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मंगल का कन्या राशि में गोचर (18 अगस्त)

मंगल का कन्या राशि में गोचर: साहस और ऊर्जा के कारक ग्रह मंगल 18 अगस्त 2023 की दोपहर 3 बजकर 14 मिनट पर कन्या राशि में गोचर करने जा रहे हैं।

वैदिक ज्योतिष में लाल ग्रह मंगल को ‘भूमि पुत्र’ के रूप में जाना जाता है। ‘मंगल’ शब्द का अर्थ होता है ‘शुभ’। सनातन धर्म में मंगल ग्रह का संबंध देश के विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न देवी-देवताओं से संबंधित बताया गया है। जैसे दक्षिण भारत में मंगल देव को भगवान कार्तिकेय (मुरुगन) के साथ जोड़कर देखा जाता है। जबकि उत्तर भारत में भगवान हनुमान के साथ इनका संबंध बताया गया है। इसके अलावा महाराष्ट्र में मंगल को भगवान गणेश के साथ जोड़ा जाता है।

मंगल का कन्या राशि में गोचर 18 अगस्त को होगा

सभी ग्रहों में से मंगल और सूर्य हमारे शरीर के सभी अग्नि तत्वों को नियंत्रित करते हैं। इसे जीवन शक्ति, शारीरिक ऊर्जा, सहनशक्ति, समर्पण, इच्छाशक्ति, कुछ करने की प्रेरणा और किसी भी कार्य को पूर्ण करने की ऊर्जा आदि का कारक प्राप्त होता है। जिस जातक की कुंडली में मंगल का प्रभाव अधिक होता है वो लोग साहसी, आवेगी और सीधे आगे बढ़ना पसंद करते हैं। मंगल को भूमि, वास्तविक अवस्था, प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग का कारक भी माना जाता है। इस प्रकार कहा जा सकता है कि मंगल ग्रह हमारे जीवन में विशेष महत्व है।

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मंगल का कन्या राशि में गोचर: अब बात करते हैं कन्या राशि के बारे में। राशि चक्र की छठी राशि कन्या है। यह पृथ्वी तत्व की राशि है और प्रकृति में दोहरी और स्त्री राशि है। कन्या राशि कुंवारी और अविवाहित लड़की का प्रतिनिधित्व करती है। ये स्वभाव में परिपूर्णतावादी (परफ़ेक्शनिस्ट) और थोड़े आलोचक होते हैं। यह संघर्ष और लड़ाई का प्रतीक भी है। काल पुरुष कुंडली के छठे भाव में मंगल आरामदायक स्थिति में मौजूद होते हैं लेकिन फिर भी कई लोगों के लिए समस्या खड़ी कर सकते हैं। हालांकि इसके लिए जातक की कुंडली में मंगल की स्थिति एवं दशा का विश्लेषण करना ज़रूरी हो जाता है। तो आइए अब आगे बढ़ते हैं और विस्तारपूर्वक जानते हैं कि बुध के इस राशि परिवर्तन का सभी राशि के जातकों पर क्या प्रभाव पड़ सकता है और इसके अशुभ प्रभावों से बचने के क्या उपाय हैं।

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यह राशिफल चंद्र राशि पर आधारित है। जानें अपनी चंद्र राशि

Read in English: Mars Transit In Virgo (18 August)

मेष राशि

मेष राशि वालों के लिए मंगल आपके लग्न और आठवें भाव के स्वामी हैं। मंगल का कन्या राशि में गोचर आपके छठे भाव यानी कि शत्रु, स्वास्थ्य, प्रतियोगिता और चाचा के भाव में होगा। छठे भाव में मंगल की मौजूदगी आपके लिए लाभकारी साबित होगी और इसके परिणामस्वरूप आप अपने शत्रुओं पर काबू पाने में सक्षम होंगे और वे आपको किसी भी प्रकार की हानि नहीं पहुंचा पाएंगे। आप बिना हार माने अपने शत्रुओं व विरोधियों को कड़ी टक्कर देने में सक्षम होंगे। हालांकि मंगल का कन्या राशि में गोचर आपको स्वभाव में चिड़चिड़ा बना सकता है। वहीं इस दौरान कानूनी-मामलों में फैसला आपके पक्ष में आने की संभावना है।

स्वास्थ्य की बात करें तो छठे भाव में मंगल की मौजूदगी आपको सामान्य से कुछ बेहतर परिणाम प्रदान करेगी लेकिन लग्न भाव के स्वामी का छठे भाव में जाना आपको हीट स्ट्रोक, किडनी स्टोन या रक्त संबंधी स्वास्थ्य समस्याएं दे सकती है। हालांकि, इन समस्याओं से आपको जल्द ही राहत मिल जाएगी। मंगल आपके छठे भाव से नौवें भाव, बारहवें भाव और लग्न भाव में दृष्टि डाल रहे हैं जिसके परिणामस्वरूप आपको अपने पिता के स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होगी। इस दौरान कार्यक्षेत्र में भी कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं या हो सकता है कि काम के सिलसिले से आपको लंबी दूरी की यात्रा या विदेश यात्रा करनी पड़े। मंगल का कन्या राशि में गोचर आपके खर्चों में वृद्धि कर सकता है, इसके कारण आप स्वभाव में आक्रामक हो सकते हैं और दूसरों के नज़र में आपकी छवि खराब हो सकती है।

उपाय: नियमित रूप से मंगल के बीज मंत्र का जाप करें।

वृषभ राशि

वृषभ राशि वालों के लिए मंगल आपके बारहवें और सातवें भाव के स्वामी हैं। मंगल का कन्या राशि में गोचर आपके पांचवें भाव यानी कि संतान, शिक्षा और प्रेम संबंध के भाव होगा। पांचवें भाव को पूर्व पुण्य भाव भी कहा जाता है। बारहवें भाव के स्वामी का पांचवें भाव में मौजूदगी आपके लिए अनुकूल प्रतीत नहीं हो रही है। ऐसे में मंगल का कन्या राशि में गोचर आपके लिए मिले जुले परिणाम लेकर आ सकता है। प्रेम में पड़े जातक असुरक्षा की भावना से ग्रस्त हो सकते हैं क्योंकि मंगल एक आक्रामक ग्रह है। इसके अलावा शादीशुदा लोगों के लिए भी यह अवधि अनुकूल न रहने की आशंका है। हो सकता है कि आप अपने पार्टनर को धोखा दे या एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर रखें जो भविष्य में आपके लिए समस्या पैदा कर सकती है। वहीं गर्भवती महिलाओं को इस दौरान अपने और गर्भ में पल रहे बच्चे का विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होगी।

पांचवें भाव से मंगल आपके आठवें, ग्यारहवें और बारहवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं जिसके परिणामस्वरूप वृषभ राशि के जो छात्र विदेशी विश्वविद्यालय में पढ़ रहे हैं या विदेशी पाठ्यक्रमों या रिसर्च करने के लिए दाखिला लेने जा रहे हैं उन्हें इस अवधि में पढ़ाई व शोध के लिए पूरा सहयोग प्राप्त होगा। वहीं सातवें भाव में मंगल की दृष्टि के परिणामस्वरूप आपको अपने निवेश से अच्छा लाभ प्राप्त हो सकता है। लेकिन, यह आपके आठवें और बारहवें भाव पर प्रभाव डाल रहा है। ऐसे में मंगल का कन्या राशि में गोचर आपको अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत करने के लिए आगाह करता है इसलिए आपको अपने स्वास्थ्य का अधिक ध्यान रखते हुए योग और व्यायाम करने की सलाह दी जाती है। साथ ही, यात्रा करते समय अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता हो सकती है।

उपाय: मां दुर्गा को लाल फूल अर्पित करें।

मिथुन राशि

मिथुन राशि वालों के लिए मंगल छठे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। मंगल का कन्या राशि में गोचर आपके चौथे भाव यानी कि घर, माता, घरेलू जीवन, भूमि, संपत्ति और वाहन के भाव में होगा। इसके परिणामस्वरूप यह समय संपत्ति, घर या वाहन खरीदने के लिए अनुकूल साबित होगा और भविष्य में आपको लाभ देगा। हालांकि मंगल का चौथे भाव में गोचर आपके घरेलू जीवन उतार-चढ़ाव लेकर आ सकता है। मंगल का कन्या राशि में गोचर आपकी माता जी के साथ आपके रिश्ते को प्रभावित कर सकता है और किसी बात को लेकर आपकी नोकझोंक हो सकती है।

मंगल ग्यारहवें और छठे भाव के स्वामी के रूप में आपके चौथे भाव में गोचर कर रहे हैं जिसके चलते आपके चाचा से आपकी मुलाकात हो सकती है। मंगल चौथे भाव से आपके सातवें, दसवें और ग्यारहवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं इसके परिणामस्वरूप व्यापार में वृद्धि देखने को मिल सकती है और बिज़नेस पार्टनरशिप से आपको लाभ हो सकता है। वहीं नौकरीपेशा जातक पूरी तरह समर्पित होकर अपने कार्य को करेंगे। सातवें भाव से मंगल की चौथे भाव पर दृष्टि के कारण आप अपने रिश्ते में अधिक पजेसिव हो सकते हैं और अपने पार्टनर की वफादारी पर शक कर सकते हैं। आपका यह रवैया आपके रिश्ते पर नकारात्मक प्रभाव छोड़ सकता है और आप दोनों में झगड़ा हो सकता है, इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि अपने वैवाहिक जीवन को लेकर सावधानी बरतें।

उपाय: मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करें और मिठाई अर्पित करें।


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कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों के लिए मंगल एक योगकारक ग्रह हैं क्योंकि यह आपके केंद्र और त्रिकोण भाव यानी कि पांचवें और दसवें भाव के स्वामी हैं। मंगल का कन्या राशि में गोचर आपके तीसरे भाव यानी कि भाई-बहनों, शौक, लघु यात्रा और संचार कौशल के भाव में होगा। मंगल का तीसरे भाव में गोचर आपके लिए अनुकूल साबित होगा। इस दौरान आप आत्मविश्वास से भरे रहेंगे और ऊर्जावान महसूस करेंगे और बातचीत में निर्भीक रहेंगे। मंगल का कन्या राशि में गोचर उन लोगों के लिए बेहद अनुकूल साबित होगा जो संचार के क्षेत्र जैसे- डिजिटल मीडिया, वकालत आदि से जुड़े हैं।

यह अवधि कर्क राशि के छात्रों के लिए शानदार साबित होगी। वहीं प्रेम जीवन की बात करें तो, सिंगल लोगों की इस दौरान अपने पड़ोस या अपने करीबी मित्र मंडली में किसी ख़ास शक से मुलाकात हो सकती है। मंगल तीसरे भाव से छठे भाव, नौवें भाव और दसवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं इसके परिणामस्वरूप जो छात्र उच्च शिक्षा या सरकारी नौकरी के लिए किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो उनके लिए यह अवधि अच्छे परिणाम लेकर आएगी। मंगल का कन्या राशि में गोचर शत्रुओं या विरोधियों पर विजय पाने के लिए अच्छा समय साबित होगा। इस दौरान आपके शत्रु आपको किसी भी प्रकार की हानि नहीं पहुंचा पाएंगे। साथ ही, आपको अपने पिता और गुरुजनों का पूरा सहयोग प्राप्त होगा। हालांकि उनके स्वास्थ्य के प्रति भी ध्यान देने की आवश्यकता होगी। मंगल आपके आठवें भाव से पेशे के दसवें भाव में दृष्टि डाल रहे हैं जिसके फलस्वरूप नौकरीपेशा जातकों के लिए यह समय करियर में प्रगति के लिए अच्छा साबित होगा। इसके अलावा नौकरी की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए भी यह समय शानदार साबित होगा।

उपाय: प्रतिदिन हनुमान चालीसा का सात बार पाठ करें।

सिंह राशि

सिंह राशि वालों के लिए मंगल नौवें और चौथे भाव के स्वामी हैं और यह आपके लिए एक योगकारक ग्रह हैं। मंगल का कन्या राशि में गोचर आपके दूसरे भाव यानी कि परिवार, बचत और वाणी के भाव में होगा। मंगल का दूसरे भाव में गोचर आपके लिए मिले जुले परिणाम लेकर आ सकता है। इसके परिणामस्वरूप आप स्वभाव में आक्रामक हो सकते हैं और आपकी वाणी में कठोरता आ सकती है। इसके अलावा आपके अंदर दूसरों की आलोचना करने की आदत विकसित हो सकती है और इसके कारण परिवार के सदस्यों के बीच वाद-विवाद या बहस हो सकती है। सिंह राशि के छात्रों को अपने माता-पिता की आलोचना का भी शिकार होना पड़ सकता है। मंगल आपके दूसरे भाव से पांचवें, आठवें और नौवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं।

मंगल चौथे भाव से आपके पांचवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं जिसके परिणामस्वरूप आप अपने पार्टनर और बच्चों के प्रति अधिक पजेसिव रहेंगे इसलिए सतर्क रहें क्योंकि इससे आपके रिश्ते पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि मंगल का कन्या राशि में गोचर उन छात्रों के लिए अनुकूल साबित होगा जो लोग इंजीनियरिंग कर रहे हैं या तकनीकी क्षेत्र से जुड़े हैं। मंगल आठवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं जिसके फलस्वरूप आप अपने जीवनसाथी के साथ मिलकर संपत्ति या धन में वृद्धि कर सकते हैं जैसे कि दोनों के नाम पर कोई प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं या जॉइंट अकाउंट खुलवा सकते हैं। इसके अलावा मंगल का कन्या राशि में गोचर आपको अचानक से कई समस्याएं भी दे सकता है इसलिए अपने और अपने जीवनसाथी के स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें और यात्रा करते समय सावधानी पूर्वक वाहन चलाएं। नौवें भाव पर मंगल की दृष्टि के चलते आपको अपने पिता और गुरुजनों का सहयोग प्राप्त होगा लेकिन आपको उनके स्वास्थ्य के प्रति भी सचेत रहने की आवश्यकता होगी। ऐसे में उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखें और नियमित जांच कराएं।

उपाय: मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करें और मिठाई अर्पित करें।

कन्या राशि

कन्या राशि वालों के लिए मंगल आपके तीसरे भाव यानी कि भाई- बहनों के भाव और आठवें भाव के स्वामी हैं। आठवां भाव अचानक होने वाली घटना और गोपनीयता को दर्शाता है। मंगल का कन्या राशि में गोचर आपके लग्न भाव में होगा। तीसरे भाव के स्वामी का लग्न भाव में गोचर आपको ऊर्जा व साहस प्रदान करेगा लेकिन आपको सलाह दी जाती है कि सकारात्मक तरीके से अपनी ऊर्जा का इस्तेमाल करें क्योंकि आपके आठवें भाव के स्वामी आपके जीवन में अचानक से आने वाली मुश्किलों को बढ़ा सकते हैं और आप स्वभाव में आक्रामक हो सकते हैं। ऐसे में आपको सलाह दी जाती है कि इस दौरान किसी भी तरह के वाद-विवाद से बचें और अपने स्वास्थ्य का ध्यान दें। साथ ही, वाहन चलाते समय सावधानी बरतें। इस दौरान आप अपने भाई-बहनों से मुलाकात कर सकते हैं।

मंगल का कन्या राशि में गोचर उन छात्रों के लिए अनुकूल रहेगा जो सर्जन डॉक्टर बनने के लिए प्रैक्टिस कर रहे हैं। लग्न भाव से मंगल आपके चौथे, सप्तम और आठवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। ऐसे में चौथे भाव पर मंगल की दृष्टि के फलस्वरूप आपको अपनी माता जी का पूरा सहयोग प्राप्त होगा हालांकि आपको उनके स्वास्थ्य के प्रति थोड़ा सतर्क रहने की आवश्यकता होगी। हो सकता है कि आप उनके प्रति ज्यादा पजेसिव हो जाएं।

मंगल का कन्या राशि में गोचर प्रॉपर्टी की खरीदारी व बिक्री के लिए अनुकूल समय है। वहीं सातवें भाव पर मंगल की दृष्टि उन लोगों के लिए बेहतर साबित होगी जो पार्टनरशिप में बिज़नेस कर रहे हैं। इसके अलावा इस दौरान आपको अपने जीवनसाथी का भी पूरा सहयोग प्राप्त होगा। हालांकि मंगल का कन्या राशि में गोचर आपके स्वभाव में कुछ आक्रामकता लेकर आ सकता है जिसके कारण साथी के साथ टकराव हो सकता है इसलिए आपको सलाह दी जाती है खुद पर नियंत्रण रखें। आठवें भाव पर मंगल की दृष्टि के दौरान आप अपने जीवनसाथी के साथ मिलकर संपत्ति या धन में वृद्धि कर सकते हैं। हालांकि, आपके जीवन में अचानक से आने वाली मुश्किलें बढ़ सकती हैं इसलिए अपने पार्टनर के स्वास्थ्य की सेहत का ध्यान दें और यात्रा करते समय सावधानी पूर्वक वाहन चलाएं।

उपाय: दाहिने हाथ में तांबे का कड़ा धारण करें।

तुला राशि

तुला राशि वालों के लिए मंगल दूसरे और सातवें भाव के स्वामी हैं। मंगल का कन्या राशि में गोचर आपके बारहवें भाव यानी कि विदेशी भूमि, पृथक्करण, घर, अस्पतालों और एमनसी के भाव में होगा। बारहवें भाव में मंगल की स्थिति के परिणामस्वरूप आप धन की बचत कर पाने में असफल हो सकते हैं। इसके अलावा मंगल का कन्या राशि में गोचर आपके खर्चों में वृद्धि कर सकता है और आपको धन हानि का भी सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान प्रॉपर्टी में किसी प्रकार का निवेश करने या पैसों का लेनदेन करने से बचने की सलाह दी जाती है।

मंगल बारहवें भाव से आपके तीसरे, छठे और सातवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। इस दौरान यात्रा, कानूनी विवाद या स्वास्थ्य समस्याओं पर धन खर्च हो सकते हैं। सकारात्मक पक्ष की बात करें तो इस दौरान आप अपने शत्रुओं पर हावी होंगे। मंगल की आठवीं दृष्टि सातवें भाव पर होने के चलते आपके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। इस दौरान आपको स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

उपाय: मंगलवार और शनिवार के दिन बंदरों या मजदूरी करने वालों को केले खिलाएं।

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि वालों के लिए मंगल आपके लग्न और छठे भाव के स्वामी हैं। मंगल का कन्या राशि में गोचर आपके ग्यारहवें भाव यानी कि लाभ और इच्छाओं के भाव में होगा। लग्न भाव के स्वामी का ग्यारहवें भाव में गोचर आपके लिए अनुकूल रहेगा। इस दौरान आपकी सभी इच्छाओं की पूर्ति होगी, कुछ नये लोगों से आपके संपर्क भी स्थापित होंगे और आपको अपने चाचाओं का पूरा सहयोग प्राप्त होगा। छठे भाव के स्वामी मंगल का ग्यारहवें भाव में गोचर के फलस्वरूप आपके प्रतिस्पर्धी आपके मित्र बन सकते हैं। इस अवधि यदि आप लोन या ऋण लेने की तैयारी कर रहे हैं तो उसमें आपको सफलता प्राप्त होगी। स्वास्थ्य की दृष्टिकोण से मंगल का कन्या राशि में गोचर आपके लिए अच्छा साबित होगा। यदि आप किसी पुरानी बीमारी से जूझ रहे थे तो अब आपको उससे निजात मिल जाएगी और आपकी सेहत में सुधार देखने को मिलेगा।

ग्यारहवें भाव से मंगल की दृष्टि आपके दूसरे भाव, पांचवें भाव और छठे भाव पर होगी। अत: मंगल का संबंध दोनों वित्त भाव यानी कि ग्यारहवें और दूसरे भाव से हैं जिसके फलस्वरूप वेतन वृद्धि के योग बन रहे हैं और साथ ही आप बचत करने में भी सक्षम होंगे। हालांकि इस दौरान आप अपने परिवार के प्रति अधिक पजेसिव हो सकते हैं। पांचवें और छठे भाव में मंगल की दृष्टि के चलते यह अवधि उन छात्रों के लिए बेहतर साबित होगी, जो प्रतियोगी परीक्षा या किसी अन्य प्रतियोगिता की तैयारी कर रहे हैं वे इस दौरान अच्छा प्रदर्शन करेंगे और अपने प्रतिद्वंद्वियों से आगे निकलने में सक्षम होंगे। छठे भाव में मंगल की दृष्टि होने के कारण कानूनी-मामलों में फैसला आपके पक्ष में आने की संभावना है।

उपाय: मंगल ग्रह के शुभ फल प्राप्त करने के लिए अपने दाहिने हाथ की अनामिका में अच्छी गुणवत्ता वाला लाल मूंगा धारण करें।


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धनु राशि

धनु राशि वालों के लिए मंगल पांचवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं। मंगल का कन्या राशि में गोचर आपके दसवें भाव में होगा। पांचवें और बारहवें भाव के स्वामी का दसवें भाव में गोचर आपके पेशेवर जीवन में कई बदलाव लेकर आएगा, जैसे कहीं दूर नौकरी में स्थानांतरण मिल सकता है या बिज़नेस को लेकर कई यात्राएं करनी पड़ सकती है। मंगल का कन्या राशि में गोचर उन छात्रों के लिए अच्छा साबित होगा जो लोग नौकरी की तलाश कर रहे हैं। हो सकता है कि इस दौरान आपको विदेश से बेहतर अवसर प्राप्त हो। इसके अलावा धनु राशि के छात्र किसी प्रोफेशनल कोर्स में दाखिला भी ले सकते हैं जो भविष्य में आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित होगी। सिंगल जातक इस दौरान कार्यक्षेत्र पर किसी के साथ प्रेम में पड़ सकते हैं और यह व्यक्ति एक अलग संस्कृति या पृष्ठभूमि से हो सकता है।

मंगल दसवें भाव से लग्न यानी पहले भाव, चौथे भाव व पांचवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। ऐसे में मंगल का कन्या राशि में गोचर आपके पेशेवर जीवन के लिए काफी अनुकूल साबित होगा। आप ऊर्जा और आत्मविश्वास से भरा हुआ महसूस करेंगे। हालांकि कार्यक्षेत्र में अधिक जिम्मेदारी और व्यस्तता के कारण आप अपने निजी जीवन को अनदेखा कर सकते हैं जिसके कारण पारिवारिक जीवन में सुख की कमी महसूस हो सकती है। चौथे भाव पर मंगल की दृष्टि के चलते आपको अपनी माता का पूरा सहयोग प्राप्त होगा लेकिन आपको उनके स्वास्थ्य के प्रति अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होगी। पांचवें भाव पर मंगल की आठवीं दृष्टि कन्या राशि के छात्रों की पढ़ाई में बाधा उत्पन्न कर सकता है और आपका प्रेम जीवन भी प्रभावित हो सकता है। साथ ही माता-पिता इस अवधि में अपने बच्चों के स्वास्थ्य और अन्य मामलों को लेकर चिंतित हो सकते हैं।

उपाय: नियमित रूप से गुड़ का सेवन करें।

मकर राशि

मकर राशि वालों के लिए मंगल चौथे भाव और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। मंगल का कन्या राशि में गोचर आपके पिता, गुरु, भाग्य के नौवें भाव में होगा। मंगल का नौवें भाव में गोचर के परिणामस्वरूप आपका व्यवहार अपने गुरु और पिता के प्रति आलोचनात्मक हो सकता है। हालांकि उनका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। मंगल का कन्या राशि में गोचर आपका झुकाव धार्मिक गतिविधियों की ओर बढ़ाएगा और इसके चलते आप घर पर हवन, सत्यनारायण कथा, तीर्थ यात्रा पर जाने या दान-पुण्य जैसी गतिविधियों पर धन खर्च कर सकते हैं।

मंगल नौवें भाव से आपके दसवें भाव, तीसरे भाव और चौथे भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं और इसके कारण यात्रा या स्वास्थ्य समस्याओं के लेकर आपके खर्चों में वृद्धि हो सकती है। वहीं मंगल की तीसरे भाव में दृष्टि आपके आत्मविश्वास को बढ़ाएगा और आपकी संवाद शैली अच्छी रहेगी। हालांकि आप स्वभाव में आक्रामक हो सकते हैं इसलिए किसी से भी बातचीत करते समय बेहद सावधानी रखें। मंगल की चौथे भाव पर दृष्टि आपके पारिवारिक जीवन में बाधा उत्पन्न कर सकती है। मंगल का कन्या राशि में गोचर आपको अपने माता के स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने के लिए आगाह करता है।

उपाय: घर पर सुंदरकांड का आयोजन करें।

कुंभ राशि

कुंभ राशि वालों के लिए मंगल तीसरे और दसवें भाव के स्वामी हैं। मंगल का कन्या राशि के गोचर आपके आठवें भाव यानी कि दीर्घायु, अचानक होने वाली घटनाएं, गोपनीयता के भाव में होगा। मंगल का आठवें भाव में गोचर आपके लिए अनुकूल नहीं होने की आशंका है। मंगल का कन्या राशि में गोचर आपके पेशेवर जीवन में कुछ समस्याएं लेकर आ सकता है। इसके अलावा पैतृक संपत्ति को लेकर भाई-बहनों से आपका विवाद हो सकता है। कुंभ राशि के जो लोग डॉक्टर और सर्जन हैं वे इस दौरान बेहद व्यस्त रहेंगे।

मंगल आठवें भाव से आपके ग्यारहवें, दूसरे और तीसरे भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। ग्यारहवें भाव पर मंगल की दृष्टि के परिणामस्वरूप आपको अपने निवेश और धन संबंधी मामलों को लेकर सतर्क रहने की आवश्यकता होगी। हालांकि पूर्व में किए गए किसी दीर्घकालीन निवेश का बड़ा लाभ आपको इस अवधि में प्राप्त हो सकता है। मंगल की सीधी दृष्टि परिवार, वाणी और धन के दूसरे भाव पर है इसलिए परिवार के सदस्यों के साथ बातचीत करते समय सावधानी बरतें क्योंकि आप बहुत ज्यादा मुखर और कड़वे हो सकते हैं जिससे सामने वाले को चोट पहुंच सकती है। तीसरे भाव पर मंगल की दृष्टि के चलते भाई-बहनों के साथ भी आपके संबंध ख़राब हो सकते हैं।

उपाय: दिव्यांगों को इमरती दान करें।

मीन राशि

मीन राशि वालों के लिए मंगल दूसरे और नौवें भाव के स्वामी हैं। मंगल का कन्या राशि में गोचर आपके जीवनसाथी, बिज़नेस पार्टनरशिप के सातवें भाव में होगा। मंगल आप मित्र ग्रह हैं लेकिन इसके बावजूद मंगल का कन्या राशि में गोचर आपके वैवाहिक जीवन के लिए अनुकूल प्रतीत नहीं हो रहा है। इस दौरान आपको अपने जीवन साथी के साथ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि मीन राशि के जो लोग सिंगल हैं और अपने लिए एक पार्टनर की तलाश कर रहे हैं तो आपकी ये खोज़ इस अवधि खत्म हो सकती है। आपको अपने पिता, गुरु या परिवार के किसी करीबी सदस्य की मदद से उपयुक्त जीवनसाथी मिल सकता है।

मंगल सातवें भाव से आपके दसवें, लग्न और दूसरे भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। दसवें भाव पर मंगल की दृष्टि के कारण आप अपनी नौकरी को लेकर असुरक्षित महसूस कर सकते हैं, हालांकि यह हकीकत से ज्यादा आपके दिमाग की उपज है इसलिए इन नकारात्मक विचारों से दूर रहें। मंगल की लग्न भाव पर दृष्टि के चलते आप स्वभाव में आक्रामक हो सकते हैं। जबकि दूसरे भाव पर मंगल की आठवीं दृष्टि के परिणामस्वरूप आपके किसी करीबी परिवार के सदस्य को गले से संबंधित स्वास्थ्य समस्या परेशान कर सकती है या आपके पार्टनर को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। मंगल का कन्या राशि में गोचर काल के दौरान आप बचत करने में असमर्थ हो सकते हैं।

उपाय: मंदिर में गुड़ और मूंगफली से बनी मिठाई प्रसाद के रूप में चढ़ाएं।


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