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शुक्र का कुम्भ राशि में गोचर और आप पर प्रभाव (21 फरवरी, 2021)

विलासिता, सुख, समृद्धि, वाहन, अभिनय, विभिन्न प्रकार की कलाओं के प्रदाता ग्रह शुक्र

एक बार फिर अपना स्थान परिवर्तन करते हुए 21 फरवरी 2021, रविवार की सुबह 02:12 बजे मकर राशि से निकलकर, अपने मित्र शनि के स्वामित्व वाली कुम्भ राशि में गोचर करेंगे। ऐसे में कुम्भ राशि में गोचर की इस अवधि के दौरान, शुक्र के राशि परिवर्तन का प्रभाव कुम्भ के अतिरिक्त अन्य राशियों पर भी देखने को मिलेगा।

तो आईये जानते हैं कि शुक्र के कुम्भ राशि में गोचर का सभी राशि के जातकों पर क्या सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव पड़ने वाला है:

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Read in English: Venus Transit in Aquarius

यह राशिफल चंद्र राशि पर आधारित है। जानें अपनी चंद्र राशि

शुक्र का कुम्भ राशि में गोचर

मेष राशि

आपके लिए शुक्र देव द्वितीय और सप्तम भाव के स्वामी हैं, और गोचर की इस अवधि में वे आपके एकादश भाव में प्रवेश करेंगे। एकादश भाव हमारी महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति का भाव होता है, जिसे हमारा लाभ स्थान माना जाता है। इसलिए शुक्र देव के इस गोचर के प्रभाव से, मेष राशि के जातकों के जीवन में समृद्धि आएगी। क्योंकि उन्हें इस दौरान कई शुभ अवसर प्राप्त होने की संभावना है।

इस समय शुक्र आपकी राशि में बहुत मजबूत “धन योग” का निर्माण भी करेंगे, जिससे पार्टनरशिप में व्यवसाय कर रहे जातकों को, भरपूर धन लाभ होने के योग बनेंगे। वह जातक जो किसी भी कला, रचनात्मक, फैशन, आदि क्षेत्रों से जुड़े हैं, उन्हें भी शुक्र के इस गोचर के दौरान उत्तम परिणाम प्राप्त होने की संभावना रहेगी।

पारिवारिक वातावरण अच्छा रहेगा और आपको अपने परिवार का भरपूर सहयोग व प्रेम प्राप्त हो सकेगा। आप अपने दोस्तों के साथ अच्छा समय व्यतीत करते दिखाई देंगे। यदि आप सिंगल हैं तो, आपकी मुलाकात किसी खास व्यक्ति से अचानक संभव है। जिसके साथ आप नए बंधन में बंधने का फैसला तक ले सकते हैं। वहीं यदि आप शादीशुदा हैं तो, आपके दांपत्य जीवन में नई ऊर्जा का संचार होगा। इसके साथ ही कुछ जातकों को संतान फल मिलने से, अपार ख़ुशियाँ प्राप्त होंगी।

कुल मिलाकर कहें तो, शुक्र का यह गोचर आपकी सभी इच्छाओं को पूरा करते हुए, आपको अनुकूल फल देने का कार्य करेगा।

उपायः आपको विशेष लाभ प्राप्त करने के लिए, शुक्रवार का व्रत करना चाहिए।

वृषभ राशि

शुक्र देव आपकी राशि के स्वामी हैं, इसलिए शुक्र देव का गोचर आपके लिए काफी महत्वपूर्ण रहेगा। राशि स्वामी होने के अतिरिक्त वो आपके छठे भाव के स्वामी भी है, और इस अवधि में शुक्र कुंभ राशि में गोचर के समय, वे आपके दशम स्थान को सक्रिय करेंगे। ऐसे में इस समय आपको अपने कार्यक्षेत्र पर विशेष ध्यान देना होगा, क्योंकि इस दौरान आपको मिश्रित परिणामों की प्राप्ति होगी।

कार्यक्षेत्र पर आपको अपनी मेहनत और प्रयासों को रफ्तार देने की आवश्यकता होगी, क्योंकि आप कहीं न कहीं अपने कार्यों के प्रति खुद को भ्रमित महसूस कर सकते हैं। इसके कारण आपकी विचारधारा और कार्य क्षमता में, रचनात्मकता की कमी दिखाई देगी और आप खुद को अपने कार्यों से जुड़ा महसूस करने में असमर्थ रहेंगे।

आशंका है कि इन सभी नकारात्मकता के कारण, आपकी कार्य क्षमता भी प्रभावित हो। जिससे आप में आलस्य और अस्थिरता की वृद्धि होगी। आपकी इन कमजोरियों का फायदा उठाते हुए, दुश्मन आपके ऊपर हावी होने का प्रयास करेंगे। इसलिए इस गोचर के दौरान आपको अपनी इन सभी नकारात्मक कमजोरियों में सुधार करने की, सबसे अधिक जरूरत रहने वाली है।

वृषभ राशि के व्यापारी जातकों को, अपने उपलब्ध संसाधनों के अनुसार ही कार्य करने की सलाह दी जाती है। क्योंकि यह अवधि किसी भी प्रकार के ऋण या कर्ज को लेने के लिए सही नहीं दिखाई दे रही। ऐसे में इस दौरान किसी भी तरह का धन उधारी पर लेने से बचें।

हालांकि पारिवारिक जीवन संतुष्ट, खुशी और आनंद से भरपूर रहने वाला है। प्रेम संबंधों में आपके साथी या प्रेमी की अपेक्षा में वृद्धि होगी। इसलिए उनके साथ अच्छा समय बिताने की कोशिश करें, इससे उन्हें विशेष महसूस करने के लिए आपकी तरफ से यह एक अच्छी शुरुआत होगी। जिससे आपके रिश्ते में स्थिरता और मजबूती लाने में भी आपको, बहुत मदद मिल सकेगी।

वहीं इस समयावधि के दौरान, छात्रों को अपने प्रदर्शन से बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए परीक्षा से पहले, अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है। क्योंकि उन्हें अपनी एकाग्रता में कुछ परेशानियों का सामना करना होगा।

स्वास्थ्य जीवन की बात करें तो, आपको अपनी जीवनशैली में सक्रियता लाने की कोशिश करनी होगी। इसके लिए शारीरिक व्यायाम, योग और ध्यान का सहारा लेना आपके लिए सबसे बेहतर विकल्प रहेगा। अन्यथा शुक्र की यह स्थिति आपको मोटापा, मधुमेह आदि जैसी गंभीर बीमारियाँ दे सकती हैं।

उपायः शुक्र देव की अनुकूलता प्राप्त करने के लिए, रोज़ाना सुबह शिवलिंग पर गुलाब जल का छिड़काव करें।

मिथुन राशि

मिथुन राशि के स्वामी बुध ग्रह, शुक्र के परम मित्र है। आपकी राशि के लिए शुक्र देव पंचम और द्वादश भाव के स्वामी हैं, तथा गोचर की इस अवधि में वो आपके नवम भाव में प्रवेश करेंगे। नवम भाव से हमारी सुदूर यात्राएं, भाग्य अनुकूलता, धर्म पुनीत कार्य, आदि तथा मान सम्मान का विचार भी किया जाता है। शुक्र के गोचर की इस अवधि में आपको भाग्य का पूरा साथ मिलेगा, जिससे आपको अपने प्रयासों के चलते वरिष्ठ अधिकारियों से सराहना और प्रोत्साहन की प्राप्ति होगी।

इस समय कार्यक्षेत्र पर किसी महिला कर्मी का सहयोग, आपको हर कार्य में सफलता देने में मदद करेगा। वहीं वो लोग जो लंबे समय से पदोन्नति या किसी ट्रांसफर की चाह में थे, उन्हें भी इस गोचर के दौरान शुभ समाचार की प्राप्ति होने के योग बनेंगे। साथ ही अपनी पहली नौकरी की तलाश कर रहे जातकों को, इस समय इच्छानुसार शुभ अवसरों की प्राप्त होगी।

व्यापारी वर्ग के लिए विशेष रूप से, वो जातक जो विदेश से संबंधित व्यापार करते हैं। उनके लिए समय कुछ अच्छा लाभ लेकर आएगा। अपने व्यापार को आगे बढ़ाने और उससे विस्तार करने के लिए, किसी प्रकार की यात्रा पर भी जाना इस समय आपके लिए ख़ासा शुभ रहने वाला है।

वो छात्र जो उच्च शिक्षा प्राप्ति के लिए विदेश जाने के इच्छुक थे, उन्हें भी इस गोचर से अनुकूल फलों की प्राप्ति होगी।

शादीशुदा जातकों के लिए समय उत्तम रहेगा। उन्हें अपने साथी से भरपूर सहयोग और प्रेम मिलेगा। साथ ही वो अपने साथी के साथ अच्छा समय व्यतीत करते हुए, अपना रिश्ता और मजबूत बनाने का प्रयास करते दिखाई देंगे।

यदि आप सिंगल है तो, आप अपने जीवन में किसी पुराने प्रेमी की उपस्थिति की उम्मीद कर सकते हैं। यह व्यक्ति आपका एक पुराना प्रेमी भी हो सकता है, जिसने आपके प्यार को कभी अनदेखा किया था। ऐसा इसलिए होगा, क्योंकि इस समय आप अपनी भावनाओं और प्रेम को अपने प्रेमी के समक्ष सही तरीके से व्यक्त करने में सक्षम होंगे।

उपायः शुक्र देव की कृपा प्राप्ति के लिए, रोज़ाना देवी कात्यायनी की उपासना करें।


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कर्क राशि

आपकी राशि के लिए शुक्र देव चतुर्थ भाव और एकादश भाव के स्वामी होकर, इस गोचर की अवधि में आपके अष्टम भाव में प्रवेश करेंगे। अष्टम भाव को अदृश्य अथवा रंध्र भाव कहा जाता है, और अचानक से होने वाली घटनाओं और जीवन के बड़े बदलावों को अष्टम भाव से ही संबंधित माना गया है। शुक्र इस समय आपके अष्टम भाव में होते हुए, आपके दूसरे भाव को भी दृष्टि करेंगे, जो परिवार और धन का भाव होता है।

ऐसे में आपको अचानक से धन लाभ की प्राप्ति होगी, जिससे आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होती दिखाई देगी। परंतु चूँकि शुक्र आपके चतुर्थ भाव के स्वामी होते हैं, जो सुख-सुविधाओं और विलासिता का भाव होता है। इसलिए इस दौरान अपनी सुख-सुविधाओं पर भी, आप बहुत-सा धन खर्च करते दिखाई देंगे।

हालांकि इसका असर आपकी आर्थिक स्थिति पर नहीं पड़ेगा, लेकिन इस बात को समझना होगा कि आप खुद को कई अलग-अलग तरीकों से भी खुश रख सकते हैं। ऐसे में अपने धन को अनावश्यक की चीजों पर खर्च ना करते हुए, सही रणनीति अनुसार उसे किसी निवेश में लगाना आपके लिए अतिरिक्त खुशी और तरक्की के रास्ते सुनिश्चित करेगा।

यह वर्ष आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण रहने वाला है, इसलिए आपको शुरुआत से ही अपना ध्यान सही दिशा में लगाने की सबसे अधिक जरूरत होगी।

शादीशुदा जातकों को अपने जीवन साथी की मदद से, लाभ प्राप्त होने की संभावना है। जिससे आप अपने रिश्ते को और मजबूत बनाते हुए, अपने हर सपने को साकार होते देख सकेंगे।

शोध या उच्च अध्ययन के इच्छुक छात्र जैसे: पीएचडी आदि का अध्ययन कर रहे हैं छात्रों को, इस दौरान अधिक अनुकूल परिणाम प्राप्त होने की संभावना है।

हालांकि स्वास्थ्य जीवन में आपको आंखों या पेट के निचले हिस्से से संबंधित कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। विशेष रूप से यूरिन इन्फेक्शन से संबंधित विकार होने की आशंका है। ऐसे में पानी का सेवन अधिक करें, साथ ही अधिक मसालेदार या तला-भुना भोजन खाने से भी परहेज करें, आंखों के लिए उचित नींद लें और मोबाइल व टीवी पर ज्यादा समय न बिताएं।

उपायः शुक्रवार के दिन मां महालक्ष्मी को श्रृंगार की सामग्री भेंट करना, आपके लिए उचित रहेगा।

सिंह राशि

आपकी राशि के लिए शुक्र देव तृतीय और दशम भाव के स्वामी हैं, और कुंभ राशि में अपने इस गोचर के दौरान वे आपके सप्तम भाव में विराजमान होंगे। सप्तम भाव से दीर्घकालीन साझेदारी के बारे में पता लगता है, और यह आपके व्यवहार और जीवनसाथी का भाव भी माना जाता है। ऐसे में शुक्र के इस गोचर के प्रभाव से अविवाहित जातकों को, सबसे अधिक शुभ फलों की प्राप्ति होगी। क्योंकि इस दौरान उन्हें विवाह के बंधन में बंधने का अवसर मिलेगा। वहीं वैवाहिक जातकों के जीवन में भी प्रेम, खुशी और उत्साह का संचार होगा। इससे आप दोनों के बीच का रिश्ता और मजबूत बनेगा। साथ ही प्रेमी जातक भी शुक्र के गोचर के दौरान, अपने रिश्ते को आगे बढ़ाने के बारे में विचार कर सकते हैं।

हालांकि कार्यक्षेत्र पर आप अपने काम से असंतुष्ट दिखाई देंगे, जिसके परिणाम स्वरूप आपकी कार्य क्षमता में कमी आने की आशंका है। इसके चलते आपको अपने वरिष्ठ अधिकारियों और अपने अधीन कार्य कर रहे कर्मियों के साथ, अपने संबंध बेहतर करने में मुश्किल महसूस होगी और इसका नकारात्मक प्रभाव आपके कार्यक्षेत्र पर साफ दिखाई देगा। इसलिए धैर्य रखते हुए, पूर्ण ईमानदारी के साथ हर समस्या को सुलझाने की ओर प्रयास करें। तभी आप हर स्थिति को बेहतर तरीके से समझते हुए, उसका समाधान निकाल सकेंगे।

यदि आप पारिवारिक व्यवसाय से जुड़े हैं या फिर अपने पिता के साथ व्यवसाय करते हैं तो, इस गोचरकाल के दौरान आपको अपने परिवार की विरासत को बढ़ाने के बहुत से शुभ अवसर प्राप्त होंगे। हालांकि साझेदारी में व्यवसाय कर रहे जातकों को, अपने पार्टनर से थोड़ा सतर्क रहने की आवश्यकता होगी। क्योंकि आशंका है कि आप दोनों के बीच अहम का टकराव हो, जिससे विवाद की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है। हालांकि यदि आप किसी व्यापार को शुरू करने का सोच रहे थे तो, उसे अपने करीबी व्यक्ति जैसे, भाई-बहन, रिश्तेदार या जीवन साथी के साथ ही उसे शुरू करना, आपके लिए अनुकूल रहेगा। साथ ही आपको इस समय अनावश्यक की यात्रा से भी, परहेज करने की सलाह दी जाती है।

सिंह राशि के छात्रों के लिए समय शुभ रहेगा। क्योंकि उन्हें अपनी शिक्षा में अपना प्रदर्शन बेहतर करने में मदद मिलेगी। वहीं स्वास्थ्य जीवन में आपको कुछ परेशानियों से दो-चार होना पड़ेगा। खासतौर से हार्मोन, त्वचा या पीठ से जुड़ी कोई समस्या आपकी परेशानी बढ़ा सकती हैं। ऐसे में अपनी सेहत का ध्यान रखें, और भारी वजन उठाने व थकाने वाली गतिविधियों को करने से बचें।

उपायः आपको शुक्र की होरा के दौरान, शुक्र के मंत्र “ॐ शुं शुक्राय नमः" का आपको नियमित पाठ करना चाहिए।

कन्या राशि

कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र देव आपके द्वितीय भाव और नवम भाव के स्वामी हैं, और कुंभ राशि में अपने इस गोचर की अवधि में वे आपके छठे भाव में प्रवेश करेंगे। छठा भाव जीवन में संघर्ष को दिखाता है और इसके अतिरिक्त आपके रोग, शत्रु और कर्ज के बारे में भी जानकारी देता है। शुक्र के छठे भाव में जाने से कन्या राशि के जातकों को शुरुआत में, अपने रिश्तेदारों से किसी बात को लेकर वाद-विवाद या झड़प होने की आशंका है। जिससे आपके मानसिक तनाव में वृद्धि होगी।

हालांकि इस अवधि के दौरान आपके पिता अपने कार्यक्षेत्र में उन्नति प्राप्त कर सकेंगे, जिससे आपको भी खुशी की अनुभूति होगी। वहीं प्रेम संबंधों की बात करें तो, प्रेम जीवन जीवन के लिए यह समय आपको पूर्णतावादी बना सकता है। आप अपने साथी से अधिक उम्मीदें रखेंगे, जिसके परिणामस्वरूप आप दोनों का रिश्ता बाधित होगा।

कार्यक्षेत्र पर खासतौर से सेवा क्षेत्रों से जुड़े जातकों को, इस दौरान थोड़े बेहतर परिणाम प्राप्त होंगे। हालांकि आपके वरिष्ठ अधिकारियों से आपको उचित सराहना व प्रशंसा की प्राप्ति न होने से, आप में निराशा का भाव उत्पन्न हो सकता है। जिसके परिणामस्वरूप आप अपने सहकर्मियों और अपने अधीन काम कर रहे हैं कर्मियों पर, अधिक क्रोध करते दिखाई देंगे। इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि खुद को शांत रखते हुए, अपने काम पर ही खुद को केंद्रित रखें और ईमानदारी के साथ अपने प्रयास जारी रखें। इस दौरान आपको सराहना के लिए, दूसरों पर भी अधिक निर्भर रहने से बचना होगा। तभी आप इस गोचर से बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकेंगे।

आर्थिक जीवन के लिए यह समय, किसी भी तरह के निवेश या ज़मीन की खरीद, आदि के लिए उत्तम दिखाई नहीं दे रहा है। ऐसे में आपको अपने ख़र्चों और आय के बीच सही तालमेल बिठाने की सलाह दी जाती है।

सेहत के लिहाज से भी आपकी राशि में शुक्र का छठे भाव में मौजूद होना, आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करेगा। ऐसे में आपको अपनी खाने की खराब आदतों पर नियंत्रण रखते हुए, सही खानपान लेने की आवश्यकता होगी।

उपायः विशेष लाभ प्राप्ति के लिए आपको शुक्रवार के दिन, गले में स्फटिक की माला धारण करनी चाहिए।

तुला राशि

शुक्र देव आपकी राशि के ही स्वामी हैं, इसलिए आपके लिए शुक्र का गोचर काफी महत्वपूर्ण रहेगा। राशि स्वामी होने के अतिरिक्त शुक्र आपके लिए अष्टम भाव के स्वामी भी हैं, और इस गोचर की अवधि में वे आपके पंचम भाव में विराजमान होंगे। पंचम भाव से हमारी शिक्षा का स्तर, हमारी बुद्धि, हमारे प्रेम संबंध, हमारी संतान, आदि का विचार किया जाता है। ऐसे में शुक्र के इस गोचर से दंपत्ति जातकों को, अपने साथी और संतान के साथ अपने संबंध बेहतर करने में मदद मिलेगी।

तुला राशि के जातकों को कार्यक्षेत्र पर भी अच्छे अवसर या नई ज़िम्मेदारी मिलने की संभावना है। जिससे आपके कार्य कौशल में सुधार होगा। साथ ही आप कार्यस्थल पर आवश्यक अनुभव अर्जित करने में भी सक्षम होंगे। इससे आपको अपने कार्य क्षेत्र में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।

व्यापारी जातकों के लिए भी, शुक्र का गोचर लाभदायक रहने वाली है। खासतौर से व्यावसायिक साझेदारी से जुड़े जातकों को, इस दौरान धन कमाने के बहुत से अवसर प्राप्त होंगे। साथ ही कमीशन, ट्रेडिंग और शेयर बाजार से जुड़े क्षेत्रों में काम कर रहे लोगों को भी, गोचरकाल के समय अच्छा मुनाफ़ा अर्जित करने में सफलता मिलेगी। कुल मिलाकर कहें तो, आर्थिक जीवन के लिए शुक्र का ये गोचर शुभ साबित होगा।

प्रेम संबंधों की बात करें तो, यह अवधि नए रिश्तों में बंधने के लिए शुभ रहने वाली है। क्योंकि इससे आपको लंबे समय के लिए खुशी और उत्साह की प्राप्ति होगी। वहीं प्रेमी जातकों को भी, अपने प्रेमी की भावनाओं को समझने का मौका मिलेगा। साथ ही उन्हें अपने प्रियतम से सराहना और सहयोग की प्राप्ति होगी, जिससे उनका ये रिश्ता और अधिक मजबूत बन सकेगा। यदि आप शादीशुदा हैं तो, शुक्र का यह गोचर आपको संतान प्राप्ति के योग दर्शा रहा है।

छात्र भी अपनी शिक्षा के प्रति अधिक केंद्रित दिखाई देंगे। जिससे उन्हें अपने शिक्षा में बेहतर प्रदर्शन देने में मदद मिलेगी। साथ ही रचनात्मक क्षेत्र जैसे: पत्रकारिता, कला, मीडिया, लेखन, आदि से जुड़े जातकों को भी, इस अवधि में अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर प्राप्त होगा।

उपायः इस गोचर के दौरान, शुक्रवार के दिन सफेद कपड़े पहनना आपके लिए शुभ रहेगा।

वृश्चिक राशि

आपकी राशि के लिए शुक्र देव सप्तम और द्वादश भाव के स्वामी हैं, तथा गोचर की इस अवधि में आप के चतुर्थ भाव में स्थापित होंगे। चतुर्थ भाव हमारी सुख-सुविधाओं को बढ़ाने वाला भाव है, इसलिए शुक्र देव का गोचर इस भाव में आकर आपको उत्तम परिणाम देने का कार्य करेगा।

इस समय पारिवारिक वातावरण आनंद, सद्भाव, ख़ुशहाल और संतुष्ट दिखाई देगा। मां की सेहत में सुधार आएगा, साथ ही उनके साथ आपके रिश्ते भी मजबूत हो सकेंगे। आप इस अवधि के दौरान घर की साज-सज्जा में रुचि लेंगे, जिस पर आपको अपना धन भी खर्च करना पड़ेगा। इसके साथ ही यदि आप घर से दूर विदेश या किसी अन्य स्थान पर रहते हैं तो, शुक्र के इस गोचर के दौरान आपके मन में अपने घर लौटने की इच्छा जग सकती है।

आपका जीवन साथी उन्नति प्राप्त करेगा, जिससे आपके आराम, सुख-सुविधा और विलासिता में वृद्धि होगी। इसके परिणामस्वरूप आप नया वाहन, कोई अन्य गैजेट, ज़मीन या संपत्ति खरीदने पर भी अपना धन खर्च कर सकते हैं। हालांकि आपको किसी भी तरह के अनावश्यक खर्च करने से, बचने की सलाह दी जाती है।

प्रेमी जातकों को भी अपने रिश्तों में मजबूती और विश्वास की अनुभूति होगी। इसके अलावा विवाह योग्य जातकों को शुक्र के इस गोचर के दौरान, कई अच्छे प्रस्ताव मिलने के योग बनेंगे।

कार्यक्षेत्र पर आपकी अनुकूलन और समझने की क्षमता व संचार कौशल का विकास होगा, जिससे आपकी सामाजिक छवि बेहतर बनने में मदद मिलेगी। व्यापारी जातकों के लिए भी यह गोचर लाभदायक रहने वाला है, क्योंकि इस दौरान उन्हें अपने व्यापार में विस्तार और सफलता प्राप्त करने के बहुत से अवसर मिल सकते हैं।

उच्च शिक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को भी, अपना प्रदर्शन बेहतर करने में मदद मिलेगी। कुल मिलाकर कहें तो शुक्र के गोचर की ये अवधि, आपके जीवन के सभी क्षेत्रों में सकारात्मकता लेकर आने वाली है।

उपायः विशेष लाभ के लिए, भगवान परशुराम के अवतार की पौराणिक कथा पढ़ें या सुनें।

धनु राशि

धनु राशि के जातकों के लिए शुक्र देव छठे भाव के साथ-साथ, ग्यारहवें भाव के स्वामी भी होते हैं और गोचर की इस अवधि में वे आपके तीसरे भाव में प्रवेश करेंगे। तीसरे भाव से हमारी मेहनत, हमारे भाई-बहन, छोटी दूरी की यात्राएं और सहकर्मी तथा, अन्य चीजों का पता लगता है। ऐसे में शुक्र के गोचर की इस अवधि में, आपको शुभ फलों की प्राप्ति होगी।

यह गोचर छोटी दूरी की यात्राओं के लिए उत्तम रहेगा, क्योंकि इस दौरान आपको आर्थिक मुनाफ़ा और समृद्धि प्राप्त होने के योग बनेंगे। पारिवारिक जीवन में भी छोटे भाई-बहनों का भरपूर सहयोग मिलेगा। कुछ जातक सोशल मीडिया, इंटरनेट और नेटवर्किंग चैनलों के माध्यम से अच्छे अवसर प्राप्त करने में सक्षम होंगे। आपको अपने परिवार और दोस्तों के साथ सुंदर समय व्यतीत करते हुए, आनंद की अनुभूति भी होगी।

कार्यक्षेत्र के लिए भी, समय अनुकूल रहने वाला है। खासतौर से वो नौकरी पेशा जातक, जो विदेशी संगठनों या मल्टीनेशनल कंपनियों में कार्यरत हैं, उन्हें अपनी नौकरी में इच्छानुसार फलों की प्राप्ति होने की संभावना है। चूँकि शुक्र इस समय आपके कौशल और विकास के भाव को सक्रिय करेगा, ऐसे में नए व्यापार को बढ़ाने से भविष्य में विकास और मुनाफ़ा अर्जित करने में आपको मदद मिलेगी।

वहीं अपने अधीन कार्य कर रहे हैं कर्मियों, सहकर्मियों और साझीदारों के साथ अपने संवाद को बेहतर करने का आपका प्रयास, आपको करियर व व्यापार में उन्नति देने का कार्य करेगा। क्योंकि इस दौरान आप सभी का उद्देश्य केवल अपने लक्ष्यों की प्राप्ति करना ही होगा।

प्रेम संबंधों की बात करें तो, इस गोचरकाल में आपको प्रेम और रोमांच की अनुभूति होगी। इस समय आप अपने प्रेमी को उपहार या कोई अन्य कीमती सामान भेंट कर सकते हैं। वहीं वैवाहिक जातक भी अपने रिश्ते में खुशहाली की अनुभूति करेंगे।

प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को भी, शुक्र देव अच्छी सफलता देने वाले हैं।

उपायः शुक्र के हानिकारक प्रभाव से बचने के लिए, शुक्रवार के दिन चीनी का दान करें।

मकर राशि

आपकी राशि के लिए शुक्र देव पंचम भाव और दशम भाव के स्वामी हैं, और इस प्रकार आपके लिए वो एक योगकारक ग्रह की भूमिका निभाते हैं। गोचर की इस अवधि में भी आपके द्वितीय स्थान में प्रवेश करेंगे, जिससे आपकी राशि में “धन योग” का निर्माण होगा और आपको अच्छे धन की प्राप्ति होगी। इस दौरान आपकी आय में अचानक से वृद्धि होगी। कार्य क्षेत्र पर भी आपको अच्छी नौकरी मिलने के अवसर प्राप्त होंगे। वो जातक जो प्रोमोशन या आय वृद्धि की प्रतीक्षा कर रहे थे, उन्हें भी इस गोचरकाल में उत्तम फलों की प्राप्ति होने की संभावना है।

व्यापारी जातकों को भी अपने व्यापार में विस्तार करने का अवसर मिलेगा। चूँकि इस समय आपके पंचम भाव के स्वामी शुक्र, खुद से दशम भाव में विराजमान हैं, ऐसे में आपको अपनी क्षमता का प्रदर्शन करते हुए योजना अनुसार कार्य करने में मदद मिलेगी। इससे आप अच्छे आकर्षित और लाभदायक अवसर हासिल कर सकेंगे। साथ ही आप अपनी प्रेरक कौशल को बढ़ाने हुए, अपने पूर्व के सभी अधूरे पड़े कार्यो को भी पूरा करने में सक्षम होंगे।

प्रेम संबंधों में आपको अपने साथी के साथ, अच्छा समय बिताने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा वो दांपत्य जातक जो लंबे समय से अपने परिवार का विस्तार करना चाह रहे थे, उन्हें भी इस गोचर से इच्छानुसार फलों की प्राप्ति होने की संभावना है। वहीं कुछ जातक शुक्र के गोचर के दौरान, किसी मांगलिक कार्यक्रम में भाग ले सकते हैं या उसकी मेजबानी कर सकते हैं। कार्यस्थल पर पिता की भी प्रगति होगी, जिससे परिवार के वातावरण में खुशहाली आएगी।

वहीं आपके प्रेम जीवन के लिए भी समय अच्छा है। आप अपने प्रेमी के लिए कोई उपकरण, कीमती सामान या अन्य महंगे उपहार खरीद सकते हैं।

हालांकि इस दौरान आप अपने विलासिता और स्वादिष्ट भोजन पर, अपने धन का सबसे अधिक खर्च करेंगे। ऐसे में आपको सावधान रहने की जरूरत होगी, अन्यथा इससे आपके अनावश्यक के ख़र्चों में वृद्धि होने से आर्थिक तंगी हो सकती है।

छात्र भी अपने परिवार के पूर्ण समर्थन और सहयोग से, अपनी परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करेंगे। कुल मिलाकर कहें तो, शुक्र का ये गोचर आपके जीवन में खुशी और समृद्धि लेकर आएगा।

उपायः आपको शुक्र देव की अनुकूलता प्राप्त करने के लिए, उत्तम गुणवत्ता का ओपल रत्न शुक्रवार के दिन चांदी की अंगूठी में, अनामिका उंगली में धारण करना चाहिए।

कुंभ राशि

शनि देव के स्वामित्व वाली कुंभ राशि में ही शुक्र देव का गोचर हो रहा है, अर्थात आपके प्रथम भाव में शुक्र देव का गोचर होगा, और शुक्र देव आपके लिए चतुर्थ और नवम भाव के स्वामी होने के वजह से योगकारक ग्रह हैं। ऐसे में आपके लिए शुक्र देव काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आपकी राशि में शुक्र का गोचर, आपके लिए अनेक बदलाव लेकर आएगा और यह बदलाव आपके लिए उत्तम साबित होंगे।

कार्यक्षेत्र पर आपके स्वभाव में सहयोग की भावना, आपको प्रगति हासिल करने में मदद करेगी। इसके चलते आप अपने वरिष्ठ अधिकारियों से पूर्ण सहयोग, सराहना और समर्थन भी प्राप्त कर सकेंगे।

कार्यक्षेत्र या व्यापार से जुड़ी यात्रा करना, इस दौरान आपके लिए लाभदायक सिद्ध होगा। साथ ही व्यापारी जातकों को भी, कुछ अच्छे अवसर प्राप्त होने के योग बनेंगे।

आर्थिक जीवन में आपकी आय और धन में वृद्धि होगी। हालांकि आप में से कुछ जातक इस दौरान, ज़मीन की खरीद या बिक्री से भी अच्छा लाभ अर्जित करने में सफल होंगे। साथ ही कुंभ राशि के कुछ जातकों को अपनी मां से लाभ और मुनाफ़ा प्राप्त होने की संभावना है।

चूँकि इस समय भाग्य आपका साथ देगा। ऐसे में आपके द्वारा किया गया हर निवेश, आपको लंबे समय के लिए अच्छा मुनाफ़ा प्रदान करता रहेगा।

निजी जीवन में आपका नरम और आशावादी स्वभाव आपको इस गोचर के दौरान, अपने जीवनसाथी के और करीब लेकर आएगा। वहीं यदि आप अभी तक सिंगल है तो, शुक्र देव आपके आकर्षण को बढ़ाते हुए, विपरीत लिंगी लोगों को आपकी ओर आकर्षित करने का कार्य करेंगे।

इस समय आप अपने जीवन में अपनी इच्छाओं की पूर्ति करने से खुद को नहीं रोक पाएंगे, जिससे आपके विलासिता और सुख-सुविधाओं में वृद्धि देखी जाएगी। कुल मिलाकर कहें तो, यह अवधि आपको अपार शांति, सुख और समृद्धि देने का कार्य करेगी।

उपायः शुक्र देव की विशेष कृपा प्राप्ति के लिए, गौमाता की सेवा करें और उन्हें चारा खिलाएं।

मीन राशि

आपकी राशि के लिए शुक्र देव तृतीय और अष्टम भाव के स्वामी होते हैं, तथा गोचर की इस अवधि में वे आपके द्वादश स्थान में विराजमान होंगे। जो आपके ख़र्चों, विदेशी यात्रा और हानि का भाव होता है। ऐसे में इस अवधि के दौरान आपके ख़र्चों में वृद्धि होगी। इस समय आप अपने आराम और सुख-सुविधाओं में वृद्धि करते हुए, अनावश्यक ख़रीदारी पर सबसे अधिक खर्चा करते दिखाई देंगे। इसलिए आपको इस गोचर के दौरान, इस तरह के ख़र्चों से परहेज करने की आवश्यकता होगी।

आपके भाई-बहन भी आप से आर्थिक सहयोग की अपेक्षा करेंगे, जिसके परिणामस्वरूप आपके ऊपर आर्थिक बोझ बढ़ सकता है। इस दौरान भाई-बहनों को कार्य क्षेत्र से संबंधित विदेश जाने का भी अवसर प्राप्त होगा।

गोचरकाल की यह अवधि मीन राशि के कुछ जातकों के लिए, अनावश्यक की यात्राएं भी लेकर आएगी। जिस पर आपका धन और उर्जा दोनों बर्बाद हो सकती हैं। स्वास्थ्य जीवन के लिए भी, यह समय थोड़ा प्रतिकूल रहेगा। ऐसे में आपको अपने स्वास्थ्य पर उचित ध्यान देते हुए, योग और अपने दिनचर्या में सुधार करने की आवश्यकता होगी। इस दौरान खान-पान पर भी नियंत्रण रखना, आपके लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण कार्य होगा।

कार्यक्षेत्र पर आपको अभी किसी भी प्रकार के जोखिम लेने की जगह, केवल हर स्थिति को बेहतर बनाने की ओर ही कार्य करने की आवश्यकता होगी। यदि आप किसी भी प्रकार का निवेश करना चाहते हैं तो, अपने बड़ों, पिता या पिता तुल्य किसी व्यक्ति से परामर्श अवश्य लें। इसके अलावा महिलाओं के साथ अच्छा व्यवहार करते हुए, उनसे नैतिक दूरी बनाए रखें। अन्यथा आप खुद को किसी बड़ी परेशानी में फंसा सकते हैं।

काल पुरुष कुंडली के अनुसार अष्टम और द्वादश भाव, दोनों ही गुप्तता या गोपनीयता को दर्शाते हैं। ऐसे में शुक्र का इस दौरान आपके द्वादश भाव में मौजूद होना, मीन राशि के कुछ जातकों के गुप्त प्रेम मामलों को उजागर करेगा। इसलिए इस तरह की हर परिस्थिति से खुद को दूर रखने की कोशिश करें, अन्यथा बाद में आपके वैवाहिक जीवन में कुछ परेशानी उत्पन्न हो सकती हैं।

वहीं यदि आप सिंगल हैं तो इस समय, अपनी भावनाओं को अपने प्रेम के समक्ष व्यक्त करने में कुछ बाधा आ सकती है। जिसके परिणामस्वरूप आप खुद को अकेला और निराश महसूस करेंगे।

उपायः विशेष लाभ के लिए शुक्रवार और सोमवार के दिन, दूध का दान करें।


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