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बुध मेष राशि में अस्त (23 अप्रैल 2023)

बुध मेष राशि में अस्त (23 अप्रैल 2023): बुद्धि का कारक ग्रह बुध 23 अप्रैल 2023 की रात 11 बजकर 58 मिनट पर मेष राशि में अस्त होंगे।

23 अप्रैल 2023 को बुध मेष राशि में अस्त

वैदिक ज्योतिष में बुध बुद्धि और तर्क के कारक ग्रह हैं जो प्रकृति में स्त्री है। कुंडली में बुध तीसरे और छठे भाव पर शासन करते हैं। एस्ट्रोसेज के इस विशेष लेख के माध्यम से हम बुध मेष राशि में अस्त होने से सभी 12 राशियों पर पड़ने वाले अनुकूल और प्रतिकूल प्रभाव के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे। यदि बुध अपनी स्वराशि मिथुन और कन्या राशि में शुभ स्थिति में विराजमान होते हैं तो जातकों को अनुकूल परिणामों की प्राप्ति होती हैं। वहीं जब बुध कन्या राशि में उच्च और शक्तिशाली स्थिति में मौजूद होते हैं तो यह जातकों को व्यवसाय, व्यापार और सट्टेबाजी में अपार सफलता प्रदान करते हैं। इसी क्रम में बुध मेष राशि में अस्त होने के दौरान जातक को सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह के परिणामों का सामना करना पड़ सकता है।

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बुध ग्रह मेष राशि के तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं और अब यह पहले भाव में अस्त होने जा रहे हैं। ऐसे में जातकों को औसत परिणामों की प्राप्ति होने की संभावना है। स्वास्थ्य और विकास के क्षेत्र में प्रतिकूल परिणामों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि किसी बड़ी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। वहीं जो लोग आईटी और लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र से जुड़े हैं वे इस दौरान बेहतर प्रदर्शन करने में सक्षम होंगे। बुध अस्त के प्रभाव से जातकों को ज्यादा से ज्यादा ज्ञान की प्राप्ति होगी, विशेष रूप से रहस्यात्मक ज्ञान। वहीं नकारात्मक परिणामों की बात करें तो इस दौरान जातकों को स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं जैसे नींद न आना, भूख की कमी और निर्णय लेने की क्षमता में कमी आदि का सामना करना पड़ सकता है।

तो चलिए बिना देरी किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि बुध मेष राशि में अस्त के दौरान सभी 12 राशियों के जीवन पर क्या प्रभाव देखने को मिलेंगे और इसके नकारात्मक प्रभाव से बचने के अचूक उपाय।

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ज्योतिष में बुध का महत्व

बुध की मजबूत स्थिति के परिणामस्वरूप जातक को अच्छे स्वास्थ्य और तेज बुद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही जातक उच्च सफलता और सकारात्मक परिणाम भी प्राप्त करता है। इसके अलावा जिन लोगों की कुंडली में बुध मजबूत होते हैं वे अपने ज्ञान को बढ़ाने में भी सक्षम होते हैं और इनका यही ज्ञान इन्हें व्यवसाय से जुड़े महत्वपूर्ण फैसले लेने में सहायता करता है। इसके प्रभाव से जातक व्यापार और ट्रेड के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करने की स्थिति में होते हैं। साथ ही, ये लोग रहस्य विज्ञान जैसे ज्योतिष आदि से संबंधित क्षेत्र में भी ऊंचाइयां हासिल करते हैं।

वहीं दूसरी ओर यदि बुध अशुभ ग्रहों जैसे राहु/केतु और मंगल आदि के साथ युति करते हैं, तो जातकों को अपने जीवन में अनेक समस्याओं और बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। यदि बुध मंगल के साथ युति करते हैं तो जातकों में बुद्धि का अभाव देखने को मिल सकता है जिसके परिणामस्वरूप ये लोग स्वभाव से आक्रामक और आवेगी हो सकते हैं। यदि अस्त अवस्था में बुध अशुभ ग्रहों राहु/केतु के साथ युति करते हैं तो जातकों को त्वचा, नींद न आना और तंत्रिका तंत्र से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, यदि बुध बृहस्पति जैसे शुभ ग्रह के साथ युति करते हुए नज़र आते हैं तो इसके प्रभाव से जातकों को व्यापार, ट्रेड और सट्टेबाज़ी में मिलने वाले फल दोगुने हो सकते हैं।

ज्योतिष में बुध अस्त का महत्व

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि बुध बुद्धि, तर्क क्षमता और अच्छे संचार कौशल के कारक हैं। बुध की अशुभ स्थिति की वजह से जातकों में असुरक्षा की भावना, एकाग्रता की कमी और सोचने-समझने की क्षमता कमजोर हो सकती है। अस्त वह प्रक्रिया है जिसमें कोई भी ग्रह अपनी समस्त शक्तियां खो देते हैं और कमजोर व शक्तिहीन हो जाते हैं। राहु/केतु के अलावा कोई भी ग्रह तब अस्त होता हैं जब 10 डिग्री के भीतर सूर्य के समीप आ जाता हैं और सूर्य के प्रभाव से ग्रह कमजोर हो जाता हैं। बुध मेष राशि में अस्त के कारण मेष राशि के जातकों को ऊर्जा के स्तर में कमी, सिरदर्द, आंखों में जलन और तंत्रिका तंत्र से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही आत्मविश्वास में कमी और अध्यात्म के प्रति झुकाव कम हो सकता है क्योंकि बृहस्पति, राहु मेष राशि में विराजमान हैं।

यह राशिफल आपकी चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी व्यक्तिगत चन्द्र राशि अभी जानने के लिएचंद्र राशि कैलकुलेटर का उपयोग करें।

Read In English: Mercury Combust In Aries (23 April 2023)

बुध मेष राशि में अस्त 2023: राशि अनुसार राशिफल और उपाय

आइये इसी क्रम में अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं राशिचक्र की सभी 12 राशियों पर बुध मेष राशि में अस्त के पड़ने वाले प्रभावों के बारे में। साथ ही जानेंगे, इनके प्रभावों से बचने के अचूक उपाय।

मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए बुध आपके तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं जो कि अब आपके पहले भाव में अस्त होंगे। इस अवधि के दौरान आप अपने प्रयासों से सफलता अर्जित करने में सक्षम होंगे और अपने लिए कुछ मानक निर्धारित कर सकते हैं यानी ख़ुद को सीमित कर सकते हैं।

करियर के लिहाज़ से, बुध मेष राशि में अस्त होने से इन जातकों को कार्यक्षेत्र में प्रगति देखने को मिल सकती है। नौकरी में बेहतर अवसर मिल सकते हैं। आप अपने लिए उच्च मूल्य या मानक स्थापित करेंगे जो आपको सफलता के साथ-साथ नौकरी में सकारात्मक परिणाम देंगे। सरकारी नौकरी की चाहत रखने वाले लोग भी अच्छे परिणाम प्राप्त करने में सक्षम होंगे।

बुध की अस्त अवस्था के दौरान जो जातक व्यापार कर रहे हैं उन लोगों को असीम लाभ प्राप्त हो सकता है। साथ ही आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी और उच्च लक्ष्यों को प्राप्त करने की स्थिति में होंगे। आप अपने प्रतिद्वंदियों को कड़ी टक्कर देने में भी सफल होंगे।

आर्थिक स्थिति की बात करें तो, इस राशि के लोगों के लिए उम्मीद से अधिक धन कमाने के लिए यह अच्छा समय साबित होगा। हालांकि परिवार के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए लोन लेना पड़ सकता है। अपने करियर के मामले में कुछ जातक विदेश में रहकर धन कमाने में सक्षम होंगे। इसके अलावा जो लोग बीमा क्षेत्र में कार्यरत हैं वे इस दौरान अच्छा प्रदर्शन करेंगे।

प्रेम और वैवाहिक जीवन की बात करें तो आप अपने जीवनसाथी व परिवार के सदस्यों के साथ स्पष्टवादी रवैया अपनाएंगे जिससे आपके संबंधों में मधुरता देखने को मिलेगी। साथ ही अपने रिश्ते में उच्च मानकों को स्थापित करने में सक्षम होंगे। आप अपने जीवनसाथी के साथ शांतिपूर्ण ढंग से पेश आएंगे। वहीं परिवार के सदस्यों के साथ बातचीत करते समय स्पष्ट दृष्टिकोण रखेंगे।

इस दौरान आपको सेहत में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं जैसे उच्च रक्तचाप, सिरदर्द आदि से दो-चार होना पड़ सकता है। खानपान को लेकर सजग रहने और जीवनशैली में बदलाव लाने की आवश्यकता होगी।

बुध पहले भाव से सातवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं और इसके परिणामस्वरूप दूसरों से बातचीत करने में समस्या उत्पन्न हो सकती है। जो जातक पार्टनरशिप में बिज़नेस कर रहे हैं उनके संबंधों में कुछ दिक्कतें आ सकती है।

उपाय: प्रतिदिन 19 बार 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करें।

वृषभ राशि

वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध आपके दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके बारहवें भाव में अस्त होंगे। बुध मेष राशि में अस्त के दौरान आपके ख़र्चों में बढ़ोतरी हो सकती है और परिवार के सदस्यों के साथ संबंधों में मतभेद का सामना करना पड़ सकता है। आशंका है कि इस अवधि आपको खुशियों में कमी महसूस होगी।

करियर की दृष्टि से, बुध की अस्त अवस्था के दौरान कार्यक्षेत्र में आपको वृद्धि और प्रगति न मिलने की आशंका है। संभावना है कि कड़ी मेहनत के बावजूद भी आपको सराहना न मिले जिससे आप भविष्य को लेकर परेशान हो सकते हैं। कार्यस्थल पर यदि आप बोनस या पदोन्नति की उम्मीद लगाए बैठे हैं, तो इस दौरान आपको निराशा हाथ लग सकती है।

आर्थिक स्थिति की बात करें तो, परिवार में अवांछित इच्छाओं की पूर्ति के कारण धन हानि की संभावना है। ऐसे में बचत कर पाना आपके लिए मुश्किल साबित हो सकता है।

वृषभ राशिवालों के प्रेम जीवन की बात करें तो, इन जातकों का अपने साथी और परिवार के सदस्यों के साथ आपसी तालमेल थोड़ा कमज़ोर रह सकता है। साथ ही, पार्टनर और प्रियजनों के साथ बहस होने की आशंका है जिसके परिणामस्वरूप ख़ुशहाल रिश्ते के लिए जरूरी प्यार इस अवधि में आपके रिश्ते से नदारद रह सकता है।

सेहत के लिहाज़ से, आपको स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, दांतों में दर्द, आँखों में जलन आदि समस्याएं परेशान कर सकती हैं। इस दौरान आप अपने बच्चों की सेहत पर पैसा खर्च करते दिखाई दे सकते हैं और ये आपकी परेशानी का सबब बन सकता है।

बुध बारहवें भाव से आपके छठे भाव पर दृष्टि डालेंगे और इसके परिणामस्वरूप स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं जैसे नींद की कमी और पाचन से जुड़ी समस्याओं से आप ग्रस्त हो सकते हैं जिससे आप तनाव महसूस कर सकते हैं।

उपाय: प्रतिदिन 11 बार ‘ॐ नमो नारायणाय’ मंत्र का जाप करें।

मिथुन राशि

मिथुन राशि वालों के लिए बुध आपके पहले और चौथे भाव के स्वामी हैं और अब ये आपके ग्यारहवें भाव में अस्त होंगे। ग्यारहवें भाव में बुध अस्त हो रहे हैं और ऐसे में, बुध की यह स्थिति मिथुन राशि वालों के जीवन के सभी पहलुओं के लिए अनुकूल कही जा सकती है लेकिन कुछ बाधाओं का सामना भी करना पड़ सकता है।

करियर के लिहाज़ से, बुध मेष राशि में अस्त के दौरान कार्यक्षेत्र में मिलेजुले परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। सफलता पाने के लिए बहुत अधिक मेहनत करने की आवश्यकता होगी। आपके कुछ प्रयासों के कारण आप सकारात्मक परिणाम हासिल करने में सक्षम होंगे।

जिन जातकों का अपना व्यापार है उन्हें इस अवधि में अपनी रणनीति में बदलाव करने की आवश्यकता होगी ताकि नए बिज़नेस ट्रेंड और तकनीकों को जान सके और उसका उच्च लाभ उठा सकें। आप अपने प्रतिद्वंदियों को कड़ी टक्कर देने में सक्षम होंगे। इस दौरान बिज़नेस में सफलता हासिल करने के लिए सावधानीपूर्वक योजना बनाकर चलने की आवश्यकता होगी।

आर्थिक रूप से, आप इस दौरान कमाए गए धन से संतुष्ट नहीं होंगे और यदि आप कमाने में सक्षम हो भी गए तो बचत कर पाना आपके लिए मुश्किल साबित हो सकता है।

जब रिलेशनशिप की बात आती है तो, बुध की अस्त अवस्था के दौरान आप असुरक्षित महसूस कर सकते हैं। परिवार के सदस्यों के बीच आपसी समझ की कमी दिखाई दे सकती है जिसके परिणामस्वरूप संबंधों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।

बुध मेष राशि में अस्त के दौरान स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। पीठ में दर्द व तनाव महसूस हो सकता है जिसके चलते आपको खुद में खुशी और उत्साह की कमी महसूस हो सकती है।

बुध ग्यारहवें भाव से आपके पांचवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं और इसके परिणामस्वरूप संभव है कि आप अपनी इच्छाओं को पूरा करने में सक्षम न हो। यदि आप विकास के मामले में अपने बच्चे से बेहतर की उम्मीद कर रहे हैं तो यह आसानी से संभव नहीं है।

उपाय: प्रतिदिन 21 बार “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।


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कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों के लिए बुध आपके तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके दसवें भाव में अस्त होंगे। बुध का दसवें भाव में अस्त होना कर्क राशि के जातकों की प्रगति के लिए अच्छा नहीं कहा जा सकता है क्योंकि इस दौरान कई सुनहरे अवसर आपके हाथों से निकल सकते हैं। कुछ लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है जबकि कुछ लोग कार्यक्षेत्र में संतुष्टि न मिलने के कारण नौकरी में बदलाव के बारे में विचार कर सकते हैं। संभव है कि इस दौरान आपको अपने वरिष्ठों का भरपूर सहयोग प्राप्त न हो और जिस कारण आप अपने लक्ष्यों को पूरा करने में सक्षम न हो पाएं।

करियर की बात करें तो, बुध मेष राशि में अस्त होने की अवधि कर्क राशि के जातकों के लिए अनुकूल न रहने की आशंका है। इस दौरान आपको अपने कार्यक्षेत्र में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है और आपका काम से मन हट सकता है। आप अपने वेतन में वृद्धि की मांग कर सकते हैं लेकिन इस अवधि के दौरान यह मांग पूरी न होने की संभावना है। इस दौरान आपको नौकरी में बदलाव का सामना करना पड़ सकता है और संभव है कि ये बदलाव आपको पंसद न आए।

जिन जातकों का खुद का व्यापार हैं उन्हें इस दौरान योजना बनाकर अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने की आवश्यकता होगी अन्यथा हानि उठानी पड़ सकती है। साथ ही व्यापारिक संपर्कों के टूटने की भी संभावना है जो आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है और इस कारण आप कई अवसर खो सकते हैं।

आर्थिक रूप से देखा जाए तो, इस अवधि में आपकी आय और बचत में कुछ खास इज़ाफ़ा होता नहीं दिख रहा है। भले ही आप बचत करने में सक्षम हों लेकिन कमाए गए धन को बनाए रख पाना आपके लिए आसान नहीं होने की संभावना है।

प्रेम जीवन के लिहाज़ से, इस दौरान आपको औसत परिणाम प्राप्त होंगे। आपके रिश्ते में अवांछित गलतफहमी पैदा हो सकती है जिससे परिवार की खुशी प्रभावित हो सकती है।

बुध के अस्त के दौरान आपका स्वास्थ्य कुछ कमजोर रहने की संभावना है। त्वचा संबंधी किसी प्रकार की समस्या हो सकती है, हालांकि कोई गंभीर समस्या परेशान नहीं करेगी।

दसवें भाव से बुध आपके चौथे भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं और इस वजह से आपकी माता जी का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है और आपको उनके स्वास्थ्य पर धन खर्च करने पड़ सकते हैं जो आपके लिए परेशानी खड़ी कर सकता है।

उपाय: प्रतिदिन 11 बार “ॐ चन्द्राय नम:” मंत्र का जाप करें।

सिंह राशि

सिंह राशि के जातकों के लिए बुध आपके दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं जो कि आपके नौवें भाव में अस्त होंगे। बुध मेष राशि में अस्त आपके लिए अनुकूल प्रतीत नहीं हो रहा है क्योंकि इस दौरान भाग्य का साथ मिलता नहीं दिख रहा है। यदि भाग्य का साथ मिल भी गया तो भी आप अपनी इच्छाओं को पूरा करने में सक्षम नहीं हो सकेंगे।

करियर के लिहाज़ से देखें तो इस दौरान आपके ऊपर काम का दबाव बढ़ सकता है जिसके परिणामस्वरूप आप कार्यों में गलती कर सकते हैं। संभावना है कि कड़ी मेहनत के बाद भी आपको सराहना न मिले जिससे आप तनाव में आ सकते हैं। आपको योजना बनाकर व्यवस्थित तरीके से काम करने की सलाह दी जाती है ताकि अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम हो और प्रोफेशनल तरीके से काम कर सकें।

यदि आप व्यापारी हैं तो हो सकता है कि इस दौरान उम्मीद के मुताबिक प्रतिफल न मिले। साथ ही, इन लोगों को व्यापार में कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिल सकती है जिसको लेकर आप चिंतित हो सकते हैं। संभव है कि इस कारण आप बिज़नेस से संबंधित अहम फैसले लेने में सक्षम न हो ।

आर्थिक पक्ष की बात करें तो, बुध का आपके नौवें भाव में अस्त होना आपकी आर्थिक स्थिति के लिए प्रतिकूल साबित हो सकता है। इस दौरान आपके खर्चों में वृद्धि देखी जा सकती है। संभव है कि आप में से कुछ जातक वित्तीय फैसले लेने में सक्षम न हो। वहीं, लंबी दूरी की यात्रा के दौरान धन हानि होने की आशंका है।

प्रेम जीवन के लिहाज से, इस अवधि में पार्टनर के साथ मधुर संबंध बनाए रखने में आपको चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, बातचीत की कमी के कारण आपका रिश्ता कमजोर हो सकता है और आप दोनों के बीच तनाव बढ़ सकता है इसलिए जीवन साथी के साथ संबंधों में तालमेल बनाए रखना आवश्यक होगा ताकि प्रेम जीवन में उतार-चढ़ाव के बावजूद प्रेम बरकरार रहे।

स्वास्थ्य की दृष्टि से यह अवधि कुछ खास नजर नहीं आ रही है। इस दौरान आपको आंखों से जुड़े रोग जैसे आंखों दर्द, जलन आदि समस्याएं परेशान कर सकती हैं। स्वास्थ्य से संबंधित खर्चों में बढ़ोतरी हो सकती है जिसे लेकर आप तनाव महसूस कर सकते हैं। साथ ही पिता के स्वास्थ्य के लिए भी धन खर्च करना पड़ सकता है।

बुध नौवें भाव से आपके तीसरे भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं और इसके परिणामस्वरूप आपको अपनी प्रगति में रुकावटें झेलनी पड़ सकती है। साथ ही आपको अपने भाई-बहनों के साथ भी किसी तरह की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

उपाय: प्रतिदिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।


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कन्या राशि

कन्या राशि के जातकों के लिए बुध आपके पहले और दसवें भाव के स्वामी हैं जो आपके आठवें भाव में अस्त होंगे।

बुध की अस्त अवस्था कन्या राशिवालों के लिए अनुकूल रहेगी और कार्यक्षेत्र में आपके मान-सम्मान और प्रतिष्ठा में भी वृद्धि होगी। नौकरी में सुखद समय का आनंद लेते दिखाई दे सकते हैं और आपके साथ ऐसी चीजें हो सकती है जो आपको खुशी महसूस कराएगी। हालांकि करियर में असंतुष्टि की भावना दिख सकती है और इस अवधि में आप कुछ खास हासिल कर पाने में सक्षम नहीं होंगे।

करियर के लिहाज़ से, बुध मेष राशि में अस्त होने की अवधि को इन जातकों के लिए अच्छा नहीं कहा जा सकता है। संभव है कि कार्यक्षेत्र पर बेहतर प्रदर्शन कर पाने में कामयाब न हों। इस दौरान भाग्य का साथ मिलने की संभावना कम है जिसके परिणामस्वरूप अशांति का अनुभव कर सकते हैं और इन सब से तनाव में आ सकते हैं। इस अवधि में आप अपनी क्षमताओं को दिखाने में असमर्थ हो सकते हैं। कार्यस्थल पर काम का दबाव बढ़ सकता है जिसके कारण आपको काम में ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई हो सकती है।

जिन लोगों का खुद का व्यापार है उन्हें इस अवधि में नुकसान हो सकता है। ऐसे में आपको आगे आने वाली चुनौतियों के लिए सावधान रहने की जरूरत है। साथ ही, इन लोगों को व्यापार में प्रतिद्वंदी से कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है। हालांकि यह अवधि उन लोगों के लिए फलदायी साबित होगी जो ट्रेडिंग और सट्टेबाज़ी के क्षेत्र से संबंध रखते हैं।

आर्थिक स्थिति की बात करें तो, इन जातकों के ख़र्चों में बढ़ोतरी हो सकती हैं। ऐसे में बचत कर पाना आपके लिए मुश्किल साबित हो सकता है। इस अवधि कमाए गए धन से बचत करना आपके लिए आसान नहीं होगा। यदि आप किसी नए व्यवसाय को शुरू करने या बड़ा निवेश करने की योजना बना रहे हैं तो फिलहाल इसे आगे के लिए टाल देना बेहतर होगा।

प्रेम जीवन की बात करें तो इस समय के दौरान परिवार को आप कम समय दे पाएंगे जिसके कारण पार्टनर के साथ बहस होने की आशंका है। इसके परिणामस्वरूप रिश्ते से सौहार्द गायब हो सकता है। साथ ही सामंजस्य की कमी भी देखने को मिलेगी। आप छोटी-छोटी बातों पर शिकायत या बहस कर सकते हैं।

स्वास्थ्य के लिए यह समय अनुकूल नहीं है क्योंकि संक्रमण के कारण दांत में दर्द की समस्या परेशान कर सकती है। ऐसे में, आपको अपनी सेहत का ख़्याल रखना होगा।

बुध की दृष्टि आठवें भाव से दूसरे भाव पर होगी और इसके परिणामस्वरूप नौकरी और परिवार में तनाव उत्पन्न हो सकता है। ऐसे में आपको सामंजस्य बिठाने के लिए बहुत ज्यादा प्रयास करने होंगे।

उपाय: बुधवार के दिन बुध ग्रह के लिए यज्ञ/हवन करें।

तुला राशि

तुला राशि के जातकों के लिए बुध आपके नौवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं जो आपके सातवें भाव में अस्त होने जा रहे हैं।

बुध मेष राशि में अस्त के दौरान जातक को औसत परिणामों की प्राप्ति हो सकती हैं। इस अवधि में आपको धार्मिक तीर्थस्थलों से जुड़ी यात्रा पर जाना पड़ सकता है। जातकों को धन हानि होने की भी आशंका है। साथ ही, करीबी दोस्तों के साथ आपकी अनबन हो सकती है।

करियर की दृष्टि से, बुध की अस्त अवस्था के प्रभाव से इन जातकों को नौकरी के क्षेत्र में कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं। साथ ही, इस अवधि में तुला राशि वालों के लिए स्थानांतरण के भी योग बनेंगे। जो लोग नौकरी में पदोन्नति की उम्मीद कर रहे हैं, उन्हें इंतजार करना पड़ सकता है। वहीं, कुछ लोगों को विदेश से नौकरी के अवसर प्राप्त होंगे। हालांकि, संभावना है कि इस तरह के बदलाव से आपको अत्यधिक संतुष्टि महसूस न हों और जो जातक आगे बढ़ने के लिए उच्च अपेक्षाएं रखते हैं वे इस दौरान अपनी अपेक्षाओं को पूरा करने में असफल हो सकते हैं। साथ ही आपको दोस्तों की तरफ से कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।

इस राशि के जिन जातकों का अपना व्यापार है उन्हें इस दौरान बिज़नेस से संबंधित कोई फैसला लेते समय बेहद सावधान रहना होगा, विशेष रूप से पार्टनर से जुड़ा कोई फैसला लेते समय क्योंकि इन्हें कुछ परेशानियों से जूझना पड़ सकता है। इस अवधि में व्यापार में लाभ मिलने में देरी हो सकती है। स्थिति अनुकूल न होने के कारण संभव है कि कुछ ऐसी परिस्थितियों का सामना करना पड़े जहाँ आपको व्यापार में साझेदारी खत्म करने की नौबत आ सकती हो।

आर्थिक पक्ष के लिहाज़ से, बुध की सातवें भाव में मौजूदगी होने से आपको हानि हो सकती है। ऐसे में धन संचय करने के संबंध में कोई भी फैसला सावधानीपूर्वक लें क्योंकि कोई भी गलत फैसला आपके लिए परेशानी खड़ा कर सकता है।

प्रेम जीवन की दृष्टि से, इन जातकों को मिले-जुले परिणाम प्राप्त हो सकते हैं क्योंकि गलतफ़हमियों और बातचीत की कमी के कारण पार्टनर से बहस और मतभेद होने की आशंका है। जातकों को रिश्ते में मिठास बनाए रखने के लिए सामंजस्य बिठाना होगा, अन्यथा ये विवाद बढ़ सकता है।

तुला राशि वालों की सेहत की बात करें तो, इस अवधि में आपको अपने स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि आपको सिर दर्द और तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही नींद में कमी की समस्या भी आपको परेशान कर सकती है। ऐसे में, राहत पाने के लिए आपको योग करने की सलाह दी जाती है।

सातवें भाव में बैठा बुध आपके लग्न भाव या पहले भाव को देख रहा है और इस वजह से जातकों को अनचाही यात्रा पर भी जाना पड़ सकता है, जो आपके लिए परेशानी का सबब बन सकती है। इस अवधि में नौकरी के माध्यम से आपको जीवन स्तर में सुधार लाने के कई मौके मिल सकते हैं।

उपाय: प्रतिदिन 11 बार “ॐ श्री दुर्गाय नमः” मंत्र का जाप करें।

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध आपके आठवें भाव और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और अब ये आपके छठे भाव में अस्त होंगे। आपको बता दें कि आठवां भाव बाधाओं और ग्यारहवां भाव वृद्धि का भाव है।

बुध मेष राशि में अस्त वृश्चिक राशि के जातकों के लिए अनुकूल नहीं रहने की आशंका है क्योंकि आपको मिलने वाले लाभ में समस्याओं और देरी का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान कड़ी प्रतिस्पर्धा मिलने देखने को मिल सकती है जिसका सामना करना आपको मुश्किल प्रतीत हो सकता है। साथ ही असुरक्षा की भावना महसूस हो सकती है और इसके परिणामस्वरूप आप सही फैसले लेने में मुश्किल हो सकती है जो आपके जीवन को भी प्रभावित कर सकती है।

करियर की बात करें तो, इस अवधि में आप पर काम का दबाव बढ़ सकता है। आशंका है कि कड़ी मेहनत के बाद भी पहचान न मिले। आपके वरिष्ठ आपके काम में बेवजह की गलतियां निकाल सकते हैं जिसके कारण आप तनाव में आ सकते हैं।

जिन जातकों का अपना व्यापार है उनके लिए ये अवधि थोड़ी कठिन रह सकती है। इन लोगों को व्यापार में कड़ी प्रतिस्पर्धा मिलने की आशंका है जिसका सामना करना आपको मुश्किल प्रतीत हो सकता है।

आर्थिक मोर्चे पर आपके छठे भाव में बुध के विराजमान होने से जातकों को हानि का सामना करना पड़ सकता है। अत्यधिक बोझ या जिम्मेदारियों के कारण आप जितना भी धन कमाएंगे उसको बनाए रखने में मुश्किल हो सकती है और इसके परिणामस्वरूप, आप अपनी रोज़मर्रा की जरूरतों को पूरा करने में भी असफल रह सकते हैं।

जब रिलेशनशिप की बात आती है तो बुध की अस्त अवस्था के दौरान इन जातकों को सावधान रहने की जरूरत होगी क्योंकि आपके पार्टनर के साथ मतभेद हो सकते हैं। इन विवादों का कारण गलतफहमी हो सकती है। ऐसे में, आपके और पार्टनर के रिश्ते से खुशियां नदारद रहने की आशंका है।

वृश्चिक राशि वालों का स्वास्थ्य इस समय थोड़ा नाज़ुक रहने की संभावना है क्योंकि त्वचा संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए अपने स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहें।

आपके छठे भाव में बैठे बुध की दृष्टि बारहवें भाव पर पड़ रही है और इसके परिणामस्वरूप आपको गंभीर सिरदर्द और भूख न लगने की शिकायत हो सकती है। ऐसे में आपका वजन तेजी से कम हो सकता है।

उपाय: प्रतिदिन 27 बार “ॐ भौमाय नम:” का जाप करें।


बृहत् कुंडली: जानें ग्रहों का आपके जीवन पर प्रभाव और उपाय

धनु राशि

धनु राशि वालों के लिए बुध आपके सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं और अब बुध आपके पांचवें भाव में अस्त होने जा रहे हैं। जैसे कि हम जानते हैं कि सातवां भाव जीवनसाथी और रिलेशनशिप का भाव है जबकि दसवां भाव करियर का प्रतिनिधित्व करता है।

करियर की बात करें तो, बुध की अस्त अवस्था आपकी कार्यक्षमता और उत्पादकता के क्षेत्र में आपको औसत परिणाम प्रदान करेगी। इस राशि के लोगों को अपना काम बुद्धिमता के साथ एक व्यवस्थित तरीके से करने की जरूरत महसूस हो सकती है और ऐसा करने से वे अपने काम में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

धनु राशि के व्यापार करने वाले जातकों के लिए ये अवधि चुनौतीपूर्ण रहने की आशंका है और ये समय आपके धैर्य की परीक्षा ले सकता है। इन जातकों को अपने बिज़नेस पार्टनर से समर्थन न मिलने के कारण नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। व्यापार में कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिल सकती है और इस वजह से कुछ जातकों को हानि उठानी पड़ सकती है।

आर्थिक स्थिति के लिहाज़ से, इस दौरान आपके खर्चें बढ़ सकते हैं जिन्हें पूरा करना आपको एक चुनौती लग सकता है। ऐसे में, आप निराश महसूस कर सकते हैं। यह अवधि सट्टा बाज़ार से जुड़े लोगों के लिए बेहतर साबित होगी।

रिश्तों की बात करें तो बुध मेष राशि में अस्त के दौरान आप अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हो सकते हैं। साथ ही रिश्ते में आपसी तालमेल की कमी के कारण जीवनसाथी के साथ वाद-विवाद होने की आशंका है।

बुध की अस्त अवस्था आपके स्वास्थ्य के लिए अनुकूल प्रतीत नहीं हो रही है क्योंकि भूख की कमी के कारण आप तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्याओं से ग्रस्त हो सकते हैं। साथ ही आपको अपने पार्टनर के स्वास्थ्य को लेकर धन खर्च करना पड़ सकता है।

बुध पांचवें भाव से आपके ग्यारहवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं और इस वजह से जातक घर-परिवार में होने वाले किसी समारोह को लेकर ख़ुश नज़र आ सकते हैं और धार्मिक कार्यों से लाभ प्राप्त करने में सक्षम होंगे।

उपाय: गुरुवार के दिन बृहस्पति देव की पूजा करें।

मकर राशि

मकर राशि के जातकों के लिए बुध आपके छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं जो आपके चौथे भाव में अस्त होने जा रहे हैं। छठा भाव कर्ज़ और रोग का भाव है, तो नौवां भाव भाग्य और लंबी यात्रा का भाव है।

बुध मेष राशि में अस्त होने से करियर के मोर्चे पर आपको संतुष्टि और वृद्धि के मामले में औसत परिणाम दे सकती है। कार्यक्षेत्र में आपको सराहना मिलने की संभावना कम है जिसके कारण आपके काम में कमी देखने को मिल सकती है। साथ ही काम का दबाव बढ़ सकता है और इसके चलते आप नौकरी बदलने का विचार भी कर सकते हैं।

जिन जातकों का अपना व्यापार हैं उनके लिए बुध का मेष राशि में अस्त होना ज्यादा फ़ायदेमंद नहीं रहने की आशंका है। साथ ही, इस दौरान आपको औसत परिणामों की प्राप्ति होगी। प्रतिद्वंदियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा मिल सकती है और इस वजह से आपको व्यापार में हानि का सामना करना पड़ सकता है।

आर्थिक दृष्टिकोण से देखें तो, बुध की चौथे भाव में स्थिति होने से आपके ख़र्चों में वृद्धि हो सकती हैं और धन लाभ होने की संभावना बेहद कम है। साथ ही, आप परिवार के ऊपर भी धन ख़र्च करते हुए नज़र आ सकते हैं और परिवार की जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए आपको संघर्ष करना पड़ सकता है।

मकर राशि के जातकों को परिवार में चल रहे विवादों के कारण प्रेम जीवन में औसत परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। परिवार में सदस्यों के बीच मनमुटाव होने की आशंका है। साथ ही इस दौरान आप जीवनसाथी की जरूरतों को समझने में विफल हो सकते हैं।

बुध की अस्त अवस्था के दौरान आपका स्वास्थ्य अच्छा नहीं रहने की आशंका है क्योंकि आपको तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्याएं परेशान कर सकती हैं और इसका कारण तनाव हो सकता है। इसके अलावा माता के स्वास्थ्य पर भी धन खर्च करना पड़ सकता है।

बुध चौथे भाव से आपके दसवें भाव में दृष्टि डाल रहे हैं और इसके परिणामस्वरूप जातकों को करियर में सकारात्मक परिणामों की प्राप्ति होगी। लेकिन प्रतिस्पर्धा के कारण चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान आप अपने काम पर ज्यादा फोकस करेंगे और इस वजह से अत्यधिक व्यस्त रहेंगे।

उपाय: शनिवार के दिन हनुमान जी के लिए यज्ञ/हवन करें।

कुंभ राशि

कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध आपके पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं और अब ये आपके तीसरे भाव में अस्त होंगे। तीसरा भाव साहस और आत्म विकास को दर्शाता है।

करियर के लिहाज़ से, बुध की अस्त अवस्था के दौरान जातकों को नौकरी में अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे। कार्यक्षेत्र में ये लोग उच्च प्रगति हासिल करेंगे। कुछ जातकों को विदेश यात्रा के भी अवसर प्राप्त हो सकते हैं लेकिन ये अवसर आपके लिए ज्यादा फलदायी साबित नहीं होने की आशंका है।

कुंभ राशि के जो जातक व्यापार करते हैं उनके लिए ये समय फलदायी साबित हो सकता है और इस दौरान आपको लाभ कमाने के अवसर प्राप्त होंगे। ये जातक व्यापार में आने वाली चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होंगे और साथ ही, प्रतिद्वंदियों को कड़ी टक्कर देंगे।

बुध की तीसरे भाव में मौजूदगी आपके खर्चों में वृद्धि कर सकती है। संभव है कि इन खर्चों को पूरा करने के लिए आपको लोन या कर्ज़ लेना पड़ सकता है और यह लोन आपके लिए बहुत बड़ा बोझ साबित हो सकता है।

रिश्तों की बात करें तो, इस दौरान आप अपने प्रेम जीवन में सौहार्द बनाए रखने में विफल हो सकते हैं। ऐसे में पार्टनर के साथ तालमेल बिठाने में काफ़ी दिक्कत आ सकती है और साथी के साथ वाद-विवाद भी हो सकता है।

स्वास्थ्य के लिहाज से यह समय आपके लिए ज्यादा ख़ास नहीं रहने की संभावना है क्योंकि इस दौरान आपको आँखों से जुड़ी समस्या जैसे जलन आदि परेशान कर सकती है।

बुध तीसरे भाव से नौवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं और ऐसे में भाग्य का साथ मिलता नहीं दिख रहा है और इसके परिणामस्वरूप आप कई ऐसे अवसर खो सकते हैं जिससे आपको लाभ हो सकता है। साथ ही सफलता और प्रगति में भी पीछे रह सकते हैं।

उपाय: प्रतिदिन “ॐ हनुमते नमः” का जाप करें।

मीन राशि

मीन राशि के जातकों के लिए बुध आपके चौथे और सातवें भाव के स्वामी हैं और अब ये आपके दूसरे भाव में अस्त होने जा रहे हैं। दूसरा भाव परिवार और निजी जीवन का भाव होता है।

करियर के लिहाज़ से, बुध मेष राशि में अस्त अवस्था आपके लिए औसत साबित हो सकती है। यह समय बहुत ज्यादा अनुकूल नहीं कहा जा सकता है। आशंका है कि कार्यस्थल पर सराहना न मिले जिसके कारण करियर में आगे बढ़ना आपके लिए आसान नहीं हो सकता है।

जिन जातकों का अपना व्यापार है उनके लिए ये अवधि अनुकूल साबित नहीं हो रही है। व्यवसाय के विस्तार में संघर्ष का सामना करना पड़ सकता है। मीन राशि के व्यापारियों को प्रतिद्वंदियों से कड़ी टक्कर भी मिलने की संभावना है।

आर्थिक स्थिति की बात करें तो, इस अवधि में मीन राशि वालों को भाग्य का साथ मिलना आसान नहीं है। इस दौरान आपको आउटसोर्सिंग और विदेशी स्रोतों से लाभ मिलने में मुश्किल हो सकती है। साथ ही, ये लोग अधिक बचत करने में भी विफल हो सकते हैं।

मीन राशि के जातकों को अपने प्रेम जीवन में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। पार्टनर और परिवार के सदस्यों के साथ इन लोगों को अपने रिश्ते में तालमेल का अभाव महसूस हो सकता है जिसके चलते ये लोग रिश्ते में ख़ुशहाली बनाए रखने में असफल रह सकते हैं।

स्वास्थ्य के लिहाज़ से, इन जातकों को स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी देखने को मिल सकती है। साथ ही आंखों में जलन की समस्या परेशान कर सकती है।

दूसरे भाव से बुध की दृष्टि आपके आठवें भाव पर होगी और इसके परिणामस्वरूप अशांति का वातावरण बनने के योग हैं। साथ ही इस दौरान आपके पारिवारिक खर्चे बढ़ सकते हैं और परिवार का माहौल भी तनावपूर्ण रहने की आशंका है।

उपाय: प्रतिदिन 21 बार “ॐ गुरुवे नमः” मंत्र का जाप करें।


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