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वृष राशि पर साढ़े साती: 2024, 2025 - 2116

नोट: नीचे दिए गए टेबल में वृष राशि पर शनि की साढ़े साती साल 1998 से 2116 तक दिखाई गयी हैं। इसमें वृष राशि के लिए वर्ष 2024, 2025 और 2026 की साढ़े साती भी शामिल हैं।

जन्म राशि: वृष

क्रम संख्या साढे साती/ पनौती शनि राशि आरंभ तिथि समाप्ति तिथि चरण
1 साढ़े साती मेष शनिवार, अप्रैल 18, 1998 मंगलवार, जून 6, 2000 उदय
2 साढ़े साती वृष बुधवार, जून 7, 2000 सोमवार, जुलाई 22, 2002 शिखर
3 साढ़े साती मिथुन मंगलवार, जुलाई 23, 2002 बुधवार, जनवरी 8, 2003 अस्त
4 साढ़े साती वृष गुरुवार, जनवरी 9, 2003 सोमवार, अप्रैल 7, 2003 शिखर
5 साढ़े साती मिथुन मंगलवार, अप्रैल 8, 2003 रविवार, सितम्बर 5, 2004 अस्त
6 साढ़े साती मिथुन शुक्रवार, जनवरी 14, 2005 बुधवार, मई 25, 2005 अस्त
7 छोटी पनौती सिंह बुधवार, नवम्बर 1, 2006 बुधवार, जनवरी 10, 2007
8 छोटी पनौती सिंह सोमवार, जुलाई 16, 2007 बुधवार, सितम्बर 9, 2009
9 छोटी पनौती धनु शुक्रवार, जनवरी 27, 2017 मंगलवार, जून 20, 2017
10 छोटी पनौती धनु शुक्रवार, अक्टूबर 27, 2017 गुरुवार, जनवरी 23, 2020
11 साढ़े साती मेष गुरुवार, जून 3, 2027 मंगलवार, अक्टूबर 19, 2027 उदय
12 साढ़े साती मेष गुरुवार, फ़रवरी 24, 2028 मंगलवार, अगस्त 7, 2029 उदय
13 साढ़े साती वृष बुधवार, अगस्त 8, 2029 शुक्रवार, अक्टूबर 5, 2029 शिखर
14 साढ़े साती मेष शनिवार, अक्टूबर 6, 2029 मंगलवार, अप्रैल 16, 2030 उदय
15 साढ़े साती वृष बुधवार, अप्रैल 17, 2030 रविवार, मई 30, 2032 शिखर
16 साढ़े साती मिथुन सोमवार, मई 31, 2032 बुधवार, जुलाई 12, 2034 अस्त
17 छोटी पनौती सिंह गुरुवार, अगस्त 28, 2036 शुक्रवार, अक्टूबर 22, 2038
18 छोटी पनौती सिंह बुधवार, अप्रैल 6, 2039 मंगलवार, जुलाई 12, 2039
19 छोटी पनौती धनु शनिवार, दिसम्बर 8, 2046 शनिवार, मार्च 6, 2049
20 छोटी पनौती धनु शनिवार, जुलाई 10, 2049 शुक्रवार, दिसम्बर 3, 2049
21 साढ़े साती मेष शनिवार, अप्रैल 7, 2057 मंगलवार, मई 27, 2059 उदय
22 साढ़े साती वृष बुधवार, मई 28, 2059 रविवार, जुलाई 10, 2061 शिखर
23 साढ़े साती मिथुन सोमवार, जुलाई 11, 2061 सोमवार, फ़रवरी 13, 2062 अस्त
24 साढ़े साती वृष मंगलवार, फ़रवरी 14, 2062 सोमवार, मार्च 6, 2062 शिखर
25 साढ़े साती मिथुन मंगलवार, मार्च 7, 2062 गुरुवार, अगस्त 23, 2063 अस्त
26 साढ़े साती मिथुन बुधवार, फ़रवरी 6, 2064 शुक्रवार, मई 9, 2064 अस्त
27 छोटी पनौती सिंह मंगलवार, अक्टूबर 13, 2065 बुधवार, फ़रवरी 3, 2066
28 छोटी पनौती सिंह शनिवार, जुलाई 3, 2066 बुधवार, अगस्त 29, 2068
29 छोटी पनौती धनु शुक्रवार, जनवरी 17, 2076 शुक्रवार, जुलाई 10, 2076
30 छोटी पनौती धनु सोमवार, अक्टूबर 12, 2076 शनिवार, जनवरी 14, 2079
31 साढ़े साती मेष बुधवार, मई 22, 2086 शनिवार, नवम्बर 9, 2086 उदय
32 साढ़े साती मेष शनिवार, फ़रवरी 8, 2087 शनिवार, जुलाई 17, 2088 उदय
33 साढ़े साती वृष रविवार, जुलाई 18, 2088 शनिवार, अक्टूबर 30, 2088 शिखर
34 साढ़े साती मेष रविवार, अक्टूबर 31, 2088 मंगलवार, अप्रैल 5, 2089 उदय
35 साढ़े साती वृष बुधवार, अप्रैल 6, 2089 सोमवार, सितम्बर 18, 2090 शिखर
36 साढ़े साती मिथुन मंगलवार, सितम्बर 19, 2090 मंगलवार, अक्टूबर 24, 2090 अस्त
37 साढ़े साती वृष बुधवार, अक्टूबर 25, 2090 रविवार, मई 20, 2091 शिखर
38 साढ़े साती मिथुन सोमवार, मई 21, 2091 गुरुवार, जुलाई 2, 2093 अस्त
39 छोटी पनौती सिंह शुक्रवार, अगस्त 19, 2095 शुक्रवार, अक्टूबर 11, 2097
40 छोटी पनौती सिंह शनिवार, मई 3, 2098 गुरुवार, जून 19, 2098
41 छोटी पनौती धनु सोमवार, नवम्बर 30, 2105 शुक्रवार, फ़रवरी 24, 2108
42 छोटी पनौती धनु रविवार, जुलाई 29, 2108 गुरुवार, नवम्बर 22, 2108
43 साढ़े साती मेष सोमवार, मार्च 30, 2116 बुधवार, मई 18, 2118 उदय

शनि साढे साती : उदय चरण

यह शनि साढ़े साती का आरम्भिक दौर है। इस दौरान शनि चन्द्र से बारहवें भाव में स्थित होगा। आम तौर पर यह आर्थिक हानि, छुपे हुए शत्रुओं से नुक़सान, नुरुद्देश्य यात्रा, विवाद और निर्धनता को दर्शाता है। इस कालखण्ड में आपको गुप्त शत्रुओं द्वारा पैदा की हुई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। सहकर्मियों से संबंध अच्छे नहीं रहेंगे और वे आपके कार्यक्षेत्र में बाधाएँ खड़ी कर सकते हैं। घरेलू मामलों में भी आपको चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जिसके चलते तनाव और दबाव की स्थिति पैदा होगी। आपको अपने ख़र्चों पर नियन्त्रण करने की आवश्यकता है, अन्यथा आप अधिक बड़े आर्थिक संकट में फँस सकते हैं। इस दौरान लम्बी दूरी की यात्राएँ फलदायी नहीं रहेंगी। शनि का स्वभाव विलम्ब और तनाव पैदा करने का है। हालाँकि अन्ततः आपको परिणाम ज़रूर मिलेगा। इसलिए धैर्य रखें और सही समय की प्रतीक्षा करें। इस दौर को सीखने का समय समझें और कड़ी मेहनत करें, परिस्थितियाँ स्वतः सही होती चली जाएंगी। इस समय व्यवसाय में कोई भी बड़ा ख़तरा या चुनौती न मोल लें।

शनि साढे साती: शिखर चरण

यह शनि साढ़े साती का चरम है। प्रायः यह दौर सबसे मुश्किल होता है। इस समय चन्द्र पर गोचर करता हुआ शनि स्वास्थ्य-संबंधी समस्या, चरित्र-हनन की कोशिश, रिश्तों में दरार, मानसिक अशान्ति और दुःख की ओर संकेत करता है। इस दौरान आप सफलता पाने में कठिनाई महसूस करेंगे। आपको अपनी कड़ी मेहनत का परिणाम नहीं मिलेगा और ख़ुद को बंधा हुआ अनुभव करेंगे। आपकी सेहत और प्रतिरक्षा-तन्त्र पर्याप्त सशक्त नहीं होंगे। क्योंकि पहला भाव स्वास्थ्य को दर्शाता है इसलिए आपको नियमित व्यायाम और अपनी सेहत का ख़ास ख़याल रखने की ज़रूरत है, नहीं तो आप संक्रामक रोगों की चपेट में आ सकते हैं। साथ ही आपको मानसिक अवसाद और अज्ञात भय या फ़ोबिया आदि का सामना भी करना पड़ सकता है। संभव है कि इस काल-खण्ड में आपकी सोच, कार्य और निर्णय करने की क्षमता में स्पष्टता का अभाव रहे। संतोषपूर्वक परिस्थितियों को स्वीकार करना और मूलभूत काम ठीक तरह से करना आपको इस संकट की घड़ी से निकाल सकता है।

शनि साढे साती: अस्त चरण

यह शनि साढ़े साती का अन्तिम चरण है। इस समय शनि चन्द्र से दूसरे भाव में गोचर कर रहा होगा, जो व्यक्तिगत और वित्तीय मोर्चे पर कठिनाइयों को इंगित करता है। साढ़े साती के दो मुश्किल चरणों से गुज़रने के बाद आप कुछ राहत महसूस करने लगेंगे। फिर भी इस दौरान ग़लतफ़हमी आर्थिक दबाव देखा जा सकता है। व्यय में वृद्धि होगी और आपको इसपर लगाम लगाने की अब भी ज़रूरत है। अचानक हुई आर्थिक हानि और चोरी की संभावना को भी इस दौरान नहीं नकारा जा सकता है। आपकी सोच नकारात्मक हो सकती है। आपको उत्साह के साथ परिस्थितियों का सामना करना चाहिए। आपको व्यक्तिगत और पारिवारिक तौर पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है, नहीं तो बड़ी परेशानियाँ पैदा हो सकती हैं। विद्यार्थियों के लिए पढ़ाई-लिखाई पर थोड़ा नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और उन्हें पिछले स्तर पर बने रहने के लिए अधिक परिश्रम की ज़रूरत होगी। परिणाम धीरे-धीरे और प्रायः हमेशा विलम्ब से प्राप्त होंगे। यह काल-खण्ड ख़तरे को भी दर्शाता है, अतः गाड़ी चलाते समय विशेष सावधानी अपेक्षित है। यदि संभव हो तो मांसाहार और मदिरापान से दूर रहकर शनि को प्रसन्न रखें। यदि आप समझदारी से काम लेंगे, तो घरेलू व आर्थिक मामलों में आने वाली परेशानियों को भली-भांति हल करने में सफल रहेंगे।

नोट: उपर्युक्त भविष्यवाणियाँ सामान्य प्रकृति की हैं और आम धारणाओं पर आधारित हैं, जिसके अनुसार साढ़े साती अनिष्टकारक होती है। किन्तु हमारे अनुभव के अनुसार प्रत्येक स्थिति में ऐसा नहीं होता है और हम पाठकों से यह आलेख पढ़ने का अनुरोध करते हैं। सिर्फ़ साढ़े साती के आधार पर कोई भी निष्कर्ष निकालना सही नहीं है और उसके ग़लत होने की काफ़ी संभावना रहती है। साढ़े साती की अवधि अच्छी रहेगी या बुरी, यह तय करने से पहले कुछ अन्य चीज़ों जैसे वर्तमान में चल रही दशा और शनि के स्वभाव आदि के विश्लेषण की भी आवश्यकता होती है। आपको सलाह दी जाती है कि उपर्युक्त फलकथन को गंभीरता से न लें और यदि आपके मन में कुछ शंका है, तो किसी अच्छे ज्योतिषी से परामर्श लें।

उपाय

  • शनि मंत्र: ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः। (40 दिनों में 19000 बार)
  • शनि दान: शनिवार को भैंस या काले तिल का दान करें
  • शनि के लिए व्रत: शनिवार को उपवास रखें
  • शनि पूजा: हनुमान जी की पूजा करें
  • शनि रुद्राक्ष: 14 मुखी रूद्राक्ष पहनें
  • शनि जड़ी: धतूरे के जड़
  • शनि रत्न: नीलम

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