वक्री बुध का धनु राशि में गोचर (31 दिसंबर, 2022)
वक्री बुध का धनु राशि में गोचर 31 दिसंबर, 2022 को होने जा रहा है, जो सभी 12 राशियों के जातकों के जीवन में कई तरह के बदलाव लेकर आएगा। एस्ट्रोसेज के इस लेख में आप जानेंगे कि बुध की वक्री अवस्था आपकी राशि के लिए कैसी रहेगी तथा इसके नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए क्या उपयुक्त उपाय किए जाने चाहिए। जो हमारे विद्वान ज्योतिषियों द्वारा वक्री बुध की चाल एवं स्थिति का विश्लेषण कर प्रदान किए जा रहे हैं। इन उपायों की मदद से आप अपने आने वाले कल को बेहतर बना सकते हैं।
विद्वान ज्योतिषियों से फोन पर बात करें और जानें वक्री बुध का अपने जीवन पर प्रभाव
वक्री बुध का धनु राशि में गोचर: तिथि एवं समय
वक्री बुध का धनु राशि में गोचर 31 दिसंबर, 2022 की देर रात 12:58 बजे हो जाएगा। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, बुध संचार, ज्ञान, विश्लेषणात्मक क्षमता आदि का कारक हैं। जिन जातकों की कुंडली में बुध अनुकूल अवस्था में होते हैं, उनमें यह सभी विशेषताएं पाई जाती हैं। वहीं दूसरी ओर, जिन जातकों की कुंडली में बुध कमज़ोर या पीड़ित अवस्था में होते हैं, उनमें ज्ञान की कमी पाई जाती है, उनकी विशेलेषणात्मक क्षमता कमज़ोर होती है तथा संचार कौशल भी बहुत अच्छा नहीं होता है।
कुंडली में मौजूद राज योग की समस्त जानकारी पाएं
वक्री होने का अर्थ होता है, पीछे की तरफ़ बढ़ना। इसका मतलब यह है कि जब कोई ग्रह वक्री अवस्था में होता है तो वह पीछे की ओर बढ़ता हुआ प्रतीत होता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, जब भी कोई ग्रह वक्री होता है तो उसके परिणामों में तीव्रता आ जाती है। हम जानते हैं कि बुध संचार कौशल, तार्किक क्षमता, बौद्धिक क्षमता, स्मरण शक्ति आदि का ग्रह है। इसलिए बुध जब वक्री अवस्था में आता है तो यह इन चीज़ों को प्रभावित कर सकता है।
वक्री बुध के धनु राशि में गोचर का हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं जैसे कि व्यक्तिगत जीवन, आर्थिक जीवन, प्रेम जीवन, पेशेवर जीवन, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि पर क्या प्रभाव पड़ने की संभावना है आइए विस्तार से जानते हैं इसकी जानकारी। साथ ही यह भी जानते हैं कि इसके नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं।
यह राशिफल चंद्र राशि पर आधारित है। जानें अपनी चंद्र राशि
Read in English: Retrograde Mercury Transit in Sagittarius (31 December, 2022)
मेष
मेष राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे तथा छठे भाव के स्वामी हैं और यह आपके नौवें भाव यानी कि भाग्य और धर्म के भाव में वक्री अवस्था में गोचर करेंगे। आपके लिए यह अवधि पेशेवर रूप से थोड़ी धीमी रहेगी। यदि आप अपनी नौकरी में किसी प्रकार के उत्थान की प्रतीक्षा कर रहे हैं तो उसके लिए थोड़ा इंतज़ार करना पड़ सकता है।
यदि आप ख़ुद का व्यवसाय चला रहे हैं तो वक्री बुध का धनु राशि में गोचर काल के दौरान आपको अपने प्रतिद्वंदियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है। प्रेम संबंधों में अहम के कारण आपके अपने साथी के साथ रिश्तों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। अगर आपके स्वास्थ्य की बात करें तो नींद न आने के कारण आप मानसिक तनाव का शिकार हो सकते हैं, इसलिए आपको सुझाव दिया जाता है कि अच्छी नींद लेने की कोशिश करें तथा योग, व्यायाम और मेडिटेशन आदि करें।
उपाय: रविवार के दिन विकलांगों को भोजन कराएं।
वृषभ
वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे तथा पांचवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके आठवें भाव यानी कि दीर्घायु और आकस्मिक घटना के भाव में वक्री अवस्था में गोचर करेंगे। पेशेवर रूप से देखा जाए तो इस दौरान आपको अपने कार्यस्थल पर कुछ समस्याओं जैसे कि अस्त-व्यस्त माहौल, काम पूरा होने में देरी, सहकर्मियों का कम सहयोग आदि का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में यदि आप पदोन्नति की उम्मीद कर रहे हैं तो हो सकता है कि आपको इसके लिए थोड़ा इंतज़ार करना पड़ जाए।
यदि आप किसी व्यवसाय के स्वामी हैं तो आपको अपने प्रतिस्पर्धियों से कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में बेहतर होगा कि अपनी व्यावसायिक योजनाओं एवं रणनीतियों पर थोड़ा काम करें और सही ढंग से दोबारा लागू करें। जो लोग प्रेम संबंध में हैं, उन्हें अपने रिश्ते को लेकर थोड़ा सावधान रहने की आवश्यकता होगी क्योंकि आपसी समझ में कमी के कारण कुछ समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। स्वास्थ्य के लिहाज से वक्री बुध का धनु राशि में गोचर काल के दौरान आपकी आंखों में दर्द हो सकता है, इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि अपनी आंखों का विशेष रूप से ख़्याल रखें और ज़रा सी समस्या होने पर तुरंत चिकित्सक से सलाह लें।
उपाय: शुक्र ग्रह के लिए यज्ञ करें।
मिथुन
मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध प्रथम तथा चौथे भाव के स्वामी हैं और यह आपके सातवें भाव यानी कि जीवनसाथी, विवाह और साझेदारी के भाव में वक्री अवस्था में गोचर करेंगे। पेशेवर रूप से यह अवधि फलदायी सिद्ध होगी। आप अपने कार्यस्थल पर प्रगति करेंगे। वरिष्ठों का पूरा सहयोग मिलेगा।
वक्री बुध का धनु राशि में गोचर काल के दौरान यदि आप ख़ुद का व्यवसाय चला रहे हैं तो आपको अपनी उम्मीद से थोड़ा कम मुनाफ़ा हो सकता है। लेकिन आप इस दौरान कोई नया व्यवसाय शुरू करने की योजना बना सकते हैं। जो लोग प्रेम संबंध में हैं, वे अपने प्रिय के साथ अच्छा समय बिता सकेंगे, जिससे उनके बीच प्रेम व आपसी समझ में वृद्धि होगी। स्वास्थ्य की बात करें तो आप एक स्वस्थ और फिट शरीर का अनुभव करेंगे।
उपाय: लक्ष्मी नारायण के लिए यज्ञ करें।
करियर की हो रही है टेंशन! अभी ऑर्डर करें कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट
कर्क
कर्क राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे तथा बारहवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके छठे भाव यानी कि रोग, प्रतिस्पर्धा और शत्रु के भाव में वक्री अवस्था में गोचर करेंगे। पेशेवर रूप से देखा जाए तो बुध की वक्री अवस्था आपके फलदायी सिद्ध होगी। आपको आगे बढ़ने के कई मौके मिलेंगे और आप अपने सभी प्रयासों में सफलता प्राप्त करेंगे। लेकिन हो सकता है कि एक सफल पेशेवर बनने के बाद भी आपको संतुष्टि न मिले।
आप आप ख़ुद का कोई व्यवसाय चला रहे हैं तो वक्री बुध का धनु राशि में गोचर काल के दौरान आपके बिजनेस आइडियाज़ आपके बिज़नेस पार्टनर्स का ध्यान आकर्षित करेंगे। आर्थिक रूप से इस अवधि में आपको पैतृक संपत्ति से लाभ प्राप्त हो सकता है या फिर आपका लोन पास हो सकता है। व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो जीवनसाथी के साथ आपके संबंध सौहार्दपूर्ण रहेंगे तथा स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा।
उपाय: सोमवार के दिन माँ पार्वती का यज्ञ करें।
सिंह
सिंह राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे तथा ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके पांचवें भाव यानी कि प्रेम, शिक्षा और संतान के भाव में वक्री अवस्था में गोचर करेंगे। पेशेवर रूप से देखें तो इस अवधि में आपके ऊपर काम दबाव बढ़ सकता है। ऐसे में काम करते समय आपको अपने विश्लेषणात्मक कौशल और बुद्धि का पूरा प्रयोग करना होगा। यदि आप किसी व्यवसाय के स्वामी हैं तो हो सकता है कि उम्मीद से थोड़ा कम मुनाफ़ा प्राप्त हो।
सिंह राशि के जो लोग वैवाहिक जीवन व्यतीत कर रहे हैं, उन्हें अपने रिश्ते में आपसी समझ की कमी नज़र आ सकती है। वहीं स्वास्थ्य की बात करें तो इस दौरान आपकी सेहत नाज़ुक रहने की आशंका है, लेकिन कोई भी बड़ी परेशानी न होने के भी संकेत मिल रहे हैं।
उपाय: प्रतिदिन 41 बार "ॐ बुधाय नमः" का जाप करें।
कन्या
कन्या राशि के जातकों के लिए बुध लग्न तथा दसवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके चौथे भाव यानी कि संपत्ति, भवन, वाहन, माता आदि के भाव में वक्री अवस्था में गोचर करेंगे। पेशेवर जीवन की बात करें तो कार्यस्थल पर आपके पास काम की भरमार हो सकती है। जिसके कारण आपको अपने कार्यों की सही ढंग से योजना बनाने की आवश्यकता होगी ताकि आप समय पर अपने काम पूरे कर सकें। यदि आप कोई व्यवसाय चला रहे हैं तो शुरुआत में आपको कुछ बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन उसके बाद आप अपने बिज़नेस आइडियाज़ को लागू करते हुए अच्छी कमाई कर सकेंगे।
वक्री बुध का धनु राशि में गोचर काल के दौरान अधिक मानसिक तनाव के कारण आपकी नींद प्रभावित हो सकती है, इसलिए सलाह दी जाती है कि अच्छी नींद लेने का प्रयास करें तथा मेडिटेशन आदि शुरू करें। इस दौरान आपके घर में कोई मांगलिक कार्यक्रम भी हो सकता है, जिसमें आप काफ़ी व्यस्त रहेंगे।
उपाय: प्रतिदिन 11 बार "ॐ नमो नारायण" का जाप करें।
तुला
तुला राशि के जातकों के लिए बुध नौवें तथा बारहवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके तीसरे भाव में वक्री अवस्था में गोचर करेंगे। पेशेवर जीवन की बात की जाए तो इस दौरान आपको काम के सिलसिले से कुछ यात्राएं करनी पड़ सकती हैं और इन यात्राओं से आपको अच्छा अनुभव प्राप्त होगा। यदि आप ख़ुद का व्यवसाय चला रहे हैं तो आप अच्छा मुनाफ़ा कमाने में सफल होंगे।
व्यक्तिगत जीवन के लिहाज से भी यह अवधि अनुकूल रहने वाली है। जीवनसाथी के साथ अच्छा समय बीतेगा, जिससे आपके बीच प्रेम व आपसी समझ बढ़ेगी। इस दौरान आपका स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा।
उपाय: प्रतिदिन 11 बार "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" का जाप करें।
वृश्चिक
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध आठवें तथा ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके दूसरे भाव यानी कि धन, बचत, संवाद आदि के भाव में वक्री अवस्था में गोचर करेंगे। पेशेवर रूप से देखा जाए तो इस दौरान आपको अपने पेशेवर लक्ष्य थोड़ी देरी से प्राप्त हो सकते हैं, जिसके कारण आप निराश हो सकते हैं और मानसिक तनाव भी हो सकता है। यदि आप ख़ुद का कोई व्यवसाय चला रहे हैं तो आपको अपने प्रतिद्वंदियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है।
वक्री बुध का धनु राशि में गोचर काल के दौरान आपको अपने जीवनसाथी के साथ बातचीत करते समय थोड़ी सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी क्योंकि वाद-विवाद या बहस होने की आशंका है। वहीं अगर आपके स्वास्थ्य की बात करें तो आपको अपनी आंखों का ख़ास ख़्याल रखने की सलाह दी जाती है। इसके लिए आप अपनी आंखों की नियमित रूप से जांच कराएं।
उपाय: प्रतिदिन 5 बार "ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः" का जाप करें।
बृहत् कुंडली: जानें ग्रहों का आपके जीवन पर प्रभाव और उपाय
धनु
धनु राशि के जातकों के लिए बुध सातवें तथा दसवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके लग्न भाव में वक्री अवस्था में गोचर करेंगे। करियर के लिहाज से यह अवधि फलदायी साबित होगी। आप अपने पेशेवर जीवन में संतुष्टि का अनुभव करेंगे। इस दौरान आपको अपने कार्यक्षेत्र के काम के सिलसिले से कोई यात्रा करनी पड़ सकती है। हालांकि यह यात्रा आपके लिए संतोषजनक रहेगी तथा इससे आपको काफ़ी कुछ सीखने को भी मिलेगा। यदि आप ख़ुद का व्यवसाय चला रहे हैं तो यह समय व्यवसाय का विस्तार करने के लिए तथा अच्छे अवसरों को लपकने के लिए प्रबल है।
व्यक्तिगत जीवन की बात की जाए तो आप अपने जीवनसाथी के साथ सुखद पल बिताएंगे, जिससे आपके बीच घनिष्ठता तथा आत्मीयता बढ़ेगी। इस दौरान आपका स्वास्थ्य भी उत्तम रहेगा।
उपाय: गुरुवार के दिन गरीबों को गेहूं दान करें।
मकर
मकर राशि के जातकों के लिए बुध छठे तथा नौवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके बारहवें भाव यानी कि व्यय, हानि, विदेश आदि के भाव में वक्री अवस्था में गोचर करेंगे। पेशेवर जीवन की बात करें तो संभावना है कि इस दौरान आपको अपने सहकर्मियों व वरिष्ठों का सहयोग नहीं मिलेगा। साथ ही यह भी हो सकता है कि आपकी मेहनत को नज़रंदाज़ कर दिया जाए। लिहाजा, आप अपने पेशेवर जीवन से असंतुष्ट हो सकते हैं। यदि आप कोई व्यवसाय चला रहे हैं तो इस दौरान मनमुताबिक लाभ प्राप्त न होने की संभावना है।
व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो जीवनसाथी के साथ संबंध में आपसी समझ में कमी महसूस हो सकती है। इन सबके चलते आप तनावग्रस्त हो सकते हैं और इसका सीधा असर आपकी सेहत पर पड़ेगा।
उपाय: प्रतिदिन नारायणीयम का जाप करें।
कुंभ
कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध पांचवें तथा आठवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके ग्यारहवें भाव यानी कि आय और लाभ के भाव में वक्री अवस्था में गोचर करेंगे। पेशेवर रूप से यह अवधि फलदायी सिद्ध होगी। कार्यस्थल का माहौल अनुकूल रहेगा। साथ ही आपको अपने अच्छे काम की तारीफ़ सुनने को मिलेगी। इसके अलावा वरिष्ठों का भी पूरा सहयोग प्राप्त होगा। यदि आप ख़ुद का व्यवसाय चला रहे हैं तो आपको इस दौरान अच्छा खासा लाभ प्राप्त होगा। साथ ही आप इस अवधि में अपने व्यवसाय का विस्तार करने की योजना भी बना सकते हैं।
वक्री बुध का धनु राशि में गोचर काल के दौरान आपके व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो जीवनसाथी के साथ आप अच्छा समय व्यतीत करेंगे, जिससे आपके बीच प्रेम व आपसी समझ में वृद्धि होगी। इस दौरान आपकी सेहत भी अच्छी रहेगी।
उपाय: शनिवार के दिन गायों को हरी घास खिलाएं।
मीन
मीन राशि के जातकों के लिए बुध चौथे तथा सातवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके दसवें भाव में वक्री अवस्था में गोचर करेंगे। पेशेवर रूप से इस दौरान आपको विदेश जाने का मौका मिल सकता है और इस यात्रा से आपको ख़ुद का विकास करने तथा करियर में आगे बढ़ने के कई अवसर प्राप्त होंगे। यदि आप ख़ुद का व्यवसाय चला रहे हैं तो इस दौरान आप कुछ नए बिज़नेस कॉन्टैक्ट बनाने तथा अपने ब्रांड नेम का विस्तार करने में सक्षम होंगे।
आर्थिक रूप से धन का प्रवाह अच्छा रहेगा तथा धन की बचत भी संभव होगी। व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो जीवनसाथी के साथ आपके संबंध सौहार्दपूर्ण रहेंगे तथा रिश्ते में मधुरता बनी रहेगी। इस दौरान आपका स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा। आप एक स्वस्थ और फिट शरीर का अनुभव करेंगे।
उपाय: भगवान विष्णु के लिए तेल का दीपक/दीया जलाएं।
सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर
हम आशा करते हैं कि आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा। एस्ट्रोसेज के साथ जुड़े रहने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!