मंगल का तुला राशि में गोचर
मंगल का तुला राशि में गोचर: ज्योतिष में मंगल ग्रह को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है और अब यह 03 अक्टूबर 2023 को तुला राशि में गोचर करने जा रहे हैं। मंगल महाराज शुभता का प्रतिनिधित्व करते हैं और इन्हें “भूमि का पुत्र” भी कहा जाता है। हालांकि, मंगल का संबंध देश के विभिन्न हिस्सों में भिन्न-भिन्न देवी-देवताओं से माना गया है जैसे कि दक्षिण भारत में मंगल देव को भगवान कार्तिकेय, उत्तर भारत में हनुमान जी और महाराष्ट्र में श्री गणेश आदि से जोड़कर देखा जाता है। मंगल को लाल ग्रह के नाम से भी जाता जाता है।
मंगल और सूर्य मनुष्य के शरीर में अग्नि तत्व को नियंत्रित करते हैं। साथ ही, जीवन शक्ति, इच्छा शक्ति, सहनशक्ति, समर्पण, कुछ करने की प्रेरणा और किसी कार्य को पूरा करने की लगन आदि के भी कारक माने गए हैं।मंगल के प्रभाव से जातक बोल्ड, आवेगी और अपने विचारों को लेकर स्पष्ट होते हैं। इसके अलावा, यह भूमि, वास्तविक स्थिति, आविष्कार और डिजाइनिंग आदि का भी प्रतिनिधित्व करते हैं। ऐसे में, मंगल देव हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं।
मंगल का तुला राशि में गोचर: तिथि और समय
मंगल ग्रह 03 अक्टूबर 2023 की शाम 05 बजकर 12 मिनट पर तुला राशि में गोचर करेंगे। ऐसे में देखना होगा कि मंगल का तुला राशि में गोचर होने से तुला राशि के जातकों समेत सभी 12 राशियों को यह कैसे प्रभावित करेगा। लेकिन, इससे पहले हम जानते हैं तुला राशि के बारे में। राशि चक्र में तुला सातवीं राशि है जो कि वायु तत्व की राशि है और यह स्वभाव से पुरुष है। इस राशि का चिन्ह न्याय का तराजू है।
तुला राशि न्याय, संतुलन, सुंदरता, और सौहार्द को दर्शाती है और यह पूरी तरह से मंगल के स्वभाव से विपरीत है, इसलिए ही मंगल का तुला राशि में गोचर ज्यादा अच्छा नहीं माना जा रहा है। इस राशि में बैठे मंगल जीवन, वैवाहिक जीवन और कानूनी साझेदारी में समस्याएं पैदा करने का काम कर सकते हैं। उग्र स्वभाव के चलते कई परेशानियां आपके मार्ग में आ सकती हैं। लेकिन, इसके विपरीत, तुला राशि में स्थित मंगल जातकों को पार्टनरशिप और वैवाहिक जीवन में कार्योन्मुख बनाएंगे।
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मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए मंगल आपके लग्न भाव और आठवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके सातवें भाव में गोचर करेंगे। यह भाव जीवनसाथी और व्यापार साझेदारी का भाव है। हालांकि, सातवें भाव में मंगल के गोचर को वैवाहिक जीवन के लिए अच्छा नहीं माना जाता है क्योंकि मंगल एक उग्र और क्रूर ग्रह है। साथ ही, प्रभुत्व तथा अधिकारों का प्रतिनिधित्व करता है और इसके परिणामस्वरूप, यह दांपत्य जीवन और रिलेशनशिप में समस्याएं दे सकता है।
मंगल महाराज आठवें भाव के स्वामी के रूप में आपके सातवें भाव में प्रवेश करेंगे। ऐसे में, यह वैवाहिक जीवन में अनिश्चितता पैदा करेंगे। लेकिन, मंगल का तुला राशि में गोचर होने से इस राशि के उन लोगों को जो सिंगल हैं और विवाह के बंधन में बंधना चाहते हैं, उन्हें इस दौरान अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है। सातवें भाव से मंगल आपके दसवें भाव, लग्न भाव और दूसरे भाव को देख रहे होंगे। दसवें भाव (मकर राशि) पर मंगल की चौथी दृष्टि आपके पेशेवर जीवन के लिए फलदायी साबित होगी, विशेष रूप से उन जातकों के लिए जो बिज़नेस पार्टनरशिप की शुरुआत करना चाहते हैं।
लग्न भाव पर मंगल की सातवीं दृष्टि होने से आपका व्यवहार थोड़ा आक्रामक और दूसरों पर हावी होने वाला हो सकता है। साथ ही, दूसरे भाव पर आठवीं दृष्टि होने की वजह से आपको गले से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याएं या परिवार के किसी सदस्य का स्वास्थ्य बिगड़ना आदि समस्याएं परेशान कर सकती हैं, या फिर जीवनसाथी को कुछ अनिश्चितताओं से जूझना पड़ सकता है। इसका असर आपकी बचत पर दिखाई दे सकता है।
उपाय: दाहिने हाथ में तांबे का कड़ा धारण करें।
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए मंगल बारहवें और सातवें भाव के स्वामी हैं जो कि आपके छठे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। कुंडली में छठा भाव शत्रु, स्वास्थ्य, प्रतियोगिता, मामा आदि का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में, वृषभ राशि वालों के लिए मंगल का तुला राशि में गोचर अच्छा कहा जा सकता है क्योंकि इस दौरान आपके शत्रु और प्रतिद्वंद्वी आपको नुकसान पहुंचाने में सक्षम नहीं होंगे और आप उन पर विजय हासिल करेंगे। लेकिन, वृषभ राशि के जातकों के लिए मंगल आपके बारहवें और सातवें भाव के स्वामी भी हैं और इसके परिणामस्वरूप, आपके साथ-साथ आपके पार्टनर को भी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
ऐसे में, चिकित्सा पर होने वाले खर्चों के साथ-साथ हानि में भी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है, इसलिए इस दौरान किसी भी तरह का आर्थिक जोख़िम उठाने या फिर पैसा उधार लेने या देने से बचना होगा। दूसरी तरफ, छठे भाव में बैठे मंगल की दृष्टि आपके नौवें, बारहवें और लग्न भाव पर पड़ रही होगी। इसके फलस्वरूप, इनकी चौथी दृष्टि आपके नौवें भाव (मकर राशि) पर होगी जिसके चलते आपका झुकाव धार्मिक गतिविधियों में होगा और आपके भीतर उच्च शिक्षा हासिल करने की इच्छा दिखाई देगी। आपको हर कदम पर पिता, गुरु और मेंटर का समर्थन भी मिलेगा। लेकिन, इन जातकों को अपने पिता की सेहत का ध्यान रखना होगा।
मंगल का तुला राशि में गोचर की अवधि में कार्यस्थल पर आपको कुछ बदलावों का अनुभव हो सकता है या फिर काम के सिलसिले में आपको लंबी दूरी की यात्रा या विदेश यात्रा पर जाना पड़ सकता है। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि मंगल आपके बारहवें भाव को देख रहे होंगे। साथ ही, आपके खर्चों में भी वृद्धि होने की आशंका है। मंगल की आठवीं दृष्टि आपके लग्न भाव पर होने से आप स्वभाव से थोड़े चिड़चिड़े, आक्रामक और दूसरों पर हावी होने वाले हो सकते हैं। साथ ही, लोग आपके बारे में गलत धारणा भी बना सकते हैं।
उपाय: प्रतिदिन सात बार हनुमान चालीसा का पाठ करें।
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मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों की कुंडली में मंगल छठे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके पांचवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं जो संतान, शिक्षा, रोमांटिक रिलेशनशिप, पूर्व पुण्य आदि का भाव है। छठे और ग्यारहवें भाव के स्वामी के रूप में मंगल आपको मिले-जुले परिणाम प्रदान करेंगे। मंगल का तुला राशि में गोचर सट्टा बाजार जैसे शेयर मार्केट से जुड़े लोगों के लिए अत्यंत शुभ साबित होगा। इस दौरान आप अच्छा खासा लाभ कमाने में सक्षम होंगे।
मिथुन राशि के उन छात्रों के लिए मंगल का यह गोचर अच्छा रहेगा जो इंजीनियरिंग, मेडिकल आदि से जुड़े हैं या किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। इनका प्रदर्शन इस समय शानदार रहेगा। लेकिन, इसके विपरीत, मंगल का तुला राशि में गोचर इस राशि के प्रेमी जोड़ों के लिए ज्यादा ख़ास नहीं कहा जा सकता है क्योंकि छठे भाव के स्वामी के रूप में और एक क्रूर एवं उग्र ग्रह होने के कारण मंगल आपको पज़ेसिव, आक्रामक, पार्टनर पर हावी होने वाला और असुरक्षा की भावना से भर सकता है। ऐसे में, आपके रिश्ते में विवाद और मतभेद बढ़ने के आसार हैं।
मंगल गोचर की अवधि में गर्भवती महिलाओं को खुद की और बच्चे की सुरक्षा को लेकर सावधान रहने की सलाह दी जाती है। हालांकि, पांचवें भाव में बैठकर मंगल की दृष्टि आपके आठवें, ग्यारहवें और बारहवें भाव पर होगी। ऐसे में, मिथुन राशि के जोछात्र विदेशी यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे हैं या किसी विदेशी कोर्स या रिसर्च कार्य से जुड़े हैं उन्हें अपनी पढ़ाई में हर संभव समर्थन मिलेगा। ग्यारहवें भाव पर मंगल की दृष्टि पड़ने से यह समय निवेश और लाभ कमाने के लिए शानदार रहेगा। लेकिन, यह आपके आठवें और बारहवें भाव को प्रभावित कर रहे हैं और इसके परिणामस्वरूप, आपको अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा। साथ ही, व्यायाम करते समय और यात्रा के दौरान विशेष रूप से सावधान रहना होगा।
उपाय: जरूरतमंद बच्चों को लाल रंग का कपड़ा दान करें।
कर्क राशि
कर्क राशि वालों के लिए मंगल मित्र ग्रह होने के साथ-साथ योगकारक ग्रह है और यह आपके केंद्र भाव और त्रिकोण भाव को नियंत्रित करते हैं जो कि कुंडली का पांचवां और दसवां भाव होता है। अब यह आपके चौथे भाव यानी कि माता, घरेलू जीवन, भूमि और वाहन आदि के भाव में गोचर करने जा रहे हैं। कर्क राशि के जातकों के लिए मंगल का तुला राशि में गोचर अच्छा कहा जाएगा। यह समय घर, वाहन या संपत्ति आदि के खरीदारी के लिए अनुकूल रहेगा और इसका लाभ भविष्य में आपको मिलेगा।
हालांकि, आपके लिए लाभकारी और योगकारक ग्रह होने के कारण चौथे भाव में मंगल के गोचर को आपके घरेलू जीवन के लिए अच्छा नहीं कहा जा सकता है क्योंकि इसका स्वभाव क्रूर, उग्र और अपना प्रभुत्व कायम करने वाला है। ऐसे में, माता के साथ आपको रिश्ते में उतार-चढ़ावों का सामना करना पड़ सकता है। संभव है कि किसी बात को लेकर माता आपकी आलोचना करें जिसके चलते आपको उनके साथ असहमति और विवादों से दो-चार होना पड़ें। इस राशि के माता-पिता को अपनी संतान के साथ समस्याओं से जूझना पड़ सकता है या फिर यदि आपके बच्चे आपसे दूर रहते हैं, तो मंगल का तुला राशि में गोचर के दौरान वह आपसे मिलने आ सकते हैं।
मंगल महाराज चौथे भाव में बैठकर आपके सातवें, दसवें और ग्यारहवें भाव पर दृष्टि डालेंगे और इनकी दृष्टि व्यापार में प्रगति के लिए फलदायी साबित होगी। साथ ही, आप पेशेवर जीवन में तरक्की हासिल करने के लिए पूरी तरह समर्पित होकर काम करेंगे और इस दौरान व्यापार, बिज़नेस पार्टनरशिप और वित्त आदि के क्षेत्र में लाभ की प्राप्ति होगी।
दूसरी तरफ, मंगल देव की चौथी दृष्टि आपके सातवें भाव पर होगी और ऐसे में, आप पार्टनर को लेकर बेहद पज़ेसिव हो सकते हैं। यहां तक कि आप उन पर संदेह भी कर सकते हैं और संभव है कि रिश्ते में जरूरी स्पेस भी आप उन्हें न दें। यह सब बातें आप दोनों के बीच विवाद का कारण बन सकती हैं इसलिए आपको अपने वैवाहिक जीवन को लेकर सतर्क रहने की सलाह दी जाती है।
उपाय: माता को गुड़ से बनी मिठाई भेंट करें।
सिंह राशि
सिंह राशि वालों के लिए मंगल आपके नौवें भाव (त्रिकोण) और चौथे भाव (केंद्र) के स्वामी हैं। साथ ही, यह आपके लिए योगकारक ग्रह भी है जो अब तीसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। कुंडली में तीसरा भाव भाई-बहनों, रुचि, छोटी यात्राओं और संचार कौशल का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में, मंगल का तुला राशि में गोचर आपको नई ऊर्जा, साहस और आत्मविश्वास से भर सकता है। इस दौरान आपका संचार कौशल बेहद प्रभावी रहेगा।
जिन जातकों का संबंध संवाद वाले क्षेत्रों जैसे कि डिजिटल मीडिया, वकालत आदि से है, वह इस दौरान प्रगति हासिल करेंगे। साथ ही, आपको अपने भाइयों, छोटे भाई-बहनों और मेल कजिन आदि का भी समर्थन प्राप्त होगा। लेकिन, अगर मंगल की स्थिति अच्छी न हो, अशुभ हो या फिर यह आपके तीसरे भाव में मौजूद हो, तो आपको अपने भाई-बहनों या कजिन के साथ टकराव का सामना करना पड़ सकता है या आप किसी के साथ विवाद में भी पड़ सकते हैं जहां बात हाथापाई तक पहुंच सकती है।
तीसरे भाव में स्थित मंगल की दृष्टि आपके छठे भाव, नौवें भाव और दसवें भाव पर होगी। ऐसे में, यह समय दुश्मनों और प्रतिद्वंदियों पर जीत हासिल करने के लिए अच्छा रहेगा क्योंकि इस दौरान वह आपको नुकसान पहुँचाने में सक्षम नहीं होंगे। साथ ही, मंगल का तुला राशि में गोचर की अवधि में आपको पिता, गुरु और मेंटर का भी समर्थन मिलेगा, लेकिन आपको उनके स्वास्थ्य का ख़्याल रखना होगा। आप धर्म-कर्म के कार्यों में रुचि लेंगे। मंगल तीसरे भाव में बैठकर आपके दसवें भाव को देखेंगे जो कि प्रोफेशन का भाव है। ऐसे में, सिंह राशि के जातक पेशेवर जीवन में अच्छी तरक्की प्राप्त करेंगे। जो जातक हाल-फिलहाल में ग्रेजुएट हुए हैं और अपने भाई या भाई तुल्य व्यक्ति की मदद से करियर को शुरू करने के लिए अच्छी नौकरी की तलाश में हैं, तो मंगल का गोचर इसमें आपकी सहायता कर सकता है।
उपाय: मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करें और मिठाई का दान करें।
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए मंगल आपके तीसरे और आठवें भाव के स्वामी हैं। कुंडली में यह दोनों भाव भाई-बहन, और अनिश्चितता एवं गोपनीयता का प्रतिनिधित्व करते हैं। अब मंगल आपके दूसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। कुंडली में दूसरा भाव परिवार, बचत और वाणी आदि को दर्शाता है। कन्या राशि वालों के लिए दूसरे भाव में मंगल का तुला राशि में गोचर बहुत ज्यादा अच्छा नहीं माना जाता है क्योंकि इस भाव में मंगल की मौजूदगी आपको आक्रामक और बातचीत करते समय दूसरों पर हावी होने वाला बना सकती है। साथ ही, आपको गले से संबंधित समस्याओं और कठोर वाणी के चलते परिवार के सदस्यों के साथ विवादों का सामना भी करना पड़ सकता है।
दूसरे भाव से मंगल की दृष्टि आपके पांचवें भाव, आठवें भाव और नौवें भाव पर पड़ रही होगी। ऐसे में, मंगल की चौथी दृष्टि आपके पांचवें भाव पर होने से बच्चों और उनके हित को लेकर यह आपको पजेसिव बना सकती है। ठीक, इसके विपरीत, मंगल का गोचर कन्या राशि के छात्रों के लिए अनुकूल रहेगा, विशेष रूप से उन छात्रों के लिए जो इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं या तकनीकी क्षेत्र से जुड़े हैं।
कन्या राशि के जो जातक रिलेशनशिप में हैं उनके रिश्ते में भी पजेसिवनेस और आलोचनात्मक की झलक देखने को मिल सकती है। ऐसे में, आपको अत्यधिक सतर्क रहना होगा और ऐसा कुछ भी करने से बचना होगा जिसकी वजह से आपका पार्टनर असहज महसूस करें। हालांकि, मंगल की दृष्टि आठवें भाव पर होने से यह आपके जीवन में अनिश्चितता लेकर आ सकती है। लेकिन, सकारात्मक पक्ष को देखें तो, मंगल की दृष्टि अपने ही भाव पर होगी और इसके परिणामस्वरूप, जीवनसाथी के साथ आपकी संयुक्त संपत्ति में बढ़ोतरी होगी। मंगल की आठवीं दृष्टि आपके नौवें भाव पर होगी और ऐसे में, आपको पिता के स्वास्थ्य को लेकर सावधान रहने की सलाह दी जाती है।
उपाय: मंगल गोचर से लाभ प्राप्त करने के लिए नियमित रूप से बजरंग बाण का पाठ करें।
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तुला राशि
तुला राशि वालों के लिए मंगल आपके दूसरे और सातवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके लग्न भाव में गोचर करेंगे। ज्योतिष में मंगल को अच्छे स्वास्थ्य, ऊर्जा और आत्मविश्वास का कारक माना जाता है। ऐसे में, मंगल का लग्न भाव में गोचर आपको ये तीनों चीज़ें प्रदान करेगा। लेकिन, आपको इस ऊर्जा का उपयोग सकारात्मक कार्यों में करने की सलाह दी जाती है, अन्यथा आप आक्रामक हो सकते हैं। साथ ही, लोगों द्वारा आपको रूखे स्वभाव वाला व्यक्ति समझा जा सकता है। आप विवादों और मतभेदों में भी पड़ सकते हैं।
सातवें भाव के स्वामी का लग्न भाव में आना तुला राशि के उन जातकों के लिए फलदायी साबित होगा जो सिंगल हैं और शादी के बंधन में बंधना चाहते हैं। इस दौरान आपके पास एक अच्छा रिश्ता आ सकता है। वहीं, इस राशि के शादीशुदा जातकों को अपने पार्टनर का पूरा समर्थन मिलेगा। इसके विपरीत, दूसरे भाव के स्वामी की लग्न भाव में मौजूदगी को भी अनुकूल कहा जाएगा और इस दौरान आपको परिवार का साथ भी प्राप्त होगा। आप ख़ुद पर भी धन ख़र्च करते हुए नज़र आएंगे।
लग्न भाव में बैठकर मंगल की दृष्टि आपके चौथे भाव, सातवें भाव और आठवें भाव पर होगी। हालांकि, मंगल महाराज की चौथे भाव पर दृष्टि पड़ने से यह समय संपत्ति या वाहन की खरीद-बिक्री के माध्यम से लाभ कमाने के लिए श्रेष्ठ रहेगा। साथ ही, आपको अपनी माता का भी सहयोग मिलेगा। लेकिन, आपको उनके स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहना होगा।
इसके अलावा, मंगल की दृष्टि आपके सातवें भाव पर भी होगी जो कि बिज़नेस पार्टनरशिप के लिए उत्तम कही जाएगी और आपको हर कदम पर जीवनसाथी का साथ भी दिलाएगी। लेकिन, मंगल का तुला राशि में गोचर के दौरान लग्न भाव में मंगल की उपस्थिति के चलते आपको पार्टनर के साथ विवादों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में, इन जातकों को अपने व्यवहार पर नज़र बनाए रखने की सलाह दी जाती है। मंगल के आठवें भाव को देखने की वजह से जीवनसाथी के साथ संयुक्त संपत्ति में वृद्धि होगी। साथ ही, आपको जीवन में अनिश्चितताओं का सामना करना पड़ सकता है और आपको अपने व साथी के स्वास्थ्य को लेकर सावधान रहना होगा। विशेष रूप से वाहन चलते समय किसी भी तरह की लापरवाही न बरतें।
उपाय: मां दुर्गा को लाल रंग के फूल अर्पित करें।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए मंगल देव आपके लग्न भाव और छठे भाव के स्वामी हैं और यह आपके बारहवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। कुंडली में बारहवां भाव विदेश, आइसोलेशन, विदेशी कंपनियों जैसे एमएनसी आदि का प्रतिनिधित्व करता है। इसके परिणामस्वरूप, मंगल का तुला राशि में गोचर आपके लग्न भाव के स्वामी के रूप में बारहवें भाव में होगा जिसे आपके स्वास्थ्य के लिए अनुकूल नहीं कहा जा सकता है। संभव है कि इस दौरान आपको कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ें और डॉक्टर के पास भी कई चक्कर लगाने पड़ सकते हैं। ऐसे में, आपके चिकित्सा पर होने वाले खर्चों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
हालांकि, अगर हम सकारात्मक पक्ष की बात करें तो. मंगल का यह गोचर आपके लिए विदेश यात्रा या फिर किसी दूर स्थान की यात्रा के अवसर लेकर आ सकता है। छठे भाव का स्वामी आपके बारहवें भाव में जा रहा है और फलस्वरूप, यह अवधि पैसे उधार लेने या देने के लिए सही नहीं होगी क्योंकि इससे आपकी बचत प्रभावित हो सकती है। साथ ही, आपकी सामाजिक छवि ख़राब होने की भी आशंका है। इसके अलावा, बारहवें भाव से मंगल आपके तीसरे भाव, छठे भाव और सातवें भाव को देखेंगे।
मंगल का तुला राशि में गोचर की अवधि में किसी छोटी यात्रा या फिर चिकित्सा पर होने वाले ख़र्चों या क़ानूनी विवाद आदि के कारण आपके खर्चें बढ़ सकते हैं। वहीं, इसके सकारात्मक पक्ष को देखें तो, वृश्चिक राशि वालों के दुश्मन आपको नुकसान पहुंचाने में सक्षम नहीं होंगे। हालांकि, सातवें भाव पर मंगल की आठवीं दृष्टि को आपके पार्टनर की सेहत के लिए अनुकूल नहीं कहा जा सकता है। इस दौरान उन्हें कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है और जीवनसाथी के साथ भी कुछ मतभेद होने की आशंका है।
उपाय: मंगल ग्रह द्वारा शुभ परिणामों की प्राप्ति के लिए अपने दाहिने हाथ की अनामिका उंगली में सोने की अंगूठी में जड़ित लाल मूंगा धारण करें।
बृहत् कुंडली: जानें ग्रहों का आपके जीवन पर प्रभाव और उपाय
धनु राशि
धनु राशि वालों के लिए मंगल आपकी कुंडली में पांचवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके लाभ भाव यानी कि ग्यारहवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। ऐसे में, मंगल का तुला राशि में गोचर आर्थिक लाभ की दृष्टि से आपके लिए अच्छा रहेगा। इस दौरान आपको विदेश से धन लाभ हो सकता है। इसके परिणामस्वरूप, शेयर बाजार से जुड़े लोगों और विदेशी कंपनियों के शेयरों में निवेश के इच्छुक लोगों के लिए समय फलदायी साबित होगा।
मंगल का ग्यारहवें भाव में गोचर आपके भीतर भौतिक चीज़ों के प्रति इच्छाओं को बढ़ा सकता है। साथ ही, आपको बड़े भाई, पुरुष मित्रों और चाचा आदि का सहयोग मिलेगा। ग्यारहवें भाव में स्थित मंगल की दृष्टि आपके दूसरे, पांचवें और छठे भाव पर होगी। जब मंगल की दृष्टि आपके दूसरे भाव पर होगी उस समय आपका रवैया परिवार को लेकर सकारात्मक रहेगा और बचत करने के बारे में भी आप विचार कर सकते हैं। इसका असर आपकी वाणी पर भी दिखाई देगा।
साथ ही, मंगल की पांचवें और छठे भाव पर दृष्टि धनु राशि के उन छात्रों के लिए भी लाभदायक रहेगी जो प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं या फिर किसी कंपटीशन में भाग ले रहे हैं। मंगल का तुला राशि में गोचर की अवधि में आपका प्रदर्शन शानदार रहेगा और प्रतिद्वंदी आपको टक्कर देने में भी सक्षम नहीं होंगे। छठे भाव पर मंगल की दृष्टि होने से किसी क़ानूनी मुकदमे का फैसला आपके पक्ष में आने की संभावना है।
उपाय: गुड़ और मूंगफली से बनी मिठाई मंदिर में चढ़ाएं।
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए मंगल आपके चौथे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके दसवें भाव यानी कि पेशेवर जीवन के भाव में प्रवेश करने जा रहे हैं। दसवें भाव में मंगल के गोचर को अच्छा माना जाता है क्योंकि इस भाव में मंगल को दिग्बल प्राप्त होता है। इसके परिणामस्वरूप, मकर राशि के जातकों के लिए मंगल का गोचर आपके पेशेवर जीवन के लिए फलदायी रहेगा। आपको कार्यस्थल पर अपने आसपास के लोगों और वरिष्ठों का समर्थन मिलेगा। साथ ही, यह समय प्रॉपर्टी, कंस्ट्रक्शन और रियल एस्टेट आदि से जुड़े लोगों के लिए भी अनुकूल रहेगा।
दसवें भाव में स्थित मंगल आपके लग्न भाव (पहले भाव), चौथे भाव और पांचवें भाव को देखेंगे। इन परिस्थितियों में मंगल का तुला राशि में गोचर आपको अति आत्मविश्वासी और ऊर्जा से पूर्ण बनाएगा जिससे आप पेशेवर जीवन को बेहतर बना सकें। ठीक, इसी समय मंगल की दृष्टि आपके चौथे भाव पर होगी जो आपकी मेहनत और समर्पण के बल पर पेशेवर जीवन में नई संभावनाएं पैदा करेगी। आशंका है कि यह जातक अपने निजी जीवन पर भी ज्यादा ध्यान न दे पाए जिससे घरेलू जीवन की खुशियों में कमी आ सकती है।
मंगल की दृष्टि आपके चौथे भाव पर होने से इन जातकों को अपनी माता का साथ मिलेगा। लेकिन, आपको उनके स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहना होगा। साथ ही, मंगल की आठवीं दृष्टि आपके पांचवें भाव पर पड़ रही होगी जो मकर राशि के जातकों की शिक्षा में समस्या पैदा करने का काम कर सकती है। आपके प्रेम जीवन पर भी इसका असर पड़ सकता है। मंगल का तुला राशि में गोचर की अवधि में मकर राशि के माता-पिता अपनी संतान के स्वास्थ्य और उनसे जुड़ी दूसरी बातों को लेकर चिंतित नज़र आ सकते हैं।
उपाय: शनिवार के दिन हनुमान जी को चोला चढ़ाएं।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए मंगल आपके तीसरे और दसवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके नौवें भाव में गोचर करेंगे। कुंडली में नौवा भाव पिता, गुरु और भाग्य को दर्शाता है। ऐसे में, मंगल का गोचर आपके नौवें भाव में होने से आपका अत्यधिक झुकाव धर्म-कर्म और आध्यात्मिक गतिविधियों में होगा। यह समय उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्रों के लिए भी अच्छा रहेगा। कुंभ राशि के छात्र शिक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए काफ़ी मेहनत करेंगे जिसका लाभ इन्हें भविष्य में मिलेगा।
इस बात की प्रबल संभावना है कि काम के सिलसिले में आपको लंबी दूरी की यात्रा करनी पड़ सकती है या फिर भाई-बहन, कजिन के साथ आप कोई छोटी दूरी की यात्रा या किसी तीर्थस्थल की यात्रा की योजना बना सकते हैं। दसवें भाव के स्वामी के रूप में मंगल का नौवें भाव में प्रवेश आपके पेशेवर जीवन में बदलाव या कार्यस्थल में परिवर्तन लेकर आ सकता है।
नौवें भाव में बैठकर मंगल आपके बारहवें भाव, तीसरे भाव और चौथे भाव को देखेंगे। इसके परिणामस्वरूप, मंगल का तुला राशि में गोचर होने से आपके ख़र्चों में वृद्धि हो सकती है और यह खर्चें मेडिकल और यात्राओं से जुड़े हो सकते हैं। मंगल की तीसरे भाव पर दृष्टि आपको आत्मविश्वास से भरा बनाए रखेगी और संचार कौशल भी प्रभावी रहेगा। ऐसे में, आप आक्रामक और दूसरों पर हावी होने वाले बन सकते हैं।
इसके फलस्वरूप, दूसरों के साथ बातचीत करते समय स्वयं को शांत रखने की सलाह दी जाती है। हालांकि, मंगल आपके चौथे भाव को देख रहे होंगे और ऐसे में, आपके घर-परिवार का माहौल थोड़ा बिगड़ सकता है। साथ ही, इस गोचर के दौरान अपनी माता के स्वास्थ्य को लेकर भी सतर्क रहना होगा।
उपाय: शनिवार के दिन गरीबों को गुड़ से बनी मिठाई दान करें।
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए मंगल दूसरे और नौवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके आठवें भाव में गोचर कर रहे हैं जो कि दीर्घायु, अचानक से घटने वाली घटनाओं और रहस्य आदि का भाव है। मीन राशि के जातकों के आठवें भाव में मंगल के होने के कारण मंगल का तुला राशि में गोचर आपके लिए ज्यादा अच्छा नहीं कहा जा सकता है। यह आपके जीवन में अनिश्चितताएं पैदा करने का काम कर सकता है। साथ ही, मंगल का गोचर आपके पिता के स्वास्थ्य के लिए भी ठीक नहीं रहने की संभावना है।
लेकिन, सकारात्मक पक्ष की बात करें तो, मंगल का तुला राशि में गोचर मीन राशि के उन छात्रों के लिए शुभ रहेगा जो रिसर्च के क्षेत्र में पीएचडी की पढ़ाई कर रहे हैं या जिनका संबंध गूढ़ विज्ञान जैसे ज्योतिष आदि से है।आठवें भाव से मंगल की दृष्टि आपके ग्यारहवें भाव, दूसरे भाव और तीसरे भाव पर होगी। ग्यारहवें भाव पर मंगल की दृष्टि आपको निवेश और धन लाभ को लेकर पजेसिव बनाएगी। हालांकि, यह समय निवेश के लिए अनुकूल रहेगा, लेकिन आपको अपने द्वारा किये गए निवेश और धन लाभ के बारे में किसी को बताने से बचना होगा।
मंगल की सीधी दृष्टि आपके परिवार, वाणी और धन के भाव यानी कि दूसरे भाव पर होगी। ऐसे में,आपके शब्द जाने-अनजाने में दूसरों को ठेस पहुंचा सकते हैं इसलिए मंगल का तुला राशि में गोचर की अवधि में परिवार के सदस्यों से बात करते समय आपको शब्दों का चयन बहुत सोच-समझकर करना होगा। हालांकि, धन-धान्य में बढ़ोतरी की दृष्टि से यह समय फलदायी रहेगा। तीसरे भाव पर मंगल की दृष्टि होने से आपको दोबारा भाई-बहनों के साथ संचार से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है इसलिए सावधान रहें।
उपाय: यदि संभव हो, तो रक्तदान करें।
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