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कर्क राशि पर साढ़े साती: 2024, 2025 - 2116

नोट: नीचे दिए गए टेबल में कर्क राशि पर शनि की साढ़े साती साल 1998 से 2116 तक दिखाई गयी हैं। इसमें कर्क राशि के लिए वर्ष 2024, 2025 और 2026 की साढ़े साती भी शामिल हैं।

जन्म राशि: कर्क

क्रम संख्या साढे साती/ पनौती शनि राशि आरंभ तिथि समाप्ति तिथि चरण
1 साढ़े साती मिथुन मंगलवार, जुलाई 23, 2002 बुधवार, जनवरी 8, 2003 उदय
2 साढ़े साती मिथुन मंगलवार, अप्रैल 8, 2003 रविवार, सितम्बर 5, 2004 उदय
3 साढ़े साती कर्क सोमवार, सितम्बर 6, 2004 गुरुवार, जनवरी 13, 2005 शिखर
4 साढ़े साती मिथुन शुक्रवार, जनवरी 14, 2005 बुधवार, मई 25, 2005 उदय
5 साढ़े साती कर्क गुरुवार, मई 26, 2005 मंगलवार, अक्टूबर 31, 2006 शिखर
6 साढ़े साती सिंह बुधवार, नवम्बर 1, 2006 बुधवार, जनवरी 10, 2007 अस्त
7 साढ़े साती कर्क गुरुवार, जनवरी 11, 2007 रविवार, जुलाई 15, 2007 शिखर
8 साढ़े साती सिंह सोमवार, जुलाई 16, 2007 बुधवार, सितम्बर 9, 2009 अस्त
9 छोटी पनौती तुला मंगलवार, नवम्बर 15, 2011 मंगलवार, मई 15, 2012
10 छोटी पनौती तुला शनिवार, अगस्त 4, 2012 रविवार, नवम्बर 2, 2014
11 छोटी पनौती कुम्भ शुक्रवार, अप्रैल 29, 2022 मंगलवार, जुलाई 12, 2022
12 छोटी पनौती कुम्भ बुधवार, जनवरी 18, 2023 शनिवार, मार्च 29, 2025
13 साढ़े साती मिथुन सोमवार, मई 31, 2032 बुधवार, जुलाई 12, 2034 उदय
14 साढ़े साती कर्क गुरुवार, जुलाई 13, 2034 बुधवार, अगस्त 27, 2036 शिखर
15 साढ़े साती सिंह गुरुवार, अगस्त 28, 2036 शुक्रवार, अक्टूबर 22, 2038 अस्त
16 साढ़े साती सिंह बुधवार, अप्रैल 6, 2039 मंगलवार, जुलाई 12, 2039 अस्त
17 छोटी पनौती तुला सोमवार, जनवरी 28, 2041 मंगलवार, फ़रवरी 5, 2041
18 छोटी पनौती तुला गुरुवार, सितम्बर 26, 2041 शुक्रवार, दिसम्बर 11, 2043
19 छोटी पनौती तुला गुरुवार, जून 23, 2044 सोमवार, अगस्त 29, 2044
20 छोटी पनौती कुम्भ रविवार, फ़रवरी 25, 2052 गुरुवार, मई 14, 2054
21 छोटी पनौती कुम्भ बुधवार, सितम्बर 2, 2054 शुक्रवार, फ़रवरी 5, 2055
22 साढ़े साती मिथुन सोमवार, जुलाई 11, 2061 सोमवार, फ़रवरी 13, 2062 उदय
23 साढ़े साती मिथुन मंगलवार, मार्च 7, 2062 गुरुवार, अगस्त 23, 2063 उदय
24 साढ़े साती कर्क शुक्रवार, अगस्त 24, 2063 मंगलवार, फ़रवरी 5, 2064 शिखर
25 साढ़े साती मिथुन बुधवार, फ़रवरी 6, 2064 शुक्रवार, मई 9, 2064 उदय
26 साढ़े साती कर्क शनिवार, मई 10, 2064 सोमवार, अक्टूबर 12, 2065 शिखर
27 साढ़े साती सिंह मंगलवार, अक्टूबर 13, 2065 बुधवार, फ़रवरी 3, 2066 अस्त
28 साढ़े साती कर्क गुरुवार, फ़रवरी 4, 2066 शुक्रवार, जुलाई 2, 2066 शिखर
29 साढ़े साती सिंह शनिवार, जुलाई 3, 2066 बुधवार, अगस्त 29, 2068 अस्त
30 छोटी पनौती तुला बुधवार, नवम्बर 5, 2070 रविवार, फ़रवरी 5, 2073
31 छोटी पनौती तुला शुक्रवार, मार्च 31, 2073 सोमवार, अक्टूबर 23, 2073
32 छोटी पनौती कुम्भ शनिवार, अप्रैल 12, 2081 शनिवार, अगस्त 2, 2081
33 छोटी पनौती कुम्भ बुधवार, जनवरी 7, 2082 रविवार, मार्च 19, 2084
34 साढ़े साती मिथुन मंगलवार, सितम्बर 19, 2090 मंगलवार, अक्टूबर 24, 2090 उदय
35 साढ़े साती मिथुन सोमवार, मई 21, 2091 गुरुवार, जुलाई 2, 2093 उदय
36 साढ़े साती कर्क शुक्रवार, जुलाई 3, 2093 गुरुवार, अगस्त 18, 2095 शिखर
37 साढ़े साती सिंह शुक्रवार, अगस्त 19, 2095 शुक्रवार, अक्टूबर 11, 2097 अस्त
38 साढ़े साती सिंह शनिवार, मई 3, 2098 गुरुवार, जून 19, 2098 अस्त
39 छोटी पनौती तुला शनिवार, दिसम्बर 26, 2099 बुधवार, मार्च 17, 2100
40 छोटी पनौती तुला शुक्रवार, सितम्बर 17, 2100 शनिवार, दिसम्बर 2, 2102
41 छोटी पनौती कुम्भ मंगलवार, फ़रवरी 17, 2111 मंगलवार, मई 2, 2113
42 छोटी पनौती कुम्भ शुक्रवार, सितम्बर 22, 2113 गुरुवार, जनवरी 25, 2114

शनि साढे साती : उदय चरण

यह शनि साढ़े साती का आरम्भिक दौर है। इस दौरान शनि चन्द्र से बारहवें भाव में स्थित होगा। आम तौर पर यह आर्थिक हानि, छुपे हुए शत्रुओं से नुक़सान, नुरुद्देश्य यात्रा, विवाद और निर्धनता को दर्शाता है। इस कालखण्ड में आपको गुप्त शत्रुओं द्वारा पैदा की हुई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। सहकर्मियों से संबंध अच्छे नहीं रहेंगे और वे आपके कार्यक्षेत्र में बाधाएँ खड़ी कर सकते हैं। घरेलू मामलों में भी आपको चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जिसके चलते तनाव और दबाव की स्थिति पैदा होगी। आपको अपने ख़र्चों पर नियन्त्रण करने की आवश्यकता है, अन्यथा आप अधिक बड़े आर्थिक संकट में फँस सकते हैं। इस दौरान लम्बी दूरी की यात्राएँ फलदायी नहीं रहेंगी। शनि का स्वभाव विलम्ब और तनाव पैदा करने का है। हालाँकि अन्ततः आपको परिणाम ज़रूर मिलेगा। इसलिए धैर्य रखें और सही समय की प्रतीक्षा करें। इस दौर को सीखने का समय समझें और कड़ी मेहनत करें, परिस्थितियाँ स्वतः सही होती चली जाएंगी। इस समय व्यवसाय में कोई भी बड़ा ख़तरा या चुनौती न मोल लें।

शनि साढे साती: शिखर चरण

यह शनि साढ़े साती का चरम है। प्रायः यह दौर सबसे मुश्किल होता है। इस समय चन्द्र पर गोचर करता हुआ शनि स्वास्थ्य-संबंधी समस्या, चरित्र-हनन की कोशिश, रिश्तों में दरार, मानसिक अशान्ति और दुःख की ओर संकेत करता है। इस दौरान आप सफलता पाने में कठिनाई महसूस करेंगे। आपको अपनी कड़ी मेहनत का परिणाम नहीं मिलेगा और ख़ुद को बंधा हुआ अनुभव करेंगे। आपकी सेहत और प्रतिरक्षा-तन्त्र पर्याप्त सशक्त नहीं होंगे। क्योंकि पहला भाव स्वास्थ्य को दर्शाता है इसलिए आपको नियमित व्यायाम और अपनी सेहत का ख़ास ख़याल रखने की ज़रूरत है, नहीं तो आप संक्रामक रोगों की चपेट में आ सकते हैं। साथ ही आपको मानसिक अवसाद और अज्ञात भय या फ़ोबिया आदि का सामना भी करना पड़ सकता है। संभव है कि इस काल-खण्ड में आपकी सोच, कार्य और निर्णय करने की क्षमता में स्पष्टता का अभाव रहे। संतोषपूर्वक परिस्थितियों को स्वीकार करना और मूलभूत काम ठीक तरह से करना आपको इस संकट की घड़ी से निकाल सकता है।

शनि साढे साती: अस्त चरण

यह शनि साढ़े साती का अन्तिम चरण है। इस समय शनि चन्द्र से दूसरे भाव में गोचर कर रहा होगा, जो व्यक्तिगत और वित्तीय मोर्चे पर कठिनाइयों को इंगित करता है। साढ़े साती के दो मुश्किल चरणों से गुज़रने के बाद आप कुछ राहत महसूस करने लगेंगे। फिर भी इस दौरान ग़लतफ़हमी आर्थिक दबाव देखा जा सकता है। व्यय में वृद्धि होगी और आपको इसपर लगाम लगाने की अब भी ज़रूरत है। अचानक हुई आर्थिक हानि और चोरी की संभावना को भी इस दौरान नहीं नकारा जा सकता है। आपकी सोच नकारात्मक हो सकती है। आपको उत्साह के साथ परिस्थितियों का सामना करना चाहिए। आपको व्यक्तिगत और पारिवारिक तौर पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है, नहीं तो बड़ी परेशानियाँ पैदा हो सकती हैं। विद्यार्थियों के लिए पढ़ाई-लिखाई पर थोड़ा नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और उन्हें पिछले स्तर पर बने रहने के लिए अधिक परिश्रम की ज़रूरत होगी। परिणाम धीरे-धीरे और प्रायः हमेशा विलम्ब से प्राप्त होंगे। यह काल-खण्ड ख़तरे को भी दर्शाता है, अतः गाड़ी चलाते समय विशेष सावधानी अपेक्षित है। यदि संभव हो तो मांसाहार और मदिरापान से दूर रहकर शनि को प्रसन्न रखें। यदि आप समझदारी से काम लेंगे, तो घरेलू व आर्थिक मामलों में आने वाली परेशानियों को भली-भांति हल करने में सफल रहेंगे।

नोट: उपर्युक्त भविष्यवाणियाँ सामान्य प्रकृति की हैं और आम धारणाओं पर आधारित हैं, जिसके अनुसार साढ़े साती अनिष्टकारक होती है। किन्तु हमारे अनुभव के अनुसार प्रत्येक स्थिति में ऐसा नहीं होता है और हम पाठकों से यह आलेख पढ़ने का अनुरोध करते हैं। सिर्फ़ साढ़े साती के आधार पर कोई भी निष्कर्ष निकालना सही नहीं है और उसके ग़लत होने की काफ़ी संभावना रहती है। साढ़े साती की अवधि अच्छी रहेगी या बुरी, यह तय करने से पहले कुछ अन्य चीज़ों जैसे वर्तमान में चल रही दशा और शनि के स्वभाव आदि के विश्लेषण की भी आवश्यकता होती है। आपको सलाह दी जाती है कि उपर्युक्त फलकथन को गंभीरता से न लें और यदि आपके मन में कुछ शंका है, तो किसी अच्छे ज्योतिषी से परामर्श लें।

उपाय

  • शनि मंत्र: ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः। (40 दिनों में 19000 बार)
  • शनि दान: शनिवार को भैंस या काले तिल का दान करें
  • शनि के लिए व्रत: शनिवार को उपवास रखें
  • शनि पूजा: हनुमान जी की पूजा करें
  • शनि रुद्राक्ष: 14 मुखी रूद्राक्ष पहनें
  • शनि जड़ी: धतूरे के जड़
  • शनि रत्न: नीलम

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