के इस गोचर को भाग्य हानि करने वाला माना गया है लेकिन धर्म और आध्यात्म को मानने वाले लोगों को भाग्य हानि जैसी स्थितियां देखने को नहीं मिलेंगी। भाई बंधुओं के साथ कोशिश करके संबंधों को समय देने की स्थिति में परिणाम सामान्य तौर पर अच्छे मिल सकेंगे, क्योंकि तीसरे भाव का स्वामी बृहस्पति भी सूर्य के साथ युति कर रहा है। इस प्रकार से आप सूर्य के इस गोचर से मिले-जुले परिणामों की उम्मीद रख सकते हैं।
उपाय: रविवार के दिन नमक का सेवन नहीं करना है। इससे आपके जीवन में सकारात्मकता का ग्राफ और बढ़ेगा अर्थात यह आपके लिए उपाय की तरह काम करेगा।
वृश्चिक राशि
दशम भाव के स्वामी होकर सूर्य आपके अष्टम भाव में जा रहे हैं। सामान्य तौर पर सूर्य के गोचर को आठवें भाव में अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता बल्कि यह आपके कार्य क्षेत्र में कुछ कठिनाई देने का काम कर सकता है। सूर्य के इस गोचर को कामों में विलंब या व्यवधान देने वाला माना गया है। तो ऐसी स्थिति में किसी नए काम की शुरुआत कम से कम इस गोचर की अवधि में नहीं करेंगे तो आप फायदे में रहेंगे। नौकरी आदि के बदलाव के लिए भी यह समय अवधि अनुकूल नहीं है। अतः इस मामले में भी रिस्क लेने से बचना समझदारी का काम होगा। अपने स्वास्थ्य का पूरा ख्याल रखना है। साथ ही साथ योग व्यायाम इत्यादि करते रहेंगे तो परिणाम अनुकूल बने रहेंगे।
सूर्य के इस गोचर को आंखों से संबंधित कुछ परेशानियां देने वाला कहा गया है। ऐसे में आपको यदि पहले से ही आंखों की कोई तकलीफ है तो सावधानी पूर्वक निर्वाह जरूरी रहेगा। इस गोचर की अवधि में शासन प्रशासन से जुड़े लोगों के साथ संबंधों को अनुकूलता बनाए रखने की कोशिश भी बहुत जरूरी रहेगी। अर्थात इन सावधानियों को अपनाकर आप नकारात्मकता को आने से रोक सकेंगे।
उपाय: स्वयं को क्रोध और कलह से बचाना उपाय की तरह काम करेगा।
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धनु राशि
भाग्य भाव के स्वामी होकर सूर्य आपके सप्तम भाव में गोचर करने वाले हैं। सूर्य का मिथुन राशि में गोचर सप्तम भाव में अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता लेकिन भाग्य स्थान के स्वामी का सप्तम भाव में आना कुछ हद तक बेहतरी देने का काम करेगा। यानी कि दैनिक रोजगार के भाव से भाग्य का कनेक्शन जुड़ जाएगा। तो ऐसे में आपको कुछ फायदा मिल सकता है। जैसे कि सप्तम भाव में सूर्य के गोचर को रोजमर्रा के कामों में अड़चन देने वाला माना गया है लेकिन भाग्य का सहयोग मिल जाने के कारण अड़चने बहुत कम मात्रा में रहेंगी या फिर हो सकता है कि आपको अड़चने परेशान ही न करें लेकिन विवाहित लोगों को इस गोचर की अवधि में सावधानी पूर्वक निर्वाह करने की आवश्यकता रहेगी।
हालांकि बृहस्पति नकारात्मकता को रोकने का काम करेंगे लेकिन फिर भी एक महीने अर्थात इस गोचर की अवधि में जीवनसाथी या जीवन संगिनी के साथ बेहतर तालमेल रखने की प्रैक्टिकल कोशिश भी जरूरी रहेगी। कोशिश करें कि आपस में मतभेद न होने पाए। यात्राओं से बचाव करना भी समझदारी का काम होगा। क्योंकि यात्राएं कुछ परेशानी भरी रह सकती हैं। हालांकि व्यापार व्यवसाय के मामले में भाग्येश होने के कारण सूर्य आपकी मदद भी करना चाहेंगे, इसके बावजूद भी कोई बड़ा व्यापारिक निर्णय इस समय यदि नहीं लेंगे तो ज्यादा अच्छा रहेगा।
उपाय: इस पूरे महीने नमक कम मात्रा में खाएं और रविवार के दिन बिल्कुल भी न खाएं, यह आपके लिए उपाय की तरह काम करेगा।
मकर राशि
सूर्य आपके अष्टमेश होते हैं और वर्तमान में ये आपके छठे भाव में गोचर कर रहे हैं। छठे भाव में सूर्य के गोचर को सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम देने वाला माना जाता है। ऊपर से अष्टम भाव के स्वामी का छठे भाव में जाना विपरीत राजयोग बनाने जैसी स्थिति मानी जाएगी। यानी कि सूर्य की इस गोचर के चलते आपके लिए अनुकूलता मिलती हुई प्रतीत हो रही है। यदि आपका स्वास्थ्य पिछले दिनों खराब रहा है तो वह अब ठीक हो सकता है। आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होगी।
नए सिरे से कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं आएगी। आप अपने प्रतिस्पर्धियों से बेहतर करते हुए देखे जाएंगे। आप अपने शत्रुओं को शांत रखने में कामयाब हो सकेंगे। इस अवधि में आप अच्छी मेहनत करते हुए अपने प्रभाव को और अधिक विस्तार दे सकेंगे। शासन प्रशासन से जुड़े मामलों में सूर्य का यह सूर्य का मिथुन राशि में गोचर आपको अच्छी परिणाम दिलवाने का काम कर सकता है। सरकारी योजनाओं का लाभ भी आपको मिल सकता है। यदि आप ठेकेदारी जैसे काम करते हैं और सरकारी काम का ठेका अर्थात टेंडर लेना चाह रहे हैं और इस अवधि में सरकार की तरफ से भी ऐसी अपॉर्चुनिटी मिल रही हो, तो उसमें आपको सफलता मिलने की अच्छी संभावनाएं रहेंगी।
उपाय: बंदरों को गेहूं और गुड़ खिलाना शुभ रहेगा।
कुंभ राशि
सप्तमेश सूर्य आपके पंचम भाव में गोचर करने वाले हैं। सामान्य तौर पर सूर्य का मिथुन राशि में गोचर को पंचम भाव में अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता लेकिन सप्तम भाव के स्वामी का पंचम भाव में जाना प्रेम संबंध के मामले में कुछ लोगों को अच्छे परिणाम भी दिला सकता है। विशेषकर ऐसे लोग जो प्रेम को विवाह में बदलना चाहते हैं अर्थात प्रेम विवाह करना चाहते हैं उन्हें सूर्य के इस गोचर से मदद भी मिल सकती है। हालांकि यह बात कुंडली के योग और दशाओं पर भी निर्भर करेगी लेकिन यह गोचर, इस मामले में सहायता देने वाला माना गया है। बाकी अन्य मामलों में सूर्य के गोचर को बहुत अच्छा नहीं कहा जाएगा।
मन मस्तिष्क को स्वस्थ बनाए रखने की कोशिश बहुत जरूरी रहेगी। दिमाग में इधर-उधर के तमाम ख्याल आता सकते हैं। यदि किसी मामले में मन मस्तिष्क भ्रमित लगे तो एक्सपर्ट एडवाइस ले लें। अच्छे साहित्य का अध्ययन करें तो आपका मन तुलनात्मक रूप से शांत रह सकता है और अच्छे विचारों का ग्राफ भी बढ़ सकता है। यदि आप विद्यार्थी हैं तो अपनी पढ़ाई पर प्रॉपर फोकस करने की लगातार कोशिश जरूरी रहेगी। ऐसा करने की स्थिति में आप बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकेंगे।
इस गोचर की अवधि में अभिभावक गण अपने संतान की गतिविधियों पर में विशेष ध्यान रखें और उन्हें प्यार के साथ-साथ सम्मान से भी समझाने की कोशिश करें, जिससे आपके संबंध भी अनुकूल बने रहेंगे और बच्चा आपकी बात को समझ भी सकेगा। अर्थात या गोचर सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम नहीं देता है लेकिन बताई गई सावधानियां को अपनाने की स्थिति में परिणाम तुलनात्मक रूप से बेहतर रह सकते हैं।
उपाय: प्रतिदिन सरसों के तेल की 8 बूंदे कच्ची मिट्टी में टपकना शुभ रहेगा।
मीन राशि
सूर्य आपके छठे भाव के स्वामी होकर आपके चतुर्थ भाव में गोचर कर रहे हैं। चतुर्थ भाव में सूर्य के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता है। ऐसे गोचर के बारे में कहा जाता है कि सूर्य का गोचर मानसिक रूप से व्यथित करने का काम करता है। अर्थात जीवन में कुछ ऐसे घटनाक्रम हो सकते हैं जिससे आपको कुछ तनाव देखने को मिले। इसके अलावा सूर्य के इस गोचर को माता को कष्ट देने वाला माना गया है। ऐसी स्थिति में माता के स्वास्थ्य का ख्याल रखें। माता के साथ संबंधों को मेंटेन करने की कोशिश करें। यदि माता को हृदय से संबंधित कोई तकलीफ पहले से है तो इस गोचर की अवधि में उनके स्वास्थ्य को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतनी है, बल्कि योग्य चिकित्सक से अनवरत सलाह लेते रहना जरूरी रहेगा।
इस समय अवधि में घर गृहस्थी से संबंधित कोई परेशानी या विवाद सिर उठाने का काम कर सकता है; उसे छोटे लेवल पर शांत कर लेना ही समझदारी का काम होगा। जमीन जायदाद से जुड़े मामलों में भी इस समय अवधि में बेहद समझदारी से काम लेना जरूरी रहेगा। घर गृहस्थी से सम्बंधि मामलों में शांतिपूर्वक निर्वाह बहुत जरूरी रहेगा। हालांकि गुरु की कृपा से चीजें बहुत ज्यादा परेशान नहीं करेंगी लेकिन फिर भी इस सूर्य का मिथुन राशि में गोचर से हम सकारात्मकता की उम्मीद नहीं रख सकते। कहने का तात्पर्य है कि इस गोचर की अवधि में सावधानी पूर्वक निर्वाह करने की स्थिति में परेशानियों से बचा जा सकेगा।
उपाय: गरीबों की यथा समर्थ मदद करना और उन्हें भोजन करवाना शुभ रहेगा।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. 2025 में सूर्य का मिथुन राशि में गोचर कब होगा?
सूर्य का मिथुन राशि में गोचर 15 जून 2025 को होने जा रहे हैं।
2. सूर्य किसके कारक हैं?
आत्मा, पिता, नेतृत्व, अधिकार, और उच्च पद का कारक माना जाता है।
3. मिथुन राशि का स्वामी कौन है?
मिथुन राशि के स्वामी बुध हैं।