बुध का मीन राशि में गोचर, नीच राशि का प्रभाव (1 अप्रैल, 2021)
नव ग्रहों में राजकुमार ग्रह का पद प्राप्त करने वाला बुध ग्रह, एक सौम्य और शुभ ग्रह होता है। जो अन्य सभी ग्रहों से सबसे छोटे ग्रह होने के साथ-साथ, सूर्य के सबसे निकट होता है। बुध ग्रह को जातक की बुद्धि, नाते रिश्तों में हमारी बहन, शरीर की त्वचा, वाणी, लोगों से सम्पर्क करने में हमारी योग्यता अर्थात हमारी संवाद शैली, तार्किक क्षमता, यात्रा, लेखन, गणित, ज्योतिष आदि का कारक भी माना गया है।
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गोचर काल की अवधि
अब यही बुध ग्रह अपना स्थान परिवर्तन करते हुए गुरूवार, 1 अप्रैल 2021 को सुबह 12 बजकर 52 मिनट पर अपने मित्र ग्रह शनि की राशि कुम्भ से निकलकर, देव गुरु बृहस्पति के आधिपत्य वाली जल तत्व की राशि मीन में प्रवेश करेगा। ये राशि बुध देव की नीच राशि है और काल पुरुष की कुंडली में मीन राशि को द्वादश, अर्थात व्यय भाव की राशि माना जाता है। अपने इस गोचर के दौरान बुध यहाँ इसी अवस्था में अगले 15 दिनों तक रहेंगे और फिर उसके बाद, अपना पुनः 16 अप्रैल 2021 की रात 9 बजकर 05 मिनट पर अपना गोचर करते हुए मीन से निकलकर, मेष राशि में विराजमान हो जाएंगे। ऐसे में मीन राशि में बुध का ये गोचर, कई मायनों में बेहद महत्वपूर्ण रहने वाला है।
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बुध ग्रह के मीन राशि में गोचर का राशिफल
अब जबकि बुध मीन राशि में गोचर करने वाला है, तो चलिए जानते हैं कि बुध के इस गोचर का आपकी राशि पर क्या पड़ेगा प्रभाव और इस गोचर के दौरान, आपको किस प्रकार के परिणामों की होगी प्राप्ति:-
Read in English: Mercury Transit in Pisces
यह भविष्यफल चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी चंद्र राशि जानने के लिए क्लिक करें: चंद्र राशि कैलकुलेटर
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए बुध, आपके तीसरे और छठे भाव के स्वामी होते हैं। अब अपने इस गोचर के दौरान बुध, आपकी राशि से द्वादश भाव में प्रवेश करेंगे। काल पुरुष की कुंडली में बारहवां भाव, मीन राशि का होता है और इस भाव को हानि भाव भी कहा जाता है। यह भाव कारक होता है व्यय का, अचेतन मन का, विदेश यात्रा और मोक्ष का।
ऐसे में बुध के आपके बारहवें भाव में गोचर की वजह से, कार्यक्षेत्र पर आपको थोड़े प्रतिकूल फलों की प्राप्ति होगी। चूँकि बुध आपके तीसरे और छठे भाव के स्वामी होकर, आपके विकास और उन्नति को नियंत्रण करते हैं। ऐसे में उनका इस गोचर के द्वारा आपकी राशि में नीच अवस्था होना, आपकी उन्नति में कुछ बाधा उत्पन्न कर सकता है।
नौकरी पेशा जातकों को भी इस दौरान, अपने सहकर्मी और अपने अधीन कार्य कर रहे लोगों के द्वारा दी गई हर जानकारी को, दोबारा जाँचने की आवश्यकता होगी। चाहे फिर वो जानकारी उन्हें मेल या किसी दस्तावेज़ के जरिए दी गई हो। क्योंकि इस दौरान कोई बड़ी ग़लतफहमी उत्पन्न होने की, आशंका सबसे अधिक है।
इसके साथ ही आपको किसी भी तरह की बेकार या व्यर्थ की बातचीतों या गॉसिप में भी, खुद को दूर ही रहने की जरूरत होगी। अन्यथा आपके विरोधी इस दौरान सक्रिय होते हुए, आपकी छवि को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके अलावा इस अवधि के दौरान किसी भी तरह की यात्रा करना भी, आपके तनाव और थकान में वृद्धि लेकर आएगा। ऐसे में अभी हर प्रकार की यात्रा को टालना ही, आपके लिए बेहतर विकल्प रहेगा।
स्वास्थ्य जीवन के लिहाज से भी, आपको अपनी सेहत पर उचित ध्यान देने की आवश्यकता होगी। आशंका है कि आपको अनिद्रा, तनाव और त्वचा या हार्मोन संबंधी किसी बीमारी से परेशानी हों। वहीं निजी जीवन में भी जीवन साथी की खराब सेहत के चलते, आपके मानसिक तनाव में वृद्धि हो सकती है। उन्हें तंत्रिका तंत्र संबंधी, किसी प्रकार की कोई समस्या संभव है।
हालांकि पारिवारिक जीवन के लिए समय उत्तम बेहतर ही रहेगा, क्योंकि इस दौरान आपके भाई-बहनों को लाभ की प्राप्ति होगी। साथ ही उन्हें, विदेशों से नौकरी या लाभ प्राप्ति होने के भी कई योग बनेंगे। छात्रों के लिए भी समय उत्तम है। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को मेहनत अनुसार, शुभ फलों की प्राप्ति मिलने की संभावना रहेगी। परंतु इसके लिए उन्हें शुरुआत से ही अपने प्रयासों को तेज करते हुए, कड़ी मेहनत करने की भी सलाह दी जाती है।
आर्थिक जीवन में आपके ख़र्चों में बढ़ोतरी, आपके आर्थिक तंगी को बढ़ा सकती है। ऐसे में अपने ख़र्चों और आय के बीच सही तालमेल बनाते हुए, बेहतर रणनीति अनुसार ही अपने धन को खर्च करें।
उपायः घर या दफ्तर में नियमित रूप से कपूर जलाना, आपके लिए उत्तम रहेगा।
वृषभ राशि
वाणी, बुद्धि और तार्किक क्षमता के कारक बुध ग्रह, आपकी राशि के दूसरे और पंचम भाव के स्वामी होते हैं। इस समय अब आपकी राशि से बुध देव एकादश भाव में गोचर करेंगे। कुंडली में एकादश भाव कुंभ राशि का होता है, और इसे लाभ का भाव भी कहा जाता है। इस भाव से हम आमदनी, जीवन में मिलने वाली उपलब्धियों, बड़े भाई-बहनों से रिश्ते और लाभ के बारे में विचार करते हैं। बुध का गोचर आपके एकादश भाव में होने से, आपको उत्तम फलों की प्राप्ति होगी।
पारिवारिक जीवन में आपको, अपने परिवार का भरपूर सहयोग प्राप्त होगा। क्योंकि इस दौरान परिवार आपके साथ, एक स्तंभ की तरह खड़ा दिखाई देगा। जिसके चलते आपके जीवन में आ रही सभी बाधाओं को, आप आसानी से दूर करने में सक्षम होंगे। साथ ही आप इस समय किसी पार्टी का आयोजन कर उन सभी लोगों को आमंत्रित कर सकते हैं, जिन्होंने आपका समर्थन किया हो। इससे आपको अपने दोस्तों और परिवारों के लोगों के साथ, अपने रिश्ते मजबूत करने में भी मदद मिलेगी।
प्रेम संबंधों की बात करें तो, जो जातक अभी तक अकेले हैं, परंतु विवाह योग्य हैं, उन्हें इस गोचरकाल के समय कई अच्छे प्रस्ताव मिलने की संभावना है। वहीं प्रेमी जातकों को भी इस अवधि में, अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपनी पूर्व की हर ग़लतफहमी को हल करने में मदद मिलेगी। क्योंकि इस दौरान आप एक दूसरे से खुलकर बात करते हुए, अपने रिश्ते को मजबूत बनाने की ओर कार्य करते दिखाई देंगे।
कार्यक्षेत्र पर नौकरीपेशा जातक, एक समय में कई कार्य करने में सक्षम होंगे। इससे बुध का यह गोचर आपको, अपने वरिष्ठ अधिकारियों के बीच लोकप्रियता प्राप्त करने में मदद करेगा। इससे आपको विभिन्न स्रोतों से भी, अपनी आय में वृद्धि करने के अवसर मिलेंगे।
हालांकि इस समय आपको, हमेशा खुद को बेहतर और पूर्णता रखने का ही प्रयास न करने की भी सलाह दी जाती है, अन्यथा आपके स्वभाव में भावनात्मकता की वृद्धि होगी। जिससे आपको अपने जीवन के कई क्षेत्रों में, खासतौर से कार्य क्षेत्र पर कई प्रकार की समस्याओं से दो-चार होना पड़ेगा।
व्यापारियों के लिए भी समय उत्तम रहेगा, क्योंकि उन्हें अपने व्यापार में विस्तार करने के कई शुभ अवसर मिलेंगे। साथ ही आपको पहले का किया गया कोई निवेश, इस समय अच्छा लाभ और धन अर्जित करने में भी मदद करेगा। साथ ही आप नए रूझानों और नई टेक्नोलॉजी के साथ कार्य करते हुए, अपने व्यवसाय में विस्तार देने के लिए इंटरनेट का भी उपयोग कर सकते हैं। परिणामस्वरूप आपको बेहतर और उत्तम परिणाम प्राप्त होने में, मदद मिलेगी।
छात्रों के लिए समय शुभ रहेगा, क्योंकि इस दौरान वो अपने ज्ञान और कार्य क्षमता में वृद्धि करते हुए, कुछ नई चीजों और नए विषयों को सीखने के लिए उत्सुक दिखाई देंगे। इससे उन्हें अपनी शिक्षा में, प्रदर्शन बेहतर देने में मदद मिलेगी।
स्वास्थ्य जीवन भी बुध के इस गोचर के दौरान, सकारात्मकता के साथ सही दिशा में आगे बढ़ता दिखाई देगा। कुल मिलाकर कहें तो वृषभ राशि के जातकों के लिए ये समय, शुभ और आशाजनक परिणाम लेकर आने वाला है।
उपायः शुभ फलों की प्राप्ति के लिए बुधवार के दिन, भगवान गणेश को हरी दूर्वा ग्रास अर्पित करें।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के लिए बुध, आपकी ही राशि के स्वामी होते हैं। ऐसे में इस गोचर के दौरान मिथुन राशि के जातकों के जीवन में, कई बदलाव आने वाले है। ये गोचर आपकी राशि से दशम भाव में होगा। काल पुरुष की कुंडली में यह भाव मकर राशि का होता है, और इसे कर्म भाव भी कहा जाता है। साथ ही यह भाव कारक होता है कार्य क्षेत्र, पिता और समाज में आपकी प्रतिष्ठा का। ऐसे में आपके दशम भाव में बुध ग्रह के इस गोचर से, आपको जीवन में मिश्रित परिणाम प्राप्त होने वाले है।
साथ ही इस समय बुध आपकी राशि में, दुर्बल अवस्था में होंगे। जिसके चलते कार्य क्षेत्र पर आप ग़लती करने के भय से, कार्यों को विश्वास की कमी के चलते पूरा करने में असफल होंगे। इससे कार्यस्थल पर आपकी कार्य क्षमता में, कमी देखी जाएगी। ऐसे में आपको इस समय हर निर्णय को लेते समय, अपनी क्षमताओं पर विश्वास रखने की सलाह दी जाती है।
आपको अपनी मां के स्वास्थ्य के प्रति भी, अधिक सजगता बरतने की आवश्यकता होगी। क्योंकि आशंका है कि उनकी कोई पुरानी बीमारी, इस गोचर के दौरान पुनः परेशान करें। ऐसे में उनकी सेहत के प्रति जरा भी लापरवाही न बरतें। घर-परिवार में भी मरम्मत या कोई अन्य निर्माण कार्य को करने से अभी परहेज करें, अन्यथा आपके समय और धन दोनों की बर्बादी निश्चित है।
यदि कोई संपत्ति खरीदने का सोच रहे हैं तो, आपको उससे जुड़े हर दस्तावेज़ को सही से पढ़ने की आवश्यकता होगी, नहीं तो कोई नुकसान उठाना पड़ सकता है। हालांकि पारिवारिक जीवन में अपने परिवार के सदस्यों के साथ, समय बिताने के लिए समय अच्छा रहने वाला है। आप परिवार के सदस्यों के साथ, कहीं बाहर घूमने जाने का भी प्लान कर सकते हैं। जिससे आप उनके साथ हर विवाद को सुलझाते हुए, अपने रिश्ते को मजबूत बना सकेंगे।
छात्रों को इस अवधि में अपने विषय को समझने में, कुछ समस्या हो सकती है। इसलिए इस दौरान अपने प्रयासों को रफ्तार देते हुए, बेहतर परिणामों की प्राप्ति के लिए शुरुआत से ही अपनी मेहनत जारी रखें।
उपायः बुधवार के दिन मां सरस्वती की पूजा-आराधना करें। साथ ही अच्छी गुणवत्ता वाला पन्ना रत्न, चांदी में अपने दाहिने हाथ की अनामिका में धारण करना भी, आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगा।
कर्क राशि
ज्योतिषशास्त्र में बुध ग्रह को संचार और लेखन का कारक माना जाता है। कर्क राशि में अपने गोचर के दौरान, बुध ग्रह आपकी राशि से नवम भाव में विराजमान होंगे। काल पुरुष की कुंडली में यह भाव धनु राशि का है, और इस भाव को धर्म भाव भी कहा जाता है। बुध ग्रह की आपकी राशि से नवम भाव में उपस्थिति, आपके लिए लाभदायक सिद्ध होगी।
हालांकि बुध देव आपका भाई-बहनों के साथ, कुछ मतभेद भी उत्पन्न करा सकते हैं। इसलिए उनके साथ अच्छा समय बिताते हुए, उनकी हर शिकायत को सुने और उसका समाधान करते हुए, आपस के हर विवाद को भी दूर करें। इससे उनके साथ आपके संबंधों में मजबूती आएगी।
किसी यात्रा पर जाने से परहेज करें। खासतौर से धार्मिक स्थानों पर जाना, इस समय आपके लिए उचित नहीं रहेगा। क्योंकि इससे आपको शांति और संतोष मिलने की जगह, आपके तनाव और चिंताओं में वृद्धि होने की आशंका है।
आपकी राशि के लिए बुध आपके तीसरे भाव के स्वामी होते हैं, और अपने इस गोचर के दौरान वो आपकी राशि में बेहद पीड़ित अवस्था में होंगे। इसके परिणामस्वरूप आपको, अपने इलेक्ट्रॉनिक गैजेट या उपकरणों के प्रति सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी। अन्यथा उनके खराब होने पर, आपको अपना बहुत-सा धन खर्च करना पड़ सकता है।
कार्यक्षेत्र की बात करें तो, कुछ नौकरी पेशा जातकों का स्थानांतरण संभव है। जिससे उन्हें अंसतोष की प्राप्ति होगी। गोचरकाल की यह अवधि, आपको प्रयासों के अनुसार परिणाम प्राप्ति करने में कुछ बाधा भी उत्पन्न कर सकती है। यानी आपको इच्छानुसार फलों की प्राप्ति के लिए, पहले से भी अधिक प्रयास करने की आवश्यकता होगी।
इस समय बॉस और वरिष्ठ अधिकारी, आपके काम से संतुष्ट न होते हुए, आपको किसी कार्य को दोबारा करने के लिए बोल सकते हैं। जिसके चलते आपका उनके साथ मतभेद या विवाद संभव है। हालांकि आपको सलाह दी जाती है कि, ये स्थिति ज्यादा लंबे समय के लिए नहीं रहने वाली। ऐसे में हर परिस्थिति में खुद को शांत रखते हुए, उसे बेहतर बनाने की ओर ही अपने कार्य करें। साथ ही आपको इस समय अपने लक्ष्य का भी ध्यान रखते हुए, अपना सारा ध्यान अपने काम की ओर केंद्रित रखने की आवश्यकता होगी।
गोचरकाल की ये अवधि, आपकी कोई ऐसी रुचि या किसी पुरानी कला में भी निवेश करने के लिए उत्तम रहेगी, जिसे आप लंबे समय से पूरा करने का सोच रहे थे। क्योंकि इससे आपको आत्ममंथन और स्वयं के साथ, संबंध स्थापित करने में मदद मिलेगी। साथ ही आप अपनी किसी छुपी हुई कला और क्षमता को भी, जानने में सक्षम होंगे।
उपायः हर बुधवार के दिन, गाय को हरा चारा खिलाएं।
सिंह राशि
सूर्य के स्वामित्व वाली सिंह राशि के जातकों के लिए, बुध देव आपकी राशि से आठवें भाव में प्रवेश करेंगे। यहां बुध का नीच राशि में होना, आपके लिए कुछ परेशानियां ज़रूर पैदा करेगा, लेकिन फिर भी इस गोचर से आपको अनुकूल परिणाम अवश्य मिलेंगे। आपकी राशि के लिए बुध दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी होते हैं, जिसकी वजह से ये गोचर आपको कुछ आर्थिक तंगी देगा।
व्यापारी जातकों को अभी थोड़ा धीरे चलते हुए, किसी भी बड़े निवेश से दूर ही रहने की सलाह दी जाती है। अन्यथा यह बदलाव आपको भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं। वहीं शेयर बाजार से जुड़े जातकों को भी इस दौरान, सावधानी बरतने की जरूरत होगी। साथ ही उन्हें हिदायत दी जाती है कि अगर जरूरी न हो तो, अभी शेयर बाजार से 16 अप्रैल तक दूर ही रहें। क्योंकि इस अवधि के बाद ही, आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव आने की संभावना है।
निजी जीवन में आपको अपनी वाणी पर नियंत्रण रखते हुए, कुछ भी बोलने से पहले अपने शब्दों का चयन सोच-समझकर करने की आवश्यकता होगी। आशंका है कि आपके द्वारा किया गया कोई मज़ाक आपके विरुद्ध जाएं। साथ ही इस समय अपनी संगति का भी विशेष ध्यान रखें, अन्यथा आपकी छवि को नुकसान पहुंच सकता है। आर्थिक जीवन में आपके ख़र्चों में वृद्धि होगी, क्योंकि आप अपने मित्रों और करीबियों पर जरूरत से ज्यादा खर्च करते दिखाई देंगे। ऐसे में अपने ख़र्चों पर नियंत्रण रखें। हालांकि शादीशुदा जातकों को अपने जीवन साथी और ससुराल पक्ष से, कोई बड़ा लाभ मिलने की भी संभावना है।
स्वास्थ्य जीवन में आपको पेट संबंधी कोई विकार, साथ ही त्वचा संबंधी कोई एलर्जी भी परेशान कर सकती है। ऐसे में किसी भी धूल भरी या प्रदूषण वाली जगहों पर जाने से, अभी परहेज करें।
उपायः ज़रूरतमंदों को शिक्षा की सामग्री भेंट करना, इस गोचर के इस दौरान आपके लिए शुभ रहेगा।
कन्या राशि
आपकी राशि के स्वामी बुध महाराज, आपके सातवें भाव में गोचर करेंगे। जो वैवाहिक जीवन, जीवन साथी और साझेदार का भाव होता है। इसके साथ ही ये आपके दसवें भाव के स्वामी भी हैं, इसलिए आपके लिए बुध का ये गोचर बहुत ही ज्यादा प्रभावशाली होगा।
इस गोचर के प्रभाव से आपको, अपने कार्यक्षेत्र पर उत्तम फलों की प्राप्ति होगी। क्योंकि इस दौरान आप हर कार्य को व्यवस्थित और संरचना करने की अपनी क्षमता को सुधारते हुए, अपने कार्य क्षेत्र पर लाभ और उन्नति प्राप्त करने में सक्षम होंगे। इस समय आपको अपनी कड़ी मेहनत के चलते, वेतन वृद्धि और पदोन्नति मिलने के भी योग बनेंगे।
व्यापारी जातक भी गोचरकाल के दौरान बढ़-चढ़कर, अधिक सक्रियता के साथ हर कार्यों में हिस्सा लेते दिखाई देंगे। जिसके चलते उन्हें अपने अच्छे संचार कौशल की मदद से, कई मुनाफेदायक सौदे और बेहतर साझीदार प्राप्त करने में मदद मिलेगी। हालांकि ये गोचर बीच-बीच में आपके मन में गलती करने का भय भी उत्पन्न करेगा, जिससे आप परेशान होते हुए कई बड़े निर्णय लेने में असमर्थ होंगे। ऐसे में बुध के गोचर से मिलने वाले हर शुभ अवसर का उचित लाभ उठाने के लिए, आपको अपने इस स्वभाव में बदलाव करने की आवश्यकता होगी।
हालांकि उन लोगों के लिए समय थोड़ा प्रतिकूल रहने वाला है, जो अपने मुख्य व्यवसाय से अलग पार्ट-टाइम व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं। उन्हें अभी थोड़ा और इंतजार करने की आवश्यकता होगी।
प्रेम संबंधों के लिए समय सामान्य से बेहतर ही रहेगा, क्योंकि आपको अपने और साथी के बीच रिश्ते को मजबूत बनाने में सफलता मिलेगी। साथ ही आपको उनसे पूरा सहयोग और प्रेम प्राप्त होगा, जिससे आपको कई निर्णय लेते समय उनका मार्गदर्शन भी मिल सकेगा। वहीं दांपत्य जातकों के लिए ये समय, सभी क्षेत्रों में विकास लेकर आएगा। साथ ही आपको इस अवधि में, अपने पिता के साथ संबंध बेहतर करने में भी सफलता मिलेगी।
कुल मिलाकर कहें तो बुध के गोचरकाल की ये अवधि, आपकी प्रतिष्ठा में वृद्धि लेकर आएगी। परंतु इसके लिए आपको शुरुआत से ही, सतर्क रहने की सलाह दी जाती है।
स्वास्थ्य जीवन के लिए भी, समय सावधानी बरतने वाला रहेगा। क्योंकि आशंका है कि आपको पीठ या तंत्रिका तंत्र संबंधी, कोई समस्या परेशान करें।
उपायः बुध के शुभ परिणामों की प्राप्ति के लिए, बुधवार के दिन अपने दाहिने हाथ की छोटी उंगली में चांदी या सोने में अच्छी गुणवत्ता का पन्ना रत्न धारण करें।
तुला राशि
बुध का गोचर आपकी राशि से छठे भाव में होगा। इस भाव में बुध का गोचर आपके लिए ज्यादा अनुकूल नहीं रहेगा। क्योंकि यह आपकी कुंडली के नौवें और बारहवें भाव का स्वामी भी है।
इसके साथ ही राशि के भाग्य स्थान के स्वामी बुध का, छठे भाव में जाना उनकी पीड़ित अवस्था को दर्शाता है। ऐसे में कार्यक्षेत्र पर आपको सफलता पाने के लिए, गोचरकाल के समय अधिक प्रयास और मेहनत करनी पड़ेगी। क्योंकि योग दर्शा रही हैं कि अतिरिक्त मेहनत और लग्न के बावजूद भी, आपको इस समय अपने कार्यों में कुछ परेशानी हो सकती है। कार्यस्थल पर कई तरह की बाधाओं का सामना भी करना पड़ेगा, जिससे आपके मानसिक तनाव और चिंताओं में वृद्धि होगी। आर्थिक स्थिति में भी बुध का यह गोचर, थोड़ा प्रतिकूल रहने वाला है।
क्योंकि तुला राशि के जातक सामाजिक होने के साथ ही, भरोसेमंद भी होते हैं। इसलिए आपको इस गोचर के दौरान, अपनी सभी गुप्त बातों और नीतियों को हर किसी के साथ साझा करने से सावधान रहने की आवश्यकता होगी। संभव है कि आपके दुश्मन आपकी किसी कमज़ोरी का फायदा उठाकर, आप पर हावी होने का प्रयास करें।
इसके साथ ही आपको इस दौरान, हर प्रकार के वाद-विवाद, तर्क और मतभेदों से भी दूर रहने की ज़रूरत है। आपके ख़र्चों में भी वृद्धि देखी जाएगी, इसलिए खुद को शांत रखते हुए इस समय अपनी आय और ख़र्चों के बीच तालमेल बैठना ही, आपके लिए उचित रहेगा।
हालांकि यह समय आपके पिता को अपने कार्यक्षेत्र करियर में, अच्छी प्रगति और समृद्धि देने में मदद करेगा। इससे आपको भी उनका भरपूर सहयोग प्राप्त होगा, जिससे आपको बड़ी राहत और खुशी की अनुभूति होगी। साथ ही इस अवधि के दौरान, किसी भी प्रकार के ऋण और कर्ज को लेने से परहेज करें, अन्यथा आपको भविष्य में उसे चुकाने में खासा मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
सेहत के लिहाज से आपको, अपनी खाने की खराब आदतों का भी ध्यान रखने की आवश्यकता होगी। ऐसे में उचित आराम करें, क्योंकि आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आने के कारण आपको किसी प्रकार का कोई संक्रमण होने का खतरा रहेगा।
उपायः किसी भी महत्वपूर्ण कार्य के लिए निकलने से पहले, इलायची के बीज़ चबाना आपके लिए उत्तम रहेगा।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों को इस दौरान, किसी भी प्रकार के सट्टे या गैरकानूनी गतिविधियों से बचकर रहने की आवश्यकता होगी। क्योंकि इस समय बुध देव अपना गोचर करते हुए, आपके पाँचवें भाव में प्रवेश करेंगे, जहाँ वो अपनी नीच राशि में स्थित होंगे। ऐसे में यह समय शेयर बाजार, व्यापार, आदि से जुड़े जातकों के लिए प्रतिकूल रहेगा।
हालांकि आपकी राशि के लिए बुध ग्रह, आपके आठवें और ग्यारहवें भाव का स्वामी है। इसलिए इस गोचर के परिणामस्वरूप, उच्च शिक्षा का अध्ययन करने वाले छात्र, खासतौर से वो छात्र जो पीएचडी या किसी अन्य शोध कार्य से जुड़े हैं, उनके लिए यह समय उत्तम रहेगा। साथ ही नौकरी बदलने का सोच रहे जातकों के लिए भी, इस गोचरकाल की ये अवधि बेहद शुभ रहेगी। वहीं वर्तमान नौकरियों और संगठनों से जुड़े जातकों को, इस समय अपने संकोच को दूर रखते हुए, अपने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ खुलकर संवाद करने की जरूरत होगी। क्योंकि तभी आप अपने करियर में, विकास और प्रगति हासिल करने में सफल होंगे।
व्यापारी जातकों के लिए भी यह समय लाभ और मुनाफ़ा लेकर आएगा, जिससे आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत रहने की संभावना है।
हालांकि प्रेम संबंधों के लिए समय थोड़ा प्रतिकूल रहने वाला है। इस समय आप अपने प्रिय या साथी के साथ अपनी भावनाओं और प्रेम को व्यक्त करने में, थोड़ा असहज महसूस कर सकते हैं। बावजूद इसके जहाँ कभी-कभी आपके स्वभाव में मधुरता, गर्मजोशी, उदारता देखी जाएगी तो वहीं बीच-बीच में, आप थोड़े अहंकारी और खुद को दूसरों पर हावी रखने का भी प्रयास करेंगे। जिससे साथी और आपके बीच विवाद संभव है। इस दौरान आप दोनों एक-दूसरे को समझ पाने में भी असमर्थ होंगे। इससे रिश्ते में कुछ ग़लतफहमी उत्पन्न होने के योग बन सकते हैं।
ऐसे में गोचरकाल के दौरान अपने साथी के प्रति, अपने व्यवहार और दृष्टिकोण में बदलाव करते हुए, आपको रिश्ते में सुधार करने की भी जरूरत होगी। हालांकि इस समय आपकी अपने किसी मित्र या करीबी से मुलाकात भी संभव है, जिससे आपको खुशी और आनंद की अनुभूति होगी। साथ ही इस मुलाकात से आपके जीवन में, कई शुभ अवसर आने के भी योग बनेंगे।
उपायः तुलसी के पौधे में, नियमित रूप से जल चढ़ाएं और उसकी पूजा करें।
धनु राशि
धनु राशि के लोगों के लिए, बुध का ये गोचर चौथे भाव में होगा। इस भाव को सुख भाव भी कहा जाता है। आपके लिए बुध सातवें और दसवें भाव का स्वामी है और गोचर काल में, आपके दशम भाव को पूर्ण सप्तम दृष्टि से भी देखेगा। इस गोचर के प्रभाव से आपके साथी के जीवन में, सफलता मिलने की संभावना है। क्योंकि उनके कार्य क्षेत्र में लंबे समय के बाद पदोन्नति व वेतन वृद्धि होने के योग बनेंगे। साथी आपके जीवनसाथी की समृद्धि और उन्नति होने से, आपके भी मान-सम्मान और सुख-सुविधाओं में वृद्धि होगी।
चूँकि बुध आपके सप्तम भाव के भी स्वामी होते हैं, और इस समय वह पीड़ित अवस्था में होंगे। इसके परिणामस्वरूप आपका अपने जीवनसाथी या प्रेमी के साथ, छोटी-छोटी बातों को लेकर भी विवाद होगा। ऐसे में आपको इन छोटे-छोटे विवादों को किसी बड़ी ग़लतफहमी में बदलने से पहले ही, उन्हें हल करने की ओर कार्य करने की आवश्यकता होगी। यह गोचर आपकी मां के लिए भी शुभ रहेगा, क्योंकि उन्हें इस समय कोई बड़ा लाभ प्राप्त होने की संभावना है।
इसके साथ ही बुध दसवें भाव का स्वामी होकर, आपके दसवें भाव को ही दृष्टि कर रहा है, जिसके चलते कार्य क्षेत्र पर आपके कार्य को, सही मात्रा में प्रशंसा और सराहना मिलेगी। इसके परिणामस्वरूप आपके आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि होगी। यह समयावधि व्यापारी जातकों के लिए भी, शुभ रहने वाली है। क्योंकि इस दौरान उन्हें निवेश करने से बहुत उत्तम फलों की प्राप्ति होने के योग बनेंगे। इस समय किया गया हर निवेश आपको लंबे समय तक मुनाफ़ा देता रहेगा, जिससे आपकी आर्थिक स्थिति भी काफी हद तक बेहतर होगी। ऐसे में अधिक लाभ अर्जित करने के लिए अपना सारा धन, एक ही व्यापार में लगाने की बजाय, आपको अपने व्यवसाय में विस्तार करने का प्रयास करना होगा। इसके साथ ही किसी भी नए व्यापार को शुरू करने की योजना बनाने वाले जातकों को, इस दौरान निवेशक या अच्छे साझेदार मिलेंगे।
कुछ जातक इस गोचरकाल के दौरान, अपने शौक या रुचि पर भी अधिक ध्यान देते नजर आएँगे। जिसके चलते वो पेड़-पौधे लगाते हुए, अपनी बालकनी या अपने घर के बाहर कोई छोटा बगीचा बना सकते हैं।
सेहत के लिहाज से भी, आपके लिए कुछ शारीरिक गतिविधियाँ या योग करना उचित रहेगा। क्योंकि इस समय आपको वजन और रक्तवसा की समस्या, काफी हद तक परेशान कर सकती है।
उपायः “भ्रामरी” को एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी और एक औषधि के रूप में लेना, आपको बुध के लाभदायक परिणाम देने का कार्य करेगा।
मकर राशि
आपके लिए बुध का गोचर काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि आपकी कुंडली में बुध छठे स्थान और नवें स्थान का स्वामी है। अब अपने इस गोचर काल में, वो आपके तीसरे भाव में विराजमान होगा। जिससे आपको अपनी वाणी के प्रति सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी। ऐसे में कार्यक्षेत्र पर कुछ भी बोलने से पहले, अपने शब्दों का चयन सोच-समझ कर करें।
इस समय आपके लिए छोटी दूरी की यात्रा, लंबी दूरी की यात्रा से अधिक फलदायी सिद्ध होगी। क्योंकि छोटी की दूरी की यात्रा से, आपको मुनाफ़ा अर्जित करने में सफलता मिलने की संभावना है। भाई-बहनों के प्रति भी आपको अधिक देखभाल और ध्यान रखने की आवश्यकता होगी, क्योंकि आशंका है कि उन्हें अपने कार्यक्षेत्र, करियर या शिक्षा में कुछ बाधाओं का सामना करना पड़े। ऐसे में उनका सही मार्गदर्शन करें।
क्योंकि तीसरे भाव से हम सुनने-समझने की क्षमता को देखते हैं, इसलिए इस समय आपको मिलने वाली हर सलाह और सुझाव पर ध्यान देते हुए, अपने जीवन में आगे बढ़ने की आवश्यकता होगी। खासतौर से यदि वे सुझाव आपको अपने गुरु, शिक्षकों या किसी बड़े से मिल रहे हो, तभी आप इस गोचरकाल के समय अधिक अच्छे परिणाम प्राप्त करने में सफल होंगे।
कुंडली में तीसरे भाव का संबंध संचार माध्यमों और इंटरनेट से भी होता है। ऐसे में आपको इंटरनेट पर कुछ भी पोस्ट या लिखने से पहले, सतर्क रहने की सलाह दी जाती है। अन्यथा आपको इसके चलते कई गंभीर परिणाम, भुगतने पड़ सकते हैं।
कार्यक्षेत्र पर आपके अधीन कार्य कर रहे कर्मियों से, आपको भरपूर सहयोग मिलेगा। साथ ही उनका साथ आपको कार्यस्थल पर उत्पादकता और अपने कार्य क्षमता को, बढ़ाने में भी मदद करेगा। संगठन या कार्यस्थल पर कई बड़े व प्रभावशाली लोगों से, अपने संपर्क स्थापित करने के लिए भी समय उत्तम है। उनसे आपको लंबे समय के लिए, लाभ प्राप्त करने में सफलता मिलेगी।
हालांकि व्यापारियों को अभी किसी नए व्यापार की शुरुआत करने की बजाय, अपने वर्तमान के व्यापार को ही अधिक मजबूत करने की जरूरत होगी। क्योंकि उसके लिए समय उत्तम दिखाई दे रहा है। अन्यथा अन्य व्यवसाय से आपको कुछ बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। वहीं यदि आप कोई नया गैजेट खरीदने की सोच रहे हैं तो, उसे 16 अप्रैल तक के लिए टालना ही आपके लिए बेहतर रहेगा। क्योंकि योग दर्शा रहे हैं कि इस समयावधि में, उस उपकरण में कोई खराबी होने के कारण आपके धन की बर्बादी हो सकती है।
सेहत के लिहाज से भी, आपको गले, कंधे और कान से संबंधित कुछ समस्याएं परेशान करेंगी। इसलिए जरूरत पड़ने पर, किसी अच्छे डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
उपायः बुध की होरा में, रोज़ाना बुधदेव के बीज मंत्र का जप करें।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के लोगों के दूसरे भाव में, बुध का ये गोचर होने वाला है। बुध आपके लिए पंचम भाव और अष्टम भाव का स्वामी है, और अब उनके इस गोचर के प्रभाव से आपको मिश्रित परिणामों की प्राप्ति होगी।
काल पुरुष की कुंडली के अनुसार, दूसरा भाव घर-परिवार, भाषण और धन को दर्शाता है। ऐसे में इस गोचरकाल के दौरान आपको, इससे जुड़े कुछ शुभ अवसर प्राप्त होने के योग बनेंगे। इस समय आप अपने धन को संचय करने में भी सफल होंगे। साथ ही आपकी आय में भी, आपकी अपेक्षा से अधिक वृद्धि होगी। आप में से कुछ जातक शेयर बाजार, आदि से लाभ प्राप्त करने में सफल होंगे। साथ ही कुछ जातकों को अपनी किसी पैतृक संपत्ति से मुनाफ़ा भी प्राप्त होगा। कुल मिलाकर कहें तो बुध का यह गोचर, आपके आर्थिक जीवन में अचानक से अच्छे बदलाव लेकर आएगा।
वो जातक जो कला, गायक, आदि क्षेत्रों से जुड़े हैं, उन्हें भी इस दौरान लाभ प्राप्त होने के योग बनेंगे। क्योंकि इस समय वो अपना बेहतर प्रदर्शन देते हुए, अपने जीवन में अच्छी मान्यता और प्रशंसा प्राप्त कर सकेंगे।
कार्यक्षेत्र पर भी आर्थिक जीवन में उछाल आएगा, क्योंकि इस दौरान व्यापारियों और नौकरी पेशा जातकों को वेतन वृद्धि होने के संकेत मिल रहे हैं।
चूँकि बुध ग्रह को वाणी और संवाद का स्वामित्व प्राप्त है और अपने इस गोचर के दौरान, उनका दुर्बल स्थिति में होना ये दर्शाता है कि, आप अपने सुझाव और मशवरा देते समय खुद पर नियंत्रण रखें। क्योंकि आशंका है कि अभी आप अपनी बात को दूसरों के समक्ष रखने में असमर्थ हो, जिससे सामने वाला भ्रमित हो सकता है। परिणामस्वरूप आपकी योजनाएं बर्बाद होते हुए, आपको अच्छे अवसरों का उचित लाभ उठाने में परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
प्रेम संबंध में कुछ परेशानी आने वाली है। खासतौर से आपके साथी को स्वास्थ्य हानि संभव है। हालांकि दांपत्य जातकों को, अपनी संतान की प्रगति होने से गर्व और खुशी की अनुभूति होगी। वहीं यदि आप अविवाहित हैं तो, आपको इस समय कोई अच्छी खबर मिलने के योग बनेंगे। प्रेम में पड़े जातकों को भी इस गोचर से, अपने रिश्ते को और अधिक मजबूत बनाने के कई अवसर प्राप्त होने की संभावना है।
छात्रों के लिए समय शुभ रहेगा, क्योंकि इस समय आपकी सोचने और विषयों को समझने की शक्ति का विकास होगा, जिससे आप अपना बेहतर प्रदर्शन देने में सफल होंगे। हालांकि सेहत के प्रति ध्यान रखते हुए, आपको ज़्यादा खाने की अपनी खराब आदतों में सुधार करने की भी आवश्यकता होगी। अन्यथा आपको दाँत या पेट से संबंधित कोई परेशानी संभव है। इसके साथ ही टीवी और मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने वाले जातकों को भी, थोड़ा संभलकर रहने की हिदायत दी जाती है, अन्यथा आपकी दृष्टि प्रभावित होने से आपको परेशानी हो सकती है।
उपायः रोज़ाना नियमित रूप से सुबह, “ओम् नमो भगवते वासुदेवाय नमः” का जप करें। साथ ही गोचरकाल के दौरान, अपने दांतो की साफ-सफाई का भी ध्यान रखना आपके लिए उत्तम रहेगा।
मीन राशि
बुध ग्रह का गोचर मीन राशि में हो रहा है, इसलिए मीन राशि के लोगों के लिए बुध का गोचर उनके प्रथम भाव में होगा। और इसे तनु भाव भी कहा जाता है। यहां बुध “दिग्बली अवस्था” में होंगे, जो किसी भी ग्रह के लिए बेहद मजबूत स्थिति होती है। आपके लिए बुध चौथे और सातवें भाव का स्वामी है, और इस गोचर के परिणामस्वरूप कार्यक्षेत्र पर आपको खुद को व्यक्त करने के लिए ये समय, शुभ रहने वाला है। क्योंकि इस दौरान आपके रचनात्मक विचार और सुझाव में वृद्धि होगी। साथ ही आपके जीवन साथी को भी, अपने कार्य क्षेत्र में सफलता मिलने के योग बनेंगे। जिससे आप दोनों का करियर विकास की ओर आगे बढ़ता दिखाई देगा।
हालांकि बुध का आपके प्रथम भाव में उपस्थित होना, आपको हर कार्य में सर्वश्रेष्ठ, पराक्रमी और पूर्णतावादी बनाएगा। जिससे आपके अधीन कार्य कर रहे कर्मियों और सहकर्मियों के साथ, आप अच्छे संबंध बैठने में असफल होंगे। इसलिए उनके साथ संवाद करने से पहले, अपनी भाषा और वाणी पर नियंत्रण रखें।
वहीं व्यापारी जातकों के लिए भी, गोचरकाल की ये अवधि शुभ रहेगी। क्योंकि इस समय आपको परिवार के किसी बड़े-बुजुर्ग से आर्थिक सहयोग मिलेगा, जिससे आप अपने व्यापार में विस्तार करने के लिए खुद को, प्रोत्साहित महसूस करेंगे।
हालांकि आपको इस समय टेक्नोलॉजी और नए रूझानों को साथ रखकर चलने की आवश्यकता होगी। क्योंकि आप कभी-कभी अपने आराम के क्षेत्र तक सीमित रहते हुए, कई अच्छे अवसर गँवा सकते हैं।
पारिवारिक जीवन की बात करें तो, मीन राशि के जातकों के घर परिवार में किसी मांगलिक या शुभ कार्यक्रम आयोजित होने के योग बनेंगे। जिससे घर पर मेहमानों का आगमन भी संभव है।
प्रेम संबंधों में वैवाहिक जातकों को, अपने रिश्तों में कुछ समस्याएं और ग़लतफहमियों का सामना करना पड़ेगा, जिसे हल करना आपके लिए काफी मुश्किल हो सकता है। ऐसे में कोशिश करते हुए, हर मतभेदों को सुलझाने का प्रयास करें। साथ ही साथी के साथ सही संवाद भी जारी रखें।
काल पुरुष की कुंडली के अनुसार, चतुर्थ भाव घर-संपत्ति से संबंधित होता है। इसलिए यदि कोई मामला चल-अचल संपत्ति से जुड़ा निलंबित पड़ा था तो, इस समय उसका फैसला आपके पक्ष में आने की संभावना है। आपकी मां को भी इस अवधि के दौरान, लाभ और मुनाफ़ा प्राप्त होने की संभावना है, जिससे आपको भी उनसे सहयोग और स्नेह प्राप्त होगा।
कुल मिलाकर कहें तो मीन राशि के जातकों के लिए, यह गोचरकाल यूँ तो बहुत अच्छा रहेगा। लेकिन बावजूद इसके आपको हर अवसर का उत्तम लाभ उठाने के लिए, अपने स्वभाव में पूर्णतावादी और अधिक गंभीरता लाने से बचने की आवश्यकता होगी।
उपायः बुध देव की विशेष कृपा प्राप्ति के लिए, आपको बुधवार के दिन “विष्णु सहस्रनाम” का पाठ करना चाहिए।