शुक्र का कन्या राशि में गोचर (09 अक्टूबर 2025)
शुक्र का कन्या राशि में गोचर: भौतिक सुख-सुविधाओं के कारक शुक्र ग्रह 9 अक्टूबर 2025 की सुबह 10 बजकर 38 मिनट पर कन्या राशि में गोचर करने जा रहे हैं। यह शुक्र देव की नीच राशि मानी जाती है और इस राशि में शुक्र 02 नवंबर 2025 तक रहेंगे। ऐसे में, शुक्र महाराज कमजोर अवस्था में सभी 12 राशियों को प्रभावित करेंगे। इस लेख के माध्यम से हम आपको राशियों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में विस्तार से बताएंगे।

विद्वान ज्योतिषियों से फोन पर बात करें और जानें शुक्र का कन्या राशि में गोचर का अपने जीवन पर प्रभाव
शुक्र भौतिक सुख-सुविधाओं को देने वाला ग्रह माना गया है जो सौंदर्य का कारक भी है। यह व्यक्ति को धन, वैभव, ऐश्वर्य और विलासिता की चीजें देने या दिलवाने वाले ग्रह माने जाते हैं क्योंकि 9 अक्टूबर से 2 नवंबर 2025 के बीच शुक्र नीच अवस्था में रहेगा। स्वाभाविक है कि इन क्षेत्रों पर कुछ नकारात्मक असर भी देखने को मिल सकता है। अतः इन क्षेत्रों से जुड़े कार्य करने वाले लोगों को इस अवधि में सावधानी पूर्वक निर्वाह करने की आवश्यकता रहेगी। लेकिन, शुक्र की इस स्थिति का आपकी राशि पर कैसा प्रभाव पड़ेगा? आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं शुक्र का कन्या राशि में गोचर आपको कैसे परिणाम देगा।
To Read in English Click Here: Venus Transit in Virgo
यह राशिफल आपकी चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी व्यक्तिगत चन्द्र राशि अभी जानने के लिए चंद्र राशि कैलकुलेटर का उपयोग करें
शुक्र का कन्या राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
मेष राशि वालों के लिए शुक्र देव आपकी कुंडली में दूसरे और सातवें भाव के स्वामी हैं जो
आपके छठे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। शुक्र के गोचर को छठे भाव में अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता है और ऊपर से, शुक्र ग्रह नीच के रहेंगे। ऐसे में, इस गोचर की अवधि में अपने प्रतिस्पर्धियों से सचेत रहने की आवश्यकता रहने वाली है। इस समय न चाहते हुए भी कुछ नए शत्रु बन सकते हैं यानी कुछ नए लोग भी आपसे नाराज हो सकते हैं या आपसी द्वेष वाली भावना रखना शुरू कर सकते हैं। शुक्र का कन्या राशि में गोचर के दौरान अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना जरूरी रहेगा। स्वास्थ्य के प्रति जरा सी भी लापरवाही आपको बीमार कर सकती है।
इस दौरान वाहन सावधानी से चलाना होगा। अत: ऐसे किसी कार्य को नहीं करें जिसमें चोट-खरोंच लगने का डर हो। किसी भी स्त्री से विवाद न करें। यदि विवाहित हैं, तो जीवन संगिनी या जीवनसाथी के स्वास्थ्य का ख्याल रखना भी जरूरी रहेगा। इस गोचर के कारण आर्थिक और पारिवारिक मामले में भी सावधानी बरतनी होगी। रोजमर्रा के कामों में भी अब अपेक्षाकृत अधिक सजग रहने की आवश्यकता रहेगी। व्यापार-व्यवसाय को लेकर कोई जोखिम उठाना ठीक नहीं रहेगा। कुल मिलाकर, इस गोचर की अवधि में सावधानी पूर्वक निर्वाह करना होगा।
उपाय: कन्याओं का पूजन करके उनका आशीर्वाद लेना शुभ रहेगा।
वृषभ राशि
वृषभ राशि वालों के लिए शुक्र आपकी कुंडली में आपके लग्न या राशि स्वामी होने के साथ-साथ आपके छठे भाव के भी स्वामी हैं जो आपके पंचम भाव में रहेंगे। हालांकि, पंचम भाव में शुक्र के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है। अत: आप अच्छे परिणामों की उम्मीद रख सकते हैं, लेकिन शुक्र की नीच अवस्था में होने से कुछ मामलों में सजग रहेंगे, तो परिणाम अच्छे मिल सकते हैं। पंचम में शुक्र का गोचर प्रेम संबंधों के लिए अच्छा माना गया है, लेकिन प्रेम संबंधों में भी सीमाओं में रहना होगा। मर्यादित तरीके से प्रेम करने की स्थिति में सब कुछ अच्छा चलता रहेगा। वहीं, मर्यादा भंग होने की स्थिति में बदनामी का भय उत्पन्न होगा।
शुक्र का कन्या राशि में गोचर संतान सुख से संबंधित मामलों में अच्छे परिणाम देने वाला माना गया है, लेकिन इस मामले में भी लापरवाही न बरतें। विद्यार्थी भी मेहनत करने की स्थिति में अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। मनोरंजन के दृष्टिकोण से भी इस गोचर को अच्छा कहा जाएगा, लेकिन महत्वपूर्ण कामों को छोड़कर मनोरंजन करने से बचने की सलाह दी जाती है। स्वास्थ्य का ख्याल रखना होगा। आर्थिक मामलों में कोई रिस्क न लें और विरोधियों को अपने से कमजोर नहीं आंकना है। इन सावधानियां को अपनाकर निर्वाह करने की स्थिति में आपको अच्छे परिणाम मिल सकेंगे।
उपाय: मां तथा मां समान स्त्रियों की सेवा करें और उनका आशीर्वाद लें।
करियर की हो रही है टेंशन! अभी ऑर्डर करें कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट
मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों के लिए शुक्र आपकी कुंडली में पांचवें और बारहवें भाव के भी स्वामी हैं। अब यह आपके चौथे भाव में जा रहे हैं। वैसे तो, सामान्य तौर पर शुक्र के गोचर को चौथे भाव में अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है। अतः शुक्र आपका फ़ेवर करना चाहेंगे। चौथे भाव में शुक्र के गोचर को मनोकामना पूरी करवाने वाला माना जाता है। अतः यदि आप मनोकामना से संबंधित प्रयत्न भी करेंगे, तो यह गोचर आपकी मदद करेगा क्योंकि बारहवें भाव का स्वामी नीच का होकर चौथे भाव में आया है। अतः घर-गृहस्थी से संबंधित चीजों पर कुछ धन खर्च भी हो सकता है। ऐसा भी हो सकता है कि कुछ अनावश्यक चीजें भी आप खरीद लाएं। बेहतर होगा कि आवश्यक चीजों पर ही खर्च करें।
शुक्र का कन्या राशि में गोचर के दौरान घर-गृहस्थी को सजाने-संवारने में भी आपका ध्यान रह सकता है। संबंधियों का आगमन भी हो सकता है, लेकिन कुछ संबंधियों के आचरण के चलते आपका मन व्यथित रह सकता है क्योंकि पंचम भाव का स्वामी नीच का हो रहा है। ऐसी स्थिति में प्रेम संबंधों को लेकर लापरवाह नहीं होना है। भले ही चौथे भाव में शुक्र के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला माना गया है, लेकिन शिक्षा और प्रेम संबंध को लेकर लापरवाह नहीं होंगे तो परिणाम अनुकूल बने रहेंगे।
उपाय: बहते हुए पानी में चावल प्रवाहित करें।
कर्क राशि
कर्क राशि वालों के लिए शुक्र आपकी कुंडली में चौथे और लाभ भाव के स्वामी हैं जो अब आपके तीसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। सामान्य तौर पर तीसरे भाव में शुक्र के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है। शुभ समाचार दिलाने में शुक्र का यह गोचर आपके लिए मददगार हो सकता है। यात्राओं के भी योग बन सकते हैं, लेकिन शुक्र नीच का है। अत: यात्राओं की अवधि में सावधानी बरतनी होगी। शुक्र का कन्या राशि में गोचर आपको प्रतिद्वंदियों से आगे ले जाने में सहायता करेगा। आपके कॉन्फिडेंस को बढ़ाएगा, परंतु ओवर कॉन्फिडेंस से बचना होगा।
शुक्र नीच के रहेंगे और ऐसे में, भाई-बहन और पड़ोसियों के साथ संबंध अच्छे रहेंगे, लेकिन फिर भी संबंधों को लेकर लापरवाही न बरतें। चतुर्थ भाव का स्वामी नीच का होकर अपने से द्वादश भाव में जा रहा है। अतः घर-गृहस्थी को लेकर लापरवाह नहीं होना है। वाहन सावधानी से चलाना है। ऐसी कुछ सावधानियों को रखने की स्थिति में परिणाम अनुकूल रह सकते हैं, यानी कि सामान्य तौर पर आप अनुकूलता की उम्मीद रख सकते हैं। घर-गृहस्थी तथा आमदनी से संबंधित मामलों में सावधान रहें।
उपाय: महिलाओं का सम्मान करें और उनका आशीर्वाद लें।
सिंह राशि
सिंह राशि वालों के लिए शुक्र आपकी कुंडली में तीसरे भाव और दसवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके दूसरे भाव में जा रहे हैं। वैसे तो, दूसरे भाव में शुक्र के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला माना गया है। यह गोचर नए वस्त्र और नए आभूषण दिलाने का काम करता है। गीत-संगीत में रुचि को बढ़ाता है। परिजनों के साथ संबंधों को मज़बूत करता है और सदस्यों के साथ मनोरंजन के मौके देता है। आर्थिक लाभ भी करवाता है और साथ ही, शासन-प्रशासन से जुड़े मामलों में अनुकूलता भी देता है, लेकिन कुछ मामलों में नीच का होने के कारण व्यवधान भी दे सकता है।
जैसे शासन-प्रशासन से संबंधित मामलों में व्यवधान के बाद काम बनेंगे। इसके अलावा, शुक्र गोचर के दौरान सावधानी पूर्वक निर्वाह करने की स्थिति में ही काम बनेंगे, अन्यथा कामों में रुकावट रह सकती है। बेहतर होगा कि इन मामलों में सजग रहकर अच्छे परिणाम प्राप्त करें। वहीं, भाई-बंधु और पड़ोसियों के साथ संबंधों को मेंटेन करना भी जरूरी रहेगा। व्यर्थ की यात्राओं से बचना भी समझदारी का काम होगा अर्थात कुछ मामलों में सावधानी रखने की स्थिति में आप अच्छे परिणामों का आनंद ले सकेंगे।
उपाय: मां दुर्गा के मंदिर में गाय का घी दान करें।
कन्या राशि
कन्या राशि वालों के लिए शुक्र आपकी कुंडली में दूसरे और भाग्य भाव के स्वामी हैं जो अब आपके पहले भाव में करने जा रहे हैं। वैसे तो, प्रथम भाव में शुक्र के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला माना गया है। ऊपर से, आपके भाग्य स्थान का स्वामी प्रथम भाव में पहुंचा है, तो भाग्य का अच्छा साथ मिलना चाहिए। लेकिन, शुक्र नीच के हो गए हैं; जो कि एक कमजोर बिंदु है। ऐसी स्थिति में भाग्य के भरोसे नहीं बैठना है। भाग्य अप्रत्याशित रूप से या अचानक से आपका साथ दे भी सकता है, लेकिन कभी-कभी भाग्य के भरोसे बैठने से काम नहीं भी होता है। अतः प्रयत्न करते रहें और भाग्य का साथ मिलता जाएगा। यह एक अच्छी बात है।
पहले भाव में शुक्र का कन्या राशि में गोचर आर्थिक लाभ करवाने वाला कहा गया है। लेकिन, दूसरे भाव का स्वामी होकर शुक्र पहले भाव में आया है और नीच अवस्था में है। ऐसे में, बचत करने में कुछ दिक्कत हो सकती है यानी एक तरफ से कनेक्शन मजबूत हो रहा है, तो एक तरफ से कमजोर हो रहा है। अत: खूब प्रयत्न करके आप बचत कर सकते हैं। अच्छे लाभ प्राप्त कर सकेंगे। मेहनत की गति को बढ़ाने की आवश्यकता भी रहेगी। आमोद-प्रमोद से संबंधित मामलों में भी अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं। व्यापार में वृद्धि हो सकती है। विवाह से संबंधित मामले आगे बढ़ सकते हैं, लेकिन इन सभी मामलों में सावधानी पूर्वक निर्वाह करना भी जरूरी रहेगा। बातचीत में अच्छे शब्दों का चयन करें और पिता के साथ संबंधों को मधुर बनाए रखें। इन सावधानियों को बरतने पर आप अच्छे परिणाम की उम्मीद रख सकते हैं।
उपाय: काली गाय की सेवा करना शुभ रहेगा।
कुंडली में मौजूद राज योग की समस्त जानकारी पाएं
तुला राशि
तुला राशि वालों के लिए शुक्र देव आपकी कुंडली में लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ आठवें भाव के भी स्वामी हैं। वर्तमान में शुक्र गोचर करके आपके बारहवें भाव में गए हैं। वैसे तो बारहवें भाव में शुक्र के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला माना गया है क्योंकि काल पुरुष की कुंडली में बारहवें भाव में मीन राशि होती है और मीन राशि में शुक्र उच्च अवस्था के माने जाते हैं। लेकिन, वास्तविकता में शुक्र नीच के हो रहे हैं। अतः शुक्र से औसत परिणामों की उम्मीद रखनी चाहिए। ऐसा शुक्र भोग-विलास के मौके देता है, लेकिन अपनी आर्थिक स्थिति और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए थोड़ा बहुत विलासिता से जुड़ना उचित रहेगा।
सामान्य शब्दों में कहें तो, खर्च उतना ही करें जितनी आपकी क्षमता है, तब ही चीजें अनुकूल रहेंगी। शुक्र का कन्या राशि में गोचर विदेश यात्रा करवाने में मददगार बन सकता है। मनोरंजन के मौके भी आपको मिल सकते हैं और कई मामलों में आर्थिक लाभ भी मिल सकता है। विशेषकर अप्रत्याशित रूप से कुछ आर्थिक लाभ मिल सकता है। इन सबके बावजूद भी लग्न या राशि के स्वामी के नीच होने के कारण आपको अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना होगा। कन्फ्यूजन होने की स्थिति में विशेषज्ञों से राय लेना भी समझदारी का काम होगा ताकि आप नकारात्मक परिणामों से बच सकेंगे और औसत ही सही लेकिन अनुकूल परिणाम प्राप्त होंगे।
उपाय: किसी सौभाग्यवती स्त्री को सम्मान पूर्वक सौभाग्य सामग्री भेंट करके उसका आशीर्वाद लें।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वालों के लिए शुक्र आपकी कुंडली में सातवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके लाभ भाव में जा रहे हैं। वैसे तो, लाभ भाव में शुक्र के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है। मान्यता है कि ग्रह नीच का हो, तब भी लाभ भाव में जाकर अच्छे परिणाम देता है। अतः शुक्र से हम अच्छे परिणामों की उम्मीद रख सकते हैं। लेकिन, स्वामित्व के आधार पर कुछ नकारात्मक परिणाम भी मिल सकते हैं। अतः मामले की गंभीरता को समझना जरूरी रहेगा।
वैसे सामान्य तौर पर शुक्र का लाभ भाव में गोचर धन-ऐश्वर्य में वृद्धि करवाने का काम कर सकता है। कामों में सफलता दे सकता है। भाइयों और मित्रों का अच्छा सहयोग दे सकता है, लेकिन सप्तमेश होकर नीच का होना जीवनसाथी के साथ संबंधों को थोड़ा सा कमजोर कर सकता है। अत: इस मामले में ध्यान रखेंगे तो परिणाम अनुकूल बने रहेंगे। यही स्थिति दैनिक रोजगार और व्यापार व्यवसाय में भी रहेगी। यदि आप शुक्र का कन्या राशि में गोचर के दौरान सावधानीपूर्वक काम करेंगे, तो परिणाम अनुकूल मिलते रहेंगे।
उपाय: शनिवार के दिन सरसों या तिल के तेल का दान करें।
बृहत् कुंडली : जानें ग्रहों का आपके जीवन पर प्रभाव और उपाय
धनु राशि
धनु राशि वालों के लिए शुक्र आपकी कुंडली में छठे और लाभ भाव के स्वामी हैं जो अब आपके दसवें भाव में जा रहे हैं। सामान्य तौर पर दसवें भाव में शुक्र के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता है। ऊपर से शुक्र नीच के रहेंगे। अतः इस गोचर की अवधि में सावधानी पूर्वक निर्वाह करना जरूरी रहेगा। विशेषकर ऐसे लोग जो नौकरीपेशा हैं, उनके संबंध सहकर्मियों और वरिष्ठों से बिगड़ने न पाएं, इस बात का ख्याल रखें। विशेषकर स्त्री सहकर्मी के साथ संबंधों को मेंटेन करना जरूरी रहेगा। यदि आपके वरिष्ठ या बॉस कोई स्त्री है, तब तो आपको अधिक सजग रहना होगा।
शुक्र का कन्या राशि में गोचर मानसिक चिंताएं देने वाला माना गया है। बहस या लड़ाइयां करवाने वाला भी कहा गया है। अत: हर मामले में विवाद से बचना रहेगा, लेकिन नौकरी और व्यापार से संबंधित मामलों में इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा। बेहतर होगा कि इस समय किसी नए काम से न जुड़े या कोई नया प्रयोग न करें, तो ज्यादा अच्छा रहेगा। शासन-प्रशासन से जुड़े हुए व्यक्तियों के साथ पूरे सम्मानजनक तरीके से पेश आएं। सामाजिक मामलों में भी गंभीरता पूर्वक निर्णय जरूरी रहेंगे।
उपाय: मांस-मदिरा और अंडे इत्यादि से दूर रहें और स्वयं को सात्विक बनाए रखें।
मकर राशि
मकर राशिवालों के लिए शुक्र आपकी कुंडली में पांचवें और दसवें भाव के स्वामी हैं। अब यह गोचर करके आपके भाग्य भाव में जा रहे हैं। इस भाव में शुक्र ग्रह के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है। ऊपर से, कर्म स्थान के स्वामी का भाग्य भाव में जाना भी अच्छा कहा जाएगा। लेकिन, शुक्र नीच के रहेंगे, हमें इस बात को नजरअंदाज नहीं करना है। शुक्र आपके कामों को बनवाएंगे, लेकिन कामों में कुछ अड़चनें भी देखने को मिल सकती हैं। धार्मिक स्थानों की यात्रा हो सकती है, परंतु यात्राओं में कुछ परेशानियां भी रह सकती हैं।
शुक्र का कन्या राशि में गोचर के दौरान घर-परिवार में कोई मांगलिक कार्य हो सकता है। लेकिन, उस कार्य को लेकर परेशानियां भी रह सकती हैं। यह गोचर भाग्य को बढ़ाने वाला माना गया है. परंतु नीच अवस्था को देखते हुए भाग्य के भरोसे न बैठने की सलाह दी जाती है क्योंकि पंचम भाव का स्वामी नीच का हो रहा है। अतः प्रेम संबंधों में भी सावधानी पूर्वक निर्वाह करना जरूरी रहेगा। इन सावधानियों को अपनाकर आप अच्छे परिणाम की उम्मीद रख सकते हैं।
उपाय: नीम के पेड़ की जड़ों पर जल चढ़ाना शुभ रहेगा।
कुंभ राशि
कुंभ राशि वालों के लिए शुक्र आपकी कुंडली में चौथे और भाग्य भाव के स्वामी हैं जो अब आपके आठवें भाव में जा रहे हैं। वैसे तो, आठवें भाव में शुक्र के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है। गोचर शास्त्र में कहा गया है कि आठवें भाव में शुक्र का गोचर कष्टों से मुक्ति दिलाता है। इतना ही नहीं, आठवें भाव में शुक्र गोचर को धन लाभ और सुख में वृद्धि करवाने वाला भी कहा गया है। लेकिन, चतुर्थ भाव के स्वामी का नीच होकर आठवें भाव में जाना इस बात की ओर भी इशारा कर रहा है कि आपको घर-गृहस्थी से संबंधित मामलों में बहुत सावधानी बरतनी होगी।
शुक्र का कन्या राशि में गोचर के दौरान वाहन सावधानी से चलाना होगा जिससे चोट-खरोंच से बच सकें और वाहन भी सुरक्षित रहे क्योंकि भाग्य स्थान का स्वामी नीच का हो रहा है। ऐसी स्थिति में इस समय आपको भाग्य का सपोर्ट नहीं मिल पाएगा इसलिए अच्छे कर्मों को करने की आवश्यकता होगी। इस तरह के यत्न-प्रयत्न करके आप परिणामों को संतुलित करके अपने पक्ष में कर सकेंगे।
उपाय: नियमित रूप से मां दुर्गा के मंदिर जाएं और उन्हें झुक कर प्रणाम करें।
मीन राशि
मीन राशि वालों के लिए शुक्र आपकी कुंडली में तीसरे और आठवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके सातवें भाव में गए हैं। गोचर शास्त्र में सातवें भाव में शुक्र के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना गया है। ऊपर से शुक्र ग्रह नीच के रहेंगे। अतः इस गोचर की अवधि में आपको पूरी तरह से सावधानी बरतने की आवश्यकता रहेगी। तीसरे भाव का स्वामी नीच का होकर सातवें भाव में आया है। ऐसी स्थिति में अपने कॉन्फिडेंस को बनाए रखना होगा। कॉन्फिडेंस कम न होने पाए, परंतु ओवर कॉन्फिडेंस से भी बचना होगा। किसी प्रयोजन से जुड़ी कोई ऐसी खबर सुनने को मिल सकती है जो आपको पसंद न आए।
बेहतर होगा कोई रिएक्शन देने से पहले उस खबर की सत्यता की पुष्टि कर लें अर्थात जाँच कर लें कि जो खबर मिली है, वह वास्तव में सच है या अफवाह तो नहीं है? ऐसा करना संबंधों को मेंटेन करने में सहायक बनेगा। अष्टम भाव के स्वामी का सप्तम भाव में आना इस बात का भी संकेत करता है कि जीवनसाथी के स्वास्थ्य का ख्याल रखना जरूरी रहेगा। साथ ही, जननेंद्रियों से संबंधित यदि कोई रोग आपको पहले से रहा है, तो उस समस्या को लेकर जागरूक रहना भी जरूरी होगा। व्यर्थ की यात्राओं से बचें। किसी स्त्री से विवाद बिल्कुल भी न करें और अपने काम-धंधे को लेकर सजग रहें अर्थात इस गोचर की अवधि में सावधानी पूर्वक निर्वाह करने की जरूरत रहेगी।
उपाय: लाल गाय की सेवा करना शुभ रहेगा।
सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर
हम आशा करते हैं कि आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा। एस्ट्रोसेज के साथ जुड़े रहने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. शुक्र का कन्या राशि में गोचर कब होगा?
शुक्र देव 9 अक्टूबर 2025 को कन्या राशि में गोचर कर जाएंगे।
2. कन्या राशि का स्वामी कौन हैं?
बुध ग्रह को कन्या राशि पर स्वामित्व प्राप्त हैं।
3. शुक्र ग्रह एक राशि में कितने दिन रहते हैं?
शुक्र महाराज एक महीने तक एक राशि में रहते हैं।
एस्ट्रोसेज मोबाइल पर सभी मोबाइल ऍप्स
एस्ट्रोसेज टीवी सब्सक्राइब
ज्योतिष पत्रिका
- Innovative Indian: मौलिकता हमारी रगों में
- मंगल का तुला राशि में गोचर, किस पर पड़ेगा भारी?
- बेहद शुभ योग में रखा जाएगा परिवर्तिनी एकादशी 2025 का व्रत, जरूर करें ये उपाय
- आखिरी चंद्र ग्रहण 2025: क्या होगा गर्भवती महिलाओं और वैश्विक घटनाओं पर प्रभाव
- अनंत चतुर्दशी से सजा ये सप्ताह होगा बेहद ख़ास, जानें कब-कब पड़ेगा कौन-सा त्योहार
- सितंबर 2025 में पड़ रहे हैं श्राद्ध और नवरात्रि एकसाथ, सूर्य ग्रहण भी कर सकता है परेशान!
- टैरो साप्ताहिक राशिफल : 31 अगस्त से 06 सितंबर, 2025, जानें पूरे सप्ताह का हाल!
- अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल: 31 अगस्त से 06 सितंबर, 2025
- बुध का सिंह राशि में गोचर, इन राशियों पर होगी छप्पर फाड़ दौलत की बरसात!
- मासिक अंक फल सितंबर 2025: देखें, कितना भाग्यशाली है यह महीना आपके लिए
- प्रदोष व्रत (शुक्ल) (सितंबर 5, 2025)
- ओणम/थिरुवोणम (सितंबर 5, 2025)
- अनंत चतुर्दशी (सितंबर 6, 2025)
- भाद्रपद पूर्णिमा व्रत (सितंबर 7, 2025)
- संकष्टी चतुर्थी (सितंबर 10, 2025)
- इन्दिरा एकादशी (सितंबर 17, 2025)
- कन्या संक्रांति (सितंबर 17, 2025)
- मासिक शिवरात्रि (सितंबर 19, 2025)
- प्रदोष व्रत (कृष्ण) (सितंबर 19, 2025)
- अश्विन अमावस्या (सितंबर 21, 2025)
- शरद नवरात्रि (सितंबर 22, 2025)
- घटस्थापना (सितंबर 22, 2025)
- कल्परम्भ (सितंबर 28, 2025)
- नवपत्रिका पूजा (सितंबर 29, 2025)
- दुर्गा महा अष्टमी पूजा (सितंबर 30, 2025)