शनि कुंभ राशि में वक्री (29 जून 2024)
शनि कुंभ राशि में वक्री: सूर्य पुत्र और कर्मफल दाता शनि महाराज 29 जून 2024 की रात 11 बजकर 40 मिनट पर कुंभ राशि में वक्री होने जा रहे हैं। एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग आपको शनि कुंभ राशि में वक्री से संबंधित समस्त जानकारी प्रदान करेगा। साथ ही, 12 राशियों पर पड़ने वाले इसके प्रभाव से भी अवगत कराएगा। जैसे कि हम सभी यह भली-भांति जानते हैं कि शनि ग्रह की चाल, दशा या स्थिति में होना वाला बदलाव संसार को प्रभावित करता है इसलिए सभी राशियों पर पड़ने वाले शनि वक्री के शुभ-अशुभ प्रभाव के बारे में जानने के लिए इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ना जारी रखें।
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हालांकि, वर्ष 2024 में शनि देव कुंभ राशि में ही रहेंगे और इसके फलस्वरूप, इस साल शनि का कोई गोचर नहीं होगा। लेकिन, 2024 में शनि ग्रह अपनी वक्री और मार्गी चाल के आधार पर जातकों को परिणाम देंगे। इस साल कुंभ राशि में यह अस्त भी होंगे और उदित भी। इसके परिणामस्वरूप, जातकों को जीवन में अच्छे-बुरे दोनों तरह के फल प्रदान करेंगे। बता दें कि यह भविष्यवाणी चंद्र राशि पर आधारित है इसलिए आप अपनी जन्म कुंडली में शनि की स्थिति की सहायता से सटीक भविष्यवाणी जान सकते हैं।
ज्योतिष में शनि ग्रह का महत्व
वैदिक ज्योतिष में शनि को प्रतिबद्धता का ग्रह माना जाता है। वह शिक्षक है और व्यक्ति को अनुशासन से जीवन जीना सिखाते हैं। इन गुणों के आधार पर मनुष्य अपने जीवन में रोज़मर्रा के लक्ष्यों को पूरा कर पाता है।
शनि महाराज व्यक्ति को जीवन में समय का पाबंद और न्याय प्रिय बनाते हैं। यह हमें जीवन के महत्वपूर्ण सबक सिखाते हैं और ऊर्जा प्रदान करते हैं। साथ ही, शनि ग्रह सुनिश्चित करते हैं कि व्यक्ति अपनी ऊर्जा का इस्तेमाल सही दिशा में करें। अगर आप अपनी ऊर्जा का सदुपयोग करते हैं, तो आपको कार्यों के सकारात्मक परिणाम मिलते हैं और वहीं, यदि आप ऊर्जा का इस्तेमाल गलत कामों या गलत दिशा में करते हैं, तो आपको नकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं। शनि देव आपको लक्ष्यों को पाने के लिए दृढ़ संकल्पी बनाने का काम करते हैं। आइए अब हम आपको बताते हैं कि शनि कुंभ राशि में वक्री होकर मनुष्य जीवन के विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि व्यापार, नौकरी, विवाह, प्रेम, संतान, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि को कैसे प्रभावित करेंगे और क्या यह शुभ फल परिणाम देंगे? चलिए जानते हैं।
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यह राशिफल आपकी चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी व्यक्तिगत चन्द्र राशि अभी जानने के लिए चंद्र राशि कैलकुलेटर का उपयोग करें।
शनि कुंभ राशि में वक्री: राशि अनुसार राशिफल और उपाय
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए शनि देव आपके दसवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके ग्यारहवें भाव में वक्री होने जा रहे हैं।
करियर की बात करें, तो जो जातक नौकरी करते हैं, उनके लिए शनि का वक्री होना अनुकूल कहा जाएगा। इस अवधि में आप नौकरी में तमाम परेशानियों के बावजूद अच्छी प्रगति हासिल करेंगे।
इस राशि के जो जातक अपना व्यापार करते हैं, उन्हें शनि वक्री के दौरान अच्छा ख़ासा लाभ प्राप्त होगा। लेकिन, आपको मिलने वाला मुनाफा बहुत ज्यादा नहीं होने की आशंका है।
मेष राशि वालों को आर्थिक जीवन में धन प्राप्ति के मार्ग में समस्याओं और अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है।
प्रेम जीवन में आपके और पार्टनर के बीच बेहतर तालमेल होने के बावजूद भी आप दोनों के बीच बहस हो सकती है इसलिए इससे बचने का प्रयास करें।
स्वास्थ्य की दृष्टि से, शनि वक्री के दौरान आप अच्छे स्वास्थ्य का आनंद लेते हुए दिखाई देंगे, परंतु आपको सर्दी-खांसी परेशान कर सकती है।
उपाय: प्रतिदिन “ॐ नमो नारायण” का 21 बार जाप करें।
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों की कुंडली में शनि ग्रह नौवें और दसवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके दसवें भाव में वक्री होने जा रहे हैं।
शनि देव की इस स्थिति की वजह से आपको करियर के क्षेत्र में कुछ गिरावट देखने को मिल सकती है। साथ ही, परिवार के विकास के संबंध में भी कुछ ऐसे ही परिणाम मिल सकते हैं।
नौकरी में वृषभ राशि के लोगों पर काम का बोझ बढ़ सकता है जिसमें आपकी ऊर्जा और समय दोनों लग सकता है।
व्यापार की बात करें, तो इन जातकों को कारोबार में प्रतिद्वंदियों से कड़ी टक्कर मिल सकती है और ऐसे में, आपके हाथ से कुछ अच्छे अवसर निकल सकते हैं।
आर्थिक जीवन के लिहाज़ से, शनि कुंभ राशि में वक्री होकर आपके लिए अच्छा धन लाभ लेकर आएंगे, लेकिन फिर भी आप बचत करने में असमर्थ रह सकते हैं।
प्रेम जीवन को देखें, तो इन जातकों का व्यवहार अपने पार्टनर के प्रति अच्छा रहेगा। हालांकि, रिश्ते में उतार-चढ़ाव बने रह सकते हैं।
स्वास्थ्य की दृष्टि से, वृषभ राशि वालों को आँखों में जलन और संक्रमण की शिकायत रह सकती है।
उपाय: प्रतिदिन ललिता सहस्रनाम का जाप करें।
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मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों के लिए शनि आपके आठवें और नौवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके नौवें भाव में वक्री होने जा रहे हैं।
इसके परिणामस्वरूप, संभव है कि इस समय आपको भाग्य का साथ न मिले और ऐसे में, आपमें आत्मविश्वास की कमी भी दिखाई दे सकती है।
मिथुन राशि वालों के हाथ से मौजूदा नौकरी में कुछ सुनहरे अवसर छूट सकते हैं। साथ ही, कार्यस्थल में आपके मान-सम्मान में कमी आने की आशंका है और संभव है कि काम में की गई मेहनत के लिए आपको सराहना न मिले।
जो जातक खुद का व्यापार करते हैं, वह ऑनसाइट बिज़नेस में मिलने वाले नए अवसरों का लाभ नहीं उठा सकेंगे जिसकी वजह से आप भारी लाभ कमाने में पीछे रह सकते हैं।
शनि कुंभ राशि में वक्री की अवधि में आपको किसी यात्रा के दौरान धन हानि हो सकती है जिसके चलते आप पैसे बचाने में समर्थ नहीं होंगे।
प्रेम जीवन की बात करें, तो परिवार में चल रही किसी समस्या की वजह से आपके और पार्टनर के बीच तीखी बहस या मतभेद होने की आशंका है।
मिथुन राशि के जातकों को पैरों में दर्द की समस्या परेशान कर सकती है।
उपाय: प्रतिदिन विष्णु सहस्रनाम का जाप करें।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए शनि देव आपके सातवें और आठवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके आठवें भाव में वक्री हो रहे हैं।
शनि के आठवें भाव में वक्री होने से इन जातकों को अप्रत्याशित रूप से लाभ की प्राप्ति होगी। साथ ही, अचानक से आपका जीवन विकास के पथ पर आगे बढ़ेगा।
करियर को देखें तो, इस अवधि में आप नौकरी में कुछ बेहतरीन अवसरों को खो सकते हैं। इसके अलावा, कार्यस्थल पर आपको अप्रिय घटनाओं का सामना करना पड़ सकता है।
व्यापार की दृष्टि से, शनि की वक्री अवस्था को आपके व्यापार के लिए अच्छा नहीं कहा जा सकता है क्योंकि आपके बिज़नेस में गिरावट आने की आशंका है। साथ ही, हानि भी हो सकती है।
आर्थिक जीवन की बात करें, तो किसी यात्रा के दौरान लापरवाही की वजह से आपको आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है इसलिए आपको सावधान रहना होगा।
प्रेम जीवन में पार्टनर के साथ रिश्ते में आपको उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है जिससे घर का वातावरण बिगड़ सकता है।
इन जातकों को पैरों में दर्द की शिकायत रह सकती है जो कि आपकी कमज़ोर रोग प्रतिरोधक क्षमता का परिणाम हो सकती है।
उपाय: प्रतिदिन दुर्गा चालीसा का जाप करें।
सिंह राशि
सिंह राशि वालों के लिए शनि महाराज आपके छठे और सातवें भाव के स्वामी हैं। वर्तमान समय में अब यह आपके सातवें भाव में वक्री होने जा रहे हैं।
शनि देव की इस स्थिति की वजह से आपका ध्यान नए दोस्त बनाने पर केंद्रित होगा, लेकिन इस समय अच्छी चीज़ें होना संभव नहीं होगा।
करियर के क्षेत्र में आपको काम के सिलसिले में बेकार की यात्राओं पर जाना पड़ सकता है और संभव है कि यह आपको पसंद न आए।
व्यापार करने वाले सिंह राशि के जातकों को बिज़नेस में कुछ असफलताओं का सामना करना पड़ सकता है इसलिए आपको संभलकर चलना होगा।
आर्थिक जीवन में आप किसी दोस्त को पैसे उधार दे सकते हैं, परंतु आपको अपना धन वापिस न मिलने की आशंका है।
प्रेम जीवन को देखें, तो आपके रिश्ते में पार्टनर के साथ अहंकार से जुड़ी समस्याएं जन्म ले सकती हैं और ऐसे में, आप थोड़े परेशान रह सकते हैं।
सेहत की दृष्टि से, इन लोगों को घुटनों में दर्द रह सकता है।
उपाय: प्रतिदिन “ॐ भास्कराय नमः” का 19 बार जाप करें।
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए शनि आपकी राशि के पांचवें भाव और छठे भाव के स्वामी हैं। वर्तमान समय में यह कुंभ राशि में आपके छठे भाव में वक्री हो रहे हैं।
शनि कुंभ राशि में वक्री होने से आपको अपने खर्चों को पूरा करने के लिए लोन या कर्ज़ लेना पड़ सकता है।
करियर की बात करें, तो कार्यक्षेत्र में काम में किये जा रहे प्रयासों की रफ़्तार धीमी पड़ सकती है।
जिन जातकों का अपना व्यापार है, उन्हें व्यापार में प्रयासों की कमी की वजह से प्रतिद्वंदियों से कड़ी टक्कर मिल सकती है।
आर्थिक जीवन की बात करें, तो इन जातकों को शनि वक्री की अवधि में धन हानि हो सकती है जिससे आप नाखुश दिखाई दे सकते हैं।
संभव है कि पार्टनर के साथ आप अचानक से बहस या विवाद में पड़ जाएं जिनसे आपको बचने की सलाह दी जाती है।
स्वास्थ्य को देखें, तो इन जातकों को अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए दवाइयों का सहारा लेना पड़ सकता है इसलिए अपना ध्यान रखें।
उपाय: प्रतिदिन “ॐ नमो नारायण” का 41 बार जाप करें।
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तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए शनि देव आपके चौथे और पांचवें भाव के स्वामी हैं। वर्तमान समय में यह आपके पांचवें भाव में ही वक्री हो रहे हैं।
इसके परिणामस्वरूप, शनि वक्री की अवधि में आप भविष्य को लेकर चिंतित नज़र आ सकते हैं।
करियर की बात करें तो, कार्यस्थल में आपकी बुद्धिमानी को नज़रअंदाज़ किया जा सकता है जो आपके लिए चिंता का विषय होगा।
व्यापार को देखें, तो आप बिज़नेस के क्षेत्र में कुछ मुश्किल परिस्थितियों में फंस सकते हैं। ऐसे में, आप समझदारी से निर्णय लेने में समर्थ नहीं होंगे।
आर्थिक जीवन में आपको धन की कमी की समस्या परेशान कर सकती है और इसकी वजह बजट का निर्माण न करना हो सकता है।
प्रेम जीवन में इन लोगों को अहंकार से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जिसकी वजह से आपकी पार्टनर के साथ बहस हो सकती है।
शनि कुंभ राशि में वक्री के दौरान आपको अपने बच्चों के स्वास्थ्य पर काफ़ी पैसा खर्च करना पड़ सकता है जिसकी वजह से आप चिंतित नज़र आ सकते हैं ।
उपाय: प्रतिदिन “ॐ नमो नारायण” का 41 बार जाप करें।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शनि ग्रह आपके तीसरे भाव और चौथे भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके चौथे भाव में वक्री होने जा रहे हैं।
शनि के वक्री होने से आपको अपने परिवार पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी जाती है। इन लोगों को अपने जीवन में गिरावट महसूस हो सकती है। साथ ही, आपकी सुख-सुविधाओं में कमी आ सकती है।
करियर में आपके हाथ से नौकरी के सुनहरे अवसर निकल सकते हैं और साथ ही, आप पर काम का बोझ अधिक हो सकता है जिससे आपको नुकसान होने की आशंका है।
व्यापार की बात करें, तो इन जातकों को लाभ से ज्यादा हानि होने की आशंका है। ऐसे में, आपको प्रतिद्वंदियों से कड़ी टक्कर मिल सकती है।
आर्थिक जीवन में यात्रा के दौरान आपको लापरवाही की वजह से धन हानि का सामना करना पड़ सकता है।
रिलेशनशिप में आप पार्टनर के साथ अनचाहे विवादों में पड़ सकते हैं जो कि आप दोनों के विचारों में अंतर का परिणाम हो सकता है।
सेहत के लिहाज़ से, शनि वक्री के दौरान आपको वाहन चलाते समय बेहद सावधान रहना होगा क्योंकि प्रबल संभावना है कि आप ड्राइविंग करते समय दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं जिससे आपके पैरों में सूजन आ सकती है।
उपाय: शनिवार के दिन शनि ग्रह के लिए यज्ञ/हवन करें।
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धनु राशि
धनु राशि के जातकों की कुंडली में शनि महाराज आपके दूसरे और तीसरे भाव के स्वामी हैं जो अब आपके तीसरे भाव में वक्री हो रहे हैं।
इसके फलस्वरूप, इन लोगों को अपने विकास पर ध्यान केंद्रित करना होगा। साथ ही, इस अवधि में आपका ज्यादातर समय यात्राओं में बीतेगा।
शनि कुंभ राशि में वक्री होने से करियर के क्षेत्र में मिलने वाले लाभ आपको औसत रूप से प्राप्त होंगे जिससे आप ज्यादा संतुष्ट नहीं दिखाई देंगे।
व्यापार की बात करें, तो इन जातकों को किसी काम के संबंध में यात्रा पर जाना पड़ सकता है। लेकिन, यह यात्राएं आपके लिए फलदायी नहीं रहने की आशंका है।
आर्थिक जीवन में घर-परिवार में होने वाले कार्यों की वजह से आपके खर्चों में बढ़ोतरी हो सकती है।
प्रेम जीवन के लिहाज़ से, शनि की वक्री अवस्था आपके लिए ज्यादा अच्छी नहीं कही जा सकती है क्योंकि आपके और पार्टनर के बीच बातचीत का अभाव नज़र आ सकता है। ऐसे में, आपके रिश्ते से आकर्षण नदारद रह सकता है।
शनि के वक्री होने से धनु राशि के जातक सर्दी-खांसी के शिकार हो सकते हैं जिसकी वजह कमज़ोर रोग प्रतिरोधक क्षमता हो सकती है।
उपाय: प्रतिदिन “ॐ मंगलाय नमः” का 27 बार जाप करें।
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए शनि देव आपके राशि स्वामी होने के साथ-साथ आपके लग्न/पहले भाव और दूसरे भाव के स्वामी भी हैं। अब यह आपके दूसरे भाव में वक्री हो रहे हैं।
ऐसे में, शनि वक्री की अवधि में आप अपने परिवार के साथ ज्यादातर समय बिताएंगे। साथ ही, आप अपनी आर्थिक स्थिति पर भी काम करते हुए नज़र आएंगे। हालांकि, इन लोगों को शब्दों का चयन करते समय बेहद सावधान रहना होगा।
करियर की बात करें, तो इस दौरान नौकरी में अचानक से आपका ट्रांसफर होने की संभावना है जिससे आप असंतुष्ट दिखाई दे सकते हैं।
जिन जातकों का अपना व्यापार है, उन्हें प्रतिद्वंदियों से कड़ी टक्कर मिल सकती है और इसको संभाल पाना आपके लिए मुश्किल हो सकता है।
आर्थिक जीवन में मकर राशि के जातक धन की बचत करने में नाकाम रह सकते हैं जिसकी वजह से आप चिंतित नज़र आ सकते हैं।
रिलेशनशिप को देखें, तो इन लोगों को परिवार के सदस्यों से बेकार की बातें या अफवाहें सुनने को मिल सकती हैं।
स्वास्थ्य के मामले में आपको आँखों में जलन आदि से जुड़ी समस्याएं परेशान कर सकती हैं।
उपाय: प्रतिदिन “ॐ नमः शिवाय” का 11 बार जाप करें।
कुंभ राशि
कुंभ राशि वालों के लिए शनि महाराज आपके पहले और बारहवें भाव के स्वामी हैं। वर्तमान समय में अब यह आपके पहले भाव में वक्री हो रहे हैं।
इसके फलस्वरूप, इन जातकों को अपनी सेहत पर ध्यान देना होगा। दूसरी तरफ, आपको अनचाहे खर्चों के साथ-साथ बेकार की यात्राओं पर जाना पड़ सकता है।
करियर की बात करें, तो आप जीवन को बेहतर बनाने और काम में संतुष्टि पाने के लिए नौकरी में बदलाव का मन बना सकते हैं, फ़िलहाल आपको इससे बचने की सलाह दी जाती है कि क्योंकि इस समय नौकरी में बदलाव आपके लिए फलदायी नहीं रहेगा।
कुंभ राशि के जो जातक खुद का व्यापार करते हैं, उन्हें काम के सिलसिले में यात्राओं पर जाना पड़ सकता है और यह आपके लिए ज्यादा अच्छी नहीं रहने की आशंका है। साथ ही, प्रगति की रफ़्तार भी धीमी रह सकती है।
आर्थिक जीवन की बात करें तो, इन लोगों को अप्रत्याशित स्रोतों से धन की प्राप्ति होगी जिससे आपको लाभ होगा।
प्रेम जीवन में आप रिश्ते में पार्टनर से असंतुष्ट दिखाई दे सकते हैं क्योंकि शनि कुंभ राशि में वक्री होने से आप दोनों के बीच आपसी तालमेल कम रह सकता है।
सेहत के लिहाज़ से, कुंभ राशि वालों को पाचन संबंधित समस्या रह सकती है।
उपाय: प्रतिदिन “ॐ शिव ॐ शिव ॐ” मंत्र का 27 बार जाप करें।
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए शनि महाराज आपके ग्यारहवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं। वर्तमान में शनि आपके बारहवें भाव में वक्री हो रहे हैं।
इसके फलस्वरूप, इस समय आपको अपनी आर्थिक स्थिति पर ध्यान देना होगा और खर्चों को सोच-समझकर करना होगा। शनि वक्री के दौरान आप थोड़े असंतुष्ट रह सकते हैं।
करियर के क्षेत्र में आपको नौकरी में दबाव और काम के लिए सराहना न मिलने की आशंका है जो आपको परेशान कर सकती है।
व्यापार की बात करें, तो इन जातकों को बिज़नेस में प्रतिद्वंदियों से कड़ी टक्कर मिल सकती है जिसकी वजह कारोबार में आपका पुरानी योजनाओं पर चलना हो सकता है।
आर्थिक जीवन में शनि कुंभ राशि में वक्री होने से आपको लाभ और हानि दोनों का सामना करना पड़ सकता है जो कि आपके लिए चिंता का विषय बन सकता है।
प्रेम जीवन में आपके और पार्टनर के बीच आपसी तालमेल और सहयोग की कमी होने की वजह से रिश्ते को लेकर आपमें संतुष्टि की कमी नज़र आ सकती है।
सेहत के लिहाज़ से, शनि की वक्री अवस्था आपको पैरों में दर्द और अकड़न की समस्या दे सकती है।
उपाय: रोज़ाना “ॐ भूमि पुत्राय नमः” का 27 बार जाप करें।
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प्रश्न 1. कुंभ राशि में शनि देव कब तक वक्री रहेंगे?
उत्तर 1. शनि ग्रह 29 जून से 15 नवंबर, 2024 तक कुंभ राशि में वक्री रहेंगे।
प्रश्न 2. शनि के वक्री होने पर क्या होता है?
उत्तर 2. शनि के वक्री होने पर यह उल्टी दिशा में चलते हुए प्रतीत होते हैं।
प्रश्न 3. शनि वक्री होने पर क्या करें?
उत्तर 3. शनि ग्रह के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए हनुमानजी की पूजा करना फलदायी रहता है।