बुध का वृषभ राशि में गोचर (23 मई, 2025)
बुध का वृषभ राशि में गोचर: 23 मई, 2025 को बुद्धि के कारक ग्रह बुध वृषभ राशि में गोचर करने जा रहे हैं जिससे सभी 12 राशियों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलेंगे। वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को ग्रहों का राजकुमार बताया गया है जो कि बुद्धि, तर्क करने की क्षमता और संचार का कारक हैं। इस ग्रह का कन्या एवं मिथुन राशि पर स्वामित्व एवं बुध ग्रह वाणी, संचार, याद्दाश्त, सीखने की क्षमता और संचार उपकरणों को नियंत्रित करते हैं। बुध संचार, लेखन, वित्त, व्यवसाय, ह्यूमर और मीडिया के सभी प्रकारों का कारक हैं।

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बुध का वृषभ राशि में गोचर:राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
मेष राशि के दूसरे भाव में बुध का गोचर होने जा रहा है। हालांकि, बुध के लग्नेश के साथ संबंध होने और आपके तीसरे एवं छठे भाव के स्वामी होने की वजह से मेष राशि के लिए बुध को लाभकारी ग्रह नहीं माना जाता है। इसके बावजूद, बुध का वृषभ राशि में गोचर होने के दौरान मेष राशि वालों को अनुकूल परिणाम प्राप्त होंगे।
आपके आसपास का माहौल खुशनुमा रहेगा और आपको अपने परिवार का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा। इसके अलावा इस गोचर के दौरान आपके लंबे समय से चले आ रहे पारिवारिक विवाद भी सुलझ सकते हैं। इससे परिवार के सदस्यों के बीच मेलजोल और एकता की भावना और मजबूत होगी। इस गोचर के दौरान मेष राशि वाले सोशल मीडिया पर अधिक सक्रिय रहेंगे और कई लोगों से बात करेंगे। वित्त के मामले में यह अनुकूल समय है। आपके लिए धन कमाने और वित्तीय स्थिति में सुधार आने की संभावनाएं बनी हुई हैं।
यह समयावधि खासतौर पर व्यवसाय करने वाले जातकों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी। आप अपने व्यापार में उन्नति करेंगे और आपको मुनाफा कमाने के पर्याप्त अवसर मिलने वाले हैं।
उपाय: नियमित रूप से गणेश चालीसा का पाठ करें।
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वृषभ राशि
वृषभ राशि के लग्न भाव में बुध का यह गोचर होने जा रहा है। बुध इस राशि के दूसरे और पांचवे भाव के स्वामी हैं। इस समय वृषभ राशि वाले जातकों को विशेष रूप से वित्तीय मामलों को लेकर कई तरह की परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। बुध का वृषभ राशि में गोचर आपकी आर्थिक स्थिति के लिए अनुकूल नहीं लग रहा है। खर्चों में बढ़ोतरी होने की वजह से आपके ऊपर आर्थिक दबाव बढ़ सकता है और शादीशुदा जातकों को अपने पार्टनर के साथ असहमति होने की वजह से वित्तीय नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।
इसकी वजह से आपको अनावश्यक और फिज़ूलखर्चों से बचने की सलाह दी जाती है क्योंकि ये आपकी स्थिति को और ज्यादा खराब कर सकते हैं। हालांकि, निजी जीवन में वृषभ राशि के लोगों को इस समयावधि में शांति और संतुष्टि का एहसास होगा। सेहत की बात करें, तो आपको किसी पुरानी बीमारी या स्वास्थ्य समस्या से मुक्ति मिल सकती है और आप शारीरिक रूप से पहले से ज्यादा फिट महसूस करेंगे।
सामाजिक स्तर पर आपको सकारात्मक परिणाम मिलेंगे। आपको अपने कार्यों से वह सम्मान प्राप्त होगा जिसके आप हकदार हैं। इसके अलावा आपको अपने समुदाय से मजबूत समर्थन प्राप्त होगा जिससे आप अधिक आशावादी बनेंगे। वैवाहिक जीवन की बात करें, तो आपको अपनी शादीशुदा जिंदगी में चल रही समस्याओं से राहत मिलने की संभावना है। पति-पत्नी एक-दूसरे को ज्यादा अच्छे से समझ पाएंगे, उनका रिश्ता मजबूत होगा और प्यार गहरा होगा।
उपाय: आप नियमित रूप से बुध के बीज मंत्र का जाप करें।
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मिथुन राशि
मिथुन राशि के लग्न और चौथे भाव के स्वामी बुध ग्रह अब इस राशि के बारहवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। बता दें कि कुंडली का बारहवां भाव विदेश यात्रा, खर्चों और मोक्ष का कारक होता है। बुध का वृषभ राशि में गोचर होने के दौरान मिथुन राशि के लोगों को अप्रत्याशित स्रोत से सहायता मिल सकती है। हालांकि, आपकी सेहत में गिरावट आने की आशंका है। अगर आपको पहले से ही कोई बीमारी या स्वास्थ्य समस्या है, तो आपको उससे संबंधित कोई परेशानी हो सकती है। इसलिए आपको इस समयावधि में अपनी सेहत पर अधिक ध्यान देने की ज़रूरत है।
इसके अलावा आपको अपने पुराने दोस्तों से फिर से जुड़ने का मौका मिल सकता है जिससे सोशल एक्टिविटीज़ पर खर्चा बढ़ सकता है। आप लंबे समय से अटके हुए अपने कार्यों को पूरा कर सकते हैं। हालांकि, आपको अपनी चीज़ों को लेकर सावधान रहना होगा क्योंकि लापरवाही की वजह से आपका सामान खो या गुम हो सकता है।
वित्त की बात करें, तो आपको सोच-समझकर पैसा खर्च करने और केवल ज़रूरी चीजों पर ही ध्यान केंद्रित करना चाहिए। जो जातक जुआ या जोखिम भरे वित्तीय कार्य करते हैं, उन्हें इस समय किसी भी तरह के अवैध लेन-देने से बचना चाहिए। रोमांटिक संबंधों के लिए यह समयावधि अनुकूल रहने वाली है। आपका अपने पार्टनर के साथ रिश्ता मज़बूत होगा।
उपाय: आप भगवान गणेश की पूजा करें और उन्हें दूर्वा अर्पित करें।
कर्क राशि
कर्क राशि के तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी बुध ग्रह हैं जो कि अब आपके ग्यारहवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। कुंडली का बारहवां भाव आय, दोस्ती, बड़े भाई-बहनों और जीवन में विभिन्न उपलब्धियों का कारक होता है। बुध का वृषभ राशि में गोचर आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगा क्योंकि बुध का मार्गी चाल चलना आपके भाग्य को बढ़ावा देगा।
वित्त की बात करें, तो बुध के प्रभाव से आपकी आमदनी में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिलेगी। इस दौरान आपकी सेहत में भी सुधार आने की उम्मीद है और आप सकारात्मक मानसिकता रखेंगे जिससे आपको तनाव को कम करने में मदद मिलेगी।
करियर की बात करें, तो इस समय आप अपने मन में जो भी काम करने की ठान लेंगे, उसे पूरा करने के लिए आपके पास दृढ़ संकल्प और ऊर्जा मौजूद होगी। इस समय आप जोश और उत्साह से भरपूर नज़र आएंगे जिससे आपकी उत्पादकता में भी वृद्धि होगी। पारिवारिक मामलों में आपको अपने प्रियजनों का सहयोग प्राप्त होगा। प्रेम संबंधों की बात करें, तो यह समयावधि विशेष रूप से कर्क राशि वालों के लिए अनुकूल रहने वाली है। जो जातक शादी के बारे में सोच रहे हैं, विवाह से संबंधित फैसले लेने के लिए यह समय उपयुक्त है।
उपाय: सोच-समझकर निवेश करें और दोस्तों के साथ समझदारी से काम लें।
सिंह राशि
सिंह राशि के दूसरे और ग्यारहवें भाव का स्वामी बुध ग्रह है जो कि आपके वित्त के लिए एक प्रमुख ग्रह माना जाता है। अब बुध का वृषभ राशि में गोचर होने के दौरान वह आपके दसवें भाव में रहेंगे जो कि कर्म भाव है। वैदिक ज्योतिष में इस भाव को करियर, प्रतिष्ठा, राजनीति और महत्वाकांक्षाओं का कारक माना जाता है। इस समय सिंह राशि के लोगों को सकारात्मक परिणाम मिलने की संभावना है।
चूंकि, बुध सिंह राशि के दसवें भाव में उपस्थित हैं इसलिए बुध का यह गोचर विशेष रूप से आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगा और आपको अपने करियर में प्रगति मिल सकती है। इस समय नौकरीपेशा जातक वेतन में वृद्धि एवं प्रमोशन के साथ पेशेवर विकास करेंगे। आपकी कड़ी मेहनत और समर्पण को पहचान मिलेगी एवं आपके सहकर्मी और वरिष्ठ अधिकारी आपकी सराहना करेंगे। आप अपने उच्च अधिकारियों और नियोक्ताओं का समर्थन पाने में सक्षम होंगे जिससे आपको अपने करियर में अधिक अवसर प्राप्त हो पाएंगे।
निजी जीवन में, शादीशुदा जातकों को संतान से संबंधित कोई अच्छी खबर मिल सकती है। इसके अलावा जो नवविवाहित जोड़े संतान प्राप्ति के बारे में सोच रहे हैं, उनके लिए भी यह समय अनुकूल रहने वाला है। स्वास्थ्य की बात करें, तो इस समय आप मानसिक रूप से शांत और स्वस्थ महसूस करेंगे जिससे आपको अपने निजी जीवन और करियर दोनों में ही संतुष्टि का एहसास होगा।
उपाय: आप अपने घर और ऑफिस में बुध यंत्र की स्थापना करें।
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कन्या राशि
कन्या राशि के लग्न और दसवें भाव के स्वामी बुध ग्रह हैं और अब बुध आपके नौवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। वैदिक ज्योतिष में नौवें भाव को भाग्य का भाव कहा जाता है जो आपकी किस्मत, गुरु, धर्म, यात्रा, तीर्थयात्रा और व्यक्तिगत मूल्यों को प्रभावित करता है।
बुध का वृषभ राशि में गोचर होने के दौरान कन्या राशि वालों को मिलेजुले परिणाम मिल सकते हैं। स्वास्थ्य की बात करें, तो इन्हें सावधानी रखने की ज़रूरत है। आप अपनी डाइट का ध्यान रखें और जितना हो सके स्वस्थ रहने के लिए घर का बना खाना ही खाएं। रोमांटिक जीवन की बात करें, तो यह गोचर आपके लिए सौहार्दपूर्ण रहेगा। आप अपने पार्टनर के साथ एक खूबसूरत रिश्ते का आनंद लेंगे। विवाहित जातकों के लिए भी अनुकूल समय है क्योंकि उन्हें एक-दूसरे के साथ अच्छा समय बिताने का मौका मिलेगा जिससे उनका रिश्ता मज़बूत होगा।
करियर की बात करें, तो बुध का नौवें भाव में होना विशेष रूप से शिक्षकों, ट्रेनर, वकीलों और काउंसलर के लिए लाभकारी रहने वाला है। इस समय इनकी दूसरों को प्रभावित करने की क्षमता बढ़ेगी। अपने परिवार के साथ कहीं घूमने-फिरने या तीर्थस्थल पर जाने के लिए भी अनुकूल समय है। चूंकि, बुध की आपके तीसरे भाव पर दृष्टि पड़ रही है इसलिए आपको इस समयावधि में अपने छोटे भाई-बहनों से मजबूत समर्थन मिल सकता है।
उपाय: आप बुधवार के दिन सोने या चांदी की अंगूठी में 5 से 6 कैरेट की पन्ना रत्न की अंगूठी पहनें। इससे आपको अनुकूल परिणाम प्राप्त होंगे।
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तुला राशि
तुला राशि के नौवें और बारहवें भाव के स्वामी बुध ग्रह हैं जो कि अब आपके आठवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। यह भाव दीर्घायु, आकस्मिक घटनाओं और रहस्यों का होता है। आपके भाग्य में कमी देखने को मिल सकती है। आपको तंत्रिका तंत्र और स्किन से संबंधित समस्याएं होने का खतरा है। कार्यक्षेत्र में अनिश्चतताओं और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही आपके अप्रत्याशित खर्चे भी हो सकते हैं।
हालांकि, रिसर्च करने, गूढ़ विज्ञान या ज्योतिषीय कार्यों के लिए यह समय बहुत अनुकूल रहने वाला है। बुध की नौवें भाव से आपके दूसरे घर पर दृष्टि पड़ रही है जिससे आपकी वाणी प्रभावशाली बनेगी। आप जो भी कहेंगे, लोगों पर उसका असर होगा। हालांकि, आपके जोक या ताना मारने की आदत अनजाने में किसी को आहत कर सकती है या परिवार के सदस्यों के बीच मनमुटाव हो सकता है।
बुध का वृषभ राशि में गोचर के दौरान आपको इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को लेकर अधिक सावधान रहने की ज़रूरत है क्योंकि आपको इंटरनेट या मोबाइल फोन से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा आपको इस समय निजी या पेशेवर मामलों को लेकर किसी पर भी आंख मूंदकर भरोसा नहीं करना चाहिए। किसी भी दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने से पहले उन्हें अच्छी तरह से पढ़ लें। कार्यक्षेत्र में सहकर्मियों का सहयोग न मिलने की वजह से आप किसी काम में अटका हुआ महसूस कर सकते हैं। इससे आपकी चुनौतियां बढ़ सकती हैं।
उपाय: किन्नरों का आदर करें और उन्हें हरे रंग के वस्त्र दें एवं उनका आशीर्वाद लें।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि बुध आपके आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और इस दौरान बुध आपके सातवें भाव में गोचर करेंगे। वैदिक ज्योतिष में सातवां भाव विवाह, जीवनसाथी और जीवन के विभिन्न पहलुओं में साझेदारी को दर्शाता है। इससे यह भाव रिश्तों के लिए अहम होता है।
बुध का वृषभ राशि में गोचर करने के दौरान वृश्चिक राशि वालों को अपने वैवाहिक जीवन में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। आपके अपने पार्टनर के साथ मतभेद हो सकते हैं जिससे तनाव होने के संकेत हैं और आपको अपने काम पर ध्यान देने में कठिनाई हो सकती है। आपको अपने गुस्से पर नियंत्रण रखने और धैर्य एवं समझदारी से निजी समस्याओं को सुलझाने की ज़रूरत है।
सकारात्मक बात करें, तो इस समय आपको अपने निजी जीवन में तालमेल का अनुभव हो सकता है। अगर आप शादी और अपने परिवार को बढ़ाने के बारे में सोच रहे हैं, तो इस समयावधि में आपको सफलता मिलेगी और आपके घर में आनंदमय माहौल रहेगा। हालांकि, आपके जीवनसाथी को कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए आपको कोई भी निर्णय लेने से पहले स्थिति को गहराई से समझने और बिना सच जाने, हर बात पर आंख मूंदकर भरोसा करने से बचने की आवश्यकता है।
उपाय: आप अपने बेडरूम में इंडोर प्लांट्स रखें और उनकी देखभाल करें।
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धनु राशि
धनु राशि के सातवें और दसवें भाव के स्वामी बुध ग्रह हैं जो कि अब आपके छठे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। वैदिक ज्योतिष में इस भाव को शत्रु भाव के रूप में जाना जाता है जो कि प्रतिद्वंदी, बीमारियों, दर्द, नौकरी, प्रतिस्पर्धा, इम्युनिटी, वैवाहिक अलगाव और कानूनी विवादों का कारक होता है।
छठे भाव में बुध की उपस्थिति के कारण आपको बुध का वृषभ राशि में गोचर के दौरान मिलेजुले परिणाम मिलने के संकेत हैं। नौकरी ढूंढ रहे जातकों को सफलता मिलने के योग हैं एवं नौकरीपेशा जातकों को अपनी मौजूदा नौकरी में प्रमोशन भी मिल सकता है। हालांकि, इस दौरान आपके लिए अपने खर्चों को नियंत्रित रखना ज़रूरी है। बेवजह के खर्चों से बचें क्योंकि अगर आप सावधान नहीं रहते हैं, तो आपको वित्तीय समस्याएं हो सकती हैं।
विवाहित जातकों को संतान से संबंधित कोई शुभ समाचार मिलने के योग हैं। इससे आपको खुशी और गर्व महसूस होगा। हालांकि, जीवनसाथी के साथ मतभेद होने या भावनात्मक दूरी आने के संकेत हैं। इसके अलावा इस समयावधि में आपको अपने रोमांटिक जीवन में कुछ चुनौतियों का सामना भी करना पड़ सकता है जिससे आपके रिश्ते में प्रतिकूल परिणाम मिल सकते हैं।
उपाय: आप नियमित रूप से गाय को हरा चारा खिलाएं।
मकर राशि
मकर राशि के छठे और नौवें भाव का स्वामी बुध ग्रह है जो कि अब आपके पांचवे भाव में गोचर करने जा रहा है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार यह भाव संतान, रोमांस, रचनात्मकता, बुद्धि, शिक्षा और नए अवसरों को दर्शाता है। इस भाव में बुध के गोचर करने से मकर राशि वालों को जीवन के विभिन्न पहलुओं में मिलेजुले परिणाम मिल सकते हैं।
बुध का वृषभ राशि में गोचर होने पर मकर राशि वालों को अपने प्रेम संबंधों में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। आप अपने प्रेम जीवन को लेकर असंतुष्ट महसूस करेंगे जिससे आप अपने पार्टनर से भावनात्मक रूप से दूर भी हो सकते हैं। अपने रिश्ते को लेकर कोई भी बड़ा निर्णय लेने से पहले अच्छी तरह से सोच-विचार कर लें। आपको इस समयावधि में अपनी लव लाइफ को लेकर कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने से बचने की सलाह दी जाती है
विवाहित जातकों के लिए यह समयावधि अनुकूल नहीं है क्योंकि उनके और उनके जीवनसाथी के बीच तनाव उत्पन्न हो सकता है। इस समय को आसानी से पार करने के लिए आप दोनों किसी बाहरी व्यक्ति के प्रभाव में आने के बजाय एक-दूसरे पर भरोसा करें।
उपाय: गरीब बच्चों और छात्रों को किताबें बांटना लाभकारी रहेगा।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के पांचवे और आठवें भाव के स्वामी बुध ग्रह हैं जो कि अब आपके चौथे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इस राशि वाले जातकों के लिए बुध का वृषभ राशि में गोचर अत्यंत अनुकूल रहने वाला है। ज्योतिष में कुंडली का चौथा भाव सुख, मां, लोकप्रियता, भावनाओं और चल-अचल संपत्ति का कारक होता है।
इस भाव में बुध का होना कुंभ राशि वालों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। आप आधुनिक उपकरणों या घर में कोई सुधार करने पर पैसा खर्च कर सकते हैं। जो जातक घर से कोई व्यवसाय शुरू करना या पेशेवर कार्य करना चाहते हैं, उनके लिए यह समय बहुत अनुकूल रहने वाला है। आपकी कड़ी मेहनत और सौभाग्य से आपका पारिवारिक व्यवसाय भी नई ऊंचाईयों तक पहुंच सकता है।
जो जातक रियल एस्टेट के क्षेत्र में डेवलपर या एजेंट के रूप में काम करते हैं, उन्हें इस गोचर के दौरान उत्तम परिणाम देखने को मिल सकते हैं। इसके अलावा आपको अपनी मां से मजबूत भावनात्मक सहयोग मिलेगा। आपको उनके साथ समय बिताने और अपने रिश्ते को मजबूत करने का मौका मिलेगा। हालांकि, बुध आपके आठवें भाव के भी स्वामी हैं इसलिए आपको इस समयावधि में अपनी सेहत पर खास ध्यान देने की सलाह दी जाती है।
उपाय: आप रोज़ तुलसी के पौधे की पूजा करें और घी का दीया जलाएं।
मीन राशि
बुध का वृषभ राशि में गोचर के दौरान बुध आपके तीसरे भाव में विराजमान हैं जो कि संचार, साहस, छोटे भाई-बहनों और उत्साह का कारक होता है। बुध इस राशि के चौथे और सातवें भाव के स्वामी हैं और तीसरे भाव में बुध के गोचर को लाभकारी माना जाता है। तीसरे भाव को सहज भाव के नाम से भी जाना जाता है जो कि साहस, दृढ़ संकल्प, जिज्ञासा और जुनून को दर्शाता है।
इस गोचर के दौरान विशेष रूप से लंबी बीमारी से उबर रहे रहे मीन राशि वाले जातकों को अपने संपूर्ण स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण सुधार देखने को मिल सकता है। इस सकारात्मक बदलाव के कारण आप अपने करीबी दोस्तों के साथ जीवन का आंनद ले पाएंगे और अंदर से संतुष्ट महसूस करेंगे। आप अपनी दिनचर्या से ब्रेक लेने या कहीं घूमने जाने के बारे में भी सोच सकते हैं। इसके अलावा इस समयावधि में आपको अपने शौक और जुनून को पेशे में बदलने का मौका मिल सकता है। आप अपने छोटे भाई-बहन या शेयर मार्केट या सट्टे से संबंधित क्षेत्र में व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। इस समय आपके लिए अचानक यात्रा करने के योग बन रहे हैं जिसमें तीर्थस्थल की यात्रा भी शामिल है।
जो जातक लेखन, रिसर्च, पत्रकारिता, क्राइम रिपोर्टिंग या रहस्यमी फिल्में बनाने जैसे क्षेत्रों में कार्य करते हैं, उनके लिए यह गोचर विशेष रूप से लाभकारी सिद्ध होगा। इसके अलावा बुध की आपके नौवें भाव पर दृष्टि पड़ने की वजह से आपके पिता आपकी कड़ी मेहनत को पहचानकर उसकी प्रशंसा करेंगे। आप दोनों का रिश्ता मजबूत होगा।
उपाय: आप अपने चचेरे या छोटे भाई-बहनों को उपहार दें।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. बुध का वृषभ राशि में गोचर कब होगा?
23 मई, 2025 को बुध वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे।
2. वृषभ राशि का स्वामी ग्रह कौन है?
शुक्र इस राशि के स्वामी हैं।
3. वैदिक ज्योतिष में बुध क्या दर्शाता है?
बुध ग्रह बुद्धि, संचार, व्यवसाय और तर्क के कारक हैं।
4. बुध किन राशियों के स्वामी ग्रह हैं?
बुध कन्या और मिथुन राशि के स्वामी हैं।