गोरा होने के उपाय
यदि आपको भी गोरे होने के उपाय जानने में है दिलचस्पी, तो पढ़ें हमारा ये लेख। मनुष्य जीवन ऊपर वाले की रहमत और माटी से प्राप्त होता है, तभी तो कहा भी गया है कि, “मिट्टी का शरीर है ये, मिट्टी में मिल जाना है”। ऊपर वाले ने किसी की रचना में हल्के यानि गोरे रंग की तो किसी के में गहरे तो किसी में मटमैली मिट्टी का इस्तेमाल किया है। बजाय उसकी इस रचनात्मक शैली को अपनाने के, हम सभी (जिनका निर्माण गहरे रंग की मिट्टी से हुआ है) खुद को गोरा बनाने में दिन-रात लगे रहते हैं और गोरे होने के उपाय आज़माते हैं। गोरे बनने की ये आरज़ू अगर आपकी भी है, तो हमारे इस लेख को पढ़ें और जानें गोरे होने के उपाय।
ज्योतिषीय दृष्टिकोण
जन्म कुंडली में लग्न यानि पहला भाव शारीरिक रचना की नींव होता है। यह शरीर के अंगो में सिर, मस्तिष्क और उसके आसपास के क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करता है। लग्न भाव को तनु यानि शरीर का भाव भी कहा जाता है। प्रथम भाव के आधार पर जातक की शारीरिक रचना का पता चलता है। प्रथम यानि लग्न भाव और लग्न भाव का स्वामी शरीर की त्वचा, रंग, लंबाई, वजन, आकर्षण व प्रति आकर्षण का सूचक होते हैं। प्रथम भाव पर दूसरे ग्रहों का प्रभाव, या लग्न के स्वामी का किसी दूसरे भाव में स्थित होना, या फिर इस भाव पर किसी अन्य ग्रह का हावी होना भी त्वचा पर प्रभाव डालता है।
रंगों का प्रतिनिधित्व करते ग्रह
ग्रह अलग-अलग रंगों को दर्शाते हैं। शुक्र और चंद्र जहां लाइट कलर को दिखाते हैं तो वहीं शनि व राहु डार्क कलर का प्रतिनिधित्व करते हैं। अपनी परिवर्तनशील प्रवृत्ति के कारण बुध जिस ग्रह के साथ होता है उसी का रंग-रूप धारण कर लेता है। बृहस्पति यानि गुरु ग्रह पीलापन व गोल्डन रंग लिए होता है तो वहीं मंगल गुलाबी रंगत लिए होता है।
ग्रहों का प्रभाव
ग्रहों का प्रभाव चेहरे के नैन-नक्श, त्वचा के रंग व जातक के आचरण को भी इंगित करता है। यदि जातक की जन्म कुंडली में गुरु ग्रह उच्च का है यानि शक्तिशाली है तो त्वचा सुनहरा पीला रंग लिए होती है। गुरु के ज्ञान व सकारात्मक प्रभाव से पूरे व्यक्तित्व में बढ़ोत्तरी होगी और जातक के मुख पर एक चमक सी प्रतीत होगी। इसी प्रकार जब कुंडली में चंद्र हावी होता है तो चेहरा गोल होता है और स्किन टोन यानि त्वचा का रंग गोरा व ग्लो करता हुआ होता है। वैसे सूर्य व चंद्र दोनों को प्रकाशग्रह माना जाता है यानि ये हमारे शरीर को एक चमक प्रदान करते हैं। जब ये सभी ग्रह जन्म कुंडली में उच्च के होते हैं तो लग्न भाव व उसके स्वामी का प्रभाव भी मज़बूत हो जाता है। और केवल मुख ही नहीं बल्कि पूरे व्यक्तित्व में एक चमक व आकर्षण नज़र आने लगता है। जन्म कुंडली में उच्च या प्रभावशाली शुक्र गोरी रंगत व आकर्षक व्यक्तित्व प्रदान करता है। ग्रहों की ताकत हमारे रूप-रंग को प्रभावित करती है और यही नहीं समग्र व्यक्तित्व का ज्योतिषीय ग्रंथों में उल्लेख भी बहुत मिलता है। ग्रहों का लग्न या लग्न के स्वामी पर प्रभाव कई विशिष्ट विशेषताओं को इंगित करता है। जब लग्न भाव पर बुध का प्रभाव पड़ता है तब जातक को युवा व्यक्तित्व का आशीष प्राप्त होता है। चंद्र के उच्च होने का मतलब है, बिल्कुल दूधिया सफेद रंग होना। लग्न को मज़बूत बनाते शुक्र के प्रभाव से गोरा रंग, सुंदर चेहरा व गोल नैन-नक्श प्राप्त होते हैं। लग्न भाव पर बृहस्पति के प्रभाव से मधुर आवाज़, स्वस्थ शरीर और शार्प फीचर्स प्राप्त होते हैं।
पंच-महापुरुष योग
जब कुंडली में पंच-महापुरुष योग यानि ऐसा योग जिसमें विशेष ग्रह यानि मंगल, बुध, गुरु, शनि शुक्र विशेष स्थिति में विराजमान हों तो यह व्यक्ति की बढ़ी हुई शारीरिक और मानसिक विशेषताओं को दर्शाते हैं। बुध ग्रह के अपने भाव में स्थित होने या उच्च का होने या फिर लग्न या चंद्र से केंद्र स्थिति में होने से भद्र योग बनता है जो जातक को युवा दिखने में मदद करता है और बौद्धिक क्षमता प्रदान करता है। तो वहीं गुरु यानि बृहस्पति ग्रह के अपने भाव में स्थित होेने या उच्च के होने या फिर लग्न या चंद्र से केंद्र में स्थित होने से हंस योग बनता है जिससे सुंदर शारीरिक रूप और समाज में मान-सम्मान व प्रतिष्ठा हासिल होती है। जबकि मालाव्य योग शुक्र के उच्च या अपने भाव में स्थित होने से बनता है जिससे एक ख़ूबसूरत रूप प्रदान होता है साथ ही विलासिता से पूर्ण ज़िंदगी मिलती है और जातक ज्ञान भी अर्जित करता है।
लग्न को करें मज़बूत
आप कुछ विशेष उपाय जैसे मंत्रों का उच्चारण, हवन, अभिषेक व यंत्र पूजा करके लग्न भाव के स्वामी को मज़बूत बना सकते हैं, ऐसा करने से आपका चेहरा व शरीर ही नहीं बल्कि पूरा व्यक्तित्व ख़ूबसूरत नज़र आएगा और आप पहले से ज़्यादा आकर्षक नज़र आएंगे। नवग्रह पूजा, हवन या अभिषेक आदि से डबल लाभ प्राप्त होंगे। एक तो जीवन से नकारात्मक भाव कम होंगे साथ ही साथ सकारात्मक भाव बढ़ेंगे। लग्न के स्वामी व उससे संबंधित ग्रहों के शुभ प्रभाव से सुंदरता, आकर्षण, लोकप्रियता आदि बढ़ती है।
कैसे करें ग्रहों को खुश
शुक्र या चंद्र से संबंधित परोपकारिक कार्य जातक को सुंदर व आकर्षण व्यक्तित्व वाला बनाते हैं। इसके लिए दूध या दूध से बने उत्पाद जैसे मिठाई आदि, सफेद रंग का कपड़ा, सिल्क का कपड़ा, चावल महिलाओं, कन्याओं, गरीबों व ज़रूरतमंदों में दान करें, ऐसा करना काफी लाभदायक साबित होगा। किसी कन्या की देखभाल करना और मान व सम्मान के साथ हर उम्र की महिलाओं ( फिर चाहें वो आपकी मां, बहन, पड़ोसी, दोस्त आदि कोई भी हो) की इज्जत करना भी फलदायक होता है। चंद्र और शुक्र के सकारात्मक प्रभाव से हमारे जीवन को एक अच्छा व सुखदायक वातावरण प्राप्त होता है, जिससे शारीरिक ख़ूबसूरती निख़रती है, इच्छाएं पूर्ण होती है और सबकुछ लाभकारी व शुभकारी होता है।
सामुद्रिक शास्त्र में गोरे रंग पर विवरण- जिस प्रकार वैदिक ज्योतिषास्त्र के आधार पर जन्म कुंडली से जातक के भविष्य का पता चलता है, उसी प्रकार सामुद्रिक शास्त्र के विद्वानों के अनुसार शरीर के रंग के आधार पर भी मनुष्य के स्वभाव के बारे में जाना जा सकता है। समुद्र शास्त्र के अनुसार गोरे रंग के लोगों में मुख्य रूप से दो भेद होते हैं। एक वह जिनका रंग हल्का गुलाबीपन लिए होता है, ऐसे लोग अच्छे स्वभाव वाले, बुद्धिमान, साधारण, परिश्रमी, रजोगुणी एवं अध्ययन तथा विचरण प्रेमी होते हैं। ऐसे लोग दिखने में सुंदर तथा आकर्षक होते हैं तथा सभी को अपनी ओर आकर्षित करने में सक्षम होते हैं। वहीं जो लोग पीलापन लिए गोरे होते हैं, ऐसे लोग मेहनत करने वाले, धैर्यवान, सौम्य, गंभीर, रजोगुणी, भोगी, समृद्ध एवं कुशल व्यवहार वाले होते हैं। लेकिन कई बार ऐसा देखने में आता है कि ऐसे लोग बीमार रहते हैं तथा इन्हें रक्त संबंधी बीमारी अधिक होती है।
गर्भावस्था में अपनाएं ये उपाय- हमारे शास्त्रों में इस बात का विवरण है कि यदि कोई गर्भवती महिला नियमित रूप से नारियल का सेवन करें और नारियल पानी पिए तो शिशु गोरा पैदा होता है। इसके साथ ही गर्भवती स्त्री को पहले महीने से आठवें महीने तक रोजाना दो संतरे दोपहर को खिलाने से बच्चा सुंदर और गौरवर्ण अर्थात गौरा होता है।
रूप को गोरा व गुरु को मज़बूत बनाएं हल्दी- गोरा रंग प्राप्त करने में बेहद उपयोगी हल्दी का ज्योतिषास्त्र व आयुर्वेद दोनों में ही बहुत महत्व है। ज्योतिषों के अनुसार हल्दी की सहायता से विभिन्न प्रकार की ग्रहीय समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। यदि आपकी जन्म कुंडली में गुरु बलहीन है तो आप उसे हल्दी के जरिए मज़बूती प्रदान कर सकते हैं। बृहस्पति को मज़बूत बनाने और रंग को निख़ारने के लिए हल्दी एक रामबाण उपाय है। आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल तो स्वस्थ त्वचा पाने के लिए भी किया जाता है। बस इसके लिए कच्चे दूध में चुटकी भर हल्दी मिलाएं और चेहरे पर लेप की तरह लगाएं। ऐसा करने से आपका रंग गोरा तो होगा ही साथ ही साथ कील-मुंहासों से भी छुटकारा मिलेगा।
चंदन का स्नान- सुंदर व निख़री काया के लिए सदियों से ही चंदन का इस्तेमाल किया जा रहा है। तभी तो देवी-देवताओं को करवाए जाने वाले गंधोदक स्नान में चंदन का उपयोग होता था। देवताओं को स्नान करवाने की यह प्रक्रिया बाहरी तौर पर तन को स्वच्छ और ठंडा व मन को शांति और प्रसन्नता देती है। यानि कुल मिलाकर रंग-रूप को निख़ारने के लिए त्रैतायुग से ही चंदन का प्रयोग किया जा रहा है। चंदन का लेप लगाने से त्वचा कांतिमय हो जाती है और रंग गोरा हो जाता है। वैसे ज्योतिषास्त्र में इस बात का ज़िक्र किया गया है कि यदि कोई व्यक्ति शनि ग्रह से पीड़ित है तो वो चंदन की जड़ को कुछ समय तक अपने स्नान के जल में रखें और फिर उस जल से नित्य स्नान करें। ऐसा करने से शनि का प्रकोप कम होगा।
गोरे होने के कुछ अन्य महत्वपूर्ण उपाय- गोरा रंग पाने के लिए आप नीचे दिए गए उपायों को भी आज़मा सकती हैं-
- घर-घर में इस्तेमाल की जाने वाली मुल्तानी मिट्टी में गुलाब जल डालकर पेस्ट बनाएं और इसे रोज नहाने से पहले अपने चेहरे पर लगाएं।
- प्राकृतिक मॉयश्चराइज़र यानि शहद में नींबू का रस मिलाकर किसी बोटल में रख लें और रोज़ रात को चेहरा धोने के बाद इसे लगाकर सो जाएं। कुछ ही दिनों में चेहरा गोरा हो जाएगा व त्वचा खिल उठेगी।
- घृतकुमारी यानि एलोवेरा में कई बेहतरीन गुण मौजूद होते हैं जिनमें से एक है...रंग साफ करने का गुण। एलोवेरा के ताजे पल्प को रोज़ सुबह चेहरे पर आधे घंटे के लिए लगाएं। आप देखेंगे कि आपकी त्वचा से दाग-धब्बे दूर हो रहे हैं और आप दिन पर दिन गोरे हो रहे हैं।
- आयुर्वेद की 25 जड़ी-बूटियों से निर्मित कुमकुमादि तेलम् की चेहरे पर मसाज से भी त्वचा जवां व गोरी नज़र आती है।
हम उम्मीद करते हैं कि ऊपर बताए गए ये सभी टिप्स आपके लिए उपयोगी साबित होंगे और आप हर पल ख़ूबसूरत दिखेंगे।