बुध वृश्चिक राशि में अस्त (30 नवंबर 2024)
बुध वृश्चिक राशि में अस्त: वैदिक ज्योतिष में बुध महाराज को महत्वपूर्ण ग्रह का दर्जा प्राप्त है जो 30 नवंबर 2024 की रात 08 बजकर 19 मिनट पर वृश्चिक राशि में अस्त होने जा रहे हैं। ऐसे में, इनकी अस्त अवस्था का प्रभाव राशि चक्र की सभी 12 राशियों को प्रभावित करेगा। एस्ट्रोसेज के इस विशेष आर्टिकल के माध्यम से आपको बुध वृश्चिक राशि में अस्त से संबंधित समस्त जानकारी प्राप्त होगी। साथ ही, इनसे बचने के अचूक उपाय भी आपको प्रदान करेंगे। तो चलिए शुरुआत करते हैं इस लेख की।
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वैदिक ज्योतिष में बुध का प्रभाव
बुध ग्रह व्यक्ति के जीवन में वाणी, संचार कौशल, तर्क, बुद्धि और सोच-विचार करने की क्षमता को प्रभावित करते हैं। इन्हें राशि चक्र में मिथुन और कन्या राशि का स्वामित्व प्राप्त है। साथ ही, बुध ग्रह हमारे बात करने, लिखने और दूसरे के सामने अपने विचारों को व्यक्त करने की क्षमता को नियंत्रित करते हैं। जातक खुद को मिलने वाली जानकारी को किस रूप में लेता है और अपने आइडिया को लोगों के सामने कैसे प्रकट करता है, इसका संबंध भी बुध से हैं। किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध देव की स्थिति को देखकर उसकी बुद्धि, नई चीज़ों को सीखने और समस्याओं को दूर करने की क्षमता के बारे में जानकारी प्राप्त हो सकती है। लेकिन, बुध अस्त का प्रभाव जानने से पहले हम आपको बताएंगे कि ग्रह की अस्त अवस्था क्या होती है।
किसे कहते हैं ग्रह की अस्त अवस्था?
ज्योतिष की बात करें, तो ग्रह अपनी अस्त अवस्था के दौरान अपनी शक्तियां खो देते हैं और उनके प्रभाव में भी कमी आती है। सामान्य शब्दों में कहें, तो जब कोई ग्रह भ्रमण करते समय सूर्य के बेहद नज़दीक चला जाता है, तो वह अस्त होकर अपनी सारी शक्तियां खो बैठता है और इसे ही किसी ग्रह का अस्त होना कहा जाता है।
वृश्चिक राशि में बुध अस्त का प्रभाव
इस क्रम में, अब बुध महाराज वृश्चिक राशि में अस्त होने जा रहे हैं जो कि लोगों के जीवन में समस्याएं बढ़ाने का काम कर सकते हैं क्योंकि कालपुरुष कुंडली में वृश्चिक राशि आठवें भाव को नियंत्रित करती है और इस भाव में बुध की स्थिति को अच्छा नहीं कहा जाता है।
बुध अस्त की अवधि में जातकों को संचार से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, त्वचा संक्रमण और यूटीआई आदि से संबंधित रोगों में वृद्धि देखने को मिलेगी। इस दौरान जातकों को कोर्ट-कचहरी से जुड़े विवादों से जूझना पड़ सकता है। साथ ही, वह स्वास्थ्य समस्याओं को दुनिया से छुपाने का काम कर सकते हैं। सरल शब्दों में कहें, तो आप इन समस्याओं को किसी को बताने से बचेंगे। लेकिन, किसी न किसी तरह लोगों को इसकी जानकारी मिल जाएगी। हालांकि, बुध का गोचर दर्शाता है कि इस दौरान बहुत ही गोपनीय जानकारी सामने आएगी। लेकिन, बुध के अस्त होने की वजह से डिजिटल मीडिया, प्रिंट मीडिया और सोशल मीडिया से जुड़े क्षेत्रों में काम करने वाले लोग सरकारी नीतियों या बड़े पद पर आसीन अधिकारियों के हस्तक्षेप की वजह से सही तरीके से काम करने में असमर्थ होंगे। सरकार द्वारा नीतियों में किये गए बदलाव ट्रेड और व्यापार में भी परेशानियां बढ़ाने का काम कर सकते हैं।
चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और नज़र डालते हैं बुध वृश्चिक राशि में अस्त होकर सभी 12 राशियों को किस तरह प्रभावित करेंगे। लेकिन, ध्यान रहे कि यह सामान्यकृत भविष्यवाणी है इसलिए अपनी राशि पर बुध अस्त के प्रभावों के बारे में अधिक जानने के लिए किसी अनुभवी ज्योतिषी से संपर्क करें।
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बुध वृश्चिक राशि में अस्त 2024: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए बुध महाराज तीसरे व छठे भाव के स्वामी हैं जो कि अब आपके आठवें भाव में अस्त होने जा रहे हैं। ऐसे में, बुध वृश्चिक राशि में अस्त होने से आपको त्वचा, यूटीआई, कीड़े का काटना जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है इसलिए आपको सावधान रहना होगा। साथ ही, बुध की यह अवस्था छात्रों के लिए भी कठिन रह सकती है क्योंकि आपको कुछ उतार-चढ़ावों से जूझना पड़ सकता है।
इसके परिणामस्वरूप, मेष राशि के छात्रों को बात करने में और दूसरों के सामने अपने विचारों को रखने में परेशानी का अनुभव हो सकता है। साथ ही, पढ़ाई में दबाव की वजह से आपकी सेहत भी प्रभावित हो सकती है। छठे भाव के स्वामी के रूप में बुध ग्रह दूसरे भाव को देख रहे होंगे इसलिए आपको बातचीत करते समय सावधान रहना होगा और अपने खानपान पर भी नज़र बनाए रखनी होगी। इस समय इन जातकों को अपने छोटे भाई-बहनों के साथ बहस या विवादों में पड़ने से बचना होगा। वहीं, आर्थिक जीवन में आपको सोच-समझकर आगे बढ़ना होगा।
उपाय: ट्रांसजेंडरों का सम्मान करें और संभव हो, तो उन्हें हरे रंग के कपड़े दान करें।
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध ग्रह आपके दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके सातवें भाव में अस्त होने जा रहे हैं। बुध वृश्चिक राशि में अस्त होने से आपके और पार्टनर के बीच अहंकार की वजह से मतभेद या विवाद हो सकते हैं जिसका असर आप दोनों के आपसी तालमेल पर पड़ सकता है। ऐसे में, आपको साथी के साथ रिश्ते को बेहतर बनाने के लिए अहंकार को नज़रअंदाज़ करने की सलाह दी जाती है। साथ ही, इन जातकों के प्रेम जीवन या शादीशुदा जीवन में आपकी माता हस्तक्षेप कर सकती है और इसका असर आपके रिश्ते पर दिखाई दे सकता है या फिर घर-परिवार की जिम्मेदारियों के प्रति समर्पित होने की वजह से आप अपने साथी के साथ-साथ बच्चों की भावनाओं को नज़रअंदाज़ कर सकते हैं। इसके परिणामस्वरूप, आपके परिवारिक जीवन में समस्याएं जन्म ले सकती हैं। इन सभी समस्याओं के समाधान के लिए आपको परिवार के सदस्यों से बात करनी होगी और साथ ही, उनके साथ समय बिताना होगा। लेकिन, आपको कठोर वाणी और अपशब्दों का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।
उपाय: भगवान गणेश की पूजा करें और उन्हें दूर्वा अर्पित करें।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध देव आपके लग्न भाव और चौथे भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके छठे भाव में अस्त होने जा रहे हैं। इसके फलस्वरूप, आपको विवादों का सामना करना पड़ सकता है और आप किसी रहस्य को लेकर सजग रहेंगे। इस दौरान आपके भीतर अहंकार में बढ़ोतरी होगी और इसकी झलक आपकी बातों में भी दिखाई दे सकती है। बुध के अस्त होने से यह जातक अपने भाई-बहनों के साथ या फिर उनकी वजह से कोर्ट-कचहरी के विवादों में पड़ सकते हैं।
ऐसे में, आपकी छवि ख़राब हो सकती है और दूसरे आपके मतलबी समझ सकते हैं। इस दौरान आपका पारिवारिक जीवन भी उतार-चढाव से भरा रह सकता है और आपकी माता का स्वास्थ्य भी नाज़ुक रहने की आशंका है। इसके फलस्वरूप, इन जातकों को अपनी सेहत का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है क्योंकि आपको स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं इसलिए अपने सभी टेस्ट और चेकअप समय पर करवाएं।
उपाय: प्रतिदिन गाय को हरा चारा खिलाएं।
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कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों की कुंडली में बुध ग्रह बारहवें और तीसरे भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके पांचवें भाव में अस्त होने जा रहे हैं। ऐसे में, बुध वृश्चिक राशि में अस्त होकर आपके लिए मिश्रित परिणाम लेकर आएंगे। लेकिन, आपके लिए बुध की यह अवस्था कुछ क्षेत्रों में फलदायी भी रहेगी जैसे कि बारहवें भाव के स्वामी का अस्त होना आपके लिए अच्छा कहा जाएगा क्योंकि इस दौरान आपके खर्च नियंत्रण में आएंगे जो कि बचत करने के उद्देश्य से या फिर परिवार को खर्च कम करने के महत्व समझा कर संभव हो सकेगा।
इस अवधि में आपको बच्चों के साथ समय बिताना होगा। साथ ही, उनसे अच्छे से बात करने की सलाह दी जाती है क्योंकि इस बात की प्रबल संभावना है कि बुध की अस्त अवस्था में आपको उनके साथ रिश्ते में समस्याओं से जूझना पड़ सकता है। ऐसे में, इस तरह की मुश्किल परिस्थितियों से बाहर निकलने का एकमात्र रास्ता बातचीत ही होगा। दूसरी तरफ, इन लोगों को प्रेम जीवन में भी साथी के साथ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जैसे कि हमने आपको ऊपर बताया कि आपको अपने खर्चों पर नज़र बनाए रखनी होगी, परन्तु इसी समय आपके सामने अचानक से खर्चे आ सकते हैं। बुध वृश्चिक राशि में अस्त होने से पांचवें भाव से जुड़े क्षेत्रों जैसे कि शिक्षा, प्रेम और संतान आदि में आप धन निवेश करते हुए दिखाई दे सकते हैं।
उपाय: गरीब एवं जरूरतमंद छात्रों को किताबें दान करें।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए बुध देव आपके दूसरे और ग्यारहवें भाव के अधिपति देव हैं। अब यह आपके चौथे भाव में अस्त होने जा रहे हैं। इसके फलस्वरूप, बुध वृश्चिक राशि में अस्त होने से जातकों को इस अवधि में धन से जुड़े निर्णय लेने के प्रति सतर्क रहना होगा क्योंकि आपके आर्थिक जीवन को नियंत्रित करने वाले ग्रह बुध का अस्त होना आपके लिए शुभ नहीं कहा जा सकता है। इनकी अस्त अवस्था दर्शाती है कि इन लोगों को धन प्रबंधन से संबंधित समस्याएं परेशान कर सकती हैं फिर चाहे वह धन निवेश, बचत करने या फिर धन कमाने के संबंध में हो।
इस दौरान आपको अहंकार में वृद्धि, अति आत्मविश्वासी होना या गलतफ़हमी होने जैसी समस्याएं परेशान कर सकती हैं।
हालांकि, हम आपको बता चुके हैं कि बुध आपके चौथे भाव में अस्त हो रहे हैं और ऐसे में, आपका सारा धन और ध्यान दोनों ही चौथे भाव से जुड़े क्षेत्रों जैसे कि बिल्डिंग, घर को रेनोवेट करवाने, संपत्ति या वाहन खरीदने आदि में खर्च हो सकता है। आपके द्वारा लिया गया यह निर्णय चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। अगर आपकी कुंडली में कोई प्रतिकूल दशा चल रही है, तो आपके घर-परिवार में सदस्यों के साथ धन को लेकर बहस हो सकती है। इस प्रकार, आपको धन से संबंधित फैसले लेने के लिए अपनी माता की सलाह दी जाती है।
उपाय: प्रतिदिन तेल का दीपक जलाएं और तुलसी की पूजा करें।
कन्या राशि
कन्या राशि वालों के लिए बुध देव आपके पहले और दसवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके तीसरे भाव में अस्त होने जा रहे हैं। ऐसे में, बुध वृश्चिक राशि में अस्त होने की अवधि में आपकी सेहत नाज़ुक रह सकती है जिसका असर आपके पेशेवर जीवन पर दिखाई दे सकता है और आप पर काम का बोझ बढ़ सकता है। इसके फलस्वरूप, आपके स्वास्थ्य में और अधिक गिरावट देखने को मिल सकती है। ऐसे में, आपको निजी एवं पेशेवर जीवन में संतुलन बनाकर चलने में परेशानी का अनुभव हो सकता है इसलिए आपको समझने की जरूरत होगी कि यह अवधि उन कार्यों पर प्रयास करने के लिए ठीक नहीं है जिन्हें हासिल नहीं किया जा सकता है।
बुध की अस्त अवस्था में आप खुद को गहराई से जानने के लिए प्रयास करते हुए दिखाई देंगे। साथ ही, कन्या राशि वालों को इस अवधि में अपने संचार कौशल या संवाद करने की क्षमता पर भी ध्यान देना होगा क्योंकि आप दूसरों के सामने अपने विचारों को सही तरीके से नहीं रख पाएंगे। आपके भीतर अहंकार में वृद्धि हो सकती है जिसके चलते आप किसी बात को लेकर छोटे भाई-बहनों से असहमत नज़र आ सकते हैं इसलिए आपको उनसे बातचीत करते समय अहंकार से बचना होगा और उनकी बात भी सुननी होगी ताकि कठिन परिस्थितियों से बचा जा सकें।
उपाय: बुधवार के दिन चांदी या सोने की अंगूठी में 5-6 कैरेट का पन्ना जड़वा कर धारण करें।
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तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए बुध ग्रह आपके बारहवें और नौवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके दूसरे भाव में अस्त होने जा रहे हैं। बता दें कि बुध वृश्चिक राशि में अस्त आपके दूसरे भाव में हो रहे हैं और ऐसे में, इस दौरान आपको धर्म के लिए जीवन में से कुछ चीज़ों का त्याग करना होगा क्योंकि बारहवें भाव के स्वामी के रूप में बुध का आपके दूसरे भाव में अस्त होना जीवन में कुछ बड़ा पाने के लिए कुछ चीज़ों का त्याग करने की तरफ संकेत करता है। साथ ही, तुला राशि के लोगों को किसी से बात करते समय वाणी पर संयम रखने के साथ-साथ अपने शब्दों का इस्तेमाल बहुत सोच-समझकर करना होगा, अन्यथा आप किसी के दिल को ठेस पहुँचा सकते हैं इसलिए आपको विनम्र और मधुर बोलने की सलाह दी जाती है।
बुध की अस्त अवस्था में आपकी पिता के साथ बहस हो सकती है जिसकी वजह आपके बड़े भाई-बहन, आपका सामाजिक जीवन या फिर आपके द्वारा किया गया निवेश का फैसला हो सकता है। दूसरी तरफ, आप परिवार के साथ किसी धार्मिक कार्यक्रम को आयोजित कर सकते हैं जिससे आपका रिश्ता उनके साथ मजबूत होगा। साथ ही, इस दौरान आपको अपने दांतों और शारीरिक साफ़-सफाई का ध्यान रखना होगा जो अच्छे स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी होता है। अगर आप ऐसा नहीं करेंगे, तो आपको मुंह और दांतों से जुड़ी समस्याएं घेर सकती हैं।
उपाय: प्रतिदिन तुलसी को जल दें और रोज़ाना तुलसी की एक पत्ती का सेवन करें।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध महाराज आपकी कुंडली में ग्यारहवें और आठवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके लग्न/पहले भाव में अस्त होने जा रहे हैं। आठवें भाव के स्वामी के रूप में बुध की अस्त अवस्था को आपके लिए फलदायी कहा जाएगा क्योंकि यह आपके जीवन में चल रही अनिश्चितताओं को नियंत्रित करने में मदद करेगी। साथ ही, बुध महाराज के आपके लग्न भाव में उपस्थित होने की वजह से आप जिन भी समस्याओं का सामना कर रहे थे, अब वह दूर होंगी। इसके अलावा, ग्यारहवें भाव के स्वामी के अस्त होने से आपको पेशेवर जीवन में कड़ी मेहनत के बाद भी धन लाभ न होने की संभावना है। साथ ही, इस दौरान आपको किसी भी तरह का धन निवेश न करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, इन जातकों को अपनी सेहत को प्राथमिकता देनी होगी और अपनी ऊर्जा को नए स्तर पर ले जाने के साथ-साथ तंत्रिका तंत्र को आराम देना होगा। इसके परिणामस्वरूप, आपको अपने स्वास्थ्य पर काम करना होगा जो कि लंबे समय तक आपके लिए फलदायी रहेगा।
उपाय: भगवान गणेश की पूजा करें और उन्हें दूर्वा चढ़ाएं।
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धनु राशि
धनु राशि वालों के लिए आपकी कुंडली में बुध सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके बारहवें भाव में अस्त होने जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, बुध वृश्चिक राशि में अस्त होने से जो जातक अपने पेशेवर जीवन में बदलाव करने के बारे में सोच रहे हैं, उनके लिए अपने इस फैसले को कुछ समय के लिए टालना बेहतर साबित होगा क्योंकि इस समय को किसी भी तरह के बदलाव के लिए ठीक नहीं कहा जा सकता है। वहीं, जिन लोगों ने पहले से परिवर्तन का निर्णय ले लिया है, उनको नई नौकरी में तालमेल बिठाने में परेशानी का अनुभव हो सकता है क्योंकि आपको बॉस और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
हालांकि, धनु राशि वालों को इस अवधि में काम की वजह से विदेश जाने या किसी लंबी दूरी की यात्रा पर जाना पड़ सकता है, लेकिन आशंका है कि यह यात्रा आपके लिए लाभदायक नहीं रहेगी। जो जातक ट्रेवल से जुड़े क्षेत्रों में नौकरी करते हैं, उनके लिए बुध अस्त की अवधि सकारात्मक अवसर लेकर आएगी। बता दें कि इस समय को शादीशुदा जातकों के लिए अनुकूल नहीं कहा जाएगा क्योंकि आपके पार्टनर को स्वास्थ्य समस्याएं घेर सकती हैं इसलिए आपको उनकी सेहत का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, आपको अहंकार न करने की सलाह दी जाती है क्योंकि इसका असर साथी के साथ आपके रिश्ते पर पड़ सकता है।
उपाय: साबुत कद्दू को लेकर अपने माथे से लगाएं और फिर बहते हुए जल में प्रवाहित करें।
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए बुध महाराज आपके छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके ग्यारहवें भाव में अस्त होने जा रहे हैं। बुध वृश्चिक राशि में अस्त के दौरान आपको धन निवेश से जुड़े फैसले लेने से बचने की सलाह दी जाती है क्योंकि इस समय को आपके लिए ठीक नहीं कहा जा सकता है। नौवें भाव के स्वामी के अस्त होने से इस अवधि में आपको भाग्य का साथ न मिलने की संभावना है और ऐसे में, कुछ कठिन परिस्थितियों की वजह से आप भारी कर्ज़ में डूब सकते हैं। पांचवें भाव पर बुध ग्रह की दृष्टि होने के कारण इन जातकों को शेयर बाजार या सट्टेबाजी में धन निवेश करने से बचना होगा, अन्यथा आपको हानि हो सकती है।
मकर राशि के जो छात्र सरकारी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं या फिर किसी भी तरह की प्रतियोगिता में भाग लेने जा रहे हैं, उनकी शिक्षा के संबंध में यह समय मुश्किल रहने की आशंका है और आपको समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, इस राशि के जातकों को बुध अस्त के दौरान अपने पिता की सेहत पर भी ध्यान देना होगा। इसके अलावा, आपको पिता या गुरु के साथ किसी भी तरह की बहस या विवाद में पड़ने से बचने की सलाह दी जाती है। हालांकि, बात करें सकारात्मक पक्ष कि, तो अगर आपका कोई कोर्ट केस चल रहा है, तो उसे खत्म करने के लिए यह समय श्रेष्ठ रहेगा क्योंकि इस दौरान आप शत्रुओं पर हावी हो सकेंगे।
उपाय: छोटे बच्चों को हरे रंग की कोई वस्तु भेंट करें।
कुंभ राशि
कुंभ राशि वालों के लिए बुध देव आपके पांचवें व आठवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके दसवें भाव में अस्त होने जा रहे हैं। इसके फलस्वरूप, आठवें भाव के स्वामी का अस्त होने आपके लिए फलदायी कहा जाएगा क्योंकि यह आपके जीवन में चल रही अनिश्चितताओं को कम करने का काम करेंगे। लेकिन, ठीक इसी समय पांचवें भाव के स्वामी का अस्त होना जातकों के जीवन में अनेक तरह की समस्याएं पैदा कर सकता है, विशेष रूप से उन छात्रों के लिए जो काम करके अपनी पढ़ाई का खर्च खुद उठा रहे हैं क्योंकि इस बात की प्रबल संभावना है कि कार्यक्षेत्र में आप पर काम का बोझ बढ़ने से आपको पढ़ाई में समस्याओं से दो-चार होना पड़ सकता है या फिर जो छात्र किसी तरह की परीक्षा या फिर एंट्रेंस टेस्ट की तैयारी में जुटे हैं, उनके लिए पढ़ाई और नौकरी के बीच संतुलन बनाकर चलना मुश्किल हो सकता है।
वहीं, कुंभ राशि के प्रेमी जोड़ों को भी अपने रिश्ते में उतार-चढ़ावों से जूझना पड़ सकता है जिसकी वजह आपके पेशेवर जीवन की जिम्मेदारियां और शादी का बढ़ता दबाव हो सकता है। बुध वृश्चिक राशि में मार्गी के दौरान इस राशि के माता-पिता को अपनी संतान पर ध्यान देने की सलाह दी जाती है क्योंकि आपके कामकाज में व्यस्त होने और शादीशुदा जीवन में चल रही समस्याओं का असर उन पर नकारात्मक रूप से पड़ सकता है इसलिए उनका ध्यान रखें।
उपाय: प्रतिदिन बुध ग्रह के बीज मंत्र का जाप करें।
मीन राशि
मीन राशि वालों के लिए बुध देव चौथे और सातवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके नौवें भाव में अस्त होने जा रहे हैं। बता दें कि मीन राशि के जातकों की ग्रह स्थिति दर्शा रही है कि हाल-फिलहाल में अपने करियर में बदलाव करने या फिर रोज़मर्रा के कामों में व्यस्त रहने की वजह से आप अपने पारिवारिक जीवन पर ध्यान नहीं दे पाएंगे। ऐसे में, यह आपके वैवाहिक जीवन में समस्याओं का कारण बन सकते हैं। मीन राशि के जो लोग विवाह बंधन में बंधने के बारे में सोच रहे हैं, उनके लिए इस समय को अनुकूल नहीं कहा जाएगा। ऐसे में, आपको विवाह के विचार को टालने की सलाह दी जाती है, अन्यथा आपको पार्टनर के साथ कुछ मतभेदों से दो-चार होना पड़ सकता है।
हालांकि, बुध का वृश्चिक राशि में गोचर मीन राशि वालों के लिए सौभाग्य लेकर आएगा, लेकिन इनके अस्त होने से अब बुध ग्रह आपको ज्यादा अच्छे परिणाम देने में समर्थ नहीं होंगे। साथ ही, इन लोगों को अपने पिता की सेहत का भी ध्यान रखना होगा। इसके अलावा, बुध वृश्चिक राशि में अस्त होने के दौरान आपको अपने पिता या गुरु के साथ बहस या वाद-विवाद करने से बचना होगा। हालांकि, इस अवधि को लंबी दूरी की यात्राओं के लिए शानदार कहा जाएगा और इस समय आप अच्छे कर्म करना चाहेंगे। इन जातकों का झुकाव अध्यात्म के प्रति होगा।
उपाय: प्रत्येक बुधवार गाय को हरा चारा खिलाएं।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. ज्योतिष में बुध का क्या महत्व है?
ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि, तर्क और वाणी के कारक ग्रह माना जाता है।
2. वृश्चिक राशि में बुध कब अस्त होंगे?
बुध देव 30 नवंबर 2024 को वृश्चिक राशि में अस्त हो जाएंगे।
3. ग्रह के अस्त होने पर क्या होता है?
जब कोई ग्रह अस्त होता है, तो वह अधिकतर सकारात्मक परिणाम देने में असमर्थ रहता है।