वक्री बृहस्पति का मिथुन राशि में गोचर (04 दिसंबर 2025)
वक्री बृहस्पति का मिथुन राशि में गोचर: बृहस्पति वक्री अवस्था में मिथुन राशि में गोचर 04 दिसंबर 2025 की रात 08 बजकर 39 मिनट पर करेंगे। इस लेख में हम इस विशेष गोचर की चर्चा कर रहे हैं, जिसमें बृहस्पति का वक्री होकर मिथुन राशि में प्रवेश होगा। इसका असर सभी बारह राशियों पर अलग-अलग रूप से पड़ेगा।
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ज्योतिष में बृहस्पति का महत्व
ज्योतिष में बृहस्पति को शुभ ग्रह माना जाता है, जो बुद्धि, ज्ञान और शुभता का प्रतीक होता है। जब बृहस्पति वक्री अवस्था में होता है, तो इसका अर्थ है कि वह ग्रह उल्टी दिशा में यानी पीछे चलता हुआ प्रतीत होता है। अब बृहस्पति मिथुन राशि में वक्री अवस्था में गोचर करेंगे। मिथुन बुध ग्रह द्वारा शासित राशि है और बुध बुद्धिमत्ता व तर्क के कारक हैं। इस समय जातकों को अधिक ज्ञान प्राप्त करने सीखने और अपनी स्किल्स बढ़ाने के लिए एक अच्छा अवसर मिल सकता है। यह गोचर संकेत देता है कि वक्री बृहस्पति मिथुन राशि में रहते हुए लोगों की बुद्धि और विवेक को निखारेगा, जिससे उनकी क्षमताओं में वृद्धि होगी और वे अपने कार्यों में अच्छा प्रदर्शन कर पाएंगे। आइए अब जानते हैं कि बृहस्पति मिथुन राशि में मार्गी होकर सभी राशियों को कैसे प्रभावित करेंगे।
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वक्री बृहस्पति का मिथुन राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए बृहस्पति नौवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं और वक्री बृहस्पति का मिथुन राशि में गोचर तीसरे भाव में होगा।
इसके परिणामस्वरूप आप जो भी प्रयास कर रहे हैं, उनमें देरी हो सकती है, जिससे आपका साहस कम हो सकता है और आत्मविश्वास डगमगा सकता है।
करियर की बात करें, तो आप जल्दबाज़ी में नौकरी बदलने का फैसला कर सकते हैं, लेकिन यह बदलाव आपको अपेक्षित लाभ नहीं देगा। इसलिए कोई भी निर्णय सोच-समझकर लें।
व्यापार के क्षेत्र में लाभ और हानि दोनों की स्थिति बन सकती है, इसलिए बेहतर योजना बनाकर आगे बढ़ना आवश्यक है।
आर्थिक रूप से, यात्रा के दौरान पैसा का नुकसान हो सकता है। यह आपकी लापरवाही के कारण हो सकता है इसलिए सतर्क रहें।
व्यक्तिगत जीवन में, जीवनसाथी से किसी गलतफहमी के कारण बहस हो सकती है, जिससे दांपत्य जीवन में तनाव आ सकता है।
स्वास्थ्य की दृष्टि से, इस दौरान आपको गर्दन, टखनों और कंधों में दर्द हो सकता है, इसलिए स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें।
उपाय- प्रतिदिन 41 बार “ऊँ नमो नारायण” का जाप करें।
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए बृहस्पति आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और वक्री बृहस्पति का मिथुन राशि में गोचर दूसरे भाव में होगा। इस गोचर के प्रभाव से आप उत्तराधिकार या अचानक हुए लाभ के माध्यम से धन कमा सकते हैं, लेकिन आशंका है कि इन लाभों से पूर्ण संतुष्टि न मिले।
करियर के क्षेत्र में, आपको कार्यस्थल पर दबाव महसूस हो सकता है। ऐसे में, थोड़ा धैर्य रखना जरूरी होगा, नहीं तो तनाव बढ़ सकता है।
व्यापार के मामले में, प्रतियोगियों से कड़ी टक्कर मिल सकती है, जिससे मुनाफा की दर में गिरावट आ सकती है।
आर्थिक रूप से, इस समय आप एक और जहां कुछ लाभ पा सकते हैं, वहीं खर्चों में भी वृद्धि देखी जा सकती है।
व्यक्तिगत जीवन में अहंकार के कारण जीवनसाथी के साथ खुशहाल पल साझा नहीं कर पाएंगे, जिससे रिश्तों में दूरी आ सकती है।
स्वास्थ्य की बात करें, तो आंखों से जुड़ी एलर्जी या संक्रमण परेशान कर सकता है और इसका कारण आपकी गिरी हुई रोग प्रतिरोधक क्षमता हो सकती है।
उपाय- प्रतिदिन 11 बार “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” का जाप करें।
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मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए बृहस्पति सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं और वक्री बृहस्पति का मिथुन राशि में गोचर पहले भाव में होगा। इसके परिणामस्वरूप आपको अपने मित्रों से सतर्क रहना चाहिए और नौकरी के संबंध में अच्छी योजना बनाकर आगे बढ़ना होगा, क्योंकि इस समय परिणाम मध्यम स्तर के हो सकते हैं।
करियर के क्षेत्र में सहकर्मियों और वरिष्ठ अधिकारियों से तनावपूर्ण संबंध बन सकते हैं। ऐसे में आपको संयम और समझदारी से कार्य करना चाहिए।
व्यवसाय में, कार्यों में देरी या बैकलॉग हो सकते हैं,जिससे मुनाफा घट सकता है और चिंता बढ़ सकती है।
आर्थिक रूप से आपकी आय बनी रहेगी, लेकिन खर्चों में भी अधिकता हो सकती है, जिससे संतुलन बनाना जरूरी होगा।
व्यक्तिगत जीवन में, अहंकार के कारण जीवनसाथी के साथ मनमुटाव हो सकता है, जिससे रिश्ते में दूरी आ सकती है।
स्वास्थ्य की दृष्टि से आपको नसों में संबंधित समस्या हो सकती है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी के कारण संभव है।
उपाय- प्रतिदिन 11 बार “ओम नमो नारायण” का जाप करें।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए बृहस्पति छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं और वक्री बृहस्पति का मिथुन राशि में गोचर आपके बारहवें भाव में होगा। इसके परिणामस्वरूप अचानक खर्चों में वृद्धि , कार्यों में देरी और नींद की कमी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
करियर के क्षेत्र में, आपको अपने काम के लिए मध्यम स्तर के परिणाम मिल सकते हैं। यदि आप पहले से योजना बनाकर कार्य करेंगे, तो सफलता की संभावना बढ़ सकती है।
व्यवसाय में इस समय आपको अपर्याप्त लाभ मिल सकता है और शीर्ष पर पहुंचना थोड़ा कठिन हो सकता है।
आर्थिक रूप से, आप लोन, बीमा या अन्य प्रत्याशित स्रोतों से धन प्राप्त कर सकते हैं।
व्यक्तिगत जीवन में परिवार से जुड़े पुराने मुद्दों के चलते जीवनसाथी से असंतोष का सामना करना पड़ सकता है।
स्वास्थ्य की दृष्टि से, आपको पैरों में तेज दर्द हो सकता है, जो इम्यूनिटी की कमी के कारण हो सकता है।
उपाय- प्रतिदिन 21 बार “ॐ दुर्गाय नमः” का जप करें।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए बृहस्पति पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं और वक्री बृहस्पति का मिथुन राशि में गोचर आपके ग्यारहवें भाव में होगा। इसके परिणामस्वरूप आप अपने प्रयासों में अच्छी सफलता प्राप्त करेंगे और अपने कार्यों में सफलता हासिल करेंगे।
करियर के क्षेत्र में, यह समय आपके लिए सफलता से भरपूर रहेगा। आप आसानी से अपने कार्यों को पूरा कर पाएंगे और मान-सम्मान भी मिलेगा।
व्यवसाय में, यदि आप स्पेकुलेशन, ट्रेडिंग या शेयर मार्केट जैसे क्षेत्रों से जुड़े हैं, तो अच्छा लाभ मिल सकता है।
आर्थिक रूप से इस समय अधिक धन अर्जन और बचत करने के अच्छे अवसर आपके पास होंगे।
व्यक्तिगत जीवन में, जीवनसाथी के साथ आपका आपसी तालमेल अच्छा रहेगा और आप सुखद समय बिता पाएंगे।
स्वास्थ्य की दृष्टि से, आपकी इम्यूनिटी और ऊर्जा का स्तर अच्छा रहेगा जिससे स्वास्थ्य उत्तम बना रहेगा।
उपाय- अपने पिता का आशीर्वाद लें।
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कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए बृहस्पति चौथे और सातवें भाव के स्वामी हैं तथा वक्री बृहस्पति का मिथुन राशि में गोचर आपके दसवें भाव में होगा। इसके परिणामस्वरूप आपको अपने प्रयासों पर विशेष ध्यान देना होगा ताकि आप सफलता के अच्छे स्तर को प्राप्त कर सकें। इस दौरान आप रिश्तों को सौहार्दपूर्ण ढंग से विकसित करने की ओर भी झुकाव रखेंगे।
करियर के क्षेत्र में आपको नई और अच्छी अवसर प्राप्त होंगे, जिससे आप अपनी कार्यक्षमता के बल पर उच्च स्तर तक पहुंच सकते हैं।
व्यवसाय में, इस समय आप व्यापार पर कम ध्यान दे सकते हैं, जिससे प्रदर्शन कमजोर हो सकता है और लाभ सीमित रहेगा।
आर्थिक रूप से, आप अच्छी आमदनी कर सकते हैं, लेकिन साथ ही अचानक खर्चों में वृद्धि आपको चिंतित कर सकती है।
व्यक्तिगत जीवन में, जीवनसाथी के साथ विवाद या तकरार हो सकती है, जिससे आपसी रिश्तों में कड़वाहट आ सकती है, इससे बचना जरूरी होगा।
स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से, आपको जीवनसाथी के स्वास्थ्य पर खर्च करना पड़ सकता है, जो मानसिक और आर्थिक चिंता का कारण बन सकता है।
उपाय- प्रतिदिन 41 बार “ॐ बुधाय नमः” का जाप करें।
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए बृहस्पति तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं और वक्री बृहस्पति का मिथुन राशि में गोचर आपके नौवें भाव में होगा। इसके परिणामस्वरूप आप कुछ हद तक भाग्य का साथ कमजोर महसूस कर सकते हैं, जिससे विकास की गति धीमी पड़ सकती है। साथ ही यात्राओं में रुकावटें या परेशानियां भी सामने आ सकती हैं।
करियर के क्षेत्र में, आपको प्रयासों में रुकावटें आ सकती हैं और सफलता पाने में विलंब हो सकता है।
व्यवसाय में, आपको प्रतिस्पर्धियों के दबाव के चलते सफलता पाने में देरी हो सकती है। ऐसे में, सुनियोजित योजना बनाकर आगे बढ़ें।
आर्थिक स्थिति में, आप पैसा तो कमा सकते हैं, लेकिन उससे पूर्ण संतुष्टि नहीं मिल पाएगी और खर्चे अधिक रह सकते हैं।
व्यक्तिगत जीवन में, जीवनसाथी के साथ कुछ दुखद या निराशाजनक स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं।
स्वास्थ्य की दृष्टि से, आपको पिता के स्वास्थ्य पर अधिक खर्च करना पड़ सकता है, जिससे मानसिक चिंता बढ़ सकती है।
उपाय- प्रतिदिन 41 बार “ॐ शुक्राय नमः” का जाप करें।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बृहस्पति दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं और वक्री बृहस्पति का मिथुन राशि में गोचर आपके आठवें भाव में होगा। इसके परिणामस्वरूप आप में आध्यात्मिक रुचि बढ़ सकती है और आप ऐसे उद्देश्यों से जुड़ी यात्राएं कर सकते हैं। साथ ही, आपको अचानक धन लाभ भी हो सकता है।
करियर के क्षेत्र में, इस दौरान काम का दबाव अधिक रह सकता है, जिससे आप नौकरी बदलने का विचार भी कर सकते हैं। हालांकि यह बदलाव सोच-समझकर करें।
व्यवसाय में, सामान्य व्यापार में सफलता कम मिल सकती है, लेकिन शेयर बाजार, ट्रेडिंग आदि जैसे क्षेत्रों में आप अच्छा लाभ कमा सकते हैं।
आर्थिक स्थिति में, मध्यम स्तर की आमदनी हो सकती है, लेकिन उससे संतुष्टि कम मिलेगी।
व्यक्तिगत जीवन में, आपको धैर्य और संयम से काम लेने की जरूरत होगी। विशेषकर जीवनसाथी से बातचीत करते समय।
स्वास्थ्य की दृष्टि से, आंखों और दांतों में परेशानी हो सकती है, जिससे बेचैनी या असहजता महसूस हो सकती है।
उपाय- “ॐ भौमाय नमः” का प्रतिदिन 27 बार जप करें।
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धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए बृहस्पति पहले और चौथे भाव के स्वामी हैं तथा वक्री बृहस्पति का मिथुन राशि में गोचर आपके सातवें भाव में होगा। इसके फलस्वरूप आप नई मित्रता निभाने और उन्हें उच्च नैतिक मूल्यों के साथ बनाए रखने पर ध्यान देंगे। साथ ही, इस दौरान यात्राएं अधिक होंगी।
करियर के क्षेत्र में आपको विदेश से जुड़े अवसर मिल सकते हैं, जो आपके लिए बेहद लाभदायक और सफल सिद्ध हो सकते हैं।
व्यवसाय में, आप अपने प्रयासों से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं और एक मजबूत प्रतिस्पर्धी के रूप में उभर सकते हैं।
आर्थिक दृष्टिकोण से आपकी कमाई अच्छी होगी, जो आपकी सुनियोजित योजना और दिशा का परिणाम होगी।
व्यक्तिगत जीवन में, आप अपने जीवनसाथी के साथ खुशियां साझा करने में सफल रहेंगे, जिससे संबंधों में और मिठास आएगी।
स्वास्थ्य की दृष्टि, आपको जीवनसाथी के स्वास्थ्य पर खर्च करना पड़ सकता है, जो आपके लिए चिंता का विषय बन सकता है।
उपाय- गुरुवार को वृद्ध ब्राह्मण को भोजन दान करें।
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए बृहस्पति तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी हैं और वक्री बृहस्पति का मिथुन राशि में गोचर आपके छठे भाव में होगा। इसके प्रभाव के चलते आप अपनी मेहनत से उच्च स्तर की सफलता प्राप्त करेंगे। आप इस दौरान सेवा भाव से कार्य करने में रुचि लेंगे।
करियर के क्षेत्र में, आप अधिक पेशेवर ढंग से कार्य करेंगे और अपनी ईमानदारी और लगन से सफलता पाएंगे।
व्यवसाय में, आप पैतृक संपत्ति, सट्टा आदि से जुड़े क्षेत्रों में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। आप अपने व्यवसाय में मुख्य भूमिका निभाने वाले व्यक्ति बन सकते हैं।
आर्थिक रूप से , आपके खर्चे अधिक हो सकते हैं, लेकिन आप उन्हें लोन आदि के माध्यम से पूरा करने में सक्षम होंगे।
व्यक्तिगत जीवन में आप अपने जीवनसाथी के साथ ईमानदारी से विचार साझा करेंगे, जिससे आप रिश्ते में मजबूत बनेंगे।
स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से, आपकी सेहत अच्छी रहेगी और आपके अंदर दृढ़ निश्चय बना रहेगा, जिससे आप एकाग्रता बनाए रखेंगे।
उपाय- शनिवार को वृद्ध व्यक्तियों को भोजन दान करें।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए बृहस्पति दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और वक्री बृहस्पति का मिथुन राशि में गोचर पांचवें भाव में होगा। इसके परिणामस्वरूप आप इस समय अपने बच्चों और उनके भविष्य को लेकर चिंतित रह सकते हैं। आशंका है कि आपके कुछ मनोकामनाएं पूरी नहीं हो पाएंगी।
करियर के क्षेत्र में, आपको अधिक कार्यभार और असुरक्षा की भावना का सामना करना पड़ सकता है। वरिष्ठ अधिकारियों के व्यवहार से रुकावटें आ सकती हैं, जिससे आप तनाव में आ सकते हैं।
व्यवसाय में, आपको सावधानीपूर्वक काम करने की आवश्यकता होगी। यदि आप लापरवाही करेंगे तो नुकसान हो सकता है।
आर्थिक रूप से, आप भले ही कमा रहे हों, फिर भी अत्यधिक खर्चों के कारण बचत करना आपके लिए मुश्किल हो सकता है।
व्यक्तिगत जीवन में जीवनसाथी के साथ विवाद हो सकते हैं। आपसी समझ की कमी से तनाव बढ़ सकता है।
स्वास्थ्य की दृष्टि से, आपको बच्चों के स्वास्थ्य पर खर्च करना पड़ सकता है, विशेषकर जुकाम या एलर्जी जैसी समस्याओं पर।
उपाय- शनिवार को दिव्यांग व्यक्तियों को भोजन दान करें।
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए बृहस्पति पहले और दसवें भाव के स्वामी हैं और वक्री बृहस्पति का मिथुन राशि में गोचर आपके चौथे भाव में होगा। इसके प्रभावस्वरूप आपको घर या संपत्ति से जुड़े कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, इस समय आपके घर में कुछ शुभ कार्य भी होंगे।
करियर के क्षेत्र में, आप अपने कार्य से संतोष तो पाएंगे, लेकिन नशे या मद्यपान की प्रवृत्ति बढ़ सकती है, जिससे आपकी कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है।
व्यवसाय में, मानसिक तनाव के कारण आप पूरा प्रदर्शन नहीं कर पाएंगे, जिससे लाभ की संभावना कम हो सकती है।
आर्थिक रूप से, आप जितना कमा रहे है, उससे ज्यादा घर या परिवार से संबंधित खर्च कर सकते हैं।
व्यक्तिगत जीवन में परिवार में चल रही समस्याओं के कारण आप अपने जीवनसाथी के साथ खुशियां साझा नहीं कर पाएंगे।
स्वास्थ्य की दृष्टि से, आप इस समय आराम की कमी महसूस कर सकते हैं और पैरों व कंधों में दर्द की शिकायत हो सकती है।
उपाय- गुरुवार को वृद्ध ब्राह्मण को भोजन दान करें।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. मिथुन राशि में वक्री बृहस्पति का गोचर कब हो रहा है?
यह 4 दिसंबर 2025 को 20:39 बजे होगा।
2. मिथुन राशि में वक्री बृहस्पति ज्योतिषीय रूप से क्या दर्शाता है?
बुद्धि, चिंतन, कौशल विकास और सीखने को बढ़ाता है।
3. मैं इस गोचर के लिए कैसे तैयारी कर सकता हूँ?
ज्योतिषियों से परामर्श करें और सुझाए गए व्यक्तिगत उपायों का पालन करें।








