शुक्र का धनु राशि में गोचर (5 दिसंबर, 2022)
शुक्र का धनु राशि में गोचर (5 दिसंबर, 2022) से जुड़ी सही व सटीक भविष्यवाणियाँ आपको ऐस्ट्रोसेज के इस लेख के माध्यम से प्राप्त होंगी। यह भविष्यवाणियाँ हमारे विद्वान ज्योतिषियों द्वारा शुक्र ग्रह की चाल एवं स्थिति का विश्लेषण कर प्रदान की गई हैं, जो पूर्ण रूप से वैदिक ज्योतिष पर आधारित हैं। इस लेख में आपको सभी 12 राशियों के जातकों के पेशेवर जीवन, व्यक्तिगत जीवन, आर्थिक जीवन, स्वास्थ्य तथा शिक्षा आदि से जुड़े राशिफल के साथ-साथ नकारात्मक प्रभावों से बचने के उपाय भी बताए गए हैं, जिनकी मदद से आप अपने आने वाले कल को बेहतर बना सकते हैं। आइए आगे बढ़ते हैं और राशिनुसार जानते हैं कि शुक्र का धनु राशि में गोचर हमारे जीवन में क्या बदलाव लेकर आने वाला है।
इस वर्ष दैत्यगुरु शुक्राचार्य धनु राशि में गोचर करने जा रहे हैं, जो कि देवगुरु बृहस्पति द्वारा शासित है। राशि चक्र की नौवीं राशि को धनु राशि के नाम से जाना जाता है तथा यह अग्नि तत्व की राशि है। धनु राशि धन, प्रेरणा, बुद्धि और सौभाग्य का प्रतीक है तथा शुक्र निस्वार्थ प्रेम और अत्यधिक धन का ग्रह है। आइए जानते हैं कि सभी 12 राशियों के जातकों के लिए यह संयोजन कैसा रहेगा।
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शुक्र का धनु राशि में गोचर: तिथि व समय
वैदिक ज्योतिष के अनुसार शुक्र एक स्त्री प्रवृत्ति का ग्रह है, जो कि दो राशियों यानी कि वृषभ और तुला राशि का स्वामी है। आमतौर पर शुक्र हमारे जीवन में धन, समृद्धि, सुख, आनंद, आकर्षण, सौंदर्य, प्रेम संबंध आदि का प्रतिनिधित्व करता है। साथ ही कला, रचनात्मकता, संगीत, कविता, डिज़ाइनिंग, मनोरंजन, ग्लैमर, फ़ैशन, आभूषण, कीमती रत्न, श्रृंगार, लग्ज़री यात्रा, लग्ज़री भोजन और लग्ज़री वाहन आदि का कारक होता है। वहीं दूसरी ओर शुक्र संजीवनी विद्या को भी दर्शाता है, जो कि एक छिपा हुआ ज्ञान होता है और इसे हम सिर्फ़ शुक्राचार्य से ही प्राप्त कर सकते हैं।
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शुक्र का धनु राशि में गोचर 5 दिसंबर, 2022 को 17:39 बजे होगा। यह गोचर दर्शा रहा है कि एक गुरु दूसरे गुरु के घर पर आ रहे हैं अर्थात शुक्र बृहस्पति की राशि में आ रहे हैं। हालांकि ये दोनों एक दूसरे के शत्रु माने जाते हैं लेकिन फिर भी गुरु और विद्वान होने के कारण यह अवधि शिक्षकों, धर्म गुरुओं, मोटिवेशनल स्पीकर्स और वे लोग जो अपने विवाह के निर्णय को अंतिम रूप देना चाहते हैं, उनके लिए अनुकूल सिद्ध होगी। अन्य सभी राशियों के लिए शुक्र के परिणाम कुंडली में इसकी स्थिति व जातक की दशा पर निर्भर करेंगे।
शुक्र का धनु राशि में गोचर- इसका हमारे जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा और इसके नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए क्या उपयुक्त उपाय किए जा सकते हैं इसकी विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए पढ़ें राशि अनुसार अपना गोचरफल।
यह राशिफल चंद्र राशि पर आधारित है। जानें अपनी चंद्र राशि
Read in English: Venus Transit In Sagittarius (5 December, 2022)
मेष
मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र दूसरे तथा सातवें भाव का स्वामी है और इस गोचर काल के दौरान शुक्र आपके नौवें भाव यानी कि ड्रामा, पितृत्व, लंबी दूरी की यात्रा, तीर्थ यात्रा और भाग्य के भाव में गोचर करेगा।
यह अवधि शिक्षकों, मेंटर्स, धर्म गुरुओं और मोटिवेशनल स्पीकर्स आदि के लिए अनुकूल रहने वाली है। साथ ही जो लोग अपने विवाह के निर्णय को अंतिम रूप देना चाहते हैं, उन्हें भी सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।
शादीशुदा लोग अपने जीवनसाथी के साथ सुखद पल बिताएंगे और जीवनसाथी की ओर से उन्हें पूरा सहयोग प्राप्त होगा। जो छात्र उच्च शिक्षा प्राप्त करने की योजना बना रहे हैं, उन्हें भी सकारात्मक फल प्राप्त होंगे।
इस दौरान आपका झुकाव रहस्य विज्ञान की ओर हो सकता है। साथ ही आध्यात्मिक गतिविधियों, पूजा-पाठ और पौराणिक ग्रंथों को पढ़ने की ओर भी हो सकता है।
उपाय: शुक्रवार के दिन माँ लक्ष्मी की पूजा करें और कमल का फूल चढ़ाएं।
वृषभ
वृषभ राशि के जातकों के लिए शुक्र लग्न तथा छठे भाव का स्वामी है और इस गोचर काल के दौरान शुक्र आपके आठवें भाव यानी कि आकस्मिक घटना, रहस्य, दीर्घायु और छिपे हुए तथ्यों के भाव में गोचर करेगा।
आपको इस दौरान मिश्रित परिणाम प्राप्त होंगे यानी कि सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रकार परिणाम प्राप्त होने की संभावना है। शुक्र के इस गोचर काल में आपको अपने स्वास्थ्य के प्रति अधिक सावधान रहने की ज़रूरत होगी चूंकि मूत्र संक्रमण या पेशाब से संबंधित कोई बीमारी होने की आशंका है। इसलिए अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें और स्वच्छता का विशेष रूप से ख़्याल रखें। साथ ही शराब या अत्यधिक चिकनाई युक्त भोजन के सेवन से परहेज करें।
यदि आप वैदिक ज्योतिष या टैरो रीडिंग जैसे गुप्त विज्ञान के बारे में कुछ सीखने की योजना बना रहे हैं तो शुक्र का धनु राशि में गोचर आपके लिए अनुकूल सिद्ध होगा। इस दौरान आप इसकी शुरुआत कर सकते हैं। वहीं दूसरे भाव पर शुक्र की दृष्टि पड़ने से इस दौरान आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी तथा धन का प्रवाह भी अच्छा रहेगा। साथ ही धन की बचत भी संभव होगी।
उपाय: प्रतिदिन महिषासुर मर्दिनी का पाठ करें।
मिथुन
मिथुन राशि के जातकों के लिए शुक्र पांचवें तथा बारहवें भाव का स्वामी है और इस गोचर काल के दौरान शुक्र आपके सातवें भाव यानी कि विवाह, जीवनसाथी, साझेदारी के भाव में गोचर करेगा।
पांचवें भाव के स्वामी का सातवें भाव में गोचर करना, प्रेम संबंध को विवाह में परिवर्तित करने के योग बनाता है, इसलिए जो लोग विवाह के योग्य है, उनका विवाह हो सकता है। वहीं सातवें भाव के स्वामी का बारहवें भाव में गोचर करना इस बात की ओर इशारा कर रहा है कि इस दौरान आप लंबी दूरी की किसी यात्रा पर जा सकते हैं या फिर अपने जीवनसाथी के साथ किसी यात्रा पर जा सकते हैं। लेकिन बारहवां भाव हानि का भाव भी होता है, इसलिए इस दौरान अपने जीवनसाथी के स्वास्थ्य का ख़ास ख़्याल रखें।
इस गोचर काल में मिथुन राशि के कुछ जातकों को विदेशी डीलिंग करने का मौका मिल सकता है, जो कि काफ़ी लाभकारी सिद्ध होगा यानी कि आपको उस डीलिंग से अच्छा खासा मुनाफ़ा प्राप्त होगा। यदि आप साझेदारी में कोई व्यवसाय चला रहे हैं तो इस दौरान आपको फलता-फूलता नज़र आएगा। इस दौरान शुक्र की दृष्टि आपके लग्न भाव पर भी रहेगी, जिसके परिणामस्वरूप आप अपने लुक्स और व्यक्तित्व पर अधिक ध्यान देंगे।
उपाय: अपने बेडरूम में गुलाबी क्वार्ट्ज स्टोन यानी कि स्फटिक पत्थर रखें।
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कर्क
कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र चौथे तथा ग्यारहवें भाव का स्वामी है और इस गोचर काल के दौरान शुक्र आपके छठे भाव यानी कि शत्रु, रोग, प्रतिस्पर्धा और मामा के भाव में गोचर करेगा।
इस दौरान आपको अपनी माता के स्वास्थ्य का अधिक ख़्याल रखने की सलाह दी जाती है चूंकि घर में क्लेश वगैरह होने के कारण उनका स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।
प्रेम जीवन की बात करें तो आशंका है कि इस दौरान एक्स्ट्रा अफेयर या गुप्त संबंध रखने के कारण आपका ब्रेकअप हो सकता है और इससे समाज में आपकी छवि ख़राब हो सकती है। इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि शुक्र का धनु राशि में गोचर के दौरान इस तरह के आरोपों से बचने के लिए ऐसी गतिविधियों से दूर रहें।
आपको एक और सुझाव दिया जाता है कि शुक्र के इस गोचर काल में किसी पर भी आंख मूंद कर भरोसा न करें क्योंकि ग्यारहवें भाव के स्वामी का छठे भाव में गोचर करना आपके दोस्तों को शत्रुओं में बदल सकता है।
उपाय: नेत्रहीन संस्थानों में सेवाएं दें और दान-पुण्य करें।
सिंह
सिंह राशि के जातकों के लिए शुक्र तीसरे तथा दसवें भाव का स्वामी है और इस गोचर काल के दौरान शुक्र आपके पांचवें भाव यानी कि प्रेम, शिक्षा और संतान के भाव में गोचर करेगा।
जो छात्र डिज़ाइनिंग, कला, रचनात्मकता, कविता आदि क्षेत्रों में हैं, वे इस दौरान रचनात्मक विचारों से भरे हुए रहेंगे, जिससे कि उनका प्रदर्शन बेहतर होगा और उन्हें सफलता भी मिलेगी।
जो लोग प्रेम संबंध में हैं, वे अपने प्रिय के साथ सुखद पलों का आनंद उठाएंगे। जिससे कि उनके बीच घनिष्ठता बढ़ेगी। जो विवाहित जातक लंबे समय से संतान सुख प्राप्ति की योजना बना रहे थे, उन्हें इस अवधि में गर्भधारण का शुभ समाचार प्राप्त हो सकता है। कुल मिलाकर यह अवधि आपके लिए अनुकूल सिद्ध होगी।
उपाय: शुक्रवार के दिन क्रीम या गुलाबी रंग के कपड़े पहनें।
कन्या
कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र मित्र ग्रह है और दूसरे तथा नौवें भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान शुक्र आपके चौथे भाव यानी कि माता, गृहस्थ जीवन, वाहन, संपत्ति, भाव के भाव में गोचर करेगा।
शुक्र के धनु राशि में गोचर के दौरान आपका घरेलू जीवन या यूं कहें कि गृहस्थ जीवन सुखद रहेगा। माता जी के साथ आपके संबंध मज़बूत होंगे और आपको उनका पूरा सहयोग मिलेगा। इस अवधि में आप अपने घर पर कुछ आध्यात्मिक गतिविधियां जैसे कि होरा, सत्यनारायण कथा आदि करा सकते हैं। आप अपने घर के लिए कुछ लग्ज़री आइटम्स ख़रीदने पर भी धन ख़र्च कर सकते हैं।
उपाय: शुक्रवार के दिन अपने घर में सफेद फूल उगाएं और उनकी देखभाल करें।
तुला
तुला राशि के जातकों के लिए शुक्र लग्न तथा आठवें भाव का स्वामी है और इस गोचर काल के दौरान शुक्र आपके तीसरे भाव यानी कि भाई-बहन, शौक, लघु यात्रा और संचार कौशल के भाव में गोचर करेगा।
यह अवधि विशेष रूप से उन लोगों के लिए फलदायी सिद्ध होगी जो लेखन, ललित कला और साहित्य से जुड़े हुए हैं क्योंकि इस दौरान आपके लेखन कौशल, संचार कौशल और रचनात्मकता में वृद्धि होगी। जिससे कि आपका प्रदर्शन बेहतर होगा।
छोटे भाई-बहनों के साथ आपके संबंध अच्छे रहेंगे और आप उनके साथ अचानक से किसी लघु यात्रा की योजना बना सकते हैं और उनके साथ सुखद पल बिता सकते हैं। लेकिन चूंकि शुक्र आपके आठवें भाव के स्वामी हैं इसलिए इस दौरान आपको अपने छोटे भाई-बहनों के साथ स्वास्थ्य के प्रति सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
उपाय: अपने दाहिने हाथ की छोटी उंगली में सोने से बनी अच्छी गुणवत्ता वाली ओपल या हीरा धारण करें।
वृश्चिक
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शुक्र सातवें तथा बारहवें भाव का स्वामी है और इस गोचर काल के दौरान शुक्र आपके दूसरे भाव यानी कि धन, परिवार, बचत और वाणी के भाव में गोचर करेगा।
इस दौरान आपके संवाद कौशल में बेहतरीन सुधार देखने को मिलेगा, जिससे आपकी वाणी बहुत मधुर होगी। आपका झुकाव अपने परिवार की ओर अधिक रहेगा और आप अपने प्रियजनों के साथ क्वालिटी टाइम बिताने के इच्छुक रहेंगे।
बारहवें भाव के स्वामी का दूसरे भाव में गोचर करना इस बात की ओर इशारा कर रहा है कि इस दौरान आपको विदेश से आर्थिक लाभ प्राप्त होगा। जो जातक बहुराष्ट्रीय कंपनियों में काम कर रहे हैं या लग्ज़री कपड़ों की ख़रीदारी या निर्यात का व्यवसाय चला रहे हैं, उन्हें सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।
यह समय धन की बचत करने और नए निवेश करने के मामले में अनुकूल है यानी कि यदि आप भविष्य के लिए नए निवेश करने की योजना बना रहे हैं तो ऐसा करने से आपको सकारात्मक फल प्राप्त होंगे।
यदि आप वैदिक ज्योतिष या टैरो रीडिंग जैसे रहस्य विज्ञान में कुछ सीखना चाहते हैं तो शुक्र का धनु राशि में गोचर लाभकारी साबित होगा। इस दौरान आप शुरुआत कर सकते हैं।
उपाय: दिन में 108 बार 'ॐ शुक्राय नमः' का जाप करें।
बृहत् कुंडली: जानें ग्रहों का आपके जीवन पर प्रभाव और उपाय
धनु
धनु राशि के जातकों के लिए शुक्र छठे तथा ग्यारहवें भाव का स्वामी है और इस गोचर काल के दौरान शुक्र आपके प्रथम/लग्न भाव में गोचर करेगा।
इस दौरान आप ख़ुद को संवारने और अपनी सेहत और अधिक ध्यान देंगे। साथ ही अपने व्यक्तित्व को निखारने के लिए भरपूर कोशिश करेंगे क्योंकि शुक्र आपके लग्न भाव में स्थित है।
आप इस अवधि में बड़ी ही सुख-सुविधा के साथ और एक आरामदायक स्थिति में रहेंगे। आपके आसपास कुछ प्रभावशाली लोग होंगे। आप अपने दोस्तों और समाज के कुछ लोगों के साथ मेलजोल बढ़ाएंगे और उनके साथ ज़्यादा समय बिताएंगे।
आर्थिक रूप से यह अवधि लाभकारी सिद्ध होगी क्योंकि इस दौरान आपको अपनी आय और लाभ बढ़ाने के कई अवसर प्राप्त होंगे। वहीं सातवें भाव पर शुक्र की दृष्टि पड़ने से आपका प्रेम जीवन और वैवाहिक जीवन सुखद रहेगा। कुल मिलाकर शुक्र के इस गोचर काल में आपको अनुकूल परिणामों की प्राप्ति होगी।
उपाय: प्रतिदिन परफ्यूम और सुगंध का प्रयोग करें, विशेष रूप से चंदन की सुगंध से शुभ फल प्राप्त होंगे।
मकर
मकर राशि के जातकों के लिए शुक्र योगकारक ग्रह है। साथ ही यह आपके पांचवें तथा दसवें भाव का स्वामी है और इस गोचर काल के दौरान शुक्र आपके बारहवें भाव यानी कि विदेश, व्यय, हानि के भाव में गोचर करेगा।
जो जातक आयात-निर्यात का व्यवसाय चला रहे हैं या बहुराष्ट्रीय कंपनियों में काम कर रहे हैं, उन्हें इस दौरान अपने करियर में सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे। संकेत मिल रहे हैं कि इस अवधि में आपको व्यवसाय के संबंध में विदेश यात्रा करनी पड़ सकती है और यह यात्रा फ़ायदेमंद साबित होगी।
जो जातक प्रेम संबंध में हैं, उन्हें इस दौरान थोड़ा सावधान रहने की आवश्यकता होगी क्योंकि इस बीच आपके रिश्ते में ग़लतफ़हमियां पैदा हो सकती हैं। जैसा कि आप जानते हैं कि कुंडली का बारहवां भाव हानि का भाव भी होता है, इसलिए आपको सुझाव दिया जाता है कि अपना धन विलासिता और मनोरंजन पर ज़्यादा ख़र्च न करें बल्कि अपने ख़र्चों की सही ढंग से योजना बनाएं और कोशिश करें कि फिजूलखर्ची न करें।
उपाय: शुक्रवार के दिन चांदी का एक टुकड़ा अपने बटुए में रखें।
कुंभ
कुंभ राशि के जातकों के लिए शुक्र एक योगकारक ग्रह है और यह आपके चौथे तथा नौवें भाव का स्वामी भी है। इस गोचर काल के दौरान शुक्र आपके ग्यारहवें भाव यानी कि आर्थिक लाभ, इच्छा, बड़े भाई-बहन, मामा और आय के भाव में गोचर करेगा।
इस दौरान आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी और आप एक लग्ज़री लाइफ़ का आनंद उठाते नज़र आएंगे। समाज में आपकी प्रतिष्ठा बढ़ेगी। दोस्तों के साथ अच्छा वक़्त बीतेगा।
यदि आप किसी प्रेम संबंध में हैं तो प्रिय के साथ आपके संबंध मज़बूत होंगे। आप उनके साथ अच्छा समय व्यतीत करेंगे। इससे आपके बीच प्रेम व आपसी समझ में वृद्धि होगी। यदि आप वैवाहिक जीवन व्यतीत कर रहे हैं तो इस दौरान आपके बच्चे कुछ ऐसी उपलब्धि हासिल करेंगे, जो आपके लिए बड़ी ही ख़ुशी की बात होगी।
जो छात्र डिज़ाइनिंग या किसी रचनात्मक क्षेत्र में अध्ययन कर रहे हैं, उनके लिए शुक्र का धनु राशि में गोचर फलदायी सिद्ध होगा। उनके कौशल व प्रदर्शन में सुधार देखने को मिलेगा। साथ ही उन्हें अपने कार्यों में सफलता भी मिलेगी।
उपाय: शुक्रवार के दिन वैभव लक्ष्मी की पूजा करें तथा व्रत करें और उन्हें लाल रंग के पुष्प अर्पित करें।
मीन
मीन राशि के जातकों के लिए शुक्र तीसरे तथा आठवें भाव का स्वामी है और इस गोचर काल के दौरान शुक्र आपके दसवें भाव यानी कि पेशे और कर्म भाव में गोचर करेगा।
शुक्र के धनु राशि में गोचर की यह अवधि पेशेवर रूप से अनुकूल सिद्ध होगी। आप अपने कार्यों में अधिक रचनात्मक होंगे तथा बड़े ही अच्छे ढंग से अपने कार्यों को पेश करेंगे। लेकिन इस दौरान आपके पेशेवर जीवन में अचानक से कुछ बदलाव हो सकते हैं क्योंकि शुक्र आपके आठवें भाव का स्वामी है।
यदि आप किसी रिसर्च फ़ील्ड में हैं तो आपके लिए शुक्र का धनु राशि में गोचर लाभकारी सिद्ध होगा। दसवें भाव से शुक्र की दृष्टि आपके चौथे भाव पर पड़ रही है, जिसके फलस्वरूप आप इस अवधि में अपने घर के लिए कोई वाहन या लग्ज़री आइटम ख़रीद सकते हैं। इसके अलावा आप अपने घर पर धार्मिक पूजा आदि कराने पर भी धन ख़र्च कर सकते हैं।
उपाय: अपने कार्यस्थल पर सभी महिलाओं का सम्मान करें और कार्यस्थल पर 'श्री यंत्र' रखें।
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