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सूर्य देव का कुम्भ राशि में गोचर और उसका प्रभाव (12 फरवरी, 2021)

आत्मा , पिता, पूर्वज, उच्च पद-प्रतिष्ठा, सम्मान आदि के कारक, सूर्य देव 12 फरवरी 2021, शुक्रवार को रात 9 बज कर 03 मिनट पर, मकर राशि से निकलकर अपने पुत्र शनि की दूसरी राशि कुम्भ में प्रवेश करेंगे। कुंभ वायु तत्व की राशि होती है। ऐसे में एक अग्नि तत्त्व प्रधान सूर्य का प्रवेश, वायु तत्व प्रधान राशि में होने से ये गोचर कई प्रकार से महत्वपूर्ण बन जाता है। तो आईये जानते हैं कि, सूर्य के कुम्भ राशि में गोचर का सभी राशि के जातकों पर कैसा प्रभाव डालने वाला है:-

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Read in English: The Sun Transit in Aquarius

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सूर्य देव का कुम्भ राशि में गोचर और उसका प्रभाव

मेष राशि

आपकी राशि के लिए सूर्य देव, आपके त्रिकोण भाव अर्थात पांचवें भाव के स्वामी हैं। जो बुद्धि प्रेम और रोमांस का भाव होता है, और अब इस गोचर की अवधि में वो आपके ग्यारहवें भाव में विराजमान होंगे। जिससे आपको शुभ फलों की प्राप्ति होगी।

इस गोचर से आपको, जीवन में धन कमाने के बहुत से अवसर प्राप्त होंगे। कार्यक्षेत्र पर भी आपकी कला और कार्य क्षमता की गुणवत्ता का विकास होगा। जिसके चलते आप अपने पूर्व के सभी अधूरे पड़े कार्य को, समय पर पूरा करने में सफल रहेंगे। आपको अपने सहकर्मियों और वरिष्ठ अधिकारियों की, सराहना और सहयोग की प्राप्ति होने के भी योग बनेंगे। वहीं व्यापारी जातकों को भी इस गोचर के दौरान, अच्छा मुनाफ़ा मिलने की संभावना है।

इस दौरान कार्यक्षेत्र से जुड़ी यात्रा करना, आपके लिए लाभदायक रहेगा। क्योंकि उससे आपको अपने व्यापार में विस्तार करने का अवसर मिलेगा। कई इच्छुक जातकों को भी इस समय, शुभ समाचार मिल सकता है।

आपके पंचम भाव के सूर्य देव, इस समय आपके पंचम को भी दृष्टि करेंगे। जिससे दांपत्य जातकों का अपनी संतान पक्ष के साथ, रिश्ता बेहतर हो सकेगा। आपके प्रेम संबंधों में भी प्रेम और रोमांस की वृद्धि होगी। हालांकि स्वास्थ्य जीवन में आपको पेट संबंधित, कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में अपने खान-पान का ध्यान रखें।

कुल मिलाकर कहें तो, मेष राशि के जातकों के लिए सूर्य का यह गोचर अच्छा रहने वाला है। हालांकि ये समयावधि, आपके क्रोध में वृद्धि लेकर आएगी। जिससे आपको अपने लक्ष्य और कार्य को, पूरा करने में कुछ परेशानी हो सकती है। ऐसे में आपको सलाह दी जाती है कि, हर प्रकार के विवाद से खुद को दूर ही रखें।

उपायः रविवार की सुबह अपने दाहिने हाथ की अनामिका में, सोने या तांबे की अंगूठी में माणिक रत्न धारण करें।

वृषभ राशि

आपकी राशि के लिए सूर्य देव चतुर्थ भाव के स्वामी हैं, और अपने इस गोचर की अवधि में वे आपके दशम भाव में प्रभाव दिखाएँगे। क्योंकि दशम भाव में स्थापित होकर सूर्य आपको शुभ फल देने का कार्य करेंगे। आप इस दौरान अपनी छवि को लेकर भी अधिक सजग होंगे।

इस अवधि के दौरान आपकी कला और कार्य क्षमता का भी विकास होगा। साथ ही सूर्यदेव आपको महत्वाकांक्षी बनने में मदद करेंगे, जिससे आपका पूरा ध्यान अपने लक्ष्यों को पूरा करने की ओर लगेगा, और आप उसे समय पर पूरा भी कर सकेंगे। इसके परिणामस्वरूप, आपको पदोन्नति और पुरस्कार की प्राप्ति होगी।

सूर्य देव की यह स्थिति आपको कई नई भूमिका और नई ज़िम्मेदारी देने का कार्य करेगी, जिससे आपको उच्च पद प्राप्त होने में मदद मिलेगी। यह गोचर आपको अत्यधिक प्रभावशाली लोगों से मिलने के अवसर भी देगा, जो आपको भविष्य में लंबे समय तक लाभ देते रहेंगे। सूर्य की ये स्थिति दर्शाती है कि, निर्णय लेने में आ रही आपकी हर समस्या दूर होगी। इससे आप इस गोचर से उत्तम परिणाम प्राप्त करेंगे।

कई वृषभ राशि के जातकों को सरकार और प्रशासन से लाभ की प्राप्ति होने की संभावना है। साथ ही आपके पिता के साथ, आपके संबंधों में भी सुधार आने के योग बन रहे हैं।

सेहत के लिहाज से भी समय शुभ रहेगा। क्योंकि सूर्य की यह स्थिति आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता, और आपकी जीवन शक्ति को मजबूत बनाएगी। हालांकि आप कभी-कभी अपने रवैया में कुछ अहंकार उत्पन्न होता देखेंगे, जिससे आपको कई परेशानी भी उठानी पड़ सकती है। ऐसे में उत्तम फलों की प्राप्ति के लिए, अपने स्वभाव में सुधार लेकर आएं।

उपायः प्रतिदिन सूर्य की होरा के दौरान, सूर्य मंत्र का जप करें।

मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों के लिए सूर्य देव तीसरे भाव के स्वामी होकर, अपने इस गोचर काल में आपके नवम भाव में विराजमान होंगे। सूर्य देव के इस गोचर के प्रभाव से आपको मिश्रित परिणामों की प्राप्ति होगी।

सूर्य इस समय आपके दशम भाव से, द्वादश भाव में प्रस्थान करेंगे। काल पुरुष की कुंडली के अनुसार, दशम भाव आपके पिता का भाव होता है। ऐसे में इस दौरान, आपके पिता की सेहत में गिरावट आने की आशंका है। इसलिए उनकी सही देखभाल करते हुए, उनका भरपूर सहयोग करें। आपके भाई-बहन भी, इस समय आप से सहयोग की उम्मीद करेंगे। ऐसे में उनकी सफलता में योगदान देते हुए, उन्हें भी सहयोग करना आपके लिए ज़रूरी रहेगा।

हालांकि आपके तीसरे भाव के स्वामी की स्वयं पर दृष्टि, आपके तीसरे भाव को बल प्रदान करेगी। इससे आप अपनी कार्य क्षमता और प्रयासों में वृद्धि करते हुए, अपनी राह में आने वाले हर शत्रुओं का डटकर सामना कर सकेंगे। साथ ही आपके प्रयास भी सही दिशा में होंगे और आप अनेकों अवसरों का उचित लाभ उठाते हुए, अपने करियर में विकास कर सकेंगे।

छात्रों के लिए भी, यह समय शुभ रहेगा। क्योंकि उन्हें अपना प्रदर्शन बेहतर करने में सफलता मिलेगी। आर्थिक जीवन को देखें तो, गोचरकाल की यह स्थिति आपके आर्थिक जीवन के लिए शुभ रहने वाली है। इस दौरान किया गया हर निवेश आपको, अच्छा मुनाफ़ा और धन देगा।

हालांकि आपको हर प्रकार की यात्रा, खासतौर से धार्मिक यात्रा करने से बचना होगा। अन्यथा अनावश्यक खर्च और तनाव में वृद्धि होगी। बावजूद इसके आप दान-पुण्य और धार्मिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे। क्योंकि इस दौरान आपकी आध्यात्मिक रुचि में वृद्धि देखी जाएगी।

उपायः रविवार को गुड़ का दान करें।


जीवन में किसी भी समस्या का समाधान पाने के लिए ज्योतिष से प्रश्न पूछें

कर्क राशि

सूर्य देव आपकी राशि के लिए दूसरे भाव के स्वामी हैं। जों धन परिवार और संसाधनों का भाव होता है, और अब इस गोचर के समय में सूर्य आपके अष्टम भाव में प्रवेश करेंगे। यह भाव अचानक से होने वाली घटनाओं के लिए भी जाना जाता है। सूर्य देव के इस भाव में गोचर करने से किसी भी तरह के शोध कार्यों से जुड़े जातकों को, विशेष अनुकूल फल प्राप्त होंगे।

आपके दूसरे भाव के स्वामी सूर्य, इस दौरान स्वंय को दृष्टि भी करेंगे, जिसके चलते आपको किसी प्रकार की पैतृक संपत्ति से भी, अचानक से लाभ की प्राप्ति होने की संभावना है। हालांकि इसके साथ ही आपके पिता की सेहत में, गिरावट आने के योग बन रहे हैं। इसलिए उनकी उचित देखभाल और उनका सहयोग करें।

इस गोचरकाल में आपको, किसी भी तरह के गैरकानूनी कार्य या सरकार के विरुद्ध जाकर कुछ भी करने से बचना होगा, अन्यथा आपको लंबे समय तक नुकसान उठाना पड़ सकता है।

आर्थिक जीवन को लेकर, आप में चिंता और असुरक्षा की भावना आपको परेशान करेगी। जिसके परिणामस्वरूप, आप अपने धन को सुरक्षित करने के लिए अपनी योजना अनुसार, लंबे समय के किसी निवेश को अपनाने का फैसला ले सकते हैं।

आपके ससुराल पक्ष के साथ आपके रिश्ते बेहतर होंगे, और आपको उनका समर्थन प्राप्त होने की संभावना रहेगी। इस गोचर के दौरान आपके जीवन साथी की आय में भी वृद्धि होगी। हालांकि कभी-कभी आप कुछ संवेदनशील हो सकते हैं, जिसके चलते छोटी-छोटी बातों पर भी विवाद करते दिखाई देंगे। इससे आपके वैवाहिक जीवन में कुछ समस्या उत्पन्न हो सकती हैं।

स्वास्थ्य जीवन की बात करें तो, अपनी पुरानी खराब आदतों को छोड़ने के लिए ये समय विशेष अच्छा रहने वाला है। साथ ही आत्मनिरीक्षण करने के लिए भी, यह समय उत्तम रहेगा। इस दौरान आप योग और व्यायाम की मदद से आत्ममंथन करते हुए, न केवल स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकते हैं, बल्कि इससे आपको अपने व्यक्तित्व में छुपी हुई क्षमताओं को भी उजागर करने में मदद मिलेगी।

उपायः अच्छे फलों की प्राप्ति के लिए, 5 मुखी रुद्राक्ष को रातभर तांबे के बर्तन में रख दें, और फिर सुबह सबसे पहले उस पानी को पिएं।

सिंह राशि

सूर्य देव आपकी राशि के स्वामी हैं, इसलिए सूर्य देव का गोचर आपके लिए विशेष प्रभाव लेकर आएगा। सूर्य देव के कुंभ राशि में गोचर के कारण वे आपकी राशि से सातवें भाव में विराजमान होंगे। जो साझेदार, वैवाहिक जीवन और जीवन साथी का भाव होता है, और इस दौरान सूर्य सातवें घर में मौजूद होते हुए, अपने प्रथम भाव को भी दृष्टि करेंगे। जिससे आपके स्वास्थ्य जीवन पर अनुकूल प्रभाव पड़ेगा।

आपकी सहनशक्ति, रोग प्रतिरोधक क्षमता और जीवन शक्ति मजबूत बनेगी। इससे आप किसी भी तरह के रोगों से, आसानी से निजात पाने में सफल रहेंगे। इस अवधि के दौरान आप खुद को अधिक आशावादी, उत्साह और ऊर्जा से भरपूर महसूस करेंगे, जिसका सकारात्मक असर आपके स्वास्थ्य जीवन पर भी दिखाई देगा।

कार्यक्षेत्र पर भी आपका दृष्टिकोण, अपने लक्ष्यों को लेकर अधिक महत्वाकांक्षी और सुनिश्चित दिखाई देगा। इससे आपकी प्रबंधन क्षमताओं के साथ-साथ, आपके नेतृत्व में भी सुधार होगा और आप अपने प्रयासों से हर कार्य को पूरा करने में सफल रहेंगे।

व्यापारी जातकों को भी इस गोचर से, लाभ मिलने की संभावना है। वहीं पब्लिक डीलिंग, कंसल्टेंसी और यात्रा से जुड़े क्षेत्रों में, इस गोचर के समय खासा वृद्धि होने के योग बन रहे हैं।

यदि आप सिंगल है तो, अपनी इच्छानुसार किसी खास व्यक्ति से आपकी मुलाकात संभव है। वहीं शादीशुदा जातक सूर्य की इस स्थिति के समय , अपने साथी के प्रति अधिक उदार दिखाई देंगे। साथ ही आपका प्रेमी भी, आपकी सफलता में भरपूर योगदान देता नज़र आएगा। परंतु बावजूद इसके, आप दोनों के बीच कुछ मन मुटाव और विवाद संभव है। जिससे आपके मानसिक तनाव में वृद्धि होगी। ऐसे में खुद को शांत रखते हुए, अपने साथी के प्रति उचित व्यवहार करें।

सूर्य की उपस्थिति आपको अपने आस-पास के लोगों के साथ, सहयोग और बेहतर संबंध बनाने में मदद करेगी। जिससे आपकी छवि में सुधार आएगा और आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि हो सकेगी।

उपायः किसी भी महत्वपूर्ण कार्य पर निकलने से पहले, अपने पिता से आशीर्वाद लें।

कन्या राशि

कन्या राशि के जातकों के लिए सूर्य देव बारहवें भाव के स्वामी होते हैं, और इस गोचर के दौरान वो आपके छठे भाव में जाएंगे। जो रोग, प्रतियोगिता और शत्रुओं का भाव होता है। ऐसे में छठे भाव में सूर्य का गोचर, आपके लिए उत्तम परिणाम लेकर आएगा।

छात्रों को अपना प्रदर्शन बेहतर करने में मदद मिलेगी। खासतौर से सरकारी या प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को, इच्छानुसार शुभ फलों की प्राप्ति होगी। यदि कोई मामला कोर्ट-कचहरी में निलंबित था तो, उसका परिणाम भी इस दौरान आपके पक्ष में आने की संभावना अधिक है। आपको अपने शत्रुओं से भी निजात मिल सकेगा, जिससे आपकी राह में आ रही हर बाधा दूर होगी।

कार्यक्षेत्र पर इस समय, आप अपनी कार्य क्षमता को बढ़ाते हुए अधिक प्रयास करेंगे। जिससे आपकी प्रबंधन क्षमता का विकास होगा, और आप अपनी पूर्व की हर गलती से सीख लेते हुए, अपने आत्मविश्वास में सुधार करेंगे। आपकी लगन और मेहनत आपके वरिष्ठ अधिकारियों का ध्यान, आपकी ओर आकर्षित करेगी। जिससे आपको उनसे सराहना और पदोन्नति की प्राप्ति होने के योग बनेंगे।

चूँकि सूर्य आपके द्वादश भाव के स्वामी होते हैं, जिसे विदेश भाव भी कहा जाता है। ऐसे में उनका अपने ही भाव को दृष्टि करना, कन्या राशि के जातकों को विदेशी यात्रा के बहुत से अवसर प्रदान करने का कार्य करेगा।

स्वास्थ्य जीवन के लिए भी, समय अनुकूल रहने वाला है। क्योंकि इस दौरान आपको अपने किसी पुराने रोग से निजात पाने में मदद मिलेगी। हालांकि बावजूद इसके आपको अपनी सेहत को लेकर, किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतने की सलाह दी जाती है। साथ ही इस अवधि के दौरान आपको अधिक मसालेदार और तला-भुना भोजन करने से बचना होगा। अन्यथा आपको पेट संबंधित परेशानी होने से, आपकी पाचन शक्ति प्रभावित होगी। जिससे आपको कई प्रकार की समस्याओं का सामना भी, करना पड़ सकता है।

कुल मिलाकर कहें तो, सूर्य का यह गोचर पूर्व के सभी निलंबित पड़े कार्य को पूरा करने में आपकी मदद करेगा। जिससे आप सफलता हासिल कर सकेंगे।

उपायः रोज़ाना सुबह पूर्व दिशा को नमन करना, आपके लिए शुभ परिणाम लेकर आएगा। क्योंकि सूर्य पूर्व दिशा के स्वामी होते हैं।

तुला राशि

तुला राशि के जातकों की कुंडली में सूर्य देव, ग्यारहवें भाव के स्वामी होते हैं। जो लाभ भाव होता है। अब अपने इस गोचरकाल में वे, आपके पांचवे भाव में विराजमान होंगे, जिससे आपको मिश्रित परिणामों की प्राप्ति होगी।

इसके साथ ही इस गोचर के समय, सूर्य आपके पंचम भाव में होकर, अपने एकादश भाव को पूर्ण दृष्टि से देखेंगे। जिससे आपको कार्यक्षेत्र और आर्थिक जीवन में अपनी आय और प्रतिष्ठा में वृद्धि करने के बहुत से अवसर प्राप्त होंगे। सरकारी या किसी अन्य संगठन से भी, इस दौरान आपको लाभ मिलने की संभावना है।

चूँकि सूर्य इस समय आपकी राशि के दसवें भाव से, आठवें घर में विराजमान होंगे और दशम भाव करियर और कार्यक्षेत्र को दर्शाता है। ऐसे में आपको कार्यस्थल पर अचानक से कोई ट्रांसफर मिल सकता हैं। कुछ जातकों को इस दौरान घर से दूर भी जाना पड़ेगा। हालांकि बावजूद इसके आपकी राशि के लिए यह सभी बदलाव, आपको अनुकूल फल देने का कार्य करेंगे। शेयर बाजार, धातु, आदि से जुड़े जातकों को इस गोचर से सबसे उत्तम मुनाफ़ा प्राप्त होने के योग बनेंगे।

हालांकि यदि आप शादीशुदा हैं तो, आपकी संतान का व्यवहार आपके मानसिक तनाव को बढ़ाने का कार्य करेगा। इस समय वे सामान्य से अधिक जिद्दी होंगे, जिसके चलते आपके और संतान के बीच संघर्ष या कुछ मतभेद उत्पन्न होगा। इसलिए हर परिस्थिति को सही रणनीति और कूटनीति के अनुसार ही, हल करने की कोशिश करें।

वहीं प्रेम और रोमांस के मामले में, गोचरकाल की ये अवधि कुछ प्रतिकूल रहने वाली है। क्योंकि इस दौरान आप दोनों बेवजह की बातों को लेकर, झगड़ा करते दिखाई देंगे।

उपायः प्रतिदिन सुबह “सूर्य नमस्कार” करें।

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए, सूर्य देव उनके दशम भाव के स्वामी हैं, अर्थात आपके कर्म के स्वामी है। इसलिए आपको यह गोचर, विशेष रूप से प्रभावित करेगा। गोचर के इस समय काल में सूर्य आपके चतुर्थ भाव में प्रवेश करेंगे, जो ज़मीन, मां, रियल एस्टेट, आराम, सुख-सुविधाओं, आदि का भाव होता है। ऐसे में सूर्य की यह स्थिति आपके स्वभाव में अहंकार की वृद्धि करेगी। इससे आपको अपने पारिवारिक जीवन में कुछ समस्याओं से, दो-चार होना पड़ सकता है।

आप हर जगह हर चीज में, अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की जिद करेंगे। जिसके कारण लोगों को नियंत्रण करने की आपकी प्रवृत्ति में बढ़ोतरी होगी, और इससे आपको पारिवारिक जीवन में कुछ परेशानियों हो सकती है। इसके ही परिणामस्वरूप, आपके और परिवार के अन्य सदस्यों के बीच विवाद संभव है। इसके अलावा सूर्य के गोचर के दौरान, आपकी मां को भी कुछ स्वास्थ्य कष्ट होने के योग बन रहे हैं।

हालांकि कार्यक्षेत्र के लिए यह समय उत्तम रहेगा। आपको कार्यस्थल पर भरपूर सफलता की प्राप्ति होगी, क्योंकि सूर्य इस समय आपके चतुर्थ भाव में होते हुए, आपके दशम भाव को पूर्ण दृष्टि से देखेंगे। जो कार्यक्षेत्र और करियर को दर्शाता है। ऐसे में आपको अच्छे फलों की प्राप्ति होगी। सूर्य की यह स्थिति व्यापारी जातकों, फ्रीलांसरों या घर से कार्य कर रहे लोगों के लिए सबसे अधिक उत्तम रहने वाली है।

वृश्चिक राशि के कुछ लोगों के लिए, सूर्य के गोचर के दौरान यह पूरा ही महीना व्यस्त रहने वाला साबित होगा। साथ ही सरकारी या सार्वजनिक क्षेत्रों में काम करने वाले वो जातक, और जो लंबे समय से पदोन्नति या वेतन वृद्धि की चाह में थे, उन लोगों को भी इस समय शुभ फल मिलने की संभावना है।

हालांकि स्वास्थ्य जीवन में सूर्य की स्थिति, आपको कुछ प्रतिकूल परिणाम देगी। जिससे आपको बार-बार सिरदर्द और बी.पी, आदि की समय से दो-चार होना पड़ेगा। इसलिए अपनी सेहत से जुड़े सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने के लिए, अपने क्रोध को नियंत्रित रखें और उचित नींद व सही दिनचर्या को अपनाएं।

उपायः रोज़ाना सुबह पूर्व दिशा की ओर मुख करके, "श्री सूर्य अष्टकम" का पाठ करें।

धनु राशि

धनु राशि के जातकों के साहस और पराक्रम में, सूर्य के गोचर के दौरान वृद्धि होगी। क्योंकि सूर्य देव आपकी राशि के स्वामी बृहस्पति के मित्र भी हैं और आपके भाग्य के स्वामी भी, इसलिए सूर्य देव का यह गोचर आपके जीवन पर विशेष प्रभाव डालने वाला साबित होगा।

अपने इस गोचर की अवधि में सूर्य, आपके तीसरे भाव में प्रवेश करेंगे। जो भाई-बहन और प्रयासों को दर्शाता है। और वो आपके इस भाव में होते हुए स्वयं के भाव को दृष्टि करेंगे, जिससे आपको अपने करियर में भाग्य का साथ मिलेगा। साथ ही आपको वरिष्ठ अधिकारियों की सराहना और सहयोग की प्राप्ति भी होगी।

सूर्य का यह गोचर आपको, अपने कार्य क्षेत्र में पदोन्नति और कई अन्य अवसरों का लाभ उठाने का मौका भी देगा। इस दौरान छोटी दूरी की यात्रा करना, आपके लिए सबसे अधिक फ़ायदेमंद होगा। उच्च और प्रभावशाली पदों पर कार्य कर रहे लोगों से, आपको मुलाकात करने का अवसर मिलेगा, जिसका आपके ऊपर गहरा प्रभाव पड़ने की संभावना है। इसके परिणामस्वरूप, उनसे मिलकर आप सफलता प्राप्ति के लिए खुद को प्रेरित महसूस करेंगे।

आपके उत्साह और ऊर्जा में भी वृद्धि होगी, जिससे अपनी राह में आ रही बहुत-सी बाधाओं का आप डटकर सामना कर सकेंगे। आर्थिक रूप से भी यह समय, आपको धन लाभ प्राप्त करने के कई अवसर देगा।

इस दौरान आप दूसरों को अपना समय और ध्यान देंगे। जिससे वो आपके सामने अपने सुझावों और विचारों को खुलकर रख सकेंगे, और आप उनके उन सुझावों पर अमल करते हुए. आपके जीवन में उनके द्वारा दिए गए योगदान की जमकर सराहना भी करेंगे। आपका यह गर्म और समझदार रवैया, आपको परिवार के दूसरे सदस्यों और अपने अधीन कार्य कर रहे कर्मियों का, दिल जीतने में मदद करेगा। जिससे आप समाज में अच्छी पद -प्रतिष्ठा अर्जित कर सकेंगे।

आप आध्यात्मिक और धार्मिक यात्रा पर जाने का प्लान कर सकते हैं। इससे आपको मानसिक शांति और संतुष्टि प्राप्त होगी।

स्वास्थ्य जीवन के लिए भी, समय उत्तम रहेगा। इस दौरान आपको कोई बड़ी बीमारी परेशान नहीं करेगी, और आपका स्वस्थ भी सही दिशा में आगे बढ़ता दिखाई देगा।

उपायः रविवार के दिन अपने गले में सोने या तांबे में, सूर्य लटकन पहनें।

मकर राशि

शनिदेव के आधिपत्य वाली मकर राशि के लिए सूर्य देव अष्टम भाव के स्वामी हैं, जो परिवर्तनों और बदलावों का भाव होता है। सूर्य देव के इस गोचर के समय, वे आपके दूसरे भाव में प्रवेश करेंगे। इसलिए आपको अपने धन की बचत या उसको संचय करने की अपनी क्षमताओं में, सुधार करने की आवश्यकता होगी। क्योंकि इस समय आप अपने सुख सुविधाओं और सामाजिक प्रतिष्ठा को बढ़ाने के लिए, अनावश्यक चीजों की ख़रीदारी कर सकते हैं। ऐसे में आपको अपने धन को लेकर, थोड़ी समझदारी दिखाने की सलाह दी जाती हैं।

इस समय आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि, उपलब्ध चीज अनुपलब्ध चीजों से बहुत अधिक मूल्यवान होती है। और इस बात को भली-भाँती समझते हुए आपको इस समय अपने धन के इस्तेमाल को लेकर सजकता बरतते हुए, उसे अनुचित जोखिमों से बचाने का प्रयास करना होगा।

सूर्य की ये स्थिति आपके पारिवारिक जीवन में, कुछ समस्या उत्पन्न कर सकती है। जिससे आपके और परिवार के सदस्यों के बीच, किसी बात को लेकर विवाद या मतभेद उत्पन्न होगा। इसलिए इस समय, अपनी वाणी और व्यवहार के प्रति अधिक सावधानी बरतें।

स्वास्थ्य जीवन में भी, अपने दाँत और उसके आस-पास के क्षेत्र के प्रति उचित स्वच्छता बनाएं रखने की आवश्यकता होगी। अन्यथा आपको मसूड़ों और दाँतों से संबंधित कुछ समस्या का सामना करना पड़ेगा। इसके साथ ही टी.वी देखने और मोबाइल का इस्तेमाल, समय को ध्यान में रखते हुए ही करें। अन्यथा आपको आंखों की रोशनी से संबंधित कुछ समस्या भी परेशान कर सकती है।

हालांकि मकर राशि के छात्रों के लिए यह समय उत्तम रहेगा, क्योंकि इस दौरान आपकी समझने की क्षमता अच्छी होगी। जिससे आपको अपने विषयों को समझने में मदद मिलेगी।

उपायः रोज़ाना भोर के बाद, "आदित्य ह्रदय स्तोत्र" का पाठ करें।

कुंभ राशि

आपकी राशि के लिए सूर्य देव सातवें भाव के स्वामी हैं, जोकि एक मारक स्थान भी है। अपने गोचर की इस अवधि में वे आपकी राशि में ही विराजमान होंगे, यानि कि आपके प्रथम भाव में होंगे। इसलिए आपके लिए यह गोचर विशेष रूप से प्रभावशाली रहेगा। इस गोचर के प्रभाव से आपको सबसे अधिक शुभ फलों की प्राप्ति होगी।

कार्यक्षेत्र पर इस दौरान, आप अपनी राह में आने वाली सभी चिंताओं और समस्याओं को पीछे छोड़ते हुए, नए सिरे से शुरुआत करना चाहेंगे। यह स्थिति आपको साहस और आत्मविश्वास से परिपूर्ण करेगी, जिससे आपके विश्वास, ऊर्जा और उत्साह में वृद्धि होगी, और इससे आपको अच्छा लाभ होने के भी योग बनेंगे। इसलिए इस अवधि में कुछ ऐसा नया या नया करने की कोशिश करना आपके लिए शुभ रहेगा, जिसे आप पिछले लंबे समय से करने के इच्छुक थे।

गोचरकाल में आप बहुत बहादुरी, आत्मविश्वास और निर्देशन द्वारा अपने जीवन के क्षेत्रों में आने वाली सभी समस्याओं को दूर कर सकेंगे। कुल मिलाकर कहें तो, यह समय आपको अपने कार्यक्षेत्र में एक अलग स्थान बनाने के लिए, सबसे उत्तम समय सिद्ध होगा।

साझेदारी में व्यवसाय करने वाले जातकों को भी, लाभ और धन प्राप्त होने की संभावना है। क्योंकि इस दौरान अपने पार्टनर के साथ, आपका सही तालमेल और आपसी समझ बढ़ेगी। चूँकि काल पुरुष की कुंडली के अनुसार, सातवां भाव समाज का प्रतिनिधित्व करता है। इसलिए भी इस दौरान आपकी संगति के बीच, आपकी प्रतिष्ठा और लोकप्रियता में बढ़ोतरी देखी जाएगी।

हालांकि इस समय आप थोड़े आत्मकेंद्रित और आत्मनिर्भर बन सकते हैं, जिससे आपके व्यक्तिगत जीवन में कुछ समस्या या परेशानियां उत्पन्न होने की आशंका है। इसलिए इस गोचर से बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए, आपको अपने स्वभाव में सुधार करने की ओर कार्य करने होंगे।

स्वास्थ्य जीवन को देखें तो, सूर्य एक सूखा ग्रह है और इस समय वो आपके लग्न भाव में मौजूद है। जिससे आपके लिए त्वचा, पेट और पीठ से संबंधित कुछ समस्याएं पैदा हो सकती है। इसलिए, शुरुआत से ही अपनी सेहत पर उचित ध्यान दें।

उपायः रविवार के दिन, तांबे का दान करें। इससे आपको उत्तम फलों की प्राप्ति होगी।

मीन राशि

मीन राशि के स्वामी बृहस्पति के परम मित्र सूर्य देव आपकी राशि के लिए छठे भाव के स्वामी होकर, अपने इस गोचरकाल में आपके बारहवें भाव में विराजमान होंगे। बारहवाँ भाव हानि भाव और ख़र्चों का भाव भी कहलाता है, इसलिए सूर्य देव के इस गोचर काल में आपको और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

मीन राशि के जातकों को, इस समय अपने शत्रु और विरोधियों के प्रति सजगता बरतनी होगी। क्योंकि वो आपकी छवि को नुकसान पहुंचने की कोशिश करेंगे। ऐसे में अपनी संगति को लेकर भी अधिक सावधान रहें, अन्यथा आपको भविष्य में कुछ गंभीर परेशानी उठानी पड़ सकती है।

आर्थिक जीवन में भी आपको, अपने अतिरिक्त ख़र्चों पर समय रहते अंकुश लगाने की जरूरत होगी। इसके साथ ही इस समय अधिक जोखिम लेने से भी बचें, अन्यथा आपके ऊपर कर्ज का बोझ पड़ सकता है। आपको हर प्रकार के कानूनी विवाद से भी खुद को दूर रखने की सलाह दी जाती है, नहीं तो आप न चाहते हुए भी अपना बहुत सा धन और ऊर्जा बर्बाद करते हुए, खुद को मानसिक तनाव दे सकते हैं।

हालांकि वह व्यापारी जातक जो, अपने व्यवसाय को अपने मूल शहर से बाहर किसी अन्य पड़ोसी राज्य, अन्य देशों या विदेशों में स्थापित करने की सोच रहे थे, उनके लिए गोचरकाल की यह अवधि अनुकूल रहेगी। साथ ही मीन राशि के कुछ जातकों को इस अवधि में, विदेश में बसने का अच्छा अवसर भी प्राप्त होने की संभावना बनती दिखाई दे रही है।

कुल मिलाकर कहें तो, नए फैसले लेने की बजाय, इस समय शांत रहते हुए आराम करना ही, आपके लिए बेहतर रहेगा। इससे आप निरीक्षण करते हुए, भविष्य के लिए एक मजबूत नींव तैयार करने में सफल होंगे।

उपायः रोज़ाना सुबह गायत्री मंत्र का, 108 बार जाप करें।


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