कर्णवेध संस्कार 2019 की तारीखें
पढ़ें 2019 में कर्णवेध संस्कार के मुहूर्त और जानें किस तारीख, तिथि, वार, नक्षत्र और समय में संपन्न करें बच्चों का कर्णवेध संस्कार। हिन्दू धर्म में कुल 16 संस्कार हैं जिन्हें षोडश संस्कार के नाम से भी जाना जाता है। ये सभी संस्कार मानव जीवन पर गहरा प्रभाव डालते हैं। इन्ही संस्कारों में से एक है कर्णवेध संस्कार, जो मनुष्य के सुखी और सार्थक जीवन को सुनिश्चित करता है।
कर्णवेध मुहूर्त 2019 | ||||
दिनांक | वार | तिथि | नक्षत्र | समय |
02 जनवरी 2019 | बुधवार | द्वादशी | विशाखा नक्षत्र | 10:20 - 13 :13 14 :48 - 18 :58 |
03 जनवरी 2019 | गुरुवार | त्रयोदशी | अनुराधा नक्षत्र | 08 :34 - 11 :44 |
09 जनवरी 2019 | बुधवार | तृतीया | धनिष्ठा नक्षत्र | 07 :46 - 09 :53 11 :20 - 16 :16 |
13 जनवरी 2019 | रविवार | सप्तमी | उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र | 14 :05 - 18 :15 |
14 जनवरी 2019 | सोमवार | अष्टमी | रेवती नक्षत्र | 15 :56 - 18 :11 |
18 जनवरी 2019 | शुक्रवार | द्वादशी | रोहिणी नक्षत्र | 13 :45 - 15 :41 17 :55 - 19 :55 |
19 जनवरी 2019 | शनिवार | त्रयोदशी | मृगशिरा नक्षत्र | 07 :46 - 10 :41 |
21 जनवरी 2019 | सोमवार | पूर्णिमा | पुष्य नक्षत्र | 07 :45 - 11 :58 13 :33 - 20 :04 |
25 जनवरी 2019 | शुक्रवार | पंंचमी | उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र | 17 :28 - 18 :48 |
26 जनवरी 2019 | शनिवार | षष्टी | हस्ता नक्षत्र | 07 :43 - 08 :46 10 :13 - 15 :09 |
27 जनवरी 2019 | रविवार | सप्तमी | चित्रा नक्षत्र | 07 :43 - 10 :10 11 :34 - 15 :05 |
30 जनवरी 2019 | बुधवार | दशमी | अनुराधा नक्षत्र | 17 :08 - 19 :28 |
06 फरवरी 2019 | बुधवार | द्वितीया | धनिष्ठा नक्षत्र | 07 :38 - 09 :30 |
10 फरवरी 2019 | रविवार | पंंचमी | रेवती नक्षत्र | 07 :35 - 10 :39 12 :15 - 18 :45 |
11 फरवरी 2019 | सोमवार | षष्टी | अश्विनी नक्षत्र | 07 :43 - 12 :11 14 :06 - 18 :41 |
15 फरवरी 2019 | शुक्रवार | दशमी | मृगशिरा नक्षत्र | 08 :55 - 16 :05 |
17 फरवरी 2019 | रविवार | द्वादशी | पुनर्वसू नक्षत्र | 07 :29 - 08 :47 10 :12 - 18 :17 |
23 फरवरी 2019 | शनिवार | चतुर्थी | चित्रा नक्षत्र | 09 :48 - 15 :34 17 :54 - 19 :36 |
03 मार्च 2019 | रविवार | द्वादशी | उत्तराषाढ़ा नक्षत्र | 10 :52 - 12 :48 15 :02 - 19 :40 |
04 मार्च 2019 | सोमवार | त्रयोदशी | श्रवण नक्षत्र | 07 :48 - 12 :44 14 :58 - 17 :19 |
09 मार्च 2019 | शनिवार | तृतीया | रेवती नक्षत्र | 07 :28 - 08 :53 10 :28 - 16 :59 |
21 मार्च 2019 | गुरुवार | पूर्णिमा | उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र | 16 :12 - 18 :29 |
22 मार्च 2019 | शुक्रवार | द्वितीया | हस्ता नक्षत्र | 06 :54 - 11 :33 13 :47 - 18 :25 |
23 मार्च 2019 | शनिवार | तृतीया | चित्रा नक्षत्र | 07 :58 - 11 :29 |
25 मार्च 2019 | सोमवार | पंंचमी | विशाखा नक्षत्र | 07 :32 - 07 :50 09 :26 - 15 :56 |
31 मार्च 2019 | रविवार | एकादशी | श्रवण नक्षत्र | 07 :27 - 10 :57 13 :12 - 19 :16 |
01 अप्रैल 2019 | सोमवार | द्वादशी | धनिष्ठा नक्षत्र | 07 :23 - 13 :08 15 :28 - 19 :53 |
05 अप्रैल 2019 | शुक्रवार | पूर्णिमा | उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र | 17 :30 - 19 :46 |
06 अप्रैल 2019 | शनिवार | प्रतिपदा | रेवती नक्षत्र | 10 :34 - 17 :26 |
07 अप्रैल 2019 | रविवार | द्वितीया | अश्विनी नक्षत्र | 06 :59 - 08 :34 |
10 अप्रैल 2019 | बुधवार | पंंचमी | रोहिणी नक्षत्र | 12 :33 - 19 :27 |
11 अप्रैल 2019 | गुरुवार | षष्टी | मृगशिरा नक्षत्र | 06 :43 - 12 :29 |
13 अप्रैल 2019 | शनिवार | अष्टमी | पुनर्वसू नक्षत्र | 08 :11 - 12 :21 |
19 अप्रैल 2019 | शुक्रवार | पूर्णिमा | चित्रा नक्षत्र | 06 :31 - 11 :57 14 :18 - 18 :51 |
27 अप्रैल 2019 | शनिवार | अष्टमी | श्रवण नक्षत्र | 07 :16 - 09 :11 11 :26 - 18 :20 |
2 मई 2019 | गुरुवार | त्रयोदशी | उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र | 15 :44 - 20 :20 |
9 मई 2019 | गुरुवार | पंंचमी | आर्द्रा नक्षत्र | 17 :33 - 19 :29 |
10 मई 2019 | शुक्रवार | षष्टी | पुनर्वसू नक्षत्र | 06 :25 - 11 :55 15 :12 - 19 :35 |
11 मई 2019 | शनिवार | सप्तमी | पुष्य नक्षत्र | 06 :21 - 12 :51 |
15 मई 2019 | बुधवार | एकादशी | उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र | 12 :35 - 17 :09 |
16 मई 2019 | गुरुवार | द्वादशी | हस्ता नक्षत्र | 06 :11 - 07 :57 10 :11 - 17 :05 |
19 मई 2019 | रविवार | प्रतिपदा | अनुराधा नक्षत्र | 07 :45 - 12 :20 14 :37 - 19 :13 |
24 मई 2019 | शुक्रवार | षष्टी | उत्तराषाढ़ा नक्षत्र | 09 :40 - 16 :34 |
26 मई 2019 | रविवार | सप्तमी | धनिष्ठा नक्षत्र | 07 :17 - 09 :32 11 :52 - 14 :09 |
30 मई 2019 | गुरुवार | एकादशी | रेवती नक्षत्र | 07 :02 - 11 :36 13 :54 - 18 :30 |
31 मई 2019 | शुक्रवार | द्वादशी | अश्विनी नक्षत्र | 06 :58 - 13 :50 16 :06 - 18 :26 |
06 जून 2019 | गुरुवार | तृतीया | पुनर्वसू नक्षत्र | 06 :34 - 08 :49 |
07 जून 2019 | शुक्रवार | चतुर्थी | पुष्य नक्षत्र | 08 :45 - 11 :05 13 :22 :18 :57 |
12 जून 2019 | बुधवार | दशमी | हस्ता नक्षत्र | 08 :25 - 15 :19 17 :38 - 18 :57 |
15 जून 2019 | शनिवार | त्रयोदशी | विशाखा नक्षत्र | 12 :51 - 15 :07 |
22 जून 2019 | शनिवार | पंंचमी | धनिष्ठा नक्षत्र | 07 :46 - 16 :59 |
27 जून 2019 | गुरुवार | नवमी | रेवती नक्षत्र | 07 :26 - 12 :04 14 :20 - 18 :45 |
28 जून 2019 | शुक्रवार | दशमी | अश्विनी नक्षत्र | 07 :22 - 09 :42 |
03 जुलाई 2019 | बुधवार | प्रतिपदा | आर्द्रा नक्षत्र | 09 :23 - 16 :16 |
04 जुलाई 2019 | गुरुवार | द्वितीया | पुष्य नक्षत्र | 06 :59 - 09 :19 11 :36 - 18 :31 |
13 जुलाई 2019 | शनिवार | द्वादशी | अनुराधा नक्षत्र | 06 :23 - 08 :43 11 :01 - 17 :55 |
19 जुलाई 2019 | शुक्रवार | द्वितीया | धनिष्ठा नक्षत्र | 07 :25 - 12 :53 15 :13 - 19 :36 |
24 जुलाई 2019 | बुधवार | सप्तमी | रेवती नक्षत्र | 06 :09 - 08 :00 10 :18 - 18 :35 |
25 जुलाई 2019 | गुरुवार | अष्टमी | अश्विनी नक्षत्र | 07 :17 - 10 :14 12 :30 - 18 :08 |
29 जुलाई 2019 | सोमवार | द्वादशी | मृगशिरा नक्षत्र | 07 :41 - 14 :34 16 :52 - 18 :51 |
01 अगस्त 2019 | गुरुवार | पूर्णिमा | पुष्य नक्षत्र | 09 :46 - 14 :22 |
05 अगस्त 2019 | सोमवार | पंंचमी | हस्ता नक्षत्र | 07 :13 - 11 :47 14 :06 - 18 :29 |
09 अगस्त 2019 | शुक्रवार | नवमी | अनुराधा नक्षत्र | 11 :31 - 16 :09 |
15 अगस्त 2019 | गुरुवार | पूर्णिमा | श्रवण नक्षत्र | 06 :34 - 11 :07 13 :27 - 18 :29 |
16 अगस्त 2019 | शुक्रवार | प्रतिपदा | धनिष्ठा नक्षत्र | 07 :39 - 13 :23 |
21 अगस्त 2019 | बुधवार | षष्टी | अश्विनी नक्षत्र | 06 :24 - 08 :27 10 :44 - 17 :26 |
25 अगस्त 2019 | रविवार | नवमी | मृगशिरा नक्षत्र | 12 :48 - 18 :52 |
28 अगस्त 2019 | बुधवार | त्रयोदशी | पुष्य नक्षत्र | 08 :00 - 14 :54 16 :58 - 18 :41 |
1 सितम्बर 2019 | रविवार | द्वितीया | उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र | 12 :20 - 18 :25 |
5 सितम्बर 2019 | गुरुवार | सप्तमी | अनुराधा नक्षत्र | 17 :28 - 14 :23 16 :27 - 18 :09 |
11 सितम्बर 2019 | बुधवार | त्रयोदशी | श्रवण नक्षत्र | 07 :05 - 09 :21 11 :41 - 17 :46 |
29 सितम्बर 2019 | रविवार | प्रतिपदा | हस्ता नक्षत्र | 06 :44 - 08 :10 10 :30 - 16 :35 18 :02 - 19 :27 |
30 सितम्बर 2019 | सोमवार | द्वितीया | चित्रा नक्षत्र | 06 :58 - 10 :26 12 :45 - 17 :58 |
2 अक्टूबर 2019 | बुधवार | चतुर्थी | विशाखा नक्षत्र | 14 :41 - 19 :15 |
3 अक्टूबर 2019 | गुरुवार | पंंचमी | अनुराधा नक्षत्र | 06 :46 - 12 :33 |
13 अक्टूबर 2019 | रविवार | पूर्णिमा | उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र | 15 :40 - 18 :32 |
14 अक्टूबर 2019 | सोमवार | प्रतिपदा | रेवती नक्षत्र | 17 :11 - 13 :54 15 :36 - 18 :28 |
19 अक्टूबर 2019 | शनिवार | पंंचमी | मृगशिरा नक्षत्र | 06 :55 - 09 :11 11 :30 - 16 :44 |
21 अक्टूबर 2019 | सोमवार | सप्तमी | पुनर्वसू नक्षत्र | 07 :14 - 09 :03 11 :22 - 18 :01 |
26 अक्टूबर 2019 | शनिवार | त्रयोदशी | उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र | 11 :02 - 14 :49 16 :16 - 17 :41 |
30 अक्टूबर 2019 | बुधवार | तृतीया | अनुराधा नक्षत्र | 07 :02 - 10 :47 12 :51 - 17 :25 |
4 नवंबर 2019 | सोमवार | अष्टमी | श्रवण नक्षत्र | 17 :06 - 1841 |
10 नवंबर 2019 | रविवार | त्रयोदशी | रेवती नक्षत्र | 07 :45 - 10 :03 12 :07 - 16 :42 |
15 नवंबर 2019 | शुक्रवार | तृतीया | मृगशिरा नक्षत्र | 07 :25 - 09 :44 |
17 नवंबर 2019 | रविवार | पंंचमी | पुनर्वसू नक्षत्र | 09 :36 - 14 :50 16 :15 - 18 :52 |
18 नवंबर 2019 | सोमवार | षष्टी | पुष्य नक्षत्र | 07 :17 - 09 :32 11 :36 - 16 :11 |
22 नवंबर 2019 | शुक्रवार | दशमी | उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र | 17 :30 - 19 :26 |
23 नवंबर 2019 | शनिवार | द्वादशी | हस्ता नक्षत्र | 07 :21 - 12 :59 14 :26 - 19 :22 |
24 नवंबर 2019 | रविवार | त्रयोदशी | चित्रा नक्षत्र | 09 :08 - 14 :22 |
27 नवंबर 2019 | बुधवार | प्रतिपदा | अनुराधा नक्षत्र | 07 :24 - 08 :57 |
01 दिसंबर 2019 | रविवार | पंंचमी | उत्तराषाढ़ा नक्षत्र | 10 :45 - 12 :27 13 :55 - 18 :50 |
02 दिसंबर 2019 | सोमवार | षष्टी | श्रवण नक्षत्र | 07 :28 - 12 :23 13 :51 - 18 :46 |
07 दिसंबर 2019 | शनिवार | एकादशी | रेवती नक्षत्र | 07 :32 - 08 :17 10 :21 - 14 :56 16 :31 - 18 :27 |
08 दिसंबर 2019 | रविवार | एकादशी | अश्विनी नक्षत्र | 12 :00 - 16 :27 |
12 दिसंबर 2019 | गुरुवार | पूर्णिमा | मृगशिरा नक्षत्र | 07 :35 - 11 :44 13 :11 - 18 :07 |
14 दिसंबर 2019 | शनिवार | द्वितीया | पुनर्वसू नक्षत्र | 07 :50 - 13 :04 14 :28 - 20 :14 |
29 दिसंबर 2019 | रविवार | तृतीया | श्रवण नक्षत्र | 07 :44 - 10 :37 12 :05 - 13 :29 |
30 दिसंबर 2019 | सोमवार | चतुर्थी | धनिष्ठा नक्षत्र | 15 :01 - 19 :11 |
कर्णवेध संस्कार क्या है ?
'कर्णवेध' शब्द दो शब्दों, कर्ण और वेध से बना है। जिसमें कर्ण का मतलब है कान और वेध का मतलब भेदी होता है। इस प्रकार, कर्णवेध कान भेदी के समारोह को निर्धारित करता है। यह हिन्दू धर्म में मुंडन और अन्नप्राशन समेत 16 संस्कारों में से एक माना जाता है।
कर्णवेध संस्कार का महत्व
- हिन्दू शास्त्रों में इस बात का उल्लेख है कि यदि किसी का कर्णवेध संस्कार नहीं किया गया है तो वो मनुष्य पितृ श्राद्ध नहीं कर सकता है।
- इसलिए कर्णवेध एक बेहद महत्वपूर्ण समारोह माना जाता है, जिसे करने की जरूरत है।
- महिलाओं के लिए, कर्णवेध उनके सौंदर्य और कौशल को बढ़ाने में बेहद कारगर है।
कर्णवेध मुहूर्त क्या है और कैसे करें इसकी गणना?
- एक बच्चे के कर्णवेध संस्कार को करने के लिए सबसे उपयुक्त समय और तारीख़ कर्णवेध मुहूर्त के नाम से जाना जाता है।
- जिसकी गणना पंचांग, ग्रहों और नक्षत्र की स्थिति को ध्यान में रखते हुए शुभ दिन और तिथि की मदद से की जाती है।
कर्णवेध संस्कार के मुख्य फायदे
- कान छेदने से बच्चे की सुनने की समझ और क्षमता बढ़ती है।
- कान छेदने से हर्निया और लकवे जैसी बीमारियों की रोकथाम होती है।
- इससे अंडकोष की सुरक्षा भी होती है।
- कर्णवेध को दर्द से राहत दिलाने वाले बिंदु की तरह माना जाता है, जो कई चिकित्सकीय उद्देश्यों को पूरा करता है।
- कर्णवेध बच्चे के बौद्धिक स्तर और रचनात्मक कौशल को बढ़ाने में मदद करता है।
- ऐसा माना जाता है कि सोने की बालियां पहनने से महिलाओं को स्वस्थ प्रजनन जीवन में मदद मिलती है।
कब करें कर्णवेध संस्कार ?
- कर्णवेध 9वां संस्कार है जो नामकरण, अन्नप्रशान और मुंडान समारोह के बाद किया जाता है।
- शास्त्रों की मानें तो इसे विद्यारंभ संस्कार से पहले किया जाना चाहिए ताकि बच्चे की सुनने और सीखने की क्षमता बढ़ सके।
- बच्चे के जन्म के 10वें, 12वें या 16वें दिन बाद कर्णवेध संस्कार किया जाना शुभ होता है।
- अगर इस समय ये किसी कारणवश नहीं किया तो इसके बाद यह 6वें, 7वें, 8वें, 10 वें या 12वें महीने के दौरान किया जा सकता है।
- इसके अलावा कर्णवेध संस्कार 1, 3 या 5 साल की उम्र तक करना भी उचित होता है।
कैसे करें कर्णवेध संस्कार?
- कर्णवेध संस्कार शुरू करने से पहले देवी-देवताओं की पूजा की जाती है।
- बच्चे के कान छेदते वक़्त उसका मुंह सूर्य की दिशा में होना चाहिए, जिससे बालक में सकारात्मक ऊर्जा प्रवाह हो सके।
- ये संस्कार करते हुए बालक के कानों में इस मंत्र का उच्चारण किया जाए:
स्थिरैरंगैस्तुष्टुवां सस्तनूभिर्व्यशेमहि देवहितं यदायुः।।
- यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि अगर बच्चा लड़का है तो उसका दांया कान पहले छेदा जाए, वहीं लड़कियों का पहले बाएं कान को छेदा जाना शुभ माना गया है।
- इस संस्कार के ज्यादा लाभ पाने के लिए सबसे पहले सोने की बालियां बच्चे को पहनाई जानी चाहिए।
कर्णवेध संस्कार करते वक़्त इन बातों का रखें ध्यान
- कान छेदने के लिए इस्तेमाल किये जाने वाला औजार कीटाणुरहित होना चाहिए।
- इस प्रक्रिया के दौरान बालक को एंटीसेप्टिक क्रीम लगानी चाहिए।
- बच्चे को निकल तत्व मुक्त बाली पहनानी चाहिए।
- केवल ऐसी बालियों का उपयोग किया जाना चाहिए जिससे बच्चे को असुविधा नहीं हो।
- कान की बाली ऐसी सामग्री से ही बनी होनी चाहिए जो समय के साथ जंग या अव्यवस्थित न हो।
कर्णवेध मुहूर्त की गणना करते समय इन ज्योतिषीय तथ्यों का रखें ध्यान
- कार्तिक, पौष, चैत्र, फाल्गुन मास कर्णवेध के लिए शुभ माने गये हैं।
- सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार का दिन कर्णवेध संस्कार के लिए शुभ माना गया है।
- चतुर्थी, नवमी, चतुर्दशी और अमावस्या की तिथि को छोड़कर अन्य तिथियों में कर्णवेध संस्कार करना चाहिए।
- यह संस्कार ग्रहण अवधि के दौरान नहीं किया जाना चाहिए।
- कर्णवेध संस्कार के लिए मृगशिरा, रेवती, चित्रा, अनुराधा, हस्त, अश्विनी, पुष्य, अभिजीत, श्रवण, धनिष्ठा, पुनर्वसु बेहद शुभ माने गए हैं।
- कर्णवेध संस्कार खर मास यानि जिस समय सूर्य धनु और मीन राशि में हो, क्षय तिथि, देवशयनी एकादशी से देवउठनी एकादशी, जन्म मास और भद्रा में कर्णवेध संस्कार नहीं करना चाहिए।
- जब वृषभ, धनु, तुला और मीन लग्न में बृहस्पति हो तो, ऐसा समय इस संस्कार के लिए सबसे श्रेष्ठ माना गया है।
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