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गृह क्लेश निवारण उपाय

गृह क्लेश निवारण के उपाय जानने के लिए पढ़ें हमारा यह लेख। दुनिया में परिवार से बढ़कर कोई सुख नहीं है। माता-पिता, भाई-बहन आदि रिश्तों से सजा परिवार एक गुलदस्ते की तरह होता है। इन रिश्तों में गलतफहमी व मनमुटाव होने से पूरे परिवार की शांति भंग हो जाती है और इसका असर पूरे परिवार पर पड़ता है। ऐसी स्थिति में रोज-रोज के विवादों से गृह क्लेश होने लगता है। अगर आप भी घर-परिवार में ऐसी परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं तो इस लेख के माध्यम से जानें गृह क्लेश निवारण के उपाय।

Greh Kalesh Nivaran Upay

गृह क्लेश निवारण के उपाय

वैदिक ज्योतिष के अनुसार जन्म कुंडली में द्वितीय भाव परिवार का, चतुर्थ भाव घर का व सप्तम भाव पति-पत्नी से संबंधित होता है। यदि इन भाव का स्वामी कमजोर हो या इन भावों में कोई क्रूर या अशुभ ग्रह जैसे मंगल, शनि, राहु, केतु स्थित हो जाएं तो परिवार में अशांति व क्लेश होने लगता है। इसके निवारण हेतु अपनी कुंडली का किसी अनुभवी ज्योतिषी से विश्लेषण करवाएं और जो ग्रह कलह अथवा क्लेश कारक हों, उससे संबंधित उपाय करें।

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गृह क्लेश निवारण के उपाय को लेकर वास्तु दृष्टिकोण

वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों के अनुसार, दक्षिण-पूर्वी दिशा को अग्नि कोण माना जाता है। चूंकि इस दिशा पर अग्नि तत्व का शासन होता है, ऐसे में परिवार के सदस्यों की खुशी इसी दिशा से उत्पन्न होती । वैसे यदि देखा जाए तो इस दिशा में किचन यानि घर की रसोई होनी चाहिए क्योंकि रसोई घर में अग्नि से संबंधित कार्य जैसे खाना पकाना आदि होते हैं। इस दिशा में बनाए गए खाने का भोग परिवार के सारे सदस्य करते हैं। इसलिए यह ज़रूरी है कि जो लोग (घर की स्त्रियां) अपनी घरेलू गतिविधियों के कारण इस दिशा में अधिक समय व्यतीत करते हैं, वे खुश रहें। यदि घर की महिलाएं स्वस्थ व खुश रहेंगी तो घर का अग्नि कोण भी खुशहाल व सकारात्मकता से भरा रहेगा जिससे घर में शांति, प्रेम बना रहेगा और तनाव दूर रहेगा। अग्नि तत्व में विघटन आ जाने से परिवार में बहस, झगड़े आदि का माहौल बन जाता है जिससे रिश्ते टूट भी सकते हैं और आप तनाव ग्रस्त व दुखी हो सकते हैं। इसलिए यह सुनिश्चित करें कि आपके घर की दक्षिण-पूर्वी दिशा हमेशा दोष मुक्त रहे तभी उससे संबंधित मूल तत्व यानि अग्नि तत्व परिवार के सभी सदस्यों के बीच प्रेम बनाए रखेगा। वास्तु शास्त्र से जुड़ी यह बातें पितृ दोष के निवारण का अहम उपाय है।

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गृह क्लेश निवारण के अन्य उपाय

गृह क्लेश और अनबन परिवार में रहने वाले किसी भी सदस्य के बीच हो सकता है। फिर चाहें वो पति-पत्नी हों, भाई-भाई हों, सास-बहू, ननद-भाभी या फिर जेठानी-देवरानी हों। भिन्न-भिन्न रिश्तों में होने वाले इन क्लेश से घर-परिवार की शांति भंग हो सकती है। कैसे पाएं इन क्लेश से छुटकारा, आइए जानें-

क्या करें जब क्लेश हो पति-पत्नी के बीच

  • कई बार आपस में मतभेद या एक-दूसरे के विचारों से सहमत न हो पाने के कारण पति-पत्नी में बहस छिड़ जाती है जो थोड़ी ही देर में लड़ाई यानि कलह का रूप ले लेती है। यदि ऐसा वाक् युद्ध घर में लगभग रोजाना ही होता है तो दोनों पति-पत्नी को बुधवार के दिन दो घण्टे का मौन व्रत धारण करना चाहिए।
  • गृह क्लेश निवारण के उपाय के तौर पर पत्नी को प्रसन्न करने के लिए पति शुक्रवार के दिन उन्हें सुंदर सुगंधित पुष्प या इत्र भेंट कर सकते हैं। इसके साथ ही इस दिन चांदी की कटोरी में से दही शक्कर लेकर पत्नी को खिलाएं।
  • यदि पति पत्नी की मांग में सिंदूर भरें व पत्नी पति के मस्तक पर पीला तिलक लगाए तो भी क्लेश समाप्त होते हैं।
  • पत्नी को अपने बेडरूम यानि शयन कक्ष के अंदर लाल कपड़े में 100 ग्राम सौंफ सुबह स्नान के बाद बांधकर रखनी चाहिए।
  • गृह क्लेश के उपाय के तौर पर पति-पत्नी दोनों को फिरोज़ा रत्न धारण कर लेना चाहिए। फिरोज़ा रत्न के प्रभाव से वैवाहिक सुख प्राप्त होता है। इसे चांदी की धातु में बनवाएं और अनामिका अंगुली में धारण करें। वैवाहिक जीवन में सुख प्राप्ति की चाह रखने वालों के लिए फिरोज़ा रत्न बहुत उपयोगी है।

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  • पति-पत्नी प्रतिदिन लक्ष्मी-नारायण या गौरी-शंकर के मन्दिर में जाकर उनकी पूूजा करें। ऐसा करने से भी घर में शांति रहेगी। चाहें तो सोमवार के दिन दो-मुखी रुद्राक्ष भी धारण कर सकते हैं। यह कार्य गृह क्लेश निवारण का अच्छा उपाय है।

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क्या करें जब क्लेश हो सास-बहू के बीच

  • सास-बहू के रिश्ते में शांति बनाए रखने के लिए घर में बर्तनों के गिरने व उनके टकराने की आवाज़ न आने दें।
  • घर को हमेशा साफ-सुथरा व सजाकर रखें।
  • घर से नकारात्मक भाव को निकालने के लिए बहू को चाहिए कि वो सूर्योदय से पहले घर में झाडू लगाकर कचड़े को घर के बाहर फेंके।
  • पितरों का पूजन करें।
  • रोटी बनाते वक्त पहली रोटी गाय व आखिरी कुत्ते की निकालें और रोजाना उन्हें खिलाएं।
  • सास व बहू दोनों को ही ॐ शांति मंत्र का जाप 21 दिनों तक लगातार करना चाहिए।
  • रोटी बनाते वक्त जब तवा चूल्हे पर रखती हैं तो गर्म होने से पहले उस पर ठंडे पानी के छींटे डालें और फिर रोटी बनाएं।

क्या करें जब क्लेश हो भाई-भाई के बीच

  • श्री गणेश व भगवान कार्तिक का आपसी प्रेम भाईचारे की मिसाल है। ऐसे में यदि आपके घर में भी भाई-भाई के बीच क्लेश हो रहा है तो गणेश जी एवं स्वामी कार्तिक जी का पूजन प्रतिदिन करें।
  • शिवलिंग पर शमी पत्र चढ़ाएं।
  • विष्णु जी को तुलसी पत्र चढ़ाएं।
  • माता-पिता एवं पूज्यनीय व्यक्तियों के चरण स्पर्श करें।
  • ॐ रामाय नमः मंत्र का जाप करें।
  • रामायण या रामचरित्र मानस का यथा शक्ति पाठ करें।

क्या करें जब क्लेश हो ननद-भाभी या फिर जेठानी-देवरानी के बीच

  • गाय के गोबर का दीपक बनाएं और उसमें तेल डालकर जलाएं। इस दीपक में थोड़ा सा गुड़ डालकर घर के मुख्य दरवाज़े पर रखें।
  • ॐ नमः शिवशक्तिस्वरूपाय मम गृहे शांति कुरु-कुरु स्वाहा…. इस मंत्र का जाप 41 दिन तक नित्य 11 माला (रुद्राक्षमाला से) करें।

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  • शिवलिंग पर परिवार के सभी सदस्य दूध, गंगाजल, बेल पत्र और पुष्प चढ़ाएं और भगवान शिव का पूजन करें।
  • घर को सुन्दर व सजाकर रखें एवं घर के चारों कोनो में शंख ध्वनि करें। गीता का पाठ भी गृह शांति को बनाने में सहायक रहेगा।

गृह क्लेश शांति हेतु अन्य उपाय

  • प्रतिदिन आटा गूंथते समय उसमें एक चुटकी नमक एवं बेसन मिला लें।
  • गेहूं को पिसवाने के लिए केवल सोमवार व शनिवार का ही दिन चुनें और पिसने से पहले उसमें थोड़े से चने मिला दें।
  • नवरात्रों के दिनों में घर में किसी विद्वान पंडित से दुर्गा सप्तशती का पाठ करवाएं।
  • चीटियों को शक्कर खिलाएं।
  • घर के उत्तर-पूर्व यानि ईशान कोण में शौच का स्थान न रखें एवं उस स्थान को साफ रखें एवं किसी भारी वस्तु से दूर रखें।
  • कुंडली के बली ग्रहों के मंत्रों का जाप या तो किसी अनुभवी पंडित से करवाएं और यदि स्वयं करना चाहते हैं तो किसी गुरु के सानिध्य में ही करें।
  • वाणी में मधुरता लाएं व तेज स्वर या ऊंची आवाज़ में बात न करें।

हम आशा करते हैं कि गृह क्लेश निवारण के उपाय आपके लिए लाभकारी हों और इन उपायों को अपनाकर आप गृह क्लेश से मुक्ति पाएंगे।

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