शुक्र का मिथुन राशि में गोचर (26 जुलाई, 2025)
शुक्र का मिथुन राशि में गोचर: भौतिक सुख सुविधा देने में शुक्र ग्रह का सबसे महत्वपूर्ण योगदान रहता है। शुक्र को सौंदर्य का कारक ग्रह भी माना जाता है। शुक्र ग्रह धन, वैभव, ऐश्वर्य और विलासिता से संबंधित वस्तुएं देने वाले कहे जाते हैं। ऐसे महत्त्वपूर्ण विषयों के कारक ग्रह शुक्र 26 जुलाई 2025 को सुबह 08 बजकर 45 मिनट पर अपनी स्वयं की राशि, वृषभ को छोड़कर अपने मित्र ग्रह बुध की पहली राशि अर्थात मिथुन राशि में जा रहे हैं।

विद्वान ज्योतिषियों से फोन पर बात करें और जानेंशुक्र का मिथुन राशि में गोचर का अपने जीवन पर प्रभाव
नैसर्गिक और तात्कालिक दोनों मित्रता के हिसाब से फिलहाल यह उनके लिए अति मित्र जैसी स्थिति होगी। यहां पर शुक्र ग्रह बृहस्पति ग्रह के साथ युति भी कर रहे होंगे। यद्यपि शुक्र और बृहस्पति आपस में अच्छे संबंध नहीं रखते हैं लेकिन दो शुभ ग्रहों की युति अच्छे परिणाम देने वाली भी कही जाती है। ऐसे में शुक्र ग्रह आपके लिए कैसे परिणाम देंगे, आइए जानते हैं।
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शुक्र का मिथुन राशि में गोचर:राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
मेष राशि के दूसरे और सातवें भाव के स्वामी शुक्र हैं और वर्तमान में ये आपके तीसरे भाव में गोचर करने वाले हैं। तीसरे भाव में शुक्र ग्रह के गोचर को सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम देने वाला माना जाता है। ऐसे में शुक्र आपको मित्रों की प्राप्ति करवा सकता है अथवा मित्रों के माध्यम से लाभ पहुंचाने का काम कर सकता है। आपका आत्मविश्वास आपको विभिन्न मामलों में आगे ले जा सकता है। आप अपने प्रतिस्पर्धियों से बेहतर कर सकते हैं। भाग्य और द्वादश भाव के स्वामी बृहस्पति की युति इस बात का संकेत कर रही है कि दूर के स्थान से कोई शुभ समाचार भी सुनने को मिल सकता है। यह समाचार नजदीकी स्थान का भी हो सकता है लेकिन दूर से मिलने की संभावनाएं अपेक्षाकृत अधिक हैं। शुक्र का मिथुन राशि में गोचर के दौरान भाई बंधु और पड़ोसियों के साथ संबंध सामान्य तौर पर अच्छे रहेंगे। राज कृपा दिलाने में भी शुक्र का यह गोचर आपके लिए मददगार बन सकता है।
उपाय: महिलाओं का सम्मान करना और उनका आशीर्वाद लें।
वृषभ राशि
वृषभ राशि के लग्न या राशि स्वामी होने के साथ-साथ शुक्र आपके छठे भाव के भी स्वामी हैं और गोचरवश शुक्र आपके दूसरे भाव में गोचर करने वाले हैं। दूसरे भाव में शुक्र का गोचर अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है। अतः शुक्र का यह गोचर आपको नए वस्त्र, नए आभूषण इत्यादि दिलाने का काम कर सकता है। आपकी रुचि गीत संगीत में बढ़ सकती है। यदि आप गीत संगीत से जुड़े हुए व्यक्ति हैं तो इस समय अवधि में आपके गायन को प्रशंसा मिल सकती है। घर परिवार में कोई मनोरंजक कार्य भी हो सकता है। आर्थिक मामलों में भी शुक्र के इस गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला कहा गया है। लाभ भाव के स्वामी के साथ शुक्र की युति आपको अच्छे परिणाम दिलाने का काम करेगी। शुक्र का यह गोचर या गुरु के साथ युति विभिन्न माध्यमों से लाभ करवा सकती है। हालांकि, अष्टम भाव के स्वामी होने के कारण बृहस्पति कुछ एक मामलों में अड़चनें तो वहीं कुछ एक मामलों में अप्रत्याशित रूप से बड़ा फायदा भी करवा सकते हैं। अर्थात शुक्र का यह गोचर सामान्य तौर पर आपके लिए अनुकूल परिणाम देने या दिलाने का काम कर सकता है।
उपाय: देसी गाय का घी मां दुर्गा के मंदिर में दान करना शुभता देने का काम करेगा।
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मिथुन राशि
मिथुन राशि के पांचवें भाव के स्वामी होने के साथ-साथ शुक्र इनके द्वादश भाव के भी स्वामी होते हैं और गोचर में शुक्र आपके पहले भाव में पहुंच रहे हैं। प्रथम भाव में शुक्र के गोचर को सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम देने वाला माना गया है। हालांकि, द्वादश भाव का स्वामी होने के कारण हो सकता है कि कुछ एक मामलों में शुक्र के कुछ दुष्प्रभाव भी देखने को मिले। अर्थात व्यक्ति मनोरंजन और घूमने फिरने में जरूरत से अधिक खर्च कर सकता है अथवा प्रियजन या मित्रों को लेकर कुछ ज्यादा ही भावुक हो सकता है लेकिन सामान्य तौर पर शुक्र के गोचर को पहले भाव में अच्छे परिणाम देने वाला ही माना जाता है। कर्म स्थान के स्वामी बृहस्पति के साथ युति करने के कारण शुक्र आपके कार्यक्षेत्र में भी सपोर्ट दे सकता है। सुख संपदा और धन लाभ करवाने में शुक्र का यह गोचर आपके पक्ष में कर सकता है। शुक्र का मिथुन राशि में गोचर के दौरान विद्यार्थियों को भी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। कला और साहित्य की विद्यार्थी विशेष अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। विवाह और प्रेम इत्यादि से संबंधित बातों को आगे बढ़ाने में भी शुक्र का यह गोचर मददगार बन सकता है। आमोद प्रमोद के दृष्टिकोण से भी इस गोचर को अच्छा कहा जाएगा। व्यापार व्यवसाय के दृष्टिकोण से भी यह गोचर अनुकूल परिणाम देने वाला माना जाएगा। अर्थात शुक्र का यह गोचर सामान्यत: आपको अच्छे परिणाम देने का काम करेगा। बृहस्पति के साथ शुक्र की युति उस अच्छाई में और अच्छे रंग घोलने का काम कर सकती है।
उपाय: काली गाय की सेवा करना शुभ रहेगा।
कर्क राशि
कर्क राशि के चौथे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ लाभ भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में शुक्र आपके द्वादश भाव में गोचर करने वाले हैं। वैसे तो द्वादश भाव में सामान्य तौर पर अन्य ग्रहों के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता लेकिन शुक्र के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला कहा गया है। ऐसे में चतुर्थ भाव के स्वामी का द्वादश में जाना इस बात का संकेत है कि अपने घर से दूर जाकर कुछ अच्छा करना हो अथवा विदेश यात्रा करनी हो या फिर कहीं भी दूर की यात्रा करनी हो, तो यह गोचर आपके लिए मददगार बन सकता है। क्योंकि लाभ भाव का स्वामी व्यय भाव में जा रहा है। अतः आमदनी के साथ-साथ खर्च भी देखने को मिल सकते हैं। शुक्र का मिथुन राशि में गोचर करने पर मनोरंजन इत्यादि के मौके भी मिल सकते हैं। इसके बावजूद भी विरोधियों या प्रतिस्पर्धियों से सजग रहना समझदारी का काम होगा।
उपाय: सम्मानपूर्वक किसी स्त्री को सौभाग्य सामग्री देते हुए उसका आशीर्वाद लें।
सिंह राशि
सिंह राशि के तीसरे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ शुक्र आपके दशम भाव के भी स्वामी होते हैं और गोचरवश शुक्र आपके लाभ भाव में पहुंच रहे हैं। कर्म स्थान के स्वामी का लाभ भाव में गोचर, वैसे भी बहुत अच्छा माना जाता है, ऊपर से शुक्र का गोचर लाभ भाव में काफी अच्छे परिणाम देने वाला माना गया है। इस तरह से इस गोचर से काफी अच्छे परिणामों की उम्मीद रखी जा सकती है। क्योंकि शुक्र आठवें भाव के स्वामी बृहस्पति के साथ युति कर रहा है, इस कारण से लाभ के ग्राफ में कभी कभार उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है लेकिन अप्रत्याशित लाभ भी मिल सकते हैं। अचानक से बड़े लाभ की उम्मीद इस गोचर की अवधि में की जा सकती है। भाई बंधु और मित्रों का सहयोग भी मिल सकता है। अर्थात सामान्य तौर पर यह गोचर अच्छे परिणाम देने का काम कर सकता है।
उपाय: शनिवार के दिन सरसों या तिल के तेल का दान करें।
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कन्या राशि
शुक्र कन्या राशि के दूसरे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ भाग्य भाव के भी स्वामी होते हैं और गोचर करते हुए शुक्र आपके दशम भाव में पहुंचे हैं क्योंकि दशम भाव में शुक्र के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता है। अतः शुक्र का यह गोचर सारे के सारे अच्छे परिणाम दे, इस बात में संशय रहेगा लेकिन भाग्य स्थान के स्वामी का कर्म स्थान पर जाना कर्म और भाग्य के संगम का संकेत करता है। अर्थात समझदारी पूर्वक कार्य करने की स्थिति में भाग्य साथ देगा और आप कार्य संपन्न कर सकेंगे। वहीं धन भाव के स्वामी का कर्म स्थान पर आना ऐसे कामों के लिए विशेष लाभदायक रह सकता है, जिन कामों से प्रत्यक्ष लाभ जुड़ा हुआ हो। अर्थात आप कोई काम करें और उसके बदले में आपको अच्छा धन मिले, ऐसे काम आपके लिए फायदेमंद रह सकते हैं। क्योंकि दूसरे भाव का स्वामी बृहस्पति के साथ युति तो कर ही रहा है साथ ही साथ बृहस्पति दूसरे भाव पर दृष्टि भी डाल रहा है अर्थात इस गोचर को अच्छा तो नहीं माना गया है लेकिन खूब कड़ी मेहनत करने की स्थिति में, वरिष्ठों का सम्मान करने की स्थिति में, साथ ही साथ अनुभवी लोगों के निर्देशन में काम करने की स्थिति में अच्छे परिणामों की उम्मीद की जा सकती है।
उपाय: मांस, मदिरा, अंडे इत्यादि का त्याग करते हुए स्वयं को सात्विक बनाए रखें।
तुला राशि
शुक्र तुला राशि के लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ आठवें भाव के भी स्वामी होते हैं और वर्तमान में गोचर करते हुए शुक्र आपके भाग्य भाव में गए हैं, भाग्य भाव में शुक्र के गोचर को धार्मिक यात्रा करवाने वाला माना गया है। ऊपर से बृहस्पति के साथ युति करने के कारण यह और भी अनुकूल परिणाम देना चाहेगा। ऐसे में सभी यात्राएं विशेष कर धार्मिक यात्राएं करने की इच्छा पूरी हो सकती है। शुक्र का मिथुन राशि में गोचर होने पर कहीं से कोई अच्छा समाचार भी सुनने को मिल सकता है। शासन प्रशासन से जुड़े मामलों में भी अनुकूल परिणाम मिलने की संभावनाएं हैं। घर परिवार या रिश्तेदार के यहां कोई मांगलिक कार्य हो सकता है। हालांकि, छठे भाव के स्वामी के साथ युति करने के कारण प्रतिस्पर्धात्मक मामलों में भी आपको अच्छा लाभ मिल सकता है लेकिन इरादतन किसी से विवाद करना उचित नहीं रहेगा।
उपाय: चांदी के लोटे में जल भरकर नीम के पेड़ की जड़ों पर डालना शुभ रहेगा।
वृश्चिक राशि
शुक्र वृश्चिक राशि के शुक्र आपकी कुंडली में सातवें भाव के स्वामी होने के साथ-साथ द्वादश भाव के भी स्वामी होते हैं और गोचर में शुक्र आपके अष्टम भाव में पहुंचे हैं। वैसे तो अधिकांश ग्रहों की गोचर को अष्टम भाव में अच्छा नहीं माना जाता लेकिन शुक्र का गोचर अष्टम भाव में अच्छे परिणाम देने वाला माना गया है। यह आपको पुरानी समस्याओं से निजात देने का काम कर सकता है। अर्थात पिछले दिनों से यदि किसी तरह की कोई समस्या रही है तो वह समस्या धीरे-धीरे कम हो जानी चाहिए। आर्थिक मामलों में भी इस गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला माना गया है। द्वादश भाव के स्वामी का अष्टम भाव में आना, यह भी एक अनुकूल स्थिति है। इस कारण से आप विषम परिस्थितियों में भी अच्छा करते हुए देखे जा सकेंगे लेकिन प्रेम संबंधी इत्यादि के मामले में परिणाम थोड़े से कमजोर या औसत स्तर के रह सकते हैं। पंचम भाव के स्वामी का आठवें भाव में जाना थोड़ा सा कमजोर बिंदु है। ऊपर से पंचम भाव में शनि का गोचर बना ही है, मंगल की दृष्टि भी है। अतः मित्रता का मामला हो या फिर लव लाइफ का, इन मामलों में सावधानी पूर्वक निर्वाह करने की आवश्यकता रहेगी। विशेषकर प्रेम संबंधों में मर्यादा का पालन बहुत जरूरी रहेगा। अर्थात सामान्य तौर पर अच्छे परिणामों की उम्मीद आप कर सकते हैं लेकिन इन सावधानियों का पालन भी जरूरी रहेगा।
उपाय: नियमित रूप से मां दुर्गा के मंदिर जाना और उन्हें दंडवत प्रणाम करें।
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धनु राशि
शुक्र ग्रह धनु राशि के छठे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ लाभ भाव के भी स्वामी हैं और गोचर में शुक्र आपके सप्तम भाव में पहुंचे हैं। वैसे तो सप्तम भाव में शुक्र के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना गया है। ऊपर से धनु राशि के लिए शुक्र अच्छे ग्रह भी नहीं माने जाते लेकिन धनु राशि के स्वामी बृहस्पति के साथ युति करने के कारण परिणामों में उतनी नकारात्मकता देखने को नहीं मिलेगी जितना सामान्य तौर पर कहा जाता है। गोचर शास्त्र के अनुसार सप्तम भाव में शुक्र का गोचर जननेंद्रियों से संबंधित रोग दे सकता है। ऐसी स्थिति में जननेंद्रियों ही नहीं बल्कि संपूर्ण शरीर की स्वच्छता पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता रहेगी। यथा संभव यात्राओं से बचना भी जरूरी रहेगा। स्त्रियों से विवाद बिल्कुल नहीं करना है। शुक्र का मिथुन राशि में गोचर होने के दौरान जीवनसाथी या जीवन संगिनी के स्वास्थ्य का और भावनाओं का ख्याल रखना है। अपनी जिम्मेदारियों के प्रति पूरी तरह से जागरूक रहना है। दैनिक रोजगार के मामले में भी किसी प्रकार की लापरवाही उचित नहीं रहेगी। इन सावधानियों को रखने की स्थिति में शुक्र का यह गोचर या शुक्र गुरु की यह युति आपको नकारात्मक परिणाम नहीं देगी।
उपाय: लाल गाय की सेवा करना शुभ रहेगा।
मकर राशि
शुक्र मकर राशि के पांचवें भाव के स्वामी होने के साथ-साथ दशम भाव के भी स्वामी होते हैं और गोचर करते हुए शुक्र आपके छठे भाव में जा रहे हैं। सामान्य तौर पर शुक्र के गोचर को छठे भाव में अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना गया है। अतः इस गोचर की अवधि में सावधानी पूर्वक निर्वाह करना जरूरी रहेगा। दशम भाव के स्वामी का छठे भाव में जाना उन लोगों के कार्यक्षेत्र के लिए कमजोर स्थिति कही जाएगी। जो लोग कहीं जॉब करते हैं और उनकी सीनियर या बॉस कोई स्त्री है, तो ऐसे लोग अपने कार्यालय में सामंजस्य बिठाकर काम करें, आपके लिए यह बहुत जरूरी रहेगा। अन्य लोगों को ऐसे नकारात्मक परिणाम नहीं मिलेंगे। व्यापार व्यवसाय से जुड़े हुए लोगों को भी सावधानी पूर्वक निर्वाह करने की आवश्यकता रहेगी। प्रेम संबंधों में भी कमजोरी देने का काम शुक्र का मिथुन राशि में गोचर कर सकता है। वैसे भी आपके पंचम भाव पर शनि ग्रह की दृष्टि लगातार बनी हुई है। इन सभी कारणों से न केवल प्रेम संबंध के मामले में बल्कि मित्रों से संबंधित मामले में भी सावधानी पूर्वक निर्वाह करना जरूरी रहेगा। अर्थात इस गोचर की अवधि में परिणामों को संतुलित बनाए रखने के लिए निरंतर प्रयास की आवश्यकता रहने वाली है।
उपाय: कन्या पूजन कर उनका आशीर्वाद लेना शुभ रहेगा।
कुंभ राशि
शुक्र कुंभ राशि के चौथे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ भाग्य भाव के भी स्वामी होते हैं और गोचर में शुक्र आपके पंचम भाव में पहुंच रहे हैं। पंचम भाव में शुक्र के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है। ऊपर से लाभेश बृहस्पति के साथ युति करने के कारण शुक्र की अनुकूलता और बेहतर रहने वाली है। ऐसे में विद्यार्थियों को काफी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। विशेषकर कला और साहित्य से जुड़े हुए छात्र और अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। संतान आदि से संबंधित मामलों में भी अच्छी अनुकूलता देखने को मिल सकती है। मनोरंजन के दृष्टिकोण से भी इस गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला कहा जाएगा। प्रेम संबंधों में भी यह गोचर काफी अच्छे परिणाम दे सकता है। विशेषकर ऐसे लोग जो घर के आसपास रहने वाले किसी व्यक्ति से प्रेम करते हैं, उनके संबंधों में और अधिक प्रगाढ़ता देखने को मिलेगी। आर्थिक दृष्टिकोण से भी शुक्र का मिथुन राशि में गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला कहा जाएगा।
उपाय: माता और माता तुल्य स्त्रियों की सेवा कर उनका आशीर्वाद लें।
मीन राशि
शुक्र मीन राशि के तीसरे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ आठवें भाव के भी स्वामी होते हैं और गोचर करते हुए शुक्र आपके चतुर्थ भाव में गए हैं। चतुर्थ भाव में शुक्र का गोचर अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है। ऐसा गोचर मनोकामना पूर्ति में सहायक बनता है। साथ ही साथ धन और वाहन का लाभ भी करवाता है। इसलिए इस गोचर की अवधि में इन मामलों में अच्छे परिणाम मिलने की संभावनाएं हैं। साथ ही साथ घर गृहस्थी से जुड़े मामलों में भी अच्छे परिणाम मिल सकेंगे। मित्र प्रियजन या संबंधियों से भेंट मुलाकात भी संभव होगी। आपके परिचितों का दायरा और बढ़ सकता है। यह गोचर आपके मनोबल को बढ़ाने का काम कर सकता है।
उपाय: बहते हुए पानी में चावल बहाना शुभ रहेगा।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. शुक्र का मिथुन राशि में गोचर कब होने जा रहा है?
26 जुलाई, 2025 को शुक्र मिथुन में प्रवेश करेंगे।
2. शुक्र किन राशियों के स्वामी ग्रह हैं?
तुला और वृषभ राशि के स्वामी शुक्र ग्रह हैं।
3. मिथुन राशि के स्वामी ग्रह कौन हैं?
इस राशि के स्वामी बुध ग्रह हैं।
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